किसानों को खेती की नई-नई तकनीकों से अवगत कराने और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में जालोर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र केशवाना के वैज्ञानिकों ने बावतारा गाँव में असंस्थागत प्रशिक्षण के तहत किसानों के खेत पर जाकर अनार में कटाई-छंटाई (कैनोपी मैनेजमेंट) विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया। जिसमें 30 अनार उत्पादक किसानों ने भाग लिया।
अनार की कटाई-छटाई का दिया प्रशिक्षण
कृषि विज्ञान केन्द्र केशवाना के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार पारीक ने किसानों को अनार में कटाई-छटाई एवं संधाई का उपयुक्त समय और विधि के बारे में जानकारी दी। साथ ही किसानों को अनार के अधिक उत्पादन में कटाई और छटाई के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को अनार के बगीचे में प्रायोगिक रूप से कटाई छंटाई का प्रशिक्षण भी दिया।
केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक आनन्द कुमार ने आगामी दिनों के मौसम की जानकारी के बारे में बताते हुए मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों का पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों को मौसम कीट संबंध व मौसम पादप रोग संबंध के बारे में भी बताया। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक बिरम सिंह गुर्जर ने अनार की जैविक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी साथ ही केंचुआ खाद बनाने की विधि तथा अनार में इसकी उपयोगिता के बारे में अवगत करवाया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने किसानों की अनार उत्पादन से संबंधित समस्याओं को सुनते हुए उनका निराकरण भी किया।