मध्यप्रदेश में इन 80 लाख किसान परिवारों को दी जाएगी किसान सम्मान निधि की राशि

किसान सम्मान निधि योजना किश्त मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसी किसानों को अभी तक कोई 2000 रुपये की कोई किश्त नहीं दी गई है वहीँ कई राज्यों के किसान अभी तक 2 किश्त ले चुके हैं | मध्यप्रदेश के किसान समझ नहीं पा रहे हैं क्या कारण है जिससे अभी तक किसानों को को राशि नहीं दी गई है ? मध्यप्रदेश सरकार के किसानों को योजना का लाभ कब तक मिलेगा और उनके बैंक खतों में पहली और दूसरी किश्त कब तक आएगी ? इस योजना की प्रगति की जानकारी सरकार ने सामने रखी | प्रदेश सरकार ने कहा है के 80 लाख पात्र किसान परिवार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित होंगे। योजना में पात्र किसान परिवार के खाते में तीन किश्त में 2-2 हजार रूपये के मान से कुल 6 हजार रूपये प्रतिवर्ष सीधे जमा किये जायेंगे। योजना में पात्र कृषि भूमि धारक परिवारों को चिन्हित करने का कार्य जारी है।

किसान किसान सम्मान निधि योजना सूचि में नाम किस तरह दर्ज करवाएं

योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पटवारियों को अधिकृत किया गया है। पटवारियों को 18 रूपये प्रति भू-धारक परिवार के मान से राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पटवारियों द्वारा कृषक परिवारों की सूची तैयार कर ग्राम सभा के समक्ष रखी जायेगी। ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद कृषक परिवार को योजना का लाभ दिया जायेगा ।

जिन परिवार का नाम सूची में शामिल नहीं हो सका है, वे पटवारी/ग्राम सभा/तहसीलदार के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। आयकर दाताओं/आर्थिक रूप से सम्पन्न किसान परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पात्र किसान परिवारों को चिन्हित करने का लक्ष्य 20 जुलाई 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।

पीएम-किसान सम्मान निधि योजना पंजीकरण मध्यप्रदेश 

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राजस्थान में 15 लाख किसानों के बैंक खातों जमा की जाएगी पीएम किसान योजना की किश्त

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किश्त

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू हुए बहुत समय बीत चूका है और करोड़ों किसान ऐसे हैं जिन्हें पहली एवं दूसरी किश्त दोनों दी जा चुकी है परन्तु बहुत से किसानों तक अभी पहली किश्त भी नहीं पहुंची है | ऐसे में किसान चाहते हैं की उन्हें खरीफ मौसम से पहले किश्त मिल जाएँ सभी किसान इसका बहुत बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं | ऐसे भी किसान हैं जो आवेदन तो बहुत पहले कर चुके हैं परन्तु अभी तक उनकी कोई किश्त नहीं आई है | किसानों को किश्त मिलने में देरी चुनाव के कारण एवं राज्य सरकारों द्वारा किसानों का डेटा न भेजा जाना है परन्तु अब राजस्थान राज्य के किसानों का डेटा भेजा जा चूका है और राजस्थान के किसानों को दो दिनों के अन्दर पीएम किसान योजना की किश्तें दे दी जाएँगी |

राजस्थान में कितने किसानों को अभी दी जाएगी पीएम किसान योजना की किश्त

राजस्थान के रजिस्ट्रार, सहकारिता एवं पीएम किसान योजना के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ नीरज के. पवन ने बताया कि प्रदेश के पात्र 15 लाख 20 हजार 233 किसानों के आवेदनों की जांच पूर्ण कर ली गई है और उन्हें केन्द्रीय पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। आगामी दो दिवस में किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान योजना की राशि जमा हो जायेगी। 6 जून से एसएमएफ पोर्टल सभी पात्र किसानों के लिये आवेदन करने हेतु खोला जा चुका है। किसान संबंधित नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिये आवेदन कर सकता है। राज्य से इस योजना के लिये अबतक 38 लाख 10 हजार 80 किसानों ने आवेदन किया है। जिन किसानों द्वारा आवेदन के दौरान बैंक खाता नम्बर, आईएफएससी कोड आदि जानकारी गलत अपलोड कर दी थी, ऎसे किसान अब ई-मित्र केन्द्र पर जाकर ऎसी जानकारी को दुरस्त कर सकते हैं ताकि उनको भुगतान हो सके।

