मछली पालन के लिए सरकार दे रही है 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी, अभी ऑनलाइन आवेदन करें

मछली पालन पर सब्सिडी हेतु ऑनलाइन आवेदन

किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने तथा मछली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रधान मंत्री के द्वारा नीली क्रांति की शुरुआत की गई है | इसका उद्देश्य देश की मत्स्य पालन की  क्षमता के एकीकृत विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना, स्थिरता, जैव – सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय की स्थिति में पर्याप्त सुधार करना है | बिहार सरकार ने इस योजना के तहत प्रदेश के ईच्छुक किसानों से आवेदन माँगा है इसके तहत जो किसान भाई मछली पालन पर सब्सिडी चाहते हैं आवेदन कर सकते हैं | जिसका फार्म आनलाईन भरा जा रहा है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

मछली पालन योजना किस राज्य के लिए है ?

 यह योजना केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा चलाइ जा रही है लेकिन अभी यह आवेदन केवल बिहार राज्य के किसनों के लिए है |

मिशन

  1. नीली क्रांति मिशन योजना का गठन देश के अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य पालन की पूरी क्षमता के दोहन के लिए इसे एक पेशेवर आधुनिक विश्व स्तरीय उधोग के रूप में विकसित करना है |
  2. देश के मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय को दुगना करना सुनिश्चित करना है |
  3. मछली पकड़ने के उधोग की स्थिरता को सक्षम करने के लिए जैव सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित चिंताओं का समाधान सुनिश्चित करना है |

उद्देश्य

  1. अंतर्देशीय और समुद्री क्षेत्र दोनों में देश की कुल मछली की क्षमता को पूरी तरह से टैप करने और 2020 तक उत्पादन को तिन गुना करने के लिए |
  2. नई तकनीकों और प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ मत्स्य उधोग को एक आधुनिक उधोग के रूप में बदलना |
  3. ई – कामर्स और अन्य प्रौधोगिकियों और वैश्विक सर्वोतम नवाचारों शीत उत्पादकता और बेहतर विपणन के बाद के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ मछुआरों को मत्स्य किसानों की आय को दुगना करना | आय बढ़ाने में मछुआरों और मछली किसानों की समावेशी भागीदारी सुनिश्चित करना |
  4. सहकारी, उत्पादक कंपनियों और अन्य संरचनाओं और अन्य संरचनाओं में संस्थागत तंत्र के माध्यम से फिशर और मत्स्य किसानों को लाभ के प्रवाह पर धयन देने के साथ 2020 तक निर्यात आय को तिगुना करना |
  5. देश की खाध और पोषण सुरक्षा को बढ़ाना |

मछली के लिए कितने योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ?

मत्स्य पालन तथा विक्री से संबंधित 9 योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं | यह सभी योजना इस प्रकार है |

  1. जलकर / तालाब में मत्स्य पालन
  2. मत्स्य बीज उत्पादन / विक्रेता
  3. मत्स्य दवा एवं रसायन के विक्रेता
  4. मत्स्य बीज हैचरी के मालिक (मत्स्य बीज उत्पादन)
  5. फीड मील मालिक (फीड उत्पादन) / विक्रेता
  6. मछली के खुदरा विक्रेता
  7. मछली के थोक विक्रेता
  8. अलंकारी मछली का उत्पादन / विक्री एवं एकेरियम निर्माण
  9. मत्स्य पालन / विपणन से संबंधित उपकरण के विक्रेता

मछली पालन के लिए कितनी सब्सिडी दी जाएगी

 इस सभी योजना में सब्सिडी अलग – अलग है | इसके लिए योजना तथा लागत को देखा जायेगा लेकिन सभी योजना पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दिया जा रहा है जी लगभग 50 हजार से 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दिया जा रहा है |

इसका आवेदन कहाँ से करें ?

इसका आवेदन किसान भाई ऑनलाइन कर सकतेहै जिसका लिंक दिया जा रहा है | इसके लिए ईच्छुक किसान आज ही आवेदन करें |

मछली पालन पर अनुदान लेने के लिए अभी ऑनलाइन आवेदन हेतु क्लिक करें 

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अब किसान किसी भी मंडी में अपनी उपज ऑनलाइन बेच सकेंगे

किसान फसल ऑनलाइन बेचने के लिए ई- मंडी पर पंजीयन करवाएं

एक देश , एक मंडी तथा एक लाईसेंस के निति के तहत वर्ष 2016 में शुरू की गई ई – मंडी योजना अलग – अलग राज्यों में शुरू किया जा रहा है | इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा ई-नाम इस मंडी के तहत देश के सभी मंडी को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है | इससे एक ही जगह से व्यापारी सभी मंडीयों को जोड़ सकता है | इसके लिए किसनों के सभी मंडी में बोली लगा सकता है | इसी के तहत सरकार ने ई – मंडी के तहत अपने मंडियों को जोड़ा है | इससे किसान तथा व्यापारी दोनों को मुनाफा होगा | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

ई – मंडी क्या है ?

