किसान क्रेडिट कार्ड

किसान क्रेडिट कार्ड

उद्देश्य

किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों को उनकी ऋण की आवश्य कताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिए पर्याप्तर एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना साथ ही आकस्मि‍क खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति करना। यह ऋण सुविधा एक सरलीकृत कार्यविधि के माध्यरम से यथा आवश्याकता आधार पर प्रदान की जाती है

किसान क्रेडिट कार्ड का सफरनामा

केंद्र सरकार ने 1998 – 99 में किसान क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा की | इसकी जिम्मेदारी संभाली आरबीआई और नेमार्ड ने |इस योजना में किसानो को उसकी जोत के आधार पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है | जिन्हें जितन्र रूपये की जरुरत है, उतना रुपया बैंक से आसानी से मिल जा रहा है | किसान क्रेडिट कार्ड भारतीय रिजर्व बैंक और नावार्ड की संयुक्त पहल पर तैयार किया गया | इसे वर्ष 1998 – 99 में लागु किया गया | इसके जरिए किसानों के लिए महत्वकांक्षी योजना तैयार की गई |

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उददेश्य बैंकिंग व्यवस्था से किसानों को समुचित और यथासमय सरल एवं असान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं आसान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं जरुरी उपकरणों की खरीद के लिए उनकी वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके | इस योजना के जरिए किसान सरल प्रक्रिया के तहत आसानी से अपनी जरूरतों को पुआ कर सकते हैं | इस योजना के लागु होने के बाद किसानों को फसल के लिए अलग – अलग आवेदन करने की प्रक्रिया के झंझट से भी मुक्ति मिल गई है | अब एक बार जोत बही के आधार पर तैयार किए गये कार्ड से वे आसानी से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं | नजदीकी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से संपर्क कर जानकारी हासिल कर सकते हैं |

योजना का लाभ 

योजना के लाभ लेने के लिए किसानों को ज्यादा भाग दौर की जरूरत नहीं है | वे अपने इलाके में स्थित बैंक में जाएं और आवेदन कर दें | किसानों को एक पासबुक दी जाती है | इसमें पासबुक पर किसानों का नाम और पता, भूमि जोत का विवरण, उधार सीमा और वैधता अवधि, एक पासपोर्ट आकार का फोटो लगाया जाता है, जो पहचान पत्र का भी काम करता है | कहते को उपयोग करते समय किसान को अपना कार्ड – सह – पासबुक दिखाना होता है |

ऋण सीमा के अनुरूप जो किसान 10 हजार रूपये तक ऋण लेते हैं उन्हें मर्जिंग मनी नहीं दी जाती है, लेकिन जो किसान 25 हजार रुपये से अधिक ऋण लेते हैं उन्हें 15 से 25 फीसदी तक मर्जिंग मनी का प्रवधान किया गया है |

इस योजना के तहत किसान खरीफ एवं रबी सीजन में 50 हजार रूपये तक का ऋण ले सकता है | वास्तव में अगस्त 1988 में शुरू हुई किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना एक येसे अभिनव ऋण वितरण तंत्र के रूप में उभरी है जिससे किसानों की उत्पादन ऋण संबंधित आवश्यकताएं सही समय पर और बिना किसी कठनाई के पुरी होती हैं | पिछले 15 वर्षों के दौरान निति निर्माताओं, कार्यान्वयनकर्ता बैंकों और किसानों को इस योजना के कार्यान्वयन से संबंधित अनेक बधावों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन हर बाधा के लिए मुक्कमल रास्ता ढूंढा गया |

भारत सरकार द्वारा कार्यदल की सिफारिशें स्वीकार कर लेने के बाद नावार्ड द्वारा सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय बैंकों को और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वाणिज्य बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड पर संसोधित परिचालनात्मक दिशानिर्देश वर्ष 2012 को जारी किए गए हैं | इसके तहत पेपर कार्ड (पासबुक) प्लास्टिक कार्ड हो गया है |

पात्रता

  • सभी किसानों–एकल/ संयुक्त उधारकर्ता जो कि स्वाोमित्व धारी कृषक हैं।
  • किराए के काश्त कार, जुबानी पट्टाधारी एवं साझा किसान इत्याादि
  • स्वा सहायता समूह या संयुक्तज दायित्वए समूह के किसान जिसमें किराए के काश्तककार, साझा किसान आदि शामिल हैं।
  • किसान, शाखा के परिचालन क्षेत्र के अंतर्गत आना चाहिए।

तकनीकी व्यसवहार्यता

  • मिट्टी की उपयुक्ताता, मौसम और पर्याप्ता सिंचाई की सुविधा की उपलब्धएता
  • उत्पाीद के भंडारण की उपयुक्ततता
  • भण्डाीरण ईकाई की उपयुक्तरता

कार्ड जारी होना

इस योजना के अंतर्गत अविरत आधार पर संव्य वहारों के रिकार्ड को आसानी से रखने के लिए किसान को एक क्रेडिट कार्ड-सह-पासबुक दिया जाएगा जिसमें नाम, पता, भूमि-धारक का ब्यौ्रा, उधार सीमा/उप-सीमा वैधता अवधि आदि दिया रहेगा। पासबुक में अन्यि बातों के साथ हिताधिकारी का पासपोर्ट आकार का फोटो दिया जाएगा।
खाता परिचालन करते वक्ति हिताधिकारी को पासबुक देना होगा।

ऋण की राशि

पहले वर्ष के लिए अल्पािवधि ऋण सीमा प्रदान की गई है जो कि प्रस्तासवित फसल पद्धति एवं वित्तय के मान के अनुसार उगाई गई फसलों पर आधारित होगी।
फसलोत्त्र / घरेलू / उपभोग की आवश्यरकताओं एवं कृषि आस्तिएयों,फसल बीमा, वैयक्तिशक दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) एवं आस्ति बीमा के रखरखाव संबंधी खर्चों।

प्रत्ये्क अगले वर्षों (दूसरे, तीसरे, चौथे वर्ष) में यह सीमा10%की दर से बढा दी जाएगी (पॉंचवे वर्ष के लिए किसानों को अल्पा‍वधि ऋण की सीमा पहले वर्ष से लगभग 150%अधिक की स्वीषकृति दी जाएगी)
केसीसी की सीमा का निर्धारण करते समय कृषि यंत्रों /उपकरणों आदि के रूप में छोटी राशियों की निवेश की आवश्योकताएं (जैसे स्प्रे यर, हल आदि) जो कि एक वर्ष की अवधि में देय होगी को शामिल किया जाएगा।

( ऋण के इस हिससे को दूसरे से पॉंचवे वर्ष के दौरान स्व्त: आधार पर शामिल नहीं किया जाएगा परन्तुि संबंधित वर्ष के लिए अधिकतम आहरण सीमा की गणना करते समय प्रत्ये्क वर्ष में इस अंश के लिए ऋण की आवश्याकता को शामिल किया जाएगा।
चौथे बिंदु में बताए अनुसार पॉंचवे वर्ष के लिए अल्पाषवधि ऋण सीमा की गणना साथ्‍ा ही ऊपर पांचवे बिंदु में बताए अनुसार दी गई निवेश ऋण अपेक्षाएं (पाँच वर्षों में सर्वाधिक) को अधिकतमअनुमत्त‍ सीमा (एमपीएल) होगी एवं उसे किसान क्रेडिट कार्ड सीमा के रूप में संस्वीमकृत किया जाएगा।
पहले वर्ष के लिए आंकी गई अल्पा वधि ऋण सीमा के साथ अपेक्षित अनुमानित निवेश ऋण सीमा जैसा कि ऊपर बताया गया है।

विशेषताएं

  • केसीसी के उधारकर्ता को एक एटीएम सह डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा (स्टेिट बैंक किसान डेबिट कार्ड) ताकि वे एटीएमों एवं पीओएस टर्मिनलों से आहरण कर सकें।
  • एक विविध खाते के स्वहरूप का होगा। इस खाते में कोई जमा शेष रहने की स्थिटति में उस पर बचत खाते के समान ब्याज मिलेगा ।
  • 3 लाख रु तक की राशि पर प्रसंस्कखरण शुल्क नहीं लगाया जाता है।
निम्नीलिखित के लिए संपार्श्विरक प्रतिभूति में छूट दी गई है:
  • 1 लाख रूपये तक की सीमा पर
  • 3 लाख रूपये तक के ऋणों की सीमाओं के लिए जिनके संबंध में वसूली के लिए गठबंधन व्य वस्थास की गई है।

केसीसी खातों का वार्षिक आधार पर नवीकरण करना आवश्यकक है जो कि उपर्युक्त देय तारीखों से काफी पहले किया जाना आवश्यखक है ताकि 5 वर्षों के लिए सतत आधार पर इसकी ऋण सीमा को जारी रखा जा सके। अत: शाखाओं को सुनिश्चिोत करना होगा कि वे यथा आवश्यएकता परिसीमन अधिनियम के तहत 3 वर्षों की समाप्तिं के पूर्व नवीकरण पत्र प्राप्ति कर ले ।

इस नवीकरण के उद्देश्यर को ध्याकन में रखते हुए वर्तमान अनुदेशों के अनुसार शाखाएं (उगाई गई फसलों/ प्रस्ताववित फसलों के संबंध में) संबंधित उधारकर्ताओं से एक साधारण-सा घोषणा-पत्र प्राप्त कर लें। केसीसी उधारकर्ताओं की संशोधित एमडीएल आवश्यंकताओं का निर्धारण प्रस्ताणवित फसल की पद्धति एवं उनके द्वारा घोषित क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा।
पात्र फसलों को फसल बीमा योजना- राष्ट्री य कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) के अंतर्गत कवर किया जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

