किसानों के लिए इंदिरा किसान ज्योति योजना
खेती में सिंचाई का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है यदि किसानो के पास सिंचाई की सुविधा न हो तो किसान एक फसल भी अच्छे से नहीं ले सकते हैं | सिंचाई आदि कार्यों के लिए जरुरी है बिजली | जैसा की आज सरकारों का लक्ष्य है की किसानों की आय बढाई जाए एवं कृषि की लागत कम की जाए | सभी सरकारें इसी दिशा में काम कर रही हैं की किसी तरह किसानों की लागत कम कर उनकी आय में बढ़ोतरी की जाए | इस बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बिजली की दरों को आधा कर दिया है | इसके लिए राज्य सरकार ने इंदिरा किसान ज्योति योजना को सम्पूर्ण राज्य में लागू कर दिया है |
किसानों के लिए इंदिरा किसान ज्योति योजना
इंदिरा किसान ज्योति योजना में पूर्व प्रचलित कृषि पंप कनेक्शन के लिए देय 1400 रूपये प्रति एच.पी. प्रतिवर्ष के शुल्क को आधा करते हुए 10 एच.पी.तक के पंप उपभोक्ताओं को 700 रूपये प्रति एच.पी. प्रति वर्ष की दर से दो समान किश्तों में देय है। साथ ही 10 एच.पी.तक के मीटर युक्त स्थाई एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को भी ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। योजना में कृषक उपभोक्ता को 2 किश्तों में राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। योजना से 19 लाख 91 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना में 8 हजार 760 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जाएगी।
अनुसचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए मुफ्त में बिजली
इंदिरा किसान ज्योति योजना के अतिरिक्त एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 8 लाख अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 5 हार्स पॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिए नि:शुल्क बिजली दी जाएगी ।
इसके लिए सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये की वार्षिक सब्सिडी देगी। किसानों को सिंचाई के लिए 10 घन्टे बिजली देने के समय के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार जिला योजना समिति को दिया गया है। सरकार ने खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए पात्रता नियमों में परिवर्तन कर पहले के 40 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत बकाया पर ट्रांसफार्मर बदलने की नीति लागू की है।
विद्युत दुर्घटना में पशु हानि पर आर्थिक सहायता
बिजली से दुर्घटना में जनहानि के साथ ही पशु हानि होने पर भी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों को लागू किया गया है। पिछले 10 माह में 88 प्रकरणों में 20 लाख 85 हजार रूपये की आर्थिक सहायता पशु मालिकों को दी गई है। बिजली कंपनियों में आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए समिति का गठन किया गया है।
बिजली सम्बंधित शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर
विद्युत सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए डायल 100 की तर्ज पर कॉल सेन्टर 1912 स्थापित किया गया है। विद्युत व्यवधान और बिल से संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए तीनों विधुत वितरण कंपनी द्वारा केन्द्रीय काल – सेंटर बनाए गए है |बिजली सम्बन्धी शिकायत हेतु काल – सेंटर का टोल फ्री नंबर 1912 है | सेंटर में उपभोगता द्वारा शिकायत दर्ज कराने से निराकरण तक हर स्तर पर सतत मानिटरिंग की जा रही है | उपभोगता द्वारा 1912 पर शिकायत दर्ज करवाने पर उसे एसएमएस के जरिये शिकायत क्रमांक प्राप्त होगा | शिकायत एसएमएस के जरिए संबंधित बिजली सुधरने के विशेष वाहन चालक, लाइनमेन को भेजी जाती है |