गर्मी के दिनों में लोगों द्वारा तरबूज और खरबूज खूब पसंद किया जाता है। तरबूज की माँग को देखते हुए आजकल किसानों द्वारा भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है क्योंकि किसानों के लिए कम समय में अच्छी कमाई का एक ज़रिया है। इस कड़ी में राजस्थान के दौसा जिले के किसान तरबूज, खरबूजा सहित विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियों की खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।
तीन से चार महीने में तैयार हो जाती है फ़सल
मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए भी किसान तरबूज की खेती करते हैं। इसकी खेती के लिए लगभग 25 से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान और रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। तरबूज की फसल रोपाई के तीन चार महीने के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी फसल कम समय और कम खाद और कम पानी से ही तैयार हो जाती है। किसानों को केवल समय-समय पर कीट रोगों से बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव करना होता है। दौसा के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना ने बताया कि इस वर्ष जिले में लगभग 250 बीघा भूमि पर तरबूज, खरबूजा और सब्जियों की खेती की जा रही है। फसल चक्र के रूप में भी बागवानी फसलों की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद है।
प्रति बीघा दो लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं किसान
जिले के किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल महीने में आने वाले तरबूज की खेती जनवरी-फरवरी में शुरू हो जाती है। लो-टनल एवं सरकण्डे लगाकर पौधों को कड़ाके की ठंड से बचाया जाता है। इसके अलावा पानी की बचत करने के लिए ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की जाती है। इससे उन्हें एक बीघा में लगभग 2 लाख रुपये तक की आय प्राप्त हो जाती है।