back to top
28.6 C
Bhopal
शुक्रवार, दिसम्बर 6, 2024
होमकिसान समाचारसरकार ने किसानों के लिए किया लॉक डाउन के नियमों में...

सरकार ने किसानों के लिए किया लॉक डाउन के नियमों में परिवर्तन, अब किसान कर सकेगें यह सभी कार्य

किसानों की खेती-किसानी के लिए लॉकडाउन में छूट

सम्पूर्ण देश में अभी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन चल रहा है | जिससे सभी लोग प्रभावित हैं खासकर किसान, क्योंकि यह रबी फसल की कटाई एवं उसे बेचने का समय है इसके अतिरक्त जायद फसल लगाने का भी यह सही समय हो | ऐसे में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने इन्हें छूट प्रदान कर दी गई है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।

लॉकडाउन के दौरान किसानों को इन दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है

देश में अभी रबी फसलों की कटाई का समय चल रहा है जिसमें किसानों को मजदूर एवं दुसरे राज्यों से आने वाले कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं जिससे फसलों की कटाई में किसानों को दिकक्त आ रही है | इसके अतिरिक्त किसानों की रबी फसलें भी इस दौरान ही खरीदी जाती हैं जो लॉक डाउन के चलते प्रभावित हुई है | मंडियों तक अपनी उपज पहुंचाने के लिए भी किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है | इसके अतिरिक्त अभी जायद फसल की बुआई का समय भी है इसके लिए किसानों को खाद-बीज उपलब्ध होने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है |

यह भी पढ़ें:  स्वीट कॉर्न की खेती से यहाँ के किसान कर रहे हैं लाखों रुपये की कमाई, सरकार खेती के लिए दे रही है प्रोत्साहन

सरकार द्वारा किसानों के लिए लॉकडाउन के नियमों में किया गया परिवर्तन

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बारे में 24 और 25 मार्च 2020 को जारी आदेश संख्या 40-3/2020-DM-l(A) के परिप्रेक्ष्य में नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अनुच्छेद 10(2)(l) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार दिशा-निर्देशों के सम्बंध में अब द्वितीय परिशिष्ट जारी कर दिया गया है। इस परिशिष्ट में 21 दिनों के लॉकडाउन के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कृषि व सम्बंधित वस्तुओं, सेवाओं और क्रियाकलापों को आवश्यक छूट देते हुए अतिरिक्त श्रेणियों में रखा गया है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।

किसानों को खेती-किसानी सम्बंधित इन कार्यों के लिए मिली छूट

  • कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों
  • उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी)
  • कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों
  • उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्य आवाजाही को भी छूट दी गई है।
यह भी पढ़ें:  जानिए इस साल मानसून में कैसी रहेगी बारिश, स्काईमेट ने जारी किया मानसून का पूर्वानुमान

यह निर्णय कृषि से संबंधित कार्यों के, बिना किसी व्यवधान के समय पर होने के संबंध में लिए गए हैं, जिससे कि इस विकट समय में लॉकडाउन के दौरान भी देश की जनता को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा सके और किसानों व आम जनता को कोई परेशानी नहीं आएं। इस आदेश के सख्ती से पालन के लिए भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों, विभागों, राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

download app button
google news follow
whatsapp channel follow

Must Read

98 टिप्पणी

    • सर खेती किसानी के कार्यों के लिए पास की आवश्यकता नहीं हैं | यदि आपको दुसरे जिले या राज्य में जाना हो तो आप जिलाधिकारी से पास बनवाएं |

  1. सर मैं देवरिया उत्तर प्रदेश का मूल अस्थाई हूं और मेरा गांव महाराजगंज जिला के धानी बाजार फरेंदा तहसील में ग्राम कोयलाडाढ है गांव पर गेहूं कटवाने हेतु जाने के लिए कोई पास ईपास बनने की सुविधा है उत्तर प्रदेश जिले में तो कृपया सुझाव दें मैं एक साधारण किसान हूं lockdown के कारण नहीं जा पा रहा हूं फसल नुकसान होने क्या चांस है

    • किसानों को स्वयं के खेतों पर श्रमिकों को एवं ट्रैक्टर थ्रेशर आदि यंत्रों से कटाई, मड़ाई व बुवाई आदि कार्य करने हेतु किसी भी प्रकार के पास एवं अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी

  2. सरकार द्वारा लिए गए फैसले से किसानों में राहत की सांस मिली है 21 दिनों के lockdown के कारण किसान अपनी रबी की फसल को काटने में समस्या थी लेकिन अब किसान अपनी रबी की फसल को काट भी सकते है और खरीफ की फसल की बुवाई भी कर सकते है

  3. लेकिन अभी तक दूसरे राज्यों में गये हुए कमबाईन, हार्वेस्टर, ट्रेक्टर रिपर वापसी के लिए सरकार ने कोई घोषना नहीं की है। जबकि 78-80 प्रतिशत कमबाईन गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में रूकी हुई हैं।और उनके चालान काटे जा रहे हैं।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News