मधुमक्खी पालन नीति-2021
देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा खेती के आलवा पशुपालन, मछली पालन एवं बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है | साथ ही किसानों को खेती के साथ अन्य कार्य जैसे मधुमक्खी पालन पर जोर दिया जा रहा है | विश्वभर में शहद की मांग जिस अनुपात में बढ़ रही है, उसकी तुलना में इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में शहद उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है | देश में किसानों को बड़े पैमाने पर मधुमक्खी पालन से जोड़ने के लिए “मीठी क्रांति “ की शुरुआत की गई है | इससे एक तरफ जहाँ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, वहीँ इससे फसलों का उत्पदान भी 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है |
हरियाणा में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021 और कार्ययोजना 2021-2030 का शुभारंभ किया। योजना के तहत वर्ष 2030 तक राज्य में शहद के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है |
क्या है मधुमक्खी पालन नीति हेतु कार्ययोजना
योजना के तहत किसानों को मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए प्रेरित किया जायेगा | इसके साथ ही, पहली बार मधुमक्खी पालन की पहल को अपनाने के लिए 5,000 नए किसानों को राज्य सरकार सहायता प्रदान करेगी। मधुमक्खी पालन के साथ-साथ किसानों को सूरजमुखी और सरसों जैसी वैकल्पिक फसलों की बुवाई के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। शहद और इसके उत्पादों जैसे रॉयल जेली, बीवैक्स, प्रोपोलिस, मधुमक्खी पराग और मधुमक्खी विष की बिक्री से किसानों की आय को बढाया जायेगा |
निजी उद्यमियों को मधुमक्खी के बक्सों के निर्माण का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा और विभाग द्वारा इन बक्सों की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी | विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की जाएगी, जिसके अंतर्गत हनी ट्रेड सेंटर, विलेज ऑफ एक्सीलेंस, टेस्टिंग लैब आदि की स्थापना की जाएगी।
600 करोड़ रुपये के शहद का किया गया निर्यात
बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी ने हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021 और कार्य योजना 2021-2030 पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने बताया कि हरियाणा देश में शहद उत्पादन में सातवें स्थान पर है। हरियाणा में 4800 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है। वर्ष 2019-2020 में देश में लगभग 1 लाख मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हुआ। देश में उत्पादित शहद का 60 प्रतिशत, जिसकी कीमत 600 करोड़ रुपये है, का निर्यात किया जाता है।