back to top
गुरूवार, मई 9, 2024
होमकिसान समाचारमोबाइल पर किसानों को दिया जा रहा है मृदा स्वास्थ्य कार्ड, योजना...

मोबाइल पर किसानों को दिया जा रहा है मृदा स्वास्थ्य कार्ड, योजना में बिहार ने मारी बाजी

मिट्टी की सेहत के प्रति किसानों को जागरूक करने और उसके अनुसार ही खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के अंर्तगत किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूनों की जाँच की जाती है। जिसके बाद किसानों को उनके खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी के साथ ही फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के छिड़काव की अनुशंसा की जाती है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में इस वर्ष बिहार सरकार ने बाजी मार ली है। बिहार के कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि यह गौरव का विषय है कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा बिहार को वित्तीय वर्ष 2023-24 अन्तर्गत मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।

किसानों को मोबाइल पर भेजा जा रहा है मृदा स्वास्थ्य कार्ड

कृषि विभाग के सचिव ने बताया कि केंद्र प्रायोजित मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं उर्वरता योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिहार राज्य में 2 लाख मिट्टी नमूनों का संग्रहण, जाँच और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का लक्ष्य रखा था जिसके विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा शत प्रतिशत मिट्टी नमूना संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि साल 2023-24 से बिहार के किसानों को उनके व्हाट्सएप पर अनुशंसा भेजी जा रही है।

यह भी पढ़ें   किसानों को अब एक कॉल पर मिलेगा खेती संबंधित समस्याओं का समाधान, सरकार ने जारी किया टोल फ्री नंबर

ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 100 से अधिक फसलों का चयन का विकल्प दिया गया है। इसके अतिरिक्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराया गया जिसमें मोबाइल फोन से स्कैन करते ही संबंधित कृषक तथा उनके खेत की मिट्टी की सारी सूचनाएँ मिल जाती है।

सभी जिलों में हैं मिट्टी जाँच प्रयोगशालाएँ

कृषि सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के सभी 38 जिलों में स्थापित जिलास्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं का एनबीएल से मान्यता प्राप्त करने के क्रम में सभी मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं के द्वारा प्रोफ़िशियेंसी टेस्ट में उत्तीर्णता प्राप्त की गई है। जामबंदी नक्शा की तैयारी के क्रम में भी राज्य के उपलब्धि की सराहना की गई है। इस योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में सहरसा, भागलपुर एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त मुंगेर जिला अन्तर्गत तारापुर अनुमंडल, गया जिला अन्तर्गत बोधगया तथा भागलपुर जिला अंर्तगत नवगछिया अनुमंडल में एक-एक अनुमंडलीय स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी स्थापित की गई हैं।

यह भी पढ़ें   किसान इस साल धान के खेतों में डालें यह खाद, मिलेगी बंपर पैदावार

फसल उपयुक्तता का मैप किया जा रहा है तैयार

बिहार कृषि विभाग द्वारा मिट्टी जाँच नमूनों के आधार पर कैडेस्टल मैप पर विभिन्न प्रकार के मिट्टी के पेरामीटर के आधार पर डिजिटलीकरण मृदा फर्टिलिटी मैप तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही फसल उपयुक्तता मैप तैयार किया जा रहा है। फसल उपयुक्तता मैप के उपयोग से क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त फसलों का निर्धारण फसल उत्पादन की क्षमता आदि का निर्धारण किया जाएगा।

इस साल 5 लाख मिट्टी नमूनों की जाँच करेगा विभाग

इस वर्ष के लिए कृषि विभाग की ओर से मिट्टी की जाँच के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है। वर्ष 2024-25 में सभी पंचायतों के प्रत्येक राजस्व ग्राम से कुल 5 लाख मिट्टी नमूनों का संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जाएगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सभी जिलों में कार्य तेजी से हो रहा है। साथ ही योजना अंतर्गत राज्य के 35,000 सरकारी विद्यालयों में अंकुरण परियोजना के तहत 35,000 मिट्टी नमूना संग्रहित किया जा रहा है। साथ ही छात्र-छात्राओं को भी मृदा स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप