किसान पेंशन योजना
केंद्र सरकार किसानों को 3,000 रुपये की पेंशन देगी, इसकी मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है | इसके लिए सरकार तीन वर्ष के लिए 10774.50 करोड़ रुपया खर्च करेगी | किसानों के द्वारा वर्षों से यह मांग थी की पूरी जिन्दगी काम करने के बाद भी वृद्धा अवस्था में किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं है | इसके लिए केंद्र सरकार से यह मांग थी की किसानों को सरकारी कर्मचारी की तरह ही पेंशन दी जाए| सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही इसे मंजूरी दे दिया है | जिसके तहत 60 वर्ष के बाद किसानों को 3,000 रूपये तक की पेंशन दी जाएगी |
इस योजना की खास बात यह है की यह योजना पूरी तरह से केंद्र शासित है | इसके तहत तीन वर्ष में देश के पांच करोड़ छोटे तथा सीमांत किसान लाभन्वित होंगें | इस योजना का महत्व इसलिए भी अधिक है की पहले से चल रही दूसरी पेंशन योजना के अतरिक्त है | यानि पहले से चल रहे योजना को बन्द नहीं किया जायेगा |
किसान पेंशन योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा
यह देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है | इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3,000 रूपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है |
इसे एसे समझे लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रूपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है | केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किये गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी |
अगर किसान लाभार्थी की मृत्यु हो जाता है तो क्या होगा ?
अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान म्रत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे | बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों | अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी – पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा |