मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी: इन जगहों पर हो सकती है बेमौसम बारिश

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आने वाले दिनों के लिए मौसम का पुर्वानुमान

देश के उत्तरी राज्यों में जहाँ एक तरफ कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है वहीँ कई जगह हवा आंधी के साथ बारिश भी हो रही है | उत्तरी भारत के राज्यों में शीतलहर से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है तो यह पिछले कई रिकॉर्ड भी तोड़ चुकी है | इसके वावजूद मौसम विभाग ने कई जगहों पर पाला पढने एवं बारिश होने की सम्भावना भी व्यक्त की है | मौसम विभाग ने बारिश एवं पाले को लेकर चेतावनी जारी की है | मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड राज्यों में गरज चमक एवं आंधी के साथ बारिश की संभावना है |

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

मौसम विभाग भोपाल द्वारा आगामी दिनों के मौसम के लिए जो पूर्वानुमान जारी किया गया है उसके अनुसार भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सिहोर, धार, इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योंपुर कला, उमरिया, अनुपपुर, शहडोल, डिंडोरी, कटनी, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बैतूल. होशंगाबाद, हरदा आदि जिलों में आगामी 2-3 दिनों में हल्की वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें कहीं कहीं होने की सम्भावना है | मध्य प्रदेश बारिश के साथ के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की गतिविधियाँ होने की भी आशंका है। शुरुआत में, राज्य के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में बारिश देखी जाएगी, और इसके अलावा, राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश देखने को मिलेगी।

छत्तीसगढ़ में इन जगहों पर हो सकती है बारिश 

मौसम विभाग रायपुर द्वारा जो जिलेवार वर्षा का पूर्वानुमान जारी लिया गया है उसके अनुसार आगामी 2-3 दिनों में सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरवा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनांदगांव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकुमा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर जिलों में आने वाले दिनों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मधयम वर्षा की सम्भावना है |

मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के आलावा उत्तरी महाराष्ट्र एवं झारखंड के कुछ स्थानों में कहें कहीं बारिश हो सकती है |वहीँ उत्तरप्रदेश में मध्यम कोहरा /घना कोहरा पड़ने की संभाबना है तत्प्श्तात आसमान मुख्यतः साफ़ रहेगा |शीत लहर बने रहने की संभाबना है |अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 16 और 08 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है |

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फसल बीमा कंपनियां तहसील स्तर पर जारी करें टोल फ्री नम्बर: कृषि मंत्री

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना टोल फ्री नम्बर

देश में किसानों को सबसे अधिक किसी योजना का लाभ लेने के लिए यदि समस्या का सामना करना पढता है तो वह है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में | किसानों की शिकायत हमेशा यही रहती है की उन्हें फसल बीमा की राशि नहीं मिलती, कंपनियों ने जो टोल फ्री नम्बर जारी किया है वह नम्बर पर कॉल करने पर कोई उठाता ही नहीं हैं | इसमें भी कई किसान अभी भी ऐसे हैं जिनका बीमा तो हो जाता है पर उन्हें फसल बीमा कम्पनी का नाम तक पता नहीं होता है | इन परिस्थिति में किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री सचिन यादव ने मंत्रालय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि बीमा क्लॉज के अनुसार किसान को 72 घण्टे के भीतर फसल हानि की सूचना संबंधित बीमा कम्पनी को देना चाहिए। कम्पनियों द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर अक्सर फोन नहीं लगता। श्री यादव ने इस समस्या को दूर करने के लिये फसल बीमा कम्पनियों को तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिये।   

कंपनियां 2 दिनों में किसानों की जानकारी उपलब्ध करवाए

मंत्री श्री यादव ने कहा कि सभी फसल बीमा कम्पनियां तहसील स्तर नियुक्त कर्मचारियों तथा फसल हानि की सूचना देने वाले किसानों की जानकारी दो दिन में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि किसान को फसल बीमा राशि की अंशदान की रसीद देना भी सुनिश्चित किया जाए। श्री यादव ने निर्देशित किया कि फसल हानि पर यथाशीघ्र नियमानुसार क्लेम राशि का भुगतान किया जाना शुरू करें।

जल्द दिया जायेगा फसल बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ-2019 के लिये 15 हजार 221 करोड़ 52 लाख रूपये का बीमा किया गया। किसानों की कुल 54 लाख 58 हजार 8 सौ 66 हेक्टेयर कृषि भूमि इसमें शामिल थी। बीमा प्रीमियम के लिये किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रूपये तथा राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रूपये का है। किसानों को नियमानुसार फसल नुकसानी का क्लेम यथाशीघ्र दिलाया जाएगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनियों के टोल फ्री नम्बर हेतु क्लिक करें 

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इस राज्य में 50 हजार किसान परिवार कर रहे हैं मशरूम उत्पादन, जानिए मशरूम खेती के फायदे

मशरूम उत्पादन

पौष्टिक गुणों से भरपूर मशरूम एक प्राकृतिक प्रदत्त फसल है , जो बिना भूमि (उपजाऊ भूमि) , कम रासायनिक खाद का उपयोग कर कम समय में कृषि अवशेषों पर उत्पादन किया जा सकता है | इसका उत्पदान किसान भाई एक कमरे / झोपडी में भी कर सकते हैं | इसके अतिरिक्त मशरूम उत्पादन रोजगारोन्मुखी एवं प्रदूषण रहित है | यह बात बिहार के कृषि मंत्रीं डॉ प्रेम कुमार ने बामेती पटना के सभागार में मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समय कही |

कृषि मंत्रीं डॉ प्रेम कुमार ने बताया की मशरूम का अवशेष भी उत्तम खाद, वर्मी क्म्पोष्ट अथवा पशु आहार के लिए काफी उपयोगी होता है | बिहार की जलवायु भी मशरूम उत्पादन के लिए अनुकूल है | मशरूम में सभी प्रकार के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कर्बोहईड्रेड, आवश्यक लवण एवं विभिन्न बिटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं | इससे शरीर को आवश्यक सभी पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है | इसके अलावा इसे खाने से विभिन्न बिमारियों में लाभ मिलता है | बिहार में मशरूम उत्पादन को लेकर कृषि मंत्री ने यह जानकारी साझा की |

बिहार में मशरूम की खेती के लिए अनुकूल जलवायु

बिहार में तापक्रम के अनुसार मुख्यत: 03 प्रकार के मशरूम की खेती विभिन्न तापक्रमों पर उगाकर सैलून भर मशरूम की खेती की जा सकती है | उदहारण स्वरूप ओयस्टर मशरूम (न्यूनतम 20 डिग्री एवं अधिकतम 30 डिग्री) | बटन मशरूम (न्यूनतम 15 डिग्री एवं अधिकतम 20 डिग्री फसल उत्पादन हेतु एवं बुआई के समय न्यूनतम 20 डिग्री एवं अधिकतम 25 डिग्री) तथा दुधिया मशरूम (न्यूनतम 30 डिग्री एवं अधिकतम 38 डिग्री) पर उगाया जाता है |

मशरूम उत्पादन से आमदनी

यदि 2000 वर्ग फीट में तीनों मशरूम की खेती सालों भर करके 50 – 60 क्विंटल मशरूम प्राप्त करके 30 – 35 हजार रूपये प्रति माह आमदनी प्राप्त की जा सकती है | इसके अलावा एक तरफ मशरूम खाने से कुपोषण दूर होता है तथा दूसरी तरफ आय का प्रमुख स्त्रोत है | इसके अलावा शिटाके मशरूम एवं हेरेशियम मशरूम की प्रजातियों में विभिन्न औषधीय गुण भी पाये जाते हैं | बिहार में मशरूम का कुल उत्पादन 5,600 टन होता है | जबकि इस कार्य में 50,000 से अधिक परिवार इस कार्य में लगे हुए हैं |

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इस योजना के तहत बेरोजगार युवक/युवतियों प्रशिक्षण लेकर शुरू करें स्वरोजगार

कौशल विकास मिशन प्रशिक्षण कार्यक्रम

देश में बढती बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए सरकार अब छोटे तथा कृषि क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर रोजगार बनाने की कोशिश में लगी है | इसके लिए युवक तथा युवतियों को अलग–अलग क्षेत्रों प्रशिक्षण देकर उसी क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न किया जा रहा है | वेरोजगार युवक / युवतियों तथा किसानों को उनके कौशल ज्ञान की गुणवत्ता बढ़ाने तथा पेशेवर ज्ञान प्रदान करने के लिए विकास आयुक्त, बिहार की अध्यक्षता में बिहार कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है | इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के वेरोजगार युवक / युवतियों तथा किसानों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से पेशेवर ज्ञान प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार / रोजगार प्राप्त करने के लिए दक्षता प्रदान करना है |

कौशल विकास मिशन कार्यक्रम

इस कार्यक्रम से राज्य के बेरोजगार युवकों / युवतियों तथा प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण मिलने से कुशल तकनीक एवं व्यवसायिक योग्यता / क्षमता का विकास होगा | उन्हें कौशल प्रशिक्षणोंप्रान्त रोजगार / स्वरोजगार उपलब्ध होगा | इससे राज्य में कुशल कामगारों का एक सतत पुल विकसित किया जा सकेगा | ताकि आने वाले समय में औधोगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को उनकी मांग के अनुरूप कुशल कारीगर उपलब्ध हो पायेगा तथा प्रतिष्ठानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा | औधोगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया जायेगा तथा विशेषज्ञों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण तथा अधतन तकनीकी ज्ञान दिया जायेगा | इससे किसानों के फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी | जिससे उनकी आर्थिक मजबूती मिलेगी तथा उनका रहन – सहन का स्तर ऊँचा होगा |

कितने विषय में प्रशिक्षण दिया जायेगा ?

कृषि विभाग द्वारा बिहार राज्य के बेरोजगार युवक – युवतियों को कौशल विकास मिशन के अंतर्गत कुल 23 पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जायेगा |

यह पाठ्यक्रम इस प्रकार है :-

मशरूम उत्पादक, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक , मधुमक्खी पालन, बीज उत्पादन, गार्डेनर, रूफ टाप, गार्डेनर फ्लोरिक्ल्चरिस्ट, बीज विश्लेषण, कृषि यंत्र संचालन, मरम्मती एवं रख रखाव, माईक्रो इरिगेशन आदि में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है |

कितने युवक तथा युवतियों को प्रशिक्षण (Training) दिया जायेगा ?

कृषि मंत्री श्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया की इस वित्तीय वर्ष 2019–20 में कुल 7,230 युवकों / युवतियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | अब तक कुल 90 युवकों / युवतियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है | गत वर्ष 2018 – 19 में कुल 3612 युवकों / युवतियों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया गया है |

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70 प्रतिशत तक के अनुदान पर करवाएं पशुओं का बीमा

पशुधन बीमा योजना के तहत अनुदान

देश में किसान कम से कम एक या दो पशु रखते ही हैं | सरकार की योजना के तहत पशुपालन सम्बंधित योजना का लाभ लेने के लिए पशुधन बीमा होना भी आवश्यक है | साथ ही यदि किसान पशुओं का बीमा करवाएंगे तो पशु हानि होने पर किसानों को सहायता मिल सकती है | केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए राष्ट्रिय पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है जो पुरे देश में लागू है | मध्यप्रदेश राज्य सरकार इस योजना में अलग से अनुदान भी दे रही है | अभी राज्य सरकार के पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने प्रदेश की सायर (नंदी) डायरेक्ट्री और पशुधन बीमा योजना के पोस्टर का विमोचन किया। विमोचन के समय उन्होंने यह जानकारी दी |

वीर्य संस्थान भोपाल की लिए डायरेक्ट्री

केन्द्रीय वीर्य संस्थान, भोपाल द्वारा प्रकाशित इस डायरेक्ट्री से पशुपालकों को विभिन्न उन्नत किस्म के नंदी की विस्तृत जानकारी मिलेगी और उन्हें अपने पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिये उन्नत किस्म के वीर्य का चयन करने में सुविधा होगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में एक मात्र वीर्य संस्थान भोपाल में स्थित है। इसमें लगभग 205 नंदी रखे जाने की सुविधा है। वर्तमान में 198 नंदी इस संस्थान में वीर्य संकलन के लिये उपलब्ध हैं।

 संस्थान में दूध देने वाले पशुओं की कुल 16 नस्लों के नंदी रखे गये हैं। इसमें प्रमुख रूप से गिर, थारपरकर, मुर्रा जैसे दुधारु नस्ल के नंदी हैं। उन्होने बताया कि जर्सी एवं एचएफ जैसी अधिक मात्रा में दूध देने वाली नस्लों के नंदी भी इस संस्थान में रखे गये हैं। पशुपालन मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट्री में 198 नंदी का विस्तृत विवरण प्रत्येक पृष्ठ पर उपलब्ध है। इसमें कुछ भैंसीय एवं शेष गौवंशीय सायर हैं।

