back to top
28.6 C
Bhopal
शनिवार, फ़रवरी 8, 2025
होमकिसान समाचारनूरजहां आम के बचे हैं गिनती के पेड़, बचाने के लिए...

नूरजहां आम के बचे हैं गिनती के पेड़, बचाने के लिए किए जाएंगे प्रयास

एमपी के अलीराजपुर जिले के दुर्लभ नूरजहां आम के गिने-चुने पेड़ बचे हैं। इससे चिंतित अधिकारी अब आम की इस ख़ास प्रजाति को आने वाली पीढ़ियों के वास्ते बचाने के लिए इसके पेड़ों की तादाद बढ़ाने के वैज्ञानिक प्रयास में जुटे हैं। अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है। साथ ही बाजार में इसकी कीमत 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक होती है।

इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा अलीराजपुर ज़िले के कट्ठी क्षेत्र में नूरजहां के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयास तेज किए जाने चाहिए। यह चिंता का विषय है कि इस आम के गिनती के पेड़ बचे हैं।

टिश्यु कल्चर से तैयार किए जाएंगे पौधे

संभाग आयुक्त ने कहा कि नूरजहां आम के पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए उद्यानिकी विभाग को टिश्यू कल्चर की मदद से नये पौधे तैयार करने को कहा है। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा बैठक में अलीराजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. आरके यादव ने बताया, नूरजहां आम के केवल 10 फल देने वाले पेड़ बचे हैं। हमने हार नहीं मानी है। हम अगले पांच वर्षों में पौधारोपण कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। हम इस प्रजाति को विलुप्त नहीं होने देंगे।

यह भी पढ़ें:  अच्छी पैदावार के लिए किसान अमेरिकन कपास नरमा की इन किस्मों की बुआई करें

संभाग में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को लेकर की गई समीक्षा

संभागायुक्त ने प्रत्येक ज़िले में उद्यानिकी की प्रमुख फसलों की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि बुरहानपुर का केला एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित है और यह अन्य देशों में सप्लाई किया जाता है। झाबुआ ज़िले के उपसंचालक के द्वारा बताया गया है कि ज़िले में हाईवे के निकट स्ट्रॉबेरी की खेती के प्रयास किए जा रहे हैं। ज़िले में टमाटर एक प्रमुख उद्यानिकी उत्पाद है।

मिर्ची और केला खरगोन ज़िले में प्रमुख उद्यानिकी फ़सल है। निमरानी के फ़ूड पार्क में एक कंपनी द्वारा टोमेटो कैचअप बनाया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि निमाड़ में ड्रिप से सिंचाई का अच्छा चलन है और इससे उद्यानिकी फसलों को भी फ़ायदा मिला है।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News