सीमा तय करते समय शाखाएं किसान के पूरे वर्ष के लिए संपूर्ण उत्पा दन की ऋण आवश्यईकताओं को लें जिसमें फसल उत्पाकदन से संबंधित सहायक गतिविधियां जैसे कृषि संबंधी मशीनरी/उपकरण के रखरखाव, बिजली प्रभार आदि की ऋण जरूरतें भी शामिल हैं।
क्रेडिट सीमा के अंदर उधारकर्ता के सम्बगद्ध गतिविधियां और फसलोत्तरर क्रेडिट जरूरतें भी मुहैया करवाई जा सकती है।

कार्ड के अंतर्गत ऋण सीमा जिला स्त रीय तकनीकी समिति (डीएलटीसी)/राज्यर स्तयरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) की सिफारिशों के अनुसार परिचालन जोत, फसल पद्धति तथा वित्ति की मात्रा के आधार पर नियत की जा सकती है। यदि डीएलटीसी/एसएलटीसी ने जहां किसी भी फसल के लिए वित्तप की मात्रा की सिफारिश नहीं की है अथवा शाखा के विचार के अनुसार आवश्योक राशि से कम की सिफारिश की गई है तो शाखाएं आंचलिक कार्यालय के विधिवत अनुमोदन के बाद फसल के लिए उचित वित्तर की मात्रा तय कर सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड की सीमा तय करने के लिए परिचालन जोत में पट्टा लिए गए जमीन को शामिल किया जाएगा और पट्टा दिए गए जमीन को छोड़ दिया जाएगा।
शाखाएं अपने विवेक के अनुसार स्वी कृत किए गए संपूर्ण क्रेडिट सीमा के अंदर, क्रेडिट आवश्यीकताओं पर, मौसम तत्वा को लेते हुए, उप-सीमा तय कर सकती है।

ऋणों का संवितरण

  • फसलों की कटाई संबंधी जरूरतों के अनुसार ऋणों का नकदी संवितरण किया जाएगा।

    चुकौती

    खरीफ(एकल)-(1 अप्रैल से 30 सितम्बिर ) – 31 जनवरी

  • रबी(एकल)-(1 अक्तूलबर से 31 अक्तूरबर) – 31 जुलाई
  • दोहरी/विविध फसलों (खरीफ एवं रबी फसलों) – 31 जुलाई
  • दीर्घावधि फसलों(वर्ष भर)-12 माह (पहले संवितरण की तारीख से)
    साधारण दस्तालवेज
  1. मांग वचन पत्र
  2. संमिश्र दृष्टिबंधक करार का विलेख (सीएचए-1)
  3. प्राधिकार पत्र (एचजी-15)
  4. कृषि-ऋण अधिनियम अथवा साम्यिक बंधक अथवा जमीन का कानूनी बंधक के अनुसार जमीन का चार्ज (सीएचए-4)
  5. गिरवी पत्र (ओडी-159)
  6. विविधवत डिस्चा र्ज किया हुआ स्टोकरेज रसीद की गिरवी
  7. 12 महीने के अंदर अथवा उत्पा्द की बिक्री पर अग्रिम की चुकौती का वचन
  8. स्टोधरेज ईकाई को बैंक के ग्रहणाधिकार की सूचना
  9. गोदाम/कोल्ड स्टो रेज के मालिक से गिरवी रखे गए स्टोचरेज रसीद के प्रस्तुनति के बगैर माल सुपुर्द न किए जाने से संबंधित वचन ) एल-515
    एल-516 (यदि जरूरत हो)

नोट :

उपरोक्त ड) से झ) तक के दस्तालवेज केवल स्टोसरेज रसीद पर स्वीपकृत उप-सीमा के लिए ही लागू होंगे।
यदि किसान के परिसर में स्टो र किए गए उत्पातद पर उत्पाजद विपणन सीमा का विस्तावर किया जाता है तो स्टो र किए गए उत्पाेद पर दृष्टिबंधक प्रभार को कवर करने के लिए दृष्टिबंधक विलेख (सीएचए-1) पर्याप्त होगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के अलग – अलग नाम

  • इलाहाबाद बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड
  • आन्ध्र बैंक – ए.बी. किसान ग्रीन कार्ड
  • बैंक ऑफ़ बडौदा – बी किसान क्रेडिट कार्ड
  • बैंक ऑफ़ इंडिया – किसान समाधान कार्ड
  • केनरा बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड
  • कार्पोरेशन बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड
  • देना बैंक – किसान गोल्ड क्रडिट कार्ड
  • ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कामर्स – ओरिएंटल ग्रीन कार्ड (ओ.जी.सी.)
  • पंजाब नेशनल बैंक – पी.एन.बी. कृषि कार्ड
  • स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद – किसान क्रेडिट कार्ड
  • स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया – किसान क्रेडिट कार्ड
  • सिंडिकेट बैंक – सिंडिकेट किसान क्रेडिट कार्ड
  • विजय बैंक – विजय किसान क्रेडिट कार्ड