राज्य में की गई 5406 कस्टम हायरिंग सेंटर एवं 2566 फ़ार्म मशीनरी बैंक की सथापना

कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर एवं फार्म मशीनरी बेंक की स्थापना

किसानों की आमदनी को दुगना करने एवं सभी किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से देश में कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है | जिसके तहत किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है | योजना के तहत सभी वर्ग के किसानों को लाभ दिया जाता है | उत्तरप्रदेश में कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण एवं क्रॉप रेज्डयू मैनेजमेंट योजना के तहत अब तक कुल 1,64,511 उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण एवं 5,406 कस्टम हायरिंग सेंटर एवं 2,566 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी जा चुकी है |

कब कितने कस्टम हायरिंग केंद्र और फार्म मशीनरी बैंक खोले गए

कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एन.एफ.एस.एम., आर.के.वी.वाई., एन.एम.ओ.पी. एवं एस.एम.ए.एम योजनाओं के अंतर्गत

  • वर्ष 2020–21 में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अब तक 30,523 उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण एवं 1,715 कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है |
  • 2019–20 के वर्ष में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 1,61,454 उन्नत कृषि यंत्र वितरण लक्ष्य के सापेक्ष विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 34,496 कृषि यंत्रों का वितरण किया गया |
  • वर्ष 2018–19 में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 32,870 कृषि यंत्रों का वितरण किय गया तथा 12 कस्टम हायरिंग सेंटर एवं 138 फ़ार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी गयी |
  • 2017–18 वित्त वर्ष में कुल 39,417 उन्नत कृषि यंत्र कृषकों को अनुदान पर वितरित किये गये, 47 कस्टम हायरिंग सेंटर तथा 517 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी गयी है |
  • इसी प्रकार प्रोमोशन आँफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाँर इन – सीटू मेनेजमेंट आँफ क्रांप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत वर्ष 2020–21 में अब तक 8,695 उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण एवं 1652 फ़ार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी गयी है |
  • 2019–20 वर्ष में 2,104 कृषि यंत्रों का वितरण तथा 1391 कस्टम हायरिंग सेंटर एवं 259 फ़ार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करायी गयी |
  • वर्ष 2017–18 में 16406 उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण तथा 2,300 कस्टम हायरिंग की स्थापना करायी गयी |

फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर दी जाने वाली सब्सिडी

फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना हेतु प्रमोशन आँफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन–सीटू मैनेजमेंट आँफ क्रांप रेज्डयू योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी कृषि यन्त्र पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी |

फार्म मशीनरी बैंक के तहत अनुदान पर दिए जाने वाले कृषि यंत्र

उत्तरप्रदेश के किसान फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत ट्रेक्टर एवं ट्रेक्टर चालित कृषि यंत्र सब्सिडी पर खरीद सकते हैं | इसके अलावा इन सीटू योजना के तहत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन हेतु पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एम.बी. पलाऊ, सुपर सीडर, बेलर, सुपर स्ट्रा, मैनेजमेंट सिस्टम, जीरो टिल सीड कम फर्टीड्रिल, हैप्पी सीडर, स्ट्रा रेक, क्रांप रीपर व रीपर क्म्बांडर इत्यादि दिया जायेगा | यह सभी कृषि यंत्र ट्रेक्टर ट्रेक्टर की मदद से संचालित किये जाते हैं |

किसान सब्सिडी पर कृषि यंत्र हेतु कहाँ करें आवेदन?

किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार दिए गए कृषि यंत्रों/ फार्म मशीनरी बैंक में से कोई भी कृषि यंत्र विभागीय वेबसाइट पारदर्शी किसान सेवा योजना पोर्टल www. upagriculture.com पर पंजीकरण कर टोकन निकाल सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले या ब्लॉक के कृषि विभाग में सम्पर्क करें |

25 हजार रुपये की सब्सिडी पर अपने घर की छतों पर बागवानी के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

छत पर बागवानी के लिए अनुदान

शहरी आबादी को सब्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश में छत पर बागवानी (Roof Top Gardening) को बढ़ावा दिया जा रहा है | जिससे शहरी क्षेत्र की आबादी को बिना किसी रुकावट कम दामों पर ताज़ी तथा जैविक सब्जी मिल सके | शहरों में ताजी सब्जी मिल सके इसके लिए बिहार सरकार राज्य में छत बागवानी योजना चला रही है | इसके तहत शहरी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए छत पर बागवानी करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है | यह योजना पिछले 2 वर्षों से चलाई जा रही है | सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं |

छत पर बागवानी के लिए लाभार्थियों को क्या-क्या दिया जायेगा

Roof Top Gardening छत पर बागवानी योजना के लिए लाभार्थियों को बागवानी के लिए आवश्यक सभी तरह की सामग्री अनुदान पर दी जाएगी | यह इस प्रकार है :-

अवयव का नाम
संख्या

पोर्टेबल, फारमिंग कीट

03

और्गेनिक

04

फ्रूट बैक

10

प्लास्टिक पॉट

15

खुरपी

02

हैंड स्प्रेयर

01

शेप्लींग ट्रे (100 सब्जी के पौधे)

03

ड्रिप सिस्टम

फल के पौधे

10

छत पर बागवानी (Roof Top Gardening ) योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी

योजना के लिए शहरी लोग 300 वर्ग फीट के लिए लाभ प्राप्त कर सकते हैं | एक आवेदक अधिकतम 2 इकाई (निजी आवास) तथा 5 इकाई (शिक्षण संस्थान/अपार्टमेंट) के लिए ही योजना का लाभ दिया जायेगा | छत पर बागवानी योजना के तहत लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा| योजना के अनुसार 300 वर्ग फीट के लिए सरकार ने 50,000 रूपये की लागत रखी है | इस पर सरकार लाभार्थी को छत पर बागवानी के लिए 50 प्रतिशत यानि 25,000 रूपये की सब्सिडी देगी |

योजना के तहत यह व्यक्ति कर सकते हैं आवेदन

छत पर बागवानी योजना राज्य के 4 जिलों के 13 प्रखंडों के लिए चलाई जा रही है | इन प्रखंडों के निवासी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं |

  1. पटना – पटना सदर , दानापुर, फुलवारी , सम्पतचक
  2. गया – गया शहरी, बोध गया, मानपुर
  3. मुजफ्फरपुर – मुजफ्फरपुर मुशहरी, कांटी
  4. भागलपुर – जगदीशपुर, नाथनगर, सबौर,

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

छत बागवानी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना है | आवेदन करने के लिए यह सभी दस्तावेज होना अनिवार्य है |

  1. फोटो पहचान पत्र
  2. नगरपालिका का रसीद/घरेलू
  3. आवेदक का फोटो
  4. खाली छत का फोटो

छत पर बागवानी योजना के तहत अनुदान हेतु आवेदन

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसुचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत आरक्षित रखा गया है | इसके साथ ही महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत योजना में आरक्षित है | बिहार “छत पर बागवानी योजना” के तहत आवेदन शुरू हो गए है तथा इस योजना का आवेदन ऑनलाइन किया जा रहा है | आवेदक बिहार उद्धानिकी विभाग की वेबसाईट से आवेदन कर सकते हैं | 

योजना के लाभ पाने हेतु उधान निदेशालय के horticulture.bihar.gov.in के dashboard पर जाकर Roof top Gardening लिंक पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है | आवेदन से योजना क्रियान्वयन तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन सम्पादित की जाएगी | अधिक जानकारी के लिए सम्बंधित जिला के सहायक निदेशक कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं |

छत पर बागवानी योजना के तहत सब्सिडी हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें 

9.75 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत दी गई 2,000 रुपये की किश्त

पीएम-किसान योजना किश्त

प्रधानमंत्री किसान समान निधि योजना के तहत किसान परिवारों को सालाना मिलने वाली 2,000 रुपये की तीन किश्तों में से इस वित्त वर्ष की दूसरी किश्त आज किसानों को जारी कर दी गई है |  पीएम किसान योजना के तहत यह कुल 9 वीं किश्त है | आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 12:30 बजे बटन दबाकर 9 करोड़ 75 लाख 46 हजार 378 किसान लाभार्थियों को 2,000 रूपये की किश्त सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की | इस योजना के तहत 9 क़िस्त के रूप में किसान परिवारों को लगभग 19,509 करोड़ रूपये दिये गये हैं |

किसानों के लिए चलाई जाने वाली योजना के तौर पर सबसे बड़ी योजना है | योजना के तहत अभी तक किसानों को 9 किश्तों के रूप में लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं | इस योजना से किसानों को कृषि कार्य में खर्च करने के लिए दिया जाता है | जिससे कृषि लागत को कम किया जा सके |

योजना के तहत अभी तक कुल लाभार्थी किसान परिवार

पीएम-किसान योजना की वेबसाईट के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए कुल 12 करोड़ 11 लाख 46 हजार 376 किसानों ने आवेदन किया है | इसमें से 10 करोड़ 41 लाख 85 हजार 489 किसान लाभार्थी को योजना का लाभ दिया गया है | इसके अलावा 54 लाख 48 हजार 362 किसान लाभार्थी का पेमेंट रिस्पांस पेंडिंग है | जबकि 6 लाख 95 हजार 841 किसानों को पेमेंट फेल हो गया है |

किस कारण से नहीं मिल पा रही है पीएम-किसान योजना की किश्त

पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ 45 हजार 644 किसानों को 2,000 करोड़ रूपये की किश्त दी गई है | इसके अलावा बहुत से ऐसे किसान हैं जिनकों आवेदन के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिला है | किसानों को किस करण से पैसा नहीं मिला है उसकी जानकारी इस प्रकार है |

  • राज्य के द्वारा पेमेंट रुका हुआ है – 2 करोड़ 70 लाख 4 हजार 492
  • ट्रांजेकशन फैल – 27 लाख 78 हजार 692
  • पहले स्तर पर ही आवेदन रोक दिया गया है – 27 लाख 21 हजार 828
  • PFMS रिजेक्ट कर दिया है पहले स्तर पर – 30 लाख 94 हजार 637

PM-Kisan मोबाइल एप

किसानों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार के द्वारा 24 फरवरी 2020 को योजना से समबन्धित जानकारी एवं आवेदन के लिए PMKISAN मोबाइल एप लांच की गई थी | जिससे अभी तक 90 लाख से अधिक किसानों ने इसे डाउनलोड किया है | इस एप पर किसानों को कई सुविधाएँ दी गई है जो इस प्रकार है:-

  1. किसान एप की मदद से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं,
  2. अपने द्वारा किये गए आवेदन की स्थिति को जान सकते हैं,
  3. अभी तक उन्हें प्राप्त हुई कुल किश्तों की जानकारी देख सकते हैं,
  4. आधार कार्ड के अनुसार अपना नाम सही कर सकते हैं,
  5. योजना के लिए पात्रता जान सकते हैं साथ ही हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल करके मदद प्राप्त कर सकते हैं |

क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000/-रूपए प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है और इस वित्तीय लाभ को 2000 रुपये की 3 किस्तों में प्रत्येक 4 माह में प्रदान किया जाता है। धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक 1.38 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।

10 लाख की सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना हेतु करवाएं दस्तावेजों का सत्यापन

हायरिंग केंद्र की स्थापना हेतु अभिलेखों का सत्यापन

किसानों के लिए चलाई जाने वाली कृषि यांत्रिक योजना में सबसे बड़ी योजना कस्टम हायरिंग योजना है | वर्ष 2021-22 के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 25 लाख रुपये तक की लागत से 10 लाख रुपये की सब्सिडी पर राज्य में 416 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना योजना के तहत इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित किए थे | आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2021 थी जिसे आगे बढाकर 6 अगस्त 2021 तक कर दिया गया था | इस दौरान जिन्होंने भी आवेदन किया था अब उन आवेदकों को दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा | जिसके पश्चात् चयनित लाभार्थियों की सूचि लॉटरी के माध्यम से निकाली जाएगी |

आवेदक कब करवा सकेंगे दस्तावेजों एवं बैंक ड्राफ्ट का सत्यापन

कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 06/08/2021 को समाप्त हो गई है | अब आवेदक बैंक ड्राफ्ट तथा अन्य दस्तावेज की फाईल बनाकर सत्यापित करवाना होगा | दस्तावेज सत्यापित करने की तिथियाँ जारी कर दी गई हैं | दस्तावेज की मूल कॉपी की एक फाईल तथा दो फोटो कॉपी की फाईल बनाकर जमा करना होगा | दस्तावेज सत्यापन की तिथि 9 अगस्त 2021 से 12 अगस्त 2021 तक प्रात: 10:30 से सायं 5:30 बजे तक निर्धारित की गई है |

आवेदक जिलेवार यहाँ करवाएं सत्यापन

कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए आवेदक 9 अगस्त से 12 अगस्त के बीच दस्तावेज की सत्यापन करना होगा | जिलों के अनुसार सत्यापन की तारीख अलग–अलग रखी गई है | इसके अलावा जिलों के अनुसार सत्यापन का स्थान भी अलग–अलग रखा गया है | जो इस प्रकार है :-

क्रं.
संभाग
निर्धारित तिथि
जिलों के नाम

1.

भोपाल संभाग

09/08/2021

भोपाल एवं राजगढ़

10/08/2021

विदिशा एवं रायसेन

11/08/2021

होशंगाबाद एवं हरदा

12/08/2021

बैतूल एवं सीहोर

2.

