जिन किसानों को अभी तक पीएम किसान योजना का पैसा नहीं मिला है वह करें यह कार्य

पीएम किसान योजना का पैसा नहीं आया तो यह कार्य करें

https://youtu.be/18Jpw1ZvlA4
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आवेदन कैसे करें

पीएम किसान योजना को लागु हुये 8 माह हो गए हैं लेकिन अभी तक बहुत किसानों को एक भी किश्त नहीं मिल पाई है | जबकि किसानों के द्वारा बहुत पहले ही आवेदन कर दिया है | कुछ किसनों ने तो 6 माह से ज्यादा आवेदन किये हुये हो गए हैं इसके बाबजूद भी एक भी किश्त नहीं आई है | अभी देश के लगभग 6.50 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 21 हजार करोड़ रु से अधिक राशि दी जा चुकी है और लगभग अभी इतने ही किसानों को कोई भी राशि नहीं दी गई है |

ताजा जानकारी के अनुसार किसानों के द्वारा आवेदन में बहुत सारी गलतियाँ की गई है | इसमें सबसे ज्यादा गलती बैंक एकाउंट में हुई है | केवल बिहार राज्य में ही 2 लाख 87 हजार 8 सौ 92 किसानों के आवेदन में गलतियाँ पायी गई है | केंद्र सरकार के द्वारा इन सभी आवेदन को लौटा दिया है | लौटाए गए सभी आवेदन को फिर से गलतियाँ को सुधार कर भेजना होगा | किसान समाधान आवेदन को किस तरह सुधार जाय इसकी जानकारी लेकर आया है |

किसान क्या करें ?

राजस्थान एवं अन्य जिन राज्यों में किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किये हैं वह किसान ऑनलाइन ई-मित्र पर जाकर सुधार करवा सकते हैं एवं जिन किसानों के ऑफ लाइन आवेदन पटवारी, लेखपाल अथवा कृषि सहायक के माध्यम से आवेदन किये हैं वह किसान जिला कृषि विभाग में जाकर आवेदन में सुधार करवा सकते हैं |

किसान सम्मान निधि योजना के आवेदन में क्या गलती है ?

केंद्र सरकार के द्वारा 2,87,892 किसानों की लौटायी गई आवेदन में बैंक का नाम, IFSC एवं खाता संख्या का गलत होना, आवेदन में आवेदन कर्ता नाम, बैंक खाता में दिए गए नाम के अनुरूप नहीं होना, आवेदन में दिए गया बैंक खाता की संख्या सक्रिय नहीं होना, किसान द्वारा दिए गए बैंक खाता, बचत खाता या जन – धन खाता नहीं होना तथा आवेदन में दिए गए बैंक खाता आधार से नहीं जुडा होना है |

यहाँ सूचि कहाँ देख सकते हैं ?

सभी किसानों की सूचि कृषि विभाग के वेबसाईट पर दिये गए लिंक डी.बी.टी. पोर्टल पर जाकर या https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन की स्थिति जाने / आवेदन प्रिंट करें मेनू के अन्दर PM – KISAN अस्वीकृत आवेदन सूचि नाम से उपलब्ध है | इस लिंक से जिलावार एवं प्रखंडवार किसानों की सूचि प्राप्त की जा सकती है |

किसान क्या करें ?

जिन किसान भाई – बहनों का आवेदन इस सूचि शामिल है, वे कृषि विभाग के वेबसाईट पर दिए गए लिंक डी.बी.टी. पोर्टल एवं https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर विवरण संशोधन करें मेनू के अन्दर PM – kisan में त्रुटि सुधार में जाकर अपने आवेदन में आवेश्य्क सुधार कर सकते हैं | आवश्यक बदलाव किसान द्वारा स्वयं या CSC / वसुधा केंद्र से किया जा सकता है | इसके लिए आधार सत्यापन अनिवार्य है | इसमें आवश्यकतानुसार कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार से भी मदद ले सकते हैं |

बिहार राज्य में अभी तक 59.23 लाख किसानों द्वारा इस योजना के अंतर्गत आवेदन किये गए हैं | कृषि विभाग द्वारा पी.एम. किसान पोर्टल पर 43 लाख से अधिक किसानों का आवेदन अपलोड किया जा चूका है | भारत सरकार द्वारा आज तक लाभ 995 करोड़ रूपये किसानों के खाते में हस्तान्तरित किया जा चूका है |  

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आवेदन की गलतियाँ सुधारने के लिए क्लिक करें 

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1 अक्टूबर से किसान समर्थन मूल्य पर यहाँ बेच सकेगें धान

धान की सरकारी खरीद

केंद्र सरकार के द्वारा इस वर्ष धान के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल समूह ने मंजूरी दे दी है | इसके तहत वर्ष 2019 – 20 के लिए कामन श्रेणी के धान हेतु 1815 रूपये प्रति किवंटल तथा ग्रेड – ए धान के लिए 1835 रुपया प्रति किवंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है | धान की सरकारी खरीदी की पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

धान की खरीदी कब से की जाएगी ?

उत्तर प्रेदश में धान की खरीदी दो चरणों में किया जाना है | इसके लिए राज्य के सभी धान उत्पादक जिलों को दो भागों में बटा गया है | पहले चरण में लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झाँसी में धान क्रय की अवधि 01 अक्तूबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक तथा लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपूर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर 2019 से 29 फरवरी 2020 तक खरीदी की जायेगी |

इस वर्ष उत्तरप्रदेश सरकार कितनी धान खरीदेगी ?

उत्तर प्रदेश सरकार इस खरीफ वर्ष में 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है | लेकिन किसानों के तरफ से खरीदी केंद्र पर धान का आवक बनी रहती है तो फिर खरीदी को बढ़ाया जायेगा | इसलिए किसान अपने समय के अनुसार खरीदी केंद्र पर जा सकते हैं क्योंकी सभी किसानों की खरीदी किए जायेगा |

खरीदी कहाँ किया जायेगा ?

 किसनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने प्रत्येक 08 किलोमीटर की दुरी पर खरीदी केंद्र खोला है | इस तरह प्रदेश भर में विभिन्न एजेंसियों के द्वारा 3,000 खरीदी केंद्र खोले गएँ है | लेकिन अगर किसी क्षेत्र में धान की उत्पादन कम होता है तो एसे स्थिति में एक विकास खण्ड पर एक ही खरीदी केंद्र खोला जायेगा | इसका मापदंड 100 मीट्रिक टन रखा गया है 100 मीट्रिक टन से कम वाले विकास खण्ड में सिर्फ एक खरीदी केंद्र रहेगा |

किसानों को पेमेंट (भुगतान) कब किया जायेगा ?

किसानों से धान की खरीदी के बाद भुगतान 72 घण्टों के अन्दर कर दिया जायेगा | इसके लिए आनलाईन भुगतान की प्रक्रिया अपनाई जा रही है | इस बार चेक से भुगतान नहीं किया जायेगा | इसके साथ ही किसानों को धान की उतराई, छनाई, सफाई इत्यादी के लिए खढ़ के मद में अधिकतम 20 रुपया प्रति किवंटल की दर से भुगतान किया जायेगा |

धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन करने के लिए क्लिक करें 

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सभी प्रकार के अच्छी नस्लों के पशु किसान इन मेलों से खरीद सकते हैं

पशु खरीदना या बेचना है तो यहाँ जाएँ

पशुपालकों के पास अच्छी किस्म के पशु होना जरुरी है इसके अलावा जो किसान अपने पास 1 या 2 पशु रखना चाहते हैं उनके लिए भी पशु की अच्छी किस्में होना चाहिए ताकि कम लागत में अधिक लाभ मिल सके | अच्छी नस्ल के पशु डेयरी अथवा अपने घर के लिए खरीदना चाहते हैं  इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान पशु मेला ही रहता है , सभी प्रदेश में एक से बढ़कर एक पशु मेला लगता है | देश का सबसे बड़ा पशु मेला बिहार के सोनपुर में लगता है | इसी तरह राजस्थान में भी वर्ष में 10 बड़े पशु मेला लगते हैं | जिसका इंतजार सभी किसानों एवं पशुपालकों को रहता है | किसान समाधान इन सभी पशु मेला की जानकारी लेकर आया है |

बिहार में लगने वाले पशु मेले की जानकारी के लिए क्लिक करें

राजस्थान में लगने वाले पशु मेले

प्रत्येक वर्ष अलग – अलग जिलों में पशु मेला लगता है | मेले को हिन्दी कलेंडर के अनुसार लगया जाता है | जिसे अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार भी समझ सकते हैं | मेले में गाय , भैंस, बकरी, बैल, घोडा, ऊंट इत्यादी पशु की खरीद बिक्री किया जाता है |

राजस्थान में लगने वाले पशु मेला का कलेंडर

क्र. 
पशु मेला का स्थान
तहसील / जिला
पीरियड विक्रम सावंत
डेट (तारीख)

1.

श्री राम देवी जी पशु मेला (नागौर)

नागौर

माघ शुक्ल 01 तो माघ शुक्ल 15

05-02-19 तो 19-02-19

2.

श्री शिव रात्रि पशु मेला (करौली)

कारौली

माघ शुक्ल 15 तो फाल्गुन कृष्णा 7

19-02-19 से 25-02-19

3.

श्री मल्लिनाथ जी पशु मेला (तिलवारा)

पचपदरा (बारमेर)

चैत्र कृष्णा 11 तो चैत्र शुक्ल 11

31-03-19 से 15-04-19

4.

मेरता (श्री बलदेव जी) पशु मेला

मेरता सिटी (नागौर)

चैत्र शुक्ल 1 तो चैत्र शुक्ल 15

06-04-19 से 19-04 19

5.

वैशाख मेला गौमती सागर , (झालरापाटन)

झालरापाटन (झालावार)

वैसाख शुक्ल 13 तो ज्येष्ठ कृष्णा 05

17-05-19 से 23-05-19

6.

श्री तेजाजी पशु मेला (परबतसर)

परबतसर (नागौर)

श्रावण  शुक्ल 15 तो भाद्रपद कृष्णा 15

15-08-19 से 30-08-19

7.

श्री गोगामेरी पशु मेला (गोगामेरी)

नोहर (हनुमानगढ़)

श्रावण शुक्ला 15 तो भाद्रपद शुक्ल 15

15-08-19 से 14-09-19

8.

श्री जसवंत एक्सजिबिसन और पशु मेला (भरतपुर)

भरतपुर

अश्विना शुक्ल 05 तो अस्विना शुक्ल 14

03 -10-19 से 12-10-19

9.

श्री पुष्कर पशु मेला (पुष्कर)

पुष्कर (अजमेर)

 कार्तिक शुक्ल 01 तो मार्गशीर्ष कृष्णा 02

28-10-19 से 14-11-19

10.

कार्तिक चंद्रा भागा मेला (झालरापाटन)

झालरापाटन (झालावार)

कार्तिक शुक्ल 11 तो मार्गशीर्ष कृष्णा 05

08-11-19 से 17-11-19

इन सभी मेलों में से राजस्थान का सबसे बड़ा मेला पुष्कर मेला को माना जाता है जिसका इंतजार दुसरे प्रदेश के लोगों भी रहता है | यह मेला अजमेर जिले में अजमेर शहर से 11 किलोमीटर दूर लगता है | एक बात का ध्यान रखना है की इन सभी मेलों में दुसरे प्रदेश के किसान भी शामिल होकर खरीद बिक्री कर सकते हैं | पुष्कर मेला की प्रसिद्धि इस लिए भी है की यह एक पर्यटन स्थल भी है | जिसे देखने विदेशी पर्यटक भी आते हैं |

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अनुदान पर काजू की खेती करने के लिए किसान अभी आवेदन करें

काजू क्षेत्र विस्तार योजना के लिए आवेदन

काजू का मूलस्थान ब्राजील है, जहाँ से 16वीं सदी के उत्तरार्ध में उसे वनीकरण और मृदा संरक्षण केप्रयोजन से भारत लाया गया | मृदाक्षरण को रोकने वाला यह पौधा आज की तारीख में चाय और कॉफ़ी के बाद अधिकतम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली फसल है, सूखे मेवों में काजू का महत्वपूर्ण स्थान है |

 देश के पश्चिमी और पूर्वी समुद्र तट के आप-पास के आठ राज्यों में काजू की व्यवसायिक स्तर पर खेती की जाती है- आन्ध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओड़िशा, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल, इनेक अलावा, असम, छतीसगढ़, गुजरात, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भी काजू की खेती की जाती है | अब मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में भी काजू की खेती की जा रही है  जिसके लिए सरकार ने किसानों से आवेदन माँगा है |

क्या है काजू क्षेत्र विस्तार योजना

काजू क्षेत्र विस्तार योजना राष्ट्रिय कृषि विकास योजना (RKVY) का एक घटक है जिसके तहत किसानों को काजू की खेती करने के लिए अनुदान दिया जाता है | योजना में सभी वर्ग के किसानों को अलग अलग अनुदान का प्रावधान रहता है | अभी आवेदन मध्यप्रदेश के किसानों से मांगे गए है |

इसके तहत किसानों को प्रथम वर्ष 40 प्रतिशत 20,000 प्रति हेक्टेयर एवं द्वितीय वर्ष 75 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है यदि फसल बची रहे तो |

कौन से किसान कब आवेदन कर सकते हैं ?

मध्यप्रदेश के सभी वर्ग के किसान 16 सितम्बर सुबह 11 बजे से काजू की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं |  उपरोक्त दर्शाय गये लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन किया जा सकेगा |

योजना

घटक

जिला

काजू क्षेत्र विस्तार (RKVY)

काजू सामान्य दूरी (7MX7M) ड्रिप रहित

बैतूलछिन्दवारा,बालाघाट एवं सिवनी

 

आवेदन कहाँ करें दी गई

किसान भाई आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं | किसान कीओस्क पर जाकर अथवा एमपी ऑनलाइन पर जाकर पंजीयन करें जहाँ eKYC  (उंगलियों के निशान) सत्यापन कर सकें |

अनुदान पर काजू की खेती करने के लिए आवेदन करने के लिए क्लिक करें |

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मध्यप्रदेश में किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन कब एवं कैसे करें

खरीफ फसल पंजीयन 2019-20

केंद्र सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है , इसमें खरीफ, रबी फसलों के साथ उद्यानिकी फसलें रहती हैं | वर्ष 2019 – 20 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा पेश किया गया था | यह मूल्य देश के सभी राज्यों के लिए एक सामान रहता है |

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को फसल बेचने के लिए सोसायटी या मंडी में पंजीयन करना पड़ता है | यह पंजीयन की तारीख सभी राज्यों के लिए अलग – अलग रहती है | पहले से उत्तर प्रदेश सरकार के  द्वारा किसानों की पंजीयन किया जा रहा है तो अब मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी की खरीदी के लिए पंजीयन शुरू कर रही है | इसकी पूर्ण जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

खरीफ उपज के लिए पंजीयन कब होगा ?

मध्य प्रदेश में खरीफ फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसान 16 सितम्बर से 16 ओक्टुबर रात 8 बजे तक पंजीयन करा सकते हैं |

किसान पंजीयन कैसे करें ?

पंजीयन ऑनलाइन किया जायेगा | किसान एम.पी.किसान एप, ई-उपार्जन मोबाईल एप और ई – उपार्जन केन्द्रों पर कर सकते हैं  | मध्य प्रदेश में अभी खरीफ की फसल में धान, ज्वार तथा बाजरा के लिए पंजीयन किया जा रहा है |

इन तीनों फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य कितना है ?

राज्य सरकार जो तिन फसलों के लिए पंजीयन करा रही है इसका न्यूनतम समथन मूल्य इस प्रकार है :-

  1. धान कामन – 1815 रूपये प्रति किवंटल
  2. धान ए – ग्रेड – 1835 रूपये प्रति किवंटल
  3. ज्वार – 2550 रूपये प्रति किवंटल तथा
  4. बाजरा – 2,000 रूपये प्रति किवंटल

किसान फसल पंजीयन के लिए दस्तावेज क्या लगेगा ?

इस बार भूमि स्वामी तथा पट्टा धारी किसान दोनों पंजीयन करवा सकते हैं | पट्टे पर खेती करने वाले किसनों को अनुबंध–पत्र तथा पट्टे की प्रति देना होगा | किसानों को बैंक खाता नम्बर और मोबाईल नंबर देना होगा | opt (one time password) आधारित सुविधा प्रदान की गई है |

अन्य बातें :-

  1. खरीदी के लिए किसानों के मोबाईल पर एस.एम.एस. से दिया जायेगा | इसके साथ ही पंजीयन होने पर प्रिंट जरुर प्राप्त करें |
  2. किसान की किसी भी समस्या के लिए 181 नंबर पर कॉल कर सकते है |

मध्यप्रदेश किसान अपनी उपज का पंजीयन करने के लिए क्लिक करें 

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इन किसानों को किया गया फसल बीमा राशि का भुगतान

फसल बीमा क्लेम का भुगतान

देर से ही सही लेकिन किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिलने लगा है | किसानों को हमेशा से शिकायत रहती है कि किसानों से बीमा का प्रीमियम तो लिया जाता है लेकिन फसल नुकसानी पर क्लेम राशि नहीं दिया जाती है | इसे लेकर समय – समय पर किसान प्रदर्शन भी करते रहते हैं |

अभी किस राज्य के किसानों को बीमा क्लेम दिया गया है ?

उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग की जानकारी के अनुसार प्रदेश के किसानों को वर्ष 2018 – 19 में फसल के नुकसानी का क्लेम दिया गया है | वर्ष 2018 – 19 में योजना के अंतर्गत 31.47 लाख किसानों ने बीमा कराया था जो किसानों की 26.87 लाख हेक्टेयर भूमि का बीमा किया गया था |

वर्ष 2018 – 19 में प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नुकसानी पर 5.58 लाख किसानों को 419.54 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया | इस तरह वर्ष 2018 – 19 में योजना के अंतर्गत 26.69 लाख बीमित किसानों द्वारा 24.22 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में फसलों का बीमा कराया गया था, जिसमें से 0.38 लाख किसानों को 18.11 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है |

ऐसा नहीं है की उत्तर प्रदेश में पहली बार बीमा राशि दिया गया है बल्कि इससे पिहले भी किसानों को बीमा राशि दिया गया है | अगर बात 2017 की करें तो खरीफ – 2017 में 25.60 लाख बीमित किसानों द्वारा 23.70 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में फसलों का बीमा कराया गया | इन बीमित किसानों में से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 4.01 लाख किसनों को 244.75 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया | इसी प्रकार रबी 2017 – 18 में योजना के अंतर्गत 28.13 लाख बीमित किसनों द्वारा 23.07 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा कराया गया , जिसमें से 1.79 लाख किसानों को 119.85 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चूका है |

ऐसा नहीं है कि किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के लिए परेशानी नहीं होना पड़ता है | अभी भी बहुत से किसानों की यह शिकायत रहती है कि वे बीमा कंपनी का नाम भी नहीं जानते हैं तथा बीमा क्लेम भी कम्पनी अपने अनुसार तय कर देती हैं जो उनके नुकसानी से काफी कम रहता है | इन सबके अलावा किसानों से बीमा का प्रीमियम बिना पूछे काट लिया जाता है |

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किसानों को 3000 रुपये दिए जाने वाली पेंशन योजना लागू, जुड़ने के लिए इस तरह करें आवेदन

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किसान पेंशन योजना (PMKMY) हेतु आवेदन

सरकारी नौकरी की तरह ही अब किसानों को पेंशन की शुरुआत कर दी गई है | इसके तहत किसानों को 60 वर्ष के बाद प्रति माह 3,000 रुपया दिया जायेगा | यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही है | किसानों की वर्षों पुरानी मांग थी की सरकारी नौकरी की तरह ही किसानों को भी बुढ़ापे का सहारा चाहिए | इसी के तहत देश के सभी राज्य तथा केंद्र शासित राज्यों के लिए किसान मानधन योजना की शुरुआत कर दी गई है | झारखंड की राजधानी रांची में इस योजना की शुभारम्भ प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है | उन्होंने बताया है की प्रधानमंत्री मानधन योजना से देश के 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन सुरक्षित होगा |

योजना को चलाने तथा पेंशन देने की व्यवस्था भारतीय जीवन बीमा निगम को दिया गया है | योजना के तहत कुछ नियम और शर्ते है जो सभी किसनों पर एक समान लागु होते हैं इसलिए किसान समाधान इस योजना की पूर्ण जानकारी लेकर आया है |

पेंशन योजना के अंतर्गत कौन–कौन से किसान आयेंगे ?

किसान मानधन योजना देश के सभी राज्य तथा केंद्र शासित राज्यों में लागु कर दिया गया है | इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों को शामिल किया गया है | इसके लिए किसान की उम्र 18 से 40 वर्ष तक होना चाहिए |

पेंशन स्कीम से जुड़ने के लिए फीस तथा प्रीमियम कितनी है ?

यह स्कीम बिल्कुल फ्री है किसान के पंजीयन करने के लिए किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है | इसके अलावा पीएम किसान मानधन योजना का पंजीयन के लिए कामन सर्विस पर लगने वाला 30 रु.की फीस भी सरकार हो देगी |

मानधन योजना में प्रीमियम के तौर पर सभी आयु उम्र के व्यक्ति पर अलग – अलग रहेगी | स्कीम के तहत 55 से 200 रुपये तक का प्रीमियम किसान को प्रतिमाह देना होगा | 18 वर्ष के आयु वर्ग के किसान को 55 रुपया प्रति माह , 29 वर्ष उम्र के व्यक्ति को 100 रुपया तथा 40 वर्ष उम्र के व्यक्ति पर 200 रुपया की प्रीमियम देना होगा | इस तरह अलग – अलग आयु वर्ग के लिए प्रीमियम भी अलग –अलग रहेगा |

पेंशन योजना पंजीकरण हेतु आवश्यक दस्तावेज ?

 18 से 40 वर्ष के कोई भी महिला या पुरुष या दोनों (पति – पत्नी) अपने पास के कामन सर्विस सेंटर पर आधार कार्ड और बैंक अकाउंट या जनधन खाते की पास बुक लेकर जाना होगा | सेंटर पर बैठा अधिकारी आप की उम्र के हिसाब से योगदान की रकम बताएगा |

पहला योगदान आवेदक को नगद करना होगा | इसके बाद आपका यूनिक किसान पेंशन अकाउंट और आपका किसान कार्ड प्रिंट कर दिया जाएगा | योजना की शुरुआत से पहले ही 13.7 लाख किसान जुड़ चुके हैं |

अगर किसान की मृत्यु पहले हो जाती है तो क्या होगा ?

पति या पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाने पर दोनों में से कोई भी इसे 60 वर्ष तक जारी रख सकता है | इस योजना के तहत 60 वर्ष के बाद उस व्यक्ति को 3,000 रुपया प्रति माह मिलेगा |

योजना को बीच में छोड़ने पर क्या होगा ?

अगर किसान किसी कारण इस योजना को छोड़ना चाहता है तो उसे जमा पूंजी का ब्याज जोड़कर एक बार में ही ऐड कर दिया जायेगा | इसका मतलब यह हुआ की किसान कभी भी इस योजना को बीच में छोड़ सकता है |

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

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किसान अब घर बैठे ले सकेगें भू-अभिलेख

ऑनलाइन भू-अभिलेख की कॉपी कैसे लें

बंधक, दर्ज खसरा, खतौनी, व्यपवर्तन प्रमाणपत्र यह वह दस्तावेज हैं जिसके लिए किसान तहसील का महीनों चक्कर लगाते हैं | कभी – कभी तो एक वर्ष तक लग जाते हैं | किसानों की हमेशा से शिकायत रहती है की इन दस्तावेजों को पाने के लिए सरकारी कर्मचारियों को पैसा देना पड़ता है | यह सभी दस्तावेज इस लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं जब किसानों को किसी भी तरह का कोई कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेना चाहता है, बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनाना हो, भूमि की खरीद विक्री करना हो |

इस सब को ध्यान में रखते हुये मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों यह सभी दस्तावेज आनलाईन कर दिया है | इसके लिए कोई भी किसान घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं |

अभी कौन से किसान भू-अभिलेख ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं ?

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए शहडोल, सीधी, रतलाम, देवास, धार, अनुपपुर, अशोकनगर, आगर–मालवा, श्योपुर, उमरिया, नीमच, निवाड़ी और कटनी में वेब जियाईएस(web-Gis) साफ्टवेयर से भू – अभिलेख प्रतिलिपि प्रदाय करने का कार्य शुरू किया गया है | यह 11 सितम्बर इन सभी जिलों में लागु कर दिया गया है |