पीएम किसान योजना में कैसे देखें अपना नाम,क्या है हेल्पलाइन नंबर 

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विडियो:प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में मात्र इतने रुपयों में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर लेकर सिंचाई करें

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई

भारत में आज भी सभी किसानों के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं आज भी अधिंकाश क्षेत्र सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं | जिन किसानों के पास बोरिंग एवं कुएं उपलब्ध है जलस्तर नीचे जाने के कारण उनमें पानी पूरा नहीं हो पाता क्योंकि जिस परंपरागत तरीके से किसान सिंचाई करते हैं उसमें पानी नुकसान अधिक होता है और पौधों को कम मिलता है | जिसके कारण से किसान लगातार पानी की कमी से झूझ रहा है और पानी का जलस्तर लगातार नीचे जाने से किसानों को कुएं गहरे करवाना पड़ रहा है | इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) चलाई जा रही है | जिससे पानी की बचत हो सके और किसानों को सस्ते में सिंचाई साधन उपलब्ध हो | नीचे किसान समाधान आपके लिए ड्रिप एवं स्प्रिंकलर अनुदान (Subsidy)पर किस तरह, किन दामों, कितनी सब्सिडी पर ले सकते हैं यह जानकरी विडियो में दी गई है |

PMKSY | ड्रिप और स्प्रिंकलर सब्सिडी पर इस तरह से लें | ड्रिप और स्प्रिंकलर Price |

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भारत के सभी राज्यों में चलाई जा रही है | अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा राज्य की परिस्थिति के अनुसार किसानों के अलग-अलग वर्ग को अलग अलग सब्सिडी दी जाती है |सभी राज्यों में कंपनियों एवं सरकार द्वारा  दी जा रही सब्सिडी अनुसार ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के दामों में कुछ अंतर हो सकता है | इसलिए किसान समाधान आपके लिए योजना की अधिक जानकरी के लिए नीचे लिंक दे रहा है |आप यहाँ सिंचाई योजना की पूरी जानकरी ले सकते हैं |

केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि सिंचाई योजना की जानकारी 

ड्रिप एवं स्प्रिंकलर अनुदान पर लेने के लिए पंजीयन 

उत्तरप्रदेश में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सेट  पंजीकरण करवाने के लिए क्लिक करें
मध्यप्रदेश में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सेट पंजीकरण करवाने के लिए क्लिक करें
बिहार राज्य में ड्पंरिप एवं स्प्रिंकलर सेट रण के लिए क्लिक करें 
छत्तीसगढ़ राज्य में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सेटपंजीकरण करवाने के लिए क्लिक करें 

किसान भाई योजना सम्बन्धी ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई हेतु सम्बंधित सवाल नीचे कमेंट में या हमें मेसेज का पूछ सकते हैं | साथ ही किसान समाधान के यू-ट्यूब चेनल को सब्सक्राइब जरुर करें |

बारिश में पशुओं को खुर पका एवं मुंह पका जैसे रोगों से बचाने के लिए नि:शुल्क टीका लगवाएं

खुरहा एवं मुंहपका रोग की पशुओं का टीकाकरण

अभी गर्मी का मौसम चल रहा है जो एक माह तक और चलेगा इसके बाद बारिश का मौसम आ जायेगा | बरसात के मौसम में पशुओं की कई तरह की बीमारी लगती है जिसमें खुरहा तथा मुंहपका बीमारी मुख्य है | इस बीमारी के कारण पशु विकलांग हो जाता है तथा दूध भी कम देता है | यह बीमारी किसी भी पशु में हो सकती है तथा बरसात में इसके होने की खतरा अधिक रहता है | पशुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये तथा दूध उत्पादन को बढ़ाने के देश में खुर पका, मुंह पका (एफएमडी) तथा ब्रुसेलोसिस रोग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार ने योजना के लिए राशि जारी कर दी है | सभी राज्यों में पशुओं को टीकाकरण किया जायेगा और इसकी शुरुआत बिहार राज्य में की जा चुकी है |

खुर पका, मुंह पका टीकाकरण केंद्र सरकार योजना 

क्या है पशु टीकाकरण योजना ?                

बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय द्वारा पशु स्वास्थ्य रक्षा पखवाडा के तहत टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है | इसके तहत पशुपालन निदेशालय के अंतर्गत कार्यरत सभी भ्रमणशील पशु चिकित्सक दुसरे चरण में 15 जून तक टीकाकर्मियों की मदद से घर – घर जाकर गाय एवं भैंस को खुरहा – मुंहपका रोग से बचाव हेतु नि:शुल्क टीकाकरण का कार्य कर रही है |

इसके पहले चरण में 30 अप्रैल से 20 मई 2019 तक 20 जिलों में 95 लाख 68 हजार 353 पशुओं को टीकाकृत किया जा चूका है | दुसरे चरण में 24 मई से 15 जून 2019 तक राज्य के शेष 18 जिलों में यह अभियान अभी चलाया जा रहा है | इन 18 जिलों में अभी तक 67 लाख 20 हजार 153 पशुओं को इस रोग के बचाव हेतु टीकाकृत करने का कार्य किया गया है | 15 जून 2019 तक शेष बचे सभी पशुओं को भी टीकाकृत कर दिया जायेगा|

किसान पशु टीकाकरण हेतु सम्पर्क करें 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए तथा पशुओं की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये टीकाकरण जरुर करायें | अगर किसान के घर पर कोई भी टीकाकारण करने नहीं आता है तो किसान जिले के जिला पशुपालन पदाधिकारी / प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी / भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते है |

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यहाँ धान के उन्नत बीज किसानों को मुफ्त में दिए जा रहे हैं

सामुदायिक नर्सरी विकास योजना में धान के बीज पर शत प्रतिशत अनुदान

पैदावार को बढ़ाने के लिए तथा कृषि रोड मैप के अधीन राज्य में गुणवत्तायुक्त उत्तम किस्म के धान के बीज के उत्पादन तथा इसकी उपलब्धता समय पर सुनिश्चित करने के लिए खरीफ मौसम में धान की सामुदायिक नर्सरी तैयार की जा सकती है | धान की नर्सरी में तैयार बिछड़ों को इच्छुक जरुरतमंदों कृषकों के बीच नि:शुल्क वितरण (शत प्रतिशत अनुदान पर) या अर्ध सब्सिडी पर राज्यों की अलग – अलग सरकार धान की बीज दे रही है | इसको ध्यान में रखते हुये बिहार राज्य सरकार ने अपने प्रदेश के किसानों को शत प्रतिशत अनुदान के आधार पर धान बीज दे रही है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

योजना क्या है ?

बिहार कृषि विभाग ने वर्ष 2019 – 20 में राज्य योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में कुल 917.342 लाख रूपये की लागत से 52300 एकड़ में धान की सामुदायिक नर्सरी विकास योजना का कार्यन्वयन किया जा रहा है |

योजना का लाभ लेने के लिए नियम और शर्ते इस प्रकार है 

यह योजना सामुदायिक नर्सरी विकास क्लस्टर में किया जाएगा तथा एक क्लस्टर का न्यूनतम रकबा 5 (पांच) एकड़ होगा | एक कृषक को अधिकतम एक हेक्टेयर (2.5 एकड़) में धान रोपणी हेतु बिछड़ा उपलब्ध कराया जा सकेगा | नर्सरी स्थल के चयन में इच्छुक लघु एवं सीमांत कृषकों के समूह को प्राथमिकता दी जायेगी | लक्ष्य शेष रहने पर लघु एवं सीमांत कृषक को वरीयता दी जाएगी तथा अंत में शेष लक्ष्य माध्यम एवं बड़े कृषक से पूरा किया जा सकेगा |

कौन सा बीज मिलेगा ?

बीज का चयन स्थानीय स्तर पर कृषि अधिकारी , ब्लाक अधिकारी तथा कृषि विद्यालय के अनुसार रहेगा | इसके अलावा किसान के पसंद या न पसंद का भी ध्यान रखा जायेगा | इसका मतलब यह हुआ की किसान को बीज वहां के परिस्थिति के अनुसार दिया जायेगा | जिससे जलवायु तथा मिट्टी के उपयुक्त हो सके और अच्छी उत्पादन दे सकते |

केरल पहुंचा मानसून, जानें अन्य राज्यों में कब तक पहुँचने की उम्मीद है

जानें कब तक आएगा मानसून 2019

भीषण गर्मी के बीच किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है | भारतीय मौसम विभाग ने प्रेस रिलीज जारी कर मानसून के केरल पहुँचने की जानकरी दी | लगभग एक हफ्ते की अनुमानित देरी के बाद दक्षिण पश्चिमी मानसून ने केरल तट पर शनिवार 8 जूनको दस्तक दे दी | दक्षिण पश्चिम मानसून ही उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है | भारत में खरीफ फसल की खेती मानसून पर ही निर्भर है | ऐसे में किसानों के लिए यह अच्छी खबर है की जल्द ही मानसून भारत के विभिन्न राज्यों में पहुँच जायेगा जिससे वे अपनी खरीफ फसल के क्रियाकलाप कर सकें |

मानसून की प्रगति

धीरे-धीरे मानसून आगे बढ़ कर उत्तरी राज्यों में पहुंचेगा | इसके 16 से 18 जून तक छत्तीसगढ़ पहुंचने का पूर्वानुमान है। यानी अन्य उत्तरी राज्यों को अच्छी बारिश के लिए थोड़ा इंतजार और करना पड़ेगा। यदि मानसून बिना रुकावट के आगे बढ़ता है तो 7 जुलाई तक पूरे भारत को कवर करने की उम्मीद है | वहीँ अन्य राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड आदि राज्यों में 23 जून से 27 जून तक मानसून पहुँचने की उम्मीद है |

कैसे रहेगा वर्ष 2019 का मानसून

इससे पूर्व भारतीय मौसम विभाग मानसून 2019 को लेकर 2 पूर्वानुमान जारी कर चूका है जिसमें देश में मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई गई है | देश में औसतन 96 से 104 प्रतिशत वर्ष रहने की उम्मीद है | वर्ष भर में 4 प्रतिशत का ज्यादा या कम वर्षा हो सकी है | अगर क्षेत्रवाद के अनुसार देखें तो उत्तर पश्चिम 94 प्रतिशत , मध्य भारत में 100 प्रतिशत , दक्षिण प्रायद्वीप में 97 प्रतिशत तथा पूर्वोतर में 91 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद है |

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किसान ले सकते हैं नया लोन, फसल ऋण माफी योजना में नए दिशा निर्देश जारी

फसल ऋण माफी योजना में नए दिशा निर्देश जारी

किसान कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हुए लगभग 6 महिना बीत चूका है, इस दौरान कई किसानों के कर्ज माफ़ किये जा चुके है और बहुत से किसान के कर्ज माफ़ किया जाना बाकि है | लोकसभा चुनाव के कारण कर्ज माफी की प्रक्रिया में रुकावट आ गई थी जिससे कई किसानों के फसल ऋण माफ़ नहीं हो पाए हैं और नई फसल लगाने का समय आ गया है | ऐसे में किसान असमंजस में हैं की क्या वो नया लोन ले सकते हैं या नहीं क्या नया ऋण लेने पर उनकी कर्ज माफी की प्रक्रिया पर क्या असर पडेगा | इस असमंजस को दूर करते हुए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने हर हाल में किसानों की कर्ज माफी करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के दूसरे चरण को लागू करने के निर्देश दिये हैं।

