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शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2024
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70 प्रतिशत तक के अनुदान पर करवाएं पशुओं का बीमा

पशुधन बीमा योजना के तहत अनुदान

देश में किसान कम से कम एक या दो पशु रखते ही हैं | सरकार की योजना के तहत पशुपालन सम्बंधित योजना का लाभ लेने के लिए पशुधन बीमा होना भी आवश्यक है | साथ ही यदि किसान पशुओं का बीमा करवाएंगे तो पशु हानि होने पर किसानों को सहायता मिल सकती है | केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए राष्ट्रिय पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है जो पुरे देश में लागू है | मध्यप्रदेश राज्य सरकार इस योजना में अलग से अनुदान भी दे रही है | अभी राज्य सरकार के पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने प्रदेश की सायर (नंदी) डायरेक्ट्री और पशुधन बीमा योजना के पोस्टर का विमोचन किया। विमोचन के समय उन्होंने यह जानकारी दी |

वीर्य संस्थान भोपाल की लिए डायरेक्ट्री

केन्द्रीय वीर्य संस्थान, भोपाल द्वारा प्रकाशित इस डायरेक्ट्री से पशुपालकों को विभिन्न उन्नत किस्म के नंदी की विस्तृत जानकारी मिलेगी और उन्हें अपने पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिये उन्नत किस्म के वीर्य का चयन करने में सुविधा होगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में एक मात्र वीर्य संस्थान भोपाल में स्थित है। इसमें लगभग 205 नंदी रखे जाने की सुविधा है। वर्तमान में 198 नंदी इस संस्थान में वीर्य संकलन के लिये उपलब्ध हैं।

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 संस्थान में दूध देने वाले पशुओं की कुल 16 नस्लों के नंदी रखे गये हैं। इसमें प्रमुख रूप से गिर, थारपरकर, मुर्रा जैसे दुधारु नस्ल के नंदी हैं। उन्होने बताया कि जर्सी एवं एचएफ जैसी अधिक मात्रा में दूध देने वाली नस्लों के नंदी भी इस संस्थान में रखे गये हैं। पशुपालन मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट्री में 198 नंदी का विस्तृत विवरण प्रत्येक पृष्ठ पर उपलब्ध है। इसमें कुछ भैंसीय एवं शेष गौवंशीय सायर हैं।

पशुधन बीमा योजना के तहत अनुदान

पशुपालन मंत्री श्री लखन यादव ने कहा कि पशुधन बीमा योजना प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागू की गई है। इसमें पशुपालक अपने दुधारु पशुओं के साथ सभी प्रकार के पशुओं का बीमा करा सकेंगे। एक हितग्राही अपने 5 पशुओं का बीमा करा सकेगा। भेड़, बकरी, शूकर आदि श्रेणी में 10 पशुओं की एक पशु इकाई मानी जाएगी।

मंत्री श्री यादव ने कहा कि बीमा प्रीमियम पर एपीएल श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल और अजा-अजजा श्रेणी के पशुपालकों को 70 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। शेष राशि पशुपालक द्वारा भुगतान की जाएगी। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा 3 वर्ष के लिये 7.50 प्रतिशत देय होगी। बीमा न्यूनतम एक वर्ष तथा अधिकतम 3 वर्ष के लिये किया जा सकेगा।

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