किसान अब 10 नवम्बर तक करा सकेंगे पंजीयन खरीफ फसलों का पंजीयन

किसान न्याय योजना पंजीयन

धान एवं अन्य खरीफ फसलें समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए आवश्यक है कि किसान अपनी फसलों का पंजीयन कराये | छत्तीसगढ़ में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना एवं खरीफ फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए एक एकीकृत पोर्टल तैयार किया है जिस पर पंजीयन के बाद ही किसानों को किसान न्याय योजना एवं समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद का लाभ मिल पायेगा | किसान अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के किसान एकीकृत किसान पोर्टल में अब 10 नवम्बर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे।

राज्य के किसान पहले 31 अक्टूबर 2021 तक पंजीयन करा सकते थे | जिसे बढाकर अब 10 नवम्बर 2021 तक कर दिया है | किसान पंजीयन का पोर्टल 10 नवम्बर 2021 तक खोल दिया गया है | यह पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान एवं अन्य फसलों को मंडी में बेचने के लिए भी आवश्यक है |

इस वर्ष किसानों से कब एवं कितनी धान खरीदी जाएगी

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष प्रत्येक वर्ष धान की खरीदी से अधिक का लक्ष्य रखा है | इस वर्ष राज्य सरकार ने राज्य के किसानों से 5 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी करने का लक्ष्य रखा है | जिससे राज्य के किसानों को ज्यादा से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होगा | न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसम्बर से शुरू की जाएगी | न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उसी किसान को प्राप्त होगा जिनका राजीव गाँधी न्याय योजना में पंजीयन है |

योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्धानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है | इसके अलावा वर्ष 2020–21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगन्धित धान, अन्य अनाज, दलहनी, तिलहनी, उद्धानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी | वृक्षा रोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी |

किसान कहाँ करें पंजीयन

राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा | राज्य सरकार ने किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसन करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल http://kisan.cg.nic.in तैयार किया है | कृषक को एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नबंर, बैंक पासबुक की छाया प्रति के साथ प्रपत्र-1 में आवेदन करना होगा |

21 लाख किसानों के बैंक खाते में दी गई 1500 करोड़ रूपए की राशि

किसान न्याय योजना किश्त

कृषि में लागत को कम करने तथा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” चला रही है | इस योजना के तहत किसानों को 9 हजार से लेकर 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की कृषि आदान इनपुट सब्सिडी दी जाती है | इसके अलावा राज्य में पशुपालकों से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी की जाती है | राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 नवम्बर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों एवं पशुपालकों के बैंक खाते में 1510 करोड़ 81 लाख रूपये भेजे गये हैं |

किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त का भुगतान

इस राशि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त की राशि 1500 करोड़ रुपए तथा गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व सहायता समूहों को दी जाने वाली लाभांश की राशि 10 करोड़ 81 लाख रुपए शामिल है। दीपावली और धनतेरस पर्व से ठीक पहले राज्य के 21 लाख ग्रामीण किसान भाइयों के खाते में राशि पहुंचने से उन्हें राहत मिलेगी। इससे पूर्व 21 अगस्त को राज्य के किसानों को किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त का भुगतान किया गया था |

क्या है राजीव गाँधी किसान न्याय योजना

खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रू. प्रति एकड़ आदान सहायता दी जा रही है । कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रू. प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान विक्रय एमएसपी पर किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं, अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9000 रू. के स्थान पर 10,000 रू. प्रति एकड़ इन्पुट सबसिडी दी जायेगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।

गोबर खरीदी का किया गया भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के पशुपालकों के लिए गोधन न्याय योजना चला रही है | इस योजना के तहत पशुपालकों से राज्य सरकार 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदती है तथा इसका भुगतान प्रत्येक 15 दिनों में पशुपालकों को किया जाता है | पशुपालक जो गोधन न्याय योजना से जुड़े हैं उन्हें दीपावली से पहले बैंक खातों में पैसा भेजा गया है | इस बार योजना के तहत 10 करोड़ 91 लाख रुपए दिए गए हैं | इसमें 5.72 करोड़ रुपए गौठान समितियों को तथा 5.09 करोड़ रुपए गोबर संग्राहकों को दिया गया है |

इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ियों के लिए आज सबसे बड़ा त्यौहार है, आज ही के दिन, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का सपना पूरा हुआ था | उन्होंने कहा कि हमने राज्य के किसान भाईयों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान कर अपना वायदा पूरा किया है |

किसान यहाँ से ऑनलाइन खरीद सकेगें उत्तम क्वालिटी के प्रमाणित बीज

ऑनलाइन उत्तम क्वालिटी का बीज

फसलों की पैदावार एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि किसान गुणवतापूर्ण बीज लगाएं परन्तु किसानों को प्रमाणित बीज मिलने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | सरकार द्वारा भी किसानों को प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जाते हैं | इस कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों के लिए उत्तम बीज पोर्टल https://uttambeej.haryana.gov.in/ का विधिवत शुभारम्भ किया। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री खट्टर ने उत्तम बीज पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस पोर्टल से सरकारी एजेंसियां व प्राईवेट बीज उत्पादक भी जुड़ेंगे जो पारदर्शी तरीके से किसानों को उत्तम बीज प्रदान करेंगे, जिससे किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी होगी व उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। यह किसानों की आय दुगनी करने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

कितने प्रमाणित बीज का होता है उत्पादन

हरियाणा में लगभग 30-35 लाख क्विंटल गेहूं व अन्य फसलों का प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है, जिसको लेकर पिछले कई दशकों से किसान मांग कर रहे थे कि प्रमाणित बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए । इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया कि बीज की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए एक ऐसा बीज पोर्टल तैयार किया जाए जिससे किसानों को उत्तम क्वालिटी का बीज मिल सके।

उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीयन

बीज उत्पादक कृषि विज्ञान केंद्र एवं अन्य एजेंसिया उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीकरण कर अपने बीज किसानों को उपलब्ध करा सकती है वही किसान इस पोर्टल पर पंजीकरण कर उत्तम क्वालिटी के बीज इन एजेंसियों से खरीद सकते हैं |

उत्तम बीज पोर्टल पर पंजीकरण हेतु क्लिक करें

7 दिनों में जारी की जाएगी बीज अनुदान की राशि

बीज अनुदान राशि का भुगतान

फसल का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न फसलों के बीज किसानों को अनुदान पर दिए जाते हैं | इस वर्ष भी केंद्र सरकार एवं अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को रबी फसलों के बीज अनुदानित दरों पर उपलब्ध करवाए गए हैं | मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भी इस वर्ष राज्य के किसानों को गेहूं एवं चने के बीज अनुदान पर दिए गए हैं | जिसकी राशि अभी तक किसानों को नहीं मिल पाई है |

मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने मंत्रालय में कृषि आदानों की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन कृषकों को बीज वितरण अनुदान राशि नहीं मिल पाई है, उन्हें 7 दिन में राशि जारी की जाए |

किसानों को कितना अनुदान दिया जायेगा

गेहूँ के बीजों पर अनुदान एक हजार रुपये प्रति क्विंटल 2 हेक्टेयर तक की सीमा के लिये जारी किए जाएंगे | वहीँ चने के बीजों को किसानों के मध्य लोकप्रिय बनाने के लिये 2 हेक्टेयर तक प्रति क्विंटल 2500 रुपये अनुदान देने के भी निर्देश दिये गए हैं। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जिन कृषकों का अनुदान लंबित है, उन्हें तत्काल जारी किया जाए।

उल्लेखनीय है की इस वर्ष मध्यप्रदेश सरकार ने बीज ग्राम योजना के तहत राज्य के चयनित जिलों में बीजों के मिनीकिट में सरसों समस्त जिलों में, मसूर 32 जिलों में और अलसी के बीज मिनीकिट 18 जिलों में वितरित किये जा रहे है |

राज्य के 12 जिले सूखाग्रस्त घोषित, किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

सूखाग्रस्त किसानों को मुआवजा

देश में इस वर्ष मानसून सीजन में कई जिलों में अधिक बारिश से बाढ़ तो कई जिलों में कम बारिश के चलते सूखे की स्थिति बनी | दोनों ही स्थितियों में किसानों की खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है | ऐसे में राज्य सरकारें अब मानसून की विदाई के बाद किसानों को हुए नुकसान का आंकलन कर उन्हें राहत देने का कार्य कर रही हैं | इस वर्ष राजस्थान में कुछ जिले अधिक वर्षा से तो कुछ जिले कम वर्षा से प्रभावित हुए हैं | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने खरीफ-2021 के दौरान सूखे से फसल खराबे के आधार पर किसानों को मुआवजा देने की स्वीकृति दी है | राजस्थान सरकार ने इस वर्ष राज्य के 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है |

इन जिलों को किया गया सुखा ग्रस्त घोषित

राजस्थान सरकार के द्वारा जारी सूचि के अनुसार राज्य के 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन 12 जिलों के 69 तहसील के 744 गावों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन जिलों में 33 प्रतिशत से अधिक फसल सूखे के कारण खराब हो गई है | राज्य के 12 जिलों के तहसीलों कि संख्या इस प्रकार है :- बाड़मेर की 16, जोधपुर एवं जैसलमेर की 9–9, बीकानेर एवं पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही एवं नागौर की 2–2 तथा हनुमानगढ़ तथा चुरू की 1-1 एक तहसीलों को सुखा घोषित किया गया है | इनमें से 10 जिलों के 64 तहसीलों को गंभीर सूखाग्रस्त तथा डूंगरपुर की 3 एवं नागौर की 2 तहसीलों को माध्यम श्रेणी सूखाग्रस्त घोषित किया गया है |

अतिवृष्टि से भी फसलों को काफी नुकसान हुआ है

राजस्थान में कहीं अधिक वर्षा तो कहीं बहुत कम वर्षा के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है | राज्य में एक तरफ अधिक वर्षा से फसलों की खराब की खबर है तो दूसरी तरफ कम वर्षा से फसल नहीं होने कि सुचना मिल रही है | राज्य के 7 जिलों के 3,704 गावों को भी अभावग्रस्त घोषित करने की मंजूरी दी गई है |

किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

ग्राउंड ट्रूथिंग की रिपोर्ट के आधार पर इन तहसीलों के 744 गांवों में खरीफ की फसल में सूखे से 33 प्रतिशत या इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। इसके आधार पर मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) मानदंडों के अनुसार इन तहसीलों में राहत गतिविधियों के संचालन एवं प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरण की स्वीकृति दी है।

अब यह किसान ले सकेंगे सब्सिडी पर कृषि यंत्र

कृषि यंत्र अनुदान

किसानों को कृषि कार्य के लिए आवश्यक कृषि यंत्र सरकार द्वारा सब्सिडी पर दिए जाते हैं | वर्ष 2021-22 में सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों से आवेदन आमंत्रित किए थे | इन आवेदनों में से कृषि अभियांत्रिकी संचनालय द्वारा लोटरी के माध्यम से किसानों का चयन किया गया था | अब सरकार ने ऐसे किसानों को कृषि यंत्र देने का फैसला लिया है जिनका नाम प्रतीक्षा सूचि में था | इसके लिए कृषि विभाग ने कृषि यंत्रों की सूचि तथा वर्ग के अनुसार लक्ष्य जारी कर दी है |

किसान कौन से कृषि यंत्र ले सकेगें अनुदान पर

प्रतीक्षा सूचि में शामिल किसानों को कृषि यंत्र देने के लिए जिलेवार लक्ष्य जारी कर दिए गए हैं, इसके लिए किसानों को अलग से नए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है | पहले से ही प्रतीक्षा सूचि में चयनित किसानों को अनुदान पर कृषि यन्त्र खरीदने का मौका दिया जायेगा| किसानों को प्रतीक्षा सूचि में कृषि यंत्र रीपर कम बाइंडर, विनोविंग फेन (ट्रेक्टर/मोटर आँपरेटेड), सीड ड्रिल, स्वचालित रीपर, पॉवर टिलर एवं पॉवर स्प्रेयर / बूम स्प्रेयर (ट्रेक्टर चलित) आदि कृषि यंत्रों के लिए लक्ष्य आवंटित किए गए हैं |

प्रतीक्षा सूचि में इन किसानों को दिया जायेगा कृषि यंत्र

किसानों को प्रतीक्षा सूचि के अनुसार 6 प्रकार के कृषि यंत्र लक्ष्य के अतिरिक्त दिया जा रहा है | इसके लिए पहले से आवेदन किए हुए किसानों को मेसेज SMS के माध्यम से भी जानकारी दी जा रही है | बजट उपलब्धता को देखते हुए प्रतीक्षा सूचि अंतर्गत आवेदकों हेतु अतिरिक्त लक्ष्य प्रदाय किये जाने का निर्णय निम्नानुसार लिया गया है |

यंत्र का नाम
सामान्य जाति
अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति

रीपर कम बाइंडर

जिलेवार प्रदाय लक्ष्य अनुसार

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

विनोविंग फेन (ट्रेक्टर/मोटर आँपरेटेड)

अतिरिक्त लक्ष्य नहीं

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

सीड ड्रिल

अतिरिक्त लक्ष्य नहीं

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

स्वचालित रीपर

जिलेवार प्रदाय लक्ष्य अनुसार

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पॉवर टिलर

अतिरिक्त लक्ष्य नहीं

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पॉवर स्प्रेयर / बूम स्प्रेयर (ट्रेक्टर चलित)

अतिरिक्त लक्ष्य नहीं

पूरी प्रतीक्षा सूचि

पूरी प्रतीक्षा सूचि

किसानों को विभाग द्वारा एसएमएस (SMS) प्राप्त होने पर समय अंतर्गत कार्यवाही सुनिशिचित करे तथा लाभ उठावें |

सब्सिडी पर कृषि यंत्र हेतु प्रतीक्षा सूचि देखने के लिए क्लिक करें

 

50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के अनुदान पर केले की खेती हेतु आवेदन करें

अनुदान पर केले की खेती

किसानों की आय एवं बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है | किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना चलाई जा रही है | छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत राज्य के चयनित जिलों में अनुदान पर केले की खेती हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं | राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत केले की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 50 हजार रूपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।

किन जिलों के किसान कर सकते हैं अनुदान हेतु आवेदन

छत्तीसगढ़ राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जगदलपुर, जशपुर, कबीरधाम, कोण्डागांव, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर एवं सरगुजा जिलों को शामिल किया गया है| दिए गए जिलों के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत एक हजार यूनिट (एक हजार हेक्टेयर) यूनिट लक्ष्य रखा गया है।

केले की खेती पर दिया जाने वाला अनुदान

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत केले की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 50 हजार रूपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत केले की व्यवसायिक खेती की प्रति हेक्टेयर लागत 1 लाख 25 हजार रूपए तय की गई है जिस पर किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।

केले की खेती से किसानों को होने वाली आय

छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यतः केले की प्रजाति जी-9 किस्म का रोपण व्यवसायिक खेती के लिए बहुतायत रूप से किया जाता है। किसान केले के पौधों को एक बार अपने खेत में लगाकर 2-3 साल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में प्रति हेक्टेयर औसतन 3 हजार केले पौधे को रोपित कर 250-500 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर केले की व्यवसायिक खेती पर औसतन एक लाख 10 हजार रूपए की लागत आती है, जबकि तीन वर्षों तक इससे लगातार फलत्पादन प्राप्त कर 5 लाख से 10 लाख रूपए तक का मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।

योजना का लाभ लेने के लिए किसान कहाँ आवेदन करें ?

वर्ष 2021-22 में भी केला क्षेत्र विस्तार हेतु 1000 इकाई का लक्ष्य रखा गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना संचालित की जा रही है। केले की व्यवसायिक खेती के इच्छुक कृषक अपने इलाके के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी एवं योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

80 प्रतिशत की सब्सिडी पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन करें

अनुदान पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन

कृषि में आधुनिकता लाने के लिए तथा कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का उपयोग बढ़ता जा रहा है | सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि यंत्रों पर विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी दी जाती है | इससे किसान गाँव में फसल कटाई, खेत जुताई, फसल थ्रेसरिंग,फसल अवशेष प्रबंधन आदि कार्य आसानी से कर सकते हैं | अभी बिहार सरकार ने राज्य के किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन से सम्बंधित उपयोगी कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान देने के लिए आवेदन मांगे हैं |

बिहार सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में सब मिशन आन एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन (एस.एम.ए.एम.) योजना के अंतर्गत फ्लेक्सी फंड के तहत 3 करोड़ रुपये की लागत से फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु विशेष कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जायेंगें | इसके तहत राज्य में 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना की जा रही है, जिसके तहत राज्य के चयनित जिलों के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

इन जिलों के किसान सकर सकते हैं कृषि यंत्र बैंक हेतु आवेदन

कृषि विभाग बिहार द्वारा राज्य के 9 जिलों के किसानों से कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है | योजना के तहत कैमूर, रोहतास, भोजपुर, नालन्दा, बक्सर, पटना, नवादा, गया तथा ओरंगाबाद जिलों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर अनुदान पर कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना कर सकते हैं |

कृषि यंत्र बैंक पर दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy)

राज्य के 9 जिलों के किसानों को कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने के लिए 20 लाख रूपये तक के कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं | इस कृषि यंत्र बैंक पर किसानों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है , जो एक इकाई पर अधिकतम 12 लाख रूपये कि सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी |

योजना के तहत कितने कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जायेंगे ?

बिहार के 9 जिलों के किसानों को 20 लाख रूपये के कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे | जिसके तहत किसानों को 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना की जाएगी | कृषि यंत्र बैंक के तहत 55 हार्स पावर का ट्रेक्टर अनिवार्य हैं | किसान को ट्रेक्टर पर 40 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख 40 हजार रूपये अनुदान दिया जायेगा, जबकि अन्य कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा |

योजना का लाभ किसे दिया जाएगा ?

बिहार राज्य के ऐसे किसान जिनके पास भूमि कम है जिसके कारण कृषि समूहों को योजना का लाभ दिया जाएगा | इस योजना के तहत इच्छुक जीविका के समूह / ग्राम संगठन / क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप (एफ.आई.जी.), नाबार्ड / राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब, कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) स्वयं सहायता समूह, निर्माता/उद्धमी एवं प्रगतिशील कृषक योजना का लाभ उठा सकते हैं |

आवेदन कब से करना है ?

ऊपर दिये हुए 9 जिलों के किसान तथा उन संबंधित जिलों के पात्र इच्छुक किसान समूह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | इस योजना के लिए 27 अक्टूबर से 30 नवम्बर 2021 तक आवेदन किए जाएंगे |

सब्सिडी पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना आवेदन कहाँ से करें ?

बिहार में कृषि यंत्र अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है इसके लिए किसान को पहले बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण DBT पर पंजीकरण होना अनिवार्य है | पंजीकरण के बाद किसानों को जो पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी उसकी मदद से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन कृषि विभाग के वेबसाईट http://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर कर सकते हैं | इस योजना से जुडी विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/ जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं |

कृषि यंत्र बैंक स्थापना हेतु ऑनलाइन आवेदन के लिए क्लिक करें

किसान अब किसी भी क्रय केंद्र का टोकन लेकर बेच सकेगें धान

धान बेचने हेतु टोकन

खरीफ फसलों में धान की खरीदी अधिकांश राज्यों में प्रारंभ की जा चुकी है | उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से धान खरीदी एवं इसके लिए पंजीयन का काम शुरू कर दिया है | पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर 2021 से धान की खरीदी का कार्य चल रहा है जो 31 जनवरी 2022 तक चलेगा | वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 01 नवम्बर 2021 से खरीदी की जाएगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी|

उत्तर प्रदेश में इस वर्ष किसान अब अपने जनपद या सटे हुए जनपद के किसी भी क्रय केंद्र का टोकन प्राप्त कर धान बिक्री कर सकेंगे परन्तु यदि कोई किसान किसी केंद्र पर एक बार अपना धान बेच लेता है तो उसे अगली बार भी उत्पादित धान की शेष मात्रा उसी केंद्र पर बेचनी होगी |

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन कहाँ से लें ?

उत्तर प्रदेश में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन लेना जरुरी है | किसान खाध एवं रसद विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर ऑनलाइन पंजीयन कर टोकन प्राप्त कर सकते हैं | किसान साईबर कैफे, जनसुविधा केंद्र पर तथा निकटतम उचित दर विक्रेता के माध्यम से भी ऑनलाइन कृषक पंजीकरण करा सकते हैं | इसके अतिरिक्त किसान मोबाईल एप के माध्यम से स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं |

4000 खरीदी केन्द्रों पर की जाएगी धान की खरीद

इस वर्ष धान खरीद हेतु खाद्ध तथा रसद विभाग के अतिरिक्त पी.सी.एफ., पी.सी.यू., यू.पी.एस.एस., मंडी परिषद व भारतीय खाद्ध निगम सहित 06 क्रय एजेंसी नामित की गयी है | प्रदेश में 4000 क्रय केंद्र संचालित किया जाना प्रस्तावित है तथा इस वर्ष प्रदेश स्तर पर धान क्रय लक्ष्य 70.00 लाख मि.टन निर्धारित है |

कृषकों की उपज की मात्रा का आकलन कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2021–22 में प्रति हेक्टेयर अनुमानित औसत उत्पादकता के 120 प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा | किसानों की सुविधा के लिए 100 कुंटल तक धान की बिक्री की मात्रा को राजस्व विभाग के सत्यापन से छुट प्रदान की गयी है |

आलू के प्रमाणित बीज सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करें

आलू के प्रमाणित बीज अनुदान हेतु आवेदन

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रमाणित बीज एवं अन्य सामग्री उपलब्ध करवा रही है | राज्य में चयनित जिलों के किसानों से सब्जी प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत आलू के प्रमाणित बीज के साथ कीटनाशक दवा, स्प्रे मशीन अनुदान पर देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

इन जिलों के लिए जारी किए गए लक्ष्य

मध्यप्रदेश में अभी सब्जी प्रदर्शन कार्यक्रम (आलू) योजना के तहत 4 जिलों शिवपुरी, उज्जैन, सागर, शाजापुर जिलों के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं | इन 4 जिलों के लिए 600 इकाई का लक्ष्य रखा गया है | योजना केवल अनुसूचित जाति के कृषक के लिए है | जिलों के अनुसार लक्ष्य इस प्रकार है :- शिवपुरी – 200, उज्जैन–200, सागर–183 संख्या, शाजापुर–17 |

किसानों को अनुदान पर क्या-क्या दिया जायेगा ?

किसानों को आलू प्रदर्शनी कार्यक्रम के तहत प्रमाणित बीज के साथ-साथ खेती के लिए आवश्यक अन्य सामग्री भी दी जाएगी | यह सभी सामग्री किसानों के लिए अनिवार्य है | किसानों प्रमाणित आलू बीज के साथ, बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प, प्लास्टिक केट इत्यादि सामग्री भी दी जाएगी|

किसानों को किस रेट पर बीज एवं अन्य सामग्री दी जाएगी

चयनित किसानों को भौतिक लक्ष्य के अनुसार आलू बीज के साथ अन्य सामग्री भी दी जाएगी | एक किसान को 0.1 हेक्टेयर के लिए 200 किलोग्राम प्रमाणित आलू बीज 25 रूपये किलो की दर से 5000 रूपये तक का आलू बीज दिया जाएगा | इसके साथ बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प 1 दिया जाएगा जिसकी कीमत 3,175 रूपये है | प्लास्टिक केट 4 दिये जाएंगे जिसका मूल्य प्रति प्लास्टिक केट 450 रुपये है, जिसका कुल 1800 रुपये लिए जाएंगे |

किसानों को कैसे मिलेगी सब्सिडी ?

आलू प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु प्रति इकाई निर्धारित लागत राशि 10,000 रूपये है | आलू बीज एवं आवश्यक सामग्री (बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प एवं प्लास्टिक केट) की वास्तविकता कीमत निर्धारित इकाई लागत से कम होने पर शेष/अंतर की राशि से कृषक द्वारा अन्य आवश्यक सामग्री (बीजोपचार दवा, खाद, उर्वरक, कीटनाशक एवं माइक्रोन्यूट्रेंट) स्वयं क्रय की जाकर जिले के उप/सहायक संचालक उद्धान को देयक प्रस्तुत किया जायेगा, देयक के सत्यापन उपरांत राशि का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से कृषक को किया जायेगा |

किसान अनुदान हेतु आवेदन कब एवं कैसे करें ?

अनुसूचित जाति उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वर्ष 2019–20 अंतर्गत आलू प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाएगा | किसान आवेदन 26/10/2021 के दिन में 11:00 बजे से किए जा सकेंगे |आवेदन राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं या विकासखंड स्तर पर कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं | मध्यप्रदेश में उद्यानिकी विभाग से संचालित सभी योजनाओं हेतु आवेदन ऑनलाइन किये जाते हैं अतः इच्छुक किसान जो योजना का लाभ लेना चाहते अपना पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर कर सकते हैं |