इंदिरा किसान ज्योति योजना के तहत खेती-किसानी के लिए बिजली की दरें की गई आधी

किसानों के लिए इंदिरा किसान ज्योति योजना

खेती में सिंचाई का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है यदि किसानो के पास सिंचाई की सुविधा न हो तो किसान एक फसल भी अच्छे से नहीं ले सकते हैं | सिंचाई आदि कार्यों के लिए जरुरी है बिजली | जैसा की आज सरकारों का लक्ष्य है की किसानों की आय बढाई जाए एवं कृषि की लागत कम की जाए | सभी सरकारें इसी दिशा में काम कर रही हैं की किसी तरह किसानों की लागत कम कर उनकी आय में बढ़ोतरी की जाए | इस बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बिजली की दरों को आधा कर दिया है | इसके लिए राज्य सरकार ने इंदिरा किसान ज्योति योजना को सम्पूर्ण राज्य में लागू कर दिया है |

किसानों के लिए इंदिरा किसान ज्योति योजना

इंदिरा किसान ज्योति योजना में पूर्व प्रचलित कृषि पंप कनेक्शन के लिए देय 1400 रूपये प्रति एच.पी. प्रतिवर्ष के शुल्क को आधा करते हुए 10 एच.पी.तक के पंप उपभोक्ताओं को 700 रूपये प्रति एच.पी. प्रति वर्ष की दर से दो समान किश्तों में देय है। साथ ही 10 एच.पी.तक के मीटर युक्त स्थाई एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को भी ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। योजना में कृषक उपभोक्ता को 2 किश्तों में राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। योजना से 19 लाख 91 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना में 8 हजार 760 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जाएगी।

अनुसचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए मुफ्त में बिजली

इंदिरा किसान ज्योति योजना के अतिरिक्त एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 8 लाख अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 5 हार्स पॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिए नि:शुल्क बिजली दी जाएगी ।

इसके लिए सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये की वार्षिक सब्सिडी देगी। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घन्टे बिजली देने के समय के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार जिला योजना समिति को दिया गया है। सरकार ने खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए पात्रता नियमों में परिवर्तन कर पहले के 40 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत बकाया पर ट्रांसफार्मर बदलने की नीति लागू की है।

विद्युत दुर्घटना में पशु हानि पर आर्थिक सहायता

बिजली से दुर्घटना में जनहानि के साथ ही पशु हानि होने पर भी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों को लागू किया गया है। पिछले 10 माह में 88 प्रकरणों में 20 लाख 85 हजार रूपये की आर्थिक सहायता पशु मालिकों को दी गई है। बिजली कंपनियों में आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए समिति का गठन किया गया है।

बिजली सम्बंधित शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर

विद्युत सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए डायल 100 की तर्ज पर कॉल सेन्टर 1912 स्थापित किया गया है। विद्युत व्यवधान और बिल से संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए तीनों विधुत वितरण कंपनी द्वारा केन्द्रीय काल – सेंटर बनाए गए है |बिजली सम्बन्धी शिकायत हेतु  काल – सेंटर का टोल फ्री नंबर 1912 है | सेंटर में उपभोगता द्वारा शिकायत दर्ज कराने से निराकरण तक हर स्तर पर सतत मानिटरिंग की जा रही है | उपभोगता द्वारा 1912 पर शिकायत दर्ज करवाने पर उसे एसएमएस के जरिये शिकायत क्रमांक प्राप्त होगा | शिकायत एसएमएस के जरिए संबंधित बिजली सुधरने के विशेष वाहन चालक, लाइनमेन को भेजी जाती है |

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कृषि वैज्ञानिकों की सलाह: अभी के मौसम में यह किस्में लगाएं एवं खेती बाड़ी के यह काम करें किसान

मौसम आधारित कृषि सलाह

दिसम्बर का दूसरा सप्ताह शुरू हो गया है इसके साथ ही देश के उत्तरी भागों में ठंडक बढती जा रही है | इस मौसम में रबी फसल की बुआई हो चुकी है तथा कुछ फसल की बुआई चल रही है | ऐसे मौसम में किसानों को खेती किसानी एवं पशुपालन के लिए क्या करना चाहिए इसको लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए सलाह जारी की है | जो किसान बुआई कर रहें हैं इसमें बीजों का चयन महत्वपूर्ण हो जाता है | गेहूं की बुआई अभी ज्यादा मात्रा में बुवाई के लिए शेष है | राजेंद्र प्रसाद कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए अभी 3-4 दिनों हेतु यह कार्य करने की सलाह दी है |

इस सप्ताह मौसम का अनुमान :-

इस सप्ताह के दौरान आसमान में आंशिक बादल छायें रहेंगें | इस सप्ताह के दौरान वर्षा होने की संभावना नहीं है | न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता लगभग 60% और अधिकतम सापेक्षिक आद्रता लगभग 90% होने की संभावना है | न्यूनतम तापमान लगभग 12 डिग्री सेन्टीग्रेट और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेन्टीग्रेट होने की संभावना है |

राई की खेती हेतु किसान सलाह :-

राई की बुआई हो चुकी है पिछेती राई की बुआई के लिए किसान इन किस्मों कि बुवाई करें |

  • राजेन्द्र राई पिछेती
  • राजेन्द्र अनुकूल
  • राजेन्द्र सुफलाम

बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है और बाविस्टिन 50%, 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज उपचार के बाद बुआई करनी चाहिए | पौधे से पौधे की दुरी 15 से.मी. होनी चाहिए और पंक्ति से पंक्ति की दुरी 30 से.मी. होनी चाहिए तथा 8–10 टन गोबर की खाद और N.P.K. की मात्रा 80:40:40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपयोग करें |

मक्का की खेती कर रहे किसान क्या करें ?

आगामी सप्ताह में बारिश की संभावना नहीं है, इसलिए फसल की सिंचाई कर सकते हैं | बुआई के 20–25 दिन बाद प्रथम निराई एवं बुआई के 40–50 दिन बाद दूसरी निराई करने की सलाह दी जाती है | यदि जंगली घास का संक्रमन अधिक है तो एट्राजिन 500 ग्राम 200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें एवं निराई करने के बाद उर्वरक का उपयोग करें |

गेहूं की खेती के लिए यह काम करें :-

वर्तमान तापमान गेहूं की किस्में जैसे कि DBW 14, HD 2985, HI 1563, NW 2036, HW 2045, PBW 373, WR 544, HD 2643 और RAJ 3765 इत्यादी का चयन करें | शुष्क मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुये किसानों को सलाह दी जाती है कि वे शीघ्र बोई गई गेहूं की फसल की सिंचाई करें | (बुआई के 21 – 25 दिन बाद) | सिंचाई के 3 – 4 दिनों के बाद नाईट्रोजन की दूसरी खुराक का प्रयोग करें | दीमक को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफास 20% ई.सी. 3–4 मिली/ किलोग्राम बीज और 0.8 – 1.2 लीटर / एकड़ की दर से मिटटी में छिड़काव करें |

चने की खेती करने वाले किसान यह काम करें :-

इस समय चने की खेती के लिए किस्म की बुआई जैसे पीजी 186, पूसा – 362, पूसा – 372 की बुआई करनी चाहिए | पंक्ति से पंक्ति की दुरी 30 से 40 से.मी. तक होनी चाहिए | बीजोपचार के लिए बुवाई पूर्व सिंचाई करें | बीज आकार के आधार पर 95 से 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की दर एक हेक्टेयर के करें | बीज को 8 से 10 सेन्टीमीटर गहरा रखा जाना चाहिए क्योंकि उथल का उपचार बुआई से पहले 2.24 % थीरम या कर्बेन्डाजिम (बाविस्टिन) के साथ किया जाना चाहिए | डाई अमोनियम फास्फेट 100 किलोग्राम / हेक्टेयर के माध्यम से नाईट्रोजन और फास्फेट का उपयोग करें |

प्याज की खेती करने वाले किसान यह काम करें :-

रबी प्याज की रोपाई की सलाह दी जाती है | एग्रीफाउंड लाइट रेड (एलर), अर्का निकेतन, न-2-4-1, पूसा –रेड, भीमराज, नाशिक लाल किस्मों की रोपाई के लिए इत्यादी किस्मों की सलाह दी जाती है | पंक्ति से पंक्ति की दुरी 30 से.मी. तथा पौधा की दुरी 15 से.मी. तक होनी चाहिए | N.P.K. 120:100:60, 20 – 40 किलोग्राम / हेक्टेयर और गोबर की खाद 80 – 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपयोग करें | खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए रोपने के 1-2 दिनों के बाद पेंडीमाथलिन 3.0 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड्कावा करें |

पशुपालक यह कार्य करें :-

जानवरों में बाहरी परजीवियों को नियंत्रित करने के लिए , उन्हें ब्युटोक्स औषधि प्रदान करें | पशुओं को भोजन के साथ नमक दें और छाया में रखें | मवेशियों में गाँठ त्वचा रोग को नियंत्रित करने के लिए पशु चिकित्सकों से संपर्क रखें | कम तापमान के कारण रात में जानवरों को गर्म स्थानों पर रखें |

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बारिश एवं ओले से किसानों की फसल बर्बाद, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश, किसानों को दी जाएगी राहत

बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसल हुई ख़राब

देश में मौसम ने जो करवट ली है वह किसानों के लिए मुसीबत बन गई है | इस वर्ष पहले ही अधिक बारिश एवं सूखे से किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है | अब दोबारा से बारिश के साथ हो रही ओलावृष्टि किसानों के मुसीबत बन गई है |पिछले दो दिन से देश के कई इलाकों में बेमौसम बारिश और ओले पड़ने से फसलों को नुकसान पहुंचा है |  

बारिश एवं ओले से किसानों की फसल हुई बर्बाद

शुक्रवार देर रात तक दिल्ली- एनसीआर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के कई इलाकों में भारी बारिश हुई | कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे हैं | इससे पहले गुरुवार को भी कई राज्यों में बारिश हुई थी बारिश और ओले से उत्तर प्रदेश में जहां आलू की तैयार फसल को भारी नुकसान की आशंका है | वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में ओलावृष्टि से चना और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है | हालांकि, जहां सिर्फ बारिश हुई है, वहां फसलों को फायदे की उम्मीद भी जताई गई है | पर जहाँ ओले ओले गिरे हैं वहां फसलों को नुकसान पहुंचा है |

मध्य प्रदेश के देवास, होशंगाबाद समेत कई जिलों में ओले गिरे हैं वहीँ राजस्थान के नागौर, जालौर, बीकानेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर और अलवर, समेत कई इलाकों में तेज बारिश के साथ ओले भी पड़े | ओले पड़ने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है | यहाँ तक की राजस्थान के कई जिलों में ओले की सफ़ेद चादर सी बन गई | राज्य के कुछ इलाकों में सरसों, गेहूं, चना और जौ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है |

मुख्यमंत्री ने कहा सरकार किसानों के साथ “नुकसानी के सर्वे के दिए आदेश”

वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट करके ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का आंकलन करके उन्हे मुआवजा देने का भरोसा दिया है | उन्होने कहा है कि, ” प्रदेश के कई हिस्सों में कल अचानक हुई बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की जानकारी मिली. किसान भाई चिंतित न हों, सरकार संकट की इस घड़ी में आपके साथ है | हरसंभव मदद की जाएगी, प्रशासन को नुकसान के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं”.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नुकसान का आंकलन कर किसानों की मदद करने का भरोसा दिया है | उन्होने ट्वीट करके कहा है कि, “मुख्य सचिव और अतिरिक्त सचिव के साथ बैठक में तुरंत सर्वे कर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं” | उत्तर प्रदेश में बारिश और ओले पड़ने से आलू की फसल को भारी नुकसान की आशंका है. आगरा और फरुखाबाद क्षेत्र में बारिश और ओले से आलू के साथ सरसों, गेहूं और चने की फसल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है|

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17 दिसम्बर को यहाँ आयोजित किया जा रहा है किसान सम्मलेन