इंदौर संभाग

09/08/2021

इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार

10/08/2021

खरगोन, बड़वानी, खण्डवा एवं बुरहानपुर

11/08/2021

देवास, शाजापुर एवं आगर मालवा

12/08/2021

उज्जैन, रतलाम, मंदसौर एवं नीमच

3.

ग्वालियर संभाग

09/08/2021

ग्वालिर एवं दतिया

10/08/2021

भिण्ड एवं मुरैना

11/08/2021

श्योपुर एवं शिवपुरी

12/08/2021

अशोकनगर एवं गुना

4.

सागर संभाग

09/08/2021

सागर एवं दमोह

10/08/2021

टीकमगढ़ एवं निमाड़ी

11/08/2021

छतरपुर

12/08/2021

पन्ना

5.

जबलपुर संभाग

09/08/2021

जबलपुर एवं कटनी

10/08/2021

छिंदवाडा एवं सिवनी

11/08/2021

मंडला एवं नरसिंहपुर

12/08/2021

बालाघाट एवं डिंडोरी

6.

रीवा एवं शहडोल संभाग

09/08/2021

सीधी एवं सतना

10/08/2021

सीधी एवं सिंगरौली

11/08/2021

शहडोल एवं अनुपपुर

12/08/2021

उमरिया

कस्टम हायरिंग केंद्र हेतु चयनित लाभार्थियों की सूचि (List)

दस्तावेजों के सत्यापन के बाद राज्य के सभी आवेदक की जिले के अनुसार लॉटरी निकाली जायेगी | दिनांक 16 अगस्त 2021 को दोपहर 12:00 बजे से जिलों से संबंधित कृषि यंत्री / कार्यालय यंत्री के मुख्यालयों में (लॉटरी से जिलेवार निर्धारित की गई) जारी की जाएगी | इसके अगले दिन कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org पर देखी जा सकेगी |

31 अगस्त तक जमा करना होगा कस्टम हायरिंग केंद्र हेतु प्रोजेक्ट

संभाग में लॉटरी से चयनित आवेदकों हेतु दिनांक 20 अगस्त 2021 को कृषि यंत्री / कार्यालय यंत्री के संभागीय मुख्यालय पर प्रोजेक्ट निर्धारित संबंधित एक दिवसीय मार्गदर्शी शिविर का आयोजन किया जायेगा | लॉटरी से चयनित आवेदकों को सी.ए. के माध्यम से बनाये गये अपने प्रोजेक्ट संबंधित कृषि यंत्री / कार्यालय यंत्री कार्यालय में मार्गदर्शी शिविर के आगामी 10 दिवस में प्रस्तुत किये जाने होंगे | जिनकी अंतिम तिथि 31 अगस्त 2021 है |

कस्टम हायरिंग केंद्र योजना (CHC) के तहत दी जाने वाली सब्सिडी

CHC योजना के तहत कुल लागत 25 लाख रूपये रखी गई है | योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपये तक का “क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड” अनुदान दिया जा रहा है | अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार दिया जायेगा | इसके अलावा इस योजना पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जायेगा |

खेतों में सिंचाई के इन साधनों पर सरकार दे रही है 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी, अभी करें आवेदन

सिंचाई साधनों पर सब्सिडी हेतु आवेदन

कृषि क्षेत्र में सिंचित रकबा बढ़ाने एवं नीचे गिरते हुए भूमिगत जल को रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई नई योजनायें शुरू की है | हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के हित में एक अहम कदम उठाते हुए सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग करने वाले किसानों के लिए खास योजना तैयार की है। इससे जहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से किसान कम पानी में फसलों का अधिक उत्पादन ले सकते हैं वहीं पानी की बचत के साथ-साथ फसलों की सिंचाई पर होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है। योजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के लिए तालाब, सोलर पंप, मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप का निर्माण व स्थापना पर सब्सिडी दी जा रही है |

सरकार द्वारा सिंचाई साधनों पर दी जाने वाली सब्सिडी

योजना के बारे में जानकारी देते हुए सूक्ष्म सिंचाई व काडा के मुख्य अभियंता श्री बिजेन्द्र सिंह नारा ने बताया कि इस योजना का लाभ किसान व्यक्तिगत रूप से भी तथा कम से कम चार किसानों के समूह के रूप में ले सकते हैं।

व्यक्तिगत रूप में किसानों को वाटर टैंक के निर्माण पर 70 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार, किसानों के समूह को वाटर टैंक के निर्माण पर 85 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिप पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। वाटर टैंक की खुदाई पूरी होने पर सब्सिडी का 20 प्रतिशत, वाटर टैंक का निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत तथा लाभान्वित क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना पर 40 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा।

