हरी खाद योजना के तहत सरकार 90 प्रतिशत की सब्सिडी पर दे रही है ढैंचा बीज, किसानों को यहाँ करना होगा आवेदन

ढैंचा बीज पर अनुदान हेतु आवेदन

रबी फसल की कटाई का काम पूरा हो चूका है ऐसे में दो-तीन महीने किसानों के खेत खाली रहेंगे। ऐसे में खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने, जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरी खाद के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ढैंचा बीज पर भारी सब्सिडी दे रही है। इस वर्ष बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को ढैंचा बीज सब्सिडी पर देने के लिए आवेदन माँगे हैं।

कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा खरीफ मौसम 2023 के पहले भूमि में जीवाश्म, विभिन्न पोषक तत्वों एवं कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाने हेतु ढैंचा की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान पर ढैंचा बीज वितरण की योजना शुरू की गई है। योजना के अंतर्गत बीजों की होम डिलीवरी की व्यवस्था भी की गई है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

ढैंचा बीज पर कितना अनुदान Subsidy दी जाएगी?

बिहार सरकार राज्य में भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढैंचा फसल की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार किसानों को 90 प्रतिशत अधिकतम 6300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान देगी। शेष 10 प्रतिशत राशि किसानों को भुगतान करना होगा। योजना के अनुसार किसान को 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर अधिकतम एक हेक्टेयर के लिए ही बीज दिए जाएँगे। ढैंचा बीज का मूल्य 8,000 रूपये प्रति क्विंटल रखा गया है। 

ढैंचा की खेती से क्या लाभ मिलता है?

ढैंचा फसल कम लागत में अच्छी हरी खाद का काम करती है। इससे भूमि को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिल जाता है, जिससे किसानों को अगली फसल में कम यूरिया की आवश्यकता होती है। हरी खाद से भूमि में कार्बनिक पदार्थ बढ़ने से भूमि व जल संरक्षण तथा संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलने से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैलिशयम, मैगनीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। जिससे फसलों की पैदावार तो बढ़ती है साथ ही कम रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता पड़ती है जिससे कृषि की लागत भी कम हो जाती है। 

अनुदान पर ढैंचा बीज लेने के लिए आवेदन की लास्ट डेट

हरी खाद के लिए ढैंचा के बीज अनुदान पर लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन 27 मई 2023 से शुरू किए जा चुके हैं। राज्य के इच्छुक किसान 12 मई 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदन बंद हो जाएँगे। वहीं राज्य के किसान आवेदन के आधार पर 22 मई 2023 तक अनुदान पर बीज प्राप्त कर सकते हैं।

अनुदान पर ढैंचा बीज लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

बिहार राज्य के किसान ढैंचा का बीज प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान यह आवेदन अपनी सुविधा के अनुसार वसुधा केंद्र / कामन सर्विस सेंटर / साईबर कैफे / स्वयं के एंड्राइड मोबाईल के माध्यम से कर सकते हैं। इच्छुक किसान अनुदानित दर पर विभिन्न फसलों के बीज प्राप्त करने हेतु DBT portal https://dbtagriculture.bihar.gov.in  या BRBN portal brbn.bihar.gov.in से कर सकते हैं। किसान योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि समन्वयक/ प्रखंड कृषि पदाधिकारी/ जिला कृषि पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।

किसान कहाँ से ले सकते हैं अनुदान पर ढैंचा बीज

किसानों का फसलवारबीज आवेदन पंचायत के संबंधित कृषि समन्वयक को स्वत: चला जाएगा। कृषि समन्वयक द्वारा बीज प्राप्ति स्थान के संबंध में सूचना आपको दी जाएगी। किसान निर्दिष्ट बीज विक्रेता को बीज वितरण के समय आधार आधारित फिंगर प्रिंट या liris identification dwara aadhar authentication द्वारा aadhar authentication कराकर एवं निबंधित मोबाईल पर प्राप्त OTP बताकर अनुदान की राशि घटा कर शेष राशि का भुगतान कर बीज प्राप्त कर सकेंगे।

किसानों के घर तक बीज पहुँचाने के लिए होम डिलवरी की व्यवस्था भी की गई है। ऑनलाइन आवेदन में होम डिलवरी का विकल्प चयनित करने वाले किसानों के घर पर अतिरिक्त शुल्क लेकर बीज पहुँचाया जाएगा। 

