तीन दिनों के अन्दर कर दिया जायेगा टिड्डी कीट का सफाया

टिड्डी कीट नियंत्रण की ताजा स्थिति

ठंड बढ़ने के बाद टिड्डी पर नियंत्रण खुद हो जाता था लेकिन इस बार अधिक ठंड होने के बाद भी टिड्डी पर नियंत्रण नहीं हो पाया है | इसके लिए राजस्थान सरकार नियंत्रण के लिए युद्ध स्तर पर लगी हुई है | लम्बे समय के बाद यह खबर अब आने लगी है की टिड्डी पर नियंत्रण 2 से 3 दिन में कर लिया जायेगा | जहाँ राज्य सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को कीटनाशक रासायन फ्री में दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से टिड्डी नियंत्रण के लिए 10 वाहन प्रत्येक जिलों में संचालित किये जा रहे हैं |

कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री राधेश्याम नरवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि टिड्डियों का पूरी तरह सफाया करने के लिए अभी 2 से 3 दिन और युद्ध स्तर पर अभियान जारी रहेगा | कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण विभाग तथा किसानों की सराहनीय भागीदारी के चलते जिले में टिड्डियों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है |

टिड्डी नियंत्रण कार्यवाही का पूरा फोकस अब टिड्डियों के समूह उन्मूलन पर केन्द्रित है और इस दिशा में हर स्तर पर कार्यवाही जारी है | सर्वे टीमें लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमणरत है तथा टिड्डी नियंत्रण के लिए 10 नियंत्रण वहन निरन्तर सेवाएं दे रहे हैं |

जिला कलेक्टर ने किसानों से किया आग्रह

जैसलमेर जिला कलेक्टर श्री नमित मेहता ने जिले में टिड्डी नियंत्रण के साझा और सफल प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया और किसानों से आग्रह किया है कि आगामी 3–4 दिन और टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों में अपनी पूरी–पूरी भागीदारी निभाएं ताकि टिड्डियों का खत्म किए जा सके |

कृषि विभाग ने रसायनों के प्रयोग की अवधि बढाई

कृषि विभाग भी टिड्डियों के पूरी तरह खात्मे पर अपनी कार्यवाही को फोकस किया है | राजस्थान के कृषि आयुक्त डा. ओमप्रकाश ने टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों में फसलों को टिड्डियों से बचाने के लिए कीटनाशी रसायनों के उपयोग की अवधि अग्रिम आदेश तक बढ़ा दी है | पहले यह अवधि 7 जनवरी तक hi निर्धारित थी | कृषि आयुक्तालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब कीटनाशी रसायनों के उपयोग की अवधि अग्रिम आदेशों तक अथवा टिड्डियों का प्रकोप रहने तक किए जाने की स्वीकृति दी गई है |

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किसान अब फल एवं सब्जी में मौजूद रासायनिक कीटनाशक एवं खादों की मात्रा की जांच यहाँ करवा सकेंगे

फल एवं सब्जी गुणवत्ता की जाँच हेतु प्रयोगशाला

किसानों द्वारा फल एवं सब्जियों के उत्पादन में अंधाधुंध प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के कारण फल एवं सब्जियों में रसायनों जहर का लेवल काफी बढ़ गया है जिसके कारण मनुष्यों में कैंसर जैसी जानलेवा रोगों का खतरा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है |

किसानों के द्वारा उपयोग किये जा रहे कीटनाशक तथा रासायनिक खाद की मात्रा से उसके द्वारा उत्पादित उपज में रसायनों जहर की मात्र कितनी बढ़ गई है सही जानकारी नहीं रहती है और अभी तक किसी भी प्रकार का जाँच प्रयोगशाला भी नहीं है | किसान अधिक उत्पादन के लिए लगातार खादों का प्रयोग कर रहे हैं | किसानों तथा उपभोगता किसी भी अनाज तथा फल सब्जी में कीटनाशक तथा रासायनिक खाद की गुणवत्ता की जाँच कर सके इसके लिए हरियाणा सरकार ने एक प्रयोगशाला का निर्माण किया है |

