ई-नाम मंडी से किसानों को लाभ
वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने “राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)” योजना की शुरुआत की,योजना का उद्देश्य किसानों को घर बैठे अपनी उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाना है | इसके लिए देश की अलग-अलग मंडियों को इससे जोड़ा जा रहा है | ई-नाम योजना शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद यह था की देश के किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध हो सके | इसके लिए केंद्र सरकार ने योजना के तहत देश के अलग-अलग राज्यों से 1,000 थोक कृषि उपज मंडी को जोड़ा है तथा 1,000 और नई कृषि उपज मंडी को जोड़ने का लक्ष्य सरकार ने रखा है | केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस योजना से जुड़े सवालों का जबाब सदन में दिया |
ई-नाम योजना को कितने राज्यों में संचालित किया जा रहा है ?
योजना के 5 वर्ष पुरे हो जाने पर यह सवाल बनता है कि ई-नाम योजना में कितनी प्रगति हुई है | इस बार के बजट में वित्त मंत्री की तरफ से यह बताया गया है कि देश भर में ई–नाम मंडी योजना से 1,000 मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा गया है तथा 1000 और मंडियों को जल्द जोड़ा जायेगा | वर्ष 2021 के बजट सत्र में श्री जयदेव गल्ला एवं श्री विष्णु दयाल राम ने लोकसभ में कृषि मंत्री से ई- नाम योजना से जुड़े सवाल पूछे थे | जिसे लेकर लोक सभा में कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना से जुडी जानकारी विस्तार से दी |
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोक सभा में लिखित जवाब में बताया की 15 मई 2020 तक देश के 18 राज्यों के साथ ही 3 केन्द्रशासित प्रदेशों के 1000 कृषि मंडियों को ई-नाम से जोड़ा गया है | इन राज्यों तथा केन्द्रिशासित राज्यों से 1.69 करोड़ किसानों ने पंजीयन कराया है | इसके साथ ही 1,012 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और 1.31 लाख व्यापारियों का उपयोगकर्ता आधार ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकरण किया है |
इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश 33,00,174 किसानों ने पंजीयन कराया है तथा दुसरे और तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश और हरियाणा है जहाँ क्रमश: 30,20,742 और 2,72,4420 किसानों ने पंजीयन कराया है | दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में सिर्फ 98 किसानों ने योजना में पंजीयन कराया है | इसी प्रकार 1,197 किसान केरल तथा 1393 किसानों ने कर्नाटक में पंजीयन करवाया है | राज्यवार ई-नाम से जुड़े कृषकों की संख्या इस प्रकार है |
इस योजना से कृषि श्रमिको को लाभ
ई–नाम मंडी योजना से किसानों के साथ ही साथ कृषक श्रमिक भी जुड़ें हैं | अभी तक योजना से 11,88,08,780 कृषक श्रमिक जुड़ें हैं | योजना से कृषक श्रमिक 34 राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के जुड़े हैं | लक्ष्य दिवप से एक भी किसान नहीं जुड़ें हैं | योजना से सबसे ज्यादा उत्तर पदेश के 1 करोड़ 90 लाख 57 हजार 888 किसान श्रमिक जुड़ें हैं | जबकि राजस्थान से 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 870 किसान श्रमिक जुड़ें हैं |
योजना के तहत अब तक हुआ कुल व्यापार
कृषि मंत्री ने बताया कि योजना से खाद्यान. तिलहन, फलों और सब्जियों सहित 175 कृषि जिंसों का व्यापार किया गया है | 14 मई 2020 के अनुसार 3.43 करोड़ टन कृषि जिंसों और 38.16 बांस और नारियल के व्यापर की मात्रा के साथ ई–नाम प्लेटफार्म पर 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक का लेन-देन किया है |