सब्सिडी पर ढैंचा बीज लेने के लिए आवेदन हेतु क्लिक करें

फल एवं सब्ज़ी उत्पादन के लिये किया जाएगा इज़राइल की अत्याधुनिक उन्नत तकनीक का उपयोग, हरदा में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

सब्जी एवं फल उत्पादन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना 

देश में किसानों की आमदनी एवं बागवानी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। अब मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में इज़राइल के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना हरदा जिले के बोड़गाँव में की जाएगी। 

इस सम्बंध में अधिक जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि फल एवं सब्जी उत्पादन के लिये इज़राइल की अत्याधुनिक उन्नत तकनीक का उपयोग किया जायेगा। इसके लिए सरकार ने बोड़गाँव में 35.341 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी है।

किसानों को आसानी से मिलेगी आधुनिक तकनीकों की जानकारी

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये इज़राइली दल द्वारा पूर्व में जिले का भ्रमण किया जा चुका है। इसकी स्थापना से कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में जिले के किसानों को उन्नत एवं आधुनिक तकनीक से खेती करने की जानकारी सहज उपलब्ध हो सकेगी। मध्य प्रदेश में इज़राइल के सहयोग से छिंदवाड़ा एवं मुरैना जिले में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये हैं।

मंत्री श्री पटेल ने भारत और इज़राइल की मित्रता के 30 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हरदा में बन रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिये इज़राइल दूतावास के कृषि विशेषज्ञ, नीति सलाहकार का आभार माना। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की अत्याधुनिक तकनीक की मदद से कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी जिले के अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे।

मौसम चेतावनी: 30 अप्रैल से 2 मई के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

30 अप्रैल से 2 मई के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश के अधिकांश राज्यों में बीते कुछ दिनों से गरज-चमक के साथ ही बारिश एवं ओला वृष्टि का दौर जारी है, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो ऐसा ही मौसम आगे भी बने रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार अभी देश में पश्चिमी विक्षोभ WD का परिसंचरण तंत्र पाकिस्तान क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है तथा एक प्रेरित परिसंचरण तंत्र वायुमंडल के निचले स्तरों में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान व आसपास के पाकिस्तान क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है जिसके प्रभाव में आगामी दिनों में आंधी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। 

मौसम विभाग के अनुसार 30 अप्रैल से 2 मई के दौरान उत्तर-पश्चिमी एवं मध्य भारतीय राज्यों यथा हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, पूर्वी राज्यों ओड़िसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, सिक्किम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही बारिश एवं ओला वृष्टि की संभावना है। वहीं दक्षिण भारतीय राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

वहीँ हरियाणा राज्य में 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, अमेठी, बलिया, मऊ, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली, वाराणसी, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर एवं चंदौली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है। 

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक एवं बारिश होने की सम्भावना है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 30 अप्रैल से 02 मई के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक एवं बारिश होने की सम्भावना है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

मौसम विभाग की माने आंधी बारिश की गतिविधियां आगामी एक सप्ताह के दौरान जारी रहने की संभावना है। एक और नया पश्चिमी विक्षोभ 2 मई से सक्रिय होने से पुनः आंधी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी । यानी की बारिश एवं ओला वृष्टि का यह दौर आगे 2 मई के बाद भी जारी रहने की संभावना है।

10 लाख रुपए तक की सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए अभी आवेदन करें

कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान हेतु आवेदन

देश में अधिक से अधिक किसानों तक आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए देश भर में सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की जा रही है। कस्टम हायरिंग केंद्र से किसान कम दरों पर किराए से कृषि यंत्र लेकर कृषि कार्य कर सकते हैं और साथ ही किराए पर कृषि यंत्र देने से रोजगार के साथ ही अच्छी आय भी प्राप्त कर सकते हैं। 

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन माँगे है। सरकार ने इस वर्ष राज्य में कुल 468 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए लक्ष्य रखा है। जिसके तहत राज्य के सभी जिलों एवं वर्गों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान समाधान मध्य प्रदेश के किसानों के लिए कस्टम हायरिंग योजना की सम्पूर्ण जानकारी लेकर आया है।

कस्टम हायरिंग केंद्र CHC पर कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा 

मध्य प्रदेश में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए दो प्रकार के अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। पहला अनुदान कृषि यंत्रों की खरीदी पर तथा दूसरा कृषि यंत्रों की खरीदी के लिए बैंक द्वारा लिए गये ऋण के ब्याज पर, अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए लाभार्थी अधिकतम 25 लाख रूपये तक के कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। जिस पर लागत का 40 प्रतिशत यानि अधिकतम 10 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इसमें कृषि यंत्रों पर दिए जाने वाले अनुदान की गणना “सब मिशन ऑन ऐग्रिकल्चर मेकेनाइजेशन योजना” में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान अनुसार अधिकतम सीमा तक की जाएगी।

किसानों को योजना के तहत बैंक से ऋण अवश्य ही लेना होगा तथा यह ऋण न्यूनतम 4 वर्ष तथा अधिकतम 9 वर्षों के लिए लिया जा सकता है। इसके साथ ही समय पर ऋण चुकाने पर ब्याज में 3 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।

किसानों को कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए खरीदना होगा यह कृषि यंत्र

योजना के तहत चयनित किसानों के अनुदान राशि केवल मशीनों/यंत्रों की लागत के आधार पर दी जाएगी। मशीनों/ यंत्रों के रख रखाव, शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि आदि की व्यवस्था आवेदक को स्वयं ही करनी होगी। एक किसान को एक कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए एक ट्रैक्टर, एक प्लाऊ अथवा पॉवर हेरो, एक रोटावेटर, एक कल्टीवेटर अथवा डिस्क हेरो, एक सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल अथवा अन्य ट्रैक्टर चलित बुबाई यंत्र, एक ट्रैक्टर चलित थ्रेशर अथवा स्ट्रॉ रीपर अनिवार्य रूप ख़रीदना होगा।

वहीं लाभार्थी किसान यदि चाहे तो प्रोजेक्ट की लागत सीमा के अंतर्गत स्थानीय तथा फसल की आवश्यकता अनुसार ऐच्छिक रूप से भी अन्य कृषि यंत्र जैसे:- रेज्ड बेड प्लांटर, जीरो टिलेज सीड ड्रिल, गार्लिक प्लांटर, वेजिटेबल प्लांटर, पोटेटो प्लांटर, शुगरकेन कटर–प्लांटर, मल्टीक्राप प्लांटर, ट्रैक्टर माउन्टेड रीपर, कॉटन पीकर, ट्रैक्टर माउन्टेड स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर, एरो ब्लास्टर स्प्रेयर, लेजर लेंड लेवलर, स्ट्रॉ रीपर, सीड ग्रेडर, पावर टिलर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, राईस ट्रांस्प्लांटर, रीपर कम बाइन्डर, पोटेटो डिगर, एक्सियल फ्लो पेडी थ्रेसर, हैप्पी सीडर, रोटरी प्लाऊ, क्लीनर कम ग्रेडर, राइस मिल, दाल मिल, मिलेट मिल आदि कृषि यंत्र भी खरीद सकता है।

योजना के तहत राज्य में स्थापित किए जाएँगे 468 कस्टम हायरिंग केंद्र 

मध्य प्रदेश में कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा वर्ष 2023–24 के लिए कुल 468 कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 260 केंद्र, अनुसूचित जाति के लिए 52 केंद्र, अनुसूचित जनजाति के लिए 52 केंद्र, एस.आर.एल.एम. के कृषक समूहों के लिए 52 केंद्र तथा एफपीओ के लिए 52 केंद्र के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं। आवश्यकता एवं माँग के अनुसार लक्ष्य में वृद्धि भी की जा सकती है। जारी लक्ष्यों के विरुद्ध सभी जिलों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। 

कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान हेतु आवेदन की लास्ट डेट 

वर्ष 2023–24 के वित्त वर्ष के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए आवेदन प्रक्रिया 24 अप्रैल 2023 से शुरू की जा चुकी है। मध्य प्रदेश के इच्छुक किसान योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। शासन द्वारा आवेदन की अंतिम तिथि 8 मई 2023 निर्धारित की गई है, तिथि समाप्त होने के बाद आवेदन स्वीकार्य नहीं किए जाएँगे। आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 09 मई 2023 को लाँटरी के माध्यम से चयनित आवेदकों की सूचि पोर्टल पर जारी कर दी जाएगी।

योजना के तहत लगेगा 10,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट डी.डी.

मध्य प्रदेश में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना हेतु 10 हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट देना अनिवार्य कर दिया है। यह डिमांड ड्राफ्ट आवेदन से पहले किसी भी बैंक से बनाना अनिवार्य है, क्योंकि आवेदन के समय इसकी जरूरत पड़ेगी। डिमांड ड्राफ्ट सहायक कृषि यांत्रिक के नाम से बनाया जाएगा 

डिमांड ड्राफ्ट अलग–अलग जिलों के लिए अलग–अलग नामों से बनाना होगा, जो इस प्रकार है :-

आवेदन के लिए जिले
अधिकारी जिसके नाम धरोहर राशि का बैंक ड्राफ्ट बनाया जाना है

भोपाल संभाग एवं नर्मदापुरम संभाग के सभी जिले 

“सहायक कृषि यंत्री भोपाल”

इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग के सभी जिले 

“सहायक कृषि यंत्री इंदौर”

रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग के सभी जिले 

“सहायक कृषि यंत्री सतना”

जबलपुर संभाग के सभी जिले 

“सहायक कृषि यंत्री जबलपुर”

सागर संभाग के सभी जिले 

“सहायक कृषि यंत्री सागर“

ग्वालियर संभाग के सभी जिले

“सहायक कृषि यंत्री ग्वालियर”

योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता एवं शर्तें

कस्टम हायरिंग केंद्र योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कृषि यांत्रिक विभाग मध्य प्रदेश ने विभिन्न प्रकार के शर्तें रखी हैं, इन शर्तों को पूरा करने वाले व्यक्ति ही योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

  • आवेदक मध्य प्रदेश के मूल्य निवासी होना चाहिए,
  • आवेदक 12 वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है,
  • आवेदन के समय आवेदक का उम्र 18 वर्ष से ज्यादा तथा 40 वर्ष से कम होना चाहिए,   
  • एक ग्राम में एक ही कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी। अतः पहले से जिस ग्राम में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जा चुकी है वहाँ के व्यक्ति योजना के तहत अभी आवेदन के लिए पात्र नहीं होंगे।
  • एक आवेदक एक ही ग्राम या जिले से आवेदन कर सकता है एक से अधिक स्थानों से आवेदन करने पर आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा।

कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान हेतु आवश्यक दस्तावेज

शासन द्वारा अभिलेखों का सत्यापन आवेदक द्वारा आवेदित ज़िले से सम्बंधित कृषि कार्यालय में कराना होगा। इसके लिए अलग-अलग ज़िलों के आवेदकों के लिए अलग-अलग तिथि तय की गई है जो इस प्रकार है:-

संभाग 
निर्धारित तिथि 
जिलों का नाम 

भोपाल 

11/05/2023

भोपाल, राजगढ़, विदिशा एवं रायसेन 

12/05/2023 

होशंगाबाद, हरदा, बैतूल एवं सीहोर 

इन्द्रौर 

11/05/2023 

इंदौर,झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार 

खरगौन, बडवानी, खंडवा एवं बुरहानपुर 

12/05/2023 

देवास, शाजापुर एवं आगर – मालवा 

उज्जैन, रतलाम, मंदसौर एवं नीमच 

ग्वालियर 

11/05/2023  

ग्वालियर, दतिया, भिंड एवं मुरैना  

12/05/2023 

श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर एवं गुना 

सागर 

11/05/2023 

सागर, दमोह एवं पन्ना 

 

छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निबाड़ी 

जबलपुर 

11/05/2023 

जबलपुर, कटनी, छिंदवाडा एवं सिवनी 

 

मंडला, नरसिंहपुर, बालाघाट एवं डिंडोरी 

रीवा – शहडोल संभाग 

11/05/2023 

रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली 

 

उमरिया, शहडोल एवं अनुपपुर 

किसानों को सत्यापन के दौरान आवेदक को ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड किए गए मूल बैंक ड्राफ़्ट को कार्यालय में जमा करना होगा। इसके साथ ही आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए मूल अभिलेखों जैसे फोटो, पहचान पत्र, आधार कार्ड, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र अथवा हाई स्कूल अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आवेदकों हेतु), निवास प्रमाण पत्र  (मतदाता परिचय पत्र अथवा आधार कार्ड) अथवा ऋण पुस्तिका सत्यापन हेतु प्रस्तुत किए जाने होंगे। अभिलेख परीक्षण न कराने अथवा मूल बैंक ड्राफ़्ट जमा न कराए जाने की स्थिति में आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा।

कस्टम हायरिंग केंद्र योजना की विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें

कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान Subsidy हेतु आवेदन कहाँ करें?

मध्य प्रदेश राज्य के किसान किराए पर ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराकर सेवाएँ देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के इच्छुक व्यक्तियों से “ऑनलाइन” आवेदन पत्र संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से माँगे गए हैं। इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए 8 मई 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी एवं मार्गदर्शन के लिए किसान अपने ज़िले या संभाग के कृषि यंत्री कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं। 

सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग केंद्र CHC की स्थापना हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

किसानों के बैंक खाते में डाली गई बारिश एवं ओला वृष्टि से हुई खराब फसलों की राहत राशि

बारिश एवं ओला वृष्टि से हुई फसल नुकसान का मुआवजा

इस वर्ष देश में रबी सीजन में गेहूं, चना, सरसों सहित अन्य रबी फसलों को बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से काफी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई किसानों को फसल बीमा योजना एवं राज्य योजनाओं के तहत की जा रही है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए राहत राशि देना शुरू कर दिया है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस बार तीन दौर में ओला-वृष्टि और असामयिक वर्षा से फसलें खराब हुई थी। सरकार ने फसलों का सर्वे करा कर राहत राशि वितरण करने का निर्णय लिया है। संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। किसानों को संकट से पार ले जाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

किसानों को दी गई 159 करोड़ रुपए की राहत राशि

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ फसलों का नुकसान होने पर किसानों को सबसे अधिक राहत राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 28 अप्रैल के दिन अपने निवास कार्यालय समत्व भवन से असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 159 करोड़ 52 लाख रुपए की राहत राशि का वितरण सिंगल क्लिक से किया।

राहत राशि के साथ ही दिया जाएगा फसल बीमा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ भी फसलों का नुकसान हुआ है, वहाँ का सर्वे कर राहत राशि प्रदान की जाएगी। फसल कटाई प्रयोग के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ भी किसानों को दिलाया जाएगा। राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों ने सर्वे कार्य किया है। सर्वे कार्य ठीक से कराने का पूरा ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत राशि का पैसा आपके खाते में आ जाएगा, इसके लिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

प्रभावित किसानों से नहीं की जाएगी कर्ज की वसूली

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित किसानों से कर्ज वसूली स्थगित कर दी है। प्रभावित किसानों के घर बेटी की शादी होने पर 55 हजार रुपए की मदद अलग से की जाएगी। भरपूर राहत राशि प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी चल रही है। हमने फैसला किया है कि बारिश के कारण गेहूँ की चमक चली गई है, तो चमकविहीन गेहूँ भी खरीदा जाएगा।

फसलों के सर्वे से किसान हैं पूरी तरह संतुष्ट

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विदिशा जिले के किसान श्री रामबाबू, सागर जिले के श्री प्राण सिंह, शिवपुरी की सविता यादव और मंदसौर के श्री दयाल सिंह से संवाद किया। उन्होंने किसानों से पूछा कि आपकी फसलों का सर्वे ठीक ढंग से हुआ था कि नहीं, आप संतुष्ट है या नहीं। सभी किसानों ने कहा कि फसलों का सर्वे बहुत अच्छे से हुआ, कोई परेशानी नहीं हुई, हम पूरी तरह से संतुष्ट हैं।

सरकार ने सब्सिडी पर किसानों को दिए ट्रैक्टर, पावर टिलर सहित 15 लाख से अधिक कृषि यंत्र: कृषि मंत्री

ट्रैक्टर, पावर टिलर सहित अन्य कृषि यंत्रों पर अनुदान

देश में किसानों को आधुनिक तकनीकों का लाभ पहुँचाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए देश भर में कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्य सरकारों के माध्यम से ट्रैक्टर, पावर टिलर और स्वचालित मशीनरी सहित सब्सिडी पर 15.24 लाख कृषि मशीनरी और उपकरण वितरित किए गए हैं। यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी शिखर सम्मेलन के शुभारम्भ के दौरान कही।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 27 अप्रैल 2023 के दिन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) व ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) द्वारा फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी पर आयोजित शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया।

इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं कृषि यंत्र

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (एसएमएएम) के तहत प्रशिक्षण, परीक्षण, सीएचसी, हाई-टेक हब, फार्म मशीनरी बैंकों (एफएमबी) की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्यों को 6120.85 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि देश में लगभग 85 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें टेक्नालॉजी-मशीनरी का लाभ मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपने स्तर पर इस दिशा में लगातार काम कर रही है। 

75 दिनों में मिलेगी ट्रैक्टर को मंजूरी

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा “केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान” (सीएफएमटीटीआई), बुदनी (म.प्र.) में ट्रैक्टरों के परीक्षण की नई व्यवस्था लागू कर परीक्षण को पूरा करने की अधिकतम समय-सीमा को घटाकर अधिकतम 75 कार्य दिवस कर दिया गया है। साथ ही, वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक केंद्र सरकार दवारा अपने चार एफएमटीटीआई व चिन्हित नामित अधिकृत परीक्षण केंद्रों के माध्यम से 1.64 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया हैं।

किसानों को ड्रोन पर दी जा रही है सब्सिडी 

कृषि मंत्री ने बताया कि किसान ड्रोन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए ड्रोन पालिसी लाने के साथ ही किसानों, अजा-अजा वर्ग, महिला किसानों सहित विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी दी जा रही है व ड्रोन के साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग हेतु फसल विशिष्ट एसओपी भी जारी की गई है। सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरूआत भी की है, जिसमें अभी तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी है, जिनसे किसानों को सहायता मिल रही है। 

DAP: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लांच किया नैनो डीएपी, किसानों को अब आधी से भी कम कीमत में मिलेगा डीएपी खाद

नैनो डीएपी तरल खाद

सरकार ने नैनो तरल यूरिया के बाद किसानों को अब एक और बड़ा तोहफा दिया है। 26 अप्रैल के दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में इफ्को नैनो डीएपी (तरल) का लोकार्पण कर दिया है। किसानों को तरल डीएपी खाद अभी बाजार में मौजूद दानेदार डीएपी से आधी से भी कम कीमत पर मिलेगा। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इफ्को नैनो डीएपी(तरल) प्रोडक्ट का लॉन्च फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण शुरुआत है। 

सहकारिता मंत्री ने बताया कि तरल डीएपी के उपयोग से सिर्फ पौधे पर छिड़काव के माध्यम से उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाने के साथ-साथ भूमि का भी संरक्षण किया जा सकेगा। इससे भूमि को फिर से पूर्ववत करने में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा और केमिकल फर्टिलाइजर युक्त भूमि होने के कारण करोड़ों भारतीयों के स्वास्थ्य को जो खतरा बन रहा था वह भी समाप्त हो जाएगा।

मौजूदा दानेदार डीएपी से है अधिक प्रभावी 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे दानेदार यूरिया व DAP की जगह लिक्विड नैनो यूरिया व DAP का प्रयोग करें, यह उससे अधिक प्रभावी है। दानेदार यूरिया के उपयोग से भूमि के साथ-साथ फसल और उस अनाज को खाने वाले व्यक्ति की सेहत का भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी नई चीज को स्वीकारने की क्षमता अगर किसी में सबसे ज्यादा है तो वह किसान में है। नैनो तरल डीएपी की 500 मिली. की एक बोतल का फसल पर असर 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है।

प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

सहकारिता मंत्री ने कहा कि लिक्विड होने के कारण DAP से भूमि बहुत कम मात्रा में केमिकल मुक्त होगी। प्राकृतिक खेती के लिए महत्वपूर्ण है कि भूमि में केमिकल ना जाए और केंचुओं की मात्रा बढ़े। अधिक संख्या में केंचुए अपने आप में फर्टिलाइजर के कारखाने की तरह काम करते हैं। तरल डीएपी और तरल यूरिया का उपयोग कर किसान भूमि में केंचुओं की संख्या में वृद्धि कर सकता है और अपने उत्पादन व आय को कम किए बगैर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ सकता है। इससे भूमि का संरक्षण भी किया जा सकेगा।

अभी देश में होता है 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन

श्री अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में देश में 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन होता है, जिसमें से 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन सहकारी समितियों द्वारा किया गया है। इस 132 लाख मीट्रिक टन में से इफ्को ने 90 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर, दुग्ध उत्पादन व मार्केटिंग के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता में इफ्को, कृभको जैसी सहकारी समितियों का बहुत बड़ा योगदान है।

किसानों के खर्च में आएगी कमी

श्री शाह ने कहा कि आलू उगाने वाले पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश किसान प्रति एकड़ भूमि में लगभग 8 बोरे डीएपी का प्रयोग करते थे जिससे उत्पादन तो बढ़ता था परन्तु भूमि व उत्पाद प्रदूषित होता था। उन्होंने कहा कि तरल डीएपी में 8 प्रतिशत नाइट्रोजन और 16% फास्‍फोरस होता है। इसके उपयोग से दानेदार यूरिया में लगभग 14% की कमी आएगी और डीएपी में शुरू में 6% बाद में 20% की कमी आएगी जिससे देश के फॉरेन रिजर्व में बहुत बड़ा फायदा होगा, साथ ही पौधों के पोषण में सुधार होगा और भूमि में पोषक तत्वों की आपूर्ति शत-प्रतिशत हो जाएगी। 

इससे किसानों के खर्च में भी बहुत कमी आएगी और गेहूं में 6% तथा आलू व गन्ना उत्पादन में 20% कम खर्च होगा। इससे जमीन तो अच्छी होगी साथ ही उत्पाद भी खाने वाले की हेल्‍थ की दृष्टि से बहुत अच्छा उत्पन्न होगा।

आयात में आएगी कमी

सहकारिता मंत्री ने कहा कि 24 फरवरी 2021 को नैनो यूरिया को मंजूरी मिली थी और आज 2023 में लगभग 17 करोड़ नैनो यूरिया की बोतल बनाने का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर लिया गया है। अगस्त 2021 में नैनो यूरिया की मार्केटिंग शुरू हुई थी और मार्च 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का निर्माण किया जा चुका है। इससे  6.3 करोड़ यूरिया के बैग की खपत और इनके आयात को कम कर दिया गया है और देश के राजस्व व फॉरेन करेंसी की बचत हुई है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में 2021-22 में यूरिया का आयात भी सात लाख मैट्रिक टन कम हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तरल डीएपी के माध्यम से लगभग 90 लाख मीट्रिक दानेदार डीएपी के उपयोग को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। देश में 18 करोड़ तरल डीएपी की बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। 

नैनो तरल डीएपी से क्या लाभ होगा?

नाइट्रोजन और फ़ॉस्फ़ोरस से भरपूर इफको नैनो डीएपी (तरल) फसलों को बेहतर विकास देता है। नैनो डीएपी (तरल) की 500 मिली. की एक बोतल का फसल पर असर 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है। नैनो डीएपी (तरल) जहां बीज अंकुरण की दर को बढ़ावा देता है वहीं जड़ों के विकास में सहायक होता है। इसके प्रयोग से शाखाओं और फूलों की संख्या बढ़ती है। इसके भंडारण और परिवहन में तो आसानी होती ही है साथ ही किसानों की लागत भी कम करता है।

इस दिन किसानों को दिया जाएगा बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से हुए फसल नुकसान का मुआवजा 

बारिश एवं ओला वृष्टि से हुए फसल नुकसान का मुआवजा 

इस वर्ष मार्च महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं अन्य योजना के अंतर्गत की जाएगी। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जाने वाले इस मुआवजे की लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 28 अप्रैल 2023 के दिन दोपहर 3 बजे असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से फसल क्षति हेतु राहत राशि का वितरण किया जाएगा। यह जानकारी मध्य प्रदेश कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा ट्वीट करके दी गई।

सहायता राशि में की गई है वृद्धि

अभी हाल में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु परिशिष्ट-1 (एक) (क) की तालिका के अनुक्रमांक 01 एवं 02 में संशोधन किया गया है। जिसमें 0 से 2 हेक्टेयर तक एवं 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि धारित किसानों को विभिन्न फसलों के नुकसान पर दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की गई  है। इसमें किसानों को सिंचित, असिंचित, सब्जी, मसाला, औषधीय एवं बारहमाही फसलों के लिए अलग-अलग सहायता राशि दी जाती है। 

दो हेक्टेयर तक भूमि धारित किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा

दो हेक्टेयर से अधिक भूमि धारित किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा

सरकार ने लक्ष्य में की वृद्धि, अब और किसान करा सकेंगे समर्थन मूल्य पर चना एवं सरसों बेचने के लिए पंजीयन 

चना एवं सरसों MSP पर बेचने के लिए पंजीयन

देश में अभी रबी फसलों ख़ासकर गेहूं, चना एवं सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम ज़ोरों पर चल रहा है। यह खरीदी केवल राज्य सरकारों द्वारा पंजीकृत किसानों से ही की जा रही है परंतु ऐसे भी कई किसान है जो अपनी फसलों को MSP पर बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करवा पाए हैं। ऐसे किसानों के लिए राजस्थान सरकार ने दोबारा से पोर्टल खोल दिया है। इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा सरसों एवं चना का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP क्रमशः 5450 रुपए एवं 5335 रुपए प्रति क्विंटल  है।

राजस्थान सरकार ने राज्य में राज्य में दलहन-तिलहन की खरीद के लिए कृषक पंजीयन की सीमा को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इस निर्णय से चने के लिए राज्य के 21 जिलों के 116 केन्द्रों पर 23,966 किसान एवं सरसों के लिए 9 जिलों के 25 केन्द्रों पर 54732 किसान कुल 78698 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। 

अभी तक कितने किसानों ने कराया है चना एवं सरसों MSP पर बेचने के लिए पंजीयन

राज्य में 20 मार्च से पंजीयन प्रारंभ किये गये है और अब तक 1 लाख 41 हजार 104 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें 61 हजार 170 सरसों तथा 79 हजार 934 चना के लिए है। 60868 किसानों को उपज बेचने की तिथि आवंटित कर दी गई है। भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्यों के क्रम में सरसों के लिए लगभग 6 लाख एवं चना के लिए लगभग 2 लाख 63 हजार किसानों का पंजीयन किया जा सकता है।

सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा सरसों खरीद हेतु 15.19 लाख मीट्रिक टन एवं चना खरीद हेतु 6.65 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य स्वीकृत किये गये है। राज्य में 24 अप्रैल तक 17 हजार 258 किसानों से 36993 मीट्रिक टन चना एवं सरसों की खरीद की गई है। जिसकी राशि 204 करोड़ रूपये है। 5415 किसानों को 63 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष के भुगतान प्रक्रिया जारी है। 

किसान कहाँ करें MSP पर चना एवं सरसों बेचने के लिए पंजीयन

प्रबन्ध निदेशक राजफैड श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने बताया कि किसान क्रय केन्द्र/ई-मित्र के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों सहित (गिरदावरी, बैंक पासबुक, जन-आधार कार्ड) पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के बाद उन्हें जिन्स तुलाई हेतु प्राथमिकता पर दिनांक आवंटित की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान फसल को सुखाकर अनुज्ञय मात्रा की नमी का साफ-सुथरा कर एफ.ए.क्यू. मापदण्डों के अनुरूप चना-सरसों तुलाई हेतु क्रय केन्द्रों पर लाये। किसानों की समस्या समाधान के लिये किसान हेल्पलाइन नम्बर 18001806001 भी स्थापित किया हुआ है जहां किसान सम्पर्क कर अपनी समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते है।

मौसम चेतावनी: 26 से 29 अप्रैल के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

26 से 29 अप्रैल के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश के उत्तर भारत, दक्षिण भारत एवं मध्य भारतीय राज्यों में मौसम ने करवट ले ली है, जिससे आम जन को गर्मी से राहत मिली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ WD सक्रिय हो गया है जिसके प्रभाव से आगामी दिनों में देश के अधिकांश उत्तर भारतीय एवं मध्य भारतीय राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

भारतीय मौसम विभाग की मानें तो 26 से 29 अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, मराठवाड़ा, विदर्भ, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा आदि राज्यों में तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं बारिश हो सकती है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 26 से 29 अप्रैल के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

राजस्थान के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 26 से 29 अप्रैल के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद,  सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलवृष्टि होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 26 अप्रैल से 29 अप्रैल के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 26 से 29 अप्रैल के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

वहीँ हरियाणा राज्य में 28 से 30 अप्रैल के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 26 से 29 अप्रैल के दौरान बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद ज़िलों में वही 27 अप्रैल को भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया ज़िलों में कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 26 अप्रैल से 29 अप्रैल के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक के साथ बारिश एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि हो सकती है। 

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 26 से 29 अप्रैल के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, हमीरपुर, महोबा, झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, हरदोई, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है वहीं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना भी व्यक्त की गई है। 

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