कम पानी एवं कम समय में धान की खेती के लिए किसान करें डीएसआर मशीन से रोपाई

धान की डीएसआर मशीन से बिजाई

खेती-किसानी कार्यों में कृषि यंत्रों का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है, कृषि यंत्रों की मदद से जहाँ कार्य कम समय में हो जाता है वहीँ इससे लागत भी कम आती है | ऐसा ही कृषि यंत्र धान की खेती करने वाले किसानों के लिए तैयार किया गया है जिसकी मदद से किसान सीधे धान की बिजाई कर सकते हैं | हरियाणा सरकार ने धान उत्पादक किसानों को डीएसआर मशीन द्वारा धान रोपाई की सलाह दी है, इससे जहां पानी की बचत होती है वहीं फसल भी लगभग 10 दिन पहले पककर तैयार होती है।

आमतौर पर धान के सीजन में 15 जून से किसान पारम्परिक विधि से धान की पौध तैयार करके अपने-अपने खेतों में रोपाई करते हैं । इस विधि में खेत में पानी भरकर रोपाई की जाती है व रोपाई के बाद भी खेत में पानी बनाए रखना पड़ता है। इस समय तापमान अधिक होने के कारण पानी का वाष्पीकरण बहुत अधिक मात्रा में होता है और इसमें मेहनत भी ज्यादा लगती है।

डीएसआर मशीन से धान रोपाई के लाभ

धान की सीधी बिजाई डीएसआर मशीन द्वारा करने से भू-जल, लेबर व समय की बचत होती है | इस विधि से पहले खेत में लेजर लेवलर द्वारा समतल किया जाना जरूरी है और इसके बाद पानी से तर-बतर अवस्था में धान की सीधी बिजाई की जा सकती है। उन्होंने इस विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस विधि से बिजाई करने में 15 से 20 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।

इस मशीन द्वारा किसान रेतीली जमीनों में बिजाइ न करें व केवल उन्हीं खेतों में बिजाई करे जिसमें किसान पहले से ही धान की फसल ले रहे है।  धान की सीधी बिजाई वाली विधि से जहां एक ओर पैदावार रोपाई करके लगाई गई धान की फसल के बराबर होती है वहीं दूसरी ओर फसल 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। जिस कारण धान की पराली सम्भालने व गेहूं अथवा सब्जियों की बिजाई करने के लिए अधिक समय मिल जाता है।

बिजाई मशीन पर सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनुदान

हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि जो किसान धान की खेती को छोडक़र मक्का की खेती करना चाहते हैं वे मेज पलान्टर द्वारा मेढ़ों पर मक्का की बिजाई भी कर सकते हैं। इससे पानी की अत्यधिक बचत होती है। इन दोनों कृषि यंत्रों को खरीदने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त विभाग के पास डीएसआर मशीन होती है, वह किसानों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर बुक की जाती है। उन्होंने कहा कि मक्का बिजाई मशीन फ्री में उपलब्ध करवाई जाएगी तथा इसके लिए किसान अपना आधार-कार्ड कार्यालय में जमा करवाकर मशीनों का लाभ उठा सकते हैं ।

इस योजना के तहत बैंक लोन जमा करने पर ब्याज में दी जा रही है 100 प्रतिशत तक की छूट

एकमुश्त समाधान योजना के तहत ब्याज में छूट

किसान कृषि कार्यों एवं अन्य गतिविधियों के लिए बैंक से ऋण लेते है परन्तु कई बार उसे किन्ही कारणों के चलते समय पर चूका नहीं पाते हैं, ऐसे में उन्हें उस पर बहुत अधिक ब्याज देना पड़ता है | कई बार यह ब्याज बढ़ते बढ़ते बहुत अधिक हो जाता है और किसान वह चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, और डिफाल्टर बन जाते हैं | ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ऋणी किसानों को एक बड़ी सौगात दी है | इसके तहत राज्य सरकार ने किसानों को पुराने ऋण चुकाने पर ब्याज में 100 फीसदी तक छूट देने के लिए “एकमुश्त समाधान योजना 2021″ लेकर आई है |

राज्य के वे सभी किसान जो उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से कृषि ऋण लिए हैं उनकों मूलधन को एक मुश्त जमा करने पर ब्याज में भारी छुट दी जा रही है | इसके अंतर्गत ब्याज में 30 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की ब्याज में छुट दी जाएगी |

योजना का लाभ किस प्रकार के ऋण पर होगा ?

