बड़ी खबर :मोदी सरकार ने किसानों को 3,000 रूपये पेंशन देने का किया फैसला

किसान पेंशन योजना

केंद्र सरकार किसानों को 3,000 रुपये की पेंशन देगी, इसकी मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है | इसके लिए सरकार तीन वर्ष के लिए 10774.50 करोड़ रुपया खर्च करेगी | किसानों के द्वारा वर्षों से यह मांग थी की पूरी जिन्दगी काम करने के बाद भी वृद्धा अवस्था में किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं है | इसके लिए केंद्र सरकार से यह मांग थी की किसानों को सरकारी कर्मचारी की तरह ही पेंशन दी जाए| सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही इसे मंजूरी दे दिया है | जिसके तहत 60 वर्ष के बाद किसानों को 3,000 रूपये तक की पेंशन दी जाएगी |

इस योजना की खास बात यह है की यह योजना पूरी तरह से केंद्र शासित है | इसके तहत तीन वर्ष में देश के पांच करोड़ छोटे तथा सीमांत किसान लाभन्वित होंगें | इस योजना का महत्व इसलिए भी अधिक है की पहले से चल रही दूसरी पेंशन योजना के अतरिक्त है | यानि पहले से चल रहे योजना को बन्द नहीं किया जायेगा |

किसान पेंशन योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा 

यह देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है | इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3,000 रूपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है |

इसे एसे समझे लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रूपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है | केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किये गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी |

अगर किसान लाभार्थी की मृत्यु हो जाता है तो क्या होगा ?

अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान म्रत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे | बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों | अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी – पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा |

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अब मवेशियों के इलाज का खर्चा सरकार उठाएगी, सभी पशुओं का होगा मुफ्त में टीकाकरण

खुरपका, मुंहपका (एफएमडी) तथा ब्रुसेलोसिस का लगेगा टीकाकरण

पशुओं में होने वाली खुरपका, मुंहपका (एफएमडी) तथा ब्रुसेलोसिस रोग के नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार देश भर में व्यापक स्तर पर अभियान चलाएगी | इसके लिए केंद्र सरकार ने मंत्रिमडल की बैठक में मंजूरी दे दी है | इन बीमारियों पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए पांच वर्ष का कार्यक्रम चलाया जायेगा | इसके लिए केंद्र सरकार ने 13,343 करोड़ रूपये खर्च करने की मंजूरी दे दिया है |

इस योजना के तहत देश के करोड़ों किसान लाभान्वित होंगे | यह रोग गाय , भैंस, भेड़, बकरी तथा सूअर में बहुत ही आम है | इसका मुख्य उद्देश्य यह है की देश से तीनों रोगों को खत्म करना | इसके लिए केंद्र सरकार पशु टीकाकरण अभियान चलाएगी | जो 6 – 6 माह पर देश के सभी मवेशी को टीकाकरण के अन्दर लाया जायेगा |

खुरपका , मुंहपका (एफएमडी) तथा ब्रुसेलोसिस क्या है ?

खुरपका तथा मुंहपका रोग से गाय तथा भैंस में दूध देनी की क्षमता घट जाती है तथा एक समय यह स्थिति आती है की 100 प्रतिशत तक दूध नहीं देती है | यह स्थिति 6 माह तक बनी रह सकती है | अगर ब्रुसेलोसिस बीमारी से पीड़ित है तो पुरे जीवनचक्र के दौरान 30 प्रतिशत तक दूध उत्पादन घट जाता है | ब्रुसेलोसिस बीमारी से पशुओं में बांझपन भी हो सकती है | मवेशियों के साथ रहने वाले व्यक्ति भी इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं | इसका असर मवेशी के दूध पर असर पड़ता है तथा दूध दूषित हो जाता है

 सरकार की योजना कैसे काम करेगी ?