खेत में तालाब के लिए किसानों को उपलब्ध करवाना होगा जमीन

सूक्ष्म सिंचाई में प्रयोग होने वाले ‘ऑन फार्म पॉन्ड’ के लिए जमीन हिस्सेदारी किसानों को उपलब्ध करानी होगी। 25 एकड़ जमीन पर सूक्ष्म सिंचाई के लिए ‘ऑन फार्म पॉन्ड’ के लिए 2 कनाल जमीन की उपलब्धता करानी होगी। इस योजना के तहत खाल निर्माण व पुन: निर्माण के लिए खर्च की 99 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी बशर्ते खाल के हिस्सेदार अपने हिस्से की 1 प्रतिशत राशि जमा कराने के लिए तैयार हो।

सिंचाई साधनों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए कहाँ आवेदन करें

योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक पोर्टल  तैयार किया है, जिस पर किसान पंजीकरण कर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह योजना पुर्णतः ऑनलाइन एवं पारदर्शी है | सरकार के द्वारा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं किसान https://cadaharyana.nic.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | किसान आवेदन पत्र के लिंक पर मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड OTP प्राप्त होगा जिससे वह लॉग इन कर सकते हैं | किसान अधिक जानकारी के लिए सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण में सम्पर्क कर सकते हैं | योजनाओ की अधिक जानकारी हेतु हेल्पलाइन नम्बर 0172-2583940 पर 9.00 AM TO 5.00 PM संपर्क कर सकते है |

सिंचाई के इन साधनों पर सब्सिडी हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

9.5 करोड़ से अधिक किसानों को 9 अगस्त के दिन दी जाएगी पीएम किसान योजना की अगली किश्त

किसान सम्मान निधि योजना की 9वीं किश्त

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानो परिवारों को 6,000 रूपये प्रति वर्ष 3 किश्तों में दिए जाते हैं | इस योजना के तहत इस वित्त वर्ष किसानों को एक किश्त दी गई है जो योजना की शुरुआत से लेकर अभी तक 8वीं किश्त थी | इस वर्ष की दूसरी तथा योजना की कुल 9 वीं किश्त अब सभी लाभार्थी किसान परिवारों को दी जाएगी | योजना के तहत प्रत्येक वर्ष दूसरी क़िस्त अगस्त से नवम्बर माह के मध्य किसानों के बैंक खातों में दिए जाने का प्रावधान है | जो इस वर्ष की दूसरी तथा कुल 9 वीं किश्त 9 अगस्त को किसानों के बैंक खातों में दी जाएगी |

9 अगस्त को दी जाएगी अगली किश्त

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 9 अगस्त, 2021 को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की अगली किश्त जारी करेंगे। इसके माध्यम से 9.75 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 19,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का हस्तांतरण किया जा सकेगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री किसान लाभार्थियों से वार्तालाप करेंगे और राष्ट्र को भी संबोधित करेंगे।

किसानों को अब तक दी गई कुल किश्त

पीएम-किसान योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रूपए प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है और इस वित्तीय लाभ को 2000 रुपये की 3 किस्तों में प्रत्येक 4 माह में प्रदान किया जाता है। धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक 1.38 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। अभी तक देश में कुल किसानों को 9 किश्त दी गई है जो इस प्रकार है :-

  1. पहली किश्त दिसम्बर से मार्च 2018-19 के बीच : 3,16,06,468 लाभार्थी किसान परिवार
  2. दूसरी किश्त अप्रैल से जुलाई 2019-20 के बीच : 6,63,17,648 लाभार्थी किसान परिवार
  3. तीसरी किश्त अगस्त से नवम्बर 2019-20 के बीच : 8,76,18,133 लाभार्थी किसान परिवार
  4. चौथी किश्त दिसम्बर से मार्च 2019-20 के बीच : 8,95,54,527 लाभार्थी किसान परिवार
  5. पांचवीं किश्त अप्रैल से जुलाई 2020-21 के बीच : 10,49,23,825 लाभार्थी किसान परिवार
  6. छठवीं किश्त अगस्त से नवम्बर 2020-21 के बीच : 10,22,62,930 लाभार्थी किसान परिवार
  7. सातवीं किश्त दिसम्बर से मार्च 2020-21 के बीच : 10,22,28,468 लाभार्थी किसान परिवार
  8. आठवीं किश्त अप्रैल से जुलाई 2021-22 के बीच : 10,95,83,598 लाभार्थी किसान परिवार

मछली पालन क्षेत्र में 1 लाख रुपये का पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आवेदन करें

मछली पालन क्षेत्र में पुरस्कार हेतु आवेदन

किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा पशुपालन एवं मछली पालन करने वालों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है | जिससे किसान कम समय तथा कम भूमि में अधिक मुनाफा कमा सके | इसके लिए किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाता है | जिससे अधिक से अधिक किसान इन कार्यों में नवाचार को अपनाकर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आगे आयें |

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मत्स्य पालक, समूह, संस्था या संगठन को पुरस्कार देने जा रही है | इसके तहत एक वित्त वर्ष में मत्स्य क्षेत्र में उत्कृष्ट या कुछ नया करने वाले मत्स्य पालक या समूह को “श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार” योजना के तहत 1 लाख रूपये का पुरस्कार देने जा रही है | इसके लिए राज्य के मत्स्य पालक या संस्था से आवेदन मांगे गए हैं |

योजना के तहत इच्छुक व्यक्ति कब तक आवेदन कर सकते हैं ?

श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार योजना के लिए आवेदन अभी चल रहे हैं | योजना के तहत आवेदन राज्य के मछलीपालन विभाग के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं | छत्तीसगढ़ के मत्स्य पालक इस योजना के लिए 31 अगस्त 2021 तक आवेदन कर सकते हैं |

आवेदन के लिए पात्रता क्या है ?

  • छत्तीसगढ़ के कोई भी मत्स्य पालक, मत्स्य कृषक, सहकारी संस्थाएं और अशासकीय संगठन इस योजना के लिए पात्र है | मत्स्य पालक या संस्था एक से जायदा आवेदन नहीं कर सकता है |
  • मत्स्य पालक या संस्था 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच मत्स्य पालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है |
  • मत्स्य विकास कार्य क्षेत्र अंतर्गत मत्स्य बीज उत्पादन एवं संवर्धन (स्पान एवं स्टेंडर्ड फाई) मत्स्य उत्पादन (न्यूनतम 3000 किलोग्राम/हे.) समन्वित मछली पालन (मछली सह मुर्गी, बत्तख, सुकर, डेयरी पालन) मत्स्य पालन हेतु अतिरिक्त जल क्षेत्र का विकास, विलुप्त होने वाले मछलियों की प्रजातियों का संरक्षण एवं मछलियों के बिमारियों की रोकथाम हेतु किये गए अनुसंधान कार्य, मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवीं अनुसंधान कार्यों पर, मत्स्य उत्पादकता वृद्धि हेतु नवीन पद्धतियों का उपयोग करने वाले मत्स्य पालक |

आवेदन कहाँ से करना है ?

मत्स्य विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मत्स्य पालक / मत्स्य कृषक / सहकारी संस्थाएं / अशासकीय संगठन जिला स्तर पर मछलीपालन विभाग के जिला कार्यालय से निर्धारित तिथि के पूर्व आवेदन–पत्र नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं | आवेदन करते समय मत्स्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाली फोटो या वीडियों जरुर जमा करें | जिसके आधार पर आप का मुल्यांकन किया जायेगा |

अधिक जनकारी के लिए यहाँ संपर्क करें ?

श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार हेतु विकास जानकारी जिला स्तर पर पदस्थ मत्स्य विभाग के अधिकारी, विकासखण्ड स्तर पर मत्स्य निरीक्षक, सहायक मत्स्य अधिकारी से सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है | आवेदक अपने जिले के संयुक्त संचालक मछली पालन/ उप संचालक मछली पालन/ सहायक संचालक मछली पालन के पास जमा कर सकते हैं |

श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार योजना की विस्तृत जानकारी pdf डाउनलोड करें

अधिक वर्षा से खराब हुई फसलों का मुआवजा जल्द दिया जायेगा

अधिक वर्षा से फसल क्षति का मुआवजा

उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से बहुत अधिक बर्षा होने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते जहाँ जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो वहीं फसलों को काफी नुकसान हुआ है | देश के कई राज्यों के अलग-अलग जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है | जिसके कारण किसानों की खरीफ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है | इस देखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य में हुए फसलों की नुकसानी का सर्वे कराया है | इस सर्वे में राज्य के 12 जिलों में फसल नुकसानी की सुचना मिल रही है |

कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने प्रदेश में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे कर प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलवाकर राहत प्रदान करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विभाग की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक 3 लाख 69 हजार 174 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित होना आंका गया है।

किस जिले में कितनी फसल को हुआ है नुकसान

राजस्थान सरकार ने अतिवृष्टि से हुए फसलों की नुकसानी की जानकारी दी है | कृषि मंत्री के अनुसार राज्य में 3 लाख 69 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल की नुकसानी होने का अनुमान है | इसमें जिलों के अनुसार अलग–अलग फसलों खराब हुई है | प्रारंभिक सर्वे के अनुसार कोटा, बारां एवं बूंदी जिलों में सोयाबीन एवं उड़द एवं सवाई माधोपुर जिले में बाजरा एवं उड़द की फसल को काफी नुकसानी हुआ है |

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार:-
  1. कोटा जिले में 1 लाख 3 हजार 257 हेक्टेयर,
  2. बूंदी जिले में 99 हजार 26 हेक्टेयर,
  3. बारां जिले में 76 हजार 199 हेक्टेयर,
  4. सवाई माधोपुर 61 हजार 387 हेक्टेयर,
  5. जयपुर जिले में 2 हजार 920 हेक्टेयर,
  6. सीकर जिले में 3 हजार 992 हेक्टेयर,
  7. नागौर जिले में 7 हजार 357 हेक्टेयर,
  8. करौली जिले में 9 हजार 664 हेक्टेयर,
  9. टोंक जिले में 4 हजार 140 हेक्टेयर,
  10. भरतपुर जिले में 764 हेक्टेयर,
  11. झालवाड़ जिले में 398 हेक्टेयर,
  12. अलवर जिले में 70 हेक्टेयर |

राज्य में अतिवृष्टि से हुए फसलों की नुकसानी में सोयाबीन, उड़द तथा बाजरा प्रमुख फसल है | राज्य में सोयाबीन 1 लाख 60 हजार 264 हेक्टेयर एवं उड़द 98 हजार 660 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रभावित हुई है |

राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की स्थिति

राजस्थान इस वर्ष खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके तहत राज्य के 26,77,609 किसानों ने 55,55,360 हेक्टेयर के लिए बीमा कराया है | इसके लिए किसानों ने 302.15 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया है | राज्य में फसल बीमा के लिए 7 कंपनियों ने भाग लिया है |

फसल नुकसान होने पर किसान क्या करें

फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने जिस बीमा कंपनी से बीमा करवाया है किसान उस फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर 72 घंटे के अन्दर सूचित कर सकते हैं |  इसके अतिरिक्त किसान लिखित में 7 दिनों के अन्दर अपने बैंक अथवा बीमा एजेन्ट अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित कर अपनी फसलों का सर्वे करवा सकते हैं |

किसान एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड, 1800116515, एचडीएफसी एर्गो जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, 18002660700, बजाज एलाईंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, 18002095959, एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, 18001232310, फ्यूचर जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, 18002664141, यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योंरेस कम्पनी लिमिटेड, 18002005142 एवं रिलायंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, 18001024088 नम्बर पर सूचित कर सकते हैं।

रोजाना 50 किसान समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे खरीदी केन्द्रों पर मूंग

MSP पर मूंग की खरीद

ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी एक बार फिर से शुरू हो गई है, इसके लिए किसानों को एसएमएस द्वारा सुचना भी जारी की जाने लगी है | जैसा की मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती इस वर्ष बड़े पैमाने पर की गई थी जिसको देखते हुए सरकार ने इस वर्ष सभी किसानों से मूंग खरीदने का फैसला किया है | राज्य के 52 जिलों में से 30 जिलों में मूंग की खेती की गई है | 15 जून से शुरू हुए ग्रीष्म कालीन मूंग की खरीदी 1.34 लाख टन के लक्ष्य के बाद रोक दी गई थी | जिसे अब सरकार ने दोबारा से शुरू कर दिया है |

बहुत से किसानों के मूंग खरीदी से वंचित रह जाने के कारण राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए मांग की थी | जिसके बाद अब मूंग खरीदी के लक्ष्य को 2 लाख 47 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया है | जिसके बाद अब प्रदेश में दोबारा से मूंग खरीदी का कार्य शुरू हो गया है|

कितने लोगों को एसएमएस SMS किया जायेगा ?

