50 प्रतिशत की सब्सिडी पर प्याज भंडारण हेतु गोदाम निर्माण हेतु आवेदन करें

प्याज भंडार गृह अनुदान हेतु आवेदन

अनुदान पर प्याज गोदाम योजना

भंडारण की क्षमता को पूरा करने एवं प्याज किसानों को सही दाम दिलवाने के लिए देश तथा राज्यों में विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है | योजना के तहत किसानों को नश्वर उत्पाद के भंडार गृह बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के चयनित जिलों के किसानों से नश्वर उत्पादन की भंडारण क्षमता में वृद्धि की विशेष योजनान्तर्गत 50 मीट्रिक टन प्याज भंडारण गृह निर्माण पर सब्सिडी उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं |

प्याज भंडार गृह (Warehouse) पर दी जाने वाली सब्सिडी

यह योजना राज्य पोषित योजना होने के कारण मध्य प्रवेश उधानिकी विभाग हितग्राही को सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है | लाभार्थी किसानों को प्याज भंडार गृह पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | मध्यप्रदेश उधानिकी विभाग के तरफ से 50 मीट्रिक टन क्षमता वाले भंडारण के लिए अधिकतम 3,50,000 /- रूपये की लागत निश्चित की गई है | इसमें किसानों को लागत का अधिकतम 1,75,000 रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा |

प्याज भंडार गृह योजना की पूरी जानकारी के लिए pdf डाउनलोड करें  

इच्छुक किसान अनुदान हेतु कब कर सकते हैं

राज्य के किसान से सभी आवेदन ऑनलाइन ही आमंत्रित किये गए हैं ऐसे में जो भी इच्छुक किसान प्याज भंडारण गृह निर्माण के लिए आवेदन करना चाहता है वह 23 जुलाई 2021 के दिन सुबह 11:00 बजे से आवेदन कर सकता है | यह आवेदन जिले के दिये हुए लक्ष्य के अनुसार किया जायेगा | आवेदन लक्ष्य से 10% अधिक तक आवेदन किया जा सकता है | 

योजना का लाभ लेने के लिए दिशा-निर्देश

  • अभी सरकार ने राज्य के सागर, सीहोर, विदिशा एवं ग्वालियर जिलों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए लक्ष्य जारी किये हैं | जिसके चलते सामान्य अथवा पिछड़े वर्ग के किसान अभी योजना के लिया आवेदन नहीं कर पाएंगे |
  • हितग्राही किसान को कम से कम 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्याज का उत्पादन करना आवश्यक है | इसके साथ ही प्याज भंडारण का उपयोग किसी अन्य कामों के लिए नहीं किया जा सकता |
  • प्याज भंडारण गृह का निर्माण NHRDF द्वारा जारी डिजाईन/ड्राइंग एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार होना चाहिए एवं आशय पत्र जारी होने के बाद अधिकतम 06 माह के भीतर प्याज भण्डार गृह का निर्माण पूर्ण करना आवश्यक होगा |
  • कृषकों द्वारा निर्मित प्याज भंडारण गृह का शत प्रतिशत भौतिक सत्यापन हेतु जिले के उप / सहायक संचालक उद्यान की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी | समिति के मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन तथा अनुसंशा के आधार पर संबंधित कृषक को अनुदान की राशि का भुगतान नियमानुसार एम.पी.एगो द्वारा डी.बी.टी. के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया जायेगा |

प्याज भंडार गृह अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन कहाँ करें

भंडार गृह एवं के लिए आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

सब्सिडी पर प्याज भंडार गृह निर्माण हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

25 लाख रुपये के लोन एवं 10 लाख रुपये की सब्सिडी लेकर कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु आवेदन करें

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु लोन और अनुदान

कृषि आधारित उद्धयोग लगाने एवं ग्राम स्तर पर रोजगार सृजित करने के लिए “आत्मनिर्भर भारत” पैकेज के अंतर्गत कई योजनाओं की शुरुआत की गई है | जिसमें योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों आदि की स्थापना पर इच्छुक लाभार्थियों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाना एवं लाभार्थियों को अनुदान देना शामिल है | मध्य सरकार ने इसके तहत देश की पहली “कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट” योजना शुरू की है | इस योजना के तहत गाँव के युवा कृषि संबंधित उद्धयोग लगाकर रोजगार सृजित कर सकते हैं | इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के कोई भी युवा इस योजना के लिए आवेदन करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं |

40 प्रतिशत की सब्सिडी पर राज्य के निवासी प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं | यह प्रोसेसिंग यूनिट दलहन, तेलहन, ग्रेडिंग, सफाई तथा अन्य प्रकार के कार्य करने वाली मशीनों पर दी जाएगी | यह सभी मशीनों पर आवेदक को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी के लोन एवं ब्याज में छूट आदि सुविधाएं भी दी जा रही है |

क्या है कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना हेतु योजना

किसानों को कृषि फसलों के प्राथमिक प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) हेतु मशीने उपलब्ध कराकर सेवाएँ देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने के इच्छुक आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं | आवेदन करने हेतु व्यक्ति, पंजीकृत किसान समूह तथा फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन FPO पात्र होंगे | ये कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र राज्य के प्रत्येक जिले में खोले जाना है, प्रत्येक कस्टम प्रोसेसिंग मशीनों की खरीद पर आवेदकों को लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये का “क्रेडिट लिंक्ड एंडेड” अनुदान दिया जायेगा | अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना के तहत की जाएगी | इसके साथ ही हितग्राही भारत सरकार के “एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड” के तहत लाभ प्राप्त कर अतिरिक्त 3 प्रतिशत की ब्याज पर सब्सिडी ले सकेगें |

इन मशीनों की खरीद पर दी जाएगी सब्सिडी

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के तहत विभिन्न प्रकार के मशीन किसान अनुदान पर ले सकते हैं | जिससे छोटे स्तर पर उद्योग शुरू किया जाए | एक इकाई में क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट आवश्यक रूप से रखा जाना होगा जिसमें डी-स्टोनर, ग्रेविटी सेप्रटर तथा ग्रेडीएंट सेप्रटर सम्मिलित होना आवश्यक है | क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट की न्यूनतम क्षमता 500 किलोग्राम प्रतिघंटा होना आवश्यक है |

इसके अतिरक्त फसलों की प्रोसेसिंग से सम्बंधित अन्य मशीनों को रखा जा सकेगा जिसका चयन नीचे दी गई मशीनों से किया जा सकता है | क्लीनिंग-ग्रेडिंग प्लांट एवं अन्य प्रसंस्करण मशीनों को भारत सरकार आईसीएआर द्वारा निर्धारित मापदंडों की पूर्ति करना आवश्यक होगा |

यह सभी मशीने इस प्रकार है :-

  • मिनी राईस मिल
  • मिनी दाल मिल
  • आईल एक्सट्रेक्टर
  • मिलेट प्रसंस्करण प्लांट
  • मल्टी कमोडिटी फ्लोर मिल / दलिया मिल
  • सीड प्रोसेसिंग प्लांट
  • सहायक मशीनरी जैसे पेकिंग और सीलिंग यूनिट

कितने कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य है ?

इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले के लिए 5 प्रोसेसिंग यूनिट का लक्ष्य रखा है | राज्य में कुल 260 कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएँगी | इसके तहत सामान्य वर्ग के लिए 200 यूनिट तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 30–30 यूनिट का लक्ष्य है | सभी जिलों एवं सभी वर्गों के किसान इस योजना के तहत आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के तहत अनुदान

राज्य सरकार ने कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट योजना कि कुल लागत 25 लाख रूपये रखी है | इस योजना के तहत कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है | इसके अलावा इस योजना पर 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा |

बैंक ड्राफ्ट कितने का रहेगा ?

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किसान को सहायक कृषि यंत्री के नाम से बैंक ड्राफ्ट बनाना होगा | संन्य वर्ग के आवेदक के लिए 10,000 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सभी वर्ग के महिलाओं के लिए 5,000 रूपये की बैंक ड्राफ्ट सहायक कृषि यंत्री के नाम बनाकर जमा करना होगा | ऑनलाइन आवेदन के साथ धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट की स्केन प्रति अपलोड की जाना होगी | बैंकड्राफ्ट की मूल प्रति अभिलेखों के सत्यापन के समय सम्बंधित कार्यालय में जमा करायी जानी अनिवार्य होगी |

आवेदक बैंक ड्राफ्ट तथा अभिलेखों का सत्यापन कब जमा करना होगा?

4 अगस्त तक आवेदन के बाद किसानों को अभिलेखों को सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा | आवेदक अभिलेखों का सत्यापन एवं बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 10 अगस्त से 13 अगस्त 2021 तक प्रात: 10:30 से सायं 5:30 तक करा सकते हैं |

आवेदक अभिलेखों में निम्नलिखित दस्तावेज होना जरुरी है | आवेदक के पास फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, सक्षम धिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र अथवा हाईस्कूल अंकसूची, जाति प्रमाण–पत्र – ( केवल अनु.जाति एवं जनजाति के आवेदकों के लिए) निवास प्रमाण – पत्र (मतदाता परिचय पत्र अथवा आधार कार्ड) अथवा ऋण पुस्तिका, 12 वीं उत्तीर्ण अंकसूची सत्यापन हेतु प्रस्तुत किये जाने होंगे |

आवेदन कब करना है ?

वित्त वर्ष 2021–22 के लिए मध्य प्रदेश के सभी किसान कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 22  जुलाई 2021 से 4 अगस्त 2021 ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट कहाँ किया जायेगा

मध्य प्रदेश के सभी जिलों के आवेदक कस्टम हायरिंग के लिए अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 6 केंद्र बनाए गये हैं | आवेदक स्थापित सहायक कृषि यंत्री के पास आकर जमा करना होगा | संभाग के अनुसार सहायक कृषि यंत्रों के लिए केंद्र बनाए गये हैं |

आवेदन का जिला
अधिकारी जिसके नाम धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट बनाया जाना है |
संभागीय कृषि यंत्री कार्यालय का पता तथा दूरभाष क्रमांक

भोपाल संभाग एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, भोपाल

संभागीय कृषि यंत्री, नी जेल रोड, ग्राम – बडवई भोपाल, दूरभाष – 0755 – 2736200

इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, इंदौर

संभागीय कृषि यंत्री, 303 सेंटेलाईट बिल्डिंग, कलेक्टर भवन, इंदौर दूरभाष – 0731 – 2368440

रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सतना

संभागीय कृषि यंत्री, सिविल लाईन, पण रोड सतना, दूरभाष – 07672 – 222223

जबलपुर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, जबलपुर

संभागीय कृषि यन्ति, संजय नगर, आधारताल, जबलपुर, दूरभाष – 0761 – 2680928

सागर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सागर

संभागीय कार्यपालन यंत्री, वृन्द्वान बाग़ ट्रस्ट, गोपालगंज, सागर, दूरभाष – 07528 – 241554

ग्वालियर संभाग एवं चंबल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री ग्वालियर

संभागीय कृषि यंत्री, मेला ग्राउंड के सामने, रेस कोर्स रोड, ग्वालियर, दूरभाष – 0751 – 2364595

योजना के अंतर्गत उपयुक्त पाए गए आवेदकों की धरोहर राशि केंद्र स्थापित होने पर भौतिक सत्यापन के बाद लौटाई जा सकेगी, किन्तु यदि आवेदक केंद्र स्थापित करने में रूचि नहीं लेता है अथवा केंद्र स्थापित करने में असफल होता है,तो धरोहर राशि शासन द्वारा राजसात कर ली जाएगी |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किसानों कि सूची कब जारी किया जाएगा ?

मध्य प्रदेश में कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट के लिए लाँटरी सिस्टम अपनाया जा रहा है | लाँटरी सिस्टम से चयनित किसानों की सूची 17 अगस्त 2021 को जारी किया जाएगा | किसान सूची में अपना नाम 17 अगस्त 2021 से chc.mpdage.org पर या kisansamadhan.com पर देख सकते हैं |

किसान कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट हेतु ऑनलाइन आवेदन

शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन पात्र संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल chc.mpdage.org के माध्यम से कर सकते हैं | किसान योजना से जुडी अन्य जानकारी नीचे दी गई लिंक से डाउनलोड कर सकते है या अपने संभाग के कृषि यंत्री से सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं |

कस्टम प्रोसेसिंग यूनिट योजना की पूरी जानकारी के लिए pdf डाउनलोड करें

मूंग के बीज पर 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ सरकार दे रही 4,000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान

मूंग बीज पर सब्सिडी एवं खेती पर अनुदान

सरकार द्वारा दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | किसानों को इन फसलों को लगाने के सरकार प्रोत्साहन देने के लिए न केवल बीज पर सब्सिडी दे रही रही वहीँ दालों की खेती के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है | हरियाणा सरकार ने इस वर्ष मूंग के बीज पर सब्सिडी एवं खेती करने वाले किसानों को 4 हजार रुपये तक का अनुदान देने का फैसला लिया है |

मूंग के बीज पर किसानों को दी जा रही है 90 प्रतिशत सब्सिडी

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि हर खेत की जानकारी सरकार के पास हो ताकि किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार योजनाओं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अभी भी मूंग की बिजाई का समय है। किसान मूंग की बिजाई करें। सरकार इस वर्ष मूंग के बीज पर प्रदेश सरकार 90 फीसदी सब्सिडी दे रही है।

खेती पर दिया जायेगा 4,000 रुपये का अनुदान

कृषि मंत्री ने कहा कि  ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत‘‘ योजना में इस वर्ष दो लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा गया था जोकि अब तक लगभग 90 हजार एकड़ तक पहुंच गया है। इसको और आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान कृषि के लिए नई-नई तकनीके अपना कर व फसलों का विविधिकरण कर पानी की बचत करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं ।

श्री दलाल ने बताया कि किसानों ने इस बार धान की डी.आर.एस विधि से भी सीधी बिजाई की। जिससे 30 से 32 प्रतिशत पानी की बचत होती है। धरती की उपजाऊ शक्ति बढऩे और दालों को बढ़ावा देने के लिए मूंग, दालों और दलहन की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि मूंग, उड़द व अरहर उगाने पर 4 हजार रूपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। जिस किसान ने पिछली बार बाजरे की बिजाई की थी वहां पर इस बार मूंग की खेती करता है तो उसे प्रति एकड़ 4 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अकेले जिला महेंद्रगढ़ में अब तक उपलब्ध 700 क्विंटल मूंग के बीज में से 640 क्विंटल बीज किसान खरीद चुके हैं। मूंग से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढती है।

डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने की डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जिसका वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23% का योगदान है। पिछले 5 वर्षों में देश के वार्षिक दुग्ध उत्पादन में 6.4% (सीएजीआर) की बढ़ोतरी हुई है। अपने सामाजिक-आर्थिक महत्व के कारण डेयरी, भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। यह देश की अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करने वाला एकमात्र सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है और 80 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता है । इसके अलावा, देश में पैकेज्ड डेयरी उत्पाद का बहुत बड़ा घरेलू बाजार हैं, जिनकी कीमत 2.7 से लेकर 3.0 लाख करोड़ रुपये है | डेयरी क्षेत्र की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है |

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना

केंद्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए,अपने निवेश सुविधा प्रकोष्ठ के अंतर्गत डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है। यह इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए गठित की गई एक क्रॉस फंक्शनल टीम है, जो निवेश चक्र में सहायता प्रदान करेगी :-

  • निवेश अवसरों के मूल्यांकन के लिए विशिष्ट जानकारी प्रदान करना
  • सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन संबंधित सवालों का जवाब देना
  • रणनीतिक साझीदारों के साथ जुड़ना
  • राज्य के विभागों और संबंधित प्राधिकरणों के साथ जमीनी रूप से सहायता प्रदान करना

उद्यमियों, निजी कंपनियों को मिलेंगे यह लाभ

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर द्वारा निवेशकों के बीच पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाता है। एएचआईडीएफ, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और संभाग 8 कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है। पात्र संस्थाओं द्वारा इस योजना का लाभ डेयरी प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना और पशु आहार संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना करने अथवा मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने के लिए उठाया जा सकता है।

  • ऋण पर 3% ब्याज की छूट
  • 6 वर्ष अदायगी अवधि के साथ 2 वर्ष अवधि की छूट
  • 750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी

डीएएचडी द्वारा उन सभी निजी कंपनियों, विशिष्ट उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है, जो [email protected] पर डेयरी क्षेत्र में निवेश करने और इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर तक पहुंच प्राप्त करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

किसानों को बिजली बिल पर 1000 रुपये प्रतिमाह अनुदान वाली योजना की हुई शुरुआत

किसान उर्जा मित्र योजना की शुरुआत

कृषि के क्षेत्र में लागत कम करने के लिए तथा किसानों को 24 घंटे बिजली सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार ने “मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना” कि शुरुआत कर दी है | राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से योजना का शुभारम्भ किया | इस योजना के शुरू होने पर प्रदेश में लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निःशुल्क हो जाएगी।

इस योजना के तहत राज्य के किसानों को कृषि कार्य के लिए सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी | अभी राज्य में कृषि विद्युत की दर 5 रूपये 55 पैसे प्रति यूनिट होने के बावजूद किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है | शेष 4 रूपये 65 पैसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है | कृषि विद्युत् पर अनुदान के कारण राज्य सरकार पर 16 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष का आर्थिक भार आ रहा है |

किसानों को दिया जायेगा 1,000 रुपये प्रति माह का अनुदान

“किसान मित्र ऊर्जा योजना” के तहत प्रति माह 1,000 रूपये तक की सब्सिडी दी जाएगी | अगर किसी किसान को एक माह में कृषि बिजली बिल 1,000 रूपये आता है तो उसे किसी प्रकार की राशि नहीं चुकानी पड़ेगी | 1,000 रूपये से कम बिजली बिल आने पर किसान को उस माह की सब्सिडी अगले माह में जोड़ दी जाएगी | इस योजना के तहत किसान को प्रति वर्ष 12,000 रूपये तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | इससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त 1,450 करोड़ रूपये का भार आ रहा है |

राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान में सौर ऊर्जा निति 2019 एवं पवन उर्जा निति 2019 के माध्यम से अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है | वर्ष 2025 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य की दिशा में हम लगातार प्रयासरत है |

योजना का लाभ किन किसानों को दिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना राज्य के किसानों के लिए शुरू की गई है | इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मीटर्ड कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर प्रतिमाह एक हजार रूपए और अधिकतम 12 हजार रूपए प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाएगा | इस योजना के तहत केंद्रीय, तथा राज्य कर्मचारी, टैक्स पेयर को बाहर रखा गया है | योजना के तहत 1,000  की सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसान को योजना के तहत अपना आधार नंबर एवं बैंक खाता जोड़ना होगा | इससे सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में दिया जायेगा |

जैविक उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए सरकार ने विकसित किया मोबाइल एप विकसित किया

जैविक फसल बेचने के लिए मोबाइल एप

खाद्य पदार्थों में शुद्धता बनाए रखने के लिए तथा पोषक तत्वों की उपयोगिता बने रहे इसके लिए देश भर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारें विभिन्न प्रकार की योजनायें चला रही है | सरकार के प्रयासों तथा किसान की मेहनत के कारण देश भर में जैविक उत्पादन को बढ़ावा मिला है |अब देश भर में जैविक उत्पाद में काफी बढ़ोतरी हो गई है लेकिन किसानों के इन जैविक उत्पाद के लिए किसी भी प्रकार का बाजार नहीं है | जिसके कारण किसान को जैविक उत्पाद पर अच्छी कीमत नहीं मिल पाता है |

इसको ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों के लिए जैविक मोबाइल एप की शुरुआत की है | यह जैविक मोबाइल एप ‘राज किसान जैविक’ के नाम से हैं | इसके तहत किसान तथा व्यापारी जुड़कर अपना उत्पाद खरीद या बेच सकते हैं | राज्य में अभी 20 हजार से अधिक किसान जैविक प्रमाणीकरण संस्था से जुड़े हुए हैं | इसमें से 90 प्रतिशत लोगों के पास जैविक प्रमाणीकरण है | अभी तक राज्य किसान जैविक एप पर 160 किसान तथा 29 खरीददारों ने पंजीयन कराया है |

किसान अपनी जैविक फसल बेचने के लिए इस तरह करें पंजीयन

कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भास्कर ए. सावंत ने पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि किसान गूगल प्ले स्टोर से ‘राज किसान जैविक’ मोबाईल एप डाऊनलोड कर विक्रेता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं | इसके लिए उन्हें विक्रेता पंजीकरण बटन पर क्लिक करना होगा | इसके बाद एकल या समूह में खेती करने वाले कृषक द्वारा अपनी श्रेणी का चयन कर आधार नंबर दर्ज करना होगा | जिसके पश्चात् मोबाईल पर प्राप्त ओटिपी (OTP) सत्यापित करना होगा | इसके बाद किसान एवं पिता का नाम, गाँव आदि सभी विवरण अपने आप दर्ज हो जाएगा | तत्पश्चात किसान को जमा करें बटन पर क्लिक करना होगा | इस प्रकार किसान के मोबाईल एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी |

खरीददारों ऐसे करें अपना पंजीयन

खरीददार व्यापारी पंजीकरण के लिए क्रेता पंजीकरण बटन पर क्लिक करके और अपना आधार नंबर दर्ज करके इसे ओटीपी द्वारा सत्यापित करेंगे | इससे आधार में दर्ज विवरण के अनुसार उपयोगकर्ता एवं पिता का नाम, मोबाईल नंबर आदि आप एप में दर्ज हो जाएगा | खरीददार को भी ‘जमा करें’ बटन पर क्लिक करना होगा | इस तरह क्रेता और विक्रेता दोनों का पंजीकरण आसानी से इस मोबाईल एप पर हो जाएंगे |

प्रमाणीकरण संस्था से होगा अनुमोदन

कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि बाद जैविक खेती करने वाले किसान को इस मोबाईल एप के माध्यम से प्रमाणीकरण संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र की फोटो लेनी होगी और उससे संबंधित वैधता विवरण तथा प्रमाणित करने वाली एजेंसी का नाम दर्ज करना होगा | इसके बाद ‘जमा बटन’ पर क्लिक करने पर प्रमाण पत्र मोबाईल एप में अपलोड हो जाएगा जिसका अनुमोदन संबंधित प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किया जाएगा |

क्रेता – विक्रेता फोन पर कर सकेंगे मोल भाव

प्रमाणीकरण संस्था के अनुमोदन के बाद किसान इस मोबाईल एप में जैविक कृषि योग्य भूमि का विवरण फसल का नाम, बिक्री योग्य उपज तथा जैविक फसल का रकबा आदि दर्ज कर सकेंगे | इस मोबाईल एप में यह भी सुविधा दी गई है कि किसान अपनी उपज की बिक्री दर भी इसमें दर्ज कर सकेगा | किसान द्वारा जैविक उपज के बारे में दिया गया समस्त विवरण इस मोबाईल एम में पंजीकृत वाले किसान तथा उसके खरीददार के बीच आपसी समन्वय और मोलभाव करने के लिए यह बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म है |

कृषि यंत्रों पर 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना हेतु आवेदन करें

कस्टम हायरिंग सेंटर CHC की स्थापना हेतु आवेदन

निजी कस्टम हायरिंग सेण्टर 2021 आवेदन

कृषि के क्षेत्र में कृषि यंत्रों/मशीनों की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन करने के लिए किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत 25 लाख रूपये तक के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है | जिससे सभी छोटे किसान कम दरों पर सभी प्रकार के कृषि यंत्र लेकर खेती-किसानी के काम कर सकें |

पिछले वर्ष कोविड–19 के कारण कृषि यंत्रीकरण की सबसे बड़ी योजना “कस्टम हायरिंग सेंटर” के लिए किसानों से आवेदन नहीं लिए गए थे परन्तु इस वर्ष फिर से मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए 2 ट्रेक्टरों वाली कस्टम हायरिंग योजना को शुरू कर दिया है | इस योजना के तहत किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गये हैं | इस बार यह योजना सभी जिलों में सामान्य रूप से लागू की गई है | किसान समाधान इस योजना से जुडी सभी जानकारी लेकर आया है |

कस्टम हायरिंग योजना (CHC) के तहत किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी

CHC योजना के तहत कुल लागत 25 लाख रूपये रखी गई है | योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख तक का “क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड” अनुदान दिया जा रहा है | अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार दिया जायेगा |इसके अलावा इस योजना पर लिए गए बैंक ऋण पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जायेगा |

किसान कौन-कौन से कृषि यंत्र CHC के तहत ले सकते हैं ?

कस्टम हायरिंग केंद्र योजना के लिए दो तरह के कृषि यंत्र है | पहले भाग में किसानों को अनिवार्य रूप से  एक कृषि यंत्र खरीदना होगा तथा दुसरे भाग में कृषि यंत्र किसानों की सुविधा के अनुसार रहेंगे |

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए निम्नलिखित कृषि यंत्रों में 1 अनिवार्य है:-
  • ट्रेक्टर
  • प्लाउ
  • रोटावेटर
  • कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हीरो
  • सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल अथवा जीरो टिल सीड कम फर्टि ड्रिल
  • ट्रैक्टर चलित थ्रेसर अथवा स्ट्रा ट्रांसप्लांटर
ऐच्छिक रूप से रखे जाने वाले कृषि यंत्रों/मशीनों को भी किसान प्राप्त कर सकते हैं:-

ऊपर दिये गये कृषि यंत्र किसानों के लिए अनिवार्य है जबकि किसान अपने पसंद तथा जरूरत के अनुसार अन्य कृषि यंत्र प्राप्त कर सकते हैं |

क्र.
मशीन / स्वचलित कृषि यंत्र

1.

