किसानों की ऑनलाइन मंडी ई-नाम से 1.69 करोड़ किसानों को हुआ लाभ

ई-नाम मंडी से किसानों को लाभ

वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने “राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)” योजना की शुरुआत की,योजना का उद्देश्य किसानों को घर बैठे अपनी उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाना है | इसके लिए देश की अलग-अलग मंडियों को इससे जोड़ा जा रहा है | ई-नाम योजना शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद यह था की देश के किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध हो सके | इसके लिए केंद्र सरकार ने योजना के तहत देश के अलग-अलग राज्यों से 1,000 थोक कृषि उपज मंडी को जोड़ा है तथा 1,000 और नई कृषि उपज मंडी को जोड़ने का लक्ष्य सरकार ने रखा है | केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस योजना से जुड़े सवालों का जबाब सदन में दिया |

ई-नाम योजना को कितने राज्यों में संचालित किया जा रहा है ?

योजना के 5 वर्ष पुरे हो जाने पर यह सवाल बनता है कि ई-नाम योजना में कितनी प्रगति हुई  है | इस बार के बजट में वित्त मंत्री की तरफ से यह बताया गया है कि देश भर में ई–नाम मंडी योजना से 1,000 मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा गया है तथा 1000 और मंडियों को जल्द जोड़ा जायेगा |  वर्ष 2021 के बजट सत्र में श्री जयदेव गल्ला एवं श्री विष्णु दयाल राम ने लोकसभ में कृषि मंत्री से ई- नाम योजना से जुड़े सवाल पूछे थे | जिसे लेकर लोक सभा में कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना से जुडी जानकारी विस्तार से दी |

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोक सभा में लिखित जवाब में बताया की 15 मई 2020 तक देश के 18 राज्यों के साथ ही 3 केन्द्रशासित प्रदेशों के 1000 कृषि मंडियों को ई-नाम से जोड़ा गया है | इन राज्यों तथा केन्द्रिशासित राज्यों से 1.69 करोड़ किसानों ने पंजीयन कराया है | इसके साथ ही 1,012 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और 1.31 लाख व्यापारियों का उपयोगकर्ता आधार ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकरण किया है |

इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश 33,00,174 किसानों ने पंजीयन कराया है तथा दुसरे और तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश और हरियाणा है जहाँ क्रमश: 30,20,742 और 2,72,4420 किसानों ने पंजीयन कराया है | दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में सिर्फ 98 किसानों ने योजना में पंजीयन कराया है | इसी प्रकार 1,197 किसान केरल तथा 1393 किसानों ने कर्नाटक में पंजीयन करवाया है | राज्यवार ई-नाम से जुड़े कृषकों की संख्या इस प्रकार है |

इस योजना से कृषि श्रमिको को लाभ

ई–नाम मंडी योजना से किसानों के साथ ही साथ कृषक श्रमिक भी जुड़ें हैं | अभी तक योजना से 11,88,08,780 कृषक श्रमिक जुड़ें हैं | योजना से कृषक श्रमिक 34 राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के जुड़े हैं | लक्ष्य दिवप से एक भी किसान नहीं जुड़ें हैं | योजना से सबसे ज्यादा उत्तर पदेश के 1 करोड़ 90 लाख 57 हजार 888 किसान श्रमिक जुड़ें हैं | जबकि राजस्थान से 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 870 किसान श्रमिक जुड़ें हैं |

ई नाम से देश भर से जुड़े कृषि श्रमिक

योजना के तहत अब तक हुआ कुल व्यापार

कृषि मंत्री ने बताया कि योजना से खाद्यान. तिलहन, फलों और सब्जियों सहित 175 कृषि जिंसों का व्यापार किया गया है | 14 मई 2020 के अनुसार 3.43 करोड़ टन कृषि जिंसों और 38.16 बांस और नारियल के व्यापर की मात्रा के साथ ई–नाम प्लेटफार्म पर 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक का लेन-देन किया है |

किसान 30 अप्रैल तक जमा कर सकेंगे शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण

फसली ऋण जमा करने की लास्ट डेट

किसानों को कृषि आवश्यकताओं की पूर्ती के बैंकों से अल्पकालिक फसली ऋण दिया जाता है | सरकारों के द्वारा किसानों समय पर एवं कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है परन्तु समय पर ऋण न जमा करने पर कृषक को अधिक ब्याज देना होता है | किसान सहकारी बैंक से जो ऋण लेते हैं उसमें खरीफ फसल के लिए ऋण जमा करने की अवधि मार्च अंत तक होती है परन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने इसे एक माह आगे बढ़ाने का फैसला लिया है | किसान अब खरीफ सीजन के समय लिए गए ऋण को 30 अप्रैल तक जमा कर सकेंगे | जिससे उन्हें ब्याज में छूट का लाभ मिल सकेगा |

मध्यप्रदेश के किसानों की खरीफ में सोयाबीन एवं अन्य फसलों का उत्पादन बिगड़ने एवं रबी फसलों की खरीदी अभी तक प्रारंभ न होने के कारण कृषक 28 मार्च 2021 पर अपने खरीफ 2021 के ऋण की अदायगी करने में सक्षम नहीं थे| | राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया के अनुरोध पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा खरीफ 2020 के ऋणों की अदायगी के लिए अंतिम तिथि 28 मार्च, 2021 से बढ़कर 30 अप्रैल 2021 कर दी गई है | इससे किसानों को 1 माह तक ऋण अदायगी का मोहलत मिल गई है | जिससे किसानों अब 30 अप्रेल तक ऋण जमा करते हैं तो उस पर उन्हें कोई ब्याज नहीं देना होगा |

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है ऋण

किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा राष्ट्रीय या निजी बैंकों से लिए गये ऋण पर 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है | किसानों के द्वारा समय पर ऋण जमा करने पर किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है जिससे किसानों को सिर्फ 4 प्रतिशत का ही ब्याज देना होता है |

वही मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा किसानों को सहकारी बैंक से शून्य प्रतिशत ब्याज पर खरीफ तथा रबी फसल के लिए ऋण दिया जाता है | यह ऋण समय पर अदायगी कर देने पर किसानों से किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाता है |

समय पर ऋण नहीं चुकाने पर लगता है 13 प्रतिशत ब्याज

किसानों के द्वारा सहकारी बैंक से ऋण प्राप्त करने पर समय पर नहीं चुकाने पर किसानों को भारी ब्याज लगता है  | समय पर किसानों के द्वारा ऋण नहीं देने पर वितरण से अंतिम तिथि पर 7 प्रतिशत तथा 28 मार्च 2021 के बाद ऋण जमा करने पर किसानों से 13 प्रतिशत की  दर से ब्याज लिया जाता है | अतः जिन किसानों ने अभी तक ऋण जमा नहीं किया है वह 30 अप्रेल से पहले जमा का शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण योजना का लाभ ले सकते हैं |

चना एवं सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसान 25 मार्च से करवा सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

सरसों एवं चना MSP खरीद हेतु किसान पंजीयन

केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष 23 मुख्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है | इसके अनुसार ही राज्य सरकारों के द्वारा किसानों से पंजीकरण करवा कर फसलों को ख़रीदा जाता है | कई राज्यों में विभिन्न फसलों की प्रक्रिया चल रही है वहीँ कई राज्यों में किसानों से पंजीकरण पूर्ण हो चुके हैं | इस बीच राजस्थान सरकार ने किसानों से चना एवं सरसों फसलों की खरीदी के लिए किसान पंजीकरण 25 मार्च से शुरू करने का फैसला लिया है | वही राज्य में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए पंजीकरण 12 मार्च से ही शुरू किये जा चुके हैं |

राजस्थान में सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 25 मार्च से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा। एक अप्रेल से सरसों के 651 तथा चने के 651 केन्द्रों पर खरीद प्रारंभ की जाएगी। किसानों से समर्थन मूल्य पर चना की 6 लाख 14 हजार 900 मीट्रिक टन तथा सरसों की 12 लाख 22 हजार 775 मीट्रिक टन की खरीद की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए सरसों एवं चने क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर 264-264 केन्द्र तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर 387-387 खरीद केन्द्र खोले गए है।

चना एवं सरसों रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने बताया कि किसान के उपज के सही मूल्य मिलने के हक को कोई छीन न सके इसे सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पुख्ता व्यवस्था की गई है। किसान ई-मित्र केन्द्र या संबंधित खरीद केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। पंजीयन के लिए जनआधार कार्ड,  बैंक पासबुक आवश्यक दस्तावेज है, जिन केन्द्रों पर ऑनलाइन गिरदावरी की सुविधा उपलब्ध है वहां किसान ऑनलाइन गिरदावरी प्राप्त कर सकते है। पटवारियों की हड़ताल के चलते किसानों को गिरदावरी प्राप्त करने में असुविधा न हो इस उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीद/पंजीयन के लिए कृषि पर्यवेक्षकों को गत वर्ष की जारी गिरदावरी रिपोर्ट को इस वर्ष के लिए प्रमाणित करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।

एक मोबाइल नम्बर पर एक किसान करवा सकेगा पंजीयन

सहकारिता मंत्री ने बताया कि एक मोबाइल नम्बर पर एक ही किसान का पंजीयन किया जायेगा तथा पंजीयन का कार्य प्रातः 9 बजे से सायं 7 बजे तक होगा। किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केन्द्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा। किसान को उसकी पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई हेतु दिनांक एवं जिन्स की मात्रा का आवंटन किया जायेगा तथा इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जायेगी |

किसान को पंजीयन करवाने के लिए 31 रुपये का भुगतान करना होगा। किसान को जन आधार कार्ड से संबद्ध बैंक खाता का विवरण की जांच कर लेनी चाहिये। यदि कार्ड में बैंक खाता विवरण गलत दर्ज है तो रजिस्ट्रेशन से पूर्व उसे दुरस्त करवा लें। रजिस्ट्रेशन के समय बैंक खाता संख्या का विवरण को सही ढंग से अपलोड करवाए ताकि भुगतान प्राप्त करने में किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

किसानों को उपज का करवाना होगा परिक्षण

राज्य के किसानों को पहले की तरह अनाज संबंधित नजदीकी खरीद केंद्र पर जाकर जहां भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदंडों के अनुसार परीक्षण करवाना होगा। सरकार द्वारा निर्धारित केन्द्रों पर सरसों 4,650 रुपये तथा चना 5,100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा । तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय एफएक्यू मापदण्डों के अनुसार तैयार कर लायें ।

समर्थन मूल्य पर खरीद सम्बंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर

किसान किसी भी प्रकार की कोई जानकारी अगर लेना चाहते हैं तो टोल फ्री नंबर 1800 -180- 6001 पर जानकारी ले सकते हैं। किसानों को इस वर्ष भी 48 घंटों के अंदर ऑनलाइन भुगतान करवाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। अगर किसी किसान के पास जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है तो वह जन आधार कार्ड के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे | अगर किसी किसान के जन आधार कार्ड में बैंक खाता संख्या का नहीं है तो इसके लिए नजदीकी ई-मित्र पर जाकर जन आधार कार्ड में अपने खाते का भी इंद्राज करवा सकेंगे |

किसान भाई मोटर से चलने वाले क्रॉप कटर से करें गेहूं की कटाई

मोटर संचालित क्राप कटर मशीन

कृषि में जहाँ किसान पहले वर्ष में एक या दो फसल ले पाते थे वही अब कृषि यंत्रों की मदद से कम समय में कृषि कार्यों को पूर्ण करके तीन फसलें लेने लगे हैं | कृषि यंत्र से जहाँ कम समय में कार्य पूर्ण हो जाते हैं वही इससे फसल उत्पदान की लागत भी कम होती है खासकर छोटे कृषि यंत्रों से | भारत में छोटे एवं मध्यवर्गीय किसानों के लिए छोटे कृषि यंत्रों को विकसित किया जा रहा है | सरकार द्वारा इनके उपयोग को बढ़ावा भी दिया जा रहा है जिसके लिए सरकार द्वारा इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी दी जाती है | छोटे किसानों के बीच इन छोटे कृषि उपकरणों को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है, जिससे कृषि श्रमिकों और किराए की मशीनों पर उनकी निर्भरता कम की जा सके | किसान समाधान गेहूं कटाई के समय को देखते हुए कटाई के लिए उपयुक्त मोटर संचालित क्रॉप कटर की जानकारी लेकर आया है |

मोटर संचालित क्राप कटर

क्राप कटर मशीन पके हुए गेहूं को जमीन से लगभग 15 से 20 से.मी. की ऊँचाई से काट सकती है | क्रॉप कटर से काटने की चोडाई 255 सेमी तक होती है वहीँ इसमें 48 से 50 सीसी की शक्ति से चल सकती है | इसका बजन 8 किलो से लेकर 10 किलोग्राम तक होता है | यह पेट्रोल से चलने वाला यंत्र है जिसमें एक बार में 1.2 लीटर पेट्रोल तक भरा जा सकता है |  मशीन में एक गोलाकार आरा ब्लेड, विंडरोइंग सिस्टम, सेफ्टी कवर, कवर के साथ ड्राइव शाफ़्ट, हैंडल, ऑपरेटर के लिए हैगिंग बैंड पेट्रोल टैंक, स्टार्टर नांब , चोक लीवर और एयर क्लीनर होते हैं | ब्लेड, इंजन द्वारा संचालित एक लंबी ड्राइव शाफ़्ट के माध्यम से घूमता है | 25 से.मी. की ऊँचाई और 12 से.मी. के ब्लेड त्रिज्या के बराबर आधे बेलन के आकार की एक एलुमिनियम शीट को काटने वाले ब्लेड के उपरी भाग में फिट किया जाता है | फसलों को इकट्ठा करने में आसानी के लिए एक समान पंक्ति बनाने के लिए एक गार्ड लगाया जाता है |

गेहूं की कटाई में लागत अनुपात

किये गए अध्ययन के अनुसार इस मशीन से एक एकड़ गेहूं की कटाई में औसतन लगभग 16 घंटे लगते हैं, जिसमें 12 घंटे के उत्पादक समय की लागत 1716 रूपये और 4 घंटे के अनुत्पादक समय की लागत 210 रूपये के लगभग आती है | हंसिया से एक एकड़ गेहूं की कटाई में लगभग 176 मानव घंटे लगते हैं | जिसका कुल खर्च 7,744 रूपये आता है | इस अध्ययन से पता चलता है कि हंसिया की तुलना में क्राप कटर से गेहूं कटाई में श्रम लागत में 4 गुना तक कमी आती है |

क्राप कटर मशीन में ब्लेड का उपयोग फसल के अनुसार करें 

मोटर संचालित क्राप कटर मशीन में ब्लेड का उपयोग फसल के पौधे के अनुसार किया जा सकता है | ज्यादा दांत वाले ब्लेड का उपयोग मोटे तथा कड़क पौधे की कटाई के लिए किया जाता है तथा कम दांत वाले ब्लेड का उपयोग मुलायम तथा पतले पौधे के लिए किया जाता है |

दांतों की संख्या तथा उसका उपयोग

  1. 120 दांत वाले ब्लेड का उपयोग – 120 दांतों वाले ब्लेड का उपयोग गेहूं, मक्का आदि फसलों की कटाई के लिए किया जाता है |
  2. 60 और 80 दंतों वाले ब्लेड का उपयोग – 60 तथा 80 दानों वाले ब्लेड का उपयोग चारा काटने के लिए किया जाता है |
  3. 40 दांतों वाले ब्लेड का उपयोग – 40 दांतों वाले ब्लेड का उपयोग 2 इंच मोती वाले पौधे को काटने के लिए किया जाता है |

मोटर संचालित क्रॉप कटर की कीमत (लागत)

मशीन की कीमत सामान्यतः बाजार में लगभग 16 हजार से 32,000 तक होती है |  इंधन में लगभग 1 लीटर प्रति घंटे की दर से खपत होती है | इसे एक बार लेने के बाद आप 5 वर्ष तक आसानी से उपयोग कर सकते हैं | इसमें आने वाली अन्य खर्चों में ऑइल का खर्च एवं यदि कुछ खराबी आ जाये तो मरम्मत के लिए खर्च जो बहुत ही कम होता है की आवश्यकता पड़ती है |

मशीन चलाते समय सावधानियां

मशीन को चलाने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जो इस प्रकार है |

  • पुराने घिसे हुए या क्षतिग्रस्त ब्लेड का उपयोग नहीं करना चाहिए |
  • मशीन चलाते समय सुरक्षा के लिए उपकरण पहनना चाहिए |
  • काम करने के बाद मशीन को सूखे कपड़े से साफ़ करें |
  • ईंधन भरने के लिए फ्यूल कैप निकलने से पहले इंजन बंद कर दें | एक घंटे तक लगातार चलाने के बाद 10 से 15 मिनट के लिए मशीन बंद कर देना चाहिए |

मौसम चेतावनी: 23 मार्च को इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

बारिश पूर्वानुमान 23 मार्च

पिछले कुछ दिनों से देश में मौसम में बदलाव का सिलसिला जारी है। इसका मुख्य कारण देश में लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ है | पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई राज्यों में बारिश होने का अनुमान है, तो वहीं, पहाड़ी राज्यों में आज बारिश के साथ-साथ बर्फबारी होने की भी संभावना है। कुछ राज्यों में कई जिलों में बारिश का सिलसिला 23 मार्च को भी जारी रहेगा| भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार  23 मार्च के दिन मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम-यूपी के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर, विदर्भ के कुछ हिस्सों में आंधी-बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है |

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के अनुसार 23 मार्च के दिन भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, बडवानी, बुरहानपुर, खंडवा,खरगोन, झाबुआ, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोक नगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर कलां, उमरिया, अनूपपुर, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में कही-कहीं कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है |

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग जयपुर के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 23 मार्च के दिन अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाडा, बूंदी,दौसा, जयपुर, झालावार, झुंझुनू, करौली, सवाई-माधौपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़ एवं श्री गंगानगर जिलों में कही-कहीं कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है |

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 23 मार्च के दिन पंजाब राज्य के पठानकोट, गुरुदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, रूपनगर, पटियाला, सास नगर, फतेहगढ़ साहिब जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है |

हरियाणा राज्य के लिए जारी की गई चेतावनी के अनुसार 23 मार्च के दिन चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, चरखी दादरी जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है |

उत्तरप्रदेश में इन जगहों पर हो सकती है बारिश

उत्तरप्रदेश में 23 मार्च के दौरान पश्चिमी उत्तरप्रदेश एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में कहीं-कहीं कही कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की सम्भावना है | बागपत, मेरठ, मुजफ्फरपुरऔर बिजनोर में कहीं पर बारिश हो सकती है |

किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों के बैंक खातों में दिए गए 1104 करोड़ रूपये

19 लाख किसानों को दिए गए 1104 करोड़ रूपये

किसानों के आय में वृद्धि एवं फसल उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों के खातों में योजना की चौथी किश्त अंतरित की जा चुकी है | इस योजना के तहत 21 मार्च को 19 लाख किसानों के बैंक खातों में 1104 करोड़ 27 लाख रूपये हस्तांतरित किये गए हैं | यह राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों के चौथे किश्त के रूप में दी गई है | योजना के अंतर्गत किसानों को एक साल में कुल 5628 करोड़ रूपये की राशि आदान सहायता के रूप में दी गई है |

इस अवसर पर लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी ने वर्चुअल उपस्थिति के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ राज्य के किसानों को योजना के तहत चौथी किश्त की राशि कम्प्यूटर से एक क्लिक कर सभी जिले के जिला सहकारी बैंकों को अंतरित की | जिसे सहकारी बैंक द्वारा जिले के किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी गई है| राजीव गांधी किसान न्याय योजना 21 मई 2020 से शुरू किया गया है | योजना के तहत राज्य के किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रूपये आमदनी को पूरा करने के लिए शुरू किया गया है |

गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों को दिए गए 7.55 करोड़ रूपए

राज्य में पशुपालकों के लिए चलाई जा रही गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के पशुपालकों से  2 रूपये प्रति किलोग्राम गोबर खरीदा जाता है | जिसका भुगतान प्रत्येक 15 दिन पर किया जाता है | इसी के तहत राज्य के मुख्यमंत्री ने बहुआयामी गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के 1 लाख 62 हजार से अधिक पशुपालकों एवं ग्रामीणों से बीते एक माह में क्रय किए गए गोबर के मूल्य के एवज में 7 करोड़ 55 लाख रूपये की राशि सीधे खातों में अंतरित किए|

20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के उपलक्ष में शुरू हुई गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के पशुपालकों एवं ग्रामीणों को अब तक 88 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चूका है | योजना के तहत अब तक 44 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है , जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं पशुपालकों एवं ग्रामीणों को 88 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है |

आंधी-बारिश या ओलावृष्टि से फसल नुकसान हुआ है तो यहाँ कॉल करें

फसल क्षति सुचना हेतु यहाँ कॉल करें

पिछले कुछ दिनों से देश के अलग–अलग हिस्सों में कई स्थानों पर असमय आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते किसानों की रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ है | मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश एवं ओलावृष्टि का सिलसिला 22 एवं 23 मार्च तक जारी रहेगा | किसानों को हो रहे इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी परन्तु इसके लिए किसानों को फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करवाना आवश्यक है | अतः जिन किसानों की फसलों को क्षति होती है वह इसकी सुचना देकर अपने खेतों का सर्वे जल्द करवाएं |

जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया है वह किसान जिस भी कम्पनी ने बीमा किया है उस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके सुचना दे सकते हैं | मध्यप्रदेश में आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि हुई फसल नुकसानी की सर्वे किया जा रहा है | किसानों की फसल नुकसानी का आकलन किया जा रहा है तथा मुआवजे की राशि भी इसी आधार पर तय की जाएगी | खराब मौसम के चलते राज्य में रबी फसल की सरकारी खरीदी को रोक दिया गया है |

पंचायत में चस्पा हो रिपोर्ट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सर्वे की रिपोर्ट पंचायत कार्यलय में चस्पा की जाए, जिससे सर्वे में प्राप्त फसलों की क्षति की जानकारी संबंधित किसान को भी प्राप्त हो सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को नियमानुसार फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलवाने का कार्य किया जायेगा |

फसल नुकसानी की सुचना यहाँ दें

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री पटेल ने बताया कि बारिश एवं ओला प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे का काम प्रारम्भ कर दिया गया है | उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि उनकी फसल खराब हुई है और सर्वे अभी प्रारम्भ नहीं हुआ है, तो स्थानीय कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारीयों, तहसीलदार, एडीएम एवं जन – प्रतिनिधियों को खराब हुई फसलों की तत्काल सुचना दें | सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए कमल सुविधा केंद्र 0755–2558823 जारी किया है | किसान इस नंबर पर भी कॉल करके फसल क्षति की सुचना दे सकते हैं |

हाल ही में हुई बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा हैं, कहीं-कहीं तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, ऐसी स्थिति में किसानों को फसल बीमा राशि लेने के लिए सम्बंधित कंपनियों को 72 घंटे के अन्दर ही दावे की सूचना देनी होगी | किसान फसल नुकसानी की सुचना निम्न प्रकार से से सकते हैं |

  1. किसान सीधे बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग, सरकारी / जिला पदाधिकारी अथवा नि:शुल्क दूरभाष संख्या वाले फोन के अनुसार बीमाकृत किसान द्वारा किसी को भी तत्काल रूप से सूचित किया जाए (72 घंटो के भीतर) |
  2. दी गई सूचना में सर्वेक्षणवार बीमाकृत फसल और प्रभावित रकबा का विवरण अवश्य होना चाहिए |
  3. किसान / बैंक द्वारा अगले 72 घंटों के भीतर प्रीमियम भुगतान सत्यापन की विवरण की जाए |
  4. इसके अतरिक्त किसान भाई फसल बीमा एंड्राइड ऐप से भी फसल क्षति की सुचना दे सकते हैं |

जन हानि, पशु हानि पर प्रावधान के अनुसार दिया जायेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसलों की हानि के साथ ही जनहानि और पशु हानि के प्रकरणों में भी सहायता दी जाएगी । जहाँ जन हानि हुई है, प्रावधान अनुसार चार-चार लाख की राशि प्रभावित परिवारों को दी जाए। कृषि विभाग और राजस्व विभाग संयुक्त निरीक्षण करें। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान के अनुसार पात्र प्रभावितों की पूरी मदद की जाएगी।

प्रदेश में करीब 15 से 20 जिलों में असमय वर्षा हुई है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई है। अभी क्षति का आकलन किया जा रहा है। शीघ्र ही जिलों से प्रतिवेदन प्राप्त होगा। पश्चिम मध्यप्रदेश के दो-तीन जिलों में और चंबल क्षेत्र में भी वर्षा हुई है। फसलों की क्षति अधिक नहीं हुई है। यहाँ आंशिक प्रभाव है, उसका आकलन किया जा रहा है। सात लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु की सूचनाएँ मिली हैं। कहीं-कहीं पशु हानि भी रिकार्ड की गई है।

गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद आगामी आदेश तक स्थगित

रबी फसल खरीद स्थगित

वर्ष-2021 रबी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य की सरकारी खरीदी अभी स्थगित कर दी गई है | मध्य प्रदेश में गेहूं, चना मसूर एवं सरसों की खरीदी 22 मार्च से शुरू होने वाली थी जिसे  तत्काल रोक दिया गया है | यह रोक प्रदेश में हो रही आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि की स्थिति को देख कर लगाई गई है | सरकार ने अभी इसको लेकर कोई नई तिथि जारी नहीं की है | 22 मार्च से गेहूं के अलावा दलहनी और तिलहनी फसलों को बेचने के लिए किसानों को एस.एम.एस भेज दिए गए थे, लेकिन उन किसानों को अभी और इन्तजार करना होगा |

पहले क्या थी समर्थन मूल्य पर खरीदी की तिथि

मध्य प्रदेश में गेहूं तथा रबी अन्य फसलों की खरीदी 15 मार्च किया जाना था, लेकिन इसे बढ़ाकर 22 मार्च किया गया था | एक बार फिर राज्य में रबी फसल की खरीदी को आगे बढ़ा दिया गया है | सरकार के तरफ से अभी कोई सुचना नहीं दी गई है कि रबी फसल उपज की खरीदी कब शुरू की जाएगी | जिन किसानों को उपज बेचने के लिए मेसेज भेजे गए हैं उन्हें अभी अपनी उपज बेचने के लिए इन्तजार करना होगा | फसलों की खरीद शुरू होने पर उन्हें दोबारा से मेसेज भेजे जाएंगे |

इस कारण से की गई फसल खरीद स्थगित

किसान –कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने रविवार को फेसबुक पर किसानों से संवाद करते हुए कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी की तिथि 22 मार्च से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था जिसे अभी आगे बढ़ा दिया गया है | सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं की मौसम की स्थिति में सुधार होते ही खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी |

मध्यप्रदेश गेहूँ खरीदी में बना नम्बर 1 राज्य

मंत्री श्री पटेल ने प्रदेश के किसान भाइयों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना काल में हमारे अन्नदाताओं ने बंपर पैदावार की, जिससे विगत वर्ष मध्यप्रदेश गेहूँ खरीदी में पंजाब को पीछे छोड़ते हुए नंबर-1 राज्य बना। कोरोना काल के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों से 1 करोड़ 29 लाख 28 हजार 379 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की थी | यह खरीदी राज्य के 4 हजार 527 खरीदी केन्द्रों पर 15 लाख 55 हजार 453 किसानों से की गई थी |

पिछले वर्ष 19 लाख 46 हजार किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए पंजीयन कराया था | इसमें से 15 लाख 55 हजार 453 किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए क्रय केंद्र पहुंचे थे | इस वर्ष गेहूं खरीदी के लिए 24 लाख 58 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है | इन किसानों से 4763 खरीदी केन्द्रों से 1 करोड़ 35 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा है |

किसान न्याय योजना के तहत 18 लाख से अधिक किसानों को दिए जाएंगे 1104 करोड़ रुपये

किसान न्याय योजना के तहत किसानों को चौथी किश्त

पीएम-किसान सामान निधि योजना की तर्ज पर कई राज्यों में भी किसान फसल उत्पादन के लिये आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनिकी जैसी चीजों में निवेश कर सके इसके लिए सीधे सहायता राशि उपलब्ध करवाने के लिए योजनाओं की शुरुआत की गई है | इसमें छतीसगढ़ राज्य सरकार भी शामिल है | छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने फसल उत्पदान में लगने वाली लागत में किसानों को राहत देने के लिये राज्य शासन द्वारा कृषि आदान सहायता हेतु “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” की चलाई जा रही है |

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में राशि देने का सिलसिला लगातार जारी है | योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसानों को 21 मार्च 2021 को राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा चौथी किश्त दी जाएगी | जिसका लाभ 14 फसल उत्पादक किसान के साथ–साथ बीज उत्पादक किसानों को भी होगा | चौथे किश्त के रूप में 18 लाख 43 हजार किसानों को 1 हजार 104 करोड़ 27 लाख रूपये का भुगतान किया जाएगा |

18 लाख 38 हजार किसानों को मिलता है योजना का लाभ

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अभी तक राज्य 18 लाख 38 हजार किसानों को 4523.62 करोड़ का भुगतान किया जा चूका है | योजना के तहत लघु, सीमांत तथा दीर्घ सभी तरह के किसानों को लाभ दिया रहा है | लाभ प्राप्त करने वाले किसानों की भूमि के आधार पर वर्गीकरण इस प्रकार है |

  1. सीमांत किसान – 9 लाख 50 हजार
  2. लघु सीमांत किसान – 5 लाख 60 हजार
  3. दीर्घ कृषक– 3 लाख 21 हजार

चौथी किश्त के रूप में 5 हजार 627 करोड़ रूपये दिये जायेंगे |

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत फसल उत्पादक किसानों और प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों को चार किसानों को कुल 5 हजार 627 करोड़ 89 लाख रूपये का भुगतान किया जाना है | इसमें से चतुर्थ किश्त के रूप में फसल उत्पादक किसानों को 1104.27 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चूका है | अभी तक किसानों को तीन किश्तों में 4,597 करोड़ 86 लाख रूपये का भुगतान किया जा चूका है | शेष राशि चतुर्थ किश्त के रूप में 1 हजार 104 करोड़ 27 लाख का भुगतान 21 मार्च 2021 को दी जाएगी |

योजना के तहत किसानों को अभी तक दी गई कुल राशि

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 18 लाख 43 हजार कृषकों को तीन किश्तों में 4523.62 करोड़ का भुगतान किया जा चूका है | यह सभी पैसा धान की फसल और 13 अन्य फसलें लगाने वाले कृषकों को दिया गया है | इसके साथ ही राज्य के 4,777 बीज उत्पादक किसानों को तीन किश्तों में 23 करोड़ 62 लाख रूपये का भुगतान किया जा चूका है |

तीनों किश्त किसानों को वर्ष 2020 से 21 के बीच दिया गया है जो इस प्रकार है :-
  1. प्रथम किश्त में राज्य के किसानों को 21 मई 2020 को 15,00 करोड़ की राशि भुगतान किया गया था |
  2. दिव्तीय किश्त में राज्य के किसानों को 20 अगस्त 2020 को 15,00 करोड़ की राशि भुगतान किया गया |
  3. तृतीय किश्त में राज्य के किसानों को 1 नवम्बर 2021 को 15,00 करोड़ की राशि भुगतान किया गया तथा बीज उत्पादक कृषकों को 23.62 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया गया था |

इन फसलों की खेती करने पर दिया जाता है अनुदान

राजीव गांधी किसान न्याय योजना 21 मई 2020 से शुरू की है | योजना का आंशिक क्रियान्वयन खरीफ वर्ष 2019 से किया गया है योजना के तहत किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से धान के अलवा 13 अन्य फसलों के लिए चलाया जा रहा है | इसके अंतर्गत धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, टिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी तथा रबी गन्ना फसल को शामिल किया गया है |

गन्ना किसानों को भी दिया जा रहा है योजना का लाभ

राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत राज्य के गन्ना किसानों को भी लाभ दिया जा रहा है | वर्ष 2019–20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 प्रति क्विंटल के अतिरिक्त प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि कुल 93.75 रूपये प्रति क्विंटल कुल 355 रूपये प्रति किवंटल की दर से 34,292 कृषकों को 74 करोड़ 24 लाख रूपये की राशि भुगतान किया जा चूका है |

यह राशि अलग–अलग शक्कर कारखानों के माध्यम से दी जा चुकी है, जो इस प्रकार है :-
  1. भोरदमदेव शक्कर कारखाना कवर्धा-इस कारखाने के 12,077 किसानों को 23 करोड़ 53 लाख रूपये का भुगतान किया गया है |
  2. माँ महामाया शक्कर कारखाना अंबिकापुर-इस कारखाने के 13,441 किसानों को 5 करोड़ 38 लाख रूपये का भुगतान किया गया है |
  3. लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल शक्कर कारखाना पंडिरिया-इस कारखाने के 7,460 किसानों को 19 करोड़ 33 अलख रूपये का भुगतान किया गया है |

21 मार्च को किसानों को किया जाएगा गोबर खरीदी का 7.55 करोड़ रुपये का भुगतान

गोबर खरीदी का भुगतान

देश-भर में किसानों से गाय एवं भैंस का दूध ख़रीदा जाता है परन्तु पशुपालकों को उससे भी अधिक लाभ नहीं होता है | ऐसे में पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने के लिए छतीसगढ़ राज्य सरकार ने नई योजना “गोधन न्याय योजना” की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों एवं पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाती है एवं इस गोबर से जैविक खाद बनाकर किसानों को कम दामों पर बेचीं जाती है | योजना के तहत राज्य के पशुपालकों से 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीदी की जाती है | इस योजना के तहत सीधे तौर पर 1 लाख 62 हजार 497 पशुपालक जुड़े हुए हैं |

प्रत्येक 15 दिन में हितग्राही के खातों में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाता है | इस क्रम में 15 वीं और 16 वीं किश्त के रूप में हितग्राही के बैंक खातों में 21 मार्च को पैसा भेजा जायेगा | यह राशि कुल 7 करोड़ 55 लाख रुपये है |

अभी तक किया गया गोबर खरीदी का भुगतान

15 वीं तथा 16 वीं किश्त के रूप में हितग्राही के बैंक खातों में 7 करोड़ 55 लाख रूपये 21 मार्च को भेजा जायेगा | जिसमें से 15 वीं किश्त के रूप में 3 करोड़ 75 लाख रूपये तथा 16 वीं किश्त के रूप में 3 करोड़ 80 लाख रुपये शामिल है | किसानों को अब तक लगभग 81 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चूका है |

अभी तक कितना सरकार द्वारा ख़रीदा गया कुल गोबर

पशुपालक किसानों के लिए अतरिक्त आय के रूप में 20 जुलाई 2020 को शुरू की गई योजना के तहत अभी तक कुल 44 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है | जबकि 15 वीं तथा 16 वीं किश्त में 15 मार्च तक 1 लाख 18 हजार 611 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है | इस योजना के तहत सरकार का दावा है कि 1 लाख 62 हजार 497 पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं तो दूसरी तरफ 70 हजार 299 भूमिहीन ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं | सबसे बड़ी बात यह है की इस योजना से 44.55 प्रतिशत महिलाएं को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है |

सरकार के द्वारा 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदे जा रहे गोबर से गठानों में वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है | यह काम स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है | गोठानों से तैयार वर्मी कम्पोस्ट को किसानों को बेचा जा रहा है, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है | अभी तक 83 हजार 900 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चूका है |

राज्य में कुल गोठानों की संख्या

सुराजी गांव योजना के तहत अब तक 44 लाख क्विंटल गोबर खरीदा गया है | सुराजी गाँव योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 9 हजार 487 गौठान स्वीकृत किये गये हैं, जिनमे से 5 हजार 586 गौठान निर्मित किए जा चुके हैं तथा 2 हजार 772 गौठान निर्माणाधीन है | पिछले माह 324 गौठान निर्मित किए गये हैं | इसी तरह गौठानों में 85 हजार 503 वर्मी टांका स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 15 मार्च तक 69 हजार 972 वर्मी टांकों का निर्माण पूर्ण किया जा चूका है | राज्य में स्वालम्बी गौठानों की संख्या बढ़कर 387 हो गई है |