21 लाख किसानों को उपज मंडी में लाने के लिए एसएमएस से दी जाएगी सूचना, लॉकडाउन के बीच आज से फसल खरीदी शुरू

समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी शुरू

कोरोना वायरस संक्रम रोकने के लिए चले आ रहे लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है परन्तु इस लॉक डाउन में किसानों को बाहर रखा गया है जिससे वर्ष 2019–20 की रबी फसलों की खरीदी शुरू की जा सके | कोरोना वायरस से सावधानियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं तथा अन्य फसलों कि खरीदी आज से शुरू कर दी गई है | किसानों के बीच तथा खरीदी केंद्र पर भीड़ कम करने के लिए खरीदी केन्द्रों कि संख्या को बढ़ाया गया है | साथ ही प्रति दिन किसानों की संख्या को निर्धारित कर दिया गया है | आज से मध्यप्रदेश , उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब राज्यों में समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी शुरू कर दी गई है |

इसके बारे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सारी जानकारी दी है | खरीदी केन्द्रों पर व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस कि तैनाती की गई है, किसान हम्माल तथा अन्य कर्मचारी खरीदी केंद्र पर मास्क लगाकर ही प्रवेश कर सकते हैं | किसान समाधान मध्य प्रदेश में गेहूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की पूरी जानकारी लेकर आया है |

इन जिलों में खरीदी अभी शुरू नहीं किया जाएगा

कोरोना के सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इन्दौर, भोपाल तथा उज्जैन में गेहूं की खरीदी अभी शुरू नहीं किया जा रहा है | इन जिलों के लिए बाद में तारीख तय की जाएगी | शेष सभी 48 जिलों में गेहूं कि खरीदी शुरू कर दी गई है | कोरोना वायरस को देखते हुए खरीदी केन्द्रों कि संख्या बढ़ाया गया है | 48 जिलों में कुल 4 हजार 305 केन्द्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं कि खरीदी की जा रही है |

किसान किस समय बेच पायंगे फसल

मध्य प्रदेश के 48 जिलों में गेहूं की खरीदी दो पाली में किया जाएगा | प्रथम पाली के लिए सुभ 10 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक तथा दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहेगी | प्रत्येक पाली में तीन – तीन किसानों की उपज का तौल किया जायेगा | यदि कोई किसान किसी कारणवश निर्धारित तिथि के मेसेज पर खरीदी केंद्र नहीं पहुंच पाते हैं, तो उन्हें पुन: अवसर प्रदान किया जाएगा |

21 लाख किसानों को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी सूचना

कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को उपज बेचने के लिए एसएमएस भेजा जाएगा | एसएमएस के आधार पर किसान को उपज बेच सकते हैं | जिन किसान को एसएमएस प्राप्त नहीं होता है उन्हें खरीदी केंद्र पर आने पर रोक है | किसानों से उपज कि खरीदी से 3 दिन पूर्व एसएमएस से सुचना दिया जाएगा |

खरीदी केंद्र पर वृद्धजन तथा बच्चे को आना मना है

खरीदी केन्द्रों पर किसानों के साथ – साथ कार्यरत कर्मचारी से भी कोरोना गाइड लाइन के अनुसार कार्यवाही की जाएगी | किसानों , हम्मालों तथा खरीदी केंद्र के अन्य कर्मचारी आपस में तीन – तीन मीटर की दुरी पर रहकर कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं | खरीदी केन्द्रों पर किसानों को अपने साथ वृद्धजनों , बच्चों और अस्वस्थ लोगों को लाने की अनुमति नहीं होगी | वृद्धजन अपने स्थान पर किसी दुसरे नामित व्यक्ति को भेज सकते हैं |

सभी केन्द्रों पर मास्क, लगाना जरुरी है

खरीदी केन्द्रों पर आने वाले किसान, कर्मचारियों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है | इसके साथ ही सेनेटाइजर और साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था किया गया है | सभी खरीदी केन्द्रों पर निर्देशों को पालन कराने के लिए पुलिस की व्यवस्था किया गया है |

किसी भी प्रकार की शिकायत पर यहाँ संपर्क करें

मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा कि खरीदी के संबंध में कोई भी शिकायत अथवा समस्या होने पर वे सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर संपर्क कर सकते हैं | इस बार गेहूं कि खरीदी 1925 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा |

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मौसम चेतावनी: आगामी दो दिनों में इन जगहों पर गरज-चमक के साथ हो सकती है बारिश

आगामी दो दिनों के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश में गर्मी जोरों पर है कई स्थानों पर पर गर्म हवाएं चले लगी है वहीँ कई जगह का तापमान 40 डिग्री के ऊपर जा चूका है | परन्तु कई जगहों पर बादलों को देख किसानों की चिंता बढ़ गई है | उत्तर भारत में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के चलते आगामी समय में घंटों में देश के कई उत्तरी राज्यों में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड आदि कई राज्यों में अनेक स्थान पर तेज आंधी एवं गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के अनुसार आने वाले समय में रायसेन. विदिशा, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योंपुर कला, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी, कटनी, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सागर, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ, पन्ना, दमोह, होशंगाबाद आदि जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के रायपुर केंद्र की चेतावनी के अनुसार आने वाले दिनों में सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगांव, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

बिहार राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग पटना के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार आगामी दो दिनों में राज्य के वेस्ट चंपारण, सिवान, सरन, इस्ट चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, शेओहर, सुपोर, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, सहरसा, पुरनिया, बक्सर, बेगुसराई, लखीसराय, कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगरिया, जामुई जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

झारखण्ड राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

मौसम विभाग रांची केंद्र की चेतावनी के अनुसार आने वाले दिनों में देओगढ़, धनबाद, दुमका, गिरिध्ह, जामात्रा,  गोड्डा, पाकुर, साहिबगंज,पलामू, गरवा, लातेहार, छत्रा, लहोर्दागा, कोडरमा, सराइकेला, पूर्वी-एवं पश्चिमी सिंग्भूमि, सिमडेगा जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

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कोरोना लॉकडाउन में किसानों को फसल बेचने एवं अन्य सहायता के लिए सरकार ने जारी किये टोल फ्री नम्बर

लॉकडाउन में किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर

कोविड–19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है |  यह समय अभी किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिससे किसानों को खेती किसानी के कार्यों के लिए छूट दी गई है इसके बाबजूद अभी भी किसानों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है | किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकारों के द्वारा सहायता केंद्र नंबर स्थापित किये गए हैं | जहाँ किसान काल करके रबी फसल बिक्री, मंडियों की जानकारी, पंजीकरण सम्बन्धी जानकारी एवं जायद फसल बुआई , खाद बीज सम्बंधित जानकारी ले सकते हैं | किसान समाधान आपके लिए राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़ एवं उत्तरप्रदेश राज्यों के द्वारा जो किसानों के लिए सहायता केंद्र स्थापित किये गए हैं उनकी जानकारी लेकर आया है |

केंद्र सरकार द्वारा जारी किसानों के लिए सहायता केंद्र नम्बर

केंद्र सरकार के द्वारा भी कृषि एवं संबंधीत कार्यों में जो लोग लगे हैं उनके लिए टोल फ्री नंबर जारी किये गए हैं | लॉकडाउन में कृषि आदानों के अंतर-राज्यीय परिवहन में आ रही समस्याओं का शीघ्र होगा समाधान के लिए सरकार ने 1800-180-4200 और 14488 है | वहीँ देश के सभी 21 किसान कॉल सेंटर्स सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक कार्यरत रहते हैं | किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 1800-180-1551 पर डॉयल कर सकते हैं | इन नंबरों पर देश भर के किसान कॉल कर सहायता ले सकते हैं |

हरियाणा किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर

राज्य कृषि विपन्न बोर्ड के मुख्यालय सेक्टर – 6, पंचकुला में एक समर्पित 24×7 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2060 स्थापित किया गया है  30 लाईनों के साथ यह नंबर 13 अप्रैल, 2020 शुरू कर दिया गया है | हेल्पलाइन में तैनात कर्मचारी तीन शिफ्टों में सुबह 7:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे, दोपहर 3:00 बजे से रात 10:00 बजे और रात 10:00 बजे से सुभ 7:00 बजे तक काम करेंगे |

मंडियों सम्बन्धी समस्या के लिए सुपरवाईजर तैनात

खरीद सम्बन्धी मुद्दों को हल करने के लिए दो मण्डी सुपरवाईजरों को शिफ्टवार तैनात किया जाएगा किसी भी समस्या के आने पर मार्किट कमेटी के सम्बन्धित सचिव से तुरंत सम्पर्क कर किसानों के मुद्दों को हल करेंगे | इसी प्रकार बुनियादी ढाँचे से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक उपमंडल अधिकारी को भी शिफ्टवार तैनात किया जायेया | सभी कोविड – 19 संबंधित काँल को अलग से नोट किया जाएगा और सेक्टर–16 पंचकुला में हेल्पलाइन नंबर 1075 और 855883911 पर कोविड–19 के लिए मुख्य सचिव के नोडल अधिकारी को भेजा जाएगा |

राजस्थान के किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर

कृषि एवं इससे संबंधित विभिन्न गतिविधियों के कोरोना महामारी से जुड़े विषयों से संबंधित जानकारी के लिए यहं पन्त कृषि भवन कंट्रोल रम स्थापित किया गया है | यहाँ किसान एवं कृषि से जुड़े अन्य हितधारक के लिए कृषि भवन में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है | इसमें सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 तक फोन कर सकते हैं तथा कृषि से जुड़े समस्या कि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | कंट्रोल रूम का टेलीफोन नंबर 0141–2227471 जारी किया है |

 उत्तरप्रदेश किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर

उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है | किसान 1800-180-0150  नम्बर पर कॉल करके गेहूं की खरीदी सम्बंधित अधिक जानकारी ले सकते हैं |

छत्तीसगढ़ किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर

सरकार द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से बचाव के उपायों के तहत प्रदेश में लॉक डाउन किया गया है। ऐसी स्थिति में राज्य के कृषकों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि विकास एवं किसान कल्याण जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया है। जारी आदेश मे कहा गया है कि किसानों को आवश्यक सामग्री की उपलब्धता में किसी प्रकार परेशानी का सामना न करना पडे इसके लिए राज्य के सभी जिलों में हेल्प लाइन नम्बर जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने किसानों के लिए सभी जिलों में सहायता केंद्र की स्थापना की है एवं प्रत्येक जिले के किसानों के लिए सहायता केंद्र नम्बर जारी किये हैं किसान इन नम्बरों पर कॉल करके जानकारी ले सकते हैं | किसान समाधान आपके लिए सभी जिलों के हेल्पलाइन नम्बर उपलब्ध करवा रहा है |

जिलेवार किसान सहायता केंद्र नम्बर जानने के लिए क्लिक करें

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जानिए जिलेवार इन जगहों पर किसान समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे अपनी उपज

किसान इन जगहों पर बेच सकेंगे अपनी उपज

कोरोना महामारी से किसानों को होने वाले संक्रमण से बचाने एवं सामुदायिक संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान कर सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी प्रांगण घोषित किया है ताकि किसानों को कृषि उपज बेचने के लिए दूर नही जाना पडे एवं नजदीकी स्थल पर ही उचित मूल्य पर किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल सके। राजस्थान राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए 24 जिलों की 68 केवीएसएस तथा 32 जिलों की 420 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि जिन्सों के क्रय-विक्रय के नियमन के लिए निजी गौण मंडी घोषित किया गया है। जिससे किसानों को अपने खेत एवं गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा प्रदान की गई है तथा कृषि उपज मंडियों के अनुरूप ही कृषि जिन्सों को खुली नीलामी में बेचकर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य की सुविधा मिलेंगी।

इन केन्द्रों पर कब से शुरू होगी उपज की खरीदी एवं किसान पंजीयन

राजस्थान के कोटा संभाग में गेहूं, सरसों एवं चना की खरीद 16 अप्रैल से प्रारंभ की जाएगी | शेष राजस्थान में 1 मई से समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू की जाएगी | राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना तथा सरसों बेचने के लिए 2 लाख 40 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है | जिस किसान ने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वैसे किसनों के लिए 1 मई से दुबारा पंजीयन प्रारंभ किया जाएगा |

इन सहकारी समितियों में किसान बेच सकेगें अपनी उपज

हनुमानगढ़ जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज 

जिले में कुल 17 नये खरीदी केन्द्रों को स्थापित किए गया है | इसमें केवीएसएस के 4 मण्डी स्थापित किये गये हैं तो जीएसएस के 13 मण्डी स्थापित किये गये हैं | इसकी ब्यौरा इस प्रकार है |

केवीएसएस – हनुमानगढ़, पीलीबंगा , टिब्बी और रावतसर |

जीएसएस – रतनपुरा, हरिपुरा, भैरूसरी, न्योलखी, बडवीराना, मालिया, प्रेमपुरा, लखमीसर, टिब्बी,धोलीपाल, नारसंगदेसर, सहारणा और देईदास |

चुरू जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

 जिले में कुल 11 नए खरीदी केंद्र स्थापित किये गये हैं | इसमें से 1 केवीएसएस मण्डी की स्थापना किया गया है तो दूसरी तरफ 10 जीएसएस नये मण्डी की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – तारनगर

जीएसएस – राजपुरिया, गुलपुरा, सवाईबड़ी, लाच्छरसर, दाउदसर, भोजासरउप बिंदासर, भालेरी, करडवाली और धीरवास |

सीकर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 18 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया हैं | इसमें से 4 केवीएसएस तथा 14 जीएसएस की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – सीकर , श्रीमाधोपुर, दांतारामगढ़ और नीम का थाना |

जीएसएस – जालपाली, सिमारला, जागिर, नांगलनाथुसर, मलिकपुर, ठीकरिया, कंचनपुर, मुडरू, श्रीमाधोपुर, चक, राजपुरा, दांतारामगढ , ल्म्पुआ, लामिया और रुलाना |

झुंझुंन जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 7 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | यह सभी खरीदी केंद्र जीएसएस खरीदी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है |

जीएसएस – आबुसर, बिरनी, डूंडलोद, भाटिवाड, बजावा, जसरापुर और भेंसावत |

बीकानेर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 25 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | एस्मेंस इ 4 खरीदी केंद्र को केवीएसएस तथा 21 को जीएसएस के रूप में विकसित किया गया है |

केवीएसएस – बज्जू, दंतोर, पंगल और छ्तरगढ़ |

जीएसएस – सुनाडिया, निमली, गागरदू, लोरडी, चौर, साली, मालेडा, सुढालिया, दातरी, चाँदमाकला, बागड़ो का बॉस, चाँदमाकला (चाकसू), झोडिन्दा भोजपुर और ढोढसर |

टोंक जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले कुल 5 नए खरीदी केन्द्रों को खोला गया है | यह सभी जीएसएस खरीदी केंद्र के रूप में विकसित इया गया है |

जीएसएस – नानेर, देवली, ककोड़, गुराई और रामथला |

कोटा जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 12 नए खरीदी केन्द्रों को स्थापना किया गया है | यह सभी खरीदी केंद्र में से 3 को केवीएसएस के रूप में तो 9 खरीदी केंद्र को जीएसएस के रूप में विकसित किया गया है |

केवीएसएस – अंता, बारां और छबडा |

जीएसएस – केलवाडा, सुभाषपट्टी, देवरी, खजूरनाकलां, मांगरोलकलां पलायथा, कुंजेडा और बामला |

बारां जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 12 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | इसमें से 3 खरीदी केंद्र केवीएसएस तथा 9 जीएसएस खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – अंता, बारां और छबडा |

जीएसएस – केलवाडा, सुभाषपट्टी , देवरी, खजुरनाकलां , मांगरोलकलां, बम्बोरीकलां, पलायथा, कुंजेड, और बामला |

बूंदी जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 11 नए खरीदी केन्द्रों की स्थाप्मना किया गया है | इसमें से 2 खरीदी केंद्र केवीएसएस के हैं तो 9 जीएसएस खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – केशोरायपाटन और नैनवा |

जीएसएस – भिया, धनात्री, सीतापुरा, देईखेडा, कुवांरती, सुवासा, झालाजी का बराना, रोटेदा और सारसला |

झालावाडा जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में 18 नए खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया है | इसमें से 3 केवीएसएस तथा 15 जीएसएस खरीदी कन्द्रों को स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – झालरापाटन, खानपुर और अकलेरा |

जीएसएस – डग, पिडावा, रायपुर, बकानी, सारोलाकला, असनावर, सोमर, हेमडा, श्रीगणेश, सलौजिया जन्ता,नयागांव, सह्थुन, बांस्कखेडा, सोजपुर और अकलेरा |

 भरतपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले कुल 17 नए खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया है | इसमें से एक केवीएसएस तथा 16 जीएसएस खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया |

केवीएसएस – डीग |

जीएसएस – खरबेरा, पिदावली, शिशवाडा, सीकरी, बरौलिधाउ , नौनेरा, बछामदी , धिलावटी, नगर, खानुवा, खान सुरजापुर, उच्चें, हलौना, भूसावर, पहाड़ी और वहज |

धौलपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 22 खरीदी केन्द्र शुरू किया गया है | इसमें से एक केवीएसएस तह 21 जीएसएस खरीदी केन्द्रों की शुरुआत किया गया है |

केवीएसएस – राजाखेडा

जीएसएस – मानपुर, टहरी, रमगढ़ मालोनीखुद , पुरैली, दौनारी, भांकरा, सुन्दरपुर, हांसई, खोरईवीरमपुर, भारली, पिपरौन, नबाबबीसई, मनिया, बोथपुरा, मरैना, मांगरोल, सोमली, देवखेडा, रह्सेना और विरोंदा |

अलवर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 18 खरीदी केन्द्रों की शुरुआत किया गया है | इसमें से 3 केवीएसएस तथा 15 जीएसएस खरीदी केंद्र की शुरुआत हुआ है |

केवीएसएस – अलवर, खैरथल और राजगढ़

जीएसएस – गुणसार उजोली, गंगापुरी, धमरेड, टहना गोल का बॉस, जमालपुर, मौजपुर, छिलोदी, खोहर चौहान, पिनान जहादु क्लवाडी , बाई और मालखेडा|

दौसा जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 16 नए खरीदी केंद्र कि शुरुआत किया गया है | इसमें से 4 केंद्र को केवीएसएस के अंतर्गत तथा 12 को जीएसएस के अन्तरगत शुरू किया जा रहा है |

केवीएसएस – मंडावर, दौसा, लालसोट और बांदीकुई |

जीएसएस – नांगल बैरसी, बड़ागाँव, खबाराबजी, सिंगवाडा, सिकराय, गिजगढ़, दुब्बी, गुढाकटला, जसोता, लवाण, महुवा और मंडावरी |

चित्तौडगढ जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 20 नए खरीदी केंद्र की शुरुआत किया गया है | इसमें से 2 केंद्र को केवीएसएस के अंतर्गत तथा 18 केंद्र को जीएसएस के अंतर्गत शुरू किया गया है |

केवीएसएस – निम्बाहेडा और कपासन

जीएसएस – खेडी, काटून्दा, मांगरोल, अरनोद, लांगच, सुरपुर, विनायक, भाद्सौडा, डेलवास, बस्सी, विजयपुर, जालखेडा, देवपुरा, अम्बावली, मानपुरा जागीर, जलोदा जगीर, नाराणी और केसुन्दा |

अजमेर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 18 नए खरीदी केंद्र की शुरुआत किया गया है | इसमें से 3 केंद्र केवीएसएस के अंतर्गत तथा 15 जीएसएस के अंतर्गत शुरू किया गया है |

केवीएसएस – हिंगोनिया, पिसांगन , श्रीनाथ, भगवंतपूरा, जड्वासा, रामसर, छापरी, स्यार, फतेहगढ़, गोयला, डबरेला, महिला केकड़ी, नांदू गनाहेड़ा और मांगलियावास |

नागौर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 11 नए खरीदी केन्द्रों की शुरुआत किया गया है | इसमें से एक केंद्र केवीएसएस के अंतर्गत तथा 10 खरीदी केंद्र जीएसएस के अन्तरगत शुरुआत किया गया है |

केवीएसएस – परबतसर |

जीएसएस – सूदवाड, सफेद, जालसूखुई, गोगलाव, जारोड़ा, मा.छापरी, बल्दू, भादवा, खोखर और प्रेमपुरा |

पाली जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 12 नए खरीदी केन्द्रों की शुरुआत किया गया है | इसमें से 2 केंद्र केवीएसएस के तहत तथा 10 खरीदी केंद्र जीएसएस के अन्तर्गत शुरू किया गया है |

केवीएसएस – सुमेरपुर और जैतारण

जीएसएस – अटपटा, निमाज, कुशालपुर, बाबरा, बुसी, दादाई, मुंडारा, खुडाला, कोसेलाव और सांडेराव |

जोधपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले कुल 14 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | इसमें से 3 केवीएसएस खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है तो 11 जीएसएस खरीदी केन्द्रों स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – बिलाड़ा, फलोदी और मथानिया |

जीएसएस – सांवरिया, लोहावट, जायवास, बडला वासनी, क्लाऊ, सेखाला, कुंतलिया बेरा, सरेचा, उम्मेदनगर, बिलाडा, चादी और भोपालगढ़ |

जालोर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 13 नए खरीदी केद्रों की शुरुआत किया गया है | इसमें से 2 केवीएसएस के तथा 11 जीएसएस के खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – भीनमाल और सांचौर |

जीएसएस – सियाणा, पावदा, सयाला, तिलोडा, धनोला, थुर, बिजरोल, सांकड, टापी, वाडाभाडवी और मरसाणा |

सिरोही जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 11 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | यह सभी खरीदी केंद्र जीएसएस खरीदी केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है |

जीएसएस – पालडी, जावल, कालिंद्री, भावरी, रोहिडा, संतपुर, रेवदर, मंडार, अनादरा, अजारी और मेरमंदवाडा |

बाड़मेर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 13 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | इनमें से 2 केवीएसएस खरीदी केंद्र है तो 11 जीएसएस खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – बालोतरा और बाडमेर

जीएसएस – हरससानी, भियाद, राजबैरा, नागडय, धनाऊ, धोरीमन्ना, गुढामालानी रतनपुरा, आसोतरा, सिवाना और पादरू |

