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आत्मनिर्भर भारत: डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट हेतु दिए जाएंगे 100 करोड़ रुपये

डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बड़ी मात्रा में दूध की खरीद और बिक्री में कमी होने के कारण, दूध / डेयरी सहकारी समितियों ने बड़े पैमाने पर अधिक समय तक उपयोग के लायक उत्पादों जैसे दूध पाउडर, सफेद मक्खन, घी, और यूएचटी दूध आदि के उत्पादन को अपनाया। इन उत्पादों को अपनाने के कारण धन के प्रवाह में कमी आयी और किसानों को भुगतान करने में कठिनाई हुई। आइसक्रीम, फ्लेवर दूध, घी, पनीर आदि जैसे उच्च मूल्य वाले उत्पादों की मांग में कमी के कारण दूध की छोटी मात्रा को ही मूल्य वर्धित उत्पादों जैसे पनीर और दही में परिवर्तित किया जा रहा है। इससे बिक्री कारोबार और भुगतान प्राप्ति प्रभावित हो रही है। जिसके कारण सहकारी समितियों की मौजूदा स्तर पर दूध की खरीद करने की क्षमता कम हो जाएगी | जिससे खरीद मूल्य को कम करने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा।

डेयरी क्षेत्र पर कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों की भरपाई करने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक नई योजना “डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट” की शुरुआत की है। योजना के तहत 2020-21 के दौरान डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (एसडीसी और एफपीओ) को सहायता प्रदान की जायेगी।

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डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट योजना की शुरुआत

सहकारी और किसान स्वामित्व वाली दुग्ध उत्पादक कंपनियों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए, 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / आरआरबी / सहकारी बैंकों / वित्तीय संस्थानों से लिए गए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट दी जायेगी। सहकारी समितियों / एफपीओ को संरक्षित वस्तुओं और अन्य दुग्ध उत्पादों में दूध के रूपांतरण के लिए यह सुविधा दी जायेगी। इस योजना में 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज में छूट देने का प्रावधान किया गया है। यदि शीघ्र और समय पर पुनर्भुगतान / ब्याज की अदायगी की जाती है तो ऐसे मामले में ब्याज में 2 प्रतिशत प्रति वर्ष के अतिरिक्त छूट का भी प्रावधान है।

डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट योजना से लाभ

  • दूध उत्पादकों को स्थिर बाजार की सुविधा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • उत्पादन स्वामित्व वाले संस्थान समय पर दूध उत्पादकों को बिल का भुगतान करने में सक्षम होंगे।
  • उचित मूल्य पर उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों की आपूर्ति करने में उत्पादक स्वामित्व वाले संस्थानों को मदद मिलेगी। यह संरक्षित डेयरी वस्तुओं और अन्य दूध उत्पादों के घरेलू बाजार के मूल्य को स्थिर करने में भी मदद करेगा।
  • दुग्ध उत्पादकों के लिए डेयरी संचालन को लाभकारी बनाने के साथ-साथ फ्लश सीजन के दौरान भी किसानों की आय में निरंतर वृद्धि। इससे आयातित वस्तुओं पर निर्भरता में कमी आयेगी, जिससे दूध और दूध उत्पादों की घरेलू कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी।
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10 टिप्पणी

    • आप प्रोजेक्ट बनायें | प्रोजेक्ट में लागत और होने वाली आय के विषय में जानकारी दें | अपने यहाँ के पशु चिकित्सालय या जिले के पशुपालन विभाग में सम्पर्क करें | यदि वहां से प्रोजेक्ट अप्रूव होता है तब आप किसी भी बैंक से लोन के लिए आवेदन करें |

  1. श्री मान कृपया डेयरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी (05 पशु ) की प्रदान करने की कृपा करें , जिससे में उसे चेंज करके प्रिंट निकाल सकू ।
    धन्यबाद

    • प्रोजेक्ट बनायें अपने जिले या ब्लाक के पशु चिकित्सालय या पशुपालन विभाग में सम्पर्क करें | इसके बाद जिस बैंक में अकाउंट है वहां सम्पर्क करें |

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