ई – मंडी वर्ष 2016 से शुरू किया गया है | इसका मकसद यह है की देश के सभी किसान को देश के सभी मंडी से जोड़ा गया है | इसके तहत किसान तथा व्यापारी दोनों ऑनलाइन किसी भी मंडी में अपना फसल बेच तथा खरीद सकते हैं | इसके लिए व्यापारी को सभी मंडी में ई पंजीयन करना होगा इसी तरह किसानों को भी ऑनलाइन पंजीयन करना होगा |

हरियाणा में ऑनलाइन मंडी योजना कब से शुरू होगी ?

  • हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज मुख्यमंत्री निवास पर हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के ई – पोर्टल को लांच किया | इस पोर्टल के माध्यम से लोग अब प्रदेश की मंडियों में वाणिज्यिक स्थलों को ऑनलाइन बोली द्वारा खरीद सकेंगे |
  • इसके तहत कितने मंडी को जोड़ा जा रहा है |
  • अभी हरियाणा सरकार प्रदेश के 24 मंडी को ई-मंडी से जोड़ रही है  आगे और भी मंडियों को जोड़ने की योजना है |

इसमें जुड़ने के लिए व्यापारी पंजीयन कैसे करें ?

व्यापरियों को इस ई–मंडी से जुड़ने के लिए ऑनलाइन बोली में भाग लेना होगा | इसके लिए राज्य सरकार 3 सितम्बर 2019 से ऑनलाइन खुली बोली शुरू करेगी | जिसका समय सुबह 10:00 बजे से सायं 3:00 बजे तक रहेगा | यह खुली बोली करने की यह शुरुआत सुचना प्रौधोगिकी फल के तहत राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता लाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है |

ई–पोर्टल क्या है ?

प्रदेश सरकार ने मंडी से जुड़ने के लिए ई- पोर्टल की शुरुआत किया है जो इस इस प्रकार है :- https://hsamb.procure247.com/hsamb/ | अब कोई भी व्यक्ति जो 24 में से किसी भी मंडी या सभी 24 मंडी में दुकान खरीदना चाहता है तो उसे इस पोर्टल पर पहले पंजीयन करना होगा |

हरियाणा ई-मंडी पोर्टल पर पंजीयन हेतु क्लिक करें 

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ऐसे जुड़े मात्र 55 रुपये में किसानों के लिए चल रही पेंशन योजना से

किसान पेंशन योजना

देश के किसानों के लिए पहली बार पेंशन की व्यवस्था किया गई है | इसके लिए किसानों को सरकारी कर्मचारियों की तरह ही प्रति माह पैसा लिया जायेगा | केंद्र सरकार ने जितना पैसा किसानों से लेगी उतना ही पैसा सरकार भी प्रति माह देगी | यह पैसा 60 वर्ष की उम्र तक पैसा जमा करना होगा लेकिन सभी उम्र के किसान होने कारण प्रीमियम भी अलग – अलग रखा गया है |

क्या है किसान मानधान योजना

केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना संचालित किया जा रहा है | इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर लघु और सीमांत किसानों को 3,000 रूपये की मासिक पेंशन दिया जायेगा | इस योजना का लाभ लेने के लिए 18 से 40 वर्ष के पंजीकृत किसानों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने तक उनकी आय के अनुसार 55 रूपये से 200 रूपये प्रतिमाह पेंशन निधि में अंशदान जमा करना होगा | इस योजना के तहत 29 वर्ष को आधार मन गया है तथा इस आयु वर्ग के किसानों के लिए प्रत्येक माह 100 रुपया प्रति माह 60 वर्ष की उम्र तक जमा करना होगा | केंद्र सरकार पेंशन निधि में किसानों द्वारा जमा की गई राशि के बराबर धनराशि अपनी और से देगी | यह योजना 9 अगस्त 2019 से बिहार में भी लागु हो गई है |

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों के निबंधन कराने हेतु दिनांक 22 से 24 अगस्त 2019 तक पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाए जायेगा | जिसमें वसुधा केंद्र , कामन सर्विस सेंटर के द्वारा किसानों का नि:शुल्क निबंधन किया जायेगा | इन तीन दिनों में राज्य के प्रत्येक पंचायत में इस कार्य के लिए शिविर आयोजन किया जायेगा तथा इस शिविर में अधिक–से–अधिक संख्या में किसानों को निबंधन कराने हेतु उन्हें जागरूक एवं प्रेरित करने का काम कृषि विभाग के कर्मी यथा – कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार से समन्वय करते हुये जिला कृषि पदाधिकारी को अपने स्तर से जिला पदाधिकारी से समन्वय करते हुये जिला स्तर पर भी इस योजना के व्यापक प्रचार – प्रसार की व्यवस्था करने का निदेश दिया गया है |

इस कम के लिए सभी कृषि समन्वयन एवं किसान सलाहकार को इस कार्य में अपेक्षित प्रगति करने हेतु जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देशित किया जा चूका है |

मानधन योजना आवेदन कहाँ से करें ?