नियमों को सरलीकरण किया गया है

21 जिलों के लोक सेवा केन्द्रों पर 11 सितम्बर से डिजिटल हस्ताक्षरित भू – अभिलेख की प्रतिलिपियाँ (बंधक, दर्ज खसरा व्यपवर्तन प्रमाण पत्र) मिलना शुरू हो गया है | आम जन प्रतिलिपियाँ प्राप्त करने के लिए आँनलाईन आवेदन कर बैठे प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं| किसानों को अब तहसील कार्यालय में आकार बंधक दर्ज कराने की जरूरत नहीं है |

भू – अभिलेख प्रतिलिपि के लिए आवेदन नि:शुल्क रहेगा | राज्य शासन ने 1 अगस्त 2019 से प्रतिलिपि प्रदाय की दरों का सरलीकरण भी कर दिया है | अब एक साला और पांच साला खसरा या खाता जामबेंदी, आदिकर अभिलेख, खेवट , वाजिब – उल – अर्ज , निस्तार पत्रक और ए4 आकार में नक्शे की प्रति के पहले पृष्ठ के लिए 30 – 30 रूपये और अतिरिक्त प्रष्ट के लिए 15 – 15 रूपये का शुल्क देना होगा | संबंधित कलेक्टर, तहसील और नकल वितरण केन्द्रों में संशोधित दर का भरपूर प्रचार – प्रसार करने को खा गया है |

खसरे की जानकारी बैंकों को दिया गया लाग – इन

खसरे में बंधक दर्ज करने के लिए वेब – जीआईएस साफ्टवेयर में लाग – इन सुविधा सभी बैंको को दे डी गई है | इससे भूमि – स्वामी को तहसील कार्यालय जाकर बंधक दर्ज कराने के लिए आवेदन देने की जरूरत नहीं रहेगी | नामांतरण, बटवारा और बंधक के आदेश को खसरे में अमल कर भूमि–स्वामी को तत्काल प्रदाय किया जा सकेगा | कलेक्टरों को व्यपवर्तन और राजस्व भुगतान के प्रति भी लोगों के जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं |

मध्यप्रदेश ऑनलाइन भू-अभिलेख प्राप्त करने के लिए क्लिक करें 

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खेती के समय घायल या मौत होने पर किसानों को दिया जाएगा इतना मुआवजा

राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का दायरा बढाया गया

राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना 2009 का दायरा बढ़ाया गया है | इससे इस योजना में खेत पर काम करते समय अन्य कई परस्थितियों में दुर्घटना होने पर भी पीड़ित किसान तथा खेतीहर मजदूर को योजना का लाभ दिया जायेगा | यह योजना किसानों के साथ ही खेतिहर मजदूरों के लिए है |  अब इस योजना के तहत बिजली के करंट से मौत, सिंचाई के समय मौत या घायल होने पर बुवाई अथवा काटाई के समय कृषि यंत्र से हुई दुर्घटना, जंगली तथा पालतू जानवरों से दुर्घटना पर किसानों को योजना का लाभ दिया जायेगा | किसान समाधान इस योजना के तहत शामिल किये गए बिन्दुओं को विस्तार से लेकर आया है |

जानवर एवं कीट के काटने पर भी दिया जायेगा लाभ

खेती करते समय जंगली जानवर (सूअर, नीलगाय, भालू, बाघ, मधुमक्खी, बिच्छु, सांप , गोह) या पालतू जानवरों (कुत्ता, बैल, गाय इत्यादि) के मारने तथा काटने पर घायल होने या मृत्यु होने पर भी किसानों को योजना का लाभ दिया जायेगा |

आपदा में मृत्यु तथा घायल होने पर भी योजना का लाभ दिया जाएगा

अधिक वर्षा के कारण बहाव, चक्रवाती तूफान, बाढ़, पेड़ के नीचे दबने , बिजली गिरने से मृत्यु के साथ – साथ खेत के समतली करण, झाड़ी की कटाई, झड – झंखाड़ के समय घायल या म्रत्यु पर योजना का लाभ दिया जायेगा |

सिंचाई के समय दुर्घटना को भी शामिल किए गया है 

सिंचाई के समय अथवा कृषि से संबंधित किसी सनी कार्य करते समय, खेत में निर्मित तलाब ,टैंक ,कुएं तथा जल भराव में गिरने से मौत या घायल होने पर योजना का लाभ दिया जायेगा | 

पहले केवल इन दुर्घनाओं में मुआवजा मिलता था ?