लोन माफी को लेकर जारी किये गए दिशा निर्देश

जय किसान फसल ऋण माफी योजना में जिन किसानों की लोन माफी हो रही है वे कृषि संबंधी कार्यों के लिये जरूरत अनुसार नया लोन ले सकते हैं। नया लोन लेने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूर्व के वर्षो में अपनाई गई प्रक्रिया के अनुसार ही उन्हें लोन मिलेगा। नया लोन लेने से लोन माफी की राशि या उनकी पात्रता में कोई अंतर नहीं आयेगा। किसान अपने ऋण का नवीनीकरण भी करा सकते हैं।

राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि बैंकों के नोड्यूज प्रमाण -पत्र और भूमि बंधक मुक्त कराये जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं। अपेक्स बैंक की ओर से भी ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं। इस संबंध में जिला स्तर पर किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं रहना चाहिए। बैंक अपने स्तर पर ऋण वितरण करें और कृषि आदान की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे किसान, जिनके चालू ऋण खाते रुपये 50,000 से अधिक हैं तथा नान-परफार्मिंग असेट रुपये दो लाख से अधिक हैं और जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रथम चरण में उनके प्रकरण स्वीकृत नहीं हुए हैं, के प्रकरणों की स्वीकृति की कार्यवाही तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं।

किसान कर्ज माफी के लिए एक बार और अपील कर सकेगें

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छत पर फल,फूल एवं सब्जी लगाने के लिए दी जा रही है 25 हजार रूपये की सब्सिडी

रूफ टॉप गार्डनिंग (छतों पर बागवानी) पर अनुदान

देश में एक तरफ जनसंख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ शहरी आबादी कई अधिक बढ़ रही है जिससे देश में सभी को पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जी नहीं मिल पा रही है | इसका कारण यह है की किसानों का रकबा घट रहा है | इसको देखते हुये बिहार सरकार ने शहरी आबादी के लिए शहर में ही सब्जी की खेती को बढ़ावा देने  के लिए योजना तैयार की है | इसके लिए सरकार शहर में बने मकान के ऊपर सब्जी की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है |

इस योजना के कार्यान्वयन से शहरी क्षेत्रों में घर के छतों पर फल, फूल एवं सब्जी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिनसे यहाँ रहने वाले लोगों को अपने लिए फल, फूल एवं सब्जी सहज उपलब्ध हो सकेगी | साथ ही, शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण में सुधार के साथ हरित क्षेत्र का विकास होगा तथा यहाँ के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध हो पायेगा |

रूफ टॉप गार्डनिंग (छतों पर बागवानी) योजना

क्या है योजना

शहरी क्षेत्रों के भाग – दौड़ की जिन्दगी में हरित क्षेत्र तैयार करने के उद्देश्य से घर के छतों पर बागवानी करने हेतु प्रति 300 वर्ग फीट में कुल लागत 50 हजार रूपये के साथ रूफ टाप गार्डनिग योजना स्वीकृत की गई है | इस योजना के तहत लाभुकों को लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 25 हजार रूपये प्रति इकाई की दर से सहायता अनुदान दिया जायेगा | रूफ टाप गार्डनिग करने के लिए यह अनुदान लाभुकों को प्लास्टिक शीट, पात, कंटेनर, ट्रे, सब्जी/ फल/ फूल के बीज / पौध, खाद, सिंचाई आदि के लिए दिया जायेगा | एक व्यक्ति को एक इकाई से ज्यादा लाभ नहीं दिया जायेगा |

यह योजना कहाँ के लिए है

यह योजना बिहार राज्य के लिए है तथा राज्य के 5 स्मार्ट सिटी हेतु नामित जिले पटना, मुज्जफरपुर, गया, भागलपुर एवं नवादा में कार्यन्वित किया जायेगा |

केंद्र सरकार की योजना घटक भी शामिल 

यदि कृषकों द्वारा योजना के तहत निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर सामग्रियों का क्रय किया जायेगा तो लाभुकों को इकाई लागत के आधार पर ही अनुदान का भुगतान किया जायेगा | यह योजना भारत सरकार के राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत परिचालानात्मक दिशा – निर्देश के अनुसार क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के लिए लाभुकों को पौध – रोपण सामग्री / बीज आदि के परियोजनार्थ व्यय किये गये वास्तविक राशि की प्रतिपूर्ति करने हेतु अनुदान दिया जायेगा | सरकार द्वारा इस योजना पर 367.438 लाख रूपये व्यय किया जायेगा |

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देश के किसानों द्वारा 2018 – 19 फसलों का रिकार्ड उत्पादन किया

खाद्यान फसल उत्पादन 2018 – 19

कृषि सहकारिता तथा किसान कल्याण विभाग ने 2018 – 19 के लिए प्रमुख फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है | विभिन्न फसलों के उत्पादन का मूल्यांकन राज्यों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित है और अन्य स्रोतों से प्राप्त सुचना से इसे सत्यापित किया गया है || तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2018 – 19 के दौरान मुख्य फसलों के अनुमानित उत्पादन का ब्यौरा इस प्रकार है |

खाद्यान – 283.37 मिलियन टन

  • चावल – 115.63 मिलियन टन
  • गेंहू – 101.20 मिलियन टन
  • पौष्टिक / मोटे अनाज – 43.33 मिलियन टन
  • मक्का – 27.82 मिलियन टन
  • दलहन – 23.22 मिलियन टन
  • चना – 10.09 मिलियन टन
  • तुअर – 3.50 मिलियन टन

तिलहन – 31.42 मिलियन टन

  • सोयाबीन – 13.74 मिलियन टन
  • राई तथा सरसों – 8.78 मिलियन टन
  • मूंगफली – 6.50 मिलियन टन
  • कपास – 27.59 मिलियन गांठे (प्रति 170 किलोग्राम की)
  • गन्ना – 400.37 मिलियन टन (रिकार्ड)

2018 – 19 के लिए तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में कुल खाद्यान उत्पादन 283.37 मिलियन टन अनुमानित है जो विगत पांच वर्षों (2013 – 14 से 2017 – 18) के औसत खाद्यान उत्पादन की तुलना में 17.62 मिलियन टन अधिक है |

भारत में 2017-18 की तुलना में 2018-19 में खाद्यान उत्पादन

  • 2018 – 19 के दौरान चावल का कुल उत्पादन रिकार्ड 115.63 मिलियन टन अनुमानित है | चावल के उत्पादन में 2017 – 18 के 112.76 मिलियन टन उत्पादन की तुलना में 2.87 मिलियन टन की वृद्धि हुई है | यह विगत पांच वर्षों के औसत उत्पादन 107.80 मिलियन टन की तुलना में भी 7.83 मिलियन टन अधिक है |
  • गेंहू का उत्पादन 101.20 मिलियन टन (रिकार्ड) अनुमानित है जो 2017 – 18 के दौरान प्राप्त 99.87 मिलियन टन गेंहू उत्पादन की तुलना में 1.33 मिलियन टन अधिक है | इसके अलावा 2018 – 19 के दौरान गेहूं का उत्पादन विगत पांच वर्षों के औसत गेहूं उत्पादन 94.61 मिलियन टन की तुलना में 6.59 मिलियन टन अधिक है |
  • पौष्टिक / मोटे अनाजों का उत्पादन 43.33 मिलियन टन अनुमानित है जो औसत उत्पादन की तुलना में मामूली रूप से 0.24 मिलियन टन अधिक है |
  • 2018 – 19 के दौरान दलहनों का कुल उत्पादन 23.22 मिलियन टन तक अनुमानित है जो विगत पांच वर्षों के औसत उत्पादन 20.26 मिलियन टन की तुलना में 2.96 मिलियन टन अधिक है |
  • 2018 – 19 के दौरान देश में तिलहनों का कुल उत्पादन 31.42 मिलियन टन अनुमानित है | 2018 – 19 के दौरान तिलहनों का उत्पादन विगत पांच के औसत तिलहन उत्पादन की तुलना में 1.77 मिलियन टन अधिक है |
  • 2017 – 18 की तुलना में 20.46 मिलियन टन की वृद्धि के साथ 2018 – 19 के दौरान देश में गन्ने का कुल उत्पादन 400.37 मिलियन टन अनुमानित है | इसके अलावा 2018 – 19 के दौरान गन्ना उत्पादन , विगत पांच वर्षों के औसत गन्ना उत्पादन 349.78 मिलियन टन की तुलना में भी 50.59 मिलियन टन अधिक है | कपास का उत्पादन 27.59 मिलियन गांठे (170 किलोग्राम) अनुमानित है तथा पटसन एवं मेस्टा का उत्पादन 9.79 मिलियन गाँठ (प्रति 180 किलोग्राम) अनुमानित है |

ऑनलाइन लोन लेने के लिए सहकारी फसल ऋण पोर्टल योजना की पूरी जानकरी

ऑनलाइन लोन लेने के लिए फसल ऋण पोर्टल योजना

अभी तक किसानों को लोन लेने के लिए बैंक के चक्कर लगाने पड़ते थे, रिश्वत देनी पड़ती थी तथा समय पर लोन नहीं मिल पाता था | राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जो किसानों के लिए आनलाईन लोन प्राप्त करने की सुविधा शुरू की गई है | इसके लिए किसान कहीं से भी आनलाईन आवेदन करके लोन प्राप्त कर सकते है | आज किसान समाधान ऑनलाइन लोन प्राप्त करने की योजना सहकारी फसल ऋण पोर्टल योजना की पूरी जानकारी लेकर आया है  |

क्या किसान ऑनलाइन लोन सभी बैंक से  ले सकता है ?

नहीं किसानों के लिए कृषि लोन केवल सहकारी बैंक के लिए सुविधा दिया गया है | इस योजना का नाम सहकारी ऋण आनलाईन पंजीयन एवं वितरण (online crop loan distribution in rajasthan) योजना है | इसकी शुरुआत 3 जून को कर दी गई है |

लोन के लिए आवेदन कैसे करें ?

किसान को समिति या ई – मित्र केंद्र पर जाकर आनलाईन पंजीयन करना होगा | पंजीयन बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर किया जाएगा | इसके बाद सदस्य किसानों को फसली ऋण डिजिटल मेंबर रजिस्टर (डीएमआर) के माध्यम से वितरित किया जाएगा | किसान से आवेदन प्राप्त करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को आनलाइन किया है |

सहकारी फसल ऋण लेने के लिए आवेदन कहाँ कहाँ कर सकते हैं ?

  1. ग्राम सेवा सहकारी से नि:शुल्क आवेदन पत्र प्राप्त करें |
  2. किसी भी समिति या ई – मित्र केंद्र पर जाकर पंजीयन कराएँ |
  3. पंजीयन की सुचना मोबाईल पर मेसेज से डी जायेगी | साथ ही रसीद भीदी जाएगी , जिस पर यूनिक आवेदन पात्र क्रमांक होगा |

ऑनलाइन लोन लेने के लिए पंजीयन हेतु दस्तावेज  

  1. आधार नंबर
  2. सरकारी बैंक का खाता संख्या एवं आईएफएससी नम्बर
  3. राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि का विवरण
  4. समिति, अन्य बैंक एवं संस्थाओं से लिए ऋण की सुचना |

ऑनलाइन लोन राशि तीन तरह से ले सकते हैं

  1. बैंक की शाखा से नगद
  2. एटीएम पर रुपे किसान डेबिट कार्ड से
  3. एफआईजी से समिति स्तर पर

ऑनलाइन लोन कितना मिलेगा

  • किसान की अधिकतम साख सीमा (एमसीएल) जिला स्तरीय तकनीकी समिति के मापदंडानुसार तय होगा |
  • खरीफ तथा रबी के लिए अलग – अलग साख सीमा आनलाईन स्वीकृत होगी | यह साख सीमा 5 वर्ष के लिए मान्य होगी |
  • पैक्स / लेम्पस 10 दिवस में लोन स्वीकृत कर देगी |

किसान भाई ऑनलाइन लोन लेने हेतु ई-मित्र पर पंजीयन के लिए क्लिक करें 

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