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल ने 6 जनवरी को सिरसा में एक करोड़ 94 लाख रूपये की लागत से बनी गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला का शुभारंभ किया है | इस गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला में किसान अपने फल एवं सब्जियों में रासायनिक कीटनाशकों एवं खादों के लेवल की जाँच करवा सकते हैं तथा साथ ही किसानों को फल एवं सब्जियों उत्पादन में कीटनाशकों एवं खादों के प्रयोग बारे आवश्यक सलाह दी जाएगी |

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85 प्रतिशत किसानों को किया गया जस्ट इन टाइम एप से धान खरीदी का भुगतान

धान की सरकारी खरीद का भुगतान

खरीफ फसल की सरकारी खरीदी चल रही है, इसमें धान एक महत्वपूर्ण फसल है | देश में उत्पादन की बात करें तो यह 112.91 मिलियन टन है | किसानों के द्वारा अधिक उत्पादन से आमदनी की उम्मीद रहती है | प्रत्येक वर्ष धान फसल के लिए केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है | प्रति वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी किसानों से धान की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है | मध्य प्रदेश में धान का खरीदी के साथ किसानों को भुगतान भी किया जा रहा है |

कितनी मंडियों में की जा रही है धान की खरीदी ?

मध्य प्रदेश में धान का उत्पादन 30 जिलों में की जाती है इसलिए राज्य सरकार की तरफ से धान की खरीदी 30 जिलों में किया जा रहा है | खरीदी केन्द्रों की बात करें तो 30 जिलों के 955 खरीदी केन्द्रों पर धान की सरकारी खरीदी चल रही है |

धान की सरकारी खरीदी कब तक चलेगी ?

प्रदेश में धान की खरीदी अन्य राज्यों से पीछे शुरू हुई है | प्रदेश में 2 दिसम्बर से धान की खरीदी शुरू की गई है तथा यह 20 जनवरी तक जारी रहेगी | प्रदेश में धान की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही की जा रही है | इस वर्ष धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति क्विंटल है तथा ए–ग्रेड धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 रुपया प्रति क्विंटल है |

अभी तक कितने किसानों ने धान विक्री के लिए आये हैं ?

मध्यप्रदेश के संचालक खाध, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोगता संरक्षण श्री अविनाश लवारिया ने बताया है कि ई – उपार्जन पोर्टल पर 5 लाख 43 हजार 062 धान उत्पादक किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया | इनमें से 1 लाख 79 हजार 295 किसान उपार्जन केन्द्रों पर अपना 10.43 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए पहुंचे |

धान खरीदी के भुगतान की स्थिति

किसानों की सबसे बड़ी शिकायत यह रहती है कि सरकार धान खरीदी करने के बाद उसका भुगतान करने में काफी देरी करती है लेकिन राज्य सरकार ने इस बार दावा किया है कि किसानों को धान खरीदी का भुगतान तुरंत कर दिया जा रहा है |

श्री अविनाश लवारिया ने कहा कि अभी तक 5 लाख 74 हजार 222 मीट्रिक टन धान की कुल समर्थन मूल्य राशि 1,042 करोड़ में से 85 प्रतिशत अर्थात 878 करोड़ का भुगतान किसानों के बैंक खातों में जस्ट–इन–टाइम एप के माध्यम से किया जा चूका है |

78 प्रतिशत धान पहुंची गोदामों तक

धान की खरीदी 2 दिसम्बर से लगातार जारी है | धान की खरीदी के बाद गोदामों तक पहुँचने की प्रक्रिया भी सतत जारी है | श्री अविनाश लवारिया ने बताया कि खरीदी केन्द्रों से कुल उपार्जित धान में से 8 लाख 16 हजार 517 मीट्रिक तन 78% धान गोदामों में पहुंचाई जा चुकी है |

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इस राज्य के लगभग 6 लाख किसान परिवारों को दी गई पीएम किसान योजना की चौथी किस्त

पीएम किसान योजना की चौथी किस्त

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा कर्नाटक राज्य में एक बटन दबा कर 6 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त दी गई | यह किस्त इस बजटीय वर्ष की अंतिम किस्त है | इससे पहले इतनी संख्या में किसानों को पीएम किसान का पैसा नहीं दिया गया था | पैसा जारी करते हुए बताया गया था कि 6 करोड़ किसानों को तीसरी किस्त के रूप में 2,000 रुपये दिए जा रहे हैं | इन 6 करोड़ किसानों को कुल 12,000 करोड़ रुपये दिए हैं | इसके तहत राजस्थान में भी किसानों को चौथी किस्त जारी कर दी गई है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

कितने किसानों को दी गई चौथी किस्त

राजस्थान के रजिस्टार, सहकारिता डॉ. नीरज के पवन ने मंगलवार को बताया कि राज्य के किसानों को चौथी किस्त के रूप में पीएम किसान निधि योजना की राशि जारी हो चुकी है तथा 5 लाख 94 हजार 694 किसनों को 118 करोड़ 93 लाख 88 हजार रूपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया | इस प्रकार प्रथम किस्त में 47.09 लाख किसानों दिवतीय किस्त में 46.06 लाख तथा तीसरी किस्त में 36.34 लाख किसानों को पीएम किसान योजना की राशि उनके खातों में जमा हो चुकी है |

कुल कितने किसानों को पैसा मिला है ?

सभी राज्यों की तरह ही राजस्थान में भी किसानों को चारों किस्त दी जा रही है | अभी तक 4 किस्तोंमें 3073 करोड़ 14 लाख रूपये का भुगतान किया गया है | इसकी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है |

  1. जिसमें प्रथम किस्त में 48 लाख 20 हजार 177 किसानों को 941 करोड़ 88 लाख 32 हजार रुपया दिया जा चूका है |
  2. दूसरी किस्त में 46 लाख 16 हजार 563 करोड़ किसानों को 921 करोड़ 37 लाख 88 हजार रुपया दिया गया है |
  3. तीसरी किस्त में 36 लाख 41 हजार 936 किसानों को 726 करोड़ 85 लाख 58 हजार रूपये दिए गये |
  4. चौथे किस्त में 5 लाख 94 हजार 694 किसानों को 118 करोड़ 93 लाख 88 हजार करोड़ रूपये की भुगतान किया गया है |

किन किसानों को दी जा रही है किस्तें

राजस्थान के रजिस्टार सहकारिता ने बताया है की द्वितीय किस्त के बाद भारत सरकार स्वयं पर किसानों का आधार आधारित प्रमाणित कर रहा है और बिना आधार प्रमाणन के किसानों की किस्त जारी नहीं हो रहा है  राज्य के किसानों द्वारा किये गये आवेदन आधार से hi किये गये है | भारत सरकार ने गाइड लाइन जारी कर आग्रह किया है कि किसानों को आवेदित नाम और आधार कार्ड में उल्लेखित नाम में समानता हो इसके लिए किसान किसी भी ई-मित्र केंद्र पर जाकर पीएम किसान पोर्टल पर नाम में असमानता को सही करा सकता है |

अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नम्बर 155-261/ 1800115526 पर कॉल करें |

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80 प्रतिशत की सब्सिडी पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना करने के लिए आवेदन करें

कृषि यंत्र बैंक स्थापना हेतु आवेदन

घर बैठे ले कृषि यंत्रों का लाभ | निजी कस्टम हायरिंग सेण्टर कैसे खोलें

कृषि जोत का आकार छोटा होने तथा कृषि यंत्रों के मूल्य अधिक होने के कारण किसान तथा ख़ास करके छोटे किसान और बटाईदार किसानों की पहुँच से कृषि यंत्र बाहर हैं जिसके चलते किसानों के कृषि कार्य समय पर नहीं हो पाते है | इसी को ध्यान में रखते हुए देश के सभी राज्यों में केंद्र प्रायोजित कस्टम हायरिंग योजना शुरू की गई है  इसमें किसानों के लिए ग्राम स्तर पर कृषि यंत्र सेंटर की स्थापना की जा रही है | जिसे किसान किराये पर सभी तरह के कृषि यंत्र प्राप्त कर सकते हैं |

इसी योजना के तहत बिहार सरकार राज्य के सभी जिलों में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना करने जा रही है | जिसे कोई भी किसान इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है | इसके लिए किसानों को कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए 40 से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी | किसान समाधान इस योजना से जुडी सभी जानकारी लेकर आया है | 

कृषि यंत्र बैंक क्या है ?

