इस किसान ने एक एकड़ गन्ने के खेत में कर दिया 30 क्विंटल प्याज का उत्पादन

गन्ने की खेती के साथ प्याज उत्पदान

खेती में कम लागत से अधिक आय प्राप्त करने के लिए आजकल सह-फसली खेती का चलन बढ़ता जा रहा है | जहाँ पहले किसान एक खेत से एक समय में एक ही फसल का उत्पादन प्राप्त करते थे वहीँ अब उसी खेत से एक ही समय में दो या उससे अधिक फसल का उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं | इससे किसान को यह फायदा होता है कि एक फसल के साथ एक अतिरिक्त फसल का उत्पादन प्राप्त होता है जिससे प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर अधिक आमदनी भी होती है | इसके अलावा उर्वरकों एवं पानी की खपत में बचत होती है तथा खरपतवार व रोग बीमारी के प्रकोप की संभावना भी कम हो जाती है |

आज आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे ही किसान सोहैल खान के बारे में बताते हैं जिन्होंने गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती कर सबको चौका दिया और सफलता प्राप्त करके न सिर्फ प्याज उत्पादन से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कि बल्कि गन्ने का विकास भी अच्छी तरह से किया |

किसान ने की एक एकड़ खेत में गन्ने के साथ प्याज की खेती

मध्य प्रदेश के छिंदवाडा जिले के चौराई तहसील के ग्राम आमाबोह में किसान सोहैल खान ने एक एकड़ गन्ने के खेत में प्याज की खेती की | किसान सोहैल ने बताया कि पहले से बोए गन्ने के खेत में जनवरी के प्रथम सप्ताह में प्याज की बुआई कर दी थी जिसके बाद अब पके हुए प्याज की खुदाई कर ली है | जिस समय प्याज बोया जा रहा था उस समय गन्ना बहुत छोटा था लेकिन प्याज के उत्पादन के साथ ही गन्ने भी करीब 2 से 3 फीट के हो गए हैं |

किसान को हुई 45 हजार रुपये की अतिरक्त आमदनी

सोहैल खान ने बताया की उन्होंने मई के अंतिम सप्ताह में पके हुए प्याज को खेत से निकला था, जिसका उत्पादन लगभग 30 क्विंटल हुआ है | उन्होंने ने बताया कि बाजार में अभी प्याज का मूल्य 15 रूपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है | इस हिसाब से उन्हें 45 हजार रूपये की अतिरिक्त आमदनी हो रही है |

किसान सोहैल खान ने बताया की गन्ने के खेत में प्याज कि खेती करने से प्याज की क्वालिटी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है तथा गन्ने का विकास पहले से अच्छा हुआ है |

किसानों और खेतिहर मजदूरों की दुर्घटना होने पर दिए जाएंगे इतने रुपये

मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना

कृषि कार्य करते हुए किसान कई बार किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं | ऐसी स्थिति में कभी-कभी या तो किसानों की मौत या शारीरिक क्षति या दिव्यांग हो जाते है | कृषि कार्यों में कृषि यंत्रों के उपयोग से दुर्घटना और अधिक बढ़ गई है, इसके साथ ही प्राकृतिक कारणों से भी कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं | इन परिस्थितियों में घर के कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु या स्थायी रूप से दुर्घटना का शिकार होने से आर्थिक विकास रुक जाता है |

किसानों के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई राज्य सरकारों के द्वारा योजनाएं चलाई जा रही हैं | इन राज्यों में अब हरियाणा भी शामिल हो गया है | हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों और मजदूरों के लिए “मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना” शुरू की है | योजना के तहत किसान एवं खेतिहर मजदूरों को दुर्घटना का शिकार होने पर सहायता राशि दी जाएगी |

दुर्घटना में मृत्यु या शारीरिक क्षति होने पर कितनी राशि दी जाएगी ?

राज्य में दुर्घटना के शिकार किसान या मजदुर को आर्थिक सहायता राशि तय कर दी गई है| इसमें मृत्यु के अलावा अलग–अलग शारीरिक क्षति होने पर सहायता राशि दिये जाने का प्रवधान है | इस योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर या शरीर के नुकसानी पर इस प्रकार सहायता राशि दिया जायेगा

  • मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये,
  • रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर 2.50 लाख रूपये,
  • दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1 लाख 87 हजार रुरुपये,
  • एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर 1.25 लाख रूपये
  • पूरी ऊँगली कटने पर 75 हजार रूपये,
  • आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रूपये की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है |

मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के लिए पात्रता

किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा राज्य के किसान तथा कृषि मजदुर को लाभ प्राप्त होगा | इस योजना के तहत 10 वर्ष से 65 वर्ष के किसान या मजदूर लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनकी दुर्घटना के कारण मृत्यु या शरीर का नुक्सान हुआ है |

किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत कब मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत निम्नलिखित दुर्घटनाओं में दिया जाएगा |

  • कृषि मशीनरी पर काम करते हुए या किसी औजार से दुर्घटनाग्रस्त होने पर (थ्रेसर चलाने के दौरान एसी दुर्घटना अधिक होती है |)
  • कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे करते समय मृत्यु होने पर
  • कृषि कार्य के दौरान करंट लगने एवं अग्नि संकट के दौरान मृत्यु होने पर
  • कृषि कार्य के दौरान सांप या जहरीले जीवों के काटने से मृत्यु होने पर

योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा ?

किसान या मजदुर कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतु दावा करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरुरी है | अगर किसान के शरीर का अंग खराब हो गया है उस अवस्था में प्रमाण पत्र व अंग हानि की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो काँपी दावे के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए | इसके अलावा, आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अन्दर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव को आवेदन करना होगा |

किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं खरीफ फसलों के उन्नत बीज

अनुदान पर खरीफ फसलों के बीज का वितरण

खरीफ फसल की बुवाई से पहले राज्य सरकारें उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दे रही है | जिससे किसान कम कृषि लागत में खरीफ फसल का अधिक से अधिक उत्पादन कर लाभ कमा सकें | इसके तहत झारखण्ड राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के उन्नत एवं प्रमाणित बीज किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर देने का फैसला लिया है | राज्य सरकार योजना के प्रति किसानों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए किसान रथ से प्रचार कर रही है | जिससे अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके |

राज्य के कृषि मंत्री बादल ने पूर्व में किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर बीज देने का वादा किया था लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से मदद नहीं मिलने के कारण 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर ही बीज दिया जा रहा है | किसान समाधान झारखंड में राज्य के किसानों को मिलने वाली खरीफ फसल के बीज की सब्सिडी की जानकारी लेकर आया है |

सब्सिडी के बाद किसानों को किन दामों पर मिलेंगे बीज

खरीफ फसल के सभी फसलों के बीजों पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है | फसलों के अलग अलग बीजों के दाम एवं अनुदान के बाद वह बीज किसानों को किस रेट पर दिए जाएंगे उसकी जानकारी इस प्रकार है:-

धान प्रमाणित के बीज पर अनुदान

प्रमाणित धान के बीज का सरकारी मूल्य 36.99 रुपये/ किलोग्राम है | इस पर राज्य सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 18.495 रुपये/किलोग्राम दे रही है | किसान को प्रमाणित धान का बीज 18.495 रूपये प्रति किलोग्राम मिलेगा |

धान संकर के बीज पर अनुदान

संकर धान का सरकारी मूल्य 31 रूपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है | इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 15.50 रुपये प्रति किलोग्राम दिया जा रहा है | किसान को यह बीज 15.50 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेगा |

मक्का के बीज पर अनुदान के बाद रेट

अभी मक्का क मूल्य सरकार ने 212 रूपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है | इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 106 रूपये प्रति किलोग्राम दी जा रही है | किसान को मक्का का बीज 106 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेगा |

अरहर के बीज पर अनुदान के बाद रेट

अभी अरहर का मूल्य 110 रूपये प्रति किलोग्राम राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है | इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 55.50 रूपये प्रति किलोग्राम दिया जा रहा है | किसान को सब्सिडी के बाद यह 55.50 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेगा |

उड़द के बीज पर अनुदान के बाद रेट

अभी उड़द का मूल्य 133 रूपये प्रति किलोग्राम राज्य सरकार ने निर्धारित किया है | इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 66.50 रूपये प्रति किलोग्राम दिया जा रहा है | किसान को उड़द का बीज 66.50 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेगा |

मूंग के बीज पर अनुदान के बाद रेट

अभी मूंग का मूल्य 145.00 रूपये प्रति किलोग्राम राज्य सरकार ने निर्धारित किया है | इस पर 50 प्रतिशत यानि 72.50 रूपये की सब्सिडी दिया जा रहा है | किसान को मूंग का बीज 72.50 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेगा |

मूंगफली के बीज पर अनुदान के बाद रेट

अभी मूंगफली के बीज का मूल्य राज्य सरकार के द्वारा 118.00 रूपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है | इस पर 50 प्रतिशत यानि 59.00 की सब्सिडी दिया जा रहा है | किसान को मूंगफली के बीज 59.00 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेंगे |

धान संकर के बीज पर अनुदान के बाद रेट

संकर धान का मूल्य 19.00 रूपये प्रति किलोग्राम राज्य सरकार ने निर्धारित किया है | इस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 9.50 रूपये प्रति किलोग्राम दिया जा रहा है | किसान को या बीज 9.50 रूपये प्रति किलोग्राम पर मिलेंगे |

कितना बीज दिये जाने का लक्ष्य है ?

खरीफ फसल का उत्पादन बढाने के लिए राज्य के किसानों को सब्सिडी पर खरीफ फसल का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है | इसके लिए अलग–अलग फसल का अलग–अलग लक्ष्य रखा गया है |

  • पहले चरण में 26,677.5 क्विंटल धान के बीज किसानों को अनुदानित दर पर दिए जाएंगे |
  • मक्का का 5310 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर दिए जाएंगे,
  • अरहर का 1700 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर दिए जाएंगे,
  • मूंग का 980 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर दिए जाएंगे,
  • मूंगफली का 810 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर दिए जाएंगे |

लोन माफी का लाभ लेने वाले किसानों को भी दिया जायेगा नया फसली ऋण

ऋण माफी का लाभ लेने वाले किसानों को लोन

वर्ष 2018 एवं 2019 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान राज्यों के किसानों के कर्ज माफ़ किये गए थे | जिसके बाद अभी भी कई किसानों ऋण माफी का लाभ लेने वाले अवधिपार ऋणी किसानों को नए ऋण वितरित नहीं किये जा रहे हैं | ऐसे में राजस्थान सरकार ने ऐसे किसानों को नए ऋण देने का फैसला लिया है | सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष 2018 एवं 2019 में ऋण माफी का लाभ लेने वाले अवधिपार ऋणी किसानों को फसली ऋण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसान हित में लिये फैसले से प्रदेश के 7.5 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।

इन किसानों को मिल सकेगा नया लोन

राज्य में वर्ष 2018 एवं 2019 में हुई ऋण माफी में ऐसे किसान जिनकी ओर 5 हजार रु. से अधिक राशि का अवधिपार फसली ऋण बकाया था तथा वर्तमान में कोई ऋण बकाया नहीं था, को फसली ऋण वितरित नहीं किया जा रहा था। राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 फसली चक्र से अल्पकालीन साख सुविधा से जोड़ते हुये फसली ऋण मुहैया करवाया जायेगा |

किसानों को कितना ऋण दिया जायेगा

सहकारिता मंत्री ने बताया कि ऐसे किसानों को राशि 25 हजार रु. या उसकी साख सीमा जो भी कम हो के आधार पर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से फसली ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। बैंकों की तरलता के आधार पर आगामी फसली चक्रों में फसली ऋण राशि में वृद्धि की जायेगी।

यहाँ यह जानना जरुरी है कि 5 हजार रूपये से कम अवधिपार राशि के बकाया ऋण वाले किसानों को पहले से फसली ऋण दिया जा रहा था | राज्य सरकार के इस फैसले से अब सभी किसान अल्पकालीन फसली ऋण के दायरे में आ जायेंगे |