एफएमडी की स्थिति में यह योजना बछियों के प्राथमिक टीकाकरण के साथ 30 करोड़ गोजातीय पशुओं (गाय – बैल,भैंस ) और 20 करोड़ भेड़/ बकरियों तथा एक करोड़ सूअरों का 6 माहीन के अंतराल पर टीकाकरण कराने की परिकल्पना करती है , जबकि ब्रुसेलोसिस नियंत्रण कार्यक्रम 3.6 करोड़ बछियों को 100 प्रतिशत का टीकाकरण कवरेज उपलब्ध कराएगा | यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार के द्वारा चलाया जायेगा |

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चना, मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर खरीद की अवधि बढाई गई

चना, मसूर एवं सरसों  समर्थन मूल्य पर खरीद

वर्ष 2019 – 20 के रबी फसल की खरीदी की अंतिम तारीख 31 मई तकथी | रबी फसल में मसूर, चना एवं सरसों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है | इस रबी फसल की सरकारी खरीदी 31 मई तक ही थी लेकिन मध्य प्रदेश में चना, मसूर तथा सरसों की आवक लगातार जारी है | इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने रबी फसल की खरीदी की तारीख को बढ़ा दिया है | अब मध्य प्रदेश में रबी (चना, मसूर तथा सरसों) फसल की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 31 मई से बढाकर 6 जून कर दी है |

जारी किये गए निर्देश

किसान – कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने आज सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर उपार्जन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है | किसान समाधान मध्य प्रदेश के किसानों से यह अपील करता है की अब 6 जून तक मसूर, चना तथा सरसों को बेचने के लिए खरीदी केंद्र पर लेकर जायें |

इस वर्ष केंद्र सरकार ने मसूर का 4475 रु., चना का 4620 रु. तथा सरसों का 4200 रु.प्रति किवंटल तय किया है , यह पुरे देश में एक सामान है | मध्य प्रदेश सरकार के तरफ से बोनस अतरिक्त के रूप में दिया जायेगा |

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नई मोदी सरकार का बड़ा फैसला अब इन किसानों को भी मिलेगा 6,000 रुपये सालाना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

केंद्र सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के एक अहम मुद्दे को मंजूरी दे दी गई है | किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) को देश के सभी वर्ग के किसानों के लिए लागु कर दी गई है | इस योजना के तहत देश के 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को भी शामिल किया गया है | कृषि मंत्री के अनुसार पहले इस योजना के तहत देश के 12 करोड़ किसान आ रहे थे लेकिन सभी वर्ग के किसानों को शामिल करने से किसानों की संख्या 14 करोड़ हो जायेगा | यानि 2 हेक्टेयर से ऊपर भूमि वाले किसानों की संख्या 2 करोड़ है | इन सभी को वर्ष में 6,000 करोड़ रुपया देने से केंद्र सरकार पर 12,000 करोड़ की अतरिक्त भार आएगा |

देखिये नए कृषि मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में क्या घोषणा की ?

कैबिनेट का यह फैसले को अभी से लागु कर दिया गया है | यानि देश के सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं | आवेदन का वही प्रक्रिया रहेगा जो पहले था केवल भूमि के रकबा का प्रतिबंध हटा दिया गया है | किसान पंजीयन आधार कार्ड से ही करना होगा तथा एक परिवार में पाती – पत्नी के साथ नाबालिक बच्चे को भी शामिल किया गया है |

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत

वर्ष 2019 के बजट में जब यह घोषणा किया गया की देश के लघु तथा लघु सीमांत किसानों को किसान सामान निधि योजना के तहत 6,000 रुपया दिया जायेगा | इस योजना को पिछले वर्ष से दिसम्बर से लागु करने से एसा लगने लगा था की यह योजना लोक सभा चुनाव को देख कर लिया गया है |

अभी तक पीएम किसान योजना में कितने किसानों को रखा गया था बहार

पी.एम किसान योजना को लागु करते यह दावा किया गया था की ऐसी योजना से देश के 12 करोड़ किसानों को सीधे फायदा पहुंचेगा | इसके लिए सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपया जारी किया था तथा पिछले वर्ष से लागु करने के लिए अलग से पैसा जारी किया गया था | 6,000 रुपया वर्ष में तिन किश्तों में लागु किया गया था | इस योजना को मार्च माह में शुरू कर दी गई है  | योजन की पहली  किश्त किसानों को दिया जाने लगा था |

10 मार्च से पहले किसानों के द्वारा आवेदन करने वाले किसानों को पी. एम किसान योजना की पहली किश्त दे दी गई है | कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार के पास अपने राज्य के किसानों की सूचि नहीं भेजी थी उस राज्य के किसानों को पहली किश्त नहीं मिली  है | अब उन सभी किसनों को योजना का लाभ दिया जायेगा | कृषि मंत्री ने यह दावा किया है की देश के 3 करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिला है | जो किसान वंचित रह गए हैं उन्हें इस योजना का लाभ जल्द दिया जायेगा |

पीएम किसान योजना के तहत 6,000 रूपये लेने के लिए यहाँ पंजीयन करें

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भारतीय मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए जारी की चेतावनी

आगामी दिनों के लिए मौसम पूर्वानुमान

पिछले चार – पांच दिन से उत्तर भारत में आसमान साफ है और बारिश होने के आसार नहीं है | इसके परिणामस्वरूप दिल्ली एनसीआर, शीत उत्तर-पश्चिम भारत के हिस्से में अधिकतम तापमान में करीब 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है | उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश , दिल्ली एनसीआर  में भीषण गर्मी पड़ रही है | उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों प्रयागराज में 29 मई 2019 को अधिकतम उच्चतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया |

दिल्ली एनसीआर शीत उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 3 जून तक आसमान साफ रहने का संकेत है | लू चलने बारिश न होने के कारण क्षेत्र में तापमान में करीब 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि होने की संभावना है | अनेक स्थानों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है |

आगामी दिनों में मौसम 

  • अगले 4 – 5 दिन के लिए भीषण गर्मी की चेतावनी
  • अगले 72 घंटों के दौरान जम्मू के सुदूरवर्ती स्थानों पर लू जैसी स्थिति उत्प्न्न हो सकती है |
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के कुछ स्थानों पर लू चल सकती है |
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और पूर्वी राजस्थान के सुदूरवर्ती इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है |
  • पंजाब और चंडीगढ़ के कुछ स्थानों पर भी लू चलने की संभवना है |

दिल्ली एनसीआर के लिए मौसम की भविष्यवाणी

मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा | कुछ स्थनों पर अगले 24 घण्टों के दौरान लू चल सकती है | अगले 2 – 3 दिन के दौरान तापमान में वृद्धि होने की संभवना है | कुछ स्थानों पर तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है |

किसानों के लिए सलाह

  • बागवानी के पौधों को 4 से 5 दिनों में एक बार सिंचाई करते रहें |
  • यदि सिंचाई साधन उपलब्ध है तो धान की खेती के लिए नर्सरी की तैयारी करें |
  • पशुओं को लू से बचायें तथा दिन में छायादार घर में रखें |
  • खाली खेत में गहरी जुताई करें |

आगामी दिनों में किसानों की दी जाने वाली मौसम सलाह 

किसानों के लिए अब रेशम बेचना हुआ आसन, ऑनलाइन रेशम बेचने के लिए यहाँ पंजीकरण करवाए

रेशम बनाने के लिए ई-रेशम पोर्टल पर पंजीयन कराएं किसान

रेशम उत्पादक किसान को रेशम बेचने के लिए पहले से जिले में पंजीयन केंद्र पर पंजीयन करना पड़ता था | जिससे किसानों का अधिक समय के साथ खर्च भी आता था | सरकार के पास भी सही डेटा नहीं उपलब्ध होता था | मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को रेशम बेचने के लिए आनलाईन पंजीयन की व्यवस्था की है |

रेशम बेचने के लिए पंजीयन कब से होगा ?

 पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दिया है , यह प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी | इसके लिए राज्य सरकार ने 1 से 15 जून तक सभी जिला रेशम अधिकारी को प्रतिदिन दो गाँव का दौरा कर कृषकों को ई रेशम पोर्टल पर पंजीयन कराने की जानकारी के साथ प्रोत्साहित करेगा | 

किसान पंजीयन कैसे कराएँ 

किसान ई – रेशम पोर्टल पर जाकर सामान्य जानकारी भरकर एक हितग्राही आईडी प्राप्त करें | यह आईडी सदा के लिए उनके पास रहेगा | आईडी प्राप्त करने पर किसान उस आईडी से पंजीयन के लिए फार्म भरे |

पंजीयन के लिए दिशा निर्देश इस तरह है

  1. सामन्य जानकारी प्रविष्ट कर हितग्राही आईडी एवं सत्यापन कोड प्राप्त करें |
  2. अपनी हितग्राही आईडी एवं सत्यापन कोड प्रविष्ट क्र शेष जानकारी अपडेट करें |
  3. अपने बैंक खाते का विवरण प्रविष्ट करें |
  4. अपनी भूमि से संबन्धित जानकारी प्रविष्ट करें |
  5.  फर्म मशीनरी की जानकारी प्रविष्ट करें
  6. उक्त समस्त जानकारी प्रविष्ट कर आवेदन को लाक करें |

