खरीफ सीजन की विभिन्न फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को सरकारी योजनाओं सहित फसल उत्पादन की तकनीकों के साथ ही कीट रोगों के प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है। इस कड़ी में दौसा के पट्टीसलेहसिंह गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें कृषि अधिकारी दौसा अशोक कुमार मीना ने किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित अनुदान की विभिन्न योजनाओं जैसे कांटेदार तारबंदी, फार्म पौंड, सिंचाई पाइप लाइन, कृषि यंत्र, फव्वारा संयंत्र, पॉली हाउस, सोलर संयंत्र बगीचा स्थापना सहित विभिन्न योजनाओं एवं सफेद लट नियंत्रण की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में विगत वर्षों में सफेद लट का प्रकोप देखने को मिला था इस वर्ष आगामी खरीफ सीजन में सफेद लट नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को किसान संगोष्ठी के माध्यम से बचाव की तकनीकी सलाह दी जा रही है।
खरीफ फसलों में सफेद लट का नियंत्रण कैसे करें
दौसा के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि किसान सफेद लट नियंत्रण के लिए गर्मी की गहरी जुताई करें ताकि तेज धूप से इसका प्यूपा नष्ट हो जाए एवं मानसून की पहली वर्षा के साथ ही निकलने वाले बीटल्स का नियंत्रण यदि समय पर किया जाये तो सफेद लट का काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा किसान बीज उपचार भी अवश्य करें। सफेद लट के नियंत्रण के लिए किसान बाजरा फसल में क्लोथियनिडिन 50 प्रतिशत, 8 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार करें। मूंगफली फसल के बीज उपचार के लिए 2 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज उपचार करें। खड़ी फसल में सफ़ेद लट का प्रकोप होने पर किसान फसल बुआई के 21 दिन से पहले इमिडाक्लोप्रीड 17.8 प्रतिशत दवाई की 300 मिलीलीटर मात्रा को सुखी मिट्टी में मिलाकर बरसात से पहले भुरकाव करें।