सरकार ने इस वर्ष के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य में की वृद्धि

गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 2020-21

देश में खरीफ एवं रबी फसलों की तरह ही गन्ने की फसल का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही तय कर दिया जाता है | इस मूल्य के अनुसार ही चीनी मिल के द्वारा किसानों को गन्ना खरीदी का भुगतान किया जाता है | गन्‍ना उत्‍पादक किसानों को उनके उत्‍पाद का उचित और लाभकारी मूल्‍य मिल सके, इसके लिए सरकार के द्वारा एफआरपी का निर्धारण ‘एफआरपी’ गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत किया जाता है | जिसे देश भर में सामान्य रूप से लागू किया जाता है | सरकार ने देश के एक करोड़ गन्ना किसानों के लिए इस वर्ष के लिए बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) के दाम 10 रुपये बढ़ाकर इस वर्ष 285 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी।

यह दाम गन्ने के अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिए तय किया गया है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर किया गया है। सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली संस्था है। एफआरपी गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है।

इस वर्ष गन्ने के ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य-एफआरपी

  • गन्ना सीजन 2020-21 के लिये एफआरपी 10 प्रतिशत की रिकवरी के आधार पर 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
  • रिकवरी में 10 प्रतिशत से अधिक प्रत्येक 1 प्रतिशत की वृद्धि के लिये प्रति क्विंटल 2.85 रुपये का प्रीमियम प्रदान करने तथा
  • प्रत्‍येक रिकवरी में 1 प्रतिशत की कमी पर एफआरपी में 2.85 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कमी करने का प्रावधान किया गया है। यह व्‍यवस्‍था ऐसी चीनी मिलों के लिए है जिनकी रिकवरी 10 प्रतिशत से कम लेकिन 9.5 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि ऐसी चीनी मिलों के लिए जिनकी रिकवरी 9.5 प्रतिशत या उससे कम है एफआरपी 270.75 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है |

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किसानों को सहजन की खेती के साथ सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर एवं प्राइमरी पैक हाउस पर भी दिया जायेगा अनुदान

सहजन की खेती एवं पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट हेतु अनुदान

सहजन एक बहुपयोगी पौधा है, इसके सभी भागों का उपयोग भोजन, दवा, औषधीय आदि कार्यों में किया जाता है | सहजन में  प्रचुर मात्रा में विटामिन एवं पोषक तत्व पाए जाते हैं | सहजन का फुल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में व्यवहार किया जाता है तथा इसके छाल, पत्ती, बीज गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवा तैयार की जाती है | इतना ही नहीं सहजन कि पत्तियां मवेशियों के चारा के रूप में भी उपयोग किया जाता है | इसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार राज्य में सहजन का क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है | इसकी अधिक उपयोगिता को देखते हुए राज्य के किसानों को अतिरिक्त आय के रूप में देखा जा रहा है | इसके साथ ही राज्य के अलावा देश भर में पौष्टिक सब्जी के रूप में उपलब्ध करना भी है |

सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर एवं प्राइमरी पैक हाउस  पर भी अनुदान

पोस्ट हार्वेस्ट मेनेजमेंट में सहजन की पत्ती को सुखाने के लिए ड्रायर तथा फल को सुरक्षित रखने के लिए सोलर कोल्ड रूम कि जरूरत होती है | जिससे फल को सुरक्षित बाजार तक पहुँचाया जा सके | इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार किसानों को सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर, प्राईमरी पैक हाउस इत्यादि को भी शामिल किया है | इन सभी अवयवों कि इकाई लागत एवं इस पर सहायतानुदान बिहार उधानिकी उत्पाद विकास कार्यक्रम के तर्ज पर रखा गया है |

सहजन की खेती पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान

बिहार में सहजन कि खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत तक कि सब्सिडी दे रही है | यह सब्सिडी किसानों को लागत का 50 प्रतिशत के रूप में दो वर्षों में देगी | सरकार ने सहजन कि खेतीके लिए कुल लागत  74,000 रूपये प्रति हेक्टेयर आकलित की है | जिसकी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी जो 37,000 रूपये प्रति हेक्टेयर बनता है | पहले क़िस्त के रूप में 27,750 रूपये प्रति हेक्टेयर पहले वर्ष में दे रही है तथा दुसरे वर्ष में 9,250 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान है | लेकिन दिव्तीय वर्ष में 90 प्रतिशत सहजन के पौधा जीवित रहने पर ही दिव्तीय क़िस्त की अनुदान राशी देय होगा |

इन जिलों में सहजन उत्पादन पर दिया जा रहा है अनुदान

बिहार सरकार बागवानी मिशन के अन्तर्गत सहजन का क्षेत्र विस्तार योजना हेतु राज्य के 17 जिलों को शामिल किया है | इसके अन्तर्गत गया, औरंगाबाद, नालंदा, पटना, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बाँका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं शेखपुरा शामिल है | पिछले एक वर्ष से सहजन कि खेती के लिए राज्य सरकार लगातार प्रोत्साहन कर रही है | सरकार के प्रयास के कारण राज्य में 568 हेक्टेयर सहजन कि खेती का लक्ष्य प्राप्त हुआ है | राज्य सरकार ने इस वर्ष सहजन के क्षेत्र विस्तार का भौतिक लक्ष्य 780 हेक्टेयर निर्धारित किया है | इस पर किसानों को 288.60 लाख रूपये कि सहायता अनुदान दिया जायेगा |

किसान योजना का लाभ लेने के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

राज्य में सहजन कि खेती से सभी वर्ग को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने जिला के लक्ष्य को अलग – अलग वर्ग में बांटा है | जिलालाक्ष्य के अनुसार 16 प्रतिशत अनुसूचित जाती तथा 1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को प्राथमिकता दिया जायेगा | इसके साथ ही कृषक चयन में प्रत्यके वर्ग से 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा | राज्य सरकार के द्वारा चलाया जा रहा बागवानी मिशन के अंतर्गत सहजन क्षेत्र विस्तार योजना के लिए आवेदन जारी है | ऊपर दिये 17 जिलों के कोई भी इच्छुक किसान आँऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

अनुदान पर सहजन की खेती करने हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

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सब्सिडी पर पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस निर्माण कर खेती करने के लिए आवेदन करें

पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस अनुदान हेतु आवेदन

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है | बेमौसम बारिश, कहीं अधिक तो कहीं कम बारिश, ओला वृष्टि, आंधी तूफ़ान सभी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे चंद समय में किसानों की फसल ख़राब हो जाती है | ऐसे में किसानों के पास सरंक्षित खेती का आप्शन बाकी है सरंक्षित खेती के दो फायदे हैं एक तो किसान बेमौसम खेती कर फसलों के सही दाम ले सकते हैं साथ ही प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान से बचाया जा सकता है | देश में सरंक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) चलाई जा रही है, जिसक एक घटक है “सरंक्षित खेती” |

सरंक्षित खेती के तहत सरकार किसानों को सहयता के लिए सरकार अनुदान देती है | मध्यप्रदेश राज्य में अभी इसके घटक पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस पर किसानों को सहायता देने के लिए आवेदन आमंत्रित किये है जिसकी पूरी जानकारी इस प्रकार हैं |

पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस के तहत दिया जाने वाला अनुदान

देश में सरंक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) चलाई जा रही है, जिसक एक घटक है “सरंक्षित खेती” | मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों सरक्षित खेती हेतु प्रोत्साहन देने के लिए व्यावसायिक उद्यायिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दी जाती है |

ग्रीन हाउस ढांचा/ पॉली हाउस:- प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है |

शेडनेट हाउस:- योजना के तहत शेड नेट हाउस या जाली गृह निर्माण पर प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है |

उच्च कोटि सब्जी/फल/फूल उत्पादन:- पॉली हाउस/ छायादार जाली गृह के तहत उच्च कोटी सब्जी एवं फूलों की खेती और रोपण सामग्री की लागत पर प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है |

ग्रीन हाउस /शेड नेट हाउस पर सब्सिडी हेतु जारी लक्ष्य

घटक
जिला
वर्ग
शेड नेट हाउस – टयूब्लर स्ट्रक्चर

मंडला, छतरपुर, अलीराजपुर, खरगौन, बडवानी

सामान्य / अनुसूचित जनजाति

डिंडोरी

अनुसूचित जनजाति

आगर-मालवा, रतलाम 

सामान्य / अनुसूचित जाति

ग्वालियर, टीकमगढ़, राजगढ़, दतिया, हरदा, इंदौर, गुना, सिंगरौली, होशंगाबाद, मंदसौर, रायसेन, सागर, धार, झाबुआ

सामान्य

नीमच

सभी वर्ग 

ग्रीन हाउस ढांचा (टयूब्लर स्ट्रक्चर) – 500 से 1008 वर्ग मीटर तक

ग्वालियर, गुना, बुहरानपुर, राजगढ़, धार, मंदसौर, सिंगरौली, सीधी

सामान्य

छतरपुर

अनुसूचित जनजाति \  अनुसूचित जाति

ग्रीन हाउस ढांचा (टयूब्लर स्ट्रक्चर) – 2080 से 4000 वर्ग मीटर तक
राजगढ़, ग्वालियर, खण्डवा, रायसेन, मंदसौर, बैतूल, धार, गुना, खरगौन, इंदौर, सीधी 
सामान्य

छतरपुर, रतलाम

अनुसूचित जनजाति \  अनुसूचित जाति

उच्च कोटि की सब्जियों की खेती – पाॅली हाउस / शेडनेट हाउस

अशोकनगर, हरदा, खण्डवा, टीकमगढ़, आगर-मालवा, दतिया, ग्वालियर, छतरपुर, भोपाल, होशंगाबाद, सागर, मंदसौर, गुना, रायसेन, धार

सामान्य

अलीराजपुर, बडवानी, खरगौन

सामान्य / अनुसूचित जनजाति

नीमच, रतलाम, सीधी

सभी वर्ग

जारी लक्ष्य हेतु किसान आवेदन कब करें

मध्यप्रदेश राज्य के किसान लक्ष्य के अनुसार 18 अगस्त 2020 को दोपहर 11 बजे से आवेदन कर सकते हैं | उपरोक्त दिए गये जिलेवार लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन किये जा सकते हैं | एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) योजना का लाभ लेने के लिए फोटो, आधार नम्बर, खतोनी की प्रति, बैंक पासबुक एवं जाती प्रमाण पात्र होना चाहिए | किसान योजना से जुडी कसी भी तरह की जानकारी के लिए जिले के उप/सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग या विकासखंड स्तर पर वरिष्ठ उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं |

योजना के लिए नियम एवं शर्तें

  • किसान को आधार नम्बर सहित ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य हैं |
  • कृषक को अपने हिस्से की अंश पूँजी की व्यवस्था स्वयं की अथवा बैंक ऋण के माध्यम से करनी होगी बैंक ऋण वाले कृषक को प्राथमिकता दी जाएगी |
  • योजना का क्रियान्वयन कृषक निजी भूमि में किया जायेगा |
  • हितग्राही के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होना चाहिए |
  • वनाधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त आदिवासियों को भी अनुदान की पात्रता होगी |

पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस अनुदान हेतु आवेदन कहाँ से करें ?

किसान आवेदन उधानिकी एवं खाध प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत: किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उधानिकी एवं मध्य प्रदेश पर देखे सकते हैं  अथवा जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें| मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए आनलाईन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस अनुदान हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

पॉली हाउस कैसे बनाये | Poly House Farming |

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इस बैंक के अवधिपार ऋणी किसानों का 50 प्रतिशत ब्याज होगा माफ

ऋणी किसानों के लिए ब्याज माफ़ी योजना

कोविड–19 के कारण सभी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से मंदी का असर देखा जा रहा है | जिससे सभी क्षेत्र के लोगों कि आय पर बुरा असर पड़ा है | इसके कारण बैंक का कर्ज तथा उसका ब्याज जमा करने में लोग सक्षम नहीं हैं | यही हालत कृषि के क्षेत्र में भी है, इस क्षेत्र में किसानों की आय में कमी देखा जा रहा है जिससे बैंक का कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं , जिससे बैंक का कर्ज बढ़ता जा रहा है | इसको ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों का ब्याज माफ़ करने का निर्णय लिया है | इसके अंतर्गत राज्य के वे सभी किसान जो सहकारी भूमि विकास बैंक से ऋण लिया है उनके ब्याज में छूट दी जाएगी | इस योजना के तहत कृषि ऋण तथा अकृषि ऋण दोनों को शामिल किया है | जिससे प्रदेश के 36 सहकारी भूमि विकास बैंक के कर्जदार किसानों को लाभ मिलेगा |

राज्य के सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते किसान वर्ग को राहत देते हुए सहकारी भूमि विकास बैंक से ऋण लेने वाले किसानों के हित में एक मुश्त समझौता योजना की स्वीकृति जारी की है | इस योजना के तहत अवधिपार श्रेणी के किसानों के अवधिपार ब्याज एवं दंडनीय ब्याज को 50 प्रतिशत तक माफ़ किया गया है |

यहाँ पर एक बात समझना है कि ब्याज में 50 प्रतिशत कि सब्सिडी तब मिलेगी जब किसान भूमि बैंक के द्वारा कुल लिया गया कृषि कर्ज को एकमुश्त जमा किया जायेगा | अगर किसान एक साथ सभी कर्ज बैंक में जमा नहीं करते हैं तो उन किसानों को ब्याज में 50 प्रतिशत कि सब्सिडी नहीं मिलेगा | यह ब्याज में छुट कृषि तथा अकृषि दोनों के लिए हैं |

इन किसानों को मिलेगी 50 प्रतिशत ब्याज में छूट

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत किसानों के प्रति सन्वेदनशील है और उन्होंने किसानों को ऋण का चुकारा करने में हो रही परेशानियों के मद्देनजर राहत देने के निर्देश दिये थे | उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सभी प्रकार के कृषि एवं अकृषि ऋण जो 1 जुलाई 2019 तक अवधिपार हो चुके हैं | राज्य में सहाकरी भूमि विकास बैंक से जुड़े किसानों को लाभ पहुँचने कि उम्मीद है | इस बैंक से राज्य में लगभग 60 हजार किसानों को फायदा पहुंचेगा | इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को ब्याज के रूप में करीब 239 करोड़ रूपये माफ़ होंगे |

30 नवम्बर तक मिलेगा योजना का लाभ

यह योजना राज्य के उन सभी किसानों के लिए हैं जो 1 जुलाई 2019 तक सहकारी भूमि विकास बैंक से कृषि कर्ज तथा अकृषि कर्ज लिए हैं | किसान इस योजना का लाभ 30 नवम्बर 2020 तक लाभ उठा सकते हैं |

किसान के मृत्यु के बाद भी मिलेगा योजना का लाभ

सहकारिता मंत्री ने बताया कि एसे अवधिपार ऋणी किसान जिनकी मृत्यु हो चुके हैं , उनके परिवार को किसान की मृत्यु तिथि से सम्पूर्ण बकाया ब्याज, दंडनीय ब्याज एवं वसूली खर्च को पूर्णतया माफ़ कर राहत दी गई है | प्रदेश में कार्यरत 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक द्वारा किसानों को कृषि कार्यों के लिए दीर्घकालीन कृषि ऋण दिया जाता है |

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कस्टम हायरिंग सेंटर एवं कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन करें

कृषि यंत्र एवं कस्टम हायरिंग सेंटर अनुदान हेतु आवेदन

खेती किसानी के क्षेत्र में कृषि यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए तथा लागत को कम करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई जा रही है | जिसके तहत किसान स्वयम के लिए या ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक कृषि यंत्रीकरण के लिए किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है | जिससे किसानों को एक ही जगह सभी प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जा सके | सरकार के तरफ से कृषि में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर भी जोर दिया जा रहा है जिससे वायु प्रदूषण को रोका जा सके |

कस्टम हायरिंग योजना एवं कृषि यंत्रीकरण योजना देश के सभी राज्यों में लागू की गई है | इसके अंतर्गत किसानों को भूमि कि जुताई से लेकर कटाई और फसल प्रबंधन तक के कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं | इसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है | इसके अंतर्गत हरियाणा सरकार राज्य के किसानों से इनसीटू योजना के तहत तथा कस्टम हायरिंग योजना के साथ ही अन्य कृषि यंत्रों के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं |

किसान यह कृषि यंत्र 50 प्रतिशत अनुदान हेतु आवेदन कर सकते हैं

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक श्री विजय सिंह दहिया ने बताया कि केंद्र सरकार की इन सीटू क्राप रेजिमेंट मेनेजमेंट स्कीम के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र दिये जा रहे हैं |

यह यंत्र इस प्रकार है :-

  • सुपर स्ट्रा मेनेजमेंट सिस्टम (एस.एम.एस )
  • हैप्पी सीडर
  • पैडी स्ट्रा चोपर
  • थेडर / मल्चर
  • शई मरर / रोटरी शलेशर
  • रिवर्सेबल एम बी प्लो
  • सुपर सीडर
  • जीरो टिल ड्रील मशीन – 1
  • बेलर और रेक
  • क्राप रीपर (ट्रैक्टर चालित, स्वयं बालित, रीपर कम बाईडर)

कस्टम हायरिंग केंद्र पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी

प्रत्येक कृषि यंत्र पर उपलब्ध अनुदान भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए अधिकतम मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम अनुदान राशि (जो भी कम हो) दिया जायेगा | इन उपकरणों की खरीद कृषि तथा किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा अधिकतम तथा सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से करनी अनिवार्य है | इसके अतिरिक्त कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र दिये जा रहे हैं | कस्टम हायरिंग के लिए राज्य के पंचायतों, एफपीओ / पंजीकृत कृषक सोसायटियों / कापरेटिव सोसायटियों को उपलब्ध करवाने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

कृषि यन्त्र एवं कस्टम हायरिंग सेंटरपर सब्सिडी हेतु आवेदन

योजना के लिए किसानों का चयन प्रक्रिया के लिए पहले आव पहले पाओ के आधार पर दिया जायेगा | लेकिन आवेदकों कि संख्या लक्ष्य से ज्यादा हो जाता है तो लाभार्थी का चयन ड्रा / लाटरी के माध्यम से किया जायेगा | एक किसान लाभार्थी अधिकतम 3 विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र (प्रत्येक 1) के लिए अनुदान का पात्र होगा |

ऊपर दिये कृषि यंत्र के लिए आवेदन अभी चल रहे हैं  यह आवेदन 21 अगस्त तक ही किसान कर पाएंगे | किसान 21 अगस्त तक अपना पंजीयन करा लें | किसान लाभार्थी आवेदन ई–मित्र या खुद से कर सकते हैं | किसान आँनलाइन आवेदन के लिए विभाग के पोर्टल www.agriharyanacrm.com से आवेदन कर सकते हैं |

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज       

किसान आँनलाइन आवेदन के लिए विभिन्न प्रकार के दस्तावेज अपने पास रखें | जिससे आवेदन करने में आसानी होगी | यह सभी दस्तावेज इस प्रकार है |

  • आधार कार्ड
  • पैनकार्ड
  • बैंक पास बुक की प्रथम पेज कि कॉपी
  • ट्रेक्टर कि पंजीकरण कि कॉपी
  • भूमि कि जानकारी

दस्तावेज तैयार करके अपने पास रखने होंगे , जबकि खरीदी गई मशीन का विभाग भौतिक सत्यापन किया जाएगा तब वे दस्तावेज की जांच की जाएगी | अगर दस्तावेज में किसी प्रकार की कोई कमी अथवा गलत जानकारी पाई गई तो किसान अनुदान पात्र नहीं होगा |

किसान अधिक जानकारी के लिए यहाँ संपर्क करें 

फसल अवशेष प्रबंधन योजना से जुड़े किसी भी प्रकार कि जानकारी के लिए कृषि उप निदेशक / कृषि सहायक अभियन्ता के कार्यालय अथवा राज्य टोल फ्री नंबर 18001802117, 1800-180-1551 / 0172 – 2521900, 0172-2571544 पर संपर्क करें| इसके लिए अधिक जानकारी विभाग की वेबसाईट www.agriharyana.gov.in पर उपलब्द है |

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जैविक खेती के लिए 5,539 किसानों को 574.6185 लाख रूपये का अनुदान

जैविक खेती के लिए किसानों को अनुदान

कृषि में रासायनिक उर्वरक कि उपयोगिता कम करने के साथ – साथ भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है | इसके लिए राज्य में किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग के साथ–साथ सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जा रही है | किसानों को जैविक खेती के बाद जैविक उत्पाद को अच्छी भाव मिल सके इसके लिए भूमि का पंजीयन कराया जा रहा है | जिससे किसान को फसल बेचने में किसी भी प्रकार के परेशानी का सामना नहीं करना पड़ें साथ ही किसानों के लिए जैविक उत्पाद का क्रय विक्रय करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म भी डेवोलोप किया जा रहा है |

इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य सरकार ने राज्य के 13 जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है | इसके लिए राज्य में जैविक किसान समूह का गठन किया जा रहा है | इसके साथ ही भूमि का जैविक प्रमाणीकरण एवं किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है  | राज्य में सरकार द्वारा किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे जिसके अनुसार किसानों को अनुदान दिया जा रहा है |

13 जिलों के किसान कर रहे हैं जैविक खेती

राज्य के कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य के 13 जिलों के 21,000 एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | इनमें से 12 जिलों में जैविक खेती की शुरुआत हो चुकी है | यह 12 जिले इस प्रकार है :- बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, नालंदा, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर एवं लखीसराय में 17,061 एकड़ में जैविक खेती की शुरुआत हो चुकी है | उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 – 20 में कटिहार जिला की राशि कोषागार से निकासी नहीं हो पाने के कारण इस जिले में 1,000 एकड़ में वर्ष 2020–21 में इस योजना शुरू हुई |

जैविक खेती के लिए प्रदेश में 362 कृषक समूहों का गठन किया गया है

बिहार में जैविक खेती समूह के आधार पर किया जा रहा है तथा इसी के आधार पर समूह का पंजीयन भी किया जा रहा है | जैविक खेती के लिए अभी तक कुल 362 समूहों का गठन किया जा चूका है | जिसमें कुल 20,666 किसानों के पास कुल 17,061 एकड़ रकबा है | किसान समूहों द्वारा जैविक खेती करने एवं उसका प्र प्रमाणीकरण करने हेतु किसान समूहों की वैधता मान्यता कि प्रक्रिया चल रही है | अभी तक 65 किसान समूहों का निबंधन हो चुका है और 231 किसान समूहों का निबंधन करने हेतु सहकारिता विभाग को भेजा गया है |

जैविक खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ दिया जाने वाला अनुदान

बिहार राज्य में जैविक खेती योजना के अंतर्गत लाभुक किसानों को 11,500 रूपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जा रहा है | अभी तक 5,539 किसानों को 574.6185 लाख रूपये अनुदान की राशी डी.बी.टी. के माध्यम से सीधे उनके खाता में उपलब्ध कराया गया है |

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मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट: आने वाले दिनों में इन स्थानों पर हो सकती है भारी से लेकर अत्यधिक भारी बारिश

14 से 17 अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान

देश में अभी तक इस वर्ष मानसूनी बारिश का वितरण असामान्य रहा है इससे कई राज्यों में अधिक बारिश से बाढ़ की स्थिति रही है तो कहीं कम बारिश से सूखे की स्थिति बनी हुई है | भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की सम्भावना जताई है | मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-दक्षिण कम दवाब का वायु क्षेत्र बिहार से पश्चिम बंगाल की खाड़ी के निचले क्षोभमण्डल (ट्रोपोस्फेरिक) स्तरों की तरफ बढ़ रहा है। ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों से दूर पश्चिमोत्तर और उससे सटे पश्चिम बंगाल की खाड़ी में मध्य चक्रवाती स्तरों पर एक चक्रवाती वायु का दवाब बना हुआ है।

उपरोक्त दो प्रणालियों के प्रभाव में, 13 अगस्त यानि से बंगाल और उत्तर पश्चिमी खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है | इसके 2-3 दिनों के दौरान इस क्षेत्र में बने रहने और बंगाल की उत्तरी खाड़ी पर अधिक संगठित होने की संभावना है। मॉनसून गर्त का पश्चिमी भाग अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थानांतरित हो गया है और अगले 48 घंटों के दौरान इसके वहां बने रहने की संभावना है। इसका पूर्वी भाग सामान्य स्थिति में है। अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गरजने के साथ हल्की गरज के साथ बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 14 अगस्त से 17 अगस्त तक इन राज्यों में भारी से अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की है |

14 अगस्त के दिन इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

पूर्वी राजस्थान, और गुजरात के अलग-थलग स्थानों में अत्यधिक भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है;कोंकण एवं गोवा राज्य में अभी इस दी अत्यधिक भारी बारिश होने की संभवना है | उत्तराखंड, हरियाणा चंडीगढ़ दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र का घाट क्षेत्र, मध्य महाराष्ट्र, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

15 अगस्त के दिन इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-थलग स्थानों में अत्यधिक भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है; पूर्वी राजस्थान और गुजरात क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने के आसार है; छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश और उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

16 अगस्त को इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-थलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है; गुजरात क्षेत्र, छत्तीसगढ़, झारखंड और कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना और पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, बिहार, ओडिशा, गंगा के पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य महाराष्ट्र के घाट वाले इलाके, मराठावाड़ा, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में  अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

17 अगस्त को इन जगहों पर हो सकती है भारी बारिश

 सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-थलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है; गुजरात क्षेत्र, छत्तीसगढ़, झारखंड और कोंकण तथा गोवा में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, बिहार, ओडिशा, गंगा के पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह , मध्य महाराष्ट्र के घाट वाले इलाके, मराठवाड़ा, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तटीय तथा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

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फलदार पौधों के साथ हल्दी, अदरक एवं ओल की खेती पर सरकार दे रही है 50 प्रतिशत अनुदान

अनुदान पर अदरक, हल्दी एवं ओल की खेती

देश में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक खेत में ही एक साथ कई फसल प्राप्त करने की जरूरत है | इसके लिए अंतरवर्तीय फसलों की खेती पर जोर दिया जा रहा है | जिसमें एक समय में एक से अधिक खेती करने पर किसान कि आय में बढ़ोतरी होती है | इसको बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने राज्य स्कीम मद से उधान विकास हेतु वैसे घटक, जो राष्ट्रीय बागवानी मिशन/मुख्यमंत्री बागवानी मिशन में समाहित नहीं है, उन सभी घटकों को एक साथ समेकित कर एक नई योजना का स्वरूप वित्तीय वर्ष 2020–21 में तैयार किया है | योजना के तहत अंतरवर्ती फसल कार्यक्रम फलदार पौधों के बगीचों में हल्दी, अदरक, ओल लगाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहन के लिए अनुदान भी देगी | 

इसका उद्देश्य किसानों को उधान के क्षेत्र में अतिरिक्त संभावना वाले घटकों के लिए सहायता प्रदान कर उनकी आय के सृजन तथा आमदनी स्रोत को बढ़ावा देना है | इस योजनान्तर्गत शुष्क क्षेत्रों में फलों का प्रत्यक्षण अंतरवर्ती फसल को बढ़ावा देना, लत्तिदार सब्जियों हेतु अलान का अस्थायी निर्माण एवं गुणवता पूर्ण सब्जियों के पौध वितरण का कार्य भी शामिल है | 

इन जिलों के किसान ले सकते हैं योजना का लाभ

बिहार एकीकृत उधान विकास योजना शत–प्रतिशत राज्य योजना से वित्त पोषित है | वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020–21 में राज्य स्कीम मद से शत – प्रतिशत 1459.3612 लाख रूपये मात्र की योजना का कार्यन्वयन कराया जायेगा | इस हेतु कृषि विभागीय उदव्यय के अधीन शत–प्रतिशत राज्य स्कीम मद से सहायतानुसार दिया जायेगा |

यह योजना राज्य एक 12 जिलों में लागू किया गया है | बिहार राज्य पोषित एकीकृत उधान विकास योजना राज्य के 12 जिलों में लागू किया गया है | यह जिले इस प्रकार है :- भागलपुर, सहरसा, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज्जफरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, दरभंगा, बेगुसराय, एवं खगड़िया |

अदरक,हल्दी एवं ओल पर 50 प्रतिशत अनुदान

यह योजना राज्य के 12 जिलों में लागू की गई है  | इसके लिए 12 जिलों में अंतरवर्ती फसल कार्यक्रम का भौतिक लक्ष्य 3999 हेक्टेयर है, जिस पर 852 लाख रूपये का अनुदान  राशि का प्रावधान किया गया है | लक्ष्य के आलोक में भौतिक उपलब्धि 1715.57 हेक्टेयर है, शेष उपलब्धि प्रक्रियाधीन है |

कृषकों को प्रति हेक्टेयर बगीचे में उपलब्ध खाली / प्रति भू – भाग के वास्तविक रकबा 0.36 हेक्टेयर हेतु अंतरवर्ती फसल के रूप में ओल, हल्दी एवं अदरक की खेती के लिए कृषकों को उपरोक्त फसलों के बीज एवं जैविक उत्पादन पर व्यय की गयी राशि अथवा राज्य के कृषि विश्वविधालयों द्वारा संबंधित फसल (ओल, हल्दी एवं अदरक) के बीज हेतु निर्धारित राशि में से जो कम होता है, उक्त राशि का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति पूर्ति किया जाता है |

सीधे बैंक खातों में दिया जायेगा अनुदान

बीज का क्रय उक्त दर निर्धारण के आधार पर केंद्र/राज्य सरकार के बीज प्रतिष्ठानों से किया जा सकता है | भारत सरकार की मार्गदर्शिका एवं उधान की अन्य योजनाओं की भांति इस योजना में भी किसानों के लिए डी.बी.टी. इन कैश एवं डी.बी.टी. इन काईड दोनों विकल्प होते हैं | किसान अपनी इच्छानुसार किसी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं |

अदरक, हल्दी एवं ओल पर 50 प्रतिशत अनुदान किसान यहाँ करें आवेदन

बिहार के उद्यानिकी विभाग द्वारा योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की है | एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान के पास 13 अंक का डी.बी.टी. नंबर होना चाहिए | अगर जिस किसान के पास यह नंबर नहीं है वह आधार कार्ड से पहले आवेदन कर लें | इस योजना का आवेदन ऑनलाइन है तथा किसान यहाँ से आवेदन कर सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए इच्छुक किसान अपने प्रखंड स्तर पर या जिले के उद्यानिकी विभाग कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं |

फलदार पौधों के साथ हल्दी,अदरक एवं ओल की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

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वर्मी खाद इकाई एवं पैक हाउस पर सब्सिडी हेतु आवेदन करें

पैक हाउस एवं वर्मी खाद इकाई पर अनुदान

किसानों की की फसल लागत को कम करने एवं देश के किसानों की आय दोगुना करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनायें चलाई जा रही है | सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए जैविक खेती, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, एवं बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है | सरकार द्वारा फसलो उपरांत उपज के स्टोरेज के लिए यूनिट बानाने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके | केंद्र सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) चलाई जा रही है | योजना के कई घटक हैं जिसके तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है | मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग द्वारा एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) के तहत विभिन्न घटक के तहत आवेदन मांगे गए हैं |

MIDH एकीकृत बागबानी विकास मिशन योजना

एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) का उद्देश्य फलों, सब्जियों, जड़ व कन्द फसलों, मशरूम, मसलें, फूल और काजू आदि के चौमुखी विकास कर किसानों की आय को बढ़ावा देना हैं | योजना के विभिन्न घटकों के तहत किसानों को अलग अलग सब्सिडी दी जाती है |

वर्मी खाद इकाई

मध्यप्रदेश में MIDH योजना घटक जैविक खेती के तहत मध्यप्रदेश में सभी वर्ग के किसानों को HDPE वर्मी बीएड के निर्माण के लिए 96 घन फीट 12*4*2 इकाई लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है |

पैक हाउस

मध्यप्रदेश में MIDH योजना घटक फसलोपरांत प्रबंधन के तहत पैक हाउस निर्माण के लिए प्रति लाभार्थी सामान्य क्षेत्रों में परियोजना की लागत का 35 प्रतिशत की दर से ऋण सबद्ध बेक एंड सब्सिडी देने के प्रावधान है | वही पहाड़ी और अधिसूचित क्षेत्रों में परियोजना की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है |

वर्मी कम्पोस्ट खाद इकाई एवं पैक हाउस हेतु जारी लक्ष्य

योजना
घटक
जिला
वर्ग
जैविक खेती

वर्मी खाद इकाई (एचडीपीई बेड)

बडवानी, आगर-मालवा, इंदौर, रतलाम, नीमच, बैतूल, राजगढ़, गुना, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिंगरौली, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, होशंगाबाद, रायसेन, सीधी, जबलपुर, सीहोर, देवास, खरगौन, ग्वालियर

सभी वर्ग

अशोकनगर, मंदसौर, धार, सागर

सामान्य

भोपाल, दतिया 

सामान्य, अनुसूचित जाति

अलीराजपुर

सामान्य, अनुसूचित जनजाति

फसलोपरांत प्रबंधन

पैक हाउस

अलीराजपुर, आगर-मालवा, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, धार, बडवानी, बुरहानपुर, बैतूल, मंडला, रतलाम, राजगढ़, सिंगरौली

सामान्य, अनुसूचित जनजाति

अशोकनगर, इंदौर, उज्जैन, खण्डवा, खरगौन, गुना, ग्वालियर, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया, दमोह, नीमच, पन्ना, भोपाल, मंदसौर, रायसेन, विदिशा, सागर

सामान्य, अनुसूचित जाति

वर्मी खाद इकाई एवं पैक हाउस सब्सिडी हेतु आवेदन कब करें

मध्यप्रदेश राज्य के किसान लक्ष्य के अनुसार 13 अगस्त 2020 को दोपहर 11 बजे से आवेदन कर सकते हैं | उपरोक्त दिए गये जिलेवार लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन किये जा सकते हैं |

योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) योजना का लाभ लेने के लिए फोटो, आधार नम्बर, खतोनी की प्रति, बैंक पासबुक एवं जाती प्रमाण पात्र होना चाहिए | किसान योजना से जुडी कसी भी तरह की जानकारी के लिए जिले के उप/सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग या विकासखंड स्तर पर वरिष्ठ उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं |

वर्मी खाद इकाई एवं पैक हाउस अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें

पैक हाउस एवं वर्मी खाद इकाई के लिए आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

पैक हाउस एवं वर्मी खाद इकाई पर अनुदान हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें 

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अवधिपार ऋणी किसान भी ले सकेगें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसली लोन

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसली लोन

कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादकता और कुल उत्पादन के लक्ष्य तक पहुंचने में ऋण सुविधा एक महत्वपूर्ण घटक है। सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है | इसके लिए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम 3 लाख रुपये का रियायती फसल ऋण 7 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जाता है। इसमें 3% अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान भी है। वही कुछ राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान में किसानों को सहकारी बैंकों से अल्पकालिक फसली ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है | राजस्थान सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए अवधिपार किसानों को भी शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसली ऋण देने का फैसला लिया है |

अब यह किसान भी ले सकेंगे शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर लोन

राजस्थान के सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने बताया कि ऎसे सभी किसान जो ऋण माफी में अपात्र थे और उन्होंने समय पर अपना फसली ऋण चुका दिया था। उन्हें अब भी फसली ऋण दिया जा रहा है। लेकिन कई किसान ऎसे थे जो ऋण माफी में अपात्र थे तथा उन्होंने अपना फसली ऋण देरी से चुकाया था वे अवधिपार श्रेणी में आए थे। ऎसे किसानों को भी अब फसली ऋण मिल सकेगा। जिन किसानों ने अभी तक अपना फसली ऋण नही चुकाया है तथा जो अवधिपार हो चुके है वह किसान भी ऋण ले सकते हैं।

ऐसे किसान अब अवधिपार मूल राशि एवं ब्याज चुकाकर पात्रता की स्थिति में मूल राशि के बराबर पुनः फसली ऋण ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे किसानों के हित में राज्य सरकार के शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण का लाभ देने के उदेद्श्य से यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से फसली ऋण से जुड़े करीब 3.50 लाख अवधिपार ऋणी किसानों को भी फसली ऋण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऋण माफी के अपात्र इन किसानों को भी अब शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण मिल सकेगा।

खरीफ सीजन में 23 लाख से अधिक किसानों ने लिया शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण

सहकारिता मंत्री ने बताया कि 16 अप्रेल से प्रारम्भ हुए खरीफ सीजन के फसली ऋण में अब तक 23 लाख 79 हजार किसानों को 7 हजार 321 करोड़ रुपये का फसली ऋण का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 3 लाख नए किसानों को भी फसली ऋण दिया जा रहा है। खरीफ सीजन में फसली ऋण 31 अगस्त तक वितरित होगा।

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