इस बात का विशेष ध्यान रखें की पंजीयन आधार कार्ड से ही होगा |

ई रेशम पोर्टल पर किसान पंजीयन के लिए यहाँ क्लिक करें

मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना के तहत प्याज बेचने के लिए 7 जून तक पंजीयन करायें

मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना 2019-20 के तहत पंजीयन

मुख्यमंत्री कृषक प्याज योजना वर्ष 2019 – 20 में प्याज उत्पादक किसानों से प्याज की खरीदी के लिए 77 कृषि उपज मंडी / up मंडी अधिसूचित की गई है | साथ ही ई – उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की अंतिम तिथि 30 मई से बढ़कर 7 जून कर दी गई है | 

किसान प्याज बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करायें ?

मध्य प्रदेश के प्याज उत्पादक किसान उधानिकी विभाग, कृषि उपज मंडी तथा सहकारी समितियों से पंजीयन के लिए फार्म प्राप्त कर सकते हैं | अधिसूचित मंडियों में पंजीयन एवं उपार्जन के लिए उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है | किसानों के लिए प्रदेश में 77 मंडियों को अधिसूचित किया गया है |

किसान प्याज इन मंडी में बेच सकेंगे ?

  1. किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा भोपाल मण्डी,
  2. सीहोर में सीहोर मंडी और आष्टा
  3. रायसेन में रायसेन
  4. विदिशा में विदिशा मंडी,
  5. राजगढ़ में नरसिंहगढ़ मंडी, जीरापुर , सारंगपुर, ब्यावर, माचलपुर
  6. खरगौन में बडवाह,
  7. बैतूल में बैतूल मंडी
  8. हरदा में हरदा तथा टिमरनी मण्डी
  9. इंदौर में इंदौर मंडी, संयोगितागंज (छावनी) उप मंडी, महू, सांवेर गौतमपुरा मंडी
  10. धार में राजगढ़ तथा बदनावर मंडी
  11. खण्डवा में खण्डवा तथा पंधाना मंडी
  12. उज्जैन में उज्जैन , तराना , बडनगर, खाचरौद मंडी,
  13. देवास में देवास, सोनकच्छ , हाटपिपल्या मंडी
  14. नीमच में नीमच, मनसा मंडी
  15. शाजापुर में शाजापुर, शुजालपुर मंडी तथा पोलायकलां (अकोदिया), कालापीपल, मोहन बडोदिया
  16. आगर मालवा में सोयतकलां , आगर, सुसनेर मंडी
  17. मंदसौर में मन्दसौर, सीतामऊ मंडी
  18. रतलाम में रतलाम, जावरा सैलाना मंडी
  19. ग्वालियर में लश्कर, डबरा मंडी
  20. दतिया में दतिया मंडी
  21. गुना में गुना मंडी
  22. शिवपुरी में शिवपुरी, कोलारस मंडी
  23. भिण्ड में गोहद मंडी
  24. मुरैना में मुरैना, पोरस मंडी
  25. श्योपुर में श्योपुर मंडी
  26. सागर में सागर मंडी
  27. छिंदवाडा में छिंदवाडा मंडी
  28. नरसिंहपुर में गाडरवारा मंदी
  29. रीवा में रीवा मंडी
  30. सतना में सतना मंडी
  31. सिंगरौली में सिंगरौली मंडी
  32. अनुपपुर में अनुपपुर मंडी
  33. झाबुआ में पेटलावद तथा थांदला मंडी
  34. बडवानी में सेंघवा तथा राजपुर मंडी
  35. बुरहानपुर में बुरहानपुर कृषि उपज मंडी

यह सभी मंडियों में मध्य प्रदेश के पंजीकृत किसानों से प्याज खरीदा जायेगा |

विडियो :इस तरह सरकारी अनुदान पर बनवाएं प्याज भंडार गृह 

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किसानों के घरों पर बीज 80 प्रतिशत की सब्सिडी पर दिया जायेगा

किसानों प्रमाणित बीज 80% सब्सिडी पर दिए जाएंगे

खरीफ फसल की बुवाई के लिए अलग – अलग फसल के लिए खेत या नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी गई है | खरीफ फसल में एक महत्वपूर्ण फसल है धान | धान की बीज खरीदना शुरू कर दिया है | इसके लिए किसान दुकानों तथा सरकारी संस्थाओं से सम्पर्क करने लगे है | सरकारी संस्था से सभी किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो पाता है | जिसके कारण किसान बाजार के बीज पर निर्भर करता है |

बिहार राज्य सरकार ने किसानों को धान का बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश भर में बीज रथ को रवाना किया है | यह बीज रथ सभी जिलों में जायेगा | बिहार में कुल 38 जिले है इसलिए प्रत्येक जिले के लिए 38 रथ रवाना किया गए है | यह सभी रथ प्रखंड स्तर पर किसानों को सम्मलेन करेगा | जिससे किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए चयनित किया जायेगा और अगले दिन चयनित किसानों को धान का बीज उपलब्ध करा दिया जायेगा | प्रखंड स्तर पर सम्मेलन करने से पहले रथ को उस प्रखंड के सभी गांवों में 2 दिन पहले घुमाया जायेगा | ताकि किसानों के बीच इसका व्यापक प्रचार – प्रसार हो सके और किसानों की सहभागिता अधिक से अधिक सुनिश्चित हो सके |

इस सम्मेलन में किसानों को धान के साथ ही धान की खेती को प्रोत्साहन के लिए व्यापक स्तर पर जानकारी भी दिया जायेगा | खासकर श्री विधि से धान की खेती के साथ जीरो टिलेज एवं सीड ड्रिल के उपयोग के साथ साथ धान की सीधी बुवाई के बारे में जानकारी दिया जायेगा |

बीज 80 प्रतिशत की सब्सिडी पर दिया जायेगा 

खरीफ मौसम में तनावरोधी स्वर्णा सब -1 , सहभागी एवं सम्पदा धान किस्में में बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान पर कुल 25,000 क्विंटल बीज मिनी कीट के रूप में वितरित करने हेतु कुल 680 लाख रूपये की योजना का क्रियान्वयन किया जाना है | इसका मतलब यह हुआ की किसानों धान का जो बीज उपलब्ध कराया जायेगा उसमें 80 प्रतिशत तक का सब्सिडी रहेगी |

खरीफ फसल के बढ़ाबा देने के लिए एक और रथ रवाना किया गया है

किसानों में खरीफ फसल को बढ़ावा देने के लिए  अलग से एक रथ को रवाना किया गया है | यह रथ धान के बीज रथ के साथ ही चलेगा तथा यह भी प्रखंड स्तर पर किसानों का साथ में ही सम्मलेन करेगा | इस रथ खरीफ फसल में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विशेष रूप से चलाया गया है |

इसके साथ प्रदेश के 8,405 पंचायतों में चौपाल लगाया जायेगा | जिसमें कृषि के अलावा पशुपालन, मत्स्यपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई जायेगी |

इस राज्य में निर्मित कृषि यंत्रों पर अब 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी

राज्य में निर्मित कृषि यंत्रों पर सब्सिडी

कृषि विभाग राज्य में कृषि आधारित उधोग विशेषकर कृषि यंत्रों के निर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, ताकि राज्य के अन्दर वृहत  पैमाने पर कृषि यंत्र उधोग की स्थापना हो सके तथा रोजगार सृजन एवं गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्रों का निर्माण किया जा सके | बिहार राज्य के कृषि यंत्र  निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों पर अनुदान दर प्रतिशत तथा अनुदान दर के अधिकतम सीमा में 20 प्रतिशत वृद्धि कर किसानों को अनुदान का लाभ दिया जायेगा |

यदि कृषि यंत्र पर वर्तमान में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है तो यदि उस यंत्र का निर्माण राज्य के कृषि निर्माताओं द्वारा किया गया हो तो उस पर 70 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा | बिहार राज्य सरकार का उद्देश्य यह है कि राज्य के किसानों को राज्य के मिटटी एवं जलवायु तथा फसल पद्धति के अनुरूप यंत्र उपलब्ध हो सके | राज्य के अन्दर जो यंत्र निर्मित होंगे , वो यहाँ की परिस्थितियों एवं किसानों की आवश्यकताओं के ज्यादा अनुकूल होंगे |

कृषि यंत्र पेटेंट करवाने पर प्रोत्साहन

इसके लिए राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि यंत्र के निर्माण के संबंध में अधतन तकनीकी जानकारी कराने के उद्देश्य से निर्माताओं को ग्रुप बनाकर देश के अन्दर एवं अन्य देशों का एक्सपोजर विजिट कराये जाने हेतु 2 करोड़ रूपये का प्रस्तावित है |

यदि कोई मशीन पेटेन्ट कराया जाता है तो पेटेन्ट कराने के खर्च को सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति किये जाने एवं संबंधित कृषि यंत्र निर्माताओं को प्रोत्साहित राशि के रूप में 5 लाख रूपये दिए जाने का प्रस्ताव है जिसका भुगतान प्रशासनिक व्यय मद में उपलब्ध राशि से किया जायेगा | बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों के परीक्षण में लगने वाले शुल्क की शत – प्रतिशत राशि का प्रतिपूर्ति प्रशासनिक मद में उपलब्ध राशि से किये जाने का प्रस्ताव है |

निर्माताओं को बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने प्रतिष्ठान का जी.एस.टी. पंजीकरण एवं उधोग विभाग से उधोग आधार प्रमाण – पत्र प्राप्त करना होगा | इसके अतरिक्त विभाग द्वारा विस्तृत नियम एवं शरत तैयार किया जायेगा | जिसका अनुपालन राज्य के सभी कृषि यंत्र निर्माताओं को करना अनिवार्य होगा |

विडियो:1 सीजन में फूलों की खेती कर रहे किसानों की आय सुन कर चौक जाएंगे आप

फूलों की खेती कर रहे किसानों का दावा होती है इतनी कमाई

भारत में अधिकांश किसानों के पास बहुत कम जमीन बहुत कम हैं, कम क्षेत्र में भूमि करने वाले किसान खुद के लिए आनाज भी बहुत कम मात्रा में उपजा पाते हैं इतना ही नहीं वह खुद के गुजारे के लिए भी उत्पादन नहीं कर पाते हैं | अक्सर किसान सवाल करते हैं ऐसी कौन सी खेती करें जिससे आय अधिक हो ऐसे किसान इन फूलों की खेती कर रहे किसानों से सीख सकते हैं किस तरह कम क्षेत्र में भी लाखों रुपये की कमाई कर खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सकता है | विडियो में जाने कैसे यह किसान नौरंगा, गेंदा एवं डेज़ी जैसे फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहें हैं | किसान भाई पूरा विडियो देखें और समझे इन किसानों से फूलों की खेती का पूरा गणित | अधिक हवा के कारण कई बार विडियो में आवाज में दिक्कत है पर आप नीचे कमेंट में सवाल पूछ सकते हैं  | इस तरह के और विडियो के माध्यम से जानकारी पाने के लिए विडियो के नीचे दिए गए सब्सक्राइब बटन को दवाएं |

फूलों की खेती कर रहे किसानों का दावा

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सागर जिले के जैसीनगर ब्लाक में चैनपुरा ग्राम के यह किसान कई वर्षों से फूलों की खेती कर रहे हैं और अच्छी आय अर्जित कर रहें हैं | जैसीनगर ब्लॉक के S.H.D.O आर.के.मिश्रा . ने बताया की इन किसानों को पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के अंतर्गत किसानों को मुफ्त में गेंदे के बीज भी उपलब्ध कराये गए हैं जिससे लागत में कमी आई है और किसानों को फूलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहन भी मिला है |

फूलों की खेती का गणित 

खेती कर रहे इन किसानों में किसान देवी सिंग अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी में द्वितीय पुरुस्कार भी जीत चुके हैं उनका कहना है की वह जमना गलार्दिया/नौरंगा आधे एकड़ में लगते हैं जिससे उन्हें 4000 रुपये अआती है जिसमें वह 2000 रुपये के बीज लेते हैं बाकी अन्य २,000 रूपये का खर्च DAP खाद पर करते हैं  |इसके आलावा वह गोबर खाद का प्रयोग करते हैं | जिससे उन्हें 6 महीनों तक फूलों की उपज प्राप्त होती है जिसे वह रोजाना बेच कर आय प्राप्त करते हैं आवर उन्हें इससे 1 सीजन में लगभग 3 लाख रूपये की आय प्राप्त होती है