वनोपज की सरकारी खरीद
देश में अभी कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लॉक डाउन चल रहा है | जिसके कारण अधिकांश राज्यों ने रबी फसलों की सरकारी खरीद को स्थगित कर दिया है | बहुत सी राज्य सरकारों ने अभी खरीद की तारीख अभी जारी नहीं है की है | ऐसे में किसान गेहूं, चना एवं सरसों आदि मुख्य रबी फसलें बेचने की राह देख रहे हैं | वहीँ छतीसगढ़ सरकार राज्य में उत्पादित वनोपज को सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर खरीद भी रही है साथ ही नगद भुगतान भी किया जा रहा है |
इन वनोपजों की हो रही है खरीद
राज्य के लगभग तीन हजार 500 स्थानों में बिहान के स्व सहायता समूह के माध्यम से वनोपज समितियों द्वारा लघु वनोपज की खरीदी हो रही है। इन वनोपजों में मुख्य रूप से इमली, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, चरोटा, नागरमोथा, धवाईफूल, गिलोय आदि शामिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक बलरामपुर जिले में 136 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 524 क्विंटल, राजनांदगांव में 940 क्विंटल, कोरिया में 196 क्विंटल, बिजापुर में 964 क्विंटल, धमतरी में 160 क्विंटल, बस्तर में दो हजा 303 क्विंटल, कोरबा में 559 क्विंटल एवं कबीरधाम जिले में 539 क्विंटल वनोपज की खरीदी की गई है।
राज्य के वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों तथा वन उत्पादों पर अपनी आजीविका चलाने वाले वनवासियों द्वारा एकत्र किए गए वन उत्पादों को समर्थन मूल्य पर खरीदी करना शुरू कर दिया गया है। राज्य के वनांचल क्षेत्रों में लधु वनोपज संग्रहण कर्ता ग्राम वासियों से अब तक 6 हजार 326 क्विंटल लघु वनोपजों की खरीदी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लघु वनोपज खरीदी का नगद भुगतान किया जा रहा है और खरीदे गए लघु वनोपजों का संग्रहण करने वाले ग्राम वासियों को एक करोड़ 47 लाख रुपए का नगद भुगतान किया गया है। राज्य में वनधन केंद्रों पर बिहान और लघु वनोपज संघ के संयुक्त पहल से समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है।