प्रतापगढ़ जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 10 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | इसमें से 2 केवीएसएस खरीदी केंद्र है तो 8 जीएसएस खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है |

केवीएसएस – छोटी सादड़ी और अरनोद |

जीएसएस –  द्लोट ,  कुलथाना, अचलपुर, हाडीजी का पिपलिया, बड़ीसाखथली, सालमगढ़, मोहेडा, सेमरथली |

बांसवाडा जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 13 खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | इसमें से 3 खरीदी केंद्र केवीएसएस के हैं तो 10 खरीदी केंद्र जीएसएस के हैं |

केवीएसएस – प्रतापपुर, बागीदौरा और बांसवाडा

जीएसएस – नवागांव , कोहाला, तलवाडा, खोडन, सज्जनगढ़, देवदा, सल्लोपाटा, छोटाडूंगर, दानापुर और चाँदरवाडा |

डूंगरपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 9 नए खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया है | यह सभी खरीदी केंद्र जीएसएस खरीदी केंद्र है |

जीएसएस – बरसिंगपुर, टामटिया, पूंजपुर , रीछा बुचियावडा, समालिया, धम्बोला, दामडी और जोगपुर |

उदयपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 4 नए खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया है | इसमें से एक खरीदी केंद्र केवीएसएस है तो 3 जीएसएस खरीदी इन्द्र है |

केवीएसएस – फतेहनगर

जीएसएस – नवानिया, सारगपुरा (भिंडर) और गणेश (भिंडर) |

भीलवाडा जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 17 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | यह सभी खरीदी केंद्र जीएसएस खरीदी केंद्र है |

जीएसएस – शक्करगढ़, कोशिथला, पोटला, महुवा,बिगोद, खेजड़ी,, पडासोली, पालंडी, थला, मोखुन्दा, गुरला, बागोर, जोरावरपूरा, चिलेश्वर, निम्बाहेडा जाटा, सरदारनगर और ड़ीकोला |

सवाई माधोपुर जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 8 नए खरीदी केन्द्रों की स्थापना किया गया है | यह सभी खेरीदी केंद्र जीएसएस टाईप का खरीदी केंद्र हैं |

जीएसएस – छाण, वहरावडाकला , मित्रपुरा, लिवाली, तलवाडाबुनकर, मलारनाचौडा, पाचोलास और भगवटगढ़ |

करौली जिले में किसान यहाँ बेच सकेगें उपज

जिले में कुल 2 नए खरीदी केंद्र की स्थापना किया गया है | यह दोनों खरीदी केंद्र जीएसएस खरीदी केंद्र है |

जीएसएस – इनयती और बापोती |

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15 अप्रैल से 5500 खरीदी केन्द्रों पर 1925 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से ख़रीदा जायेगा गेहूं

1925 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं की खरीद

गेहूं की फसल खेतों में पक कर खड़ी हुई है, सामान्यतः अधिकांश राज्यों में इस समय तक गेहूं की कटाई के साथ खरीद भी शुरू हो जाती है परन्तु इस वर्ष कोरोना वायरस से संक्रमण के डर से राज्यों ने गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी अस्थाई रूप बंद कर दी गई थी | केंद्र सरकार के खेती-किसानी के कार्यों में लॉक डाउन के बाद छूट दी जाने के बाद अब धीर-धीरे सभी राज्य सरकारों ने गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की शुरुआत 15 अप्रैल से शुरू करने का फैसला लिया है | राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा राज्यों के बाद अब उत्तरप्रदेश ने भी गेहूं के समर्थन मूल्य पर खरीदी का फैसला लिया है |

5500 खरीदी केन्द्रों पर की जाएगी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी

उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही ने ट्वीटर पर जानकारी दी है की किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है सरकार किसानों से गेहूं की उपज खरीदेगी | राज्य सरकार 15 अप्रैल से 5500 खरीद केंद्रों के माध्यम से गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति कुंतल पर गेहूं खरीद करेगी |

किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए क्या करें

उत्तर प्रदेश में किसानों के द्वारा गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीकरण करना जरुरी है | किसानों के पंजीकरण के लिए राज्य सरकार ने पोर्टल को 6 मार्च 2020 से खोल दिया गया था | जिन किसानों ने अभी तक पंजीकरण नहीं पाए हैं वह अभी पंजीकरण कर सकते हैं | किसान किसी भी जन सुविधा केंद्र, साईबर कैफे या स्वयं से पंजीयन कर सकते हैं | किसान पंजीयन का राजस्व विभाग के भुलेख पोर्टल से लिंक कराया गया है, इस वर्ष ओटीपी आधारित पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है | जिसके लिए किसान बन्धु पंजीकरण के समय अपना वर्तमान मोबाईल नंबर ही अंकित कराएँ | किसान खाद्ध एवं रसद के पोर्टल https://fcs.up.gov.in/FoodPortal.aspx पर पंजीकरण कर सकते हैं |

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

किसान पंजीकरण करने के समय यह सभी दस्तावेज साथ रखें |

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ के छायाप्रति
  • राजस्व अभिलेख का विवरण भूमि विवरण के साथ खतौनी/खता संख्या
  • प्लाट/खसरा संख्या भूमि का रकबा (हेक्टेयर में)
  • फसल (गेहूं) का रकबा (हेक्टेयर में)

जो कृषक खरीफ विपन्न वर्ष 2019–20 में धान खरीद हेतु पंजीकरण करा चुके हैं, उन्हें गेहूं विक्रय हेतु पुन: पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है, संशोधन कर या बिना संशोधन के पुन: लाँक करना होगा |

गेहूं खरीदी सम्बंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर

उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है | किसान 1800-180-0150  नम्बर पर कॉल करके गेहूं की खरीदी सम्बंधित अधिक जानकारी ले सकते हैं |

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण हेतु क्लिक करें

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लॉकडाउन के बाबजूद ग्रीष्मकालीन (जायद) फसलों की बुआई क्षेत्रफल में हुई वृद्धि

ग्रीष्मकालीन (जायद) फसलों की बुआई क्षेत्र में वृद्धि

सम्पूर्ण देश में अभी लॉक डाउन चल रहा है | लॉक डाउन की शुरुआत ऐसे समय पर हुई जब किसानों की फसलों की कटाई एवं गरमा (जायद) फसलों की बुआई का समय रहता है | ऐसे में इस समत पर किसानों को लॉकडाउन के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है | हालांकि सरकार ने किसानों को खेती-किसानी के कार्यों के लिए लॉक डाउन में छूट दी गई है | इसके बाबजूद भी कई किसान हार्वेस्टर एवं मजदूर की कमी के चलते अभी तक कटाई के काम को अंजाम नहीं दे पाए हैं | वहीँ केन्द्रीय कृषि किसान कल्याण विभाग  द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कटाई एवं समर्थन मूल्य पर रबी फसलों की खरीद जारी है |

कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया की अभी तक रबी, 2020 मौसम के दौरान नैफेड द्वारा 1,07,814 मीट्रिक टन दलहन (चना : 1,06,170 मीट्रिक टन) और तिलहन (सरसों : 19.30 मीट्रिक टन एवं सूरजमुखी : 1,624.75 मीट्रिक टन) की एमएसपी मूल्य पर खरीद की गयी, कुल खरीद 526.84 करोड़ रुपए और इससे अभी तक 75,984 किसान लाभान्वित हुए हैं । वहीँ अभी तक कुल बुआई वाले क्षेत्र के मुकाबले गेहूं की कटाई 26 से 33 प्रतिशत तक ही हुई है |

ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई के क्षेत्रफल में वृद्धि

कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 10 अप्रैल, 2020 तक ग्रीष्मकालीन फसलों (धान, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन सहित) के तहत कुल क्षेत्रफल में खेती में वृद्धि हुई है। 25 मार्च, 2020 से जारी लॉकडाउन के बाद के प्रतिबंधों और सामाजिक दूरी के नियमों के बावजूद इसमें पिछले साल की तुलना में 11.64 लाख हेक्टेयर वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2018-19 में 37.12 लाख हेक्टेयर के कुल कृषि क्षेत्र के मुकाबले, इस साल 2019-20 में 48.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई की गई है। पिछले वर्ष के सप्ताह में 10 अप्रैल तक सामान्य क्षेत्रफल 41.81 लाख हेक्टेयर था।

ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई के क्षेत्रफल में हुई इस वृद्धि में मुख्‍य धान की फसल है, जिसकी बुवाई वाले क्षेत्रफल में 8.77 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। अन्य सभी फसलों की बुवाई के क्षेत्रफल में वृद्धि 1 लाख हेक्टेयर से कम दर्ज की गई है। सिवाए रागी मोटे अनाज के, जिसकी बुवाई के क्षेत्रफल में पिछले वर्ष की तुलना में 0.06 लाख हेक्टेयर की मामूली गिरावट दर्ज की गई है। इस साल ग्रीष्‍मकालीन धान की बुवाई लगभग 32.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 23.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई की गई थी।

दलहन में पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 3.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस साल लगभग 3.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है। जबकि तिलहन में पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5.97 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल लगभग 6.66 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। वहीँ मोटे अनाजों में पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल लगभग 5.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है।

फसल अनुसार फसल बुआई का रकबा जानने के लिए क्लिक करें 

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कोरोना संकट: काम के बदले अनाज जैसी योजना की शुरुआत की जाये- मुख्यमंत्री

काम के बदले आनाज योजना

देश में अभी कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉक डाउन चल रहा है जिसके चलते लगभग सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है | इससे देश एवं राज्यों की आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है | बहुत से लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है जिसके कारण अब गरीब एवं दिहाड़ी मजदूरों के पास अन्न खरीदने के पैसे भी नहीं है | 11 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से मिलकर लॉक डाउन को लेकर बातचीत की | जिसमें सभी मुख्यमंत्रीयों ने अपने-अपने पक्ष रखें | जहाँ लॉक डाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ने की मांग के साथ अन्य सुझाव दिए गए | सभी मुख्यमंत्रियो ने गरीबों एवं किसानों को जो रहे नुकसान से बचाने के लिए लॉक डाउन के तहत आर्थिक गतिविधियों को बढाने की मांग भी की |

काम के बदले अनाज की तर्ज पर नई योजना लाये केन्द्र सरकार

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के कारण कचरा बीनने वाले, रेहड़ी/रिक्शा चलाने वाले, घुमंतू एवं अन्य असहाय लोगों के जीविकोपार्जन पर खतरा मंडरा रहा है। ऎसे में भारत सरकार को ’काम के बदले अनाज’ योजना, जो कि वर्ष 2002 में अकाल-सूखे के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय लाई गई थी और बहुत लोकप्रिय एवं सफल साबित हुई थी, उसी की तर्ज पर एक योजना पुनः नये रूप में लाने पर विचार करना चाहिए। ऎसी योजना के संचालन के लिए अनाज भारत सरकार के पास बहुतायात में उपलब्ध है।

किसानों से 50 प्रतिशत उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी जाये

मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी सीजन की फसलें बिक्री के लिए बाजार में आने को तैयार है। पीएम आशा योजना में फसल की कुल पैदावार का 25 प्रतिशत हिस्सा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है, जो अपर्याप्त है। इस कठिन समय में किसानों को राहत देते हुए इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए। साथ ही एफसीआई एवं नैफेड द्वारा समर्थन मूल्य पर चरणबद्ध रूप से खरीद शुरू की जानी चाहिए।

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4 लाख किसानों को किया गया 533 करोड़ रुपये का फसल बीमा दावों का भुगतान

फसल बीमा दावों का भुगतान

वर्ष 2019-20 के खरीफ मौसम में किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार फसल बीमा करवाया था | जिसका लाभ किसानों को फसल की क्षति होने पर भी अभी तक नहीं मिला है | फसल नुकसानी के बाद किसानों ने दावे के भुगतान के लिए क्लेम किया था एवं फसल बीमा कंपनियों के द्वारा सर्वे किया गया था | लॉक डाउन में सरकार किसानों को अधिक से अधिक मदद पहुँचाने के लिए फसल बीमा दावों का भुगतान करने लगी है | केंद्र सरकार के द्वारा देश के सभी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ जल्द मिल सके इसके लिए पैसा जारी किया जा रहा है | देश के कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जाकारी दी कि फसल बीमा योजना के तहत 10 राज्यों में कुल रु. 1,008 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया।

इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने खरीफ फसल के अलावा मौसम आधारित फसल बीमा के दावों का भुगतान किसानों को कर दिया गया है | किसानों को लम्बे समय से बीमा राशी का इंतजार था | जो अब पूरा हो गया है | जिन किसानों को अभी भी फसल बीमा राशी नहीं मिली है उन्हें जल्द ही दे दी जाएगी |

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दावों का भुगतान

छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ मौसम 2019–20 के अन्तर्गत खराब हुई फसल के लिए कम्पनी के तरफ से बीमा राशी का भुगतान कर दिया गया है | इसके अन्तर्गत 3 लाख 93 हजार 763 किसानों को 533 करोड़ 9 लाख रूपये का फसल बीमा राशी का भुगतान किया गया है | इसके अतरिक्त दावे की राशि लगभग 101 करोड़ रूपये किसानों को भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है |

इसके अलवा मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 7 हजार 668 किसानों को 12 करोड़ 38 लाख रूपये का बीमा राशी दिया गया है एवं 2 हजार 593 किसानों को फसल बीमा दावा की राशी एक करोड़ 85 लाख रुपए की भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है |

कुल कितने किसानों का हुआ था फसल बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के खरीफ मौसम 2019–20 के लिए 15 लाख 52 हजार किसानों का कुल 8,142,18 करोड़ रूपये का बीमा किया गया था | जिसके लिए 1139.75 करोड़ रूपये प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कम्पनी को किया गया है | जिसमें किसानों का अंशदान 162.84 करोड़ भी शामिल है | राज्य में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 11 हजार 475 किसानों द्वारा उधानिकी फसल का बीमा कराया गया था |

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इस राज्य में मंडी में फसल बेचने के लिए ऑनलाइन ई गेट पास एवं मास्क जरुरी

फसल बेचने के लिए ऑनलाइन ई गेट पास एवं मास्क

15 अप्रैल से अधिकांश राज्यों में रबी फसलों की खरीदी शुरू होने जा रही है | इस बार की खरीदी को कम समय में पूरा किया जाए इसके लिए खरीदी केन्द्रों को बढ़ाया जा रहा है | साथ ही, सोसल डिस्टेंस को बनाये रखने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग नियम बनायें जा रहे हैं | इसके अलवा भी खरीदी को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए तथा भीड़ एकत्र न हो इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों पर पुलिस की व्यवस्था किया जा रहा है |

हरियाणा राज्य सरकार ने 15 अप्रैल से सरसों तथा चने की खरीदी तथा 20 अप्रैल से गेहूं की खरीदी के लिए सभी खरीदी केन्द्रों पर आनेवाले स्टाफ, पुलिस श्रमिक, तथा किसान को पास जारी कर रही है | कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति खरीदी केंद्र पर नहीं आ सके इसके लिए सभी केन्द्रों पर थर्मल स्कैन की व्यवस्था किया जा रहा है | किसान समाधान किसानों की सुविधा के लिए खरीदी से पूर्व की जानकारी लेकर आया है |

मंडी तथा सहकारी सोसायटी में आने पर मास्क पहनना जरुरी

सभी खरीदी केंद्र पर आने वाले किसानों के अलावा केन्द्रों के स्टाफ, खरीद एजेंसियां के कर्मचारियों आदतियों, श्रमिकों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है | मास्क की उपलब्धता कराने हेतु टेक्स्टाईल उधोग और स्वयं सहायता समूहों का सहयोग लिया जाएगा | व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी खरीदी केन्द्रों पर पुलिस की तैनाती की जा रही है तथा निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट अधिकारी को तैनात किया जा रहा है |

किसानों को दिए जाएगें ई-गेट पास

हरियाणा सरकार ने रबी खरीद सीजन के दौरान सरसों और गेहूं की खरीद को आसान बनाने और मंडियों में भीड़ को कम करने के लिए मंडियों में एक समय में किसानों के प्रवेश की सीमा को 50 किसानों तक सीमित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को बनाए रखने के लिए लिया गया है।

सभी कृषि उत्पाद अर्थात गेहूं, सरसों, और चना को ऑनलाइन ई-गेट पास के जारी होने पर ही मंडी में प्रवेश दिया जाए और यह पास केवल ‘मेरी फ़सल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत और सत्यापित किसानों को जारी किया जाएगा | खरीदी केंद्र के नजदीक केन्द्रों के स्टाफ, आढतियों, श्रमिकों तथा उस दिन कृषि उपज बेचने वाले किसानों को आने दिया जाएगा | इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों पर प्रवेश द्वारा के साथ ही बाहर निकलने का द्वार होगा | इसके अलावा खरीदी केन्द्रों पर भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए केन्द्रों के स्टाफ, आढतियों, श्रमिकों और किसानों को प्रवेश पास जारी किए जायेंगे |

सभी केन्द्रों पर थर्मल स्कैनर की व्यवस्था किया जा रहा है 

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को खरीदी केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं होने देने के लिए सुनिश्चित किया जा रहा है | इसके लिए सभी खरीदी के केन्द्रों पर मास्क, सैनीटाइजर और थर्मल स्कैनर की उपलब्धता सुनिश्चित किया जा रहा है | खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्तियों को थर्मल स्कैनर से कोरोना वायर की जाँच की जाएगी |

रबी फसल खरीद के लिए चिन्हित खरीदी केंद्र

हरियाणा सरकार ने व्यापक प्रबन्धन के लिए गेहूं खरीदी के लिए मंडियों व खरीदी केन्द्रों की सख्या 477 से बढ़ाकर 2,000 और सरसों की खरीद के लिए 64 से बढ़ाकर 248 की है | प्रत्येक 3 गाँव पर एक गेहूं खरीदी केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं | 

खरीदी केंद्र पर आने वाले सभी व्यक्तियों का रिकार्ड रखा जाएगा

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता तथा मोबाईल नंबर देना जरुरी है | इसके लिए हो सकता है तो आप किसान भाई अपना परिचय पत्र लेकर आयें | यह रिकार्ड इसलिए तैयार किया जा रहा है कि कभी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के आने वर सभी व्यक्तियों की पहचान किया जाए |

19 अप्रैल तक पंजीयन कराएँ

किसान अभी ‘मेरी फ़सल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, वे 19 अप्रैल, 2020 तक पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, अन्य राज्य के किसानों की उपज आगामी दिशा-निर्देशों के जारी होने तक नहीं खरीदी जाएगी। किसान द्वारा अपनी कृषि उपज का भार मंडी गेट पर स्थापित धर्मकांटा या मंडी के बाहर स्थित आढ़ती एसोसिएशन द्वारा स्वीकृत धर्मकांटा से करवाए, जहां आढ़ती एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा। मंडी में कृषि उपज उतारने के बाद किसान खाली ट्रॉली वाहन का वजन भी करवाएगा, ताकि कृषि उपज का वास्तविक वजन किसानों को पता चल पाए और किसान पर्ची पर संबंधित आढ़ती से हस्ताक्षर करवाएगा।

समर्थन मूल्य पर फसल पंजीकरण के लिए आवेदन हेतु क्लिक करें 

कोरोना संकट: राज्य सरकार ने किसान हित में लिए तीन बड़े फैसले

किसान हित में तीन बड़े निर्णय

कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए जो लॉक डाउन में किसानों को हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं | जिससे किसान सुविधापूर्वक कार्य कर सकें एवं कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से बचाया जा सके | कृषि उपज खरीदने के लिए सभी राज्य सरकार ने खरीदी केन्द्रों को बढ़ाने का निर्णय लिया है | जिसके अंतर्गत किसान अपनी रबी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकते है | सरकार के द्वारा रबी फसल में गेहूं की खरीदी सहकारी सोसायटियों के द्वारा की जाती है | अन्य जिंसों कि खरीदी या व्यापारियों के द्वारा बोली लगाकर किये जाने वाले खरीदी केवल मण्डी प्रांगण में होती है जिससे वहां भीड़ लगने की सम्भावना अधिक है |

इसको लेकर राजस्थान सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है सरकार 15 अप्रैल से रबी जिसों की खरीद शुरू करने वाली है | अब कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा तिलहन संघ को समुचित शिथिलताएँ प्रदान कर निजी गौण मण्डी घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की है | इस संवेदनशील फैसले से किसानों को वैकल्पिक प्लेटफार्म उपलब्ध होगा और कृषि जिंसों की विकेन्दित खरीद सुनिश्चित हो सकेगी | किसान अपनी कृषि उपज बेचने के लिए अपने खेत एवं गाँव के नजदीक ही सहकारी समितियों पर ला सकेंगे और कृषि उपज मंडियों के अनुरूप ही अपनी कृषि जिन्सों का खुली नीलामी से विक्रय कर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे |

किसान को मण्डी जाने की जरूरत नहीं

वर्तमान समय में राज्य की कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के लिए संबंधित कृषि उपज मण्डी समितियों में आवेदन कर सीधी खरीद का अनुग्यपात्र लिए जाने का प्रवधान था | राजस्थान सरकार की ओर से लिए गए निर्णय अनुसार अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों यथा दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, चावल मिल आदि को मण्डी समितियों में आवेदन कि आवश्यकता नहीं होगी |

मण्डी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को स्वत: ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी | कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करानी होती है, इस प्रावधान में भी छुट दी जाकर अब यह प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है |

राज्य में 500 नए खरीदी केंद्र होंगे शुरू

सरकार द्वारा लिए गये निर्णय से किसानों को अपने घर के नजदीक खरीदी केंद्र उपलब्ध होगा | इससे राज्य में लगभग 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे | इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केंद्र उपलब्ध हो सकेंगे और प्रसंस्करण उधोगों को कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा |

किसानों को दिया जायेगा फसल बीमा का क्लेम

प्रमुख शासन सचिव श्री गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा कराने के लिए 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की है |

राज्य सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रूपये के प्रीमियम का भुगतान करने का निर्णय लिया था जिससे खरीफ 2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लम्बित क्लेम का भुगतान हो सके | पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपये का भुगतान कर चुकी है | इस क्रम में 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानांतरित किये जाने की स्वीकति प्रदान की गई है |

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