20 मार्च से शुरू होगी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद, किसानों को यहाँ करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद हेतु पंजीयन

देश में गेहूं रबी सीजन की मुख्य फसल है, ऐसे में किसानों को गेहूं का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा गेहूं की ख़रीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाती है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जिस पर ही किसानों से इसकी खरीद की जाएगी। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने भी गेहूं की खरीदी के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है।

राजस्थान के खाद्य मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि प्रदेश में क्रय केन्द्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद 20 मार्च से शुरू होगी। इसमें प्रथम चरण में कोटा संभाग के 57 केन्द्रों पर 20 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू की जाएगी जो 30 जून तक जारी रहेगी। शेष जिलों में गेहूं की खरीद 01 अप्रेल से शुरू होगी। सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिला कलेक्टरों और क्रय एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

किसानों को MSP पर गेहूं बेचने के लिए करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

राजस्थान में प्रदेश में गेहूं खरीद का कार्य ऑनलाइन किया जायेगा, राज्य में गेहूं की ख़रीद हेतु पंजीकरण का कार्य 15 मार्च से शुरू हो चुका है। इसके लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है जिसका लिंक खाद्य विभाग की वेबसाइट food.raj.nic.in पर ’गेहूं खरीद हेतु किसान रजिस्ट्रेशन‘ के नाम से उपलब्ध है। किसान ऑनलाइन पोर्टल पर 25 जून तक प्रातः 7 से सांय 7 बजे तक स्वयं या अन्य माध्यम से पंजीयन करवा सकते हैं।

किसान पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

राज्य में किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन हेतु कुछ दस्तावेज की आवश्यकता होगी। जो इस प्रकार है:-

  • जन आधार कार्ड
  • भूमि संबंधी दस्तावेज
  • बैंक की पासबुक की फोटो कॉपी
  • मोबाइल नम्बर
  • नवीनतम मूल गिरदावरी

जनआधार कार्ड में अंकित नामों से किसी भी नाम एवं जिस नाम से गिरदावरी होगी उसी के नाम से पंजीकरण मान्य होगा।

किसान अपनी इच्छा अनुसार चुन सकते हैं क्रय केंद्र

सरकार ने किसानों को अपनी इच्छा के अनुसार खरीद केंद्र चुनने का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। पंजीकरण करवाने के बाद तुलाई का दिन व खरीद की मात्रा संबंधित केन्द्र पर लाने के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस से सूचना भेजी जाएगी। यदि किसान किसी कारण से निर्धारित दिनांक को क्रय केन्द्र नहीं पहुंचता है तो वह आगामी 10 दिन के अंदर अपनी फसल कभी भी तुलवा सकता है। तुलाई के बाद रसीद की एक प्रति किसान को भी दी जाएगी। किसी भी तकनीकी परेशानी होने पर वेबसाइट पर उपलब्ध नंबर से संपर्क किया जा सकता है। 

राजस्थान में MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण करने हेतु क्लिक करें

1 अप्रैल से शुरू होगी पशु एम्बुलेंस सेवा, घर पर ही मिलेगी पशुओं के ईलाज की सुविधा

पशु उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा

देश में पशुपालन क्षेत्र में जोखिम कम करने एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशुओं के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं, इसमें पशुओं का टीकाकरण, टैगिंग, नस्ल सुधार आदि शामिल है। इस कड़ी में पशुपालकों को घर बैठे स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार राज्य में 1 अप्रैल से पशु एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है, इतना ही नहीं इसके लिए सरकार एक टोल फ़्री नम्बर भी जारी करेगी। जिस पर कॉल करके पशुपालक पशु एम्बुलेंस घर पर बुला सकते हैं।

यह जानकारी पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल की अध्यक्षता में 15 मार्च के दिन हुई पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गई। बैठक में इसके अलावा राज्य में पशुपालन के लिए चल रही अन्य योजनाओं के विषय में भी चर्चा की गई।

पशु एम्बुलेंस सेवा में उपलब्ध रहेंगी आवश्यक सुविधाएँ

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पशु एम्बुलेंस सेवा 1 अप्रैल 2023 से शुरू की जाएगी। यह एम्बुलेंस सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस रहेगी, जिसमें एक डॉक्टर, एक कम्पाउण्डर एवं एक ड्रायवर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा पशु एम्बुलेंस का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके इसके लिए एक कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा जिस पर बीमार पशु की सूचना दी जा सकेगी। इस तरह पशु एम्बुलेंस एवं कॉल सेंटर से कुल 1238 लोगों को रोज़गार से जोड़ा जाएगा।

मध्य प्रदेश में लम्पी बीमारी से हुई 696 गायों की मृत्यु

बैठक में बताया गया कि ताया गया कि पड़ौसी राज्य राजस्थान में लम्पी बीमारी से लगभग 70 हजार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्यप्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लम्पी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाये गये 37 लाख 13 हजार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़ कर एक गो-वंश वन विहार बनायें।

शुरू हुआ गोबर से बिजली बनाने का काम, गोबर खरीदी के बदले किया गया 4 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान

गोबर खरीदी का भुगतान

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 15 मार्च के दिन विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। यह भुगतान 16 फरवरी से 28 फरवरी के दौरान लाभार्थियों से खरीदे गए गोबर एवं गौठान समितियों के लाभांश के लिए किया गया है।

सरकार द्वारा अभी किए गए भुगतान में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रुपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि शामिल है। 

गोबर से बिजली बननी हुई शुरू

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है। वही राज्य में गोबर से बिजली के अलावा प्राकृतिक पेंट, वर्मी कम्पोस्ट खाद जैसे कई अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 15 मार्च के दिन भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 

25 मार्च से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद, 15 लाख से अधिक किसानों ने कराया है पंजीयन

MSP पर गेहूं की खरीद

गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है, ऐसे में किसानों को इन फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इन फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष गेहूं का MSP 2,125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जिस पर ही विभिन्न राज्य सरकारें पंजीकृत किसानों से गेहूं ख़रीदेंगी। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में गेहूं खरीदी के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रबी फसलों के उपार्जन कार्य के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।

15 लाख किसानों ने कराया है गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

रबी उपार्जन कार्य के लिए की गई तैयारियों संबंधी बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। गत वर्ष हुए पंजीयन की तुलना में तीन चौथाई पंजीयन हो चुके हैं। लगभग 20 लाख पंजीयन होने की संभावना है। अनाज के भण्डारण एवं परिवहन के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।

4 हजार से अधिक खरीदी केंद्रों पर किया जाएगा उपार्जन

मध्य प्रदेश में 25 मार्च से गेहूँ उपार्जन शुरू होगा। इसके लिए संभागवार तिथियाँ निर्धारित की गईं हैं। भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभागों में 25 मार्च से उपार्जन प्रारंभ होगा। तो वहीं जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चम्बल संभाग में एक अप्रैल से उपार्जन कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए प्रदेश में 4 हजार 223 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। बारदाना व्यवस्था में करीब 3 लाख गठान की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार प्रबंध हो चुका है। वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन उपार्जन संभव है।

मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीदी को लेकर दिए यह निर्देश

  • भण्डारण क्षमता अच्छी रखी जाए साथ हाई पर्याप्त उपार्जन केंद्र बनाए जाएँ।
  • किसानों को बारदाने की कहीं भी कमी न हो।
  • उपार्जन से जुड़े कार्यों में तकनीक का उपयोग हो।
  • किसान को उपार्जन के लिए खुद केंद्र के चयन करने की सुविधा दी जाए।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को समय पर राशि का भुगतान किया जाए।

सहकारी बैंकों ने जारी किए 39 लाख से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड, किसानों को बिना ब्याज के मिलेगा ऋण 

किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण

देश भर में अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड KCC उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसानों को कृषि में पूँजी निवेश के लिए आवश्यक ऋण कम ब्याज दरों पर मिल सके। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के किसानों को सहकारी बैंकों द्वारा नवम्बर-2022 तक 39 लाख 57 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं। वहीं विभिन्न बैंकों द्वारा कुल 65 लाख 83 हजार केसीसी ही जारी किए गए हैं।

यह जानकारी सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गई। मध्य प्रदेश में सहकारी बैंक से किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है, जिसके चलते अधिक से अधिक किसान अपना किसान क्रेडिट कार्ड सहकारी बैंक के माध्यम से बनवा रहे हैं, जिससे फसल ऋण वितरण में भी काफी वृद्धि हुई है। 

किसानों को दिया जाता है शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण 

राज्य में केसीसी से सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण प्रदान किया जाता है। पिछले वर्षों में विभाग द्वारा किसानों को दिए जाने वाले शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण के वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 में 14 हजार 699 करोड़ रूपये के ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को उपलब्ध कराये गये हैं। इसके अलावा राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंकों में बैंकिंग सेवाओं का उन्नयन किया जा रहा है। 

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 29 जिला सहकारी बैंकों से संबद्ध शाखाओं और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में 4 हजार माइक्रो एटीएम स्थापित किये जा रहे हैं। इनसे समिति स्तर पर किसानों को आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही राज्य सहकारी बैंक और खरगोन, इंदौर एवं विदिशा जिला सहकारी बैंक में मोबाइल बैंकिंग की सुविधा संचालित की जा रही है।

अन्य बैंक से किसान ले सकते हैं 4 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन 

मध्य प्रदेश में किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण लेने पर ब्याज दर में अतिरिक्त छूट दी जाती है, जिससे समय पर ऋण  चुकाने वाले किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलता है। वहीं वे किसान जो अन्य बैंकों जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक, निजी बैंक से ऋण लेते हैं उन्हें यह ऋण भारत सरकार की योजना अनुसार 4 फ़ीसदी ब्याज दर पर ही ऋण मिलता है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों में जुड़े किसानों के लिए 9% की बेंचमार्क दर पर केसीसी के माध्यम से 3 लाख रूपये तक के लघु अवधि फसल ऋण उपलब्ध कराए जाते है। भारत सरकार बेंचमार्क दर पर 2% ब्याज छुट प्रदान करती है। ऋणों के शीघ्र और समय पर अदायगी के एवज में किसानों को अतिरिक्त 3% की छुट भी दी जाती है, इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है।

मौसम चेतावनी: 16 से 19 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Update: 16 से 19 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है इसके साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पूर्व राजस्थान और इसके आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है जिसके प्रभाव से आने वाले दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में जहां बादल छाए रहेंगे वहीं कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ ही गरज चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की संभावना है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा एवं पंजाब राज्यों के अधिकांश जिलों में 16 से 19 मार्च के दौरान गरज चमक के साथ ही आंधी बारिश होने की सम्भावना है। इसके अलावा 16 एवं 17 मार्च के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में ओला वृष्टि भी हो सकती है। 

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, बलिया, मऊ अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली, वाराणसी, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर एवं चंदौली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है। 

वहीँ हरियाणा राज्य में 16 से 19 मार्च के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान छत्तीसगढ़ सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना है। वहीं 17 मार्च के दिन दक्षिण-पूर्व हिस्सों में एक दो स्थानों पर बिजली के साथ ओलवृष्टि होने की संभावना है। 

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलवृष्टि होने की संभावना है।

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं 17 मार्च को पूर्वी ज़िलों आंधी बारिश के साथ ही ओलावृष्टि की संभावना है। 

पशु पालन के लिए यहाँ खोले जाएँगे 5 प्रशिक्षण केंद्र, 5400 पशुपालकों को मिलेगा हर साल प्रशिक्षण

पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए पशु पालन से अधिक से अधिक आय अर्जित की जा सके इसके लिए सरकार द्वारा पशु पालकों को या जो व्यक्ति पशु पालन करना चाहते हैं उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में अधिक से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार राज्य के अलग-अलग ज़िलों में 5 प्रशिक्षण केंद्र खोलने जा रही है।

इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने केंद्र खोलने और आवश्यक संसाधनों हेतु 5.18 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रशिक्षण केन्द्रों से उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। राजस्थान सरकार ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2023-24 में पांच जिलों में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है।

प्रति वर्ष 5400 पशुपालकों को मिलेगा प्रशिक्षण

सरकार ने राज्य के अलवर, नागौर, भरतपुर, सीकर एवं अजमेर में पशुपालक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिए मंजूरी दे दी है। पशु पालन के लिए प्रशिक्षण देने के लिए, प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान पर हर महीने 30-30 पशुपालकों के 3 बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 36 बैच आयोजित कर 1080 पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह सभी पांचों केंद्रों में प्रतिवर्ष 5400 पशुपालकों को प्रशिक्षण मिलेगा। 

प्रशिक्षण केंद्र के लिए उपलब्ध भवनों के मरम्मत कार्य तथा नवीन भवनों के निर्माण कार्य 4.50 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएंगे। केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्य संचालित करने के लिए 18 लाख रुपए तथा आवश्यक संसाधनों जैसे फर्नीचर, ऑडियो-वीडियो विज्ञापन, कम्प्यूटर, फोटोकॉपियर, प्रोजेक्टर, टीवी, ग्लास बोर्ड आदि के लिए प्रति प्रशिक्षण केंद्र 10-10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

1 अप्रैल से शुरू होगी सांझी डेयरी योजना, पशुपालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है लोन: मुख्यमंत्री

पशुपालन के लिए ऋण, सांझी डेयरी योजना

देश में पशुपालन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक अच्छा जरिया है वहीं रोजगार सृजन का भी माध्यम है। पशुपालन की उपयोगिता को देखते हुए सरकार द्वारा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत लाभार्थी व्यक्तियों को सरकार की ओर से कई प्रकार की आर्थिक सहायता उपलब्ध काराई जाती है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार जल्द ही राज्य में पशुपालन के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे व्यक्ति भी पशुपालन कर सकेंगे जिनके पास पशु रखने के लिए स्वयं की जगह नहीं है। 

यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चरखी दादरी में 39वीं हरियाणा पशुधन प्रदर्शनी-2023 के समापन के अवसर पर कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पशुधन प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही राज्य में पशु पालन के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी भी दी।

शुरू की जाएगी सांझी डेयरी योजना

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में एक नया प्रोजेक्ट सांझी डेयरी की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना के तहत पंचायत की जमीन पर एक शेड बनाया जाएगा, जिसमें पशुपालक, जिनके पास अपने पशु बांधने के लिए जगह नहीं है, वे इस कॉमन शेड में अपने पशुओं को रख सकेंगे। सहकारिता विभाग द्वारा इस कार्य को किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2023 से इस योजना को लॉन्च किया जाएगा।

पशु पालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है बैंक से ऋण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत जिन परिवारों की आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत अधिकतर परिवार पशुपालन के काम में आगे आ रहे हैं, जिनकी सहायता के लिए बैंकों के माध्यम से इन परिवारों को ऋण दिलवाया जा रहा है। इस साल 2 लाख परिवारों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पशुपालन या अन्य किसी कार्य के लिए इन 2 लाख परिवारों के लिए 2000 करोड़ रुपये रिर्जव रखा गया है।

पशुओं की देखभाल के लिए बनाए जाएँगे पॉलीक्लीनिक

मुख्यमंत्री ने बताया कि पशुओं की देखभाल हेतु प्रदेश में छः पॉलीक्लीनिक बनाये जाएंगे। चरखी दादरी में भी एक पॉलीक्लिनिक बनाया जाएगा। वर्तमान में 7 पॉलीक्लिनिक कार्यरत हैं। इसके अलावा, प्रदेश में गौ वंश की देखभाल के लिए गौ सेवा आयोग के बजट में 10 गुणा बढ़ोत्तरी करके 400 करोड़ रुपये कर दिया है।

कृषि यंत्र खरीदने पर किसानों को देना होता है इतना जीएसटी

कृषि यंत्रों पर जीएसटी दर

जीएसटी यानि वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) जो कि वस्तुओं की खरीददारी करने पर या सेवाओं के इस्तेमाल पर चुकाना पड़ता है। सरकार द्वारा अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग जीएसटी लगाया जाता है, जो GST परिषद द्वारा तय किया जाता है। 13 मार्च के दिन सांसद श्री अनुमुला रेवंत रेड्डी ने लोकसभा में जीएसटी के दायरे में शामिल कृषि उपकरणों की सूची और उन पर लगने वाली जीएसटी दर को लेकर सवाल किया। 

जिसके जबाब देते हुए वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने बताया कि अभी कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर करने या परिवर्तन करने के लिए जीएसटी परिषद ने कोई सिफ़ारिश नहीं की है। अभी कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों पर कार्यों के अनुसार अलग-अलग जीएसटी दरें निर्धारित की गई हैं। जो इस प्रकार है:-

कृषि सम्बंधित औजार और उपकरण एवं उन पर लगने वाली जीएसटी दरें

कृषि यंत्र

जीएसटी दर

  • हाथ से चलाए जाने वाले या पशुओं की सहायता से चलाए जाने वाले कृषि उपकरण अर्थात् हाथ के औजार, जैसे कि कुदाल, फावड़े, खुरजी, पिक्स, कुदाली, काँटे और रेक;
  • कुल्हाड़ी, बिल हुक और इसी तरह के काटने के उपकरण;
  • किसी भी प्रकार की दस्ती कैंचियाँ सेकेटर्स और प्रूनर्स;
  • घेमला के अलावा कृषि, बागवानी या वानिकी में उपयोग किए जाने वाली दराती, घास काटने का चाकू, हेज काटने वाली कैंचियाँ, लकड़ी की कीलें और इसी प्रकार के अन्य उपकरण।

शून्य, इन उपकरणों पर अभी कोई जीएसटी नहीं लगता है।

  • मृदा तैयार करने या जुताई के काम में आने वाली कृषि मशीनरी;
  • हार्वेस्टिंग या थ्रेशिंग मशीनरी, जिसमें पुआल या चारा बेलर शामिल है;
  • घास या झाड़ियों को काटने की मशीन;
  • यांत्रिक या तापीय उपकरणों से युक्त अंकुरण संयंत्र समेत अन्य कृषि मशीनरी 

इन यंत्रों पर 12% जीएसटी है।

  • फलों या अन्य कृषि उपज की सफ़ाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीने;
  • बीज, अनाज या सूखी फलीदार सब्ज़ियों की सफ़ाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीनें। 

इन यंत्रों पर 18% जीएसटी है।

मेले में किसान को ईनाम में मिला साढ़े 8 लाख रुपए की कीमत वाला 55 एचपी का ट्रैक्टर

कृषि मेले में किसानों को ईनाम में दिए गए ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र

रविवार 12 मार्च के दिन चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में चल रहे तीन दिवसीय कृषि विकास मेला 2023 समाप्त हो गया। इस मेले की खास बात यह रही कि कृषि विकास मेले में आए किसानों को रोज़ाना लकी ड्रॉ के माध्यम से एक छोटा ट्रैक्टर, पॉवर वीडर एवं सुपर सीडर कृषि यंत्र दिए गए वहीं अंतिम दिन बंपर पुरस्कार के रूप में किसान को एक बड़ा ट्रैक्टर ईनाम में दिया गया। मेले के अंतिम दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए।

प्रत्येक वर्ष कृषि विभाग और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 3 दिन का यह मेला आयोजित किया जाता है। इस वर्ष मेले में बड़ी तादाद में किसानों ने आकार पंजीयन करवाया, मेले में किसान भाइयों के लिए कृषि संबंधी हर समस्याओं के समाधान के साथ ही उनके मनोरंजन की व्यवस्था भी की गई थी। साथ ही किसानों को उन्नत किस्मों के बीज, खेती की उन्नत तकनीक की जानकारी, मिट्टी की जाँच आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई थी। 

किसानों को ईनाम में दिया गया ट्रैक्टर, पॉवर वीडर एवं सुपर सीडर

मेले में किसानों को ईनाम देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ईनामी ड्रा निकाले। जिसमें बम्पर पुस्कार के रूप में 55 एचपी का ट्रेक्टर, जिसकी कीमत साढ़े 8 लाख रुपये है, का ईनाम गांव ढंढेरी, हिसार ‌के दिनेश को मिला। इसके अलावा, पॉवर वीडर का ईनाम जोगिंदर सिंह, गांव नियाणा, जिला हिसार को मिला। सुपर सीडर का ईनाम अजीत सिंह, गांव डीग, जिला फरीदाबाद तथा 20एचपी छोटे ट्रेक्टर का ईनाम जोगीराम, ‌गांव हड़ोली, जिला फतेहाबाद को मिला।

किसानों को 660 ट्रैक्टर पर दिया गया अनुदान

मेले में माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने कृषि मंत्री श्री जे पी दलाल जी की उपस्थिति में हरियाणा के अनुसूचित जाति के किसानों को तोहफ़ा दिया। 50 करोड़ रुपये की लागत के 660 ट्रैक्टरों पर 20 करोड़ का अनुदान ई-भुगतान के ज़रिए जारी किया गया। यह अनुदान राज्य के किसानों को एसबी-89 योजना के अंतर्गत दिया गया। योजना के तहत अनुसूचित जाति के किसानों को 35 HP से अधिक के ट्रैक्टर की खरीद पर अधिकतम 3 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है। 

विदेशी संस्थान भी मेले में लेंगे भाग

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि हर बार कृषि विभाग और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 3 दिन का यह मेला आयोजित किया जाता है। अब यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में इस मेले के स्वरूप को बढ़ाया जाएगा। कृषि विभाग, सीआईआई के साथ-साथ आने वाले वक्त में विदेशी विश्वविद्यालय और विदेशी संस्थाओं की भी इस मेले में भागीदारी होगी।

वैज्ञानिकों को किया जाएगा प्रोत्साहित

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज समय की जरूरत है कि हम सब एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत करें। इस कार्य में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय व शोध संस्‍थाओं के वैज्ञानिक मिलकर शोध कार्यों के लिए सहयोग करें और नई विधाओं को आगे लेकर आएं। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे खेती में जहां कृषि लागत कम होगी, वहीं अच्छी उपज होने के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नये-नये प्रयोग किए जा रहे हैं। सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई है। इतना ही नहीं, आने वाले समय में महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से कार्गों फ्लाइट शुरू करने की पहल की जाएगी, ताकि हरियाणा के किसानों की ताजा फल एवं सब्जियां अरब देशों को निर्यात की जा सके। मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय के ‌वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे कम लागत और अधिक पैदावार कैसे हो, इस विषय पर शोध करें और उन्नत किस्म के बीज तैयार करें। साथ ही खाद्यानों की मार्केटिंग के लिए समुचित व्यवस्‍था सुनिश्चित हो, यह कार्य मार्केटिंग बोर्ड द्वारा किया जाए।