काजू क्षेत्र विस्तार योजना के लिए आवेदन
काजू का मूलस्थान ब्राजील है, जहाँ से 16वीं सदी के उत्तरार्ध में उसे वनीकरण और मृदा संरक्षण केप्रयोजन से भारत लाया गया | मृदाक्षरण को रोकने वाला यह पौधा आज की तारीख में चाय और कॉफ़ी के बाद अधिकतम विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली फसल है, सूखे मेवों में काजू का महत्वपूर्ण स्थान है |
देश के पश्चिमी और पूर्वी समुद्र तट के आप-पास के आठ राज्यों में काजू की व्यवसायिक स्तर पर खेती की जाती है- आन्ध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओड़िशा, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल, इनेक अलावा, असम, छतीसगढ़, गुजरात, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भी काजू की खेती की जाती है | अब मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में भी काजू की खेती की जा रही है जिसके लिए सरकार ने किसानों से आवेदन माँगा है |
क्या है काजू क्षेत्र विस्तार योजना
काजू क्षेत्र विस्तार योजना राष्ट्रिय कृषि विकास योजना (RKVY) का एक घटक है जिसके तहत किसानों को काजू की खेती करने के लिए अनुदान दिया जाता है | योजना में सभी वर्ग के किसानों को अलग अलग अनुदान का प्रावधान रहता है | अभी आवेदन मध्यप्रदेश के किसानों से मांगे गए है |
इसके तहत किसानों को प्रथम वर्ष 40 प्रतिशत 20,000 प्रति हेक्टेयर एवं द्वितीय वर्ष 75 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है यदि फसल बची रहे तो |
कौन से किसान कब आवेदन कर सकते हैं ?
मध्यप्रदेश के सभी वर्ग के किसान 16 सितम्बर सुबह 11 बजे से काजू की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं | उपरोक्त दर्शाय गये लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन किया जा सकेगा |
योजना | घटक | जिला |
काजू क्षेत्र विस्तार (RKVY) | काजू सामान्य दूरी (7MX7M) ड्रिप रहित | बैतूल, छिन्दवारा,बालाघाट एवं सिवनी |
आवेदन कहाँ करें दी गई
किसान भाई आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं | किसान कीओस्क पर जाकर अथवा एमपी ऑनलाइन पर जाकर पंजीयन करें जहाँ eKYC (उंगलियों के निशान) सत्यापन कर सकें |
sir ham kaju ki kheti karana chahata hu