जायद फसलों के बीज पर अनुदान
रबी की फसल की कटाई के बाद खेत तीन माह तक खाली रहता है | इसमें कुछ किसान गरमा फसल की खेती करना पसंद करते हैं जो किसान की आय को बढाता है | गरमा खेती में उड़द, मूंग तथा मक्का प्रमुख फसल है | गरमा (जायद) खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार अनुदानित दर पर किसानों को बीज उपलब्ध करवा रही है | बिहार सरकार राज्य के किसानों को फरवरी माह से मूंग, उड़द तथा मक्का की बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध करवाने का फैसला लिया था | इस बार राज्य में होम डिलवरी की सुविधा भी उपब्ध करवाई गई है जिसे किसान मामूली सा शुल्क देकर घर पर मंगा सकता है | किसान समाधान इस ग्रीष्मकालीन खेती के लिए बीज की जानकारी लेकर आया है |
किसानों को जायद (गरमा) बीज की उपलब्धता
बिहार कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य के किसानों के लिए ग्रीष्म कालीन खेती के लिए 4747 क्विंटल मूंग, 433.24 क्विंटल संकर मक्का का बीज तथा 653.10 क्विंटल उड़द का बीज विभिन्न जिलों को अनुदानित दर पर किसानों के बीच वितरण हेतु उपलब्ध करा दिया गया है | राज्य के किसानों को फरवरी माह से ही गरमा बीज दिए जा रहे हैं |
किसान किस दाम पर कितना बीज ले सकते हैं ?
ग्रीष्म कालीन खेती के लिए किसानों को बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराकर कृषि के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | बिहार सरकार राज्य के किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर विभिन्न प्रकार के बीज उपलब्ध करा रही है |
- एक किलोग्राम मूंग बीज की कीमत75 रुपये है , जिस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दिया जा रहा है | एक किसान को 5 एकड़ तक क्षेत्र के लिए मूंग बीज दिया जाना है |
- एक किलोग्राम मक्का का मूल्य 122 रूपये निर्धारित किया गया है | इस पर किसान को 100 रुपये प्रति किलोग्राम अथवा 50 प्रतिशत जो कम हो वह अनुदान दिया जाएगा |
- उड़द के एक किलोग्राम का मूल्य90 रूपये निर्धारित किया गया है , जिस पर किसानों को 70 रूपये प्रति किलोग्राम अथवा मूल्य का 50 प्रतिशत जो कम हो, पर उपलब्ध कराया गया है |
इन जिलों में बीज का होम डिलवरी किया जा रहा है
किसानों को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए बीज को किसानों के घर तक पहुँचाने की शुरुआत की गई है | राज्य के 7 जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है | यह जिले इस प्रकार हैं :- बाँका, समस्तीपुर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नवादा, गया तथा रोहतास में गर्मा फसलों के बीज की होम डिलवरी किया जा रहा है |
होम डिलवरी के लिए शुल्क देना होगा
किसानों को बीज के लिए आनलाइन आवेदन करना रहता है तथा होम डिलवरी का आप्शन चूज करना पड़ता है | कोई भी किसान होम डिलवरी को आप्शन नहीं भी रख सकता है , उसे बाजार से बीज लेना रहता है जिस पर अनुदान दिया जाएगा | होम डिलवरी के लिए एक किसान को प्रतिकिलो 5 रुपये देना रहता है | आप जितना किलो बीज सरकारी अनुदान पर खरीदते हैं उसका 5 रूपये प्रति किलो की दर से राशी देना रहता है |
नोट :- मांग की गयी बीज का उठाव नहीं करने पर कृषि विभाग की योजनाओं से लाभ लेने हेतु अगले तीन वर्षों के लिए वंचित कर दिया जाएगा |