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1 अप्रैल से शुरू होगी पशु एम्बुलेंस सेवा, घर पर ही मिलेगी पशुओं के ईलाज की सुविधा

पशु उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा

देश में पशुपालन क्षेत्र में जोखिम कम करने एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशुओं के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं, इसमें पशुओं का टीकाकरण, टैगिंग, नस्ल सुधार आदि शामिल है। इस कड़ी में पशुपालकों को घर बैठे स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार राज्य में 1 अप्रैल से पशु एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है, इतना ही नहीं इसके लिए सरकार एक टोल फ़्री नम्बर भी जारी करेगी। जिस पर कॉल करके पशुपालक पशु एम्बुलेंस घर पर बुला सकते हैं।

यह जानकारी पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल की अध्यक्षता में 15 मार्च के दिन हुई पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गई। बैठक में इसके अलावा राज्य में पशुपालन के लिए चल रही अन्य योजनाओं के विषय में भी चर्चा की गई।

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पशु एम्बुलेंस सेवा में उपलब्ध रहेंगी आवश्यक सुविधाएँ

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पशु एम्बुलेंस सेवा 1 अप्रैल 2023 से शुरू की जाएगी। यह एम्बुलेंस सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस रहेगी, जिसमें एक डॉक्टर, एक कम्पाउण्डर एवं एक ड्रायवर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा पशु एम्बुलेंस का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके इसके लिए एक कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा जिस पर बीमार पशु की सूचना दी जा सकेगी। इस तरह पशु एम्बुलेंस एवं कॉल सेंटर से कुल 1238 लोगों को रोज़गार से जोड़ा जाएगा।

मध्य प्रदेश में लम्पी बीमारी से हुई 696 गायों की मृत्यु

बैठक में बताया गया कि ताया गया कि पड़ौसी राज्य राजस्थान में लम्पी बीमारी से लगभग 70 हजार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्यप्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लम्पी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाये गये 37 लाख 13 हजार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है।

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मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़ कर एक गो-वंश वन विहार बनायें।

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