रेज्ड बेड प्लांटर

2.

जीरो टिलेज सीड ड्रिल

3.

गार्लिक प्लांटर

4.

वेजिटेबल प्लांटर

5.

पोटेटो प्लांटर

6.

शुगरकेन कटर – प्लांटर

7.

मल्टीक्राप प्लांटर

8.

ट्रैक्टर माउन्टेड रीपर

9.

काँटन पीकर

10.

ट्रैक्टर माउन्टेड स्प्रेयर

11.

पावर स्प्रेयर

12.

एरो ब्लास्टर स्प्रेयर

13.

लेजर लेंड लेवलर

14.

स्ट्रारीपर

15.

सीड ग्रेडर

16.

पावर टिलर

17.

सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर

18.

रीपर कम बाइन्डर

19.

राईस ट्रांस्प्लांटर

20.

पावर वीडर

21.

पोटेटो डिगर

22.

मेज शेलर (पवर आँपरेटेड)

23.

एक्सियल फ्लो पेडी थ्रेसर

24.

हैप्पी सीडर

25.

रोटरी प्लाऊ

26.

डोजिंग अटैचमेंट

नोट:- ऐच्छिक यंत्रों की सूची केवल उदाहरण स्वरूप है | आवश्यकतानुसार अन्य यंत्र भी चयनित किये जा सकते हैं |

कस्टम हायरिंग के लिए जिलेवार लक्ष्य

वित्त वर्ष 2021–22 के लिए कस्टम हायरिंग योजना प्रदेश के सभी जिलों के लिए लागू की गई है | इस वर्ष प्रदेश में सभी वर्गों को मिलाकर 416 कस्टम हायरिंग सेंटर बनाएं जाएंगे | जिले के अनुसार सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए अलग – अलग लक्ष्य जारी किया गए है | प्रदेश के सभी जिलों के लिए सामान्य वर्ग के लिए 6, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1–1 कस्टम हायरिंग सेंटर का लक्ष्य रखा गया है |

कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान हेतु आवेदन कब करें ?

मध्यप्रदेश राज्य के सभी वर्गों के किसान वित्त वर्ष 2021–22 हेतु जारी लक्ष्य के सभी किसान कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 19 जुलाई 2021 से 30 जुलाई 2021 ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

आवेदक बैंक ड्राफ्ट तथा अभिलेखों का सत्यापन कब जमा करें ?

31 जुलाई तक आवेदन के बाद किसानों को अभिलेखों को सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा | आवेदक अभिलेखों का सत्यापन एवं बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 31 जुलाई से 04 अगस्त 2021 तक प्रात: 10:30 से सायं 5:30 तक करा सकते हैं |

आवेदक अभिलेखों में निम्नलिखित दस्तावेज होना जरुरी है | आवेदक के पास फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र अथवा हाईस्कूल अंकसूची, जाति प्रमाण – पत्र – ( केवल अनु.जाति एवं जनजाति के आवेदकों के लिए) निवास प्रमाण – पत्र (मतदाता परिचय पत्र अथवा आधार कार्ड) अथवा ऋण पुस्तिका, 12 वीं उत्तीर्ण अंकसूची सत्यापन हेतु प्रस्तुत किये जाने होंगे

बैंक ड्राफ्ट कितने रुपयों का रहेगा ?

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए किसान को सहायक कृषि यंत्री के नाम से बैंक ड्राफ्ट बनाना होगा | सामान्य वर्ग के आवेदक के लिए 10,000 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सभी वर्ग के महिलाओं के लिए 5,000 रूपये की बैंक ड्राफ्ट सहायक कृषि यंत्री के नाम बनाकर जमा करना होगा |

अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट कहाँ जमा करें ?

मध्य प्रदेश के सभी जिलों के आवेदक कस्टम हायरिंग के लिए अभिलेखों का सत्यापन तथा बैंक ड्राफ्ट जमा करने के लिए 6 केंद्र बनाए गये हैं | आवेदक स्थापित सहायक कृषि यंत्री के पास आकर जमा करना होगा | संभाग के अनुसार सहायक कृषि यंत्रों के लिए केंद्र बनाए गये हैं |

आवेदन का जिला
अधिकारी जिसके नाम धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट बनाया जाना है |
संभागीय कृषि यंत्री कार्यालय का पता तथा दूरभाष क्रमांक

भोपाल संभाग एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, भोपाल

संभागीय कृषि यंत्री, नी जेल रोड, ग्राम – बडवई भोपाल, दूरभाष – 0755 – 2736200

इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, इंदौर

संभागीय कृषि यंत्री, 303 सेंटेलाईट बिल्डिंग, कलेक्टर भवन, इंदौर दूरभाष – 0731 – 2368440

रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सतना

संभागीय कृषि यंत्री, सिविल लाईन, पण रोड सतना, दूरभाष – 07672 – 222223

जबलपुर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, जबलपुर

संभागीय कृषि यन्ति, संजय नगर, आधारताल, जबलपुर, दूरभाष – 0761 – 2680928

सागर संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री, सागर

संभागीय कार्यपालन यंत्री, वृन्द्वान बाग़ ट्रस्ट, गोपालगंज, सागर, दूरभाष – 07528 – 241554

ग्वालियर संभाग एवं चंबल संभाग के सभी जिले

सहायक कृषि यंत्री ग्वालियर

संभागीय कृषि यंत्री, मेला ग्राउंड के सामने, रेस कोर्स रोड, ग्वालियर, दूरभाष – 0751 – 2364595

योजना के अंतर्गत उपयुक्त पाए गए आवेदकों की धरोहर राशि केंद्र स्थापित होने पर भौतिक सत्यापन के बाद लौटाई जा सकेगी, किन्तु यदि आवेदक केंद्र स्थापित करने में रूचि नहीं लेता है अथवा केंद्र स्थापित करने में असफल होता है,तो धरोहर राशि शासन द्वारा राजसात कर ली जाएगी |

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए किसानों कि सूची कब जारी होगी ?

मध्य प्रदेश में कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए लाँटरी सिस्टम अपनाया जा रहा है | लाँटरी सिस्टम से चयनित किसानों की सूची 7 अगस्त 2021 को जारी की जाएगी | किसान सूची में अपना नाम 7 अगस्त 2021 से www.chc.mpdage.org पर या www.kisansamadhan.com पर देख सकते हैं |

किसान कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु ऑनलाइन आवेदन

शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन पात्र संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से कर सकते हैं | किसान योजना से जुडी अन्य जानकारी नीचे दी गई लिंक से डाउनलोड कर सकते है या अपने संभाग के कृषि यंत्री से सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं |

कस्टम हायरिंग केंद्र योजना की पूरी जानकारी के लिए pdf डाउनलोड करें

प्याज की खेती पर किसानों को 12000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से दिया जायेगा अनुदान

अनुदान पर प्याज की खेती

खरीफ सीजन में उद्यानिकी फसलों में प्याज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है | जिसके तहत अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा किसानों से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं | उत्तरप्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश में उच्च कोटि के प्याज की खेती को बढ़ावा देने हेतु खरीफ एवं रबी फसलों में उच्च कोटि के प्याज बीज के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2021-22 में किसानों के हित में कई लाभ दिए जा रहे हैं |

प्याज की खेती पर कितना अनुदान दिया जायेगा

उत्तरप्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश में उच्च कोटि के प्याज की खेती को बढ़ावा देने हेतु खरीफ एवं रबी सीजन में प्याज उत्पादक किसानों को अधिकतम 4 हेक्टेयर भूमि पर प्याज की खेती करने पर 12,000 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुमन्य अनुदान सीमा तक प्याज क्रय कर चयनित लाभार्थियों को अनुदान दिया जायेगा | शेष बीज की व्यवस्था चयनित संस्थाओं से कृषक द्वारा स्वयं अपने स्त्रोत से करनी होगी |

प्याज की इन किस्मों की खेती पर दिया जायेगा अनुदान

इस समबन्ध में उद्यान विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री रामीरेड्डी द्वारा निदेशक उद्यान को निर्देशित किया गया है कि खरीफ एवं रबी मौसम में प्याज बीज की उपयुक्त प्रजाति एग्रीफाउंट डार्क रेड, भीमा सुपर, एल. 883 एवं एग्रीफाउंट लाइट रेड प्रजातियों हेतु राजकीय संस्थाओं द्वारा सूचित दरों पर अधिकतम 4 हेक्टेयर धनराशि 12,000 प्रति हे. की दर से अनुदान दिया जायेगा | प्याज बीज की गुणवत्ता के लिए सीधे जनपदीय उद्यान अधिकारीयों द्वारा राष्ट्रीय बागवानी अनुसन्धान एवं विकास प्रतिष्ठान, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी संघ (नैफेड) एवं नेशनल सीड कारपोरेशन से उनकी दरों पर क्रय चयनित लाभार्थी कृषकों को अनुमन्य अनुदान की सीमा धनराशी 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक उपलब्ध कराया जायेगा |

उल्लेखनीय है की किसानों के चयन में पारदर्शिता एवं समतुल्यता बनी रहे, इसके लिए किसानों को अनुदानित धनराशि किसानों को सीधे बैंक खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा | इसके लिए जनपद स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जायेगा जिसमें जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी अध्यक्ष होंगे मंडल के उपनिदेशक, उद्यान सदस्य तथा जिला उद्यान अधिकारी, सदस्य सचिव होंगे | जिलास्तरीय गठित कमेटी की देख-रेख में योजना सम्बन्धी कार्य को सम्पादित किया जायेगा |

किसान न्याय योजना के तहत अब इस तरह करवाएं अपना पंजीकरण

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना हेतु पंजीयन

इस वर्ष खरीफ मौसम से “राजीव गाँधी किसान न्याय योजना” के तहत धान की खेती की जगह दुसरे फसलों की खेती करने पर किसानों को 10,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी एवं धान की खेती करने वाले किसानों को 9,000 रुपये की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का फैसला छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है | योजना के तहत किसानों को पंजीकरण में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने दिशा निर्देशों में परिवर्तन किया है |

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की गाइडलाईन में हुए आंशिक संशोधन से राज्य के लाखों किसानों को फायदा होगा | इस योजना के तहत संयुक्त खातेदार किसानों को पंजीयन के लिए आवेदन पत्र के साथ सहमति सह-शपथ पत्र देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है | छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को कचहरी और नोटरी के चक्कर तथा करोड़ो रूपए के अनावश्यक व्यय भार से राहत मिलेगी |

पंजीयन के लिए सिर्फ देना होगा स्वघोषणा पत्र

कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की गाइडलाईन में आंशिक रूप से संशोधन कर किसानों को अब पंजीयन कराने के लिए शपथ पत्र देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। संयुक्त खातेदार किसानों को अब पंजीयन के लिए सिर्फ स्वघोषणा पत्र देना होगा। संयुक्त खातेदार किसानों का पंजीयन नंबरदार के नाम से होगा। गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की जारी गाईडलाइन में संयुक्त खातेदार कृषकों के पंजीयन के लिए आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने का प्रावधान रखा गया था, जिसे अब विलोपित कर दिया गया है।

इन फसलों के लिए करवाना होगा पंजीकरण

छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी संशोधित आदेश के तहत राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे किसानों को जिन्होंने खरीफ वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था, उन किसानों को योजनांतर्गत पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को योजनांतर्गत पंजीयन कराना है। खरीफ वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह उस रकबे में धान के बदले योजना में सम्मिलित अन्य फसल लगाता है, तो उसे योजनांतर्गत पंजीयन कराना होगा। किसान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभ के लिए 30 सितंबर तक पंजीयन करा सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीयन के लिए संयुक्त खातेदार कृषकों को शपथ पत्र देने का प्रावधान इस योजना की गाइडलाईन में रखा गया था। शपथ पत्र बनवाने में किसानों को आ रही दिक्कत और अनावश्यक राशि खर्च होने का मामला जब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आया तो उन्होंने कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे को योजना की गाइडलाईन में यथा संभव संशोधन कर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए थे।

ड्रिप, मिनी/ माइक्रो एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर सेट सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन करें

ड्रिप, मिनी/माइक्रो एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर अनुदान हेतु आवेदन

पारंपरिक सिंचाई पद्धति के चलते पानी का दोहन जरुरत से अधिक होता हैं जिसके चलते भूमिगत जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है | गिरते भूमिगत जलस्तर को कम करने एवं देश में सिंचित क्षेत्र का रकबा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना PMKSY” चलाई जा रही है | जिसका एक कॉम्पोनेन्ट है सूक्ष्म सिंचाई “पर ड्राप मोर क्राप” (माइक्रोइरीगेशन) के तहत किसानों को सिंचाई यंत्र जैसे ड्रिप, मिनी माइक्रो स्प्रिंकलर एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर आदि अनुदान पर दिया जाता हैं | मध्यप्रदेश में उद्यानिकी विभाग द्वारा यह यंत्र किसानों को अनुदान पर उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

इन सिंचाई यंत्रों पर दी जाएगी सब्सिडी

मध्यप्रदेश उद्यानिकी विभाग द्वारा राज्य में किसानों के लिए सभी 51 जिलों के लिए जिलेवार लक्ष्य जारी कर दिए गए हैं | इन लक्ष्यों के विरूद्ध राज्य के सभी वर्ग के किसान आवंटित लक्ष्यों के अनुसार आवेदन कर सकते हैं | किसान नीचे दिए गए सिंचाई यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं :-

  • पोर्टेबल स्प्रिंकलर
  • ड्रिप
  • मिनी/माइक्रो स्प्रिंकलर

सिंचाई यंत्रों पर दिया जाने वाला अनुदान

योजना के तहत दिए जाने वाले अनुदान को कृषक वर्ग के अनुसार बांटा गया है | इसमें लघु/सीमांत किसान जो अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अंतर्गत आते हैं उन्हें 65 प्रतिशत तक का अनुदान एवं लघु/सीमांत किसान जो सामान्य वर्ग से आते हैं उन्हें 60 प्रतिशत तक का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है | वहीँ योजना के तहत बड़े किसान जो इन सभी वर्ग से आते हैं उन्हें 55 फीसदी का अनुदान दिया जायेगा |

अनुदान हेतु किसान कब कर सकते हैं आवेदन ?

राज्य के सभी वर्गों के किसान जिलेवार जारी लक्ष्य के अनुसार 17 जुलाई 2021 को दोपहर 11:00 AM बजे से आवेदन कर सकते हैं | दिए गये लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन ही किये जा सकेंगे |

ड्रिप, मिनी/ माइक्रो स्प्रिंकलर एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर सब्सिडी हेतु आवेदन कहाँ करें

दिए गए सिंचाई यंत्रों हेतु आवेदन उधानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं | सभी आवेदन ऑनलाइन ही किये जा सकेंगे | किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उधानिकी एवं मध्य प्रदेश पर देखे सकते हैं अथवा विकासखंड/जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें| मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए आनलाईन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर आवेदन कर सकते हैं |

ड्रिप, मिनी/ माइक्रो स्प्रिंकलर एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर सब्सिडी हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें