back to top
शनिवार, मई 18, 2024
होमकिसान समाचारसमर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए ऑफलाइन गिरदावरी कर तुरंत पंजीकरण...

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए ऑफलाइन गिरदावरी कर तुरंत पंजीकरण करा सकते हैं किसान

अभी देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदी का काम जोरों पर चल रहा है। ऐसे में गेहूं खरीद के सरकारी लक्ष्य को पूरा किया जा सके इसके लिए इस बार सरकार द्वारा गेहूं खरीद में किसानों को कई छूट दी गई है। साथ ही किसान आसानी से अपना पंजीयन कराकर एमएसपी पर गेहूं बेच सकें इसके लिए किसान पंजीकरण में भी छूट दी जा रही है। राजस्थान में अब किसान ऑफलाइन गिरदावरी प्राप्त कर तुरंत पंजीकरण करवा सकते है।

बता दें कि इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य यानि की एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जिसके उपर राज्य सरकार किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देगी। इस प्रकार किसानों को प्रति क्विंटल 2400 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस बार राजस्थान में किसानों को भारतीय खाद्य निगम द्वारा 48 घंटो से पहले ही उनके जन आधार लिंक खाते में गेहूं खरीद का भुगतान किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें   किसान अभी खेत में लगा सकते हैं यह फसलें, वैज्ञानिकों ने जारी की सलाह

किसान MSP पर गेहूं बेचने के लिए करा सकते हैं पंजीयन

राजस्थान में रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद का काम दिनांक 10 मार्च से शुरू हो चुका है जो कि दिनांक 30 जून तक अनवरत रूप से जारी रहेगा। इसके लिए सरकार द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया दिनांक 20 जनवरी से प्रारंभ कर दी गयी थी जो दिनांक 25 जून तक जारी रहेगी। अगर किसी किसान भाई ने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है तो हाथों हाथ अपना पंजीकरण करवा सकता है इसके लिए आवश्यक दस्तावेज लेकर किसान खरीद केंद्र पर जाकर तुरंत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इस काम में खरीद केंद्र पर पदस्थापित कर्मचारी आपकी पूरी मदद करेंगे।

गेहूं खरीद में दी गई छूट

बीते दिनों कई इलाकों मे पाला पड़ने व मावठ कम होने से दाने अपरिपक्व रह गए थे और फसल पकाई के समय हवा व तेज धूप के कारण गेंहू की चमक कम रही ऐसे मे किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने मे दिक्कत हो रही थी जिसको देखते हुए केंद्र के खाद्य मंत्रालय ने गेंहू के गुणवत्ता मापदण्डों मे छूट दी है। अपरिपक्व व टूटे सिकुड़े हुए दाने के गेंहू की अधिकतम सीमा 6 प्रतिशत निर्धारित थी जिसे अब 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है वहीं गेंहू की चमकहीन की सीमा 70 प्रतिशत तक कर दी गई है।

यह भी पढ़ें   तरबूज की खेती से किसान कमा रहे हैं लाखों रुपये का मुनाफा

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप