मौसम चेतावनी: 16 से 20 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश

16 से 20 मार्च के लिए बारिश पूर्वानुमान

उत्तर भारतीय राज्यों के बीच जहाँ गर्मी तेवर दिखा रही है वहीँ लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते पिछले कुछ दिनों में कई स्थानों पर बारिश एवं ओलावृष्टि देखने को मिली है | ऐसे में बारिश एवं ओलावृष्टि की खबर किसानों के लिए परेशान करने वाली है | इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक और नया पश्चिमी विक्षोभ के सक्रीय होने की जानकारी दी है | जिसके चलते आने वाले दिनों में उत्तर भारतीय राज्यों में अधिकांश स्थानों पर 18 से 20 मार्च के दौरान गरज-चमक के साथ आंधी एवं बारिश होने की संभवना है |

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के अनुसार 16 से 20 मार्च के दौरान भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, बडवानी, बुरहानपुर, खंडवा,खरगोन, झाबुआ, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोक नगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर कलां, उमरिया, अनूपपुर, शाडोल, डिंडोरी, कटनी, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में कही-कहीं कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है | राज्य में वर्षा का व्यापक असर 18 एवं 19 मार्च के दौरान देखने को मिलेगा |

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के रायपुर केंद्र की चेतावनी के अनुसार 19 एवं 20 मार्च के दौरान सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद,धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगांव, कोंडागांव,नारायणपुर एवं कांकेर जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 17 एवं 18 मार्च के दौरान पंजाब राज्य के पठानकोट, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, बरनाला, मनसा एवं संगरूर जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है | हरियाणा राज्य के लिए जारी की गई चेतावनी के अनुसार 18 मार्च को महेंद्रगढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग जयपुर के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 18 एवं 19 मार्च के दौरान अलवर, बरन, भरतपुर, भीलवाडा, बूंदी, चित्तोडगढ, धोलपुर, डूंगरपुर, झालवार, झुंझुनू, करौली, कोटा, राजसमन्द, सीकर, टोंक, उदयपुर, चुरू, हनुमानगढ़ एवं नागौर जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

उत्तरप्रदेश में 18 एवं 19 मार्च के दौरान पश्चिमी उत्तरप्रदेश के जिलों में कहीं-कहीं कही कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की सम्भावना है | वहीँ पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में 19 मार्च को कुछ सथानों पर कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की सम्भावना है | इस दौरान बिहार एवं झारखण्ड राज्य में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है |

किसानों के लिए कृषि सलाह

आगामी दिनों में हलकी वर्षा एवं ओलावृष्टि की सम्भावना को देखते हुए किसान अपनी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें | ग्रीष्मकालीन फलों एवं सब्जी की फसलों की बोआई के लिए उपयुक्त समय हैं। अतः किसान भाइयों को सलाह है कि कद्दूवर्गीय सब्जियों जैसे लौकी, करेला, तरबूज, खरबूज आदि की बैग में नर्सरी तैयार करें। पत्तेदार सब्जियों की बोआई करें तथा ग्रीष्मकालीन सब्जियों के लिए खेतों की तैयारी करें। किसान भाई जिनके पास आने वाले दिनों में पर्याप्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है खेत खली होने पर ग्रीष्मकालीन मक्का (हरे भुट्टे के लिए बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न), मूंग, उड़द, मूंगफली (कच्ची फल्ली) की अति शीघ्र बुआई करें |

किसानों को 31 मार्च तक कर दिया जाएगा फसल बीमा राशि का लम्बित भुगतान

फसल बीमा राशि का भुगतान

प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है | योजना के तहत किसानों को फसल क्षति होने पर उसका आकलन कर उसकी भरपाई की जाती है | इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा किसानों के द्वारा प्रीमियम राशि दी जाती है परन्तु राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार के द्वारा बीमा कंपनियों को समय पर उनके हिस्से का भुगतान न करने और कंपनियों और राज्य सरकारों के बीच विवाद के कारण किसानों को समय पर फसल बीमा का क्लेम नहीं मिल पाता है | अभी भी कई किसानों को पिछले वर्षों में हुई फसल क्षति का बीमा क्लेम नहीं मिला है | ऐसे में राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019-20 में जिन बीमित किसानों की फसलों को नुकसान हुआ था उसका क्लेम 31 मार्च तक करने का फैसला लिया है |

राजस्थान में यूनियन बैंक के द्वारा किसानों का प्रीमियम निर्धारित सयम सीमा पर नहीं भरने के कारण किसानों को फसल नुकसानी का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है | राजस्थान विधान सभा में कृषि मंत्री ने एक सवाल के जवाब दे रहें थे जिसमें यह बताया की समय पर यूनियन बैंक के द्वारा नहीं भरने के कारण किसानों को फसल बीमा राशि रोक दी गई थी, जिसे राज्य सरकार ने किसानों के हित में निरस्त पालिसी को फिर से बहाल कर दिया है |

वर्ष 2019-20 फसल बीमा राशि का भुगतान

वर्ष 2019 के खरीफ मौसम में कोटा, अजमेर व सवाई माधोपुर के 1 हजार 153 कृषकों के 1 करोड़ 50 लाख रूपये के बीमा क्लेम की राशि 8 मार्च 2021 को किसानों के बैंक खातों में प्रेषित कर दी गई है | वहीं वर्ष रबी 2019–20 में चुरू व भीलवाडा जिले के 37 हजार 348 कृषकों के 433 करोड़ 40 लाख रूपये के बीमा क्लेम की राशि 5 मार्च 2021 को कृषकों के बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी गई है | कृषि मंत्री के अनुसार भीलवाडा तथा चुरू जिले के 1 लाख 60 हजार कृषकों के 692 करोड़ 16 लाख के बीमा क्लेम अभी भी बचे हुयें हैं, लेकिन कम्पनी और राज्य सरकार के बीच क्लेम की गणना में उत्पन्न हुए बिवाद के कारण बीमा राशि अभी रुकी हुई है | इस बीमा राशि का 180 करोड़ रूपये का प्रीमियम राशि राज्य सरकार के द्वारा तथा केंद्र सरकार के द्वारा भी प्रीमियम राशि का भुगतान कर दिया गया है | अब जल्द ही भीलवाडा तथा चुरू जिले के किसानों को राज्य सरकार द्वारा मूल्यांकित क्षति के आधार पर बीमा राशि किसानों को दे दी जाएगी |

वर्ष 2018–19 फसल बीमा राशि का भुगतान

चुरू जिले के वर्ष 2018–19 के 746 कृषकों के बीमा क्लेम राशि 6 करोड़ 94 लाख रूपये की थी | इस जिले में जिला सांख्यिकी विभाग के द्वारा जिले में उपज को शून्य दिखाया गया था | इस विसंगतियों को 8 मार्च 2021 को संशोधित कर लिया गया है | अब किसानों को 10 दिन में बीमा क्लेम राशि का भुगतान कर दिया जायेगा |

इसके साथ ही कृषि मंत्री ने यह भी बताया की वर्ष 2020 तक के क्लेम किये गये बीमा राशि का भुगतान कम्पनी के द्वारा 31 मार्च तक कर दिया जायेगा | राज्य सरकार के तरफ से प्रीमियम के रूप में 900 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान फसल बीमा कम्पनी को कर दिया गया है | समय पर औसतन उपज नहीं दर्शाने के कारण किसानों को भुगतान में देरी हो रही है |

रबी 2017-18 व खरीफ 2018 में कोई भुगतान लंबित नहीं

इससे पहले विधायक दिव्या मदेरणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत किसानों का रबी 2017–18 व खरीफ 2018 के कोई बीमा क्लेम बीमा कम्पनियों के पास लम्बित नहीं है। इन वर्षों में सभी बीमा क्लैमों का भुगतान किसानों को किया जा चूका है |

15 मार्च से नहीं बल्कि अब इस दिन से प्रारंभ होगी समर्थन मूल्य पर चना, मसूर तथा सरसों की खरीदी

समर्थन मूल्य पर चना, मसूर तथा सरसों की खरीदी

केंद्र सरकार द्वारा फसलों पर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को केन्द्रीय एजेंसियों के द्वारा किसानों से पंजीकरण करवाकर ख़रीदा जाता है | इसके लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग समय पर किसानों से पंजीकरण करवाए जाते हैं | जहाँ अभी मध्यप्रदेश में किसानों के पंजीकरण हो चुके हैं वहीँ अन्य राज्यों में अभी चल रहे हैं | राज्य सरकारों ने किसानों से उपज को खरीदने के लिए तैयारी शुरू कर दी है और किसानों से उपज खरीदने के लिए तिथियाँ भी निर्धारित की जा चुकी है |

जानिए किस राज्य में कब से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी

हरियाणा सरकार इस वर्ष गेहूं व सरसों की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से एवं जौ, चना और दालों की एमएसपी पर खरीद 10 अप्रैल से शुरू करने जा रही है वही उत्तरप्रदेश सरकार किसानों से 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू करेगी | वहीँ मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के कोटा संभाग में गेहूं की खरीदी 15 मार्च से शुरू की जानी है परन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने रबी की अन्य फसलों चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी की तिथि को 15 मार्च से आगे बढ़ा दिया है |

अब 22 मार्च से होगी मध्यप्रदेश में चना, मसूर एवं सरसों की खरीद

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए 15 मार्च से गेहूं के साथ सरसों, चना तथा मसूर की खरीदी किया जाना था लेकिन आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते चना, मसूर तथा सरसों की खरीदी अब 15 मार्च से नहीं बल्कि 22 मार्च से की जाएगी | किसान–कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की फसलों का उपार्जन अब 22 मार्च से होगा | पहले इसका उपार्जन 15 मार्च से गेहूं के साथ करने का निर्णय लिया गया था जिसे वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए 15 मार्च के स्थान पर 22 मार्च से खरीदी का निर्णय लिया गया है। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि हाल ही में हुई बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण सभी जिला अधिकारियों को फसलों के नुकसान का आंकलन करने व राहत का मसौदा तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं |

वर्ष 2020–21 हेतु चना,मसूर एवं सरसों का समर्थन मूल्य

प्रत्येक वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है | इसमें खरीफ, रबी तथा जायद फसलें शामिल रहती हैं | इस वर्ष रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल इस प्रकार है :-

  • गेहूं – 1975 रूपये प्रति क्विंटल
  • चना – 5100 रूपये प्रति क्विंटल
  • मसूर – 5100 रूपये प्रति क्विंटल
  • सरसों – 4675 रूपये प्रति क्विंटल

आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान का आकलन कर किसानों को जल्द दिया जायेगा मुआवजा

बेमौसम आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि से फसल क्षति का मुआवजा

उत्तर भारतीय राज्यों में 11 मार्च से 13 मार्च के दौरान हुई आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते किसानों की खेत में खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है | वही कई किसानों की फसलें कटने के बाद खेत में ही रखी थी जो अचानक आई बारिश से ख़राब हो गई है, इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है | किसानों की फसलों को हो रहे इस नुकसान का आकलन कर राहत देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं |

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर हुई बेमौसम बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने अधिकारियों को क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं। किसानों को आवश्यकतानुसार फसलों की क्षति के आधार पर जरूरी राहत प्रदान की जाएगी।

आरबीसी 6(4) के तहत किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में हो रही आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों की  फसलों को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई राज्य सरकार के द्वारा आरबीसी 6(4) के तहत की जाएगी | राज्य के सीहोर, हरदा और देवास एवं अन्य जिलों में तेज बारिश के साथ ओला गिरने की सुचना मिली है इसको लेकर किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने इन जिलों के कलेक्टरों और उपसंचालक कृषि को तत्काल आंधी–तूफान से क्षतिग्रस्त फसलों की वीडियोग्राफी और सर्वे कार्य शुरू करने के निर्देश दिये हैं | कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य के किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए आरबीसी 6(4) के तहत राशि प्रदान की जाएगी |

जिन किसानों की फसलों का बीमा है वहां यहाँ सूचना दे

मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है | ऐसे में जिन किसानों की फसलों का बीमा है वह किसान फसल बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर कॉल करके सूचित कर सकते हैं |  मध्यप्रदेश के लिए एग्रीकल्चर इन्सुरेंस कंपनी के टोल फ्री नम्बर 1800-233-7115/1800116515 पर कॉल कर सूचित कर फसलों का सर्वे करवा सकते हैं | किसान इसके अलावा फसल बीमा जिस बैंक से किया गया है उस बैंक में जाकर फसल बीमा के क्षतिपूर्ति का फार्म भरें या अपने यहाँ के स्थानीय कृषि अधिकारीयों को सूचित करें | परन्तु जिस किसान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं करायें हैं उन किसानों को राज्य सरकार आरबीसी 6(4) के तहत मुवाब्जा दिया जायेगा |

क्या है ? आरबीसी 6(4) जिसके तहत दिया जायेगा किसानों को मुआवजा

अबीमित किसानों कि संख्या बहुत ही ज्यादा है | इस तरह के किसानों के लिए भी सरकार फसल नुकसानी होने पर सहायता राशि देती है | राज्य सरकार के राजस्व विभाग के RBC 6(4) के अनुसार सभी फसल के साथ – साथ पशु, मुर्गी, सूअर तथा घर का मुवाब्जा तय किया है  इसमें किसानों को सिंचित फसल का होने पर 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी तथा मसाला फसलों का नुकसान होने पर 30 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर, संतरा तथा अमरुद की नुकसानी पर 500 रुपये प्रति पेड़ एवं नींबू, पपीता, केला फसल की नुकसानी होने पर 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को मुआवजा दिया जाता है |

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी लेने के लिए जल्द करें यह काम

कृषि यंत्र अनुदान हेतु एक और मौका

वित्त वर्ष 2020–21 का अंतिम माह चल रहा है ऐसे में राज्य सरकारों के द्वारा जारी पिछले वर्ष के बजट के लक्ष्यों को पूर्ण किया जा रहा है | इस क्रम में हरियाणा सरकार के द्वारा किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र देने के लिए चल रही योजना SMAM–SUB MISSION OF AGRICULTURE MECHANIZATION SCHEME 2020–21 के तहत किसानों से आवेदन मांगे गये थे जिसकी प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हुई है | ऐसे में सरकार ने किसानों को एक और मौका दिया है |

इस योजना के तहत 18 फरवरी 2021 तक कृषि यंत्र खरीद कर विभाग के पोर्टल पर आवेदन करने थे | जिन किसानों ने 18 फरवरी तक कृषि यंत्रों को खरीद कर 27 फरवरी 2021 तक ई – वे विल, स्वयं घोषणा पत्र जीपीएस लोकेशन वाली मशीन के साथ की रंगीन फोटो विभाग के पोर्टल (https://www.agriharyanacrm.com/)  पर अपलोड कर दिया था उन सभी किसानों को सत्यापन के लिए जिला कार्यालय पर बुलाया जा रहा है |

किसी करणवश से किसान 27 फरवरी तक विभागीय पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पाए हैं उन सभी किसानों को एक और मौका दिया गया है | अब किसान 15 मार्च तक कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर ई–वे बिल, स्वयं घोषणा पत्र जीपीएस लोकेशन वाली मशीन के साथ की रंगीन फोटो विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दें | जिसके बाद इसी वित्त वर्ष में सत्यापन के लिए बुलाया जायेगा |

किसान इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी हेतु कर सकेंगे आवेदन

SMAM योजना 2020–21 के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र सब्सिडी पर दिये जा रहे हैं | योजना के अनुसार बुवाई से कटाई तक के यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे है | जो इस प्रकार है :-

  • पराली प्रबंधक
  • मेज प्लान्टर
  • मल्टीक्रॉप थ्रेशर
  • जीरो टिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल
  • हैप्पी सीडर
  • हस्त चालित स्प्रेयर
  • पावर नेपसेक स्प्रेयर
  • जीरो टिल सीड ड्रील
  • रोटावेटर
  • टर्बोसीडर
  • लेजर लेंडर लेवलर
  • न्यूमेटिक प्लान्टर
  • रीपर बाइंडर
  • स्ट्रॉ रीपर
  • ट्रेक्टरऑपरेटेड क्रॉप रीपर कम बाइंडर
  • श्रव मास्टर / स्लेशर
  • स्ट्रॉ बेलर
  • ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रयेर

किन किसानों को योजना का लाभ दिया जा रहा है ?

ट्रेक्टर से जुड़े कृषि यंत्रों के लिए किसान के पास ट्रेक्टर होना जरुरी है | इसके साथ ही किसान का मेरी फसल – मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना चाहिए | आवेदन के बाद पटवारी की रिपोर्ट, आनलाइन आवेदन की प्रति, मेरी फसल – मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण की प्रति , ट्रेक्टर की आरसी, आधार कार्ड, पेन कार्ड व बैंक पासबुक सहायक कृषि अभियंता कार्यालय में जमा करवानी होती है |

किसान अधिक जानकारी के लिए यहाँ संपर्क करें

योजना से जुड़े किसी भी प्रकार कि जानकारी के लिए कृषि उप निदेशक / कृषि सहायक अभियन्ता के कार्यालय अथवा राज्य टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 पर या अपने ब्लाक या जिले के कृषि विभाग कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं | इसके लिए अधिक जानकारी विभाग की वेबसाईट www.agriharyana.gov.in या https://www.agriharyanacrm.com/ पर उपलब्ध है |

किसानों को जल्द दिया जायेगा डिग्गी निर्माण का अनुदान

डिग्गी निर्माण हेतु अनुदान

देश में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है | योजना के तहत किसानों सिंचाई यंत्र, तालाब निर्माण एवं डिग्गी निर्माण आदि पर अनुदान दिया जाता है | राजस्थान में किसानों के लिए चलाई जा रही डिग्गी योजना के तहत केंद्र सरकार के द्वारा अनुदान का अपना अंश नहीं देने के कारण वर्ष 2018–19 किसानों को भुगतान रुका हुआ था | जिसे अब राज्य सरकार जल्द ही किसानों को देने वाली है |

यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चलाई जा रही है | योजना के तहत किसानों डिग्गी निर्माण पर अनुदान दिया जाता है परन्तु राज्य में अभी तक किसानों को अनुदान नहीं मिल पाया है | कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि अनुदान की केन्द्रीय अंश के रूप में मिलने वाली 60 प्रतिशत राशि नहीं मिलने से किसानों का भुगतान अटक गया था परन्तु अब किसानों का लंबित भुगतान देने के लिए 92 करोड़ रूपए जारी किए है।

4 हजार से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ

कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए केन्द्रीय अंश सहित पूरे अनुदान का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इससे गंगानगर, हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिलों के 4 हजार 21 किसानों को 92 करोड़ 19 लाख रूपए का भुगतान हो सकेगा। गंगानगर जिले के 2 हजार 242 किसानों को 44 करोड़ 42 लाख रूपए, हनुमानगढ़ जिले के 324 किसानों को 6 करोड़ 46 लाख, बीकानेर जिले के इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) क्षेत्र के 1 हजार किसानों को 32 करोड़ 60 लाख रूपए एवं नॉन-आईजीएनपी क्षेत्र के 454 किसानों को 8 करोड़ 70 लाख रूपए का अनुदान सीधे उनके खातों में हस्तांतरित किया जाएगा। गंगानगर, हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिले के नॉन-आईजीएनपी इलाके के किसानों को टॉप अप राशि का भुगतान पूर्व में कर दिया था। आईजीएनपी क्षेत्र के किसानों को टॉप अप राशि सहित अनुदान का भुगतान किया जाएगा। 

क्या है डिग्गी निर्माण योजना

खेती के लिए सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी की व्यवस्था के राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार मिलकर राज्य के किसानों के लिए डिग्गी योजना चला रही है | इस योजना के अनुसार राज्य के 1 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि के स्वामित्व वाले किसानों को न्यूनतम 4 लाख लीटर एवं इससे अधिक क्षमता की पक्की डिग्गी बनाने के लिए लागत का 50 प्रतिशत या 350 रूपये प्रति घनमीटर के अनुसार अनुदान दिया जाता है | इसके साथ 25 प्रतिशत टाप–अप राशि भी किसानों को दी जाती है | जबकि कच्ची डिग्गी बनाने के लिए 50 प्रतिशत या 100 रूपये प्रति घन मीटर के अनुसार अनुदान दिया जा रहा है | यह राशि अधिकतम 2 लाख रूपये तक है |

इस योजना के तहत अनुदान राशि में राज्य तथा केंद्र दोनों सरकार की हिस्सेदारी रहती है | अनुदान राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार के द्वारा तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार के दिया जाता है |

मौसम चेतावनी: 11 से 13 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश

11 से 13 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश में उत्तर भारतीय राज्यों में मौसम में परिवर्तन लगातार देखने को मिल रहा है | जहाँ ठण्ड के बाद अचानक तापमान में बढ़ोतरी हुई वही अब कई स्थानों पर हो रही बारिश से किसानों के चहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं | मौसम में यह बदलाव देश में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते हैं | भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के द्वारा चेतावनी के अनुसार अभी जो देश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है इसका असर उत्तरी भारत के मैदानी राज्यों में 11 मार्च से 13 मार्च के बीच अधिक देखने को मिलेगा | इस दौरान अधिकांश स्थानों पर तेज हवा के साथ गरज चमक एवं बारिश हो सकती है |

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के अनुसार 11 से 13 मार्च के दौरान भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, इंदौर, खंडवा, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, शाजापुर, उज्जैन, अशोक नगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, श्योपुर कलां, उमरिया, अनूपपुर, शाडोल, डिंडोरी, कटनी, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में कही-कहीं कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है |

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के रायपुर केंद्र की चेतावनी के अनुसार 11 से 13 मार्च के बीच सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार,  गरियाबंद,धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगांव, बस्तर, कोंडागांव एवं कांकेर जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

बिहार राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग पटना के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 12 से 13 मार्च के दौरान किशनगंज, सुपौल, माधेपुरा, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपूरा, बेगूसराय, लखीसराय, नवादा, कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगरिया एवं जमुई जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 11 एवं 12 मार्च के दौरान पंजाब राज्य के पठानकोट, गुरुदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, रूपनगर, पटियाला, सास नगर, फतेहगढ़ साहिब जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

हरियाणा राज्य के लिए जारी की गई चेतावनी के अनुसार 11 एवं 12 मार्च के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, चरखी दादरी जिलों में गरज चमक के साथ कहीं- कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश में भी कई स्थानों पर हो सकती है बारिश

उत्तरप्रदेश राज्य के लिए जारी मौसम चेतवानी के अनुसार 11 एवं 13 मार्च के दौरान पशिचिमी उत्तर प्रदेश एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर कहीं-कहीं गरज एवं चमक के साथ बौछारें पड़ने की सम्भावना है | इनमें प्रमुख जिले कानपूर, लखनऊ, प्रयागराज, अलीगढ जिले शामिल हैं | वहीँ राजस्थान में 11 और 12 मार्च को कोटा, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के अधिकतर हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।  

किसानों को अब यहाँ कम दामों पर मिलेंगे ट्रेक्टर, हार्वेस्टर एवं अन्य कृषि यंत्र

ट्रेक्टर, हार्वेस्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर टैक्स में छूट

कृषि से जुड़े उपकरण जैसे (कम्बाइन हार्वेस्टर, ट्रेक्टर, पॉवर टिलर तथा अन्य कृषि यंत्र) की कीमत एक तो वैसे ही अधिक होती है और ऊपर से उस पर लगने वाले टैक्स से उसकी कीमत और बढ़ जाती है, जिससे कृषि उपकरण और अधिक महंगे हो जाते हैं | कृषि यंत्रों की कीमत को कम करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए राहत भरा फैसला लिया है | सरकार ने कृषि यंत्रों पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया है |

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुए कैबिनेट की बैठक में कृषि यंत्रों पर लगने वाले टैक्स को 9 प्रतिशत कम कर दिया गया है | पहले राज्य में कृषि यंत्रों पर किसानों को 10 प्रतिशत का टैक्स देना होता था जिसे अब कम करके 1 प्रतिशत कर दिया गया है | सरकार के द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों के लिए राहत भरी खबर है | इस फैसले के बाद किसान अब कम दामों पर कृषि उपकरण खरीद सकेंगे |

हार्वेस्टर,ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर दामों में कमी को इस तरह समझें

मध्य प्रदेश के किसी भी जिले का कोई भी किसान ट्रेक्टर शोरुम जाता था तो डीलर उसे उस ट्रेक्टर की कीमत 5 लाख रुपये बताता था जो की 10 प्रतिशत टैक्स के साथ होती थी परन्तु अब जबकि सरकार ने टैक्स में कमी कर दी है जिससे यही 5 लाख रुपये का ट्रेक्टर अब किसान को 4 लाख 55 हजार रुपये का पड़ेगा | जिससे किसानों को 5 लाख के ट्रेक्टर पर 45 हजार रुपये कम देने होंगे | इसी तरह कृषि से जुड़े सभी उपकरणों पर टैक्स कम होने से किसानों को लाभ मिलेगा | यहाँ तक की हार्वेस्टर जैसे कृषि यंत्रों पर किसानों को 2 लाख 50 हजार रुपये तक का लाभ होने का अनुमान है |

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक होगा आलू एवं प्याज का उत्पादन

बागबानी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान

इस वर्ष देश में पिछले वर्ष की तुलना में आलू एवं प्याज का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहने का अनुमान है | प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने विभिन्न बागवानी फसलों का सर्वे रिपोर्ट जारी कर दी है | इस रिपोर्ट में बागवानी के क्षेत्र में खेती का रकबा तथा उत्पादन में भी बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया है | इस रिपोर्ट में फल, सब्जी तथा आलू एवं प्याज के अलावा अन्य फसलों को शामिल किया गया है | यह रिपोर्ट राज्य सरकार की एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार जारी की गई है |

कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने फलों के साथ–साथ मसालों, सब्जियों तथा फूलों के लिए भी अग्रिम अनुमान जारी किए है | सर्वे रिपोर्ट वर्ष 2019–20 तथा 2020–21 के बीच जारी की गई है | जो इस प्रकार है :-

वर्ष 2019–20 (अंतिम अनुमान) के मुताबिक बागवानी फसलों का उत्पादन

  • बागवानी के क्षेत्र में वर्ष 2019–20 में वर्ष 2018–19 के मुकाबले 3.12 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है | जहाँ वर्ष 2018–19 के फलों का उत्पादन 97.97 मिलियन टन हुआ था वहीँ वर्ष 2019–20 में 102.33 मिलियन टन प्राप्त किया गया है |
  • सब्जियों के उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है | वर्ष 2018–19 में सब्जियों का कुल उत्पादन 183.17 मिलियन टन के मुकाबले वर्ष 2019–20 में उत्पादन बढ़ कर 188.91 मिलियन टन होने का अनुमान है |
  • प्याज के उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है | देश भर में वर्ष 2018–19 में प्याज का उत्पादन 22.82 मिलियन टन तथा जो बढ़कर 26.09 मिलियन टन होने का अनुमान है |
  • इसी प्रकार आलू का उत्पादन 2018–19 में 50.90 मिलयन टन की तुलना में वर्ष 2019–20 में 48.56 मिलयन टन उत्पादन होने का अनुमान है |

वर्ष 2020–21 (पहला अग्रिम अनुमान) के अनुसार बागवानी फसलों का उत्पादन

  • बागवानी के क्षेत्र में पिछले वर्ष के मुकाबले उत्पादन बढने का अनुमान लगाया गया है | वर्ष 2020–21 में कुल बागवानी क्षेत्र में उत्पादन 326.58 मिलियन टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2019–20 में 320.77 मिलियन टन था | यह बढ़ोतरी पिछले वर्ष के मुकाबले 5. 81 मिलियन टन अधिक है जो 1.8 प्रतिशत होने का अनुमान है |
  • इसके साथ ही फलों, सब्जियों , मसालों तथा फूलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है |
  • फलों के उत्पादन जो वर्ष 2019–20 में 102.03 मिलियन टन थी वह बढ़कर 103.23 मिलियन टन होने का अनुमान है |
  • सब्जी के क्षेत्र में वर्ष 2019 में 188.91 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2020–21 में 193.61 मिलियन टन होने का अनुमान है |
  • प्याज का उत्पादन वर्ष 2019–20 में 26.03 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2020–21 में 26.29 मिलियन टन होने का अनुमान है |
  • इसी प्रकार आलू के उत्पादन में भी वृद्धि देखी जा रही है | वर्ष 2019–20 में आलू का उत्पादन 48.56 मिलियन टन था जो वर्ष 2020–21 में बढ़कर 53.11 मिलियन टन होने का अनुमान है |
अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि या गिरावट देखने के लिए क्लिक करें

यहाँ 15 मार्च से शुरू की जाएगी गेहूं की समर्थन मूल्य की खरीद

गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद

रबी फसलों की कटाई जोरों पर चल रही है, कटाई के बाद किसान समय पर अपनी उपज को मंडी में बेच सकें इसके लिए राज्य सरकारों के द्वारा फसल उत्पादन के अनुसार खरीदी हेतु पंजीकरण भी प्रारंभ किये जा चुके हैं |  मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार भी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण आरम्भ करने जा रही है, जबकि मध्यप्रदेश में किसानों के पंजीकरण किये जा चुके हैं | इस वर्ष राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए भारतीय खाद्य निगम नेफेड राजफैड एवं तिलम संघ एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी, जिसके लिए अलग-अलग पंजीकरण वावस्था की गई है | इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल है |

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद

राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीदी 15 मार्च से शुरू होने जा रही है | राज्य में गेहूं की खरीदी भारतीय खाद्य निगम नेफेड राजफैड एवं तिलम संघ एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी | खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश में किसानों की सुविधा के लिए लगभग 350 खरीद केन्द्रों की स्थापना की गई है | केंद्र सरकार से प्राप्त निर्देशों के पालन में इस बार होने वाली गेहूँ की खरीद के लिए ऑनलाइन सिस्टम उपलब्ध रहेगा | ऑनलाइन सिस्टम के तहत की जाने वाली खरीद के प्रथम चरण के अंतर्गत 12 मार्च से किसानों का पंजीयन शुरू किये जाएंगे |

किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए यहाँ करवाएं पंजीकरण

सरकारी खरीदी के लिए किसानों को पंजीयन कराना बेहद जरुरी है | एफसीआई के खरीद केन्द्रों के लिए किसान अपना पंजीकरण किसी भी ई-मित्र केंद्र से करवा सकेंगे | किसानों खरीद के पंजीयन के लिए यह सभी दस्तावेज लेकर जाये |

  • बैंक पासबुक
  • आधार कार्ड
  • गिरदावरी
  • सक्षम स्तर से जारी प्रमाण पत्र

राजफेड नेफेड एवं तिलम संघ खरीद एजेंसियों के लिए किसान अपना पंजीयन खरीद केंद्रों के माध्यम से करवा सकेंगे। किसानों के सत्यापन के लिए जन आधार कार्ड जरूरी होगा। किसानों को पंजीयन केंद्र पर बैंक पासबुक की छायाप्रति चेक एवं गिरदावरी सहित सक्षम स्तर से जारी प्रमाण पत्र देना होगा।

किसान इस टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर ले सकते हैं जानकारी

किसान किसी भी प्रकार की कोई जानकारी अगर लेना चाहते हैं तो टोल फ्री नंबर 1800 -180- 6001 पर जानकारी ले सकते हैं। किसानों को इस वर्ष भी 48 घंटों के अंदर ऑनलाइन भुगतान करवाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। अगर किसी किसान के पास जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है तो वह जन आधार कार्ड के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे | अगर किसी किसान के जन आधार कार्ड में बैंक खाता संख्या का नहीं है तो इसके लिए नजदीकी ई-मित्र पर जाकर जन आधार कार्ड में अपने खाते का भी इंद्राज करवा सकेंगे |

किसानों को उपज का करवाना होगा परिक्षण

राज्य के किसानों को पहले की तरह अनाज संबंधित नजदीकी खरीद केंद्र पर जाकर जहां भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदंडों के अनुसार परीक्षण करवाना होगा। परीक्षण में सफल होने के बाद किसान अनाज की सफाई तुलाई एवं पैकिंग की कार्यवाही की जाएगी | खरीद केंद्र पर उपस्थित ऑपरेटर द्वारा सूचना को ऑनलाइन कर किसान को विक्रय पर्ची का प्रिंट उपलब्ध करवाया जायेगा।