वर्ष 2009 से राजस्थान में यह योजना लागु है और योजना के तहत ट्रेक्टर, बैलगाड़ी अथवा ऊंटगाडी से घर से खेत आटे – जाते समय दुर्घटना में मृत्यु अथवा घयल होने पर मुवाब्जा दिया जाता था | अब इस में मोटरसाइकिल अथवा किसी और वहां से खेत से घर आटे – जाते समय दुर्घटना पर मुवाब्जा दिया जायेगा |

किसान को कितना मुआबजा दिया जाता है ?

खेत में काम करते समय किसानों को कि बार गंभीर परिश्तितियों में काम करना पढता है | पहले किसानों को को म्रत्यु होने पर 6 लाख तक का मुआबजा दिया जाता था जिसे बढाकर 10 लाख तक कर दिया गया है |

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गलत बिजली बिल किये जाएंगे माफ एवं किसानों को खेती के लिए दी जाएगी 10 घंटे बिजली

बिजली बिल समस्याओं के लिए लगाये जाएगें शिविर

बिजली का बिल बढ़ कर आ रहा है, बिजली का आवेदन करने पर भी कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है | हमारे पास 2 हार्स पावर का कनेक्शन है लेकिन बिल 3, 4, 5 हार्स पावर का आ रहा है | घर में कोई रहता नहीं है लेकिन बिल आ गया है | हमारे गांव में ट्रांसफर्मर जला हुआ है लेकिन बिल आ गया है | बिजली की शिकायत कोई सुनता नहीं है | यह सारी समस्या किसानों के द्वारा रोज सुनने को मिलती है | बिजली कार्यालय में सैंकड़ों आवेदन लेकर किसान पहुँचते हैं लेकिन उनकी शिकायत को कोई सुनता नहीं है | जिसके कारण किसानों पर बिल बढ़ते हुये लाखो रूपये तक पहुँच जाता है |

इसके साथ बिजली कम्पनी ने यह बताया है कि किसानों को कृषि के लिए 10 घंटे बिजली दी  जाएगी | इन्हीं समस्याओं की निवारण के लिए मध्य प्रदेश सरकार किसानों के लिए शिविर लगाने जा रही है | इसमें किसानों की बिजली से जुड़े सभी समस्या को सुना जायेगा | किसान समाधान इसकी पूरी जानकारी लेकर आया है |

बिजली की समस्याओं हेतु शिविर कब लगेगा ?

मध्य प्रदेश विधुत वितरण कंपनी द्वारा 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक सभी 350 जों / वितरण केन्द्रों में विधुत उपभोगताओं की शिकायतों के निराकरण के लिए राजस्व वसूली और शिकायत निराकरण शिविर लगाये जाएंगे |

बिजली सम्बन्धी शिकायत कौन सुनेगा  ?

यह शिविर प्रत्येक केंद्र पर कम से कम 3 बार लगाएं जायेंगे | जिससे कोई किसान छूट नहीं पाए | शिविर में उप महाप्रबंधन स्तर के अधिकारी तथा वितरण केंद्र प्रभारी उपस्थित रहेंगे |

किसानों की कौन – कौन सी समस्या को सुनी जाएगी ?

शिविर में इन बिन्दुओं की शिकायत सुनी जायेगी

  1. आंकलित खपत
  2. अधिक राशि के बिल
  3. गलत बिल जारी होने तथा बन्द / खराब ट्रिपिंग एवं विधुत व्यवधान
  4. कृषि और घरेलू उपभोगताओं के निर्धारित अवधि में कम विधुत प्रदाय संबंधित शिकायतें कम / जायदा होने की समस्या और भर वृद्धि संबंधित शिकायतों का निराकरण किया जायेगा |

किसानों को 10 घंटे बिजली दी जाएगी

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक व प्रदेश की तीनों विधुत वितरण कंपनी के अध्यक्ष श्री नितेश व्यास ने कहा है कि किसानों को 10 घंटे और आबादी एवं व्यवसाय के लिए 24 घंटे बिजली देना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है | यह बात जबलपुर में बिजली अभियंताओं की बैठक में कहा गया है |

नोट:- किसान संधान मध्य प्रदेश के किसानों से अपील करता है की 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर के बीच अपने बिजली कार्यालय पर जाकर गलत बिलिंग से लेकर अन्य शिकायतों की समाधान करें |

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