इस योजना के लिए पंचायत स्तर पर स्थापित वसुधा केंद्र , कमान सर्विस सेंटर द्वारा किसानों का नि:शुल्क पंजीकरण किया जा रहा है | किसान भाई – बहनों से अपील किया की अपने नजदीक के वसुधा केंद्र , कमान सर्विस सेंटर पर जाकर नि:शुल्क अपना पंजीकरण कराकर अधिक – से -अधिक संख्या में इस योजना का लाभ उठायें |

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किसानों को अब डीजल अनुदान योजना में और अधिक पैसा दिया जायेगा

डीजल अनुदान योजना में अब ज्यादा पैसा दिया जाएगा

खरीफ, 2019 में अनियमित मानसून / सूखे / अल्पवृष्टि की जैसी स्थिति में फसलों के अधिक से अधिक उत्पादन करने के लिए डीजल चालित पम्पसेट से फसलों की सिंचाई के लिए 50 रूपये प्रति लीटर डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है , जिसे बढ़ाकर अब 60 रूपये प्रति लीटर करने की करवाई की जा रही है | किसानों को मिलने वाले अनुदान में विलंब को देखते हुये तीसरे कृषि रोड मैप में ऑनलाइन समयबद्ध अनुदान भुगतान की व्यवस्था की गई है | डीजल अनुदान की प्रक्रिया पूर्व के वर्षों में जटिल रहने के कारण समय से अनुदान नहीं मिलने की शिकायत किसानों की रही है | जिसके कारण डीजल अनुदान के लिए आवेदन देने से लेकर अनुदान वितरण तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है | सभी आवेदन करने के 25 दिनों के अन्दर ही डीजल अनुदान देने की व्यवस्था की गई है | इसे और सरलीकरण करने के विभाग प्रयासरत है |

पिछले वर्ष की भ्रान्ति खरीफ फसलों के एक एकड़ क्षेत्र में एक सिंचाई के लिए 10 लीटर डीजल खपत अनुमान के अनुसार प्रति एकड़ प्रति सिंचाई की दर से अनुदान होगा | एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने एवं जुट फसल की 2 सिंचाई के प्रति एकड़ की दर से तथा धान, मक्का अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी , तेलाहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे हेतु एक ही खेत के लिए अधिकतम 3 सिंचाई के लिए प्रति एकड़ की दर से डीजल पर अनुदान का भुगतान किया जायेगा |

यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को देय होगा | अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा | नाबार्ड फेज 8 में निर्मित राजकीय नलकूप जो किसानों / किसान समिति के द्वारा परिचलित किए जाते हैं उनके द्वारा भी डीजल क्रय कर सिंचाई करने पर अनुदान का लाभ दिया जा सकेगा |

अब तक 86,00,816 किसनों ने अपना डीजल अनुदान ऑनलाइन पंजीकरण कराया है | साथ ही बिहार राज्य के 4,08,147 किसानों द्वारा अब तक खरीफ में डीजल अनुदान के लिए आवेदन किया गया है | आवेदन करने की सिलसिला अभी जारी है | इस योजना की पूरी जानकारी इस प्रकार है :-

डीजल अनुदान योजना किस राज्य के लिए है ?

योजना पिछले कई वर्षों से बिहार राज्य में चलाया जा रही है | इस योजना का लाभ केवल बिहार के किसान उठा सकते हैं |

दुसरे खेत में खेती करने वाले किसान को लाभ कैसे मिलेगा ?

वैसे किसान, जो दुसरे की जमीन पर खेती करते हैं, उन्हें प्रमाणित / सत्यापित करने के लिए उनके वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक / किसान सलाहकार के द्वारा संयुक्त रूप से उनकी पहचान की व्यवस्था होगी  सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जायेगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही डीजल अनुदान का लाभ मिले |

डीजल योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें ?

इस योजना का लाभ ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा | इसके लिए किसान को DBT बिहार में पंजीयन करना जरुरी है | जिससे अनुदान का पैसा सीधे किसान के खाते में पहुँच सके |

पैसा कितने दिनों में दे दिया जायेगा ?

इस बार बिहार सरकार ने यह दावा किया है की आवेदन के 25 दिन के अन्दर में ही सभी किसानों को डीजल अनुदान का पैसा दे दिया जायेगा लेकिन सरकार इससे भी वेहतर करने में लगा हुआ है |

डीजल अनुदान योजना में पंजीकरण के लिए क्लिक करें

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सिंचाई हेतु डीजल पम्प, पाईप लाईन सेट एवं स्प्रिंकलर सेट सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करें

डीजल पम्प, पाईप लाईन सेटएवं स्प्रिंकलर सेट अनुदान

अभी तक राज्य सरकार किसानों को सिंचाई के लिए स्प्रिंकल , पाईप, ड्रिप इत्यादी कृषि यंत्र देती थी लेकिन पहली बार सिंचाई के लिए पम्प सेट दे रही है | इसका मुख्य कारण यह भी है की किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में बोर तथा कुँए से पानी निकालने के लिए कृषि उपकरण नहीं रहने के कारण सिंचाई के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था | पानी की जरूरत तथा घटते जल स्तर को ध्यान में रखते हुये सरकार किसानों के लिए सिंचाई हेतु डीजल पम्प स्प्रिंकल सेट, पाईप सेट दे रही है | यह सभी किसनों को सब्सिडी पर दिया जा रहा है | इसके लिए किसानों को आनलाईन आवेदन करना होगा | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

यह योजना किस राज्य के लिए है ?