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किसान सम्मलेन 2019

कई राज्यों में सरकार बने हुये एक वर्ष पूरा हो गया है इसको लेकर राज्य सरकार उत्सव मनाने की तैयारी में हैं | जिसमें प्रदेश कि जनता को सरकार कि एक वर्ष की उपलब्धी बताई जाएगी | देश तथा प्रदेश में किसानों कि संख्या अधिक रहने के कारण सम्मेलन किसान के नाम पर किया जा रहा है | राजस्थान सरकार प्रदेश में किसान सम्मेलन का आयोजन कर रही है | इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है | इस किसान सम्मेलन में 30 हजार किसानों के आने की उम्मीद है | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के मुख्य अतिथि में आयोजित होने वाले इस किसान सम्मेलन में प्रदेश भर करीब 30 हजार काश्तकार भाग लेंगे |

किसानों के लिए यह योजनाएं की जाएँगी शुरू

इस मेले में बजट घोषणा के अनुरूप कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम का उदघाटन के साथ राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन निति – 2019 का लोकार्पण भी किया जाएगा | सम्मेलन में फिल्म प्रदर्शन एवं योजनाओं के लाभार्थी को लाभ वितरित किया जाएगा | 

किसान सम्मलेन का आयोजन कब एवं कहाँ किया जाना है ?

राजस्थान में सरकार बनने के उपलक्ष्य में राज्य सरकार के द्वारा 17 दिसम्बर को राजस्थान कि राजधानी जयपुर के  विद्याधर नगर स्टेडियम में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा |

लगातार 3 दिन तक चलेंगे कार्यक्रम

एक साल पुरे होने के उपलक्ष्य में 17 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक लगातार 3 दिन तक कार्यक्रम चलेंगे | इन तीन दिनों में कई योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा | किसान सम्मलेन में कई प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी | जिसमें कृषि विभाग की योजनाओं और खेती में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकों को सरल रूप में दर्शाएं ताकि काश्तकार ज्यादा से ज्यादा से जानकारी लेकर उसे अपने खेत में अपनाकर लाभान्वित हो सकें किसानों के लिए पेय जल तथा भोजन कि व्यवस्था किया गया है |

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किसानों को जल्द दी जाएगी सोलर पम्प की सब्सिडी

सब्सिडी पर सोलर पम्प की स्थापना

देश में सभी को साफ़ उर्जा मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा सौर उर्जा एवं पवन उर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है | इसमें भी सभी किसानों को हर समय साफ़ उर्जा (बिजली) मिल सके इसके लिए किसानों को सोलर पम्प सब्सिडी पर उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं ताकि किसान डीजल पम्प की जगह सौर उर्जा का प्रयोग कर अपने खेतों की सिंचाई कर सके |

केंद्र सरकार तथा देश की अन्य राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी पर सोलर पम्प देती है | सोलर पम्प तथा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने कुसुम योजना की शुरुआत की थी | इसी तरह के अन्य राज्य भी किसानों के लिए सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए योजना लेकर आती है या फिर केंद्र सरकार की योजना में ही राज्य अपने तरफ से सब्सिडी को बढ़ाकर किसानों को दे देती है |

15,000  सोलर पम्प स्थापना का है लक्ष्य

उत्तर प्रदेश राज्य के सभी जिलों में वर्ष 2019–20 में योजना के तहत 15,000 सोलर पम्प सब्सिडी पर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | इसके लिए किसानों द्वारा पहले आवेदन किये जा चुके हैं परन्तु राज्य सरकार को अभी तक किसानों के खेतों में सोलर पम्प लगाने के लिए सब्सिडी की राशि नहीं दी गई है | इसी उद्देश्य से राज्य के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री राकेश कुमार सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की है |

उन्होंने ने केंद्रीय मंत्री से राज्य के लिए 8,000 सोलर पम्प लगाने के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है | उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया है कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार वर्ष 2019 – 20 में 15,000 सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य रखा था | इसलिए इसके सापेक्ष कम से कम 8,000 सोलर पम्प की स्थापना करने हेतु धनराशि निर्गत कर दी जाए | जिससे सोलर पम्प की स्थापना में तेजी लाई जा सके | इस पर केन्द्रीय उर्जा राज्यमंत्री ने समय से धनराशि उपलब्ध करने का आश्वासन दिया है |

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फसल बीमा योजना में किसानों से प्राप्त प्रीमियम में से 81% प्रतिशत दावों का भुगतान किया गया

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के दावों का भुगतान

बीमा कंपनियों को प्राप्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कुल प्रीमियम में से 81% प्रतिशत राशि का भुगतान किया गया है | जी हाँ यह कहना है देश के कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंग तोमर का | केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में विभिन्न कारणों से फसल के नुकसान और किसानों पर इसके प्रभाव पर लोकसभा में चर्चा कर रहे थे | चर्चा के दौरान उन्होंने देश के किसानों की स्थिति के विषय में जानकारी दी साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाये गए क़दमों के बारे में भी सदन को बताया |

मंत्री श्री तोमर ने मौसम परिवर्तन एवं अन्य कारणों से हो रहे नुकसान के बारे में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी साथ ही उन्होंने अधिक बारिश एवं सूखे से किसानों की जो फसलें ख़राब हुई है उसकी जानकारी दी है | उन्होंने कहा है की 1 जून 2019 से 14 नवम्बर 2019 तक जो बैमौसम वर्षा से हुई क्षति से उभरने हेतु सरकार द्वारा एनडीआरएफ के माध्यम से प्रभावित राज्यों कुल 1086 करोड़ रूपये की सहायता दी गयी है।

फसल बीमा राशि में कुल दावों का भुगतान

श्री तोमर के अनुसार प्रथम 2 वर्षों (2016-17 एवं 2017-18) के अधिकांश बीमा दावों की गणना की जा चुकी हैं एवं भुगतान किया जा चुका है। सभी बीमा कंपनियों द्वारा कुल प्राप्त प्रीमियम राशि रू 47,353 के विरुद्ध रू 38,499 की बीमा राशि देय है। जो कुल प्राप्त प्रीमियम के विरुद्ध बीमा राशि के अनुपात में 81% है। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियों को सभी देय दावों का भुगतान राज्य सरकार से फसल आकड़े प्राप्त होने से 30 दिन के अन्दर दावा भुगतान करना आवश्यक है। इससे देरी होने पर 12% ब्याज दर से दण्ड के रूप में भुगतान किया जाएगा।

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सब्जियों की खेती का सोच रहें हैं तो आयें 17 से 19 दिसम्बर को सब्जी प्रदर्शनी सह प्रतयोगिता में

सब्जी प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता

किसानों के लिए सब्जी आय का स्रोत हैं लेकिन अभी भी इसका उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं हो पा रहा है जिसमें कुछ सब्जियां ऐसी हैं जिनका उत्पादन बहुत कम है जैसे मशरूम की खेती | इसलिए सरकारें अब शहरी क्षेत्रों में भी सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देना चाह रही है | सरकार द्वारा इसके लिए घर की छतों पर गमलों में सब्जियां लगाने के लिए जन सामान्य को प्रोत्साहित कर रही है | इसी को ध्यान में रखते हुये बिहार सरकार कृषि विभाग राज्य स्तरीय सब्जी प्रदर्शनी करने जा रही है | इस प्रदर्शनी में शहरों में सब्जी की खेती तथा गमलों में सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा  |

सब्जी प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का उद्देश्य

बिहार कृषि विभाग सब्जी कृषकों एवं व्यापारियों को गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना एवं उधान में आये नवीनतम आयाम को प्रतियोगिता के माध्यम से अवगत कराना अल्प प्रचलित सब्जियों को खरीदने एवं एवं उसका उत्पादन करने हेतु प्रेरित करना, बेमौसमी सब्जी फसल उत्पादन तकनीक, छत एवं सब्जी की बागवानी, सब्जियों में बीमारी रोकथाम जैसे विषयों पर किसानों को बहुमूल्य जानकारी देना, मशरूम के उत्पादन को बढ़ावा एवं योजना की जानकारी देना तथा सब्जी के बायर – सेलर (खरीदने और बेचने) मिट कार्यक्रम के माध्यम से राज्य उत्पादित सब्जियों का बिहार के बहार मार्केट लिंक एवं एक्सपोर्ट का प्रोत्साहित करना है |

इस प्रतियोगिता में किस सब्जी को शामिल किया जायेगा ?

बिहार राज्य स्तरीय सब्जी प्रदर्शनी प्रतियोगिता में सामन्य रूप से उत्पादित विभिन्न चिन्हित सब्जियों का प्रदर्शनी,

  • छत पर उगायी जाने वाली सब्जी का प्रदर्शनी
  • जैविक विधि से उत्पादित सब्जी का प्रदर्शनी
  • गमला / पॉट में सब्जी उत्पादन की प्रदर्शनी
  • ओयस्टर एवं बटन मशरूम का जीवंत प्रदर्शनी एवं मशरूम से निर्मित व्यंजनों का प्रदर्शनी एवं बिक्री
  • ओपन पोलिनेटेड
  • हाईब्रिड एवं एक्सोटिक विजिटेबल का आकर्षक प्रदर्शन
  • विभिन्न प्रकार के सब्जियों के बीज या बिचड़ा का बिक्री स्टाक लगाया जायेगा |

इसके अलावा बिहार कृषि विश्वविध्यालय सबौर, भागलपुर, सेंटर आफ एक्सोटिक (सब्जी) चण्डी, नालंदा उधानिक यंत्रों का बिक्री का स्टाक शीत अन्य कई गतिविधियां को प्रदर्शित किया जाएगा |

सब्जी सह प्रदर्शनी कब और कहाँ आयोजित होगी ?

सब्जी प्रदर्शनी का आयोजन कृषि विभाग बिहार बागवानी विकास सोसायटी द्वारा 17 से 19 जनवरी 2020 तक राज्यस्तरीय सब्जी प्रदर्शनी  प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा |यह प्रदर्शनी का आयोजन सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र , ज्ञान भवन पटना में किया जायेगा |

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मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी इन जगहों पर आंधी बारिश के साथ हो सकती है ओलावृष्टि

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आने वाले दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान

मानसूनी बारिश के बाद एक बार फिर से देश के मौसम ने करवट ले ली है | उत्तर भारत में इसका आसार साफ देखा जा सकता हैं | इस समय मौसम में होने वाला यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ के कारण है | उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर पर पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान पर बने सर्कुलेशन के कारण उत्तर भारत में मौसम बदला है। अनुमान के मुताबिक राजस्थान, मध्यप्रदेश पंजाब और हरियाणा के अधिकांश ज़िले इस बदलाव से प्रभावित होंगे। इन जगहों पर बारिश के साथ ओले गिरने की सम्भावना बनी हुई है |  किसान समाधान आपके लिए आने वाले दिनों में राज्यवार एवं जिले वार मौसम की जानकारी लेकर आया है |

जहाँ राजस्थान में बीकानेर के नोखा तहसील में दोपहर में तेज बरसात के साथ करीब 15 मिनट तक जमकर ओले गिरे हैं। संभाग में हल्की बारिश व सर्द हवा से ठिठुरन बढ़ गई है। बीकानेर जिले में सुबह हल्की बरसात शुरू हुई जो दोपहर तक रुक-रुक कर जारी रही। बीकानेर जिले में कई स्थानों पर बरसात से फसल खराब हो गई। बारिश से मंडी में रखा धान भीग गया। इससे किसान मायूस हो गए।

देश के इन राज्यों के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मध्यप्रदेश राज्य में बारिश एवं ओलावृष्टि की सम्भावना

राज्य के कई जिलों में गरज चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना हैं मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए चेतावनी जारी की है | इसके अनुसार भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर, गुना ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बेतुल, हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में गरज चमक के साथ बारिशी की सम्भावना है | कई जिलों में यह मौसम आने वाले दिनों में देखा जा सकता है |

राजस्थान राज्य के इन जिलों में बारिश एवं ओलावृष्टि की सम्भावना

राज्य के कई जिलों में आने वाले दिनों में बारिश एवं ओलावृष्टि की सम्भावना है मौसम विभाग जयपुर के अनुसार अजमेर,अलवर, बरन भरतपुर, भीलवाडा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, पाली जिलों में आने वाले 2, 3 दिनों तक गंभीर मौसम रहने का अनुमान है राज्य के इन जिलों में गरज चमक के साथ बारिश के आलवा ओलावृष्टि की भी संभावना बनी हुई है |

हरियाणा एवं पंजाब राज्य में मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विभाग चंडीगढ़ स्थित मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार आने वाले दिनों में पंजाब एवं हरियाणा के सभी जिलों में आंधी के साथ बारिश एवं ओले गिरने की सम्भावना है और आने वाले 2 दिनों तक मौसम गंभीर राह सकता है |

दिल्ली, उत्तरप्रदेश एवं बिहार राज्य

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर वर्षा/गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर वर्षा/गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है| मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है|

वहीँ बिहार राज्य के पटना स्थित मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार वेस्ट चंपारण, सिवान,सरन, ईस्ट चमपरण, गोप्लागंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज्ज़फरपुर, दरभंगा, वैशाली, समस्तीपुर, शिवहर, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, पटना गया, नालंदा, शेखपुरा, बेगुसराय, लखीसराय एवं नवादा जिलों में कहीं-कहीं आंधी के साथ बारिश हो सकती है | वहीँ दिल्ली एवं उससे सटे इलाकों में भी बारिश की सम्भावना बनी हुई है |

किसान समाधान वर्तमान मौसम की परिस्थितियों को देखकर किसानों से अनुरोध करता है की किसान अपनी फसल को ढक कर रखें यदि उंकी फसल को कटाई के तुरंत बाद नुकसान होता है तो फसल बीमा कम्पनी को तुरंत सूचित करें |

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किसानों से 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी जाएगी, सरकार ने जारी किये नए नियम

धान की सरकारी खरीदी हेतु नए नियम

किसानों से धान की खरीदी शुरू कर दिया गया है | इस वर्ष धान का भाव 1815 रूपये प्रति क्विंटल तथा 1835 रूपये प्रति क्विंटल है | इसी आधार पर धान की खरीदी की जा रही है | लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य सरकार राज्य किसानों से 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी कर रही है | जिसमें 1815 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा 685 रुपये प्रति क्विंटल योजना बनाकर बोनस दिया जायेगा |

इसी को ध्यान में रखते हुये किसानों में धान बेचने के लिए उत्साह बना हुआ था लेकिन राज्य सरकार ने किसानों से धान खरीदी के लिए नये नियम लगा दिए थे जिसे अब शिथिल कर दिया गया है | किसान समाधान पुराने नियम तथा नये नियम की जानकारी लेकर आया है |

धान खरीदी हेतु नया आदेश क्या है ?

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के नये आदेश के अनुसार खाध विभाग द्वार किसानों का शत–प्रतिशत धान सुविधाजनक रूप से खरीदने के लिए लिमिट की व्यवस्था को शिथिल कर दिया है | अब समितियां अपनी सुविधा और काँटा तराजू व मानव श्रम की उपलब्धता के अनुसार किसानों से प्रतिदिन ज्यादा मात्रा में धान खरीदेगी | मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को लघु एवं सीमांत किसानों का धान प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर खरीदने के लिए आवश्यक करवाई करने के निर्देश दिए हैं | मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीमांत और छोटे किसानों को धान बेचने के लिए बार – बार खरीदी केन्द्रों में न आना पड़े |

राज्य के किसानों का 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से पूरा धान ख़रीदा जाए | जरूरत पड़ी तो धान खरीदी का समय और खरीदी किस्तों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी | खाध विभाग के सचिव ने बताया कि सभी धान खरीदी केन्द्रों का नियमित निरिक्षण किया जा रहा है | धान खरीदी का भुगतान ऑनलाइन हो रहा है और अब तक ग्यारह सौ करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान किसानों को किया जा चूका है |

पुराना नियम क्या है ?

सालों से यह व्यवस्था थी कि एक किसान के पास दो एकड़ खेत है तो वह 29 क्विंटल 60 किलो धान बेच सकता है  यानि 74 बोरा धान बेचेगा | किसान इसी हिसाब से पंजीयन के दौरान अपना रकबा सॉफ्टवेर में दर्ज करवाते आ रहे हैं | जब टोकन वितरण हुआ तो उसकी फसल की मिंजाई चल रही थी इसलिए उसने टोकन 50 बोरा धान बेचने का लिया | बाकि धान अपने खाने के लिए रखा | इस टोकन लेने के बाद किसान को 62 बोरा धान बेच सकता है |

पिछले बुधवार को सरकार ने किसानों से धान बेचने का नया नियम बना दिया था | सरकार ने किसानों धान बेचने का पंजीयन के दौरान साफ्टवेयर में उनका रकबा दर्ज क्या है | यानि एक किसान का रकबा 3 एकड़ है और उसने धान तय लिमिट के हिसाब से कम बेचा | उसके बाद भी किसानों का धान ज्यादा नहीं खरीदनी है | नए आदेश के बाद साफ्टवेयर में पुराने सिस्टम को शाम से बंद कर दिया गया है  |

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार हर हाल में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से धान की खरीदी करेगी, इसके लिए चाहे धान खरीदी का समय बढ़ना पड़े या धान खरीदी किश्तों की संख्या। मान लीजिए तीन फेरी में या पांच फेरी में जमा करना है, तो यदि आवश्यकता पड़ती है तो इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। समितियां अपने यहां कांटा बाट, हमालों की संख्या आदि क्षमता के अनुसार धान खरीदी सुनिश्चित करेंगी।

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मंडी में ही किसानों को किया जा सकेगा 2 लाख रुपये तक का भुगतान

किसानों को मंडी में उपज बेचने पर भुगतान

खरीफ फसल की कटाई हो गई है या फिर कुछ राज्यों में चल रही है | इसके लिए किसानों से पंजीयन करवा लिए गए है | किसान ने अपनी फसल को मंडी में लेकर जाना शुरू भी कर दिया है लेकिन एक बड़ी समस्या यह रहती है कि फसल उपज को बेचने पर किसानों का भुगतान जल्द नहीं हो पाता है | जिसके कारण किसानों को उपज बेचने पर भी पैसे से मोहताज रहना पड़ता है | इसका मुख्य कारण यह है कि व्यापारी को बैंक से उतना पैसा नहीं मिलता है जितना की उसे प्रतिदिन खरीदी होती है |

व्यापारी किसानों को पैसे का बहाना बनाकर ऑनलाइन या चेक से पैसा देने में बहुत समय लगा देते है | जिससे किसानों के बहुत से काम रुक जाते हैं | कभी – कभी मंडी में विवाद की स्थिति बन जाती है |इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने किसानों को जल्द भुगतान हो सके इसके लिए प्रावधान किया है |

अब किसानों को 2 लाख रूपये की भुगतान किया जा सकेगा

इसी समस्या के निदान के लिए मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने किसानों के भुगतान की सीमा को 2 लाख कर दिया है | राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों को उनकी उपज बेचने पर 2 लाख रूपये तक के नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है | बैंकों से एक करोड़ रूपये से अधिक नगद आहरण पर टीडीएस कटौती के आयकर प्रावधानों से मंडियों में नगद भुगतान कठिनाई आई तो तुरन्त भारत सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया |

राज्य की मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जायेगा

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के दिवतीय चरण में राज्य सरकार द्वारा 25 कृषि उपज मंडियों को ई – नाम योजना से जोड़ा गया है | मंडी बोर्ड द्वारा 16 अगस्त 2019 से प्रदेश की सभी मंडियों में एक साथ ई – अनुज्ञा प्रणाली लागू कर 4 लाख से ज्यादा ई – अनुज्ञा जारी किये गए हैं | इससे मंडी व्यापारियों का समय बचा है | प्रदेश में 27 मंडी प्रांगन में सोलर एनर्जी प्लांट भी स्थापित किये गए है |

किसानों को दिलाया जाएगा सही दाम

किसान मंडी में अपनी फसल को लागत मूल्य से भी कम मूल्य पर बेचते हैं | जिसके कारण किसान लगातार घाटे में चले जाते हैं | इसके लिए किसानों को लागत मूल्य को लेकर सरकार से सवाल रहता है | इसी को ध्यान में रखते हुये मध्यप्रदेश सरकार ने कृषकों को मंडी प्रांगण में संतुष्टि अनुरूप मूल्य प्राप्त नहीं होने पर चार माह की नि:शुल्क सुविधा और 80 प्रतिशत राशि कृषि उपज का भुगतान करने के लिए कोलेटेरल मैनेजमेंट एजेंसिस के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है |

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