अनुदान पर प्याज की खेती के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

प्याज की खेती पर अनुदान हेतु आवेदन

किसानों ने खरीफ सीजन के लिए फसलों की बुआई के लिए तैयारी शुरू कर दी है | राज्य सरकारों के द्वारा भी राज्य में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए रणनीतियां तैयार कर ली है जिसके तहत किसानों को उन्नत किस्म के बीजों एवं उर्वरक की आपूर्ति की जा रही है | इसके अलावा उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों द्वारा किसानों को अनुदानित दरों पर बीज एवं अन्य सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं | मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में प्याज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संकर सब्जी “खरीफ प्याज” योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किये हैं |

अनुदान पर प्याज की खेती के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

संकर सब्जी “खरीफ प्याज” योजना के तहत मध्य प्रदेश के 25 जिलों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | यह 25 जिले इस प्रकार है :- रायसे, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, बेतुल, ग्वालियर, गुना, दतिया, अशोकनगर, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, आगर-मालवा, जबलपुर, छिंदवाडा, डिंडोरी, सिंगरौली, सागर, छत्तरपुर, दमोह |

योजना के तहत जारी लक्ष्य

संकर सब्जी तथा खरीफ प्याज की खेती के लिए राज्य सरकार के तरफ से आवेदन मांगे गये हैं | इस योजना के लिए राज्य के 25 जिलों के लिए कुल 796 आवेदन का लक्ष्य रखा गया है | इसमें 516.20 सामान्य वर्ग, 159.20 अनुसूचित जनजाति 120.60 अनुसूचित जाति के किसानों लिए लक्ष्य जारी किये गए है |

प्याज की खेती पर दी जाने वाली सब्सिडी

इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर भूमि वाले किसान आवेदन कर सकते हैं | आवेदक को इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा | सरकार ने योजना के तहत निर्धारित लागत 50 हजार निश्चित की है | आवेदक को 20 हजार प्रति इकाई का अनुदान दिया जायेगा | 

किसान कब कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

संकर सब्जी के तहत खरीफ प्याज की खेती के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं | चयनित जिलों के किसान जारी लक्ष्य के अनुसार 07 जून 2021 के दिन प्रातः 11:00 बजे से आवेदन कर सकते हैं | किसान जारी किये गए लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक ही आवेदन कर सकते हैं |

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि वाले किसान योजना के लिए पात्र हैं | आवेदन से पहले निम्नलिखित दस्तावेज अपने साथ रखें |

  • आधार कार्ड (मोबाईल नंबर जुड़ा हुआ)
  • बैंक खाता नम्बर
  • मोबाइल नम्बर
  • खसरा नम्बर/ B-1 की कॉपी
  • जाति प्रमाण पत्र

अनुदान पर प्याज की खेती के लिए आवेदन कहाँ करें आवेदन ?

आवेदन उधानिकी एवं खाध प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत: किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण की वेबसाइट पर देख सकते हैं या   जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क कर सकते हैं | मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

सब्सिडी पर प्याज की खेती हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

किसान कृषि पम्प कनेक्शन लेने के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

कृषि पम्प कनेक्शन ऑनलाइन आवेदन

खरीफ फसल की बुवाई के साथ ही किसानों के लिए बिजली की सुविधा के लिए नये कनेक्शन दिये जा रहे हैं | जिसके तहत किसान या कोई अन्य उपभोगता नये कनेक्शन या फिर पुराने कनेक्शन का भार कम या ज्यादा करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 4 संभागों के 16 जिलों के लिए नए कृषि पम्प कनेक्शन या पुराने कनेक्शन का भार कम या ज्यादा करने की सुविधा दे रही है | इसके लिए किसान या अन्य उपभोगता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

कंपनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि मैदानी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बिजली कनेक्शन के लिए केवल ऑनलाइन माध्यम से ही नवीन कनेक्शन के आवेदन अतिशीघ्र नियमानुसार स्वीकृत कर उपभोक्ताओं के घर, दुकानों एवं खेतों में बिजली पहुचाएँ।

किन जिलों के किसान आवेदन कर सकते है ?

मध्य प्रदेश में मध्य क्षेत्र विधुत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र चार संभागों में हैं | इन संभागों के 16 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं |

  • भोपाल :- भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर तथा विदिशा
  • नर्मदापुरम :- होशंगाबाद, हरदा तथा बैतूल
  • ग्वालियर :- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया तथा अशोकनगर
  • चंबल :- मुरैना, भिंड तथा श्योपुर

किसान नए कनेक्शन या पहले से चले रहे हार्स पवार के कनेक्शन को बढ़ा या घटा सकता है | इसके लिए किसान आप्सन में जाकर नए कनेक्शन या फिर बिजली भार को कम या ज्यादा कर सकते हैं |

कृषि कनेक्शन आवेदन कैसे करें ?

किसान बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | इसके लिए किसान को  portal.mpcz.in लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं | अपना आधार कार्ड तथा आधार में रजिस्टर्ड मोबाईल नं. के साथ www.sankalp.mpcz.in/NSC पर लागीन करें | फ़ार्म पूर्ण करने के बाद अप अपना भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड के साथ ही नेट बैंकिंग के माध्यम से कर सकते हैं | उक्त तरीके से किया गया भुगतान के द्वारा आपका पूर्ण प्रकरण उसी समय स्वीकृत हो जायेगा |

यदि आप फ़ार्म पूर्ण करने के बाद भुगतान चैक या डी.डी. के माध्यम से करना चाहते हैं तो आपका आवेदन पूर्ण होने के बाद जारी होने वाली रसीद को साथ लेकर एच.डी.एफ.सी. की किसी भी निकटस्थ शाखा में जमा करना होगा | इस डी.डी. अथवा चैक के नगदीकरण के पश्चात ही आपका आवेदन स्वीकृत किया जायेगा |

आवेदन के लिए क्या–क्या दस्तावेज चाहिए ?

नए बिजली कनेक्शन या पुराने कनेक्शन पर भार कम या ज्यादा करने के लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा | इसके लिए किसान के पास कुछ दस्तावेज होना जरुरी है |

  • आधार कार्ड (मोबाईल नंबर दर्ज होना चाहिए)
  • आवेदक की बी -1 (खतौनी) की प्रति

किसान बिजली सम्बंधित जानकारी एवं शिकायत के लिए यहाँ संपर्क करें 

किसान पम्पसेट तथा घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदन करने या किसी भी प्रकार के कंपनी के द्वारा आपत्ति पर शिकायत कर सकते हैं | बिजली संबंधित किसी भी शिकायत के लिए 1912 पर काल करें या 07552551222 पर वाट्सएप करें |

जानिए इस वर्ष किसान क्रेडिट कार्ड एवं अलग-अलग फसलों की खेती के लिए कितना लोन मिलेगा

किसान क्रेडिट कार्ड एवं फसल उत्पादन के लिए ऋणमान तय

देश में किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते उन्हें कृषि कार्यों के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है | जो किसान बैंकों से या साहूकारों से लेकर उसकी पूर्ति करतें हैं | ऐसे में किसानों को कम ब्याज दरों पर आसानी से लोन मिल सके इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनायें चलाई जा रही हैं | किसान यह ऋण किसान क्रेडिट कार्ड पर या सहकारी समितियों के माध्यम से ले सकते हैं | किसानों को कितना फसली ऋण मिलेगा इसका निर्धारण राज्य सरकारों के द्वारा जिलेवार तय किया जाता है | छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जिलेवार ऋणमान तय कर दिया है, किसान इस आधार पर बैंकों से ऋण ले सकते हैं | इस वर्ष राज्य में किसानों को 5300 करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य रखा है |

किसानों को फसल उत्पादन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्याओं को दूर करने एवं फसल की लागत को कम करने के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न फसलों के लिए ऋणमान तय कर दिया गया है। किसानों को खरीफ-रबी फसलों, फलदार वृक्षों, साग-सब्जियों, मसालों एवं उद्यानिकी फसलों की खेती करने के लिए शासन द्वारा ऋण प्रदान किया जाएगा। फसल उत्पादन के लिए विभिन्न फसलों के लिए शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण से किसानों को मदद मिलेगी।

किसान इन बैंकों से ले सकते हैं लोन

राज्य सरकार ने किसानों को ऋण आसानी से बैंकों से मिल सके इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं | किसान यह लोन समयावधि में साख सीमा पत्रक तैयार कर स्वीकृत करने तथा किसानों को समय पर वित्तीय सहायता सुलभ कराने के लिए सभी पंजीयक सहकारी संस्थाएं, राज्य सहकारी बैंक, ग्रामीण विकास बैंक, कृषि विभाग, सहकारी पंजीयक समितियों एवं सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों से ले सकते हैं |