यह योजना देश के सभी राज्यों में लागू है परन्तु अभी सिर्फ मध्यप्रदेश के किसान आवेदन कर सकते हैं | यह योजना राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन (आँइल सीड्स एंड आँइल पाम) के अंतर्गत आता है |

यह सिंचाई यंत्र किसान सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं-

सिंचाई यंत्रो के लिए आवेदन कब कर सकेगें

मध्यप्रदेश राज्य के सभी वर्ग के किसान इन सिंचाई यंत्रों के लिए आवेदन 22 अगस्त 2019 को ई-डी.बी.टी. पोर्टल पर दोपहर 12 बजे से आवेदन कर सकेगें | जो भी इच्छुक किसान हैं दी गई दिनांक को आवेदन कर सकते हैं |

सिंचाई यंत्र आवेदन करते समय यह दस्तावेज साथ रखें

  1. आधार कार्ड की कॉपी
  2. बैंक पासबुक के प्रथम प्रष्ठ की कॉपी
  3. जाति प्रमाण पत्र ( केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों हेतु )
  4. बिजली कनेक्शन का प्रमाण जैसे बिल

सिंचाई यंत्र सब्सिडी पर लेने के लिए नियम एवं शर्तें:

मध्यप्रदेश के वहीँ किसान आवेदन कर सकते हैं जिनके पास स्वयं की भूमि हो | इस आवेदन के 7 दिवस के अन्दर कृषक द्वारा निम्न अभिलेख ऑनलाइन अपलोड करने होंगे | जिसके आधार पर क्रय कर स्वीकृति आदेश जारी होगा तथा कृषक सामग्री को क्रय कर सकेगें |

कृषकों को यह भी अवगत कराया जाता है कि विक्रेता  द्वारा  काटे गये बिल (देयक) पर लिखी गई कीमत  के अतिरिक्त प्रकरण पास कराने, जल्दी कार्यवाही कराने जैसे कारणों के लिये किसी भी राशि का भुगतान किसी को भी नहीं किया जावे। शासन द्वारा ऑनलाईन प्रक्रिया पूर्णतः निर्धारित है तथा पारदर्शी है जिसमें सभी तरह की जानकारी तथा प्रकरणों की स्थिति स्पष्ट रूप से पोर्टल पर ही सभी के द्वारा देखी जा सकती है। यदि किसान भाईयों को कोई शिकायत है तो वे [email protected] पर अवगत करा सकते है।

सिंचाई यंत्रों के लिए आवेदन कैसे करें

मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन किसान भाई ऑनलाइन कर सकते हैं  परन्तु सभी किसान भाइयों को यह बात ध्यान में रखना होगा की आवेदन के समय किसानों को उँगलियों के निशान देना होता है इसलिए सभी किसान भाई किसी पंजीकृत बायोमेट्रिक मशीन जिस कीओस्क पर हो वहीँ से आवेदन करें अथवा डीलर की मदद लें |

सिंचाई यंत्र अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन के लिए क्लिक करें

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डीएपी, यूरिया एवं एनपीके खाद के दामों में भारी कटौती, जाने क्या है नए दाम

डीएपी, यूरिया एवं एनपीके खाद के नए दाम

खेती में लागत कम करने के उद्देश्य से IFFCO ने उर्वरक के मूल्य में की कटौती कर दी है | इन उर्वरक में DAP, NPK, NP के उर्वरकों को शामिल किया गया है | इसकी घोषणा तमिलनाडु में IFFCO के एमडी और सीईओ यू एस अवस्थी ने की | IFFCO देश की सार्वजनिक क्षेत्र की एक मात्र कंपनी है जो देश में 5 करोड़ किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराता है | इस बार उर्वरक IFFCO ने जो मूल्य कम क्या है वह पोटेशियम युक्त उर्वरक में किया है |

IFFCO के तरफ से किया हुआ इस घोषणा को 15 अगस्त के स्वतन्त्रता पर दिया हुआ तोफा माना जा रहा है | अब जो कंपनी इस उर्वरक को भेजेगा तो नयी दर प्रिंट किया हुआ रहेगा | यह दर आज से ही लागु हो गया है | यहाँ पर इस बात का ध्यान रखना होगा कि पहले से उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर जो उर्वरक बेचा जा रहा है उसे पहले से प्रिंट रेट पर ही दिया जायेगा |

नया मूल्य क्या रहेगा ?

पहले का मूल्य तथा 50 रुपया कम करने के बाद का मूल्य इस प्रकार रहेगा |

  1. DAP का पहले से मूल्य 1400 रुपया प्रति पैकेट था, जिसे पहले ही घटाकर 1300 किया गया है अब इस पर 50 रूपये की कटौती किया गया है | जो घटकर 1250 रुपया प्रति पैकेट हो गया है |
  2. NPK-1 उर्वरक का पहले दाम 1365 रुपया प्रति पैकेट था , जिसे घटकर 1250 रुपया प्रति पैकेट कर दिया गया था | अब इसमें 50 रुपया की कटौती कर नयी दर 1200 रुपया प्रति पैकेट कर दिया गया है |
  3. NPK – 2 उर्वरक का पहले मूल्य 1260 रुपया प्रति किवंटल था , जिसे 50 रुपया की कटौती कर 1210 रुपया प्रति पैक्ट कर दिया गया |
  4. NP उर्वरक का मूल्य पहले 1000 रुपया प्रति पैकेट था जिसमें 50 रुपया की कटौती कर 950 रुपया प्रति पैकेट कर दिया गया है |

क्या है DAP?

डीएपी का पूरा नाम डाइअमोनिया फास्फेट (diammonium phosphate) होता है | यह एक दानेदार उर्वरक है |इस उर्वरक में आधे से ज्यादा हिस्सा फास्फोरस युक्त होता है जो पानी में पूरी तरह से घुलनशील नहीं होता है | इस उर्वरक का मुख्य उपयोग पौधों को जड़ो की विकाश कराने में किया जाता है |

क्या है NPK ?

NPK उर्वरक में नाईट्रोजन , फास्फोरसतथा पोटेशियम तीनों मौजूद रहता है | यह दानेदार उर्वरक होता है | इस उर्वरक का प्रयोग पौधे के विकास तथा मजबूती के लिए किया जाता है साथ ही पौधे से फल को गिरने से बचाया जाता है |

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यह कृषि यंत्र सब्सिडी पर चाहिए तो आवेदन करें

कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन

खेती में दिन प्रतिदिन मजदूरों के नहीं मिल पाने तथा अधिक मजदूरी से छुटकारा पाने के लिए कृषि कार्यों के लिए आधुनिक मशीनों का प्रयोग करना उचित है जैसे धान तथा गेंहू को काटकर बंडल बना देने वाली मशीन | इस मशीन को रीपर बाइंडर कहते हैं जो फसल को 5 से.मी. ऊपर से काटकर बंडल बना देता है | जिसे आसानी से थ्रेस्रिंग किया जा सकता है |

दूसरा यंत्र सरकार दूसरी यंत्र क्लीनर – कम – ग्रेडर के लिए भी आवेदन मांगें गए है | पहले भी सरकार इन सभी यंत्रों पर आवेदन माँगा था जिसे दूसरी बार फिर से इस यंत्र के लिए मध्य प्रदेश कृषि विभाग आवेदन माँगा है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

यह योजना किस राज्य के लिए है ?

 यह योजना पूरी तरह से मध्य प्रदेश राज्य के लिए है |

कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन कब करना है ?

 मध्य प्रदेश कृषि विभाग यह दोनों यंत्रों के लिए 20 अगस्त 2019 को दोपहर 12:00 बजे से आवेदन आमंत्रित किया है | इसके लिए राज्य के सभी जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं | किसान भाई कृषि यंत्रों के लिए आवेदन के लिए ई- कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर आवेदन करें |

रीपर बाइंडर और क्लीनर – कम – ग्रेडर के लिए कौन से किसान पात्र होगें ?

इन सभी कृषि यंत्रों के लिए सभी वर्ग तथा श्रेणी के किसान पात्र है | केवल वे ही कृषक पात्र होंगे जिन्होंने गत 5 वर्षों में उक्त यंत्रों के क्रय पर विभाग की किसी भी योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं किया है |

रीपर बाइंडर और क्लीनर कम ग्रेडर पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

सभी वर्ग के किसानों को अलग अलग सब्सिडी दी जाती है यह किसानों को उनकी जाती के अनुसार एवं उनके पास कितनी भूमि है उसके अनुसार दी जाती है अतः किसान को कितनी सब्सिडी दी जाएगी यह किसान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर पर देख सकते हैं |

रीपर बाइंडर और क्लीनर कम ग्रेडर सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें 

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इस नई योजना के तहत सरकार सभी किसानों को देगी 25 हजार रुपए

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 25,000 रूपए

किसानों को लागत मूल्य के डेढ़ गुना देने की जगह सरकार ने किसानों की लागत कम करने में लगी हुई है | इसका मुख्य उद्देश यह है कि किसानों को आय का 50 प्रतिशत मुनाफा दिया जाये | इस क्रम में झारखंड सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शरुआत की है | इसके तहत प्रदेश के किसानों को धान की खेती के लिए प्रति एकड़ 5 हजार रुपया देने का फैसला किया है | यह योजना अपने आप में देश की पहली योजना है जिसके तहत किसी खास फसल के लिए किसानों को सहायता राशि दिया जा रहा है | इस योजना की पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

क्या है 25 हजार रुपए के लिए योजना ?

झारखंड सरकार ने प्रदेश के धान के किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शरुआत की है | इस योजना के तहत प्रदेश के सभी किसानों को सीधे उसके खाते में 5,000 रुपया प्रति एकड़ दिया जायेगा जो अधिकतम 5 एकड़ के लिए रहेगा | यानि एक किसान को अधिकतम 25,000 रुपये तक दिए जाएंगे |

इस योजना से कितने किसानों को फायदा होगा 

यह योजना पुरे प्रदेश के लिए है | इसके तहत प्रदेश के 35 लाख किसानों को सीधे लाभ दिया जायेगा | इस योजना पर पहले वर्ष में प्रदेश सरकार 3,000 करोड़ रुपया खर्च कर रही है | पहले राउंड में 13.60 लाख किसानों को 442 करोड़ रुपया दिया जा रहा है | कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश में 83 प्रतिशत किसानों के पास 2 एकड़ तक भूमि है और 65 प्रतिशत किसानों के पास सिर्फ 1 एकड़ ही भूमि मौजूद है |

योजना का लाभ कैसे मिलेगा ?

यह योजना पूरी तरह से ऑनलाइन है इसके तहत सभी किसानों को DBT के माध्यम से पैसा दिया जायेगा | किसान भाई योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी इन्टरनेट कैफ़े से आवेदन कर सकते हैं |

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 25,000 रूपए लेने हेतु आवेदन हेतु क्लिक करें

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जाने क्या है पीएम किसान मानधन योजना ? कैसे करे इस योजना के लिए पंजीयन ?

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के लिए पंजीयन शुरू

केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने नई दिल्‍ली में कृषि भवन में एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि पीएम किसान मान धन योजना के लिए आज से पंजीयन की शुरूआत हो गई है। उन्‍होंने देश के किसानों से वृद्धावस्‍था पेंशन योजना में शामिल होने की अपील की। योजना से देश के छोटे व सीमांत किसानों का जीवन बेहतर होगा। प्रक्रिया से संबंधित निर्देश राजयों के साथ साझा किए जा चुके हैं |

 क्या है किसान मानधन योजना

योजना स्‍वैच्छिक और योगदान आधारित है। 18 से 40 आयु वर्ग के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 60 साल की आयु के पश्‍चात किसानों को 3000 रुपये प्रति महीने पेंशन देने का प्रावधान है। किसानों को 55 से 200 रुपये प्रति महीने का योगदान देना होगा। योजना से जुड़ने के समय उनकी आयु के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया जाएगा। किसान द्वारा दी जाने वाली राशि के बराबर की धनराशि का योगदान केन्‍द्र सरकार करेगी। पति और पत्‍नी भी अलग-अलग इस योजना का लाभ उठा  सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम को पेंशन कोष का फंड मैनेजर नियुक्‍त किया गया है। निगम पेंशन भुगतान के लिए जवाबदेह होगा।

इस योजना के योगदान कर्ता की मृत्‍यु होने पर उसकी पति/पत्‍नी शेष योगदान देकर योजना को जारी रख सकते हैं और पेंशन का लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। यदि पति/पत्‍नी योजना को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो ब्‍याज सहित कुल योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। यदि पति या पत्‍नी नहीं है तो नामित व्‍यक्ति को ब्‍याज सहित योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

यदि अवकाश प्राप्ति की तारीख के पश्‍चात लाभार्थी की मृत्‍यु हो जाती है तो उसकी पत्‍नी को पेंशन धनराशि का 50 प्रतिशत परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यदि लाभार्थी कम से कम 5 साल तक नियमित योगदान देते हैं और इसके बाद योजना को छोड़ना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में एलआईसी बैंक की बचत खाता ब्‍याज दर के आधार पर ब्‍याज सहित धनराशि का भुगतान करेगी।

 किसान मान धन योजना के तहत पंजीयन कैसे करें ?

पीएम किसान योजना में मिलने वाली धनराशि को किसान सीधे पेंशन योजना के योगदान राशि के रूप में भुगतान कर सकते हैं। यदि नियमित भुगतान में विलम्‍ब होता है या अल्‍प समय के लिए भुगतान रूक जाता है तो किसान ब्‍याज के साथ सम्‍पूर्ण पिछले बकाये का भुगतान कर सकते हैं। साझा सेवा केन्‍द्रों के जरिये इस योजना का पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीयन निशुल्‍क है। सरकार साझा सेवा केन्‍द्रों को प्रति पंजीयन 30 रुपये का भुगतान करेगी।

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कम्बाईन हार्वेस्टर सब्सिडी पर लेने के लिए अभी आवेदन करें

म्बाईन हार्वेस्टर पर अनुदान हेतु आवेदन

अन्य कृषि यंत्र योजनाएं

ऐसे तो सरकार किसानों को प्रत्येक माह में कुछ न कुछ कृषि यंत्र सब्सिडी पर देती है लेकिन जब बात बड़े कृषि यंत्र की आती है तो वह वर्ष में एक या दो बार ही दिया जाता है | इसके अलावा किसानों को दिया जाने वाला कृषि यंत्रों पर लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाते है | वर्ष 2019 – 20 में कम्बाईन हार्वेस्टर के क्रय करने के लिए किसानों का आवेदन माँगा गया है | प्रत्येक वर्ष यह किसानों को अप्रैल माह से मई के बीच ही दे दिया जाता था लेकिन इस वर्ष लोकसभा के चुनाव के कारण देर हो गई है | किसानों के लिए हार्वेस्टर आवेदन के लिए किसानों के लिए अलग – अलग लक्ष्य तथा वर्ग के आधार पर सब्सिडी भी अलग होती है जिसकी पूरी जानकारी किसान समाधान खास अपने किसान भाइयों के लिए लेकर आया है |

म्बाईन हार्वेस्टर आवेदन किस राज्य के लिए हैं ?

अभी यह योजना के लिए आवेदन मध्य प्रदेश राज्य के लिए हैं इसलिए मध्य प्रदेश के किसान ही केवल आवेदन करें |

हार्वेस्टर पर कितना अनुदान है ?

इस बार किसानों को हार्वेस्टर तीन तरह का दिया जायेगा | जिसमें सभी वर्ग के लिए सब्सिडी अलग – अलग है | अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी है तथा समान्य वर्ग के लिए अधिकतम 40 प्रतिशत तक का सब्सिडी है | पूरा विवरण इस प्रकार है :-

क्र.
कम्बाईन हार्वेस्टर का विवरण
कृषक श्रेणी
देय अनुदान

1.

कम्बाईन हार्वेस्टर

(स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम सहित)

सेल्फ प्रोपेल्ड 14 फीट कटरबार तक

लघु सीमांत, महिला, अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति

लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 8.56 लाख रुपया

अन्य वर्ग के कृषक

लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि 6.85 लाख रुपया

2.

कम्बाईन हार्वेस्टर (ट्रैक टाईप)

सेल्फ प्रोपेल्ड 6 – 8 फीट कटरबार तक

(स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम आवश्यक नहीं)

लघु सीमांत, महिला, अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति

लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 11.00 लाख रुपया 

अन्य कृषि वर्ग

लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि 8.80 लाख रुपया

3.

कम्बाईन हार्वेस्टर (ट्रैक टाईप)

सेल्फ प्रोपेल्ड 6 फीट कटरबार तक

(स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम आवश्यकता नहीं)

लघु सीमांत, महिला, अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति

लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 7.00 लाख रुपया

अन्य कृषिक वर्ग

लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि 5.60 लाख रुपया

आवेदन कब करें तथा चयन की प्रक्रिया क्या है ?

कम्बाईन हार्वेस्टर का आवेदन शुरू हो गया है | इसके लिए किसान 19 अगस्त 2019 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है | मध्य प्रदेश के सभी जिलों के लिए किसनों को 4 हार्वेस्टर दिए जायेंगे | लक्ष्य से अधिक प्राप्त आवेदनों की स्थिति में लाटरी द्वारा वरीयता सूचि तैयार की जायेगी | लाटरी की कार्यवाही दिनांक 22 अगस्त 2019 को दोपहर 12:00 बजे से संचालनालय में संपादित की जाएगी |

आवेदन की शर्ते क्या हैं ?

  1. आवेदन करने के लिए किसनों को कुछ शर्ते मान्य होगा जो इस प्रकार है :-
  2. सामान्य श्रेणी के किसनों को 1 लाख रुपया तथा अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के किसनों को 50 हजार रूपये का बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा |
  3. बैंक ड्राफ्ट संचालक कृषि अभियांत्रिक भोपाल के नाम से होना चाहिए | तथा इस बैंक ड्राफ्ट की स्केन कापी आनलाईन आवेदन में लगाना होगा तथा मूल बैंक ड्राफ्ट को उसके प्रमाण – पत्रों के सत्यापन के समय संबंधित सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में जमा करना होगा |
  4. योजनान्तर्गत आवेदक के प्रकरण में अन्तिम निराकरण अर्थात अनुदान स्वीकृति के उपरान्त 15 दिवस की अवधि में धरोहर राशि संबंधित को वापिस कर डी जायेगी | यह धरोहर राशि एम.पी. आनलाईन में आवेदन करने की पोर्टल फीस से पृथक होगी |
  5. एक आवेदक केवल एक ही आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा | एक से अधिक आवेदन की स्थिति में सभी आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा |
  6. आवेदक के स्वयं के नाम पर कृषि भूमि होना अनिवार्य है | इस हेतु ऋण पुस्तिका अथवा खसरे की प्रति आवेदन के साथ स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य रहेगा | संयुक्त खाते की स्थिति में यदि आवेदक के नाम भूमि का भाग स्पष्ट नहीं दर्शाया गया है तो संयुक्त खाते के संपूर्ण रकबे के अनुसार कृषक की श्रेणी का निर्धारण किया जायेगा | आवेदक को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य होगा |
  7. आवेदक को कम्बाईन हार्वेस्टर के क्रय हेतु ऋण लेने की बाध्यता होगी तथा ऋण की अदायगी हेतु 3 वर्षों का लाक – इन अवधि होगी अर्थात ऋण की संपूर्ण अदायगी 3 वर्षों के पूर्व नहीं की जा सकेगी | ऋण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा घोषित शेडयूल्ड बैंक अथवा एन.बी.एफ.सी. संस्थाओं से ही लिया जा सकेगा |
  8. उपयुक्त पाए गए आवेदनों को सहायता कृषि यंत्री द्वारा ऋण स्वीकृति हेतु आवेदक द्वारा चयनित संस्था / बैंक को अगेषित किये जावेंगे |
  9. ऋण स्वीकृति की सुचना प्राप्त होने पर आवेदक को कम्बाईन हार्वेस्टर को क्रय करने की अनुमति प्रदान की जायेगी | सेल्फ प्रोपेल्ड 14 फीट कटरबार वाले कम्बाईन हार्वेस्टर का क्रय स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के साथ किया जाना अनिवार्य होगा | योजनांतर्गत दोनों पर अनुदान देय होगा |
  10. आवेदक को अनुमानित प्राप्त होने के उपरान्त 30 दिवस में कम्बाईन हार्वेस्टर एवं स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का क्रय कर मूल देयक आर.टी.ओ. के पंजीयन एवं इंश्योरेंस की प्रति अपलोड जमा करानी होगी | सामग्री का क्रय ई – कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर प्रदर्शित एवं पंजीकृत निर्माताओं तथा उनके अधिकृत डीलरों के माध्यम से किया जाना अनिवार्य होगा |
  11. मूल देयक आर.टी.ओ. के पंजीयन एवं इंश्योरेंस की प्रति अपलोड होने के उपरांत संबंधित सहायक कृषि यंत्री द्वारा भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की जायेगी | भौतिक सत्यापन आवेदक के ग्राम में 10 दिवस की अवधि में किया जाएगा | यदि भौतिक सत्यापन के सामग्री ग्राम में नहीं पाई जाती हा तो प्रकरण निरस्त कर दिया जावेगा |
  12. भौतिक सत्यापन में उपयुक्त पाये गए प्रकरणों में अनुदान राशि का भुगतान आर.टी,जी,एस. के माध्यम से किया जाएगा | यदि कृषक द्वारा संपूर्ण राशि का भुगतान कर सामग्री का क्रय किया गया है तो अनुदान राशि कृषक के ऋण खाते में जमा कराई जाएगी | यदि कृषक द्वारा केवल अपने अंश की राशि का भुगतान करके सामग्री का क्रय किया गया है तो अनुदान राशि का भुगतान निर्माता के बैंक कहते में किया जावेगा | अनुदान राशि का भुगतान डीलर के बैंक खाते में नहीं किया जाएगा |
  13. क्रय किये जाने वाले कम्बाईन हार्वेस्टर एवं स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के निर्मताओं का पंजीयन संचालनाय कृषि अभियंत्रिकी में होना अनिवार्य रहेगा | संचालनालय में निर्माताओं द्वारा डी गई दरें ई – कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर प्रदर्शित की गई है जो अधिकतम है | आवेदक इन दरों पर गोल – भव करके क्रय की कार्यवाही कर सकते हैं |
  14. जो आवेदक इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करेंगे उन्हें आगामी 8 वर्षों तक पुन: समान सामग्री पर लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी | जिन आवेदकों द्वारा पूर्व में कम्बाईन हार्वेस्टर पर अनुदान का लाभ प्राप्त कर लिया गया है वे भी आवेदन हेतु पात्र नहीं होंगे |

सब्सिडी  पर हार्वेस्टर लेने के लिए किसान आवेदन कैसे करें ?

किसान भाई जो भी आवेदन करने के इच्छुक हैं MP ONLINE Portal पर जाकर आवेदन कर सकते हैं | इस बार मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हार्वेस्टर लेने हेतु आवेदन की प्रक्रिया mp ऑनलाइन को ही दी गई है |पहले यह आवेदन ई कृषि यंत्र अनुदान https://dbt.mpdage.org/Eng_Index.aspx   माध्यम से होते थे | किसान भाई अधिक  जानकरी के लिए किसान भाई 0755-6720200 पर कॉल करें

कम्बाईन हार्वेस्ट सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

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