फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार ने किया 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान

फसल बीमा योजना के तहत 500 करोड़ रूपये

मानसून सीजन में जहाँ कई जिलों में अधिक बारिश से तो कई जिलों में कम वर्षा के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है | ऐसे में किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एवं जिन किसानों क बीमा नहीं है उन्हें अन्य योजनाओं के तहत मुआवजा देकर की जाती है |

राजस्थान सरकार ने खरीफ फसलों की नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को करने के लिए राज्य द्वारा दिए जाने वाले प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया है | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्यांश प्रीमियम भुगतान के लिए तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर 500 करोड़ रूपये की राशि अतिरिक्त उपलब्ध कराने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है

15 जिलों के किसानों को किया जायेगा भुगतान

खरीफ 2021 में राज्य के 12 से 15 जिलों में अधिक वर्षा एवं सूखे से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए किसानों को तत्काल सहायता प्रदान की जानी है। राज्यांश प्रीमियम मिलने के बाद ही बीमा कम्पनियां किसानों को क्लेम का वितरण करती हैं। ऐसे में वित्त विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्यांश प्रीमियम भुगतान के लिए विभिन्न बजट मदों में अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा गया था।

अस्थाई सिंचाई पंप कनेक्शन के लिए अब किसानों को देना होगा मात्र इतने रुपये

कृषि पम्प कनेक्शन दरें निर्धारित

रबी फसलों की बुआई के साथ ही उसमें सिंचाई के लिए किसानों को अब बिजली कनेक्शन की आवश्यकता होगी | ऐसे में जो किसान सिर्फ खरीफ एवं रबी फसलों की ही खेती करते हैं वह रबी सीजन में तीन माह के लिए सिंचाई हेतु अस्थाई कृषि पम्प कनेक्शन लेते हैं | मध्यप्रदेश की बिजली वितरण कम्पनी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं के लिए अस्थाई सिंचाई पंप कनेक्शन के लिए सिंगल फेस एवं थ्री फेस के लिए नई विद्युत दरें लागू कर दी गयी हैं।

मध्यप्रदेश राज्य शासन के निर्णयानुसार मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के ग्रामीण क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं के लिए अस्थाई सिंचाई पंप कनेक्शन के लिए सिंगल फेस एवं थ्री फेस के लिए नई विद्युत दरें लागू कर दी गयी हैं किसान अब इन दरों पर सिंचाई हेतु अपने खेतों में कनेक्शन ले सकेंगे |

क्या है सिंगल फेस एवं थ्री फेस के लिए नई विद्युत दरें

कंपनी द्वारा जारी दरों के अनुसार अब ग्रामीण क्षेत्र के कृषि पंप उपभोक्ताओं को तीन माह के लिए सिंगल फेज 1 एचपी अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन के लिए फिक्स चार्ज, इनर्जी चार्ज सहित देय राशि 4,222 रूपये के स्थान पर अब राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी सहित कुल 1843 रूपये का ही भुगतान करना होगा। वहीँ 2 एचपी 3480 रुपये एवं 3 एचपी के लिए मात्र 5,118 रुपये देना होगा |

इसी प्रकार थ्री फेज अस्थाई 3 एचपी कृषि पंप कनेक्शन लेने वाले को तीन माह के लिए फिक्स चार्ज, इनर्जी चार्ज सहित कुल 4879 रूपये देना होगा।  वहीँ 5 एचपी के लिए 7,994 रुपये 7.5/8 एचपी के लिए 12,668 रुपये एवं 10 एचपी के लिए 15,784 रुपये देना होगा | कंपनी द्वारा अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन की जारी नई दरें एक नवंबर 2021 से प्रभावशील हो चुकी है।

तीन माह का अग्रिम भुगतान करना होगा जमा

कंपनी ने कहा है कि अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन के लिए कृषि उपभोक्ताओं को वर्ष 2021-22 के लिए जारी टैरिफ आदेश के अनुसार कम से कम तीन माह का अग्रिम भुगतान कंपनी में जमा कराना अनिवार्य है। विद्युत सप्लाई कोड 2013 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार ऐसे उपभोक्ता जिनके पंप कनेक्शन पर उचित रेटिंग का कैपेसिटर लगा हुआ है, उनसे कैपेसिटर सरचार्ज का भुगतान कंपनी द्वारा नहीं लिया जाएगा। कंपनी ने बताया है कि म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार अस्थाई कृषि पंप की दरों का निर्धारण किया गया है। त्रैमासिक आधार पर एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर द्वारा ईंधन प्रभार की गणना की जाएगी।

घर-घर जाकर पशुओं को टैग लगाकर किया जायेगा गलघोंटू एवं मुंहखुर टीकाकरण

गलघोंटू एवं मुंहखुर टीकाकरण अभियान

पशु पालन में अधिक आय के लिए पशुओं का स्वस्थ रहना अतिआवश्यक है, पशुओं को स्वस्थ्य रखने एवं उन्हें कई जानलेवा बिमारियों से बचाने के उनका टीकाकरण किया जाता है | इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा समय-समय पर टीकाकरण अभियान चलाया जाता है | ऐसा ही एक अभियान हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के द्वारा शुरू किया गया है | इस अभियान में राज्य के पशुओं को गलघोंटू व मुंहखुर जैसे रोगों का टीकाकरण किया जायेगा |

हरियाणा पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा चलाए जा रहे गलघोंटू व मुंहखुर टीकाकरण अभियान के तहत पशु चिकित्सकों के नेतृत्व में गठित की गई 28 टीमों द्वारा घर-घर जाकर पशुओं के टैग लगाकर टीकाकरण किया जा रहा है। इस अभियान में पशुओं को टैग लगाने के साथ-साथ पशुओं का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे पशुपालकों को कई सुविधाएँ मिल सकेंगी।

गायों और भैंसों को लगाया जायेगा टैग

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत राज्य में गायों और भैंसों की टैगिंग की जाएगी ताकि पशुपालक टीकाकरण व अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें। मुंहखुर व गलघोंटू की संयुक्त वैक्सीन लगाई जा रही है क्योंकि गलघोंटू एक जानलेवा बीमारी है और मुंहखुर के कारण पशु के दूध देने की क्षमता घट जाती है जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस वैक्सीन का टीकाकरण हो जाने पर पशु काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं।

इन पशुओं का किया जायेगा टीकाकरण

4 माह से छोटे बछड़े, बछडिय़ों व 7 माह से अधिक गाभिन पशुओं को छोडक़र सभी गायों, भैंसों का टीकाकरण किया जायेगा जिससे पशुधन का मुंहखुर तथा गलघोटू जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाव सुनिश्चित हो सकें।

नए बाग लगाने पर सरकार किसानों को दे रही है प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत तक का अनुदान

किसानों को नए बाग लगाने पर अनुदान

परम्परागत खेती में किसानों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए सरकार द्वारा बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को अनुदान सरकार की ओर से दिया जाता है | सरकार द्वारा अलग-अलग फसलों की बागवानी पर किसानों को अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है | हरियाणा सरकार के द्वारा राज्य के किसानों को नए बाग लगाने पर किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है |

किसानों को नए बाग लगाने पर कितना अनुदान दिया जायेगा

हरियाणा सरकार द्वारा परंपरागत खेती में बढ़े हुए जोखिम और लागत को देखते हुए अब नए बाग लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है ताकि किसान बागवानी को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकें। किसानों को अमरूद के बाग लगाने पर 11,500 रुपए, नींबू के बाग लगाने पर 12 हजार रुपए और आंवला के बाग पर 15 हजार रुपए की राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाती है। इस अनुदान योजना के तहत एक किसान 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है।

बागवानी बीमा योजना के तहत की जाएगी भरपाई

राज्य के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें बागवानी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी।

किसान कहाँ करें आवेदन

नए बाग लगाने की योजना राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा चलाई जा रही है |योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात, बैंक कॉपी व आधार कार्ड के साथ जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं ।

18 हजार रुपये तक प्रति हेक्टयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान लेने हेतु आवेदन करें

कृषि इनपुट सब्सिडी हेतु आवेदन

वर्ष 2021 खरीफ सीजन किसानों के लिए अच्छा नहीं गुजरा है, कहीं पर अधिक वर्षा तो कहीं पर कम वर्षा के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ है | इस वर्ष बिहार के कई जिलों में अधिक वर्षा के कारण बाढ़ एवं जल जमाव के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है | इसके अलावा कई किसान लगातार बारिश एवं जल जमाव के कारण खरीफ फसलों की बुवाई नहीं कर सके थे,जिससे किसानों की भूमि परती रह गई और उन्हें खरीफ सीजन में कोई आय नहीं हुई| बिहार सरकार द्वारा किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जा रहा है |

बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार इस वर्ष कृषि इनपुट अनुदान के तहत खरीफ 2021 में आयी बाढ़/अतिवृष्टि के कारण 30 जिलों के 265 प्रखंडों के प्रभावित 3229 पंचायतों में फसल क्षति एवं जल जमाव के कारण परती रह गयी 17 जिलों के 149 प्रखंडों के प्रभावित 2131 पंचायतों के किसानों को फसल क्षति की भरपाई हेतु कृषि इनपुट अनुदान दिया जा रहा है |

इन जिलों के किसान कर सकेगें कृषि इनपुट अनुदान हेतु आवेदन

राज्य के 30 जिलों पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, भभुआ, गया, जहानाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया तथा कटिहार के 265 प्रखंडों के 3229 पंचायतों के किसानों का बाढ़/अतिवृष्टि से फसल क्षति हुई है |

इसके अलावा कम पानी के कारण 17 जिलों के किसान परती भूमि के लिए आवेदन कर सकते हैं | इसके तहत नालंदा, बक्सर, सारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, सहरसा, अररिया तथा कटिहार के 149 प्रखंडों के 2131 पंचायतों के किसानों का खेत बाढ़/अतिवृष्टि के कारण भूमि परती रह गई है |

किसानों को कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

इनपुट सब्सिडी के तहत किसानों को सिंचित, असिंचित, परती भूमि लिए अलग–अलग इनपुट सब्सिडी दी जाएगी | इसके लिए किसानों को आवेदन के समय दर्ज करना होगा | बाढ़/ अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान से सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर कि दर से अनुदान दिया जाएगा | इसी प्रकार असिंचित क्षेत्र के लिए 6,800 रूपये प्रति हेक्टेयर कि दर से कृषि इनपुट सब्सिडी दी जाएगी |

शाश्वत फसल (गन्ना सहित) के लिए 18,000 रूपये प्रति हेक्टेयर कि दर से अनुदान दिया  जाएगा | इसी प्रकार अधिक बारिश तथा बाढ़ से किसानों को 6,800 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा | किसानों को अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा | फसल क्षेत्र के लिए न्यूनतम 1,000 रूपये का अनुदान दिया जायेगा | कृषि अनुदान सभी प्रभावित रैयत एवं गैर रैयत किसान को देय होगा |

कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत आवेदन

ऊपर दिये गये जिलों के किसान कृषि इनपुट अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन 5 नवम्बर से 20 नवम्बर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं | इसके लिए किसान के पास 13 नंबर की पंजीयन संख्या होना आवश्यक है | अगर किसी किसान के पास यह नंबर नहीं है तो वह http://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर पंजीयन करा सकते हैं | इससे किसानों को 13 नंबर की एक पंजीयन संख्या मिलेगी | किसान उस पंजीयन संख्या के 24 घंटे के बाद कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं | जिस किसान के पास पहले से 13 नंबर का पंजीयन संख्या है वह 5 नंबर से ऑनलाइन http://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं |

8 नवंबर से बागवानी के इन विषयों पर किसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षण

बागवानी फसलों के लिए ट्रेनिंग

किसानों को परंपरागत खेती में हो रहे नुकसान से बचाने के लिए एवं किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | इसके लिए किसानों को कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है | जिसका लाभ लेकर किसान कृषि की नवीनतम तकनीकों को अपनाकर अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं | ऐसे ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत हरियाणा के उद्यान विभाग द्वारा की जा रही है जो 8 नवम्बर से लेकर 3 दिसम्बर तक चलेगें |

किसानों को कब किस विषय पर दिया जायेगा प्रशिक्षण

हरियाणा उद्यान विभाग द्वारा 8 नवंबर से 12 नवंबर तक सब्जियों की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 15 नवंबर से 19 नवंबर तक प्रसंस्करण परीक्षण एवं मूल्यवर्धन पर, 22 नवंबर से 26 नवंबर तक बागवानी फसलों में तुड़ाई उपरांत प्रबंधन व प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर तथा 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक मधुमक्खी पालन के माध्यम मकरंद समर्थन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 

प्रशिक्षण के लिए किसान कब एवं कहाँ करें आवेदन

हरियाणा उद्यान विभाग द्वारा आगामी 8 नवंबर से 3 दिसंबर 2021 तक चार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे | जिनमें प्रत्येक बैच में 40 किसानों को उद्यान प्रशिक्षण संस्थान उचानी (करनाल) में प्रशिक्षित किया जाएगा। उद्यान विभाग की वेबसाइट http://kaushal.hortharyana.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते है। प्रशिक्षण के लिए प्रार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व अधिकतम 60 वर्ष होनी चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से मांगी 757 करोड़ रुपए की सहायता राशि

बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि

इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने के बाबजूद इसका वितरण असामान्य रहा जिसका असर सीधे किसानों पर पड़ा है | जहाँ इस वर्ष कई जिलों में अधिक वर्षा से बाढ़ तो कई जिलों में कम वर्षा से सूखा प्रभवित होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है | राज्य सरकारों द्वारा बाढ़ एवं सूखे से हुए नुकसान का आंकलन कर प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा देने का कार्य किया जा रहा है | राजस्थान में हुए बाढ़ से नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 757 करोड़ रुपये की सहायता राशि की मांग की है |

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 में मानसून के दौरान अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण फसलों, जान-माल और मकानों आदि को हुए नुकसान के प्रभावितों को राहत देने के लिए भारत सरकार से 757 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि की माँग की है। इसके लिए आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से भेजे जाने वाले ज्ञापन का अनुमोदन कर दिया है।

अतिवृष्टि से 12 लाख से अधिक किसान हुए हैं प्रभावित

मानसून सीजन वर्ष 2021 में अत्यधिक बारिश से उत्पन्न बाढ़ आदि आपदाओं के कारण प्रदेश के 7 जिलों के 3704 गाँवों में 12.11 लाख काश्तकार प्रभावित हुए हैं। इस आपदा में फसलों के खराबे के अतिरिक्त मानव क्षति, पशुधन की हानि के साथ-साथ मकानों और सार्वजनिक परिसम्पत्तियों को भी नुकसान हुआ है। प्रभावित जिलों से प्राप्त गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार से अतिरिक्त सहायता की माँग करते हुए ज्ञापन तैयार किया गया है।

फसल नुकसान की भरपाई के लिए मांगे गए 443 करोड़ रुपये

फसलों को हुए नुकसान के क्रम में सर्वाधिक लगभग 443 करोड़ रुपए की सहायता कृषि आदान अनुदान के लिए माँगी गई है। सड़कों, पुलों, भवनों आदि सार्वजनिक परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के लिए लगभग 197 करोड़ रुपए, मकानों को हुई हानि के लिए लगभग 51 करोड़ रुपए, भूमि कटाव आदि के लिए 21 करोड़ रुपए और नहरों, सिंचाई तथा पेयजल परियोजनाओं की संरचनाओं की क्षति के लिए लगभग 35 करोड़ रुपए की माँग की गई है।

राज्य के 12 जिलों को किया जा चूका है सूखाग्रस्त घोषित

राजस्थान सरकार के द्वारा जारी सूचि के अनुसार राज्य के 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन 12 जिलों के 69 तहसील के 744 गावों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन जिलों में 33 प्रतिशत से अधिक फसल सूखे के कारण खराब हो गई है | राज्य के 12 जिलों के तहसीलों कि संख्या इस प्रकार है :- बाड़मेर की 16, जोधपुर एवं जैसलमेर की 9–9, बीकानेर एवं पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही एवं नागौर की 2–2 तथा हनुमानगढ़ तथा चुरू की 1-1 एक तहसीलों को सुखा घोषित किया गया है | इनमें से 10 जिलों के 64 तहसीलों को गंभीर सूखाग्रस्त तथा डूंगरपुर की 3 एवं नागौर की 2 तहसीलों को माध्यम श्रेणी सूखाग्रस्त घोषित किया गया है |

किसान अब 10 नवम्बर तक करा सकेंगे पंजीयन खरीफ फसलों का पंजीयन

किसान न्याय योजना पंजीयन

धान एवं अन्य खरीफ फसलें समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए आवश्यक है कि किसान अपनी फसलों का पंजीयन कराये | छत्तीसगढ़ में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना एवं खरीफ फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए एक एकीकृत पोर्टल तैयार किया है जिस पर पंजीयन के बाद ही किसानों को किसान न्याय योजना एवं समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद का लाभ मिल पायेगा | किसान अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के किसान एकीकृत किसान पोर्टल में अब 10 नवम्बर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे।

राज्य के किसान पहले 31 अक्टूबर 2021 तक पंजीयन करा सकते थे | जिसे बढाकर अब 10 नवम्बर 2021 तक कर दिया है | किसान पंजीयन का पोर्टल 10 नवम्बर 2021 तक खोल दिया गया है | यह पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान एवं अन्य फसलों को मंडी में बेचने के लिए भी आवश्यक है |

इस वर्ष किसानों से कब एवं कितनी धान खरीदी जाएगी

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष प्रत्येक वर्ष धान की खरीदी से अधिक का लक्ष्य रखा है | इस वर्ष राज्य सरकार ने राज्य के किसानों से 5 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी करने का लक्ष्य रखा है | जिससे राज्य के किसानों को ज्यादा से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होगा | न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसम्बर से शुरू की जाएगी | न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उसी किसान को प्राप्त होगा जिनका राजीव गाँधी न्याय योजना में पंजीयन है |

योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्धानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है | इसके अलावा वर्ष 2020–21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगन्धित धान, अन्य अनाज, दलहनी, तिलहनी, उद्धानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी | वृक्षा रोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी |

किसान कहाँ करें पंजीयन

राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा | राज्य सरकार ने किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसन करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल http://kisan.cg.nic.in तैयार किया है | कृषक को एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नबंर, बैंक पासबुक की छाया प्रति के साथ प्रपत्र-1 में आवेदन करना होगा |

21 लाख किसानों के बैंक खाते में दी गई 1500 करोड़ रूपए की राशि

किसान न्याय योजना किश्त

कृषि में लागत को कम करने तथा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” चला रही है | इस योजना के तहत किसानों को 9 हजार से लेकर 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की कृषि आदान इनपुट सब्सिडी दी जाती है | इसके अलावा राज्य में पशुपालकों से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी की जाती है | राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 नवम्बर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों एवं पशुपालकों के बैंक खाते में 1510 करोड़ 81 लाख रूपये भेजे गये हैं |

किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त का भुगतान

इस राशि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त की राशि 1500 करोड़ रुपए तथा गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व सहायता समूहों को दी जाने वाली लाभांश की राशि 10 करोड़ 81 लाख रुपए शामिल है। दीपावली और धनतेरस पर्व से ठीक पहले राज्य के 21 लाख ग्रामीण किसान भाइयों के खाते में राशि पहुंचने से उन्हें राहत मिलेगी। इससे पूर्व 21 अगस्त को राज्य के किसानों को किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त का भुगतान किया गया था |

क्या है राजीव गाँधी किसान न्याय योजना

खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रू. प्रति एकड़ आदान सहायता दी जा रही है । कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रू. प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान विक्रय एमएसपी पर किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं, अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9000 रू. के स्थान पर 10,000 रू. प्रति एकड़ इन्पुट सबसिडी दी जायेगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।

गोबर खरीदी का किया गया भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के पशुपालकों के लिए गोधन न्याय योजना चला रही है | इस योजना के तहत पशुपालकों से राज्य सरकार 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदती है तथा इसका भुगतान प्रत्येक 15 दिनों में पशुपालकों को किया जाता है | पशुपालक जो गोधन न्याय योजना से जुड़े हैं उन्हें दीपावली से पहले बैंक खातों में पैसा भेजा गया है | इस बार योजना के तहत 10 करोड़ 91 लाख रुपए दिए गए हैं | इसमें 5.72 करोड़ रुपए गौठान समितियों को तथा 5.09 करोड़ रुपए गोबर संग्राहकों को दिया गया है |

इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ियों के लिए आज सबसे बड़ा त्यौहार है, आज ही के दिन, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का सपना पूरा हुआ था | उन्होंने कहा कि हमने राज्य के किसान भाईयों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान कर अपना वायदा पूरा किया है |

किसान यहाँ से ऑनलाइन खरीद सकेगें उत्तम क्वालिटी के प्रमाणित बीज

ऑनलाइन उत्तम क्वालिटी का बीज

फसलों की पैदावार एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि किसान गुणवतापूर्ण बीज लगाएं परन्तु किसानों को प्रमाणित बीज मिलने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | सरकार द्वारा भी किसानों को प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जाते हैं | इस कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों के लिए उत्तम बीज पोर्टल https://uttambeej.haryana.gov.in/ का विधिवत शुभारम्भ किया। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री खट्टर ने उत्तम बीज पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस पोर्टल से सरकारी एजेंसियां व प्राईवेट बीज उत्पादक भी जुड़ेंगे जो पारदर्शी तरीके से किसानों को उत्तम बीज प्रदान करेंगे, जिससे किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी व उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। यह किसानों की आय दुगनी करने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

कितने प्रमाणित बीज का होता है उत्पादन

हरियाणा में लगभग 30-35 लाख क्विंटल गेहूं व अन्य फसलों का प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है, जिसको लेकर पिछले कई दशकों से किसान मांग कर रहे थे कि प्रमाणित बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए । इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया कि बीज की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए एक ऐसा बीज पोर्टल तैयार किया जाए जिससे किसानों को उत्तम क्वालिटी का बीज मिल सके।

उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीयन

बीज उत्पादक कृषि विज्ञान केंद्र एवं अन्य एजेंसिया उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीकरण कर अपने बीज किसानों को उपलब्ध करा सकती है वही किसान इस पोर्टल पर पंजीकरण कर उत्तम क्वालिटी के बीज इन एजेंसियों से खरीद सकते हैं |

उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीकरण हेतु क्लिक करें