फसल नुकसान का मुआवजा
इस वर्ष अधिक बारिश एवं बाढ़ से किसानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है, बारिश से खरीफ फसलों को बहुत अधिक मात्रा में नुकसान पहुंचा है | मानसून अब देश से वापस लौट चूका है एवं किसानों की फसलें खेत में तैयार हो चुकी है परन्तु अभी तक किसान मुआबजे का इन्तजार कर रहे हैं | प्रदेश में अभी तक सर्वे का कार्य चल रहा था जो अब पूरा हो गया है और रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है |
मुख्यमंत्री ने तत्काल मदद की मांग की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की। श्री कमल नाथ ने केन्द्रीय गृह मंत्री को प्रदेश में पिछले दिनों अति-वृष्टि के कारण कई जिलों में आई बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी । मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और अन्य प्रभावितों को तत्काल मदद दिए जाने के लिए केन्द्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से शीघ्र ही 6621.28 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी करे।
ज्ञापन में बताया कि बाढ़ के कारण 55 लाख से अधिक किसान और आम आदमी प्रभावित हुए हैं। अधोसंरचना को भी भारी नुकसान पहुँचा है। श्री कमल नाथ ने बताया कि राज्य में सामान्य से 46 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है। प्रदेश के 52 में से 20 जिलों में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। किसानों की सभी फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र से प्रदेश में भारी वर्षा के कारण आई त्रासदी को गंभीर आपदा की श्रेणी में रखने की माँग की।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में 4 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भी अति-वृष्टि और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का ब्यौरा दिया था। श्री कमल नाथ के आग्रह पर प्रधानमंत्री ने अति-वृष्टि से हुए नुकसान का केन्द्रीय अध्ययन दल से फिर से आकलन करवाया। अध्ययन दल ने 14 से 16 अक्टूबर के बीच प्रदेश के 16 जिलों में हुए नुकसान का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंप दी है। आकलन होने के बाद अब केन्द्र सरकार तत्काल राज्य सरकार को राहत राशि दे ताकि सभी प्रभावितों, विशेषकर किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।