मूंग की खरीदी के लिए प्रत्येक दिन 50 किसानों को एसएमएस किया जायेगा | इसमें 35 छोटे किसान तथा 15 बड़े किसानों को एसएमएस भेजा जायेगा | जिन किसानों को पहले एसएमएस किया गया था लेकिन पोर्टल बंद था उन किसानों को दुबारा एसएमएस भेजा जायेगा | एसएमएस 9 अगस्त तक किया जाएगा |

किसान कब तक बेच सकेंगे समर्थन मूल्य पर मूंग

मध्य प्रदेश में 15 जून से मूंग की खरीदी शुरू की गई थी | यह खरीदी 15 सितम्बर तक किया जाना था लेकिन मूंग की खरीदी लक्ष्य 1.34 लाख टन पूरा होने के बाद बंद कर दी गई थी | मध्य प्रदेश सरकार को अतिरिक्त 1 लाख 13 हजार मीट्रिक टन ग्रीष्मकालीन मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनुमति दी गई है। जिसके बाद प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की कुल खरीद का लक्ष्य 2 लाख 47 हजार मीट्रिक टन हो गया है |

राज्य में कुल ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन

राज्य में इस वर्ष 12 लाख 16 हजार टन मूंग का उत्पादन हुआ था | यह उत्पादन राज्य के 30 जिलों के 6 लाख 82 हजार भूमि में उत्पादन हुआ है | हरदा तथा होशंगाबाद ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पदान में सबसे ज्यादा है | दोनों जिलों को मिलाकर 3 लाख 33 हजार मूंग की उत्पादन हुआ है |

जानिए कैसी रहेगी अगस्त एवं सितम्बर महीने में मानसूनी वर्षा

अगस्त-सितम्बर माह के लिए मानसून पूर्वानुमान

इस वर्ष अभी तक मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहने से देश के कई जिलों में अधिक बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है तो वहीँ कई जिलों में सूखे की स्थिति बनी हुई है | जिसका सीधा असर किसानों की खरीफ फसलों पर देखा गया है | इस वर्ष भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने मानसून सीजन में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद अपने पहले के पूर्वानुमान में ही बता चूका है | साथ ही पूर्वानुमान के अनुसार ही जून में सामान्य से अधिक वर्षा एवं जुलाई माह में सामान्य या सामान्य से कम वर्षा का अनुमान लगाया गया था जैसा की हमने अभी तक देखा | अब मौसम विभाग ने आने वाले दो महीनों अगस्त एवं सितम्बर के लिए मानसूनी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है |

देश भर में 2021 अगस्त माह के लिए वर्षा सम्भावित पूर्वानुमान

पूरे देश में अगस्त 2021 की औसत वर्षा सामान्य दीर्घावधि औसत LPA का 94 से 106 फीसदी होने की सम्भावना है | जो कि 1961-2010 की अवधि में पूरे देश में अगस्त की वर्षा दीर्घावधि औसत LPA का 258.1 मि.मी. है | पूर्वानुमान के अनुसार मध्यभारत के कई क्षेत्रों और उत्तर पश्चिम के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम से लेकर सामान्य वर्षा होने की सम्भावना है | प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है |

monsoon forecast august 2021

 

चित्र में दिए अनुसार अगस्त माह में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के कुछ जिलों, छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा के कुछ जिलों में, तटीय महारष्ट्र के जिलों में एवं पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है वहीँ गुजरात में सामान्य बारिश का अनुमान है | इसके अलावा पश्चिमी एवं मध्य मध्यप्रदेश के जिलों, झारखण्ड के कुछ जिलों एवं राजस्थान के कुछ जिलों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है |

देश भर में 2021 अगस्त+सितम्बर माह के लिए वर्षा सम्भावित पूर्वानुमान

इस वर्ष पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दुसरे भाग अगस्त एवं सितम्बर की अवधि के दौरान समूचे देश में वर्षा सामान्य होने का अनुमान अधिक है | इस दौरान देश में दीर्घावधि औसत LPA का 95 से 105 फीसदी होने की सम्भावना है | जो कि 1961-2010 की अवधि में पूरे देश में अगस्त की वर्षा दीर्घावधि औसत LPA का 428.3 मि.मी. है | इस दौरान देश के उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के भागों के कई क्षेत्रों में सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे वर्षा होने की सम्भावना है वहीँ प्रायद्वीपीय भारत और उससे सटे मध्य भारत के अधिकांश भागों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है |

monsoon forecast august+september

 

चित्र में दिए अनुसार अगस्त एवं सितम्बर दो महीनों में तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के कुछ जिलों, महाराष्ट्र, पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों में, राजस्थान के कुछ जिलों में, झारखण्ड के कुछ स्थानों पर पश्चिमी उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड के कुछ जिलों में जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है | वहीँ उत्तरी राजस्थान के कुछ जिलों में, बिहार, छतीसगढ़ उड़ीसा, हरियाणा,पूर्वी उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर राज्यों में इस दौरान सामान्य या सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना अधिक है |