किसानों को पर्याप्त मात्रा में कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं होने के कारण अभी भी कृषि कार्य परम्परागत तरह से किये जा रहें हैं | कृषि यंत्रों की लागत अधिक होने के कारण सभी किसान के पास उपलब्ध नहीं हो पाता है | इसके लिए राज्य सरकार सभी जिलों में छोटे, बड़े, बटाईदार सभी तरह के किसानों के लिए गाँव स्तर, पंचायत स्तर तथा प्रखंड स्तर पर कृषि यंत्र सेंटर की स्थापना कर रही है | कृषि यंत्र सेंटर को ही कृषि यंत्र बैंक कहते हैं |

इस कृषि यंत्र बैंक में कौन – कौन से कृषि यंत्र रहेंगे ?

यह कृषि यंत्र बैंक में सभी तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध रहेंगे | सभी कृषि यंत्र बैंक एक समान नहीं है | ग्राम स्तर पर कृषि यंत्र बैंक में ट्रेक्टर के साथ ट्रेक्टर से चलने वाले यंत्र उपलब्ध रहेंगे | इससे बड़े कृषि यंत्र बैंक में ट्रेक्टर, हार्वेस्टर के अलवा सभी तरह के कृषि कार्य में उपयोग होने वाले कृषि यंत्र उपलब्ध रहेंगे |

कृषि यंत्र बैंक पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी

राज्य सरकार किसानों को भाड़े पर कृषि यंत्र उपलब्ध करने के लिए चार तरह के कृषि यंत्र बैंक की स्थापना करने जा रही है | योजना के अंतर्गत 10 लाख , 25 लाख एवं 40 लाख रूपये की लागत से कस्टम हायरिंग हेतु कृषि यंत्र बैंक तथा  80 लाख रूपये की लागत वाले दो हाईटेक हब की स्थपना करेगी |

राज्य के कृषि विभाग के द्वारा इन सभी कृषि यंत्रों बैंक/हाईटेक हब की स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है | इसके अलावा ग्राम स्तर पर भी कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जानी है | ग्राम स्तर कृषि यंत्र की स्थपना 10 लाख रूपये की लागत से की जाएगी | इस पर राज्य के कृषि विभाग के द्वारा 80 प्रतिशत (यानी 8 लाख रूपये) की सब्सिडी दिए जाने का प्रबधन है  |

कृषि यंत्र बैंक लेने हेतु पात्रता

इस योजना का लाभ कोई भी प्रगतिशील कृषक उठा सकते हैं | कृषक को योजना का लाभ मात्र 40 प्रतिशत अनुदान वाले कृषि यंत्र बैंक/हाईटेक हब स्थापित करने के लिए दिया जायेगा | 10 लाख रूपये तक के इन दोनों कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने हेती 40 हार्स पवार तक के ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है |

कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने के इच्छुक जीविका के ग्राम संगठन / आत्मा से संबद्ध फार्मर्स इंटरेस्ट ग्रुप / नाबार्ड एवं राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब / स्वयं सहायता समूह / पेक्स / व्यापार मंडल/ कृषि यंत्र निर्माता / उधमी /सी.एल.एफ.योजना का लभ प्राप्त कर सकते हैं |

कृषि बैंक स्थापना हेतु आवेदन

योजना के लिए पात्र किसान तथा किसान समूह जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन कर सकते हैं | आवेदक समूह को कम –से –कम एक वर्ष तक लगातार कृषि के क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए | आवेदन का विहित प्रपत्र कृषि विभाग के बेवसाईट www.krishi.bih.nic.in या जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है |

इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी / जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं |

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भरपूर बिजली पाने एवं ट्रांसफार्मर, खंभे बदलवाने के लिए जल्द भरें बकाया बिजली बिल: उर्जा मंत्री

बिजली पंचायत कार्यक्रम

बिजली सभी को तथा पर्याप्त मात्रा में चाहिए | इसके लिए जरुरी है की बिजली बिल समय पर भरा जाए | बिजली बिल नहीं भरने के कारण बिजली के तार, खंभों तथा ट्रांसफार्मर बदलाव नहीं हो पाता है |  इसको लेकर राज्य सरकार किसानों तथा गाँव में समय – समय पर अभियान चलाती है | कभी – कभी बिजली बिल बहुत ज्यादा हो जाने पर सरकार को कोई नई योजना लाना पड़ता है जो उपभोगता के लिए लोक लुभावने होते है |

हरियाणा राज्य भी इसी तरह के समस्या से जूझ रहा है | जहाँ राज्य में 1500 करोड़ रूपये का बिजली बिल बकाया था | जिसे एक अभियान के तहत 1150 करोड़ रूपये की आदायगी कर दी गई है | अभी भी 350 करोड़ रुपये बकाया है जिसे जल्द ही वसूलने का लक्ष्य रखा गया है | इसके अलवा राज्य सरकार ने बिजली बिल की आदायगी के लिए एक योजना को लेकर आयी है |

बिजली पंचायत कार्यक्रम

हरियाणा में ऊर्जा मंत्री के अगुवाई में एक बिजली पंचायत का आयोजन किया गया | बिजली पंचायत में हिसार व फतेहाबाद जिलों के उन गांवों के पंचायत सदस्यों व मौजूद लोगों को विशेष रूप से बुलाया गया था जिन गांवों में बिजली उपभोगताओं के लंबित बिलों की संख्या ज्यादा है | बिजली पंचायत में पहुंचे उपभोगताओं ने अपनी बिजली समस्याएं भी रखीं |

बिजली बिल भरने पर यह सुविधाएँ दी जाएगी

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रंजित सिंह ने कहा कि प्रदेश में सरकार व बिजली उपभोगताओं के बीच मधुर संबंध बनाने तथा आमजन को अच्छा उपभोगता बनाने के लिए बिजली पंचायत नामक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है | इसमें बिजली बिल औसत से ज्यादा लंबित है | योजना में सहयोग करने वाले गांवों में बिजली आपूर्ति का समय बढ़ाया जाएगा तथा बिजली के खंभे बदलने, आवश्यकता अनुसार नए ट्रांसफर्मर लगवाने जैसे सुधार कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाएं जाएंगे |

उन्होंने कहा की सरकार के प्रयासों के चलते आज हरियाणा में केवल 14 प्रतिशत लाइन लोस है, जो 2014 में 30 प्रतिशत था | उन्होंने कहा कि लाइन लोस कम करने के लिए जहां बिजली सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है वहीं बिजली के लंबित बिलों की अदायगी के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है | उपभोगताओं के हित में उनके लंबित बिलों की अदायगी के लिए किश्तों में भुगतान का विकल्प रखा जा सकता है | यदि सभी लोग बिल भरें और लाइन लोस कम हो तो सरकार बिजली दरों में कमी कर सकती है |

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यदि आप गन्ना किसान हैं तो यह वेबसाइट एवं एंड्राइड एप आपके बहुत काम की है

गन्ना किसानों के लिए ई.आर.पी. योजना

चीनी मीलों द्वारा किये जा रहे पर्ची निर्गमन कार्य के कारण कृषकों को समय से पर्चियां प्राप्त न होने एवं अवांछित व्यक्तियों द्वारा अक्सर बाधा उत्पन्न करके अनुचित लाभ लिए जाने से गन्ना कृषकों को हो रही परेशानियों को दूर करने तथा सहकारी गणना समितियों के पर्ची निर्गमन एवं अन्य कार्यों में शुचिता तथा पारदर्शिता लाये जाने हेतु ई.आर.पी. माडयूल विकसित किया गया है |इस योजना की पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है

ई.आर.पी. क्या है ?

इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया उधोग एवं गणना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा ने बताया कि ई.आर.पी. के अन्तर्गत गणना समितियों के मानव सम्पदा, कृषि निवेश व्यवसाय, लेखा एवं पर्ची निष्कासन व्यवस्था हेतु पृथक–पृथक एच.आर. माडयूल, खाद एवं कीटनाशक वितरण हेतु माडयूल, समिति की बैलेंशीट, एकाउटिंग एवं टी.डी.एस. माडयूल विकसित किये जा रहे हैं | ई.आर.पी. के अंतर्गत विकसित किये जा रहे इन मादयुल्स से गणना समितियां पूर्णतया कम्पयूटरीकृत हो जायेंगी | गणना समितियों के पूर्णतया कम्प्यूटरीकृत हो जाने के उपरांत कृषक, समिति के गोदामों से कृषि निवेशों की उपलब्धता के साथ साथ अपने लेने–देने की जानकारी ऑनलाइन कर सकेंगे और उन्हें अनावश्यक रूप से समिति कार्यालय के चक्कर लगाने से भी निजात मिलेगी |

इस व्यवस्था से किसानों को क्या मिलेगा ?

इस व्यवस्था से समिति की बैलेन्सशीट, टी.डी.एस. एवं एकाउटिंग भी ऑनलाइन होने से पारदर्शिता आयेगी तथा विभाग के अंतर्गत गन्ने के विपन्न के साथ–साथ गणना समिति के कृषि निवेशों के व्यवसाय, स्थापन एवं लेखा सम्बन्धी कार्यों सहित समस्त गतिविधियाँ इस पोर्टल के माध्यम से सुचारू रूप से सम्पादित हो सकेगी , जिससे विभाग की गतिविधियों के सम्पादन में शुद्धता एवं गतिशीलता के साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी |

इस योजना से कितने किसानों को फायदा होगा

ई.आर.पी. प्रणाली में किसानों को अपने सर्वे सट्टा , कलेंडर एवं पर्ची आदि की ऑनलाइन सीधे जानकारी प्राप्त हो रही है, जिससे समिति कार्यालय में जानकारी हेतु आने–जाने में लगने वाले समय की भी बचत हो रही है | अब तक लगभग दो करोड़ बीस लाख बार किसानों द्वारा अपने आकड़ों का ई.आर.पी. वेबसाईट www.caneup.in से अवलोकन किया गया तथा 8,47,690 किसानों द्वारा E – Ganna APP डाउनलोड किया गया एवं 5,76,52,433 बार ई–गणना एप को हिट किया गया है, जो कृषकों के बीच ई.आर.पी. वेबसाईट एवं ई.- गणना एप की लोप्रियता का प्रमाण है |

इस योजना के तहत कितने लोगों पर कार्यवाई हुआ है ?

ई.आर.पी. व्यवस्था से शासन की मंशानुरूप “ जीरो टालरेंस” नीति के तहत भ्रष्टाचारियों तथा गणना माफियाओं पर अंकुश लगाने में आशातीत सफलता प्राप्त हुई है | ई.आर.पी. व्यवस्था लागू होने से प्रदेश में 85,510 डबल बांड 23,985 फर्जी आपूर्तिकर्ता तथा 94,813 भूमिहीन कृषकों के बांड सामने आये जिन्हें बंद कर दिया गया है |

ई-गन्ना एंड्राइड एप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग उत्तरप्रदेश की वेबसाइट देखने के लिए क्लिक करें

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कर्ज माफी के दूसरे चरण में इस जिले के 1,134 किसानों के किये गए लोन माफ

किसान कर्ज माफी ताजा जानकारी

किसानों के लिए कृषि लोन माफ़ी पहली प्राथमिकता है | किसानो की ऋण माफी की घोषणा घोषणा किये हुए एक वर्ष से ज्यादा हो गया है परन्तु अभी तक सभी किसानों के कर्ज माफ़ नहीं किये गए हैं | ऐसा नहीं है कि किसी भी किसान का लोन माफ़ी नहीं हुआ है किसानों की लोन माफ़ी चरणवद्ध तरीके से की जा रही  है | मध्य प्रदेश में जहाँ पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7,154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ़ किये गये हैं | दुसरे चरण में 12 लाख 2 हजार 78 ऋण खाताधारक किसानों के ऋण माफ़ किये जाना है |

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों की लोन माफ़ी का दूसरा चरण शुरू कर दिया है | इस कृषि लोन माफ़ी में 1 लाख रूपये तक का लोन माफ़ किया जा रहा है| यह लोन माफ़ी सभी बैंकों के  किसानों के द्वारा लिए गये कृषि ऋण को माफ़ किया जाएगा |

मुख्यमंत्री ने किसानों को दिए प्रमाण पत्र

कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ सतना जिले में थे | जिले में दुसरे चरण में कृषि लोन माफ़ किये गये एवं किसानों को ऋण माफ़ी के प्रमाणपत्र भी दिए गए | जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना के दुसरे चरण में सतना जिले के 1,134 किसानों को मुख्यमंत्री के द्वारा ऋण माफ़ी के प्रमाण–पत्र वितरित किये गए हैं |

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा की किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए काम किया जा रहा है | श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुडी है | इसलिए सरकार कृषि के क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए कृत–संकल्पित है |

बताते चलें की मध्य प्रदेश में जय किसान योजना के तहत किसानों की लोन माफ़ी की जा रहा है | इस लोन माफ़ी की घोषणा दिसम्बर 2018 में किया गया था | इसके तहत मार्च 2018 तक किसानों के द्वारा लिए गये कृषि लोन को माफ़ किया जाना था | इस लोन माफ़ी में 2 लाख रूपये तक का कृषि लोन सभी बैंकों का माफ़ करने की योजना है |

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यहाँ होने वाली है मशरूम उत्पादन हेतु ट्रेनिंग, अभी आवेदन करें

मशरूम उत्पादन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम

मशरूम की मांग को देखते हुए इसका उत्पादन को भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है इसके लिए किसान परम्परागत खेती को छोड़कर मशरूम की खेती को अपना रहे हैं | राज्य स्तर पर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है | इसका कारण यह है की किसानों को कम भूमि में भी अच्छी आमदनी हो प्राप्त हो जाती है |

यदि 2,000 वर्गफीट में मशरूम की खेती साल भर करके 50 – 60 क्विंटल मशरूम प्राप्त करते हैं तो इससे 30 – 35 हजार रूपये की आमदनी हो जाती है | बिहार में प्रति वर्ष 50,000 परिवार के द्वारा 5,600 टन मशरूम का उत्पादन किया जाता है | किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ट्रेनिंग एवं राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है | किसानों को इस माह तथा अगले माह मशरूम पर ट्रेनिंग दी जानी है जिसके लिए किसान आवेदन कर सकते हैं | |

मशरूम के लिए प्रशिक्षण (Training) कब दी जानी है ?

राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से प्रत्येक माह ट्रेनिंग दी जाती है | इस माह दो ट्रेनिंग है पहला 16 से 30 जनवरी 2020 तथा दूसरा 21 से 27 जनवरी 2020 है परन्तु इसके लिए आवेदन पूरी तरह से हो चुके हैं  इसलिए इच्छुक किसान भाई अगले माह की ट्रेनिंग के लिए अभी से आवेदन कर सकते हैं |

फरवरी में मशरूम के लिए ट्रेनिंग

बिहार राज्य के राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविध्यालय के तरफ से मशरूम की ट्रेनिंग दी जानी है | ट्रेनिंग के लिए 3 फरवरी से 4 मार्च का समय रखा गया है | कोई भी इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं | आवेदन का अंतिम तारीख 28 जनवरी है |

आवेदक के लिए कितने सीट है

इस ट्रेनिंग के लिए 15 आवेदन को ही मंजूर किये जाना है | इसके लिए पहले आवेदन करने वाले आवेदक को पहले मौका दिया जायेगा | प्रत्येक माह अलग–अलग सब्जेक्ट पर ट्रेनिंग दी जाती है | इसके लिए पहले से ही सब्जेक्ट तय किया जाता है | फरवरी माह में होने वाले ट्रेनिंग के लिए 15 आवेदकों को इंटरप्रोनरशिप पर दी जाएगी |

मशरूम ट्रेनिंग हेतु शुल्क (FEE)

इस एक माह की ट्रेनिंग के लिए 8,500 रुपये का  शुल्क रखा गया है | यह सभी आवेदक के लिए है जो ट्रेनिंग से पहले देना होगा | इसके अलवा प्रशिक्षण के लिए रहने तथा खाने के लिए अलग से शुल्क देना होगा या फिर आप खुद से व्यवस्था कर सकते हैं |

प्रशिक्षण हेतु पंजीयन कहाँ करवाएं

पंजीयन के लिए आवेदक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पूसा केन्द्रीय कृषि विश्वविध्यालय समस्तीपुर से सम्पर्क कर सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए 9430464088 पर डॉ . दयाराम (प्रमुख अन्वेषक, मशरूम परियोजना) को दिन के समय सम्पर्क कर सकते हैं |

ऑनलाइन पंजीयन कैसे करें ?

कोई भी प्रतिभागी आवेदन करना चाहते हैं तो वह ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं | इसके लिए आवेदक को एक फार्म भरकर तथा 8,500 रूपये ऑनलाइन जमा करके फार्म को आनलाइन भेज दें |

प्रशिक्षण हेतु Fees कहाँ जमा करवाएं ?

आवेदक इस पते पर डी.डी बनवाकर राशि जमा कर सकते हैं किसान जो डीडी जमा किया जाते उसकी एक छायाप्रति अपने पास रखें |

  • खाता धारक का नाम – mushroom revolving fund
  • खाता संख्या – 4512002100001682
  • आई.एफ.एस.कोड. – PUNB0451200
  • बैंक का नाम – PUNJAB NATIONAL BANK, RAU PUSA BRANCH

यह फार्म डाउनलोड करके प्रिंट निकाल लें तथा हाथ से भरकर इस पर ई-मेल कर दें |

[email protected]

मशरूम ट्रेनिग हेतु आवेदन डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

इसके अतिरिक्त इच्छुक किसान भाई-बहन अपने जिले के कृषि विज्ञानं केंद्र अथवा अपने राज्य के कृषि विश्वविद्यालय से भी मशरूम की ट्रेनिंग ले सकते हैं |

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मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी इन जगहों पर हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Alert: आने वाले दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान

समूचे उत्‍तर भारत में मौसम का मिजाज एक बार फिर से बदलने वाला है | 5 जनवरी को भारतीय मौसम विभाग ने प्रेस रिलीज़ जारी कर यह जानकारी दी | मौसम विभाग के अनुसार एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ (WD) देशांतर 50 ° E और अक्षांश 30 ° N पर पहुँचने की सम्भावना है जिससे अरब सागर से ताजा नमी लेने के कारण देश के कई उत्तरी राज्यों में बारिश होने की सम्भावना है | मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में उत्तरी राज्यों में कई जिलों में मेघ गर्जन के साथ ओलावृष्टि हो सकती है | यह मौसम 6 जनवरी से 8 जनवरी तक रहने का अनुमान है | 

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग भोपाल ने जो चेतावनी जारी की है उसके अनुसार 7 से 8 जनवरी को राज्य के विभिन्न जिलों भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, बुरहानपुर, खरगोन, आगरमालवा ,मंदसौर, शाजापुर, उज्जैन, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्यो[पुर कलां, उमरिया, अनुपूर, शहडोल, डिंडौरी, कटनी, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवानी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगड, पन्ना, दमोह, बैतूल, हरदा, होशंगावाद आदि जिलों में 7 एवं 8 तारीख को कहीं कहीं कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश एवं ओलाव्राशी की सम्भावना है |

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग जयपुर ने चेतावनी जारी की है जिसके अनुसार राज्य के कई क्षेत्रों में आगामी 6 और 7 जनवरी को बारिश की चेतावनी दी है जिसके अनुसार चुरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर, सीकर, झुंझुनू, अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं जयपुर जिलों में कहीं-कहीं पर गरज चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है |

पंजाब हरियाणा एवं चंडीगड़ राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग चंडीगड़ ने चेतावनी जारी की है इसके अनुसार 6 से 8 जनवरी को राज्य के सभी जिलों में गरज चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि की सम्भावना है |

वहीँ पूर्वी एवं पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश की सम्भावना है |  7 और 8 जनवरी को बारिश होने की है लेकिन मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 7 जनवरी को तीव्रता अधिक हो सकती है। 8 जनवरी को अकोला, वर्धा, नागपुर सहित विदर्भ के शहरों में बारिश की सम्भावना है |

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