किस रूप में दिया जायेगा किसानों को ऋण

खरीफ एवं रबी फसलों के लिए अदायगी क्षमता के आधार पर नकद एवं कृषि संबंधी खाद-बीज एवं कृषि यंत्र सामग्री के रूप में ऋण प्रदान किया जाएगा। संबंधित फसलों के लिए निर्धारित कुल ऋण में से 60 प्रतिशत नगद राशि के रूप में एवं 40 प्रतिशत सामग्री के रूप में प्रदान की जाएगी।

KCC किसान क्रेडिट कार्ड पर दिया जाने वाला अधिकतम लोन

किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को अल्पकालीन नकद एवं वस्तु ऋण की अधिकतम सीमाएं भी तय की गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम ऋण पांच लाख रूपए तय की गई है। इसमें नगद राशि तीन लाख रूपए एवं वस्तु के लिए दो लाख रूपए निर्धारित की गई है।

किस फसल पर किसान कितना लोन ले सकते हैं ?

खरीफ वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत सिंचित धान फसलों के लिए कुल 19 हजार 800 रूपए प्रति एकड़ ऋण किसानों के लिए तय किया गया है। इसी प्रकार धान असिंचित के लिए 14 हजार 400 रूपए प्रति एकड़, अरहर एवं तुअर के लिए 11 हजार रूपए प्रति एकड़, मूंगफली के लिए 13 हजार 200 रूपए कोदो-कुटकी के लिए तीन हजार रूपए, सोयाबीन के लिए 13 हजार 200 रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है।

रबी फसलों के लिए गेहूं सिंचित के लिए 8 हजार रूपए, गेहूं असिंचित के लिए छह हजार रूपए, धान ग्रीष्म कालीन के लिए 19 हजार 200, चना के लिए 8 हजार रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है। फलदार फसलों में काजू के लिए 16 हजार रूपए, कटहल के लिए 12 हजार रूपए, केला के लिए 60 हजार रूपए, आंवला के लिए 14 हजार 560 रूपए प्रति एकड़ ऋण निर्धारित की गई है। इसी प्रकार साग-सब्जी, मसाला, फूल तथा लाख उत्पादन के लिए ऋणदान का निर्धारण किया गया है।

किसानों को फसल उत्पादन में आर्थिक सहयोग के लिए दिए जाने वाले ऋण में आम, अमरूद, संतरा, बेर आदि उद्यानिकी फसलों के लिए नकद एवं वस्तु के रूप में ऋण दिया जाएगा। किसानों को साग-सब्जी के लिए ऋण तथा उनकी अदायिगी क्षमता के आधार पर दिया जाएगा।

गोठानों से मिलने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद पर भी मिलेगा लोन

किसानों को विभिन्न फसलों की खेती करने के लिए ऋण सहित गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट भी किसानों को लोन पर मिलेगा। वर्मी कम्पोस्ट को समितियों के माध्यम से वस्तु ऋण के अंतर्गत निर्धारित ऋणमान में शामिल किया गया है। शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही किसानों को वर्मी कम्पोस्ट भी ऋण के तौर पर दिया जाएगा।

इन राज्यों में बम्पर हुई समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 2021

देश के अलग-अलग राज्यों में रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए रबी फसलों की खरीद की जा रही है | रबी फसलों में सबसे महत्वपूर्ण फसल गेहूं की है, जिसकी इस वर्ष रिकॉर्ड खरीद की गई है | इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं खरीदी का लक्ष्य 42.7 मिलियन टन रखा है | ऐसा लगता है कि इस वर्ष सरकार अपने अनुमानित लक्ष्य को पूरा कर लेगी | गेहूं की खरीदी वर्तमान रबी विपणन स्तर आरएमएस 2021–22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर राज्यों में सुचारू रूप से चल रही है |

अब तक (01/06/2021 तक) 409.80 लाख मीट्रिक टन गेहू की खरीदी की गई है | जो कि अब तक की खरीद का सबसे उच्च स्तर 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद के आंकड़े को पार कर गई है | मौजूदा समय में 44.12 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की है जिसके बदले में उन्हें अभी तक 80,936.19 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है |

राज्यवार अभी तक कुल की गेहूं खरीद

अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर 409.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं ख़रीदा चुका है | इस बार पंजाब मध्यप्रदेश को पीछे करते हुए गेहूं खरीदी में आगे हो गया है | राज्यों के अनुसार गेहूं की खरीदी इस प्रकार हुआ है |

state wise wheat procurement 21

 

  • इसमें पंजाब 132.1 लाख मीट्रिक टन
  • मध्य प्रदेश 128.08 लाख मीट्रिक टन
  • हरियाणा 84.93 लाख मीट्रिक टन
  • उत्तर प्रदेश 40.87 लाख मीट्रिक टन
  • राजस्थान 19.53 लाख मीट्रिक टन
  • अन्य राज्य 4.29 लाख मीट्रिक टन

राज्यवार गेहूं खरीदी का लक्ष्य

वर्ष 2020–21 के रबी सीजन का गेहूं खरीदी का लक्ष्य 42.7 मिलियन टन का है | वर्ष 2020–21 के रबी फसल की खरीदी वर्ष 2019–20 की सरकारी खरीदी से 9.5 प्रतिशत ज्यादा का है | इसमें अलग–अलग राज्यों के लिए अलग–अलग लक्ष्य रखा गया है | पंजाब तथा हरियाणा राज्य ने लक्ष्य से ज्यादा खरीदी की गई है | पंजाब राज्य के लिए लक्ष्य 130 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य था जबकि 1 जून तक 132.1 लाख मीट्रिक टन की खरीदी कर चुकी है | इसके साथ ही हरियाणा में गेहूं खरीदी का लक्ष्य 80 लाख मीट्रिक टन का था जबकि 1 जून तक 84.93 लाख मीट्रिक टन की खरीदी कर चुका है | अन्य राज्य में गेहूं खरीदी का लक्ष्य इस प्रकार है |

  • पंजाब – 130 लाख मीट्रिक टन
  • मध्य प्रदेश – 135 लाख मीट्रिक टन
  • हरियाणा – 80 लाख मीट्रिक टन
  • उत्तर प्रदेश 55 लाख मीट्रिक टन

पिछले वर्ष इन राज्यों में गेहूं खरीदी के आंकड़े

वर्ष 2020 – 21 के रबी सीजन में गेहूं की खरीदी 39 मिलियन टन थी | इससे इससे देश 43.3 लाख किसानों ने अपना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचा था | इसमें मध्य प्रदेश के 15.9 लाख किसानों ने 129 लाख मीट्रिक टन , पंजाब के 10.5 लाख किसानों ने 127 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा था | जबकि राजस्थान के 2.2 लाख किसानों को न यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त हुआ था |

 

किसानों को 15 जून तक फ्री में दिए जाएंगे 13.51 लाख दलहन एवं तिलहन फसलों के अधिक पैदावार वाले बीज

दलहन एवं तिलहन फसलों के बीज का निःशुल्क वितरण

तिलहन एवं दलहन के क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने रोड मैप तैयार कर लिया है | दलहन और तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने देश में दलहन तथा तिलहन का बुआई का रकबा बढ़ाने और प्रति हेक्टयर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है | इसके लिए देश के कई राज्यों में खरीफ फसलों के लिए दलहन तथा तिलहन फसलों का उच्च पैदावार वाले बीज नि:शुल्क वितरित कर रही है |

केंद्र सरकार 13.51 लाख मिनीकिट किसानों को नि:शुल्क वितरित कर रही है | इस पर 300 करोड़ रूपये का खर्च आ रहा है | जैसा की देश में खरीफ सीजन की बुआई शुरू हो गई है | इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 जून तक किसानों को मिनीकिट वितरित किये जाने का लक्ष्य रखा है |

कृषि और कल्याण मंत्री तथा राज्य मंत्री ने किसानों से की बात

इसको लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के अलग–अलग किसानों से बात की है जिन्हें सर्कार की तरफ से मिनी किट का वितरण किया है | जिन किसानों से मंत्रियों ने बात किया हैं वे हैं – श्री ओमप्रकाश पटेल (वाराणासी, उत्तर प्रदेश), श्री रेखा राम (बाडमेर, राजस्थान), श्री रमेशभाई बालूभाई कोडलिया (अमरेली, गुजरात), श्री चन्द्रकांत (हवेरी, कर्नाटक), श्री मदन सिंह (मुरैना, मध्य प्रदेश) तथा श्री उपेन्द्र सिंह (रीवा, मध्य प्रदेश)

देश में तिलहन फसलों के उत्पादन की स्थिति 

भारत दलहन तथा तिलहन का आयात करने वाला मुख्य देश है | भारत कुल कृषि उत्पाद का 42.6 प्रतिशत का तेलहन बीज और खाद्य तेल का आयात करता है | इसका मूल्य लगभग 75 हजार करोड़ रुपये का है | जबकि भारत में खरीफ तथा रबी फसल दोनों सीजन मिलाकर लगभग 34 मिलियन टन तेलहन बीज का उत्पादन करता है |

देश में दलहन फसलों के उत्पादन की स्थिति 

दलहन के मामले में भी भारत अभी आत्मनिर्भर नहीं बना है | वर्तमान समय में खरीफ तथा रबी दोनों सीजन मिलाकर 23.15 मिलियन टन दलहन बीज का उत्पादन किया जाता | जो विश्व में कुल उत्पादन का 62.15 प्रतिशत है | भारत दलहन उत्पादन के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है | जहाँ वर्ष 2014–15 में दलहन का कुल उत्पादन 17.15 मिलियन टन तथा वहीं वर्ष 2020–21 में 23.15 मिलियन टन हो गया है | पिछले 6 वर्षों में 6 मिलियन टन की बढ़ोतरी हुई है |

पशु चिकित्सालयों में किया जायेगा पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी का गठन

पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी

पशुपालन के क्षेत्र में किसानों की आय बढाने के लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है | जिसमें पशुओं के लिए लोन, सब्सिडी के साथ-साथ पशुचिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है जिससे पशुपालन की लागत को कम कर, पशुपालकों की आय को बढाया जा सके | राजस्थान सरकार ने राज्य के पशुपालकों के लिए तहसील स्तर पर पशुचिकित्सालय खोल रही है तथा पशु एम्बुलेंस की शुरुआत भी की है |

वर्तमान समय में राज्य में 200 पशुचिकित्सा उपकेंद्र संचालित किये जा रहे हैं तथा 198 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालयों का संचालन किया जा रहा है | राज्य में 108 के तर्ज पर 102 – मोबाईल वेटेनरी सेवा 48 करोड़ रूपये से शुरू की जा रही है |

इस तरह होगा पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी के गठन

राज्य सरकार वर्ष 2021–22 के बजट में राजकीय पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी के गठन करने का प्रस्ताव था | इसके अनुरूप राज्य सरकार ने पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी गठन हेतु सहकारिता विभाग को अधिसूचना जारी कर दिया है | पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी के गठन हेतु पंजीयन शुल्क 250 रुपये निर्धारित कर दिया गया है |

यह जानकारी देते हुए शासकीय सचिव पशुपालन विभाग डॉ. आरुषी मलिक ने बताया कि रिलीफ सोसायटी के गठन से जहां पशु चिकित्सालय परिसर की साफ़–सफाई एवं अन्य व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित हो सकेंगे वहीं वित्तीय संस्थाओं, दानदाताओं व अन्य स्त्रोतों से सहायता, चंदा तथा उपकरण आदि प्राप्त कर पशु चिकित्सालयों का सुदृढ़ किया जा सकेगा |

डॉ. मालिक ने बताया कि रिलीफ सोसायटी में राजकीय सदस्यों सहित दो गैर राजकीय सदस्य जिसमें प्रगतिशील पशुपालक/दानदाता (जिला स्तरीय पशु चिकित्सालय के लिए न्यूनतम 2.0 लाख, प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय के लिए न्यूनतम 1.0 लाख एवं पशु चिकित्सालय के लिए न्यूनतम 50 हजार रूपये की राशि दान करने वाले) का मनोनयन अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा |