गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 2020-21
देश में खरीफ एवं रबी फसलों की तरह ही गन्ने की फसल का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही तय कर दिया जाता है | इस मूल्य के अनुसार ही चीनी मिल के द्वारा किसानों को गन्ना खरीदी का भुगतान किया जाता है | गन्ना उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित और लाभकारी मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार के द्वारा एफआरपी का निर्धारण ‘एफआरपी’ गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत किया जाता है | जिसे देश भर में सामान्य रूप से लागू किया जाता है | सरकार ने देश के एक करोड़ गन्ना किसानों के लिए इस वर्ष के लिए बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) के दाम 10 रुपये बढ़ाकर इस वर्ष 285 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी।
यह दाम गन्ने के अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिए तय किया गया है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर किया गया है। सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली संस्था है। एफआरपी गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है।
इस वर्ष गन्ने के ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य-एफआरपी
- गन्ना सीजन 2020-21 के लिये एफआरपी 10 प्रतिशत की रिकवरी के आधार पर 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
- रिकवरी में 10 प्रतिशत से अधिक प्रत्येक 1 प्रतिशत की वृद्धि के लिये प्रति क्विंटल 2.85 रुपये का प्रीमियम प्रदान करने तथा
- प्रत्येक रिकवरी में 1 प्रतिशत की कमी पर एफआरपी में 2.85 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कमी करने का प्रावधान किया गया है। यह व्यवस्था ऐसी चीनी मिलों के लिए है जिनकी रिकवरी 10 प्रतिशत से कम लेकिन 9.5 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि ऐसी चीनी मिलों के लिए जिनकी रिकवरी 9.5 प्रतिशत या उससे कम है एफआरपी 270.75 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है |