मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसान अनुदान
देश में लगातार भूमिगत जलस्तर नीचे जाते जा रहा है जिससे आने वाले दिनों में पानी की समस्या से बचने के लिए सरकार द्वारा भूमिगत जल का दोहन कम करने के उद्देश्य से कई पहल की गई है | जिसके तहत कई राज्य सरकारों द्वारा धान की खेती के बदले अन्य कम पानी वाली फसलों को लगाने पर अनुदान दिया जा रहा है | जहाँ धान की खेती अधिक होती है उन जैसे छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा राज्य ने किसानों को धान की खेती छोड़ दूसरी फसलों खेती करने पर किसानों को सीधे अनुदान देने के लिए योजना शुरू की है | जहाँ छतीसगढ़ सरकार इसके लिए किसानों को 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तो हरियाणा सरकार किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान किसानों को सीधे देगी |
हरियाणा में धान के बदले अन्य फसलों के बोने पर किसानों को मिलने वाली अनुदान वाली योजना मेरा पानी-मेरी विरासत को “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” से जोड़ा जा रहा है जिससे किसानों को आसानी से तथा बिना किसी परेशानी के प्रोत्साहन राशि दी जा सके | हरियाणा में किसानों को समर्थन मूल्य पर फसल बेचने एवं कई अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है | किसान अब इस पोर्टल पर पंजीकरण कर मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ भी ले सकेंगे |
किसानों को दिया जायेगा 7,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान
हरियाणा के मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है | मुख्यमंत्री ने योजना के समीक्षा करने के बाद बताया की पहले वर्ष योजना के सफलता के बाद किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी | खरीफ सीजन में धान के बदले अन्य फसल बोने पर किसानों को 7,000 रूपये की प्रोत्साहन राशि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत दे रही है | इस योजना एक शुरू होने के बाद पहले ही वर्ष में सरकार को अच्छी सफलता मिली है | वर्ष 2020–21 के खरीफ सीजन में राज्य के किसानों ने 96,000 एकड भूमि में धान की खेती को छोड़ कर अन्य फसलों की खेती को अपनाया है | अब सरकार उन सभी किसानों को प्रति एकड़ 7,000 रूपये देने जा रही है |
इन फसलों की बुवाई पर किसानों को दिया जायेगा अनुदान
राज्य के मुख्य मंत्री ने कहा की बागवानी, सब्जी, चारा, मूंगफली, मूंग व अन्य दालें, सोयाबीन, ग्वार आदि की बिजाई के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी | इस योजना के लाभ के लिए किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” एवं मेरा पानी – मेरी विरासत पोर्टल पर प्रति एकड़ फसल की विस्तृत जानकारी डालनी होगी | यह जानकारी अपलोड किये जाने के बाद विभाग द्वारा निर्धारित समय वेरिफिकेशन के बाद सम्बन्धित या पात्र लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी |
मेरी पानी मेरा विरासत योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले लाभ
- इस योजना के तहत जिस किसान ने अपनी कुल जमीन के 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र पर धान के बजाय मक्का/ कपास/ बाजरा/ दलहन/ सब्जियां इत्यादि फसल उगाई है तो उसको 7,000 रूपये प्रति एकड़ की दर से राशि प्रदान की जाएगी | परन्तु यह राशि उन्ही किसानों को ही दी जाएगी जिन्होंने गत वर्ष (खरीफ 2019) के धान के क्षेत्रफल में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र में फसल विविधिकरण अपनाया है |
- उपरोक्त राशि 7,000 रूपये प्रति एकड़ के अतिरिक्त जिन किसानों ने धान के बजाय फलदार पौधो तथा सब्जियों की खेती से फसल विविधिकरण अपनाया है उनको बागवानी विभाग द्वारा चालित परियोजनाओं के प्रावधान के अनुसार अनुदान राशि अलग से दी जाएगी |
- जिन खंडों का भूजल स्तर 35 मीटर अथवा उससे अधिक गहराई पर है तथा पंचायत भूमि पर धान के अतिरिक्त मक्का / कपास / बाजरा / दलहन / सब्जियां फसल उगाई है तो 7,000 रूपये प्रति एकड़ की दर से राशि ग्राम पंचायत को दी जाएगी |
- मक्का खरीद के दौरान मंडियों में मक्का सुखाने के लिए मशीने लगाई जाएगी ताकि किसानों को पर्याप्त नमी के आधार पर उचित मूल्य मिल सके |
- मक्का की मशीनों द्वारा बिजाई करने हेतु लक्षित खंडों में किसानों को मक्का बिजाई मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा |
- फसल विविधिकरण के अंतर्गत अपनाई गई फसल की बीमा राशि / किसान के हिस्से की राशि को सरकार द्वारा दिया जाएगा |
- फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर कुल लागत का केवल जी.एस.टी. ही देना होगा |
Bahut acchi yojna h khhatar Sahb ji ko dhanyawad