मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का पैकेज
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉक डाउन से अर्थव्यवस्था कोहो रहे नुकसान की क्षति को कम करने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया था | इस व्यापक पैकेज में देश के सभी वर्गों को हुए नुकसान को देखते हुए घोशनाएँ की गई साथ ही कई नीतिगत बदलाब भी किये जाने का फैसला सर्कार ने लिया है | मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए पहले से ही मधुमक्खी पालन पर जोर दिया जा रहा है | सरकार किसानों को खेती के साथ मधुमक्खी पालन को प्रोत्सहन देने के लिए अनुदान योजना भी चला रही है |
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रूपये का पैकज
ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन आजीविका को समर्थन देने वाली एक गतिविधि हैं | देश की एक बड़ी आबादी मधुमक्खी पालन से जुडी हुई है | मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 500 करोड़ रूपये जारी किये हैं | मधुमक्खी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ रोजगार का साधन प्राप्त होता है वहीँ परागण के माध्यम से फसलों से होने वालो आय और गुणवत्ता में भी वृधि होती है साथ ही मधुमक्खी पालन से शहद और मोम जैसे उत्पाद भी प्राप्त होते हैं |
वित्त मंत्री श्री निर्मला सीतारमण ने इस राशी से मधुमक्खी पालन क्षेत्र में निम्न योजनाओं के क्रियान्वन की बात कही :-
- एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों, पोस्ट हार्वेस्ट और मूल्य वर्धन सुविधाओं आदि से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास;
- मानकों का कार्यान्वयन और ट्रेसबिलिटी सिस्टम का विकास करना
- महिलाओं पर बल देने सहित क्षमता निर्माण;
- क्वालिटी नूक्लीअस स्टॉक और मधुमक्खी पालकों का विकास।
- 2 लाख मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शहद की प्राप्ति होगी।
भारत में मधुमक्खी पालन
अंतराष्ट्रीय खाद्य एंव कृषि संगठन- FAO के 2017-18 के आंकडों के अनुसार शहद उत्पादन के मामले में भारत (64.9 हजार टन शहद उत्पादन के साथ) दुनिया में आठवें स्थान पर रहा जबकि चीन (551 हजार टन शहद उत्पादन ) के साथ पहले स्थान पर रहा। बीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार मधुमक्खी पालन को केवल शहद और मोम उत्पादन तक सीमित रखे जाने की बजाए इसे परागणों,मधुमक्खी द्वारा छत्ते में इकठ्ठा किए जाने वाले पौध रसायन,रॉयल जेली और मधुमक्खी के डंक में युक्त विष को उत्पाद के रूप में बेचने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे भारतीय किसान काफी लाभान्वित हो सकते हैं |
किसानों की आय में वृद्धि हेतु मधुमक्खी पालन को बढ़ावा.
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) May 15, 2020
किसानों की आय के अतिरिक्त स्त्रोत के रूप में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए एक योजना चलायी जाएगी, जिसके लिए 500 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है.
2 लाख मधुमक्खी-पालकों की आय में वृद्धि होगी.#AatmaNirbharDesh pic.twitter.com/8kjOQMzyvV