अनुदान पर करें सब्जी की खेती
खेती में हो रहे लगातार नुकसानी से किसान तो परेशान है ही सरकार भी यह सोच में है कि किसानों की आमदनी कैसे बढाई जाए | केंद्र सरकार ने पहले ही किसानों की आमदनी 2022 तक दुगना करने का लक्ष्य रखा है | सम्पूर्ण भारत में इसके लिए बहुत सी योजनायें चल रही हैं इसमें एक योजना है राष्ट्रीय कृषि विकास योजना |
इस योजना में बहुत से घटक शामील है इसमें से एक सब्जी उत्पादन हेतु किसानों को दिया जाने वाला अनुदान है | राज्यों की सरकार किसानों के लिए वहां की परिस्थिति को लेकर अनुदान में वृद्धि कर देती है वैसे तो इस योजना के अंतर्गत सम्पूर्ण भारत के किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है | परन्तु बिहार सरकार ने सब्जी की खेती को प्रोत्साहन करने के लिए 30.299 लाख आवंटित किया है एवं अनुदान की मात्रा 75 प्रतिशत कर दी है |
किन सब्जियों की खेती पर मिलेगा अनुदान
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 – 19 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत तम्बाकू की खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती के लिए सब्जी की खेती करने हेतु फसल विविधिकरण कार्यक्रम चलाया जायेगा | यह कार्यक्रम वैशाली, मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर जिलों में संचालित की जायेगी तथा इस जिलों के 112.84 हेक्टयर क्षेत्र में तम्बाकू के स्थान पर विभिन्न सब्जियों की खेती कराई जायेगी | इन जिलों में तम्बाकू की खेती के बदले गाजर, मुली, फूलगोभी, बंधागोभी, भिंडी, टमाटर, मिर्च, बैंगन, कद्दू, लौकी, करैला, ककड़ी, तुरई, मटर, प्याज आदि सब्जियों की खेती को प्रोत्साहन किया जायेगा |
प्रति हेक्टेयर अनुदान
भारत सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत संकर प्रभेद की सब्जी खेती की इकाई लागत 45,000 रु. प्रति हेक्टयर तथा खुला परागन प्रभेद की सब्जी खेती की इकाई लागत 30,000 रु. प्रति हेक्टयर निर्धारित किया गया है | इस योजना के तहत किसानों को संकर प्रभेद की सब्जी खेती करने के लिए लागत मूल्य का 75 प्रतिशत अधिकतम 33,750 रुपया प्रति हेक्टयर तथा खुला परागण प्रभेद की सब्जी खेती के लिए लागत मूल्य का 75 प्रतिशत अधिकतम 22,500 रुपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान दिया जायेगा | इस योजना का कार्यान्वयन जिला स्तर पर सहायक निदेशक, उधान द्वारा किया जायेगा | लाभुकों को अनुदान का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा |
इस योजना के लिए क्या पात्रता है ?
इस योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए
- किसानों को डी.बी.टी पर पंजीयन होना जरुरी है |
- लाभार्थी किसानों को चयन करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा की पिछले वर्ष किसान ने उस जमीं पर तम्बाकू की खेती किया था की नहीं |
- इस योजना के अंतर्गत चयनित लाभुक का चयन जैविक खेती योजना के अंतर्गत नहीं किया जायेगा |
इस योजना से राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाना चाहती है | जिससे कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सके |
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