44 लाख से अधिक किसानों को दी गई 2900 करोड़ रुपए की फसल बीमा राशि

फसल बीमा राशि का भुगतान

देश में किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत अतिवृष्टि, बाढ़, जल भराव, बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फ़सलो को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है। इस कड़ी में 13 जून के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 44 लाख 49 हजार किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया है। 

13 जून के दिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में किसान-कल्याण महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राज्य के किसानों मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जारी की।

किसानों को दिए गए 6423 करोड़ रुपए

मध्यप्रदेश के राजगढ़ ज़िले में आयोजित किसान कल्याण महाकुंभ में केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक से मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023 में 11 लाख किसानों के खाते में 2 हजार 123 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 44 लाख 49 हजार किसान के खाते में 2 हजार 900 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 70 लाख 61 हजार किसान के खाते में एक हजार 400 करोड़, इस प्रकार 6 हजार 423 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की।

इसमें मध्यप्रदेश के बीमित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2021-22 में हुए फसलों के नुकसान के लिए 2 हजार 900 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। 

सरकार ने किसानों को जारी की भावांतर भरपाई योजना की राशि

भावांतर राशि का भुगतान

देश में किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष रबी एवं खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP जारी किया जाता है। सरकार किसानों से इस भाव पर ही फसलों की खरीद करती है। परंतु कई बार किसानों को समर्थन मूल्य MSP से भी बहुत कम भाव मिलते हैं जिससे उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पाती एवं किसानों को भारी नुकसान होता है। अभी हरियाणा में सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों के साथ यही हो रहा है जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों को भावांतर भरपाई करने की घोषणा की है।

हरियाणा सरकार ने किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए “भावांतर भरपाई योजना” शुरू की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री ने अब प्रदेश के सूरजमुखी किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरित राहत दी है। इस राहत का आगामी समय में मूल्यांकन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के माध्यम सूरजमुखी किसानों के खातों में 29.13 करोड़ रुपये की अंतरिम भावांतर भरपाई राशि डाल दी है।

यहाँ की जा रही सूरजमुखी की खरीद

हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले में सबसे अधिक सूरजमुखी की पैदावार होती है और इसकी खरीद का मुख्य केन्द्र शाहबाद मंडी है। इसके अलावा, अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला जिले की आठ मंडियों में भी सूरजमुखी खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री के प्रयास से हैफेड द्वारा पहली बार सूरजमुखी फसल की खरीद आरम्भ की है और हैफेड ने मंडियों में खरीद के लिए अंत तक बने रहने की घोषणा की है। हरियाणा सरकार ने हैफेड को बाजार में खरीद के लिए उतारा है, जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके।

किसानों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से दिया जा रहा है भावांतर

हरियाणा सरकार के अनुसार शाहबाद अनाज मंडी में हैफेड ने कल 4850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सूरजमुखी की खरीद की है और अंतरित भावांतर भरपाई योजना के तहत मुख्यमंत्री की 1000 रुपये प्रति क्विंटल राहत की घोषणा के साथ ही अब हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 5800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जबकि हरियाणा सरकार की मानें तो बाजारी भाव इससे कहीं है, कम इस समय पंजाब की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद 3800 रुपये से 4200 रुपये के बीच हो रही है।

16 से 18 जून के दौरान यहाँ आयोजित किया जाएगा किसान मेला, किसानों को दिखाई जाएगी कृषि की नई तकनीकें

किसान मेला जून 2023

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। कृषि, प्रौद्योगिकी और व्यापार के क्षेत्र में लोगों को एक मंच पर लाने और कृषि एवं संबंधित क्षेत्रो में समावेशित विकास सुनिश्चित करने में भी इस तरह के मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इस कड़ी में कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को नवीनतम तकनीकों से रूबरू करवाने के लिए राजस्थान सरकार कृषक मेले का आयोजन करने जा रही है।

मेले में किसानों को कृषि तकनीकें किसानों को सिखायी जाएंगीं जिससे कम लागत में अधिक आय प्राप्त हो सके और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बन सके। साथ ही मेले में स्टार्ट-अप्स से मुलाकात करवाई जाएगी। जिससे युवा कृषि के क्षेत्र में उद्यमी बन कर नए रोजगारों का सृजन कर सकेंगे। मेले में मनोरंजन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए फिल्म, साहित्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे जाएंगे।

कब किया जाएगा किसान मेले का आयोजन

राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि दिनांक 16-18 जून को जे.ई.सी.सी. सीतापुरा, जयपुर में ‘राजस्थान किसान महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। साथ ही 23-24 जून को उदयपुर एवं 30 जून-01 जुलाई को जोधपुर में संभाग स्तरीय किसान मेलों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य स्तरीय किसान मेले में 50 हजार और संभाग स्तरीय मेले में 20-20 हजार किसान हिस्सा लेंगे।

मेले में किसानों के लिए क्या रहेगा खास

किसान महोत्सव में स्मार्ट फार्म, कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन व कृषि विपणन की विश्वस्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन  किया जाएगा। साथ ही कृषि उत्पाद, औजार, बीज आदि की वृहद प्रदर्शनी लगायी जाएगी एवं अत्याधुनिक कृषि मशीनरी का प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में किसानों के लिए जाजम चौपाल भी रखी गयी है जिसमें किसान विषय विशेषज्ञों से संवाद कर सकेंगे। कार्यक्रम में किसानों के लिए विषयवार सेमिनार और कृषक गोष्ठियों का कार्यक्रम भी रखा गया है।

पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ाने हेतु हाथी घास के नाम से मशहूर नेपियर घास लगाने के लिए दिया जाएगा 10 हजार रुपए का अनुदान

नेपियर घास या हाथी घास की खेती पर अनुदान

हाथी घास के नाम से मशहूर नेपियर घास न केवल पशुओं में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि इससे पशुओं का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है। नेपियर घास का पौष्टिकता में ऊंचा स्थान है। इससे पशुधन को साल भर हरा चारा मिलता है। पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता में 50 फीसदी की वृद्वि हो जाती है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए राजस्थान सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में इसकी खेती के लिए अनुदान देने का फैसला लिया है। 

राजस्थान सरकार ने नेपियर घास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट की व्यवस्था की है। जिसके तहत सभी ज़िलों की प्रत्येक ग्राम पंचायत में नेपियर घास के 2-2 प्रदर्शन प्रगतिशील पशुपालकों के यहां 0.1 हेक्टेयर भूमि पर लगाया जाएगा। 

नेपियर घास या हाथी घास लागने के लिए कितना अनुदान दिया जाएगा?

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2023-24 के तहत कृषि विभाग द्वारा राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में नेपियर घास के दो प्रदर्शन प्रगतिशील पशु पालकों के यहां एक हेक्टेयर भूमि पर लगाया जाएगा। इससे पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। विभाग द्वारा कृषक को एक हेक्टेयर पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति प्रदर्शन अनुदान भौतिक सत्यापन उपरान्त देय होगा।

हाथी घास या नेपियर घास कैसे लगाई जाती है?

नेपियर घास बोने के लिए इसके डंठल को काम में लिया जाता है जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है। स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है। एक बीघा में करीब 4 हजार डंठल की आवश्यकता होती है। इसे जुलाई-अक्टूबर एवं फरवरी मार्च में बोया जा सकता है। इसके बीज नहीं होते है। पशुपालक नेपियर घास लगाकर उससे प्राप्त होने वाली स्टिकस (रोपण सामग्री) को अगले पशुपालकों को बेचकर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है

नेपियर पास की पौष्टिकता अन्य सभी घासों की तुलना में सर्वाधिक होती है। इससे पशुधन को दुध उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है तथा यह बहुवर्षीय होने के कारण पूरे वर्षभर हरे चारे की कमी की समस्या से पशुपालकों को राहत मिलेगी।

अनुदान पर नेपियर घास लगाने के लिए कहाँ आवेदन करें

राज्य के ऐसे किसान जो अपने खेतों में नेपियर घास या हाथी घास का लगाना चाहते हैं वे किसान आधार कार्ड के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। प्रदर्शन आयोजन के लिए प्रगतिशील पशुपालक कृषको का चयन राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से संबंधित कृषि पर्यवेक्षक अथवा सहायक कृषि अधिकारी द्वारा जन आधार कार्ड का उपयोग करते हुए किया जाएगा। इसके पश्चात चयनित कृषक अधिकृत कृषक अथवा संस्था से रोपण सामग्री प्राप्त कर उपयोग में लेगा। भौतिक सत्यापन के उपरान्त अनुदान राशि का भुगतान कृषक के खाते में कर दिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त जिन गोशालाओं में चारा उत्पादन करने की सुविधा है एवं सिंचाई के पर्याप्त साधन है उन गोशालाओं के पदाधिकारी भी अपने जनआधार से नेपियर घास के प्रदर्शन लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

13 जून को किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों के बैंक खातों में डाले जाएँगे 6500 करोड़ रुपए

किसान-कल्याण महाकुंभ 

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को राहत देने के लिए उनके बैंक खातों में सीधे सहायता राशि मुहैया कराई जाती है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार 13 जून को राजगढ़ में किसान-कल्याण महाकुंभ का आयोजन करने जा रही है। जिसमें किसानों को बहुत सारी सौगात दी जाएगी। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इस अवसर पर राज्य के किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना एवं किसानों के ऋण ब्याज माफी योजना की राशि किसानों को ट्रांसफ़र करेंगे। साथ ही इस दौरान मोहनपुरा-कुंडालिया प्रेशराइड पाइप सिंचाई प्रणाली का लोकार्पण होगा।

फसल बीमा योजना के तहत दिए जाएँगे 2900 करोड़ रुपए 

किसान-कल्याण महाकुंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की लगभग 1400 करोड़ रुपए की राशि और किसानों के ऋण ब्याज माफी की 2200 करोड़ रुपए की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की जायेगी। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2900 करोड़ रुपए के दावों के भुगतान का भी अंतरण किया जाएगा। इस दौरान मोहनपुरा-कुंडालिया प्रेशराइड पाइप सिंचाई प्रणाली का लोकार्पण होगा।

किसानों से महाकुंभ में जुड़ने की अपील की

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों से किसान-कल्याण महाकुंभ में जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण है। किसान भाई अधिक से अधिक संख्या में राजगढ़ के किसान महाकुंभ में शामिल हों। सभी जिला मुख्यालयों तथा सोसायटी मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम होंगे। किसान भाई इन कार्यक्रमों में आएँ, महाकुंभ से वर्चुअली जुड़ें और संवाद में शामिल हों।

कार्यक्रम में राजगढ़ सहित गुना, भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर, उज्जैन, देवास, शाजापुर और आगर-मालवा के किसान भी शामिल होंगे। इस अवसर पर जल जीवन मिशन की गोरखपुरा परियोजना के 156 ग्रामों में जल-प्रदाय योजना का शुभारंभ तथा जिले के 40 करोड़ रुपए लागत के कार्यों का ई-लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के लाभार्थियों को अधिकार-पत्र वितरित करेंगे।

ऋण पुस्तिका या किसान किताब का बताएँ नया नाम और जीते 1 लाख रुपए का ईनाम

किसान किताब या भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका नाम बदलने के लिए प्रतियोगिता

“भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका या किसान किताब” प्रत्येक भू-स्वामी/ भू-धारी किसान के जीवन का एक अभिन्न अंग रहा है। किसान के समस्त कृषकीय एवं वित्तीय कार्य की अधिकारिक पुष्टि का स्त्रोत यह छोटी सी पुस्तिका ही है। यह कहना अतिशयोक्ति नही होगी कि यह किसान की अस्मिता से सीधे संबंधित रखती है। छत्तीसगढ़ सरकार अब इसको एक नया सम्मान जनक नाम देना चाहती है। जिसके लिए सरकार ने जनता से सुझाव माँगे हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा बलौदा बाजार-भाटापारा के विधानसभा क्षेत्र ग्राम कडार में आयोजित भेंट मुलाकात के दौरान “भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका या किसान किताब” की कृषक के जीवन में महत्ता को दृष्टिगत रखते हुये इसे एक नया सम्मान जनक नाम देने का आव्हान आम जनता से किया गया है।

जीतने वाले को मिलेगा 1 लाख रुपए का पुरस्कार

सरकार ने “भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका या किसान किताब” के नामकरण के लिए आम जनता से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को एक लाख रुपए का पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गयी है।

इसके लिए सरकार ने नामकरण को अंतिम रूप देने के लिये प्रतिभागियों से सुझाव आमंत्रित किये जाने हेतु विभाग द्वारा एक ऑनलाईन वेब पोर्टल तैयार किया गया हैं जिसका लिंक https://revenue.cg.nic.in/rinpustika है। इस पर प्रत्येक प्रतिभागी अपने मोबाईल नंबर को रजिस्टर कर अपनी एक प्रविष्टि दिनांक 30 जून 2023 तक अपलोड कर सकते हैं।

भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका क्या होती है?

राज्य में प्रत्येक किसान मालगुजारी के समय से परंपरागत रूप से अपने स्वामित्व की भूमि का लेखा-जोखा एक पुस्तिका के रूप में धारित करता रहा है। मालगुजारी काल में बैल जोड़ी के चित्र वाली एक लाल रंग की पुस्तिका, जिसे असली रैयतवारी रसीद बही” कहा जाता था, मालगुजारों के द्वारा कृषकों को दी जाती थी। कालांतर में इस पुस्तिका को भू-राजस्व सहिता में कानूनी रूप दिया गया।

भू-राजस्व संहिता के प्रभावशील होने के पश्चात् वर्ष 1972-73 में इस पुस्तिका का नामकरण भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका किया गया। “भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका” में कृषक के द्वारा धारित विभिन्न धारणाधिकार की भूमि एवं उनके द्वारा भुगतान किये गये भू राजस्व, उनके द्वारा लिये गये अल्प एवं दीर्घकालीन ऋणों के विवरण का इन्द्राज किया जाता है। इसके अतिरिक्त भूमि के अंतरणों की प्रविष्टियों को भी इसमें दर्ज किया जाता रहा है।

वर्ष 2003 में नाम बदलकर किया गया किसान किताब

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पश्चात् वर्ष 2003 में ऋण पुस्तिका का नाम किसान किताब किया गया लेकिन इसके उद्देश्यों एवं उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। किसान किताब में किसान के द्वारा धारित समस्त भूमि वैसे ही प्रतिबिंबित होती है जैसे यह भू-अभिलेखों में है।

जैविक खेती के लिए 50 हजार किसानों को अनुदान पर दिए जाएँगे 5-5 हजार रुपए

जैविक खेती के लिए अनुदान

देश में प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा भारी अनुदान भी दिया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने राज्य में जैविक खेती करने वाले किसानों को 5-5 हजार रुपए का अनुदान देने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशी भी उपलब्ध कराए जाएंगे। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 1.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशी उपलब्ध कराए जाएंगे।

50 हजार किसानों को दिया जाएगा योजना का लाभ

इस वर्ष 1.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक में परिवर्तित कर कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा। इसमें लगभग 23.57 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसी प्रकार, 50 हजार कृषकों को जैविक खेती हेतु प्रति कृषक 5000 रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। इस राशि से कृषक खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से परियोजना प्रतिवेदन की स्वीकृति प्राप्त होने तक कृषक चयन, कृषक समूह गठन, मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण आदि गतिविधियों के लिए राज्य निधि से 5 करोड़ रुपए की भी स्वीकृति प्रदान की है।

पीएम किसान योजना की अगली किस्त लेने के लिए 15 जून से पहले करा लें यह काम

पीएम किसान योजना 14वीं किस्त

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत किसान परिवार को सालाना तीन किस्तों में 6,000 रुपए दिए जाते हैं। योजना के तहत अभी तक 13 किस्तें दी जा चुकी है परंतु 14वीं किस्त का लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जिन किसानों ने ई-केवाइसी कराया है।

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए ई-केवाइसी  करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की 14वीं किस्त तब तक किसानों के खातों में नहीं आएगी जब तक वे अपना ई-केवाइसी नहीं करवाएंगे।

किसान 15 जून तक करा लें ई-केवाइसी

हरियाणा कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं वे 15 जून से पहले-पहले अपना ई-केवाईसी करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ई-केवाइसी करवाना बेहद आसान है। किसान गूगल प्ले स्टोर से पीएम किसान की मोबाईल ऐप डाउनलोड करके ई-केवाइसी फेस ओथंटिफिकेशन के माध्यम से अपनी ई-केवाइसी स्वयं कर सकते है। एक मोबाईल से 10 किसानों की ई-केवाइसी की जा सकती है। किसान pmkisan.gov.in लिंक पर जाकर अपने आधार से जुड़े मोबाईल पर ओटीपी के माध्यम से ई-केवाइसी कर सकता है।

उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक द्वारा हर गांव में कैंप लगाकर लाभार्थी किसानों की ई- केवाइसी की जा रही है। ई-केवाइसी करवाने के लिए किसान नागरिक सेवा केन्द्र से भी संपर्क कर सकते है।

 

आईसीएआर और अमेजन किसान के साथ हुआ समझौता ज्ञापन, किसानों को तकनीकी ज्ञान के साथ मिलेंगे यह लाभ

अमेजन किसान कार्यक्रम के साथ समझौता

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में 9 जून के दिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, (आईसीएआर) नई दिल्ली, ने अमेजन किसान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। ताकि, अधिक उपज और आय के लिए, विभिन्न फसलों की वैज्ञानिक खेती पर किसानों का मार्गदर्शन करने, दोनों संगठनों में तालमेल बिठाकर उनकी शक्ति का संयोजन किया जा सके।

आईसीएआर, अमेजन के नेटवर्क के माध्यम से किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसके परिणामस्वरूप किसानों की आजीविका में सुधार होगा और फसल की उपज भी बढ़ेगी। ‘अमेजन किसान कार्यक्रम’ से किसानों के साथ साझेदारी का यह समझौता ज्ञापन, उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ताजी उपज तक पहुँच, अमेजन फ्रेश के द्वारा भी, सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

बेहतर आय के लिए माध्यमिक कृषि पर दिया जाएगा जोर

डॉक्टर हिमांशु पाठक, सचिव, डीएआरई, महानिदेशक, आईसीएआर, ने इस अवसर पर किसानों के लिए बेहतर आय के लिए माध्यमिक कृषि पर ज़ोर दिया। आगे उन्होंने कृषि और मौसम आधारित फसल योजनाओं में महत्वपूर्ण इनपुट के महत्त्व और भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि आईसीएआर नए ज्ञान, दक्षता उन्नयन और तकनीक के हस्तांतरण के लिए अमेजन के साथ सहयोग करेगा।

किसानों के बीच बढ़ाया जाएगा तकनीकी आधार

आईसीएआर, केवीके और अमेजन के बीच पुणे की एक पायलट परियोजना के परिणामों ने व्यापक शोध के माध्यम से विकसित, उचित कृषि पद्धतियों का विस्तार करने के लिए सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। कृषि विज्ञान केंद्र, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और दक्षता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी आधार को बढ़ाकर किसानों के एक व्यापक समूह को मजबूत करेगा। 

अमेजन, आईसीएआर और कृषि विज्ञान केंद्रों में अन्य किसान से जुड़े कार्यक्रम पर एक साथ प्रदर्शन, परीक्षण और दक्षता उन्नयन आदि माध्यमों से खेती के तरीकों और कृषि लाभ को बढ़ाने के उद्देश्य से काम करेंगे। इसके अलावा अमेज़न अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को उनकी उपज के विपणन में प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करेगा ताकि, उपभोक्ताओं के साथ उनका सीधा जुड़ाव हो सके।

आज 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं के बैंक खाते में दी जाएगी एक हजार रुपए की राशि

लाड़ली बहना योजना राशि वितरण कार्यक्रम

देश में किसानों को सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी। योजना को मिली सफलता के बाद अब राज्य सरकारों द्वारा इस तरह की नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं। इस कड़ी में अब “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” का नाम भी जुड़ गया है। योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार प्रति माह राज्य की महिलाओं को 1000 रुपए की राशि दी जाएगी। योजना के तहत पहली किस्त महिलाओं को आज दी जाएगी।

जून माह की 10 तारीख को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जबलपुर मुख्यालय से शाम 6 बजे राज्य स्तरीय समारोह में बहनों से संवाद कर सिंगल क्लिक से राशि अंतरित करेंगे। यह राशि राज्य की गरीब एवं मध्यम वर्ग की सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में सीधे दी जाएगी।

35 दिनों में 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं ने किया आवेदन 

अपने आप में देश की अनूठी इस योजना के प्रति राज्य की महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला है। 5 मार्च 2023 को योजना की घोषणा की गई थी जिसके बाद से सिर्फ 35 दिन में एक करोड़ 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। इन सभी आवेदनों का परीक्षण कर पात्र आवेदक बहनों के खातों का केवायसी का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया गया। परिणाम स्वरूप एक जून से पात्र बहनों को स्वीकृति-पत्रों का वितरण भी अभियान शुरू कर किया गया।

शाम 6 बजे महिलाओं को जारी की जाएगी राशि

जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड पर 10 जून को शाम 6 बजे मुख्यमंत्री श्री चौहान बहनों के खाते में राशि डालेंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में इस कार्यक्रम का प्रसारण होगा। ग्राम और वार्ड स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा की जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए गए।

इन महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ राज्य के ऐसे परिवारों को दिया जाएगा जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपए से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकरदाता नहीं है ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनों के बैंक खातों में प्रतिमाह एक-एक हजार रुपए डाले जाएंगे। योजना में परिवार का आशय पति-पत्नी और बच्चे है। आवेदन के लिए समग्र आईडी नम्बर और आधार नम्बर जरूरी है। मूल निवासी और आय प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

किसान परिवार को अब सालाना मिलेंगे 22 हजार रुपए

मध्य प्रदेश में एक किसान परिवार को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपए तीन किस्तों में एवं मुख्य मंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 4 हजार रुपए 2 किस्तों में दिए जा रहें हैं। जिससे एक किसान परिवार को अभी तक सीधे 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता मिल रही है। वही अब राज्य में लाड़ली बहना योजना के शुरू हो जाने से किसान परिवार को अब सालाना 12,000 रुपए और प्राप्त होंगे, जिससे राज्य के एक किसान परिवार को एक वर्ष में 22,000 हजार रुपए मिलेंगे।