वर्ष 2022-23 हेतु गेहूं, चना एवं सरसों सहित अन्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई भारी वृद्धि

रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2022-23

केंद्र सरकार ने रबी फसल की बुवाई से पहले रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है | यह न्यूनतम समर्थन मूल्य आगामी रबी सीजन वर्ष 2022–23 के लिए जारी किया गया है | केंद्र सरकार ने इस वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य में लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा देने की बात कही है | कुछ फसलों जैसे गेहूं में लागत का 100 प्रतिशत, मसूर में लागत का 79 प्रतिशत, चना में लागत का 74 प्रतिशत, जौ में लागत का 60 प्रतिशत तथा कुसुम में लागत का 50 प्रतिशत देने की बात कही गई है |

MSP में कितने रुपयों की वृद्धि की गई

पिछले वर्ष के एमएसपी में मसूर की दाल और कैनोला (रेपसीड) तथा सरसों में उच्चतम संपूर्ण बढ़ोतरी (प्रत्येक के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल) करने की सिफारिश की गई है। इसके बाद चने (130 रुपये प्रति क्विंटल) को रखा गया है। पिछले वर्ष की तुलना में कुसुम के फूल का मूल्य 114 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। कीमतों में यह अंतर इसलिए रखा गया है, ताकि भिन्न-भिन्न फसलें बोने के लिये प्रोत्साहन मिले।

विपणन मौसम 2022-23 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (रुपये/क्विंटल में)

फसल
MSP (2021 – 22)
MSP (2022 – 23)
MSP में बढ़ोतरी

गेहूं

1975

2015

40

जौ

1600

1635

35

चना

5100

5230

130

दाल (मसूर)

5100

5500

400

कैनोला और सरसों

4650

5050

400

कुसुम के फूल

5327

5441

114

फसलों की उत्पादन लागत किस आधार पर जोड़ी गई है ?

सरकार का कहना है कि सभी फसलों पर लागत का 50 प्रतिशत से अधिक मुनाफ किसानों को दिया जा रहा है | कुछ फसलों पर तो 100 प्रतिशत के मुनाफे की बात भी कही गई है | फसलों की लागत मूल्य जोड़ने का विवरण जारी किया है जो इस प्रकार है | कुल लागत का उल्लेख का मतलब, जिसमें चुकाई जाने वाली कीमत शामिल है, यानी मजदूरों की मजदूरी, बैल या मशीन द्वारा जुताई और अन्य काम, पट्टे पर ली जाने वाली जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क, उपकरों और खेत निर्माण में लगने वाला खर्च, गतिशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेटों इत्यादि चलाने पर डीजल/बिजली का खर्च इसमें शामिल है | इसके अलावा अन्य खर्च तथा परिवार द्वारा किये जाने वाले श्रम के मूल्य को भी इसमें रखा गया है |

क्या है रबी फसलों के उत्पादन में आने वाला खर्च

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने फसलों के MSP जारी करते हुए फसलों का लागत मूल्य जारी किया है | केंद्र सरकार के अनुसार गेहूं का लागत मूल्य 1008 रुपये प्रति क्विंटल, जौ का लागत मूल्य 1019 रुपया प्रति क्विंटल, चना का लागत मूल्य 3004 रुपया प्रति क्विंटल, दाल (मसूर) का लागत मूल्य 3079 रुपया प्रति क्विंटल, कैनोला और सरसों का लागत मूल्य 2523 रुपया प्रति क्विंटल, कुसुम के फूल का लागत मूल्य 3627 रुपये प्रति क्विंटल है |

इन योजनाओं के तहत की जाती है MSP पर खरीदी

किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है,जिसके तहत देश भर के किसानों से विभिन्न फसलों को ख़रीदा जाता है | ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-एएएसएचए) नामक ‘अम्ब्रेला स्कीम’ की घोषणा सरकार ने 2018 में की थी। इस योजना से किसानों को अपने उत्पाद के लिये लाभकारी कीमत मिलेगी। इस अम्ब्रेला स्कीम में तीन उप-योजनाएं शामिल हैं, जैसे मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) को प्रायोगिक आधार पर शामिल किया गया है।

मछुआरों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में की गई वृद्धि, दिसम्बर तक सभी को दिए जाएंगे क्रेडिट कार्ड

मछली पालकों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं आय बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है | देश में मछली पालन को बढ़ाने एवं मछली पालकों की आय में वृद्धि के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनायें चलाई जा रही है | मध्यप्रदेश सरकार ने मछली पालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से मछली पालकों के लिए चल रही योजनाओं में दी जाने वाली आर्थिक सहायता में वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं |

मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने महासंघ की 25वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है | मछुआरों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ही मत्स्य महासंघ का स्थापना की गई थी। लड़कियों के विवाह के लिए “मीनाक्षी कन्या विवाह” जाल-नाव सहित अन्य आर्थिक संबल प्रदान करने वाली योजनायें मत्स्य महासंघ संचालित कर रहा है।

मछुआ परिवारों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि

मंत्री श्री सिलावट ने मछुआ महासंघ की महासभा में गंभीर बीमारी के लिए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार से 50 हजार, तकनीकी शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए और मछुआ सोसाइटी के सदस्यों में किसी की मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि 7500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दी है।

मछली पकड़ने की राशि में की गई वृद्धि

मेजर कॉर्प और अन्य प्रजाति की मछली पकड़ने पर 32 रूपए किलो के स्थान पर अब 34 रुपए किलो और अन्य छोटी मछलियों को पकड़ने पर 19 रूपए प्रति किलो के स्थान पर 20 रूपए प्रति किलो मत्स्याखेट की दर निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही मछुआ समिति की मांग पर सभी मछुआरों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के संबंध में श्री सिलावट ने निर्देश दिए हैं।

मछुआरों को दिए जाएंगे क्रेडिट कार्ड

मंत्री श्री सिलावट ने संचालक मत्स्य विकास और मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक को निर्देश दिए कि सभी मछुआरों के क्रेडिट कार्ड दिसंबर तक बन जाने चाहिए, जिससे बैंको से जीरो ब्याज दर पर ऋण राशि दी जाएगी |

साधारण सभा में मत्स्य महासंघ द्वारा प्रस्तुत 56 करोड़ की आय और 36 करोड़ के व्यय का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रदेश के 27 जिलों के जलाशय में मछुआ समिति क्रियाशील हैं। इस वर्ष 445 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड़ की राशि मछुआरों को प्रदान की गई है। मत्स्य महासंघ में 216 और विभाग में 2 हजार मछुआ समिति कार्यरत हैं।

8 और 9 सितम्बर को कृषि मेले में किसानों को किया जायेगा सम्मानित, किसान खरीद सकेंगे उन्नत किस्मों के बीज

कृषि मेला (रबी) 2021

किसानों को कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकों से अवगत करवाने एवं उनकी जिज्ञासाओं के समाधान के लिए प्रतिवर्ष कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा कृषि मेले का आयोजन किया जाता है | इन मेलों के मधयम से किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों व कृषि में उपयोग की जा रही नई तकनीकों से अवगत कराया जाता है | ऐसा ही एक कृषि मेला 8 एवं 9 सितम्बर को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की ओर से आयोजित किया जा रहा है | किसान इस मेले में भाग लेकर कृषि सम्बंधित कई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

कृषि मेला रबी में यह रहेगा खास

इस बार ऑफलाइन माध्यम से होने वाले इस कृषि मेला(रबी)का मुख्य थीम “जल संरक्षण” होगी। इसके अलावा, मेले में कृषि संबंधी व कृषि औद्योगिकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएंगी जिससे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों व तकनीकों की जानकारी मिल सके।

मेले के दौरान किसान मिट्टी पानी की जांच के अलावा मौसम पूर्वानुमान संबंधी पंजीकरण भी करवा सकेंगे ताकि किसानों को अपनी फसल के बेहतर उत्पादन में सहायता मिल सके | मेले के लिए वैज्ञानिकों की टीम का पैनल बनाया गया है जो किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे |

किसानों को मिल सकेंगे उन्नत किस्मों के बीज

कृषि मेला (रबी) के दौरान किसानों को विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे | मेले में बिक्री के लिए विश्वविद्यालय के पास विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों के करीब 9000 क्विंटल बीज (Seed) उपलब्ध हैं | इसे किसानों (Farmers) को मुहैया करवाया जाएगा | इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई सब्जियों के बीज भी उपलब्ध करवाए जाएंगे |

मेले के दौरान किसानों को विभिन्न फसलों व सब्जियों की उन्नत किस्मों के बीजों के अलावा फलदार पौधे भी बिक्री किए जाते हैं। किसानों की सुविधा के लिए मेला ग्राउंड में ही फलदार पौधों की ट्राली खड़ी की जाएगी ताकि किसानों को पौधे लेने के लिए मेला ग्राउंड से दूर विश्वविद्यालय के फार्म पर न जाना पड़े। इस बार मेले में अमरूद, बेरी, आंवला, करोंदा, अंगूर, आड़ू व अनार के पौधे दिए जाएंगे।

प्रगतिशील किसानों को किया जायेगा सम्मानित

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की ओर से कृषि मेला (रबी) 8 व 9 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है जिसमें प्रत्येक जिले से एक-एक प्रगतिशील किसान को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि इसके लिए सम्मानित किए जाने वाले किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। किसानों को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य अन्य किसानों को ऐसे प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करना है।

सरकार ने तैयार किया 5.5 करोड़ किसानों का डाटाबेस, जानिए क्या होगा फायदा?

5.5 करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार

कृषि क्षेत्र को अधिकाधिक ज्ञान-विज्ञान व तकनीक से जोड़ने की जरुरत है और इस दिशा में सरकार डिजीटल एग्रीकल्चर का कन्सेप्ट लाई है। जिससे किसानों को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से दिया जा सके | भारतीय कृषि को वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बनाने के साथ ही किसानों के लिए लाभकारी बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार इस क्षेत्र को आधुनिक बना रही है। प्रत्येक किसान की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान होगी, जिसमें व्यक्तिगत विवरण, उनके द्वारा खेती की जाने वाली भूमि की जानकारी, उत्पादन और योजनाओं के लाभ आदि की जानकारी होगी |

डिजीटल एग्रीकल्चर की संकल्पना साकार करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 5.5 करोड़ किसानों से संबंधित डाटा तैयार कर लिया है, राज्यों के सहयोग से दिसंबर-2021 तक आठ करोड़ से अधिक किसानों का डाटा बेस बन जाएगा जो कृषि व किसानों की प्रगति के लिए राज्यों, केंद्रीय विभागों व विभिन्न संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह बात पांच अहम विषयों पर आयोजित मुख्यमंत्रियों व कृषि मंत्रियों की बैठक में कही।

किसानों को पारदर्शिता के साथ मिलेगा योजनओं का लाभ

कृषि मंत्री ने कहा कि आज कृषि को अधिकाधिक ज्ञान-विज्ञान व तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता है | इस दिशा में सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर का कांसेप्ट लाई है | इसके माध्यम से पारदर्शिता आ रही है, जिसका उदाहरण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम है | जिसके तहत अभी तक 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में (DBT) जमा कराए गए हैं |

डिजिटल तकनीक के फायदे को देखते हुए सरकार ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने का फैसला लिया है | राज्यों के सहयोग से अन्य योजनाएं भी इसमें शामिल की जाएंगी | इस डाटाबेस से सरकार को मूल्यांकन व आकलन में सुविधा होगी | पीएम-किसान का डाटा किसान क्रेडिट कार्ड के डाटा से लिंक करने के फलस्वरूप कोविड-काल में 2.37 करोड़ से अधिक किसानों को बैंकों से केसीसी का लाभ मिला है | किसानों को इससे 2.44 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज मिला है | तोमर ने कर्नाटक के क्रॉप सर्वे प्रोजेक्ट का उदाहरण देकर अन्य राज्यों से इसे अपनाने का आग्रह किया |

यह काम के कृषि यंत्र सब्सिडी पर ऑन डिमांड लेने हेतु आवेदन करें

अनुदान पर मांग के अनुसार कृषि यंत्र हेतु आवेदन

आधुनिक खेती में कई नए प्रकार के कृषि यंत्र ऐसे हैं जिनकी आवश्यकता किसी क्षेत्र विशेष के अनुसार विशेष कार्यों के लिए किसानों को आवश्यकता होती है | जिनकी मांग कम होने के कारण इन कृषि यंत्रों पहले सब्सिडी नहीं दी जाती थी परन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों के किसानों से 7 अलग प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन आमंत्रित किए है | इन सभी कृषि यंत्रों के लिए तिथि या लक्ष्य का निर्धारण नहीं की गई है | राज्य के सभी जिलों के इच्छुक किसान इन सभी कृषि यंत्रों के लिए जिले में आवेदन कर सकते हैं |

कौन से कृषि यंत्रों पर मांग के अनुसार आवेदन कर सकते हैं ?

मध्य प्रदेश के सभी जिलों के लिए किसान के मांग के अनुसार विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र दिये जा रहे हैं | यह सभी कृषि यंत्र इस प्रकार है :-

  • पशु निवारक बायो अकास्टिक यंत्र
  • पावर हैरो
  • हैप्पी सीडरसुपर सीडर
  • बेलर
  • हे रेक
  • बैकहो ट्रेक्टर चलित (35 H.P. से अधिक ट्रेक्टर हेतु)
  • न्यूमेटिक प्लांटर

कृषि यंत्रों पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

मध्यप्रदेश में अलग-अलग वर्ग के किसानों के लिए विभीन्न योजनाओं के तहत 40 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है | इच्छुक किसान योजना से सम्बंधित अधिक जानकरी के लिए अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं |

अनुदान पर यह कृषि यंत्र लेने के लिए आवेदन कहाँ करें ?

ऊपर दिये हुए कृषि यंत्रों के लिए किसान ऑफलाइन आवेदन कर सकते है | इच्छुक कृषक अपने अभिलेखों (भूमि के लिए B1, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की प्रति, ट्रेक्टर चालित यंत्रों के लिए ट्रेक्टर का आरसी) के साथ अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क करके अपने आवेदन पर कार्यवाही करा सकते है। इन यंत्रों हेतु जिलेवार लक्ष्यों की आवश्यकता नहीं होगी । कृषक की मांग अनुसार लक्ष्य तत्काल आवंटित कर दिया जायेगा।

गौशाला निर्माण पर दिया जा रहा है 10 लाख रुपये का अनुदान

अनुदान पर गौशाला निर्माण

कृषि में आवारा पशुओं से फसलों को काफी नुकसान होता है, कभी-कभी तो पूरी फसल ही बर्बाद हो जाती है | आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए तथा गोवंश को संरक्षण देने के लिए राजस्थान सरकार नंदीशाला योजना एवं गौशाला योजना चला रही है | इस योजना के तहत पशुओं को गौशाला में रखने पर सरकार अनुदान उपलब्ध करा रही है | इसके साथ ही गौशाला के निर्माण के लिए अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है | साथ ही राज्य सरकार एक राज्य में एक नंदीशाला के निर्माण पर 1 करोड़ 57 लाख रूपये खर्च करने जा रही है |

गौशाला निर्माण के लिए 10 लाख रूपये की अनुदान दिया जा रहा है ?

राजस्थान में गौशाला को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई प्रकार की सुविधा प्रदान कर रही है | नई गौशाला के निर्माण के लिए अब 10 लाख रूपये का अनुदान दिया जा रहा है | यह पैसा गौशाला में कैटल शेड, पानी टंकी, टीन शैड निर्माण, चार दिवारी निर्माण के कार्य करवाने के लिए किया जा सकता है | वहीँ नंदी शाला के लिए सरकार लागत का 90 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है | अगले तीन माह में नई गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार 328 करोड़ रूपये अनुदान के रूप में देने जा रही है |

गौशाला में प्रति पशु कितना अनुदान दिया जायेगा ?

राजस्थान सरकार गौशाला में पशुओं को रखने के लिए कई प्रकार के अनुदान दे रही हैं | इसमें सबसे बड़ा अनुदान पशुओं के रखने पर होने वाले खर्चों को शामिल किया गया है | राजस्थान सरकार द्वारा छोटे पशु के लिए 16 से 20 रूपये एवं बड़े पशु के लिए 32 से 40 रूपये अनुदान स्वीकृत किया गया है |

100 पशुओं से भी की जा सकती है गौशाला की शुरुआत

राजस्थान में गौशाला शुरू करने के लिए नियम में काफी बदलाव किए गए हैं | जहाँ पहले 200 गायों पर गौशाला की शुरुआत की जाती थी वहीँ अब 100 गायों के साथ ही गौशाला का निर्माण किया जा सकता है | इसके अलावा पहले गायों को गौशाला में रखने के लिए 6 माह तक अनुदान दिया जाता था वहीँ अब यह अनुदान 9 माह तक दिया जाएगा |

पशु चिकित्सा के लिए दी जाएगी एम्बुलेंस सेवा

नंदीशाला योजना के तहत गायों को गौशाला में रखने के लिए कई प्रकार की सुविधा दी जा रही है | गौशाला में बीमार मवेशियों के लिए एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है | यह एंबुलेंस की सुविधा तहसील स्तर पर दी जा रही है | किसी भी गौशाला के बीमार पशुओं के ईलाज के लिए एंबुलेंस सुविधा दी जाएगी | जरुरत पड़ने पर 102 डायल करने पर गोशाला में एंबुलेंस पहुँच जाएगी |

ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सेट सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करें

अनुदान पर ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई यंत्र हेतु आवेदन

कृषि के क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने तथा पानी की बचत करने के उद्देश से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है | इस योजना के तहत किसानों को मिनी तथा माईक्रो सिंचाई पद्धति को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है | किसान ज्यादा से ज्यादा माईक्रो इरिगेशन को अपनाये इसके लिए सरकार के तरफ से प्रत्येक वर्ष प्रोत्साहन के रूप में सब्सिडी दी जाती है | जिससे किसान कम मूल्य पर कृषि सिंचाई यंत्र को खरीद सके | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को वर्ष 2021 में माईक्रो इरिगेशन के तहत सब्सिडी दे रही है | इसके लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |  

किसान इन सिंचाई यंत्रों के लिए कर सकते हैं आवेदन

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सूक्ष्म सिंचाई के तहत मध्य प्रदेश के आदर्श विकास खंड हेतु कृषि सिंचाई यंत्रों हेतु लक्ष्य जारी किये गए हैं | किसान इन सिंचाई यंत्रों पर अनुदान हेतु आवेदन कर सकते हैं |

  • ड्रिप सिस्टम
  • मिनी/ माइक्रो स्प्रिंकलर सेट
  • पोर्टेबल स्प्रिंकलर सेट

अभी किन जिलों के किसान कर सकते हैं आवेदन ?

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए मध्य प्रदेश के 23 जिलों के लिए ही लक्ष्य जारी किए गए हैं | यह जिले इस प्रकार है – अशोकनगर, आगर-मालवा, बालाघाट, छिंदवाडा, दमोह, दतिया, देवास, इंदौर, झाबुआ, खरगोन, मंदसौर, नीमच, पन्ना, राजगढ़, रतलाम, सतना, सिवनी, शहडोल, शिवपुरी, सिंगरौली, उज्जैन, उमरिया | योजना के तहत तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सामान्य वर्ग के लिए अलग – अलग लक्ष्य जारी किये गए है जो 6067.00 है |

सिंचाई यंत्रों तथा कृषक वर्ग के अनुसार लक्ष्य इस प्रकार है :-

  • ड्रिप के लिए कुल लक्ष्य 1310.00 है जिसमें से सामान्य वर्ग के लिए 75, अनुसूचित जाति के लिए 60 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 150 का लक्ष्य जारी किया गया है |
  • मिनी माइक्रो स्प्रिंकलर के लिए कुल 2697.00 का लक्ष्य है , जिसमें से सामान्य वर्ग के लिए 2223.00, अनुसूचित जाति के लिए 349.00 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 125.00 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है |
  • पोर्टेबल स्प्रिंकलर के लिए कुल 2060.00 का लक्ष्य है | जिसमें से सामान्य वर्ग के लिए 1710.00, अनुसूचित जाति के लिए 219.00 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 131.00 का लक्ष्य जारी किया गया है |

योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पर दी जाने वाली सब्सिडी

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)  के घटक “पर ड्राप मोर क्राप” (माइक्रोइरीगेशन) के तहत स्प्रिंकलर सेट पर लघु एवं सीमांत के सभी वर्गों के किसानों को इकाई लागत का 55 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है |इसके अलावा अन्य सभी वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 45 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है | वहीँ ड्रिप सिस्टम पर भी लघु एवं सीमांत के सभी वर्गों के किसानों को इकाई लागत का 55 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है |इसके अलावा अन्य सभी वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 45 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है |

किसान कब कर सकते हैं आवेदन

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत सिंचाई यंत्रों के लिए आवेदन शुरू हो रहा है | उद्ध्यानिकी विभाग से 06/09/2021 को दिन में 11:00 बजे से आवेदन किया जायेगा | दिए गये लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन ही किये जा सकेंगे |

ड्रिप, मिनी/ माइक्रो स्प्रिंकलर एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर सब्सिडी हेतु आवेदन कहाँ करें

दिए गए सिंचाई यंत्रों हेतु आवेदन उधानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं | सभी आवेदन ऑनलाइन ही किये जा सकेंगे | किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उधानिकी एवं मध्य प्रदेश पर देखे सकते हैं अथवा विकासखंड/जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें| मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए आनलाईन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर आवेदन कर सकते हैं |

ग्रीन हॉउस, शेड नेट हॉउस, प्लास्टिक मल्चिंग एवं पैक हाउस पर सब्सिडी के लिए आवेदन करें

अनुदान पर पाली हॉउस, शेड नेट हॉउस, प्लास्टिक मल्चिंग, एवं पैक हाउस हेतु आवेदन

किसी भी मौसम में प्राक्रतिक आपदाओं कीट रोगों आदि से बचाब के लिए देश में संरक्षित खेती को बढ़ाबा दिया जा रहा है | इसके लिए किसानों को पॉली हाउस या शेड नेट में खेती करना उचित रहता है परन्तु सभी किसानों की आर्थिक क्षमता इतनी नहीं रहती है कि वह पाँली हॉउस या शेड नेट की स्थापना कर सके | किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को सरंक्षित खेती एवं बागवानी से जुड़े अन्य घटकों पर अनुदान दिया जाता है |

मध्य प्रदेश में एकीकृत बागवानी मिशन के तहत किसानों को सब्सिडी पर ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, पैक हाउस एवं अनार तथा नीम्बू उच्च घनत्व ड्रिप रहित खेती के लिए राज्य के चयनित जिलों के किसानों से आवेदन मांगे हैं | इच्छुक किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार इन घटकों के लिए आवेदन कर सकते हैं |

योजना के तहत किसान क्या–क्या लाभ उठा सकता है ?

एकिकृत बागवानी मिशन योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश के चयनित जिलों के किसानों के लिए नीचे दिए गए घटकों के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं:-

  1. ग्रीन हाउस
  2. शेडनेट हॉउस
  3. प्लास्टिक मल्चिंग
  4. पैक हाउस
  5. फल क्षेत्र विस्तार
  • अनार उच्च घनत्व ड्रिप रहित
  • नींबू उच्च घनत्व ड्रिप रहित

अभी किन जिलों के किसान कर सकते हैं आवेदन ?

अभी राज्य के उद्यानिक विभाग ने एकिकृत बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत दिए गए घटकों के लिए के सीहोर जिले के बुदनी और नसरुल्लागंज विकासखंड के लिए लक्ष्य जारी किए हैं | इन दोनों विकासखण्ड के सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसान योजना का लाभ उठा सकते हैं |

योजना का लक्ष्य क्या है ?

सीहोर के बुदनी तथा नसरुल्लागंज विकासखण्ड के लिए कई प्रकार के कृषि उपकरण दिया जा रहा है | इन सभी के लिए भौतिक तथा वित्तीय लक्ष्य अलग–अलग है | बुदनी तथा नसरुल्लागंज के लिए भौतिक तथा वित्तीय लक्ष्य इस प्रकार है |

  1. ग्रीन हाउस:- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 13,840 वर्गमीटर है जबकि वित्तीय लक्ष्य 58.40 लाख है |
  2. शेडनेट हॉउस :- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 96,000 वर्गमीटर है जबकि वित्तीय लक्ष्य 340.80 लाख है |
  3. प्लास्टिक मल्चिंग :- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 200 हेक्टेयर है जबकि वित्तीय लक्ष्य 32.00 लाख है |
  4. पैक हाउस :- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 12.00 इकाई है जबकि वित्तीय लक्ष्य 20.00 लाख है |
  5. फल क्षेत्र विस्तार
  • अनार उच्च घनत्व ड्रिप रहित :- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 12,500 वर्गमीटर है जबकि वित्तीय लक्ष्य 3.00 लाख है |
  • नींबू उच्च घनत्व ड्रिप रहित :- इसके लिए भौतिक लक्ष्य 2.90 हेक्टेयर है जबकि वित्तीय लक्ष्य 0.70 लाख है |

आवेदन कब से करना है ?

एकीकृत बागवानी योजना के तहत किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे | आवेदन 06/09/2021 को प्रातः 11:00 बजे से किया जा सकते हैं | दिए गये लक्ष्यों के संबंध में जिलो को आवंटित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन किया जा सकेगा |

अनुदान हेतु कहाँ आवेदन करें ?

ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, पैक हाउस एवं अनार तथा नीम्बू उच्च घनत्व ड्रिप रहित खेती पर अनुदान हेतु इच्छुक किसान आवेदन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं | मध्यप्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं |

ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, पैक हाउस एवं अनार तथा नीम्बू उच्च घनत्व ड्रिप रहित खेती के लिए हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

 

आयुष आपके द्वार अभियान के तहत वितरित किए जाएंगे 2 लाख औषधीय पौधे

औषधीय पौधों का वितरण

कोरोना काल के बाद देश में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है | ऐसे में देश को औषधीय क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अभियान की शुरुआत की गई है | जिसमें आमजन एवं किसानों को औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | इस कड़ी में आयुष मंत्रालय ने देशभर में 45 से अधिक स्थानों पर“आयुष आपके द्वार”अभियान शुरू किया। आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई ने आयुष भवन में कर्मचारियों को औषधीय पौधे वितरित कर इसअभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए डॉ. मुंजापारा ने लोगों से औषधीय पौधों को अपनाने और अपने परिवार के एक अंग के रूप में उनकी देखभाल करने की अपील की।

यह औषधीय पौधे किए जाएंगे वितरित

इस अभियान की शुरूआत से जुड़ी गतिविधियों में आज कुल 21 राज्य भाग ले रहे हैं और इस दौरान दो लाख से अधिक पौधे वितरित किए जायेंगे। इस अभियान का उद्देश्य एक वर्ष में देशभर के 75 लाख घरों में औषधीय पौधे वितरित करना है। इन औषधीय पौधों में तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, जटामांसी, गिलोय/गुडुची, अश्वगंधा, कुमारी, शतावरी, लेमनग्रास, गुग्गुलु, तुलसी, सर्पगंधा, कालमेघ, ब्राह्मी और आंवला शामिल हैं।

75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में की जायेगी औषधीय पौधों की खेती

आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (नेशनल मेडीसिनल प्लांट्स बोर्ड-एनएमपीबी) ने देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की है। अभियान के तहत, देशभर में अगले एक वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती की जायेगी। कार्यक्रम की शुरूआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है।

सब्सिडी पर यह कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन करें

अनुदान पर कृषि यंत्र हेतु आवेदन

कृषि यंत्र अनुदान हेतु आवेदन प्रक्रिया

खरीफ फसलों की कटाई इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाएगी, किसानों को ऐसे में कटाई सम्बन्धित कृषि यंत्रों की आवश्यकता होगी | किसानों को आवश्यकता अनुसार कृषि यंत्र उपलब्ध हो सके इसके लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं | इस कड़ी में मध्यप्रदेश के कृषि विभाग द्वारा राज्य के किसानों को खरीफ फसल की कटाई, मढ़ाई तथा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कई प्रकार के कृषि यंत्र सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है | इच्छुक किसान इन कृषि यंत्रों में से अपनी आवश्यकता अनुसार कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं |

किसान इन कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु कर सकते हैं आवेदन

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों के लिए खरीफ फसल की कटाई को ध्यान में रखते हुए कटाई सम्बंधित कृषि यंत्र सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है | किसान इन कृषि यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं |

  1. स्वचालित रीपर / रीपर
  2. मल्टीक्रॉप थ्रेशर/एक्सियल फ्लो पैडी थ्रेशर
  3. पॉवर स्प्रेयर / बूम स्प्रेयर (ट्रेक्टर चलित)
  4. विनोविंग फेन (ट्रेक्टर/मोटर ऑपरेटेड)

कृषि यंत्रों पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

मध्यप्रदेश में किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर किसान वर्ग एवं श्रेणी के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है, जो 50 प्रतिशत तक है | किसान जो कृषि यंत्र लेना चाहते हैं वह किसान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर पर कृषि यंत्र की लागत के अनुसार उनको मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देख सकते हैं |

अनुदान हेतु किसान कब आवेदन कर सकते हैं ?

ऊपर दिये हुए कृषि यंत्रों के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं | राज्य के सभी जिलों के किसान 4 सितम्बर 2021 से 13 सितम्बर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं | राज्य में किसानों को कृषि यंत्र लाँटरी सिस्टम के अनुसार दिए जाते हैं | अतः जो किसान इस बीच कृषि यंत्रों के लिए आवेदन करते हैं उन किसानों में से लोटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा जिसकी सूची 14 सितम्बर 2021 को जारी की जाएगी |

आवेदन के लिए क्या दस्तावेज चाहिए ?

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए किसानों को आनलाइन आवेदन करना होगा | आवेदन के लिए किसानों के पास विभिन्न प्रकार के दस्तावेज होना जरुरी है |

  1. आधार कार्ड की काँपी
  2. बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की काँपी
  3. सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषिक हेतु)
  4. बी-1 की प्रति
  5. ट्रेक्टर से चालित कृषि यंत्रों के लिए किसान के पास पहले से ट्रेक्टर होना जरुरी है |

कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन कहाँ करें ?

मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन किसान भाई ऑनलाइन e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर कर सकते हैं परन्तु सभी किसान भाइयों को यह बात ध्यान में रखना होगा की आवेदन के समय उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर otp वन टाइम पासवर्ड प्राप्त होगा | इसलिए किसान अपना मोबाइल अपने पास रखें | | किसान https://dbt.mpdage.org/ पर जाकर आवेदन करें |

सब्सिडी पर दिए गए कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें