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मंगलवार, मार्च 19, 2024
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क्या पीएम किसान योजना किसानों को आपस में बांटने का काम कर रही है

पीएम किसान योजना में कितने किसानों को रखा गया है बहार

वर्ष 2019 के बजट की सबसे महत्वपूर्ण तथा चर्चित योजना पीएम किसान (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना) है | इस योजना के तहत देश के किसान परिवार को 6 हजार रुपये सालाना दिया जाना है | यह 6 हजार रुपये 3 किश्तों में दिया जायेगा | इस योजना में एक मात्रा शर्त जोड़ी गई  की 2 हेक्टेयर से कम भूमि रखने वाले किसानों को योजना का लाभ दिया जायेगा | बजट पेश करते हुये तत्कालीन वित्तीय मंत्री पियूष गोएल ने इस योजना को घोषणा करते हुये कहा था की देश के लगभग 12 करोड़ किसान इस का लाभ प्राप्त कर सकेंगे |

ऐसे यह योजना अपने आप में पहली योजना है | देश में इस तरह का कोई राष्ट्रीय स्तर पर योजना नहीं है जो एक बड़े हिस्से को सीधे लाभ पहुंचता है लेकिन इस योजना के शुरू होने से पहले देश के एक राज्य तेलंगाना ने इसी तरह की योजना शुरू किया था तथा पहली किश्त किसानों को दी जा चुकी थी | इसके बाद पक्षिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड ने भी इसी तरह की योजना की शुरुआत कर दी |

कितने लाभार्थी कितने वंचित किसान

अब बात आती है की पीएम किसान योजना से कितने किसान लाभन्वित होंगे और कितने किसान इस योजना से वंचित रह जायेंगे | इससे पहले यह जानना है की देश में कितने किसान परिवार है और सरकार जो 12 करोड़ किसान परिवार की बात कर रहा है उसमें सच्चाई कितनी है |

देश में आर्थिक सर्वे के अनुसार यानि एग्रीकल्चर सेन्सस (agriculture census) प्रत्येक 5 वर्षों में किसानों की आर्थिक हालातों पर रिपोर्ट प्रकाशित करती है | एग्रीकल्चर सेन्सस (agriculture census) के अनुसार वर्ष 2010 – 11 में 138 मिलियन (13 करोड़ 80 लाख) किसान परिवार है, जो वर्ष 2015 – 16 में बढ़कर 146 मिलियन (14 करोड़ 60 लाख) किसान परिवार हो गया है | इस किसान परिवार में छोटे तथा बड़े और बहुत बड़े किसान शामिल है | किसान परिवार के   बढ़ने का मतलब यह होता है की पीढ़ी दर पीढ़ी संयुक्त परिवार का टूटना | जिससे भूमि का भी बटवारा होता है | वर्ष 2010 – 11 से वर्ष 2015 – 16 के बीच 5.33 प्रतिशत किसान परिवारों में वृद्धि हुआ है |

कुल किसानों की संख्या 

अब यह जानना जरुरी है की 2 हेक्टयर से कम भूमि वाले कितने किसान है तथा 2 हेक्टेयर सी अधिक भूमि वाले कितने किसान है तो 2 हेक्टेयर तक के अन्दर मार्जिनल किसान (1 हेक्टयर से कम) तथा छोटे किसान (2 हेक्टयर तक) आते हैं | जिसके तहत मार्जिनल किसान 9 करोड़ 98 लाख 58 हजार किसान तथा छोटे किसान 2 करोड़ 57 लाख 77 हजार किसान आते हैं | अगर इन दोनों को जोड़ दिया जाए तो कुल किसानों की संख्या 12 करोड़ 56 लाख 35 हजार किसान आते हैं | इसी सभी किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ होगा | अगर सभी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपया दिया जाय तो 75381 करोड़ रुपया केंद्र सरकार को खर्च करना होगा | सरकार ने बजट से वर्ष 2019 – 20 के लिए 75 हजार करोड़ रुपया जारी किया है |

इसके दुसरे तरफ बड़े , मझोले किसान इस योजना से वंचित रह जाते हैं अगर इनकी संख्या की बात किया जाय तो एग्रीकल्चर सेन्सस के अनुसार देश में सेमी मीडियम (2 से 4 हेक्टयर भूमि वाले किसान) 1 करोड़ 37 लाख 76 हजार, मीडियम (4 से 10 हेक्टयर भूमि वाले किसान ) 54 लाख 85 हजार तथा बड़े (10 हेक्टयर से अधिक भूमि वाले किसान) 8 लाख 31 हजार किसानों की संख्या है | इन सभी किसानों की कुल संख्या 2 करोड़ 90 हजार होती है | यह सभी किसान पीएम किसान योजना से वंचित रह जायेगा |अगर इन सभी किसान परिवार को प्रति वर्ष 6,000 रुपये दिया जाए  तो केंद्र सरकार को 120552 करोड़ रुपया अतरिक्त देना होगा | इस बात का यह ध्यान रखना चाहिए की बड़े किसानों के अन्दर इंडस्ट्री, संस्थायें तथा आजादी के समय राजे रजवाड़े भी शामिल है जिनके पास 100 एकड़ से भी अधिक भूमि है |

इस योजना को लागु करना एक बड़ी चुनौती है

वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर सेन्सस (agriculture census) के आधार पर ही दावा किये थे की इस योजना का लाभ 12 करोड़ किसानों को मिलेगा | लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की यह सर्वे 1970 71 से जारी किया जा रहा है जो अंतिम 2015 – 16 में जरि किया गया है | इस सर्वे में देश के सभी ब्लाक के 20 प्रतिशत गांव को ही शामिल किया जाता है | जिसके कारण यह नहीं कहा जा सकता है देश में किसानों का भूमि के बारे में सही जानकारी क्या है | किसानों का कोई डेटा राज्य तथा केंद्र सरकार के पास नहीं है | जिसके कारण किसानों का चयन तथा छटनी कर पायेगी | सभी किसानों की भूमि अभी तक आनलाईन नहीं हो पाया है | इसलिए यह कहा जा सकता है की इस योजना को जमीनी स्तर पर लागु करने में बहुत समस्या आ रही है |

क्या और इतना बोझ नहीं उठा सकती सरकार

केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार कोई भी योजना होती है उसमें किसानों को योजना के अन्दर बंटाना शुरू कर देती है | सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये के लिए किसानों के बीच इस तरह का अंतर किया गया है | देश में आज किसानों की हालत क्या है यह किसी से भी छुपी हई नहीं है | आज 2 हेक्टयर से अधिक भूमि वाले किसान भी कर्ज तले दबे हुये हैं | नावार्ड के सर्वे के अनुसार कृषि कर्ज बड़े किसानों पर ज्यादा है जबकि छोटे किसानों पर कम है | इसका कारण यह भी है की फसल नुकसानी पर बड़े किसानों का अधिक नुकसान उठाना पड़ता है | अगर सरकार को अधिक भूमि वाले किसानों रखना चाहते हैं तो इंडस्ट्री, संस्थायें तथा आजादी के समय राजे रजवाड़े को इस योजना से बाहर रखें | जिसे इस योजना से बाहर रखा जा सकता है लेकिन इसकी आड़ में 2 हेक्टयर से अधिक भूमि रखने वाले किसानों को बाहर नहीं रखा जा सकता है |

वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में सत्ता पार्टी ने यह घोषणा किया है की अगर चुनाव बाद उसकी सरकार बनती है तो पीएम किसान योजना सभी किसान परिवार के लिए लागु किया जायेगा | बात यह आती है की क्या सरकार को किसानों की हालत के बारे में पहले से नहीं मालूम था | अगर सरकार नहीं बन पाती है तो एसी स्थिति में क्या होगा | ऐसा लगता है की सरकार योजना लागु करके यह मालूम करना चाहती है की जनता के द्वारा विरोध कितना हो पा रहा है |  

पते की बात यहं है इस तरह का योजना केंद्रीय स्तर पर पहली बार लागु की गई  है | जिसे बड़े पैमाने पर लागु करने के लिए किसानों को फिर से नये तरह से संघर्ष करना होगा |

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