पशुधन बीमा योजना के तहत अनुदान

पशुपालन मंत्री श्री लखन यादव ने कहा कि पशुधन बीमा योजना प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागू की गई है। इसमें पशुपालक अपने दुधारु पशुओं के साथ सभी प्रकार के पशुओं का बीमा करा सकेंगे। एक हितग्राही अपने 5 पशुओं का बीमा करा सकेगा। भेड़, बकरी, शूकर आदि श्रेणी में 10 पशुओं की एक पशु इकाई मानी जाएगी।

मंत्री श्री यादव ने कहा कि बीमा प्रीमियम पर एपीएल श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल और अजा-अजजा श्रेणी के पशुपालकों को 70 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। शेष राशि पशुपालक द्वारा भुगतान की जाएगी। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा 3 वर्ष के लिये 7.50 प्रतिशत देय होगी। बीमा न्यूनतम एक वर्ष तथा अधिकतम 3 वर्ष के लिये किया जा सकेगा।

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बड़ी खबर: अब इस राज्य के किसानों का 2 लाख रुपये तक का लोन किया जायेगा माफ

किसान कर्ज माफी योजना

आज के समय में सरकार सभी राज्यों में सरकार किसी को भी हो किसानों का मुद्दा केंद्र में ही है | सरकार के द्वारा लिया जाने वाला पहला बड़ा फैसला किसानों के लिए रहता है | मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ के बाद महाराष्ट्र में बनी नई सरकार ने किसानों की लोन माफ़ी की घोषणा कर दी है | जिससे लम्बे समय से किसान तथा सरकार के बीच के गतिरोध पर बिराम लग गया है | महाराष्ट्र में किसानों की लोन माफ़ी इस लिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि देश में किसानों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र पहला स्थान रखता है |

राज्य में चल रहे विधानसभा सत्र में राज्य के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान सभा में किसानों की लोन माफ़ी की घोषणा किया है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

किसानों की कितने रूपये का लोन माफ़ होगा ?

राज्य के मुख्यमंत्री ने विधान सभा में जानकारी देते हुए बताया है की किसानों की लोन माफ़ी महात्मा फुले शेतकरी कर्ज मुक्ति योजना के तहत की जाएगी| इस योजना के तहत राज्य के किसानों के 2 लाख रूपये तक तक का लोन माफ किया जायेगा |

कर्ज माफ़ी कब से शुरू होगी ?

मुख्यमंत्री ने बताया है कि किसानों की लोन माफ़ी में इस वर्ष 30 सितम्बर 2019 तक लिए गये लोन की माफ़ी किया जायेगा | इसका मतलब यह हुआ की खरीफ 2019 के लिए लिए गये लोन का भी माफ़ किया जायेगा |

किन किसानों का होगा कर्ज माफ

राज्य सरकार के तरफ से वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने बताया है कि कृषि लोन माफ़ी बिना किसी शर्त  के किया जायेगा | इसको आसन भाषा में इस तरह समझ सकते हैं कि किसनों पर किसी भी तरह की भूमि का प्रतिबन्ध नहीं रखा गया है | छोटे – बड़े सभी किसानों का लोन माफ़ी किया जायेगा | डिफाल्टर तथा नानडिफाल्टर किसानों का भी लोन माफ़ किया जायेगा |

जिस किसान ने लोन जमा कर दिया है उसका क्या होगा ?

जिस किसान ने समय से कृषि लोन जमा कर दिया है उस किसना के लिए भी एक योजना चलाया जायेगा | वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने बताया है कि समय पर कृषि लोन जमा कर देने वाले किसनों को स्पेशल स्कीम जरी किया जायेगा | इसकी विशेष जानकारी अभी नहीं दी गई है |

कृषि लोन माफ़ी की प्रक्रिया कब से शुरू होगा

लोन माफ़ी के लिए प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष से शुरू की जाएगी | इसके बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि मार्च 2020 से कृषि लोन माफ़ी की शुरुआत की जाएगी |

किसानों को लोन माफ़ी के लिए क्या करना होगा 

महाराष्ट्र सरकार ने एक बहुत ही अच्छा काम यह किया है की किसानों से किसी भी तरह का कोई फार्म नहीं भरवा रही है या फिर किसी भी तरह का कोई आवेदन करने को नहीं कह रही है | राज्य के सभी बैंकों में किसान के बैंक खातों में कृषि लोन माफ़ी का पैसा दिया जायेगा | यह अधिकतम 2 लाख रूपये तक है |

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फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर किसानों को दिया जायेगा अनुदान

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वर्षा से प्रभावित फसल क्षति का अनुदान

इस वर्ष उत्तर भारतीय राज्यों में बारिश एवं सूखे से किसान प्रभावित रहे हैं | इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है | सरकारों द्वारा पहले ही मानसून में आई बाढ़ एवं कम बारिश से हिइ फसल नुकसान का अनुदान किसानों को दिया जा रहा है | वह अभी तक किसानो के बैंक खातों में पहुंचा भी नहीं था के दोबारा से बेमौसम बारिश एवं ओले से फसलों को नुकसान हो गया है | ऐसे में राज्य सरकार अभी हुए फसल के नुकसान का सर्वे करवा रही है | यह नुकसान अभी मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं बिहार राज्य में सर्वधिक हुआ है | मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पहले ही बारिश से किसानों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे के निर्देश दे दिए हैं अब बिहार राज्य में भी यह आकलन जल्द किया जायेगा |

किसानों को फसल क्षति का दिया जायेगा अनुदान

 बिहार कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा है की विगत दिनों असामयिक वर्षा होने से राज्य के कई जिलों में धान के फसल को नुकसान पहुँचने की सुचना प्राप्त हुई है | राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में धान की कटनी प्रायः समाप्त हो चुकी है, परन्तु दक्षिण बिहार के जिलों के कुछ क्षेत्रों में धान की कटनी शेष राह गई थी तथा की जगहों में धान की दौनी नहीं हो पाई थी, धान का बोझा खलिहान में ही जमा था | इन क्षेत्रों में असमयिक वर्षा होने से ढहन की फसल को नुकसान पहुंचा है |

कृषि मंत्री ने कहा की ऐसे क्षेत्रों, जहाँ हाल के दिनों में हुई वर्षा से धान के फसल को हानि हुई है, वहां किसान भाई-बहनों को उनके धान के फसल के नुकसान का नियमाकुल भरपाई की जाएगी | ऐसे क्षेत्रों के कृषि विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को फसल की क्षति का आकलन करें के लिए विभाग द्वारा निदेशित किया जा चूका है |विभागीय अधिकारीयों एवं कर्मचारियों द्वारा धान की फसल के क्षति का आकलन करने का कार्य किया जा रहा है | क्षति का आकलन से सम्बंधित किसान भाइयों एवं बहनों को धान की क्षति का निय्माकुल भरपाई की कार्यवाही की जाएगी |

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किसानों के लिए सब्सिडी पर कम्बाईन हार्वेस्टर लेने का एक और मौका

कंबाइन हार्वेस्टर अनुदान

खेती किसानी के कार्यों में प्रयोग होने वाला सबसे महंगे यंत्रों में से एक है कंबाइन हार्वेस्टर | आज के समय में कंबाइन हार्वेस्टर का प्रयोग भी बहुत अधिक बढ़ गया है, अधिकतर किसान फसल कटाई में हार्वेस्टर का प्रयोग करने लगे हैं | महंगा होने के कारण इसकी ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्धता बहुत कम है इस कारण फसल काटी के समय किसानों को किराये पर लेने के लिए इंतजार करना पढता है | चूँकि यह महंगा यंत्र है इसलिए अधिकतर किसान इसे खरीद नहीं सकते | सरकार इसलिए यह यंत्र किसानों को सब्सिडी पर देती है परन्तु इनके लक्ष्य बहुत कम होते हैं |

पिछले दिनों मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को कम्बाईन हार्वेस्टर सब्सिडी पर देने के लिए आवेदन मांगे गए थे | जिसके अनुसार प्रत्येक जिले में 4-5 हार्वेस्टर दिया जाना था | अधिक आवेदन आने के कारण कुछ जिलों में इनकी संख्या बढ़ा दी गई थी |अब एक बार फिर से कंबाइन हार्वेस्टर के लिए नए लक्ष्य आवंटित किये गए हैं |

अब कौन से किसानों को सब्सिडी पर कम्बाईन हार्वेस्टर दिए जा रहे हैं ?

मध्य प्रदेश कृषि कृषि अभियांत्रिकी संचनालय द्वारा अगस्त माह में कम्बाईन हार्वेस्टर के लिए आवेदन मांगे गये थे | यह आवेदन 5 अगस्त से 19 अगस्त 2019 तक किये गए थे | इस बार राज्य सरकार किसानों को कृषि यंत्र के लिए आनलाइन लाटरी सिस्टम को अपनाया था | कम्बाईन हार्वेस्टर के लिए राज्य सरकार ने 22 अगस्त को लाटरी सिस्टम से किसानों को सूचि प्रकाशित की थी | इसके आधार पर अलग – अलग जिलों के लिए कम्बाइन हार्वेस्टर दिए जाने का प्रावधान किया गया था |

इसमें अनुसूचित जाती तथा अनुसुचित जनजाति के साथ – साथ सामान्य वर्ग के किसानों के लिए  अलग – अलग लक्ष्य रखे गए थे | लेकिन प्रति जिले 4 कम्बाइन हार्वेस्टर दिए जा रहे हैं | अगर किसी किसान के द्वारा कम्बाइन हार्वेस्टर नहीं लिया गया या फिर सत्यापन में गलती पाई गई है उसके स्थान पर सूचि में बाद वाले किसानों को अब मौका दिया जा रहा है  | किसानों को SMS के मधयम से सुचना भी दी जा रही है |

लक्ष्य के बाद आज मध्य प्रदेश कृषि विभाग प्रदेश के सभी जिलो के लिए 179 कम्बाइन हार्वेस्टर दे रही है |  इस बार का लक्ष्य केवल सामान्य वर्ग के किसानों के लिए जारी किये गए है | इसलिए अनुसूचित जाती तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए लक्ष्य दुबारा नहीं दिया गया है |

कौन से किसान कम्बाईन हार्वेस्टर सब्सिडी पर ले सकेंगे

22 अगस्त 2019 को कम्बाइन हार्वेस्टर के लिए जो सूचि तैयार किया गया था | उस सूचि में जिस किसान को कम्बाईन हार्वेस्टर मिल गया है | उसको छोड़कर उसके बाद वाले किसानों को वरीयता के आधार पर तथा लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किसनों को कम्बाईन हार्वेस्टर दिए जायेंगे | अतः किसानों को नए आवेदन नहीं करने है जो किसान पहले ही आवेदन कर चुके हैं एवं उनका नाम प्रतीक्षा सूचि में पहले ही आ चूका है वही किसान अब कंबाइन हार्वेस्टर ले सकेंगे |

किसान कंबाइन हार्वेस्टर की सूची कहाँ देखें ?

वर्ष 2019 – 20 में कम्बाईन हार्वेस्टर के क्रय पर अनुदान अंतर्गत दिनांक 22 अगस्त 2019 को जारी की गयी लाटरी से निर्धारित संभागवार प्राथमिकता सूचियाँ (दिए गये लक्ष्य के 5 गुना )

कंबाइन हार्वेस्टर सब्सिडी पर लेने हेतु चयनित किसानों की लिस्ट 
  1. भोपाल संभाग
  2. चम्बल संभाग
  3. ग्वालियर संभाग
  4. इंदौर संभाग
  5. जबलपुर संभाग
  6. नर्मदापुरम संभाग
  7. रीवा संभाग
  8. सागर संभाग
  9. शहडोल संभाग
  10. उज्जैन संभाग

दस्तावेज कहाँ सत्यापन करायें

किसान पहले सूचि में अपना नाम देखे इसके आधार पर अपने मूल दस्तावेज सत्यापन तथा डिमांड ड्राफ्ट की मूल प्रति सम्बन्धित जिला सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में जमा कर पायेंगे |

ट्रेक्टर एवं अन्य सभी प्रकार के कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेने के लिए इस तरह आवेदन करें 

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नीम की पत्ती एवं निम्बोली से किसान इस तरह बनायें कीटनाशक, जाने क्या है इसके फायदे

नीम-निम्बोली से कीट नियंत्रण

कीटनाशी रसायनों के लगातार किए गए प्रयोग से हानिकारक कीटों में इनके लिए प्रतिरोधक क्षमता बढती जा रही है और वे मरते नहीं है | इसके विपरीत प्रकृति में पाये जाने वाले लाभकारी परभक्षी कीटों पर भी प्रतिकूल असर हो रहा है | अत: वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस बात की आवश्यकता है कि शुद्ध फलों और सब्जियों का उत्पादन लेने के लिए कीट नियांत्रिकी प्रभावी व कम खर्चीली विधियाँ अपनायी जाएँ | इनमें प्रमुख एवं प्रभावी विधि है – नीम के पत्तों व निम्बोली से तैयार घोल से कीट नियंत्रण | यह एक आसान व कम खर्चीली विधि है साथ ही किसान भाई आसानी से यह कीटनाशक घर पर ही बना सकते हैं | इसका सिर्फ समय पर छिड़काव करना पड़ता है | किसान समाधान नीम के बीज तथा पत्ती से कीटनाशक बनाने की विधि तथा इसका उपयोग कि जानकारी लेकर आया है |

नीम की पत्ती एवं निम्बोली से घोल बनाने की विधि

घोल तैयार करने के लिए 1 किलोग्राम नीम की पत्तियां या निम्बोली की गुठली को चटनीनुमा बारीक़ पीस लें | इसके बाद इसे कपड़े की पोटली में बांधकर पानी में डुबोकर रात भर रखें व दुसरे दिन सुबह रस निचोड़ने के बाद गुद्दे को फेंक दें या खाद बनाने के लिए प्रयोग में लें | इस रस को 10 लीटर पानी में मिला दें | इस प्रकार 10 प्रतिशत का घोल तैयार हो जायेगा | इस घोल का आवश्यकतानुसार फसल पर समय – समय पर छिड़काव करके कीटों से बचायें |

फलीछेदक कीट के नियंत्रण के लिए फूल आने से पहले छिड़काव शुरू करें | यह छिड़काव 10 – 15 दिनों के अंतराल पर फसल पर करते रहें | जब तक फल आ रहे हों, मिट्टी में पाये जाने वाले हानिकारक कीटों जैसे – दीमक, सफेद लट एवं सूत्र कृमि जैसे सूक्ष्मजीवों के नियंत्रण में नीम खली का प्रयोग किया जाता है |

नीम की पत्ती या नीम खली के पानी के घोल में छिड़काव से पहले टमाटर के पौधों की जड़ों को कुछ देर तक डुबोने से सूत्र कृमियों की संख्या में काफी कमी आती है | टमाटर, बैंगन तथा मिर्च के खेत में नीम खली (1000 – 1200 किलोग्राम / हैक्टेयर) भूमि उपचार के रूप में प्रयोग करने से सूत्र कृमि का प्रभावी नियंत्रण होता है | इस प्रकार अगर किसान नीम पत्तियों व निम्बोली का प्रयोग कीट नियंत्रण में करेंगे तो फसल पर कीटों का प्रकोप होने से रोक सकते हैं | इसके छिड़काव से किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है |

नीम से बने कीटनाशक से फायदे

  1. सस्ता और बनाने में आसान
  2. वातावरण को प्रदूषित नहीं करता
  3. सभी हानिकारक कीटों के प्रति प्रभावी
  4. विषरहित व सुरक्षित
  5. चने की फसल में फलीछेदक के नियंत्रण के लिए निम्बोली के घोल के तिन छिड़काव जरुरी तथा पहला फसल उगने के 20 दिनों बाद , दूसरा 40 दिनों बाद तथा तीसरा छिड़काव फूल आने पर
  6. सरसों में एफिड (माहू) के नियंत्रण नीम के बीज , पत्तियों, खली एवं तेल से किया संभव और 1 – 2 किलोग्राम निम्बोली पाउडर के छिड़काव से प्रति किवंटल गेहूं, ज्वार और मक्का का 4 से 12 महीनों तक ट्रोगोनेमा कीट से बचाव
  7. 1 किलोग्राम निम्बोली पाउडर प्रति किवंटल चना, मटर एवं अन्य दलों में मिलाकर रखने पर 6 महीने से 12 महीने तक सभी संग्रहित अनाज के कीटों से सुरक्षा
  8. इसके तेल (500 मि.ली. / किवंटल) को चने में मिलाकर रखने पर 6 महीने तक प्लस बीटल से सुरक्षा
  9. नीम की 2 , 4, 8 और 10 प्रतिशत सुखी पत्तियों को गेहूं, ज्वार (अनाजों) में मिलाने पर सभी प्रकार के संग्रहित अनाज के कीटों से 135 दिनों तक अनाज की सुरक्षा

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किसानों को दिया जा रहा है 50 हजार रुपये तक का पुरस्कार, अभी करें ऑनलाइन आवेदन

किसान पुरस्कार 2019-20 ऑनलाइन आवेदन

किसानों के द्वारा कुछ अलग तरह से किये गये काम को प्रोत्साहित करने तथा किसानों के बीच प्रचार करने के लिए किसानों को पुरस्कृत किया जाता है | इसका मुख्य उद्देश्य यह रहता अधिक से अधिक किसानों को नई तकनीक को बढ़ावा दिया जाए और किसान नवाचार करने के लिए प्रेरित हो |

बिहार राज्य सरकार नेशनल मिशन आंन एग्रीकल्चर एक्स्टेंशन एंड टेक्नोलाजी के अंतर्गत सब – मिशन आँन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजना वर्ष 2020 के अंतर्गत राज्य के अतिविशिष्ट / उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों की सफलताओं को अन्य किसानो के बीच प्रचारित एवं प्रसारित करने के लिए प्रखंड , जिला एवं राज्य स्तर पर कृषि एवं कृषि से संबद्ध क्षेत्रों यथा उधान, पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी आदि में अतिविशिष्ट / उत्कृष्ट कार्यों एवं उपलब्धियों के लिए किसानों को प्रोत्साहन करने हेतु राज्य सरकार द्वारा किसान पुरस्कार योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है |

किसानों को किन क्षेत्रों में पुरस्कार दिया जायेगा?

नेशनल मिशन आंन एग्रीकल्चर एक्स्टेंशन एंड टेक्नोलाजी के अंतर्गत सब–मिशन आँन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजना वर्ष 2020 के अंतर्गत कृषि, उधान, पशुपालन एवं डेयरी आदि चिन्हित क्षेत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन किसान कर सकते हैं | इसमें रबी मौसम में किसान पुरस्कार हेतु गेहूं, आलू, गायपालन एवं मत्स्यपालन को चिन्हित किया गया है | एक किसान एक से अधिक क्षेत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं |

पुरस्कार कितना दिया जायेगा ?

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया की किसानों को पुरस्कार तीन स्तर पर दिए जायेंगे | पहला पुरस्कार प्रखंड स्तर पर, दूसरा पुरस्कार जिला स्तर पर तथा तीसरा पुरस्कार राज्य स्तर पर दिया जा रहा है | अलग – अलग स्तर पर पुरस्कार की राशी अलग–अलग है |

प्रखंड स्तर पर पुरस्कार राशि

प्रखंड स्तर पर अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एक – एक किसान को को पुरस्कार स्वरूप किसानश्री की उपाधि , एक प्रशस्ति पात्र के साथ 10 हजार रुपया दिया जायेगा |

जिला स्तर पर पुरस्कार राशि

जिला स्तर पर उत्कृष्ट रहने वाले किसानों को एक – एक किसानश्री की उपाधि , एक प्रशस्ति पत्र एवं 25 हजार रुपये दिये जायेंगे |

राज्य स्तर पर पुरष्कार राशि

राज्य स्तर पर उत्कृष्ट रहने वाले एक – एक किसान को किसानश्री, एक प्रशस्ति पत्र एवं 50 हजार रुपये दिया जायेगा |

किसानों का चयन का आधार क्या रहेगा ?

किसानों के द्वारा किये गये आवेदन में प्रखंड स्तर , जिला स्तर तथा प्रदेश स्तर पर अब्बल रहने का आधार तय किया गया है | इसके लिए किसान एक से अधिक क्षेत्रों या फसलों, गायपालन, मत्स्यपालन में अब्बल रहना होगा | इसके आधार पर किसानों को पुरस्कार के लिए चयन किया जायेगा |

आवेदन के लिए क्या जरुरी है ?

  1. किसान के फोटो का स्कैन कापी 50 KB तक jpg format में अपलोड करें |
  2. किसान हस्ताक्षर का स्कैन कापी 30 KB तक jpg format में अपलोड करें |
  3. किसान के पहचान पत्र का स्कैन कापी 200 KB तक jpg format में अपलोड करें |

किसान पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन

आवेदन के लिए किसान 27 जनवरी 2020 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | ऑनलाइन आवेदन बामेती अथवा कृषि विभाग के आत्मा योजना के अंतर्गत किसान पुरस्कार कार्यक्रम के पोर्टल पर जाकर किया जा सकता है |

अधिक जानकारी के लिए किसान पुरस्कार हेतु शर्तें, किसान की पात्रता तथा आवेदन करने एवं चयन की प्रक्रिया कृषि विभाग एवं बामेती के वेबसाईट पर उपलब्ध है | किसान भाई / बहन अपने जिला कृषि पदाधिकारी / परियोजना निदेशक, आत्मा / सहायक निदेशक, उधान प्रखंड कृषि पदाधिकारी / प्रखंड तकनीकी प्रबंधक से संपर्क कर एस योजना का लाभ लें |

किसान पुरस्कार योजना में भाग लेने के लिए आवेदन हेतु क्लीक करें

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