मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
कई बार कृषि कार्यों को करते हुए या किसी अन्य कारणवश दुर्घटना के कारण यदि किसान की म्रत्यु हो जाती है या फिर वह अपंग हो जाता है | इस कारण से किसान परिवारों की वित्तीय स्थिति खराब हो जाती है |इसी को लेकर केंद्र सरकार के तरफ से किसानों के लिए विभिन्न प्रकार के योजनायें चलाई जा रही है | जिसमें खेतिहर किसान को इसका लाभ मिलता है परन्तु ऐसी कोई योजना नहीं है जिसमें बटाईदार, पट्टे पर भूमि लेकर खेती करने वाले किसनों को लाभ मिलता है | हालाँकि कई राज्य सरकारें अपनी और से किसानों के लिए ऐसी योजनायें चला रही है | इन राज्यों में अब उत्तरप्रदेश भी शमिल हो गया है |
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने किसानों, पट्टेधारी किसान, भूमि स्वामी किसान, महिला किसान तथा किसान के परिवार से किसी भी सदस्य के दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांग हो जाने की स्थिति में उनकी सहायता के लिए एक योजना लेकर आई है | इस योजना का नाम है मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना | इस योजना के तहत पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी | किसान समाधान इस योजना की पूरी जानकारी लेकर आया है |
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे कृषकों (कृषक का तात्पर्य – उ.प्र. के खातेदार/सहखातेदार कृषक, उनके माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्र–वधु, पौत्र, पौत्री एवं ऐसे भूमि हिन् व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर कृषि कार्य करते हैं | जिनकी जीविका का मुख्य साधन कृषि कार्य है |
यह योजना किस वर्ष के तक के किसानों के लिए है ?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए वे किसान पात्र है , जिनकी आयु दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यंगता की तिथि को 18 वर्ष से 70 वर्ष तक हो, के लिए संचालित की जाएगी |
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना सहायता राशि
इस योजना के अंतर्गत कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांग होने की दशा में उसके विधिक वारिस / वारिसों/स्वयं कृषक को समाजिक सुरक्षा हेतु अधिकतम 5 लाख रूपये की सहायता धनराशि दी जाएगी |
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना कब से होगी लागू
इस योजना पर आज मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लेकर लागु कर दिया गया है | यह योजना दिनांक 14 सितम्बर 2019 से प्रभावी होगी | यहाँ पर यह जानना जरुरी है कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना शत–प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है , जो जिला अधिकारियों के माध्यम से संचालित की जाएगी |
योजना के लाभ के लिए आवेदन कब करना है ?
कृषक की दुर्घटना मृत्यु/दिव्यंगता की तिथि के पश्चात 45 दिन के अंदर समस्त प्रपत्र भरकर जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुए तहसील कार्यलय पर दिया जाना होगा तथा 45 दिन के पश्चात् किन्तु 01 माह के अंदर विलम्ब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा | कृषक की दुर्घटना मृत्यु / दिव्य्न्गता की तिथि के 75 दिन के पश्चात् प्रस्तुत किये जाने वाले आवेदन प्रपत्र पर विचार नहीं किया जाएगा |
यदि कोई किसान अन्य बीमा योजना का लाभार्थी है तो
यदि कोई कृषक मृत्यु/दिव्यंगता की तिथि को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किसी भी अन्य योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता से आच्छादित है या राज्य आपदा मोचक निधि के अन्तर्गत धनराशि प्राप्त हुई है तो उसकी दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यंगता की दशा में इन सभी योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त सहायता की धनराशि को समायोजित करते हुए अन्तर की धनराशि देय होगी |
उल्लेखित योजनाओं में सम्मिलित कर कृषक / विधिक वारिस / वारिसों को प्राप्त होने वाली धनराशि यदि 5 लाख रूपये से अधिक हो जाती है तो ऐसी दशा में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना से कोइ धनराशि देय नहीं होगी |
किसान योजना के लिए कहाँ आवेदन करें ?
योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने के दृष्टि वेबसाईट / साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है | जब तक साफ्टवेयर तैयार नहीं हो जाता तब तक आवेदन पत्र सीधे सम्बन्धित तहसील में जमा किये जाएंगे | इस साफ्टवेयर पर प्रदेश के समस्त जनपदों के आवेदन पत्रों से सम्बन्धित समस्त सूचनाएं जनपदों द्वारा उपलब्ध करायी जाएंगी | कृषक/विधिक वारिस/वारिसों द्वारा योजना के अन्तर्गत सहायता पाने हेतु आवेदन साफ्टवेयर पर किया जा सकता है | पोर्टल लागू होने के बाद भी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन व्यवस्था लागू रहेंगी |
Mananiy mukhymantri ji main bahut Pareshan hun bev Ka karja Mere par bahut ho chuka hai hai aap batao Main Kya Karun
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