एकमुश्त समाधान योजना  के तहत उत्तर प्रदेश के ऐसे किसान जिन्होंने 1 अप्रैल 2009 को अथवा उसके पश्चात् दिनांक 31 मार्च 2013 तक के मध्य बैंक से ऋण लिया था उन्हें शामिल किया गया है | इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को एकमुश्त मूलधन जमा करना होगा | मूलधन में किसी प्रकार की छुट नहीं दी जाएगी |

किस किसान को मिलेगी कितनी छूट ?

  • किसानों को ब्याज में छुट उसके द्वारा लिए गये ऋण अवधि के अनुसार दी जाएगी | योजना के तहत 30 से 100 प्रतिशत की ब्याज में छुट दिए जाने का प्रावधान किया गया है |
  • 31 मार्च 1997 से 31 मार्च 2001 तक अथवा उक्त तिथि से पूर्व वितरित ऋण प्रकरणों में कुल देय मूलधन का शत प्रतिशत वसूली करते हुए उन पर देय समस्त ब्याज माफ़ किया जाएगा |
  • ऐसे किसान जिनका 30/06/2020 तक बकाया जमा नहीं हुआ एसे किसानों को ब्याज पर 30 प्रतिशत की छुट दी जाएगी तथा ब्याज का 70 प्रतिशत किसान को मूलधन के साथ देना होगा |
  • इसके साथ ही 30/06/2020 को अथवा उससे पूर्व ऋणी सदस्य के मृतक होने की स्थिति में दिनांक 31/03/2013 तक अथवा उससे पूर्व ऋणी के लिए जाने का प्रतिबंध प्रभावी नहीं रहेगा | मृतक बकायेदारों के ऋण प्रकरणों में बकाये की समस्त किश्तों के साथ ही साथ आगामी तिथियों में देय किश्तों का अग्रिम भुगतान किये जाने की दशा में श्रेणी 04 में प्रावधानित व्यवस्था के अनुसार समस्त प्रकार के ब्याज में 30 प्रतिशत का लाभ अनुमन्य किया जा सकेगा |
नियम और शर्ते इस प्रकार है :-
  1. जिन प्रकरणों में वितरण धनराशि / मूलधन के 50 प्रतिशत के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गयी है, उनमें अवशेष मूलधन लिया जायेगा |
  2. ऐसे प्रकरणों में वितरण धनराशि / मूलधन के 50 प्रतिशत से कम ब्याज की वसूली की गयी है उनमें मूलधन / वितरण ऋण राशि के (पूर्व में वसूली ब्याज को घटाते हुये) 50 प्रतिशत तक के बराबर ब्याज लिया जायेगा | श्रेणी 3 के अनुसार दिनांक 01 अप्रैल 2001 से दिनांक 31 मार्च 2009 तक एक मध्य ऋण लेने वाले कृषकों से अवशेष समस्त मूलधन की वसूली की जाएगी व उस पर देय समस्त ब्याज पर छुट का लाभ निम्नानुसार अनुमन्य कराया जायेगा |
  3. जिन प्रकरणों में वितरण धनराशि / मूलधन के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गयी है, उनमें अवशेष मूलधन लिया जायेगा |
  4. ऐसे प्रकरणों में वितरण धनराशि / मूलधन से कम ब्याज की वसूली की गयी है उनमें मूलधन / वितरित ऋण राशि (पूर्व में वसूली ब्याज को घटाते हुये) के बराबर ब्याज लिया जायेगा |

योजना का लाभ लेने के लिए यहाँ करें सम्पर्क

उत्तर प्रदेश के किसान जिन्होंने सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से ऋण लिया है और अभी तक सभी किश्त जमा नहीं की है उन सभी किसानों को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने संबंधित सहकारी विकास बैंक से संपर्क करें |

सोयाबीन की अधिक पैदावार के लिए किसान रखें इन बातों का ध्यान

सोयाबीन बुआई के लिए मुख्य बातें

खरीफ मौसम में सोयाबीन की खेती तेलहन के रूप में प्रमुखता से की जाती है | कई बार सोयाबीन में कीट रोगों के प्रकोप से फसल को काफी नुकसान होता है ऐसे में किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती कर इस नुकसान को कम करने की आवश्यकता है | किसानों को सोयाबीन की फसल से अधिक उत्पदान प्राप्त करने के लिए उन्नत प्रमाणित बीज का चयन करना चाहिए, साथ ही सही मात्रा में ही उर्वरक आदि का प्रयोग करना चाहिए | किसान सोयाबीन की बुआई के समय क्या करें किसान समाधान इसकी जानकारी लेकर आया है |

सोयाबीन के बीजों का चयन कैसे करें ?

किसी भी फसल में बीज सबसे महत्वपूर्ण पहलु है, बीज के ऊपर ही फसल की पैदावार निर्भर करती है | ऐसे में किसानों को बीज रोग प्रतिरोध के साथ सूखे में सहनशील और उच्च पैदावार वाली किस्मों का चयन करना चाहिए |

सोयाबीन की उन्नत किस्मों की जानकारी यहाँ देखें

  • सोयाबीन की ऐसी किस्मों का पता लगाना जो जैविक (खरपतवार, कीट–पतंगे और रोग) और अजैविक (सुखा, गर्मी) प्रतिरोधी हों |
  • 2 से अधिक किस्मों के पौधें लगाएं
  • बरसात के शुरू होने से पहले अंकुरण के लिए बीज का परीक्षण करें |
  • 3 से अधिक मौसमों के लिए बीज का दोबारा प्रयोग न करें |
  • ट्राईकोडर्मा विराइड 5 ग्राम/ किलोग्राम बीज की पोटेंट कल्चर के साथ, ब्रैडी राइजोबियम जैपोनिकम और पीएसबी / पीएसएम, दोनों को 5 ग्राम / किलोग्राम बीज पर बीज पर इनोकुलेट किया गया |

अंकुरण परिक्षण

किसानों को सोयाबीन बीज की बुआई से पूर्व ही पहले अंकुरण परिक्षण का न्यनतम 70 प्रतिशत से अधिक है या नहीं इसकी जांच कर लेनी चाहिए | परिस्खन के लिए 1 X 1 वर्गमीटर की क्यारी बनाकर कतारों में 45 से.मी. की दुरी पर 100 बीज बोना चाहिए, उसके पश्चात् उनकी गिनती कर लेनी चाहिए | यदि 100 में से 70 से अधिक पौधे अंकुरित हो तो बीज अच्छे हैं | अंकुरण क्षमता का परिक्षण थाली में गीला अखबार रखकर अथवा हीले थैले पर बीज उगाकर भी किया जा सकता है |

सोयाबीन में उर्वरकों का उपयोग

पौधे के विकास के साथ-साथ फुल और फल लगने के लिए उर्वरक का सही प्रयोग जरुरी है |

  • पोषक तत्वों के आवश्यक स्तर को सही स्रोतों के माध्यम से सही समय और सही जगह पर उपयोग करें |
  • जैविक खाद और पुरानी/ अच्छी तरह से कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करें |
  • खड़ी फसल में किसी तरह की कोई भी नाईट्रोजन युक्त उर्वरक न डालें
  • उर्वरकों को सूखी, साफ़ और ऊपर से ढकी हुई जगह (शेल्टर) पर रखें |

रोपण कि विधि तथा बीज की मात्रा

बुवाई सिडड्रिल से करना चाहिए जो 3 से 6 पंक्तियों में सही रहता है | इसके अलावा बीज की उचित मात्रा जानना जरुरी है |

  • सूखे या अधिक बारिश के प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए सोयाबीन की प्रत्येक 3 / 6 / 9 पंक्तियों क बाद ब्रांड bed फरों (बीबीएफ) या रिज फरो (एफआईआरबीएस) या ओपन फरो से सोयाबीन लगाएं
  • बीज सूचकांक और अंकुरण क्षमता के आधार पर आवश्यक बीज दर लगाएं
  • रोपण ज्योमेट्री को बनाए रखें
  • देर से बुवाई में 1.25 गुना बीज मात्रा का प्रयोग करें |

जानिए किन राज्यों में पहुंचा मानसून,12 से 15 जून तक किन जिलों में होगी झमाझम बारिश ?

Monsoon Update: 12 से 15 जून के लिए मौसम पूर्वानुमान

इस वर्ष मानसून देश में तेजी से आगे बढ़ रहा है, यह समय से 7 दिन पहले ही मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में प्रवेश कर चूका है | दक्षिण पश्चिम मॉनसून 11 जून, 2021 को मध्यप्रदेश के सीहोर, रायसेन, सागर, दमोह, उमरिया, जबलपुर,नरसिंगपुर, होशंगाबाद, हरदा जिलों में एवं उत्तरी अरब सागर के कुछ और हिस्सों के साथ दक्षिणी गुजरात, दक्षिणी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों, उत्‍तरी बंगाल की खाड़ी के अधिकांश भागों और पश्चिम बंगाल के अधिकांश भागों में आगे बढ़ा है।

भारतीय मौसम विभाग IMD के अनुसार दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले 48 घंटों के दौरान गुजरात के कुछ और भागों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के शेष हिस्सों, समूचे पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के शेष हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले 3-4 दिनों के दौरान दक्षिण राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र को छोड़कर देश के शेष हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के अनुसार 12 से 15 जून के दौरान भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, बडवानी, बुरहानपुर, खंडवा,खरगोन, झाबुआ, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोक नगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड,मुरैना, श्योपुर कला, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी, कटनी, छिंदवाडा, जबलपुर, बालाघाट, नरसिंगपुर, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवा एवं गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है वहीँ कहीं भारी बारिश होने की सम्भावना भी है |

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के रायपुर केंद्र की चेतावनी के अनुसार 12 से 15 जून के दौरान सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद,धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगांव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा,  सुकुमा, कांकेर, नारायणपुर एवं बीजापुर जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश से भारी बारिश होने की सम्भावना है |

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग जयपुर के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 12 से 15 जून के दौरान अजमेर,अलवर,बारन, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धोलपुर, जयपुर, झालवार, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई-माधौपुर, सीकर, सिरोही, बारमेर,टोंक, बारमेर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़,जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, पाली, श्री गंगानगर एवं नागौर जिलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा एवं गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है |

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ के द्वारा जारी चेतवानी के अनुसार 12 एवं 15 जून के दौरान पंजाब राज्य के पठानकोट, गुरुदासपुर, अमृतसर, तरण-तारन, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला, साहिबजादा अजीतसिंह नगर जिलों में गरज चमक के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है, वहीँ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है |

हरियाणा राज्य के लिए जारी की गई चेतावनी के अनुसार 12 से 15 जून के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद,रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार,जींद, भिवानी, चरखी दादरी जिलों में तेज हवाओं के साथ गरज चमक के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है, वहीँ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है |

15 जुलाई तक किसानों को दिए जाएंगे 7621 नए ट्यूबवैल कनेक्शन

7621 नए ट्यूबवैल कनेक्शन

खरीफ सीजन 2021 शुरू होते ही फसलों की सिंचाई हेतु समुचित व्यवस्था करने के लिए किसानों एवं राज्य सरकारों के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है | ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए नए बिजली कनेक्शन एवं जो पुराने से लंबित कनेक्शन हैं उन्हें दिए जाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है | हरियाणा सरकार ने राज्य के ऐसे 7,621 किसानों को 15 जुलाई तक ट्यूबवैल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है जिन्होंने पहले आवेदन कर दिया था |

हरियाणा के विद्युत मंत्री श्री रणजीत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को प्रथम चरण में शेष बचे 7621 ट्यूबवैल कनेक्शन आगामी 15 जुलाई तक देने का लक्ष्य रखा है, अभी तक 9401 ट्यूबवैल कनेक्शन दिए जा चुके हैं । जिन किसानों ने ट्यूबवैल कनेक्शन के लिए एक जनवरी 2019 से पहले आवेदन किया था, उन्हें चरणबद्घ तरीके से कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

किसानों को कुल कितने ट्यूबवेल कनेक्शन दिए जाएंगे

सरकार द्वारा पहले चरण में कुल 17,022 ट्यूबवैल कनेक्शन जारी किए जाएंगे । इसके तहत दूसरे चरण में 40 हजार आवेदकों को कवर किया जाएगा, जिनको 30 जून 2022 तक ट्यूबवैल कनेक्शन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है। इनमें से 39,571 आवेदकों के एस्टिमेट तैयार कर फीस जमा करवाने को कहा गया है। इसके अलावा 19,672 किसानों ने अनुमानित लागत फीस जमा भी करवा दी है। राज्य सरकार ने 100 फुट से कम भूजल स्तर वाले क्षेत्रों में किसानों को ट्यूबवैल कनेक्शन दिए जाएंगे, उससे अधिक गहराई वाले क्षेत्रों में ड्रिप सिस्टम लागू किया जाएगा।

किसान ले सकते हैं इन कंपनियों के मोटर पंप

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए 7 कम्पनियों के मोटर पैम्पसेट को अधिकृत किया है। कोई भी किसान इन कम्पनियों के पैम्पसेट खरीद कर अपने खेतों में लगवा सकते हैं, जिनमें शक्ति पम्प, क्राम्पटन इलेट्रोनिक लिमिटिड, ला गज्जर मशीनरी, सीआरआई पम्प, ड्यूक प्लास्टो तकनीक, एक्वासब इंजिनियरिंग तथा लूबी इंडस्ट्री के 3 स्टार पम्प शामिल हैं। इन कम्पनियों के पम्प लगाने से लेकर रिपेयर करने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित कम्पनी की होगी।

सब्सिडी पर पैडी Rice ट्रांस्प्लान्टर लेने के लिए आवेदन करें

पैडी Rice ट्रांस्प्लान्टर अनुदान हेतु आवेदन

आधुनिक खेती में कम समय में अधिक काम करने के लिए कृषि यंत्रों का महत्त्व बढ़ता जा रहा है | कृषि यंत्रों की मदद से किसान ज्यादा से ज्यादा कृषि यंत्रों का उपयोग करते हैं जिससे समय और पैसे की बचत हो सके | खरीफ सीजन में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए मध्यप्रदेश कृषि विभाग ने पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर सब्सिडी पर देने के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किये हैं | इस कृषि यंत्र की मांग पिछले वर्ष कम रहने के कारण इस बार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गए हैं | मध्य प्रदेश के कोई भी किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं |

मांग कम रहने के कारण योजना के आवेदन को ऑफलाइन ही रखा गया है, जिससे किसान इस योजना के लिए जिले में आवेदन कर सकते हैं | किसानों के मांग के अनुसार लक्ष्य निर्धारित कर पात्र किसानों को सब्सिडी पर पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर दिए जायेंगे |

पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई से लाभ

जहाँ पैडी ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई बहुत ही आसान है वही मशीन द्वारा 1 एकड़ की धान की रोपाई मात्र 2 से 3 घंटे में पूरी हो जाती है एवं अपेक्षाकृत लागत भी कम आती है | पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से मैट टाइप नर्सरी तैयार करने से उत्पादन में भी 10 से 12 प्रतिशत बढ़ोतरी भी होती है। पैडी ट्रांस्प्लान्टर से रोपाई करने में जहाँ कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है वही इससे बीज की बचत एवं निंदाई, गुड़ाई एवं कटाई आदि कार्य भी आसानी से किये जा सकते हैं |

किसान पैडी ट्रांसप्लांटर हेतु आवेदन कहाँ से करें ?

पैडी ट्रांसप्लांटर के लिए मध्यप्रदेश के किसान ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं | किसान आवेदन के लिए अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क करके अपने आवेदन पर कार्यवाही करा सकते हैं | उल्लेखनीय है कि इस यंत्र हेतु जिलेवार लक्ष्यों की आवश्यकता नहीं होगी | कृषक की मांग अनुसार लक्ष्य तत्काल आवंटित कर दिया जायेगा |

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

किसान आवेदन अपने जिले के कृषि अभिलेखों के साथ अपने जिले के सहायक कृषि यांत्रिक कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं | आवेदन के लिए कुछ दस्तावेज अनिवार्य है जिसे किसान अपने साथ ले जाएँ |

  • भूमि के लिए बी 1
  • जाति प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • बैंक पास बुक की छाया प्रति

किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत किसानों को बिजली बिल पर मिलेगा 12 हजार रुपये सालाना अनुदान

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना बिजली बिल अनुदान

सरकारों के द्वारा कृषि की लागत कम करने के लिए कई पहल की जा रही है, जिससे किसानों को कृषि क्षेत्र में होने वाले नुकसान से बचाया जा सके | इसके अलावा कोरोना काल में किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए भी कई प्रयास किये जा रहे हैं | राजस्थान सरकार ने किसानों पर पड़ने वाले बिजली बिल के भार को कम करने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए “मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना” को मंजूरी दे दी है | योजना के तहत अब किसानों को सालाना 12 हजार रुपये का अनुदान सीधे उनके बैंक खातों में दिया जायेगा |

दरअसल राजस्थान में पिछली सरकार के द्वारा किसानों को कृषि बिजली बिल पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत 833 रूपये की सब्सिडी दी जाती थी | उस योजना को वर्ष 2021–22 के बजट में नाम बदलकर “मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना” के नाम से मंजूरी दे दी है | योजना के लिए इस वर्ष के बजट में 750 करोड़ रूपये जारी किये गये हैं | जिससे राज्य के कृषि कनेक्शन पर 1,000 रूपये की सब्सिडी प्रतिमाह , जो वर्ष में 12,000 रूपये हैं | योजना के लागू होने से राज्य सरकार पर प्रति वर्ष 450 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार आएगा |

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान

किसान मित्र ऊर्जा योजना राजस्थान के किसानों के लिए शुरू की गई है | योजना के तहत राज्य के कृषि कनेक्शन पर बिजली बिल का 60 प्रतिशत या अधिकतम 1,000 रुपया प्रति माह सब्सिडी के रूप में दिया जायेगा | जिस किसान का कृषि बिजली बिल 1,000 से कम प्रति माह आता है तो उस किसान को बिल का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा |

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना मई, 2021 से लागू की गई है | इसका मतलब यह है कि योजना का लाभ जून माह के बिजली बील में दिया जाएगा | योजना लागू होने केे माह से पहले की बकाया विद्युत बिल राशि को अनुदान में समायोजित नहीं किया जाएगा। यदि कोई किसान बिजली का कम उपभोग करता है और उसका बिल एक हजार रूपए से कम है, तो वास्तविक बिल एवं अनुदान राशि की अंतर राशि उसके बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। इससे किसानों में बिजली की बचत को प्रोत्साहन मिलेगा।

योजना का लाभ किन किसानों को दिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना राज्य के किसानों के लिए शुरू की गई है | इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मीटर्ड कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर प्रतिमाह एक हजार रूपए और अधिकतम 12 हजार रूपए प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाएगा | इस योजना के तहत केंद्रीय, तथा राज्य कर्मचारी, टैक्स पेयर को बाहर रखा गया है |

किसान योजना से जुड़ने के लिए कहाँ करें आवेदन

मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना के तहत 1,000 रुपया या 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसान को योजना के तहत अपना आधार नंबर एवं बैंक खाता जोड़ना होगा | इससे सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में दिया जायेगा |

हर खेत पानी योजना के तहत राज्य सरकार इन सिंचाई साधनों पर दे रही है 85 प्रतिशत तक सब्सिडी

सिंचाई साधनों पर अनुदान हेतु आवेदन

किसानों को सिंचाई की उपुक्त सुविधा मुहैया करवाने के साथ ही लगातार नीचे जा रहे भूमिगत जल स्तर बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं | जहाँ अधिक सिंचाई एवं पानी वाली फसलों को छोड़ अन्य फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही सिंचाई की ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे भूमिगत जल का आवश्यकता से अधिक दोहन न हो | इसके लिए हरियाणा राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए हर खेत पानी योजना चला रही है | योजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई एवं पानी के लिए टैंक बनवाने पर 85 फीसदी अनुदान दे रही है |

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के लिए हर खेत पानी योजना बनाई है। इसमें किसान की जमीन में लगभग दो कनाल भूमि में टैंक निर्माण पर किसानों को 70 से 85 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है इसके अलावा सरकार किसानों को फव्वारा व ड्रिप सिंचाई पर 85 फीसदी सब्सिडी दे रही है | इसके अलावा जो टैंकर बनायें जा रहे उन पर सोलर पम्प की स्थापना भी की जा रही है |

क्या है सिंचाई साधनों एवं यंत्रों पर सब्सिडी के लिए योजना

हरियाणा सरकार द्वारा फ़रवरी माह में किसानों विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान पर सिंचाई साधन एवं यंत्र उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से काडा हरियाणा पोर्टल लांच किया था | पोर्टल पर किसान टैंक निर्माण, खेत-तालाब निर्माण, सुक्ष्म सिंचाई साधन (स्प्रिंकलर, ड्रिप) आदि के लिए आवेदन कर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं इसमें विभिन्न साधनों पर सरकार द्वारा 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है |

सिंचाई साधनों पर दिया जाने वाला अनुदान

हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई साधन उपब्ध करवाने के लिए विभन्न साधनों पर अलग-अलग सब्सिडी का प्रावधान है | किसान जमीन में लगभग दो कनाल भूमि में टैंक निर्माण करवा सकते हैं | इसमें किसान अकेला भी हो सकता है तथा सामूहिक तौर पर भी अपना टैंक बनवा सकते हैं।

  • भूमि में टैंक निर्माण पर किसानों को 70 से 85 फीसदी तक सब्सिडी
  • फव्वारा व ड्रिप सिंचाई पर 85 फीसदी सब्सिडी
  • सोलर पैनल पर 85 फीसदी तक अनुदान

सिंचाई साधनों पर अनुदान के लिए आवेदन कैसे करें

यह योजना पुर्णतः ऑनलाइन एवं पारदर्शी है | सरकार के द्वारा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं किसान https://cadaharyana.nic.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | किसान आवेदन पात्र के लिंक पर मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड OTP प्राप्त होगा जिससे वह लॉग इन कर सकते हैं | किसान अधिक जानकारी के लिए सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण में सम्पर्क कर सकते हैं |

जानिए क्या रहेगा वर्ष 2021-22 में धान, मक्का सहित अन्य खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

वर्ष 2021-22 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP

प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने कृषि उपज की सरकारी खरीद हेतु सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है | पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी फसलों के उत्पादन में 20 रुपये से 452 रूपये तक की वृद्धि की गई है | सबसे कम मक्का में 20 रूपये की बढ़ोतरी तो सबसे ज्यादा तिल में 452 रूपये की बढ़ोतरी की गई है |

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सामान्य धान एवं धान ग्रेड ए दोनों में 72 रुपये की वृद्धि की गई है | सबसे ज्यादा तिल यानी सेसामम (452 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तुअर व उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है | मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में क्रमशः 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने कहा कि मूल्यों में इस अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।

खरीफ सीजन 2021-22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उनमें की गई वृद्धि

खरीफ  फसल
एमएसपी 202021
(रूपये/क्विंटल)
एमएसपी 2021–22
(रूपये/क्विंटल)
एमएसपी में बढ़ोतरी
(पूर्ण)

धान (सामान्य)

1868

1940 

72

धान (ग्रेड ए)

1888

1960

72

ज्वार (हाईब्रिड)

2620

2738

118

ज्वार (मलडंडी)

2640

2758

118

बाजरा

2150

2250

100

रागी

3295

3377

82

मक्का

1850

1870

20

तुअर (अरहर)

6000

6300

300

मूंग

7196

7275

79

उड़द

6000

6300

300

मूंगफली

5275

5550

275

सूरजमुखी के बीज

5885

6015

130

सोयाबीन (पीली)

3880

3950

70

तिल

6855

7307

452

नाइजरसीड

6695

6930

235

कपास (मध्यम रेशा)

5515

5726

211

कपास (लंबा)

5825

6025

200

 लागत का 1.5 गुना है समर्थन मूल्य (MSP)

सरकार खरीद सीजन 2021–22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी, आम बजट 2018–19 में उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत (सीओपी) से कम से कम 1.5 गुने के स्तर पर एमएसपी के निर्धारण की घोषणा के क्रम में की गई है | किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजार (85 प्रतिशत) होने की संभावना है | बाकी फसलों के लिए किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न होने का अनुमान है | 

इन खर्चों को जोड़कर तैयार की गई है फसल लागत

केंद्र सरकार के अनुसार सभी फसलों के उत्पादन में लागत खर्च का 1.5 प्रतिशत का मुनाफा दिया जा रहा है | इससे किसान लागत से 50 प्रतिशत अधिक पा सकता है | न्यूनतम समर्थन मूल्य में सभी फसलों का लागत इस प्रकार जोड़ी गई है | मानव श्रम, बैल श्रम, मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी उपयोग की गई सामग्रियों पर व्यय सिंचाई शुल्क, उपकरण और कृषि भवन पर मूल्य ह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेट आदि चलाने के लिए डीजल/बिजली आदि पर व्यय, मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया गया है |

7,000 रूपये प्रति एकड़ का लाभ प्राप्त करने के लिए 25 जून तक करें आवेदन

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत पंजीकरण

सिंचाई में अधिक पानी के उपयोग के चलते भूमिगत जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है | जिसे रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा कई प्रयास किये जा रहें हैं | राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को ऐसी फसलें लगाने के लिए प्रोत्सहित किया जा रहा है जिसमें कम सिंचाई की आवश्यकता हो | हरियाणा में पिछले वर्ष से मेरा पानी–मेरी विरासत योजना चलाई जा रही है जिसके तहत धान की फसल बुआई वाली भूमि में 50 प्रतिशत से अधिक भूमि पर अन्य फसल बोने पर 7,000 रूपये प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देगी |

पहले वर्ष की अच्छी सफलता के बाद योजना को दुसरे वर्ष भी जारी रखा गया है | योजना के तहत जो भी इच्छुक किसान धान की खेती छोड़ कर अन्य फसल लगाना चाहते हैं वह अभी पंजीकरण कर योजना का लाभ ले सकते हैं | राज्य सरकार ने आवेदन की अंतिम तिथि 25 जून 2021 निर्धारित की है |

इन फसलों पर दिया जायेगा अनुदान

हरियाणा के किसानों को मेरा पानी मेरा विरासत योजना के तहत धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर 7,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी दे रही है | राज्य के किसान मक्का/ सोयाबीन/ ग्वार/ मूंग/ मूंगफली/ कपास /सब्जी/ चारा/ बागवानी तथा अन्य फसल बोने पर योजना का लाभ ले सकते हैं |

मेरी पानी मेरा विरासत योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले लाभ
  • इस योजना के तहत जिस किसान ने अपनी कुल जमीन के 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र पर धान के बजाय मक्का/ कपास/ बाजरा/ दलहन/ सब्जियां इत्यादि फसल उगाई है तो उसको 7,000 रूपये प्रति एकड़ की दर से राशि प्रदान की जाएगी | परन्तु यह राशि उन्ही किसानों को ही दी जाएगी जिन्होंने गत वर्ष के धान के क्षेत्रफल में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्र में फसल विविधिकरण अपनाया है |
  • उपरोक्त राशि 7,000 रूपये प्रति एकड़ के अतिरिक्त जिन किसानों ने धान के बजाय फलदार पौधो तथा सब्जियों की खेती से फसल विविधिकरण अपनाया है उनको बागवानी विभाग द्वारा चालित परियोजनाओं के प्रावधान के अनुसार अनुदान राशि अलग से दी जाएगी |
  • जिन खंडों का भूजल स्तर 35 मीटर अथवा उससे अधिक गहराई पर है तथा पंचायत भूमि पर धान के अतिरिक्त मक्का / कपास / बाजरा / दलहन / सब्जियां फसल उगाई है तो 7,000 रूपये प्रति एकड़ की दर से राशि ग्राम पंचायत को दी जाएगी |
  • मक्का खरीद के दौरान मंडियों में मक्का सुखाने के लिए मशीने लगाई जाएगी ताकि किसानों को पर्याप्त नमी के आधार पर उचित मूल्य मिल सके | मक्का की मशीनों द्वारा बिजाई करने हेतु लक्षित खंडों में किसानों को मक्का बिजाई मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा |
  • फसल विविधिकरण के अंतर्गत अपनाई गई फसल की बीमा राशि / किसान के हिस्से की राशि को सरकार द्वारा दिया जाएगा | फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर कुल लागत का केवल जी.एस.टी. ही देना होगा |

अभी तक इतने एकड़ भूमि में छोड़ी गई धान की खेती

पिछले वर्ष से राज्य में मेरा पानी–मेरा विरासत योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार ने किसानों से धान की फसल छोड़कर अन्य फसल अपनाने का अपील की थी जिसके बदले सरकार ने किसानों को अनुदान भी दिया है | पहले वर्ष में ही योजना को अच्छी सफलता मिली है | राज्य में वर्ष 2020–21 के खरीफ सीजन में किसानों ने 96,000 एकड़ भूमि में धान की फसल को छोड़कर अन्य फसल को अपनाया है |

किसान आवेदन कहाँ करें ?

मेरा पानी मेरा विरासत योजना के लिए किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क करके स्कीम में अपने नाम को पंजीकृत करवाकर सकते हैं | पंजीयन करने के लिए 25 जून अंतिम तिथि है |