राज्य में मछली पालन के लिए बिना ब्याज के लोन के साथ दी जाने वाली अन्य सुविधाएँ

मछली पालन के लिए बिना किसी ब्याज का ऋण एवं अन्य सुविधाएँ

कृषि के क्षेत्र में किसानों को खेती से ज्यादा मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन से आमदनी हो रही है | कृषि में लगातार घट रही आय के चलते किसान तथा सरकार दोनों मत्स्य पालन तथा पशुपालन की तरफ बढ़ रहे हैं | इसका सबसे बड़ा करण यह है कि पशुपालन तथा मत्स्य पालन से किसान प्रतिदिन कुछ आमदनी कर सकते हैं | मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 20 जुलाई को मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दे दिया गया है | मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैविनेट की बैठक में फैसला लिया है | मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने से किसानों को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है |

देश भर में छत्तीसगढ़ राज्य मछली उत्पादन के क्षेत्र में 8 वें स्थान पर है | मत्स्य को कृषि का दर्जा मिलने से राज्य का अनुमान है कि मत्स्य उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य 6 वें स्थान पर जल्द ही आ जायेगा |

मछली पालन के लिए मिलेगा बिना किसी ब्याज का ऋण

अभी तक किसानों को मत्स्य पालन के लिए 1 लाख रूपये तक का लोन 1 प्रतिशत की ब्याज पर दिया जाता था जबकि 3 लाख रूपये तक का लोन 3 प्रतिशत की ब्याज पर दिया जाता था | कृषि का दर्जा प्राप्त होने पर किसानों सस्ते लोन प्राप्त होगा | छत्तीसगढ़ में मत्स्यपालन करने वाले किसानों को अब सहकारी विभाग से शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जायेगा | इसके साथ ही किसान किसी भी बैंक से मछली पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड KCC बना सकते हैं |

राज्य में मछली पालकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएँ

वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई बांधों एवं जलाशयों से नहर के माध्यम से जलापूर्ति आवश्यकता पडती थी, जिसके लिए मत्स्य कृषकों एवं मछुआरों को प्रति 10 हजार घन फीट पानी के बदले 4 रूपये का शुल्क अदा करना पड़ता था, जो अब फ्री में मिलेगा |

मत्स्य पालक कृषकों एवं मछुआरों को प्रति यूनिट 4.40 रूपये की दर से विद्धुत शुल्क भी अदा नहीं करना होगा | सरकार के इस फैसले से मत्स्य उत्पादन की लागत में प्रति किलो लगभग 10 रूपये की कमी आएगी | जिसका सीधा लाभ मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को मिलेगा |

मछली पालन पर 6.60 लाख रूपये तक अनुदान

राज्य सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान (सब्सिडी) उपलब्ध कराती है | सरकार इसके लिए सामान्य वर्ग के मत्स्य कृषकों को अधिकतम 4.40 लाख रूपये तथा अनुसूचित जाति जनजाति एवं महिला वर्ग के हितग्राहियों को 6.60 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जाता है |

मत्स्य पालकों को 5 लाख रूपये तक का बीमा दिया जाता है

राज्य सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र को संवर्धित करने के उद्देश्य से मछुआरों को मछुआ दुर्घटना बीमा का कवरेज भी प्रदान करती है | बीमित मत्स्य कृषिक की मृत्यु पर 5 लाख रूपये की दावा राशि का भुगतान किया जाता है | बीमारी की इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रूपये तक के इलाज की सुविधा का प्रावधान है |

सहकारी समितियों को दी जाएगी 3 लाख रुपये तक की सहायता

मछुआ सहकारी समितियों को मत्स्य पालन के लिए जाल, मत्स्य बीज एवं आहार के लिए 3 सालों में 3 लाख रूपये तक की सहायता दी जाती है | बायोफ्लाक तकनीकी से मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए मत्स्य कृषकों को 7.50 लाख रूपये की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत की अनुदान सहायता दिए जाने का प्रावधान है |

छत्तीसगढ़ में कितना मछली का उत्पादन होता है ?

राज्य में वर्तमान में 93 हजार 698 जलाशय और तालाब विद्धमान है, जिनका जल क्षेत्र 1 लाख 92 हजार हेक्टेयर है | इसमें से 81 हजार 616 जलाशयों एवं तालाबों का 1 लाख 81 हजार 200 हैक्टेयर जल क्षेत्र मछली पालन के अंतर्गत हैं, जो कुल उपलब्ध जल क्षेत्र का 94 प्रतिशत है |

राज्य में वर्तमान समय में 288 करोड़ मत्स्य बीज फ्राई तथा 5.77 लाख मैट्रिक टन मछली का उत्पादन प्रति वर्ष होता है | राज्य की मत्स्य उत्पादकता प्रति हैक्टेयर 3.682 मीट्रिक टन है जो राष्ट्रीय उत्पादकता 3.250 मीट्रिक टन से लगभग 0.432 मीट्रिक टन अधिक है |

किसान इस तरह करें धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण

धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण

खरीफ सीजन की सबसे मुख्य फसल धान है | देश में अधिकांश किसान अपने खेतों में धान की फसल या तो लगा चुके हैं या अभी लगा रहे हैं | धान की फसल में खरपतवार एक बहुत बड़ी समस्या है यदि समय पर इसका नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। खरपतवार पैदावार में कमी के साथ धान में लगने वाले रोग के कारकों एवं कीटों को भी आश्रय देते हैं। धान की फसल में खरपतवार के कारण 15-85 प्रतिशत तक नुकसान होता है, कभी-कभी यह नुकसान 100 प्रतिशत तक पहुच जाता है, इसलिए सही समय पर खरपतवार नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है।

बुआई के 3 दिनों के अंदर इस तरह करें खरपतवार नियंत्रण

सीधी बुआई वाले धान में बुआई के 15-45 दिन एवं रोपाई वाले धान में रोपाई के 35-45 दिन तक फसल को खरपतवार मुक्त रखना आर्थिक रूप से लाभदायक होता है तथा फसल का उत्पादन अधिक प्रभावित नहीं होता है। बुआई के 3 दिन के भीतर खरपतवार नियंत्रण के लिए पायरेजोसल्फ़ुएरोन 10 डब्लू .पी. दवा का छिडकाव 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करना चाहिए । इस दौरान खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है।

नर्सरी में खरपतवार नियंत्रण हेतु प्रेटिलाक्लोर 30.7 प्रतिशत ई०सी० 500 मिली० प्रति एकड़ की दर से 5-7 किग्रा० बालू में मिला कर पर्याप्त नमी की स्थिति में नर्सरी डालने के 2-3 दिन के अन्दर प्रयोग करना चाहिए।

बुआई के 20-25 दिनों के अन्दर इस तरह करें खपतवार नियंत्रण

दूसरी बार बुआई के 20-25 दिन के भीतर बिसपायरिबैक सोडियम दवा का छिडकाव 100 एम.एल प्रति एकड़ की दर से करना चाहिए। इसके छिड़काव से घास कुल के संकरी पत्ती वाले जैसे सांवा एवं चौड़ी पत्ती वाले जैसे कौआ, कैनी तथा मोथा का नियंत्रण हो जाता है। खरपतवारनाशी रसायन के छिड़काव के लिए हमेशा फ्लैट फेन या फ्लैट जेट नोजल का प्रयोग प्रभावी खरपतवार नियंत्रण के लिए करना चाहिए।

धान में खरपतवार नियंत्रण के लिए इन दवाओं का करें प्रयोग

शाकनाषी दवा का नाम
दवा की व्यापारिक
मात्रा/है.
उपयोग का समय
नियंत्रित खरपतवार

प्रेटीलाक्लोर

1250 मि.ली.

बुआई/रोपाई के 2-3 दिन के अन्दर

घास कुल के खरपतवार

पाइरोजोसल्फयूरॉन

200 ग्राम

बुआई/रोपाई के 2-3 दिन के अन्दर

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार

बिसपायरिबेक सोडियम

80 मि.ली.

बुआई/रोपाई के 15-20 दिन के अन्दर

घास कुल,मौथा कुल तथा चौड़ी पत्ती

2,4-डी

1000 मि.ली.

बुआई/रोपाई के 25-35 दिन के अन्दर

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार

फिनॉक्साप्रॉकप पी ईथाइल

500 मि.ली.

बुआई/रोपाई के 25-35 दिन के अन्दर

घास कुल के खरपतवार

क्लोरीम्यूरॉन ईथाइल . मेटसल्फयूरॉन मिथाइल

20 ग्राम

बुआई/रोपाई के 20-25 दिन के अन्दर

चौड़ी पत्ती तथा मौथा कुल

पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, जैविक खेती, सब्जियों एवं फूलों की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन करें

अनुदान पर पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, जैविक खेती, सब्जियों एवं फूलों की खेती

देश में कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए देशभर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना RKVY चलाई जा रही है | राष्ट्रीय कृषि विकास योजना RKVY के कई घटक है जिसके तहत किसानों को प्रोत्साहन दिया जाता है | मध्यप्रदेश के उधानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राज्य के चयनित जिलों से विभिन्न घटकों के तहत आवेदन मांगे गए हैं | इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

RKVY योजना के तहत इन घटकों पर दिया जाने वाला अनुदान Subsidy

फूलों की खेती पर अनुदान Subsidy

राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार RKVY के तहत संकर पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत राज्य के 12 जिलों अनुपपुर, उमरिया, शहडोल, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं निवाड़ी के सभी वर्ग के लघु व सीमांत किसानों को लूज फ्लावर (फूल) हेतु 0.25 हेक्टेयर से 2.00 हेक्टेयर तक के लिए इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रुपये 16,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान दिया जायेगा |

संकर सब्जी की खेती पर अनुदान Subsidy

राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार RKVY के तहत संकर सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना के तहत राज्य के 12 जिलों अनुपपुर, उमरिया, शहडोल, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं निवाड़ी के सभी वर्ग के किसानों को संकर सब्जी की खेती हेतु 0.25 हेक्टेयर से 2.00 हेक्टेयर तक के लिए इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान दिया जायेगा |

जैविक खेती हेतु वर्मी कमपोस्ट HDPE बेड एवं अन्य पर अनुदान Subsidy

राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार RKVY के तहत वर्मी कम्पोस्ट योजना के तहत राज्य के 12 जिलों अनुपपुर, उमरिया, शहडोल, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं निवाड़ी के सभी वर्ग के किसानों को वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना हेतु इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रुपये 10,000 रुपये प्रति यूनिट दिया जायेगा |

शेडनेट हाउस (1000 से 4000 वर्ग मी. तक) पर अनुदान Subsidy

राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार RKVY के तहत सरंक्षित खेती परियोजना के तहत राज्य के अनुपपुर, शहडोल, बालाघाट, भिंड एवं शिवपुरी जिलों के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं | योजना के तहत लाभार्थी सभी वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान अधिकतम राशि 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर का अनुदान दिया जायेगा |

पॉली हाउस (2080 से 4000) वर्ग मीटर पर अनुदान Subsidy

राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार RKVY के तहत सरंक्षित खेती परियोजना के तहत राज्य के कटनी एवं शिवपुरी जिलों के किसानों से आवेदन मांगे गए हैं | योजना के तहत लाभार्थी सभी वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान अधिकतम राशि 422 रुपये प्रति वर्ग मीटर का अनुदान दिया जायेगा |

इच्छुक किसान कृषि यंत्रों पर सब्सिडी हेतु कब आवेदन कर सकते हैं ?

किसानों से सभी आवेदन ऑनलाइन ही आमंत्रित किये गए हैं ऐसे में जो भी इच्छुक किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं वह 23 जुलाई 2021 के दिन सुबह 11:00 बजे से आवेदन कर सकते है | यह आवेदन जिले के दिये हुए लक्ष्य के अनुसार किया जायेगा | आवेदन लक्ष्य से 10% अधिक तक आवेदन किया जा सकता है |

अनुदान हेतु कहाँ आवेदन करें ?

पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, जैविक खेती, सब्जियों एवं फूलों की खेती पर अनुदान हेतु इच्छुक किसान आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, जैविक खेती, सब्जियों एवं फूलों की खेती हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें 

 

50 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर पॉवर वीडर, नेपसेक स्प्रेयर एवं प्लास्टिक मल्च लेइंग मशीन लेने हेतु आवेदन करें

पॉवर वीडर, नेपसेक स्प्रेयर एवं प्लास्टिक मल्च लेइंग मशीन अनुदान हेतु आवेदन

कृषि क्षेत्र में कृषि यंत्रों की बढती हुई उपयोगिता को देखते हुए सरकार अधिक से अधिक किसानों को अलग-अलग तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनायें चला रही है | मध्यप्रदेश उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के घटक कृषि यंत्रीकरण के तहत पॉवर वीडर, प्लास्टिक मल्च लेयिंग मशीन, नेपसेक स्प्रेयर कृषि यंत्रों अनुदान पर देने के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन आमंत्रित किये हैं |

इन कृषि यंत्रों पर किसानों को दिया जाने वाला अनुदान Subsidy

पॉवर वीडर पर अनुदान

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पॉवर वीडर पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 50,000 रुपये एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अधिकतम 63,000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा |

प्लास्टिक मलच लेईंग मशीन

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पॉवर वीडर पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 40,000 रुपये एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अधिकतम 50,000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा |

नेपसेक/फुट/बैटरी ऑपरेटेड स्प्रेयर

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पॉवर वीडर पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 600 रुपये एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अधिकतम 750 रुपये का अनुदान दिया जायेगा |

नेपसेक पॉवर स्प्रेयर

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पॉवर वीडर पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 8,000 रुपये एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत अधिकतम 10,000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा |

इच्छुक किसान कृषि यंत्रों पर सब्सिडी हेतु कब आवेदन कर सकते हैं ?

उद्यानिकी विभाग द्वारा अभी राज्य के 12 जिलों अनुपपुर, उमरिया, शहडोल, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, सिवानी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं निवाड़ी के लिए लक्ष्य जारी किये गए हैं |  किसानों से सभी आवेदन ऑनलाइन ही आमंत्रित किये गए हैं ऐसे में जो भी इच्छुक किसान इन यंत्रों को लेना चाहते हैं वह 23 जुलाई 2021 के दिन सुबह 11:00 बजे से आवेदन कर सकते है | यह आवेदन जिले के दिये हुए लक्ष्य के अनुसार किया जायेगा | आवेदन लक्ष्य से 10% अधिक तक आवेदन किया जा सकता है |

कृषि यंत्रो अनुदान पर लेने हेतु कहाँ आवेदन करें ?

दिए गए कृषि यंत्रों हेतु इच्छुक किसान आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

दिए गए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक की दर से अनुदान पर अदरक एवं हल्दी की खेती के लिए आवेदन करें

अदरक एवं हल्दी की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों में अलग-अलग प्रकार की फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | जिसके तहत किसानों इन फसलों की खेती पर लगने वाली लागत को कम करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है | ऐसी ही एक योजना के तहत मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग द्वारा मसाला क्षेत्र विस्तार योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है | योजना में चयनित जिलो के किसानों से अदरक की खेती एवं हल्दी की खेती पर अनुदान हेतु किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं | इच्छुक किसान योजना के तहत आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

योजना के तहत अदरक एवं हल्दी की खेती पर दिया जाने वाला अनुदान

मसाला क्षेत्र विस्तार योजना का क्रियान्वयन राज्य में किया जा रहा है जिसके तहत जड़ एवं कंदवाली व्यावसायिक फसल लहसुन, हल्दी एवं अदरक फसल उत्पादन हेतु रोपण सामग्री की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 50,000 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान सामान्य वर्ग के किसानों को एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत अधिकतम राशि 70,000 रुपये प्रति हेक्टेयर जो भी कम होगा अनुदान दिया जायेगा |

किसान अनुदान प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं ?

मध्यप्रदेश उद्यानिकी विभाग ने अभी राज्य के शहडोल जिले के लिए हल्दी की खेती हेतु लक्ष्य जारी किए हैं वहीँ टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों के किसानों के लिए अदरक की खेती हेतु लक्ष्य जारी किये हैं | इन जिलों के किसान 23 जुलाई 2021 के दिन सुबह 11:00 बजे से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | यह आवेदन जिले के दिये हुए लक्ष्य के अनुसार किया जायेगा | आवेदन लक्ष्य से 10% अधिक तक आवेदन किया जा सकता है |

अदरक एवं हल्दी उतपादन योजना के तहत जारी लक्ष्य आदि की जानकारी यहाँ देखें

योजना का लाभ लेने हेतु दिशा-निर्देश

  • मध्यप्रदेश राज्य के किसानों को योजना के अंतर्गत केवल उन्हीं किसानों को मसालों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा जो वर्तमान में मसालों की खेती नहीं कर रहे हैं | किसान केवल एक ही बार योजना का लाभ ले सकते हैं |
  • वनाधिकार प्रमाण-पात्र प्राप्त किसान भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे |
  • कृषक पहली बार जितने क्षेत्रफल मने चाहे खेती कर सकते हैं परन्तु अनुदान न्यूनतम 0.25 हेक्टेयर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए ही दिया जायेगा |
  • हितग्राही के पास सिंचाई के साधन होना चाहिए, किसान के पास स्वयं की निजी भूमि होना चाहिए |

आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

किसानों के पास आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अपने पास रखना होगा :-

  • फोटो,
  • आधार कार्ड,
  • खसरा नम्बर/ बी1/ वन पट्टे की प्रति,
  • बैंक पासबुक,
  • जाति प्रमाण पत्र

अनुदान पर अदरक एवं हल्दी की खेती हेतु आवेदन कहाँ करें

मध्यप्रदेश के किसान मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत अदरक एवं हल्दी उत्पादन हेतु आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

हल्दी एवं अदरक की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

50 प्रतिशत की सब्सिडी पर प्याज भंडारण हेतु गोदाम निर्माण हेतु आवेदन करें

प्याज भंडार गृह अनुदान हेतु आवेदन

अनुदान पर प्याज गोदाम योजना

भंडारण की क्षमता को पूरा करने एवं प्याज किसानों को सही दाम दिलवाने के लिए देश तथा राज्यों में विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है | योजना के तहत किसानों को नश्वर उत्पाद के भंडार गृह बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के चयनित जिलों के किसानों से नश्वर उत्पादन की भंडारण क्षमता में वृद्धि की विशेष योजनान्तर्गत 50 मीट्रिक टन प्याज भंडारण गृह निर्माण पर सब्सिडी उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं |

प्याज भंडार गृह (Warehouse) पर दी जाने वाली सब्सिडी

यह योजना राज्य पोषित योजना होने के कारण मध्य प्रवेश उधानिकी विभाग हितग्राही को सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है | लाभार्थी किसानों को प्याज भंडार गृह पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | मध्यप्रदेश उधानिकी विभाग के तरफ से 50 मीट्रिक टन क्षमता वाले भंडारण के लिए अधिकतम 3,50,000 /- रूपये की लागत निश्चित की गई है | इसमें किसानों को लागत का अधिकतम 1,75,000 रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा |

प्याज भंडार गृह योजना की पूरी जानकारी के लिए pdf डाउनलोड करें  

इच्छुक किसान अनुदान हेतु कब कर सकते हैं

राज्य के किसान से सभी आवेदन ऑनलाइन ही आमंत्रित किये गए हैं ऐसे में जो भी इच्छुक किसान प्याज भंडारण गृह निर्माण के लिए आवेदन करना चाहता है वह 23 जुलाई 2021 के दिन सुबह 11:00 बजे से आवेदन कर सकता है | यह आवेदन जिले के दिये हुए लक्ष्य के अनुसार किया जायेगा | आवेदन लक्ष्य से 10% अधिक तक आवेदन किया जा सकता है | 

योजना का लाभ लेने के लिए दिशा-निर्देश

  • अभी सरकार ने राज्य के सागर, सीहोर, विदिशा एवं ग्वालियर जिलों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए लक्ष्य जारी किये हैं | जिसके चलते सामान्य अथवा पिछड़े वर्ग के किसान अभी योजना के लिया आवेदन नहीं कर पाएंगे |
  • हितग्राही किसान को कम से कम 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्याज का उत्पादन करना आवश्यक है | इसके साथ ही प्याज भंडारण का उपयोग किसी अन्य कामों के लिए नहीं किया जा सकता |
  • प्याज भंडारण गृह का निर्माण NHRDF द्वारा जारी डिजाईन/ड्राइंग एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार होना चाहिए एवं आशय पत्र जारी होने के बाद अधिकतम 06 माह के भीतर प्याज भण्डार गृह का निर्माण पूर्ण करना आवश्यक होगा |
  • कृषकों द्वारा निर्मित प्याज भंडारण गृह का शत प्रतिशत भौतिक सत्यापन हेतु जिले के उप / सहायक संचालक उद्यान की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी | समिति के मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन तथा अनुसंशा के आधार पर संबंधित कृषक को अनुदान की राशि का भुगतान नियमानुसार एम.पी.एगो द्वारा डी.बी.टी. के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया जायेगा |

प्याज भंडार गृह अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन कहाँ करें

भंडार गृह एवं के लिए आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

सब्सिडी पर प्याज भंडार गृह निर्माण हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

25 लाख रुपये के लोन एवं 10 लाख रुपये की सब्सिडी लेकर कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु आवेदन करें

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु लोन और अनुदान

कृषि आधारित उद्धयोग लगाने एवं ग्राम स्तर पर रोजगार सृजित करने के लिए “आत्मनिर्भर भारत” पैकेज के अंतर्गत कई योजनाओं की शुरुआत की गई है | जिसमें योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों आदि की स्थापना पर इच्छुक लाभार्थियों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाना एवं लाभार्थियों को अनुदान देना शामिल है | मध्य सरकार ने इसके तहत देश की पहली “कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट” योजना शुरू की है | इस योजना के तहत गाँव के युवा कृषि संबंधित उद्धयोग लगाकर रोजगार सृजित कर सकते हैं | इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के कोई भी युवा इस योजना के लिए आवेदन करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

40 प्रतिशत की सब्सिडी पर राज्य के निवासी प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं | यह प्रोसेसिंग यूनिट दलहन, तेलहन, ग्रेडिंग, सफाई तथा अन्य प्रकार के कार्य करने वाली मशीनों पर दी जाएगी | यह सभी मशीनों पर आवेदक को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी के लोन एवं ब्याज में छूट आदि सुविधाएं भी दी जा रही है |

क्या है कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना हेतु योजना

किसानों को कृषि फसलों के प्राथमिक प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) हेतु मशीने उपलब्ध कराकर सेवाएँ देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने के इच्छुक आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं | आवेदन करने हेतु व्यक्ति, पंजीकृत किसान समूह तथा फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन FPO पात्र होंगे | ये कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र राज्य के प्रत्येक जिले में खोले जाना है, प्रत्येक कस्टम प्रोसेसिंग मशीनों की खरीद पर आवेदकों को लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये का “क्रेडिट लिंक्ड एंडेड” अनुदान दिया जायेगा | अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना के तहत की जाएगी | इसके साथ ही हितग्राही भारत सरकार के “एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड” के तहत लाभ प्राप्त कर अतिरिक्त 3 प्रतिशत की ब्याज पर सब्सिडी ले सकेगें |

इन मशीनों की खरीद पर दी जाएगी सब्सिडी

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के तहत विभिन्न प्रकार के मशीन किसान अनुदान पर ले सकते हैं | जिससे छोटे स्तर पर उद्योग शुरू किया जाए | एक इकाई में क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट आवश्यक रूप से रखा जाना होगा जिसमें डी-स्टोनर, ग्रेविटी सेप्रटर तथा ग्रेडीएंट सेप्रटर सम्मिलित होना आवश्यक है | क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट की न्यूनतम क्षमता 500 किलोग्राम प्रतिघंटा होना आवश्यक है |

इसके अतिरक्त फसलों की प्रोसेसिंग से सम्बंधित अन्य मशीनों को रखा जा सकेगा जिसका चयन नीचे दी गई मशीनों से किया जा सकता है | क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट एवं अन्य प्रसंस्करण मशीनों को भारत सरकार आईसीएआर द्वारा निर्धारित मापदंडों की पूर्ति करना आवश्यक होगा |

यह सभी मशीने इस प्रकार है :-

  • मिनी राईस मिल
  • मिनी दाल मिल
  • आईल एक्सट्रेक्टर
  • मिलेट प्रसंस्करण प्लांट
  • मल्टी कमोडिटी फ्लोर मिल / दलिया मिल
  • सीड प्रोसेसिंग प्लांट
  • सहायक मशीनरी जैसे पेकिंग और सीलिंग यूनिट

कितने कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य है ?

इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले के लिए 5 प्रोसेसिंग यूनिट का लक्ष्य रखा है | राज्य में कुल 260 कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएँगी | इसके तहत सामान्य वर्ग के लिए 200 यूनिट तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 30–30 यूनिट का लक्ष्य है | सभी जिलों एवं सभी वर्गों के किसान इस योजना के तहत आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के तहत अनुदान

राज्य सरकार ने कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट योजना कि कुल लागत 25 लाख रूपये रखी है | इस योजना के तहत कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है | इसके अलावा इस योजना पर 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा |

बैंक ड्राफ्ट कितने का रहेगा ?

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किसान को सहायक कृषि यंत्री के नाम से बैंक ड्राफ्ट बनाना होगा | संन्य वर्ग के आवेदक के लिए 10,000 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सभी वर्ग के महिलाओं के लिए 5,000 रूपये की बैंक ड्राफ्ट सहायक कृषि यंत्री के नाम बनाकर जमा करना होगा | ऑनलाइन आवेदन के साथ धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट की स्केन प्रति अपलोड की जाना होगी | बैंकड्राफ्ट की मूल प्रति अभिलेखों के सत्यापन के समय सम्बंधित कार्यालय में जमा करायी जानी अनिवार्य होगी |

आवेदक बैंक ड्राफ्ट तथा अभिलेखों का सत्यापन कब जमा करना होगा?

4 अगस्त तक आवेदन के बाद किसानों को अभिलेखों को सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा | आवेदक अभिलेखों का सत्यापन एवं बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 10 अगस्त से 13 अगस्त 2021 तक प्रात: 10:30 से सायं 5:30 तक करा सकते हैं |

आवेदक अभिलेखों में निम्नलिखित दस्तावेज होना जरुरी है | आवेदक के पास फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, सक्षम धिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र अथवा हाईस्कूल अंकसूची, जाति प्रमाण–पत्र – ( केवल अनु.जाति एवं जनजाति के आवेदकों के लिए) निवास प्रमाण – पत्र (मतदाता परिचय पत्र अथवा आधार कार्ड) अथवा ऋण पुस्तिका, 12 वीं उत्तीर्ण अंकसूची सत्यापन हेतु प्रस्तुत किये जाने होंगे |

आवेदन कब करना है ?

वित्त वर्ष 2021–22 के लिए मध्य प्रदेश के सभी किसान कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 22  जुलाई 2021 से 4 अगस्त 2021 ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट कहाँ किया जायेगा

मध्य प्रदेश के सभी जिलों के आवेदक कस्टम हायरिंग के लिए अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 6 केंद्र बनाए गये हैं | आवेदक स्थापित सहायक कृषि यंत्री के पास आकर जमा करना होगा | संभाग के अनुसार सहायक कृषि यंत्रों के लिए केंद्र बनाए गये हैं |

आवेदन का जिला
अधिकारी जिसके नाम धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट बनाया जाना है |
संभागीय कृषि यंत्री कार्यालय का पता तथा दूरभाष क्रमांक

भोपाल संभाग एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, भोपाल

संभागीय कृषि यंत्री, नी जेल रोड, ग्राम – बडवई भोपाल, दूरभाष – 0755 – 2736200

इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, इंदौर

संभागीय कृषि यंत्री, 303 सेंटेलाईट बिल्डिंग, कलेक्टर भवन, इंदौर दूरभाष – 0731 – 2368440

रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सतना

संभागीय कृषि यंत्री, सिविल लाईन, पण रोड सतना, दूरभाष – 07672 – 222223

जबलपुर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, जबलपुर

संभागीय कृषि यन्ति, संजय नगर, आधारताल, जबलपुर, दूरभाष – 0761 – 2680928

सागर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सागर

संभागीय कार्यपालन यंत्री, वृन्द्वान बाग़ ट्रस्ट, गोपालगंज, सागर, दूरभाष – 07528 – 241554

ग्वालियर संभाग एवं चंबल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री ग्वालियर

संभागीय कृषि यंत्री, मेला ग्राउंड के सामने, रेस कोर्स रोड, ग्वालियर, दूरभाष – 0751 – 2364595

योजना के अंतर्गत उपयुक्त पाए गए आवेदकों की धरोहर राशि केंद्र स्थापित होने पर भौतिक सत्यापन के बाद लौटाई जा सकेगी, किन्तु यदि आवेदक केंद्र स्थापित करने में रूचि नहीं लेता है अथवा केंद्र स्थापित करने में असफल होता है,तो धरोहर राशि शासन द्वारा राजसात कर ली जाएगी |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किसानों कि सूची कब जारी किया जाएगा ?

मध्य प्रदेश में कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए लाँटरी सिस्टम अपनाया जा रहा है | लाँटरी सिस्टम से चयनित किसानों की सूची 17 अगस्त 2021 को जारी किया जाएगा | किसान सूची में अपना नाम 17 अगस्त 2021 से chc.mpdage.org पर या kisansamadhan.com पर देख सकते हैं |

किसान कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट हेतु ऑनलाइन आवेदन

शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन पात्र संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल chc.mpdage.org के माध्यम से कर सकते हैं | किसान योजना से जुडी अन्य जानकारी नीचे दी गई लिंक से डाउनलोड कर सकते है या अपने संभाग के कृषि यंत्री से सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट योजना की पूरी जानकारी के लिए pdf डाउनलोड करें

मूंग के बीज पर 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ सरकार दे रही 4,000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान

मूंग बीज पर सब्सिडी एवं खेती पर अनुदान

सरकार द्वारा दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | किसानों को इन फसलों को लगाने के सरकार प्रोत्साहन देने के लिए न केवल बीज पर सब्सिडी दे रही रही वहीँ दालों की खेती के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है | हरियाणा सरकार ने इस वर्ष मूंग के बीज पर सब्सिडी एवं खेती करने वाले किसानों को 4 हजार रुपये तक का अनुदान देने का फैसला लिया है |

मूंग के बीज पर किसानों को दी जा रही है 90 प्रतिशत सब्सिडी

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि हर खेत की जानकारी सरकार के पास हो ताकि किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार योजनाओं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अभी भी मूंग की बिजाई का समय है। किसान मूंग की बिजाई करें। सरकार इस वर्ष मूंग के बीज पर प्रदेश सरकार 90 फीसदी सब्सिडी दे रही है।

खेती पर दिया जायेगा 4,000 रुपये का अनुदान

कृषि मंत्री ने कहा कि  ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत‘‘ योजना में इस वर्ष दो लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा गया था जोकि अब तक लगभग 90 हजार एकड़ तक पहुंच गया है। इसको और आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान कृषि के लिए नई-नई तकनीके अपना कर व फसलों का विविधिकरण कर पानी की बचत करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं ।

श्री दलाल ने बताया कि किसानों ने इस बार धान की डी.आर.एस विधि से भी सीधी बिजाई की। जिससे 30 से 32 प्रतिशत पानी की बचत होती है। धरती की उपजाऊ शक्ति बढऩे और दालों को बढ़ावा देने के लिए मूंग, दालों और दलहन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि मूंग, उड़द व अरहर उगाने पर 4 हजार रूपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। जिस किसान ने पिछली बार बाजरे की बिजाई की थी वहां पर इस बार मूंग की खेती करता है तो उसे प्रति एकड़ 4 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अकेले जिला महेंद्रगढ़ में अब तक उपलब्ध 700 क्विंटल मूंग के बीज में से 640 क्विंटल बीज किसान खरीद चुके हैं। मूंग से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढती है।

डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने की डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जिसका वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23% का योगदान है। पिछले 5 वर्षों में देश के वार्षिक दुग्ध उत्पादन में 6.4% (सीएजीआर) की बढ़ोतरी हुई है। अपने सामाजिक-आर्थिक महत्व के कारण डेयरी, भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। यह देश की अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करने वाला एकमात्र सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है और 80 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता है । इसके अलावा, देश में पैकेज्ड डेयरी उत्पाद का बहुत बड़ा घरेलू बाजार हैं, जिनकी कीमत 2.7 से लेकर 3.0 लाख करोड़ रुपये है | डेयरी क्षेत्र की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है |

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

केंद्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए,अपने निवेश सुविधा प्रकोष्ठ के अंतर्गत डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है। यह इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए गठित की गई एक क्रॉस फंक्शनल टीम है, जो निवेश चक्र में सहायता प्रदान करेगी :-

  • निवेश अवसरों के मूल्यांकन के लिए विशिष्ट जानकारी प्रदान करना
  • सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन संबंधित सवालों का जवाब देना
  • रणनीतिक साझीदारों के साथ जुड़ना
  • राज्य के विभागों और संबंधित प्राधिकरणों के साथ जमीनी रूप से सहायता प्रदान करना

उद्यमियों, निजी कंपनियों को मिलेंगे यह लाभ

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर द्वारा निवेशकों के बीच पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाता है। एएचआईडीएफ, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और संभाग 8 कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है। पात्र संस्थाओं द्वारा इस योजना का लाभ डेयरी प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना और पशु आहार संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना करने अथवा मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने के लिए उठाया जा सकता है।

  • ऋण पर 3% ब्याज की छूट
  • 6 वर्ष अदायगी अवधि के साथ 2 वर्ष अवधि की छूट
  • 750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी

डीएएचडी द्वारा उन सभी निजी कंपनियों, विशिष्ट उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है, जो [email protected] पर डेयरी क्षेत्र में निवेश करने और इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर तक पहुंच प्राप्त करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

किसानों को बिजली बिल पर 1000 रुपये प्रतिमाह अनुदान वाली योजना की हुई शुरुआत

किसान उर्जा मित्र योजना की शुरुआत

कृषि के क्षेत्र में लागत कम करने के लिए तथा किसानों को 24 घंटे बिजली सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार ने “मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना” कि शुरुआत कर दी है | राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से योजना का शुभारम्भ किया | इस योजना के शुरू होने पर प्रदेश में लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निःशुल्क हो जाएगी।

इस योजना के तहत राज्य के किसानों को कृषि कार्य के लिए सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी | अभी राज्य में कृषि विद्युत की दर 5 रूपये 55 पैसे प्रति यूनिट होने के बावजूद किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है | शेष 4 रूपये 65 पैसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है | कृषि विद्युत् पर अनुदान के कारण राज्य सरकार पर 16 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष का आर्थिक भार आ रहा है |

किसानों को दिया जायेगा 1,000 रुपये प्रति माह का अनुदान

“किसान मित्र ऊर्जा योजना” के तहत प्रति माह 1,000 रूपये तक की सब्सिडी दी जाएगी | अगर किसी किसान को एक माह में कृषि बिजली बिल 1,000 रूपये आता है तो उसे किसी प्रकार की राशि नहीं चुकानी पड़ेगी | 1,000 रूपये से कम बिजली बिल आने पर किसान को उस माह की सब्सिडी अगले माह में जोड़ दी जाएगी | इस योजना के तहत किसान को प्रति वर्ष 12,000 रूपये तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | इससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त 1,450 करोड़ रूपये का भार आ रहा है |

राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान में सौर ऊर्जा निति 2019 एवं पवन उर्जा निति 2019 के माध्यम से अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है | वर्ष 2025 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य की दिशा में हम लगातार प्रयासरत है |

योजना का लाभ किन किसानों को दिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना राज्य के किसानों के लिए शुरू की गई है | इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मीटर्ड कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर प्रतिमाह एक हजार रूपए और अधिकतम 12 हजार रूपए प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाएगा | इस योजना के तहत केंद्रीय, तथा राज्य कर्मचारी, टैक्स पेयर को बाहर रखा गया है | योजना के तहत 1,000  की सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसान को योजना के तहत अपना आधार नंबर एवं बैंक खाता जोड़ना होगा | इससे सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में दिया जायेगा |