80 प्रतिशत की सब्सिडी पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन करें

अनुदान पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन

कृषि में आधुनिकता लाने के लिए तथा कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का उपयोग बढ़ता जा रहा है | सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि यंत्रों पर विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी दी जाती है | इससे किसान गाँव में फसल कटाई, खेत जुताई, फसल थ्रेसरिंग,फसल अवशेष प्रबंधन आदि कार्य आसानी से कर सकते हैं | अभी बिहार सरकार ने राज्य के किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन से सम्बंधित उपयोगी कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान देने के लिए आवेदन मांगे हैं |

बिहार सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में सब मिशन आन एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन (एस.एम.ए.एम.) योजना के अंतर्गत फ्लेक्सी फंड के तहत 3 करोड़ रुपये की लागत से फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु विशेष कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जायेंगें | इसके तहत राज्य में 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना की जा रही है, जिसके तहत राज्य के चयनित जिलों के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

इन जिलों के किसान सकर सकते हैं कृषि यंत्र बैंक हेतु आवेदन

कृषि विभाग बिहार द्वारा राज्य के 9 जिलों के किसानों से कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है | योजना के तहत कैमूर, रोहतास, भोजपुर, नालन्दा, बक्सर, पटना, नवादा, गया तथा ओरंगाबाद जिलों के किसान ऑनलाइन आवेदन कर अनुदान पर कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना कर सकते हैं |

कृषि यंत्र बैंक पर दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy)

राज्य के 9 जिलों के किसानों को कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने के लिए 20 लाख रूपये तक के कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं | इस कृषि यंत्र बैंक पर किसानों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है , जो एक इकाई पर अधिकतम 12 लाख रूपये कि सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी |

योजना के तहत कितने कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जायेंगे ?

बिहार के 9 जिलों के किसानों को 20 लाख रूपये के कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे | जिसके तहत किसानों को 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि यंत्र बैंक) की स्थापना की जाएगी | कृषि यंत्र बैंक के तहत 55 हार्स पावर का ट्रेक्टर अनिवार्य हैं | किसान को ट्रेक्टर पर 40 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख 40 हजार रूपये अनुदान दिया जायेगा, जबकि अन्य कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा |

योजना का लाभ किसे दिया जाएगा ?

बिहार राज्य के ऐसे किसान जिनके पास भूमि कम है जिसके कारण कृषि समूहों को योजना का लाभ दिया जाएगा | इस योजना के तहत इच्छुक जीविका के समूह / ग्राम संगठन / क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप (एफ.आई.जी.), नाबार्ड / राष्ट्रीयकृत बैंक से संबद्ध किसान क्लब, कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) स्वयं सहायता समूह, निर्माता/उद्धमी एवं प्रगतिशील कृषक योजना का लाभ उठा सकते हैं |

आवेदन कब से करना है ?

ऊपर दिये हुए 9 जिलों के किसान तथा उन संबंधित जिलों के पात्र इच्छुक किसान समूह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | इस योजना के लिए 27 अक्टूबर से 30 नवम्बर 2021 तक आवेदन किए जाएंगे |

सब्सिडी पर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना आवेदन कहाँ से करें ?

बिहार में कृषि यंत्र अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है इसके लिए किसान को पहले बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण DBT पर पंजीकरण होना अनिवार्य है | पंजीकरण के बाद किसानों को जो पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी उसकी मदद से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन कृषि विभाग के वेबसाईट http://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर कर सकते हैं | इस योजना से जुडी विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/ जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं |

कृषि यंत्र बैंक स्थापना हेतु ऑनलाइन आवेदन के लिए क्लिक करें

किसान अब किसी भी क्रय केंद्र का टोकन लेकर बेच सकेगें धान

धान बेचने हेतु टोकन

खरीफ फसलों में धान की खरीदी अधिकांश राज्यों में प्रारंभ की जा चुकी है | उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से धान खरीदी एवं इसके लिए पंजीयन का काम शुरू कर दिया है | पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर 2021 से धान की खरीदी का कार्य चल रहा है जो 31 जनवरी 2022 तक चलेगा | वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में 01 नवम्बर 2021 से खरीदी की जाएगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी|

उत्तर प्रदेश में इस वर्ष किसान अब अपने जनपद या सटे हुए जनपद के किसी भी क्रय केंद्र का टोकन प्राप्त कर धान बिक्री कर सकेंगे परन्तु यदि कोई किसान किसी केंद्र पर एक बार अपना धान बेच लेता है तो उसे अगली बार भी उत्पादित धान की शेष मात्रा उसी केंद्र पर बेचनी होगी |

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन कहाँ से लें ?

उत्तर प्रदेश में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए टोकन लेना जरुरी है | किसान खाध एवं रसद विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर ऑनलाइन पंजीयन कर टोकन प्राप्त कर सकते हैं | किसान साईबर कैफे, जनसुविधा केंद्र पर तथा निकटतम उचित दर विक्रेता के माध्यम से भी ऑनलाइन कृषक पंजीकरण करा सकते हैं | इसके अतिरिक्त किसान मोबाईल एप के माध्यम से स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं |

4000 खरीदी केन्द्रों पर की जाएगी धान की खरीद

इस वर्ष धान खरीद हेतु खाद्ध तथा रसद विभाग के अतिरिक्त पी.सी.एफ., पी.सी.यू., यू.पी.एस.एस., मंडी परिषद व भारतीय खाद्ध निगम सहित 06 क्रय एजेंसी नामित की गयी है | प्रदेश में 4000 क्रय केंद्र संचालित किया जाना प्रस्तावित है तथा इस वर्ष प्रदेश स्तर पर धान क्रय लक्ष्य 70.00 लाख मि.टन निर्धारित है |

कृषकों की उपज की मात्रा का आकलन कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2021–22 में प्रति हेक्टेयर अनुमानित औसत उत्पादकता के 120 प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा | किसानों की सुविधा के लिए 100 कुंटल तक धान की बिक्री की मात्रा को राजस्व विभाग के सत्यापन से छुट प्रदान की गयी है |

आलू के प्रमाणित बीज सब्सिडी पर लेने हेतु आवेदन करें

आलू के प्रमाणित बीज अनुदान हेतु आवेदन

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रमाणित बीज एवं अन्य सामग्री उपलब्ध करवा रही है | राज्य में चयनित जिलों के किसानों से सब्जी प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत आलू के प्रमाणित बीज के साथ कीटनाशक दवा, स्प्रे मशीन अनुदान पर देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं |

इन जिलों के लिए जारी किए गए लक्ष्य

मध्यप्रदेश में अभी सब्जी प्रदर्शन कार्यक्रम (आलू) योजना के तहत 4 जिलों शिवपुरी, उज्जैन, सागर, शाजापुर जिलों के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं | इन 4 जिलों के लिए 600 इकाई का लक्ष्य रखा गया है | योजना केवल अनुसूचित जाति के कृषक के लिए है | जिलों के अनुसार लक्ष्य इस प्रकार है :- शिवपुरी – 200, उज्जैन–200, सागर–183 संख्या, शाजापुर–17 |

किसानों को अनुदान पर क्या-क्या दिया जायेगा ?

किसानों को आलू प्रदर्शनी कार्यक्रम के तहत प्रमाणित बीज के साथ-साथ खेती के लिए आवश्यक अन्य सामग्री भी दी जाएगी | यह सभी सामग्री किसानों के लिए अनिवार्य है | किसानों प्रमाणित आलू बीज के साथ, बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प, प्लास्टिक केट इत्यादि सामग्री भी दी जाएगी|

किसानों को किस रेट पर बीज एवं अन्य सामग्री दी जाएगी

चयनित किसानों को भौतिक लक्ष्य के अनुसार आलू बीज के साथ अन्य सामग्री भी दी जाएगी | एक किसान को 0.1 हेक्टेयर के लिए 200 किलोग्राम प्रमाणित आलू बीज 25 रूपये किलो की दर से 5000 रूपये तक का आलू बीज दिया जाएगा | इसके साथ बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प 1 दिया जाएगा जिसकी कीमत 3,175 रूपये है | प्लास्टिक केट 4 दिये जाएंगे जिसका मूल्य प्रति प्लास्टिक केट 450 रुपये है, जिसका कुल 1800 रुपये लिए जाएंगे |

किसानों को कैसे मिलेगी सब्सिडी ?

आलू प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु प्रति इकाई निर्धारित लागत राशि 10,000 रूपये है | आलू बीज एवं आवश्यक सामग्री (बैटरी कम हैण्ड स्प्रेयर पम्प एवं प्लास्टिक केट) की वास्तविकता कीमत निर्धारित इकाई लागत से कम होने पर शेष/अंतर की राशि से कृषक द्वारा अन्य आवश्यक सामग्री (बीजोपचार दवा, खाद, उर्वरक, कीटनाशक एवं माइक्रोन्यूट्रेंट) स्वयं क्रय की जाकर जिले के उप/सहायक संचालक उद्धान को देयक प्रस्तुत किया जायेगा, देयक के सत्यापन उपरांत राशि का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से कृषक को किया जायेगा |

किसान अनुदान हेतु आवेदन कब एवं कैसे करें ?

अनुसूचित जाति उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वर्ष 2019–20 अंतर्गत आलू प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाएगा | किसान आवेदन 26/10/2021 के दिन में 11:00 बजे से किए जा सकेंगे |आवेदन राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत; किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उद्यानिकी एवं विभाग मध्यप्रदेश पर देख सकते हैं या विकासखंड स्तर पर कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं | मध्यप्रदेश में उद्यानिकी विभाग से संचालित सभी योजनाओं हेतु आवेदन ऑनलाइन किये जाते हैं अतः इच्छुक किसान जो योजना का लाभ लेना चाहते अपना पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर कर सकते हैं |

बाढ़ एवं अधिक बारिश से हुए फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए सरकार ने जारी किए 78 करोड़ रुपये

अधिक बारिश से हुए फसल नुकसान का मुआवजा

देश के अलग–अलग राज्यों में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है | खरीफ फसल की कटाई के साथ ही साथ रबी फसल की बुवाई भी की जा रही है ऐसे में तेज बारिश होने से किसानों को दोहरा नुकसान हुआ है | अतिवृष्टि के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ कि स्थिति बन गई थी | इसे देखते हुए रज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है | मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों का विवरण कृषि अनुदान माड्यूल में ऑनलाइन फीड किया जाए, ताकि शासन द्वारा प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा सके |

इन जिलों में हुआ है अधिक बारिश से फसलों को नुकसान

उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021–22 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई फसलों की मुआवजा राशि का वितरण प्रभावित किसानों को शीघ्र ही किया जाएगा | मुख्यमंत्री ने राज्य के 35 जनपदों के किसानों को मुआवजा राशि देने की जानकारी दी है | यह जनपद इस प्रकार है :- देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, मीरजापुर, संतकबीर नगर, सीतापुर, कुशीनगर, बलिया, बहराइच, मऊ, वाराणसी, झाँसी, गाजीपुर, बाराबंकी, जालौन, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, चन्दौली, कौशाम्बी, अम्बेडकरनगर, बिजनौर, बस्ती, गोंडा, चित्रकूट, बलरामपुर, बांदा, औरैया, फरुखाबाद, पीलीभीत, कानपुर देहात, भदोही, सुल्तानपुर, आगरा तथा श्रावस्ती |

2 लाख से अधिक किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

राज्य के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि 35 जनपदों के किसानों को वित्त वर्ष 2021-22 में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि जारी कर दी है | सर्वे के आधार पर किसानों को मुआवजा राशि जल्द ही दी जाएगी | 35 जनपदों के 2,35,122 प्रभावित किसानों के लिए 77 करोड़ 88 लाख 96 हजार 748 रूपये की धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से जारी की गई है |

इफको ने की इन खाद के दामों में वृद्धि, जानिए क्या है नए दाम ?

खाद के नए दाम

देश में रबी फसलों की बुआई का काम शुरू होने के साथ ही उर्वरक की मांग बढ़ने लगी है | कई जगहों पर डीएपी एवं अन्य खादों की कमी के चलते किसान परेशान हैं | वहीँ अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल के दामों में वृद्धि के साथ भारत में भी उर्वरक की कीमतें बढ़ने लगी हैं | इन्डियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव IFFCO ने नाईट्रोजन-फास्फोरस-पोटेशियम व गंधक (एनपीके व एनपी) उर्वरकों के मूल्य में 265 रूपये प्रति बैग तक की वृद्धि अपने उत्पादों में की है | यह बढ़ा हुआ मूल्य 15 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है लेकिन पुराने स्टाक को अभी पुरानी कीमतों पर ही दिया जायेगा इसलिए किसान प्रिंट रेट पर ही उर्वरक का क्रय करें |

किस उर्वरक पर कितना मूल्य बढ़ाया गया है ?

एक तरफ नाईट्रोजन–फास्फोरस-पोटाश युक्त उर्वरक के मूल्य में 265 रूपये तक की वृद्धि की गई है | तो दूसरी तरफ नाईट्रोजन–फास्फोरस तथा गंधक युक्त उर्वरक में 70 रूपये प्रति बैग (50 किलोग्राम) तक की वृद्धि की गई है |

  • वर्तमान में एनपी उर्वरक की 50 किलोग्राम बैग की कीमत 1150 रूपये थी जिसे अब बढ़ाकर 1220 रूपये प्रति बैग कर दिया गया है |
  • IFFCO एनपीके पोषक तत्वों के अनुपात के हिसाब से दो तरह के एनपी के तैयार करता है | अभी 50 किलोग्राम वाला एनपीके (10:26:26 अनुपात) वर्तमान में 1175 रूपये में मिल रहा है इसकी कीमत बढ़ाकर 1440 रूपये कर दी गई है |
  • इसी तरह एनपीके (12:32:16) वर्तमान में 1185 रूपये प्रति बैग मिल रहा है जिसे बढ़ाकर 1450 रूपये प्रति बैग कर दिया गया है |
  • डीएपी के मूल्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है | 50 किलोग्राम का पैकेट 1200 रूपये में ही दी जाएगी |
  • यूरिया के मूल्य में भी किसी प्रकार का वृद्धि नहीं किया गया है | 45 किलोग्राम का यूरिया 266.50 रूपये में दिया जाएगा |

उर्वरक के थोक मूल्य में भी की गई वृद्धि

IFFCO के उर्वरकों में खुदरा के साथ ही साथ थोक मूल्य में भी वृद्धि की गई है | जो इस प्रकार है :-

  • एनपीके (10:26:26) – यह उर्वरक पहले 23,500 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 28,800 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम के बैग में यह उर्वरक पहले 1175 रूपये था जो बढ़कर 1440 रूपये प्रति बैग हो गया है |
  • एनपीके (12:32:16) – यह उर्वरक पहले 23,700 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 29,000 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम कि बैग में यह उर्वरक पहले 1185 रूपये तथा जो बढ़कर 1450 रूपये प्रति बैग हो गया है |
  • एनपीके (20:20:0:13) – यह उर्वरक पहले 23000 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 24,400 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम कि बैग में यह उर्वरक पहले 1150 रूपये तथा जो बढ़कर 1220 रूपये प्रति बैग हो गया है |

किसान न्याय योजना के तहत 9 हजार रूपये प्रति एकड़ अनुदान लेने के लिए 31 अक्टूबर तक करें आवेदन

किसान न्याय योजना हेतु आवेदन

कृषि में लागत को कम करने तथा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” चला रही है | इस योजना के तहत किसानों को 9 हजार से लेकर 10 हजार प्रति एकड़ रूपये की कृषि आदान इनपुट सब्सिडी दे रही है | छत्तीसगढ़ सरकार ने इससे पहले किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद बोनस देती थी लेकन अब राज्य सरकार ने किसानों को कृषि इनपुट के तौर पर किसनों को प्रति एकड़ 9 से 10 हजार रूपये दे रही है | इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा |

किसान योजना के तहत कब तक कर सकते हैं आवेदन ?

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए राज्य के किसन एकीकृत किसान पोर्टल पर 31 अक्टूबर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे | राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में 30 सितम्बर तक पंजीयन कराने की अंतिम तिथि निर्धारित थी | जिसे छत्तीसगढ़ कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है |

इन फसलों की खेती करने पर दिया जायेगा अनुदान ?

राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत किसान सुगन्धित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज,कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन, उद्धानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण को शामिल किया गया है | उद्धानिकी के अंतर्गत सभी फलों के पेड़ों को शामिल किया गया है |

योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?       

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्धानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है | इसके अलावा वर्ष 2020–21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगन्धित धान, अन्य अनाज, दलहनी, तिलहनी, उद्धानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी | वृक्षा रोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी |

कहाँ से आवेदन करें ?

राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा | राज्य सरकार ने किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसन करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल http://kisan.cg.nic.in तैयार किया है | कृषक को एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नबंर, बैंक पासबुक की छाया प्रति के साथ प्रपत्र-1 में आवेदन करना होगा |

बांस एवं लोहे की स्टैकिंग में सब्जियों की खेती पर सरकार दे रही है 90 प्रतिशत तक अनुदान

अनुदान पर बांस एवं लोहे की स्टैकिंग में सब्जियों की खेती

आधुनिक कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ खेती करना आसान हो गया है बल्कि किसान कम क्षेत्र में अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं | इस विधि द्वारा मुनाफा और फसलों की पैदावार भी अधिक होती है। ‘स्टैकिंग’ तकनीक से पहले किसान पुरानी तकनीक से ही सब्जियों और फलों की खेती करते थे। लेकिन अब किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर रहे हैं क्योंकि यह बहुत ही आसान है। इस तकनीक में बहुत ही कम सामान का प्रयोग होता है। इसमें बांस व लोहे के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है।

हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को स्टैकिंग तकनीक से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान दे रही है | जिसका लाभ लेकर किसान अपने खेतों में सब्जियों की खेती बांस या लोहे की स्टैकिंग बनाकर कर सकते हैं | हरियाणा सरकार द्वारा सब्जियों में बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग करने के लिए किसानों को 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।

बांस स्टैकिंग व लौह स्टैकिंग पर दी जाने वाली सब्सिडी

राज्य सरकार द्वारा बांस स्टैकिंग व लौह स्टैकिंग पर अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है। बांस स्टैकिंग की 62,500 रुपए प्रति एकड़ लागत पर 31,250 से लेकर 56,250 रुपए तथा लौह स्टैकिंग की एक लाख 41 हजार रुपए प्रति एकड़ लागत पर 70,500 से लेकर एक लाख 26 हजार रुपए तक अनुदान किया जा रहा है। दोनों तरह की स्टैकिंग पर अधिकतम अनुदान क्षेत्र एक से 2.5 एकड़ है।

अनुदान के लिए कहाँ करें आवेदन

बांस स्टैकिंग व लोहे की स्टैकिंग का प्रयोग वाली इस योजना का क्रियान्वयन राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है | इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए विभाग के बागवानी पोर्टल http://hortharyanaschemes.in/ पर ऑनलाइन आवदेन करना होगा।

16 से 18 अक्टूबर के दौरान हुई बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान का आंकलन कर जल्द दिया जायेगा मुआवजा

बेमौसम बारिश से फसल नुकसान की भरपाई

अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में देश के अलग–अलग राज्यों में बेमौसम तेज बारिश हुई थी | जिसके कारण खरीफ की कटी एवं खड़ी फसलों के आलावा रबी की बोई गई फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है | राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिला कलेक्टर फसलों में हुए नुकसान का जल्द आंकलन कराएं, जिसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।

इन जिलों में हुई है फसल क्षति

बैठक में कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है। इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।

जुलाई में हुए फसल नुकसान का जल्द दिया जायेगा मुआवजा

इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।

सरकार 80 प्रतिशत की सब्सिडी पर देगी दलहनी एवं तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज

दलहनी एवं तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज पर अनुदान

देश में दलहनी फसलों का उत्पादन लगभग 24 मिलियन टन का है तथा तिलहनी फसलों का उत्पादन लगभग 35 मिलियन टन है | देश में कुल तिलहन का उत्पादन देश के कुल जरूरत का 40 प्रतिशत ही पूरा करता है | बाकि के 60 प्रतिशत तिलहन बाहर के देशों से मंगाया जाता है | इसको देखते हुए हाल के वर्षों में केंद्र तथा राज्य सरकारें किसानों से दलहन तथा तिलहन के उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है | खरीफ मौसम में केंद्र सरकार ने दलहन तथा तिलहन के बीज किसानों के बीच नि:शुल्क वितरित किए थे | अब बिहार सरकार ने राज्य में दलहन तथा तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सब्सिडी पर बीज उपलब्ध करा रही है | इसके लिए किसानों को 2 एकड़ क्षेत्र के लिए दलहन तथा तिलहन के बीज उपलब्ध कराये जाएंगे |

बीजों पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?

बिहार के कृषि मंत्री श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा रबी वर्ष 2021 – 22 में दलहन एवं तिलहन के उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रमाणित बीज किसानों को 80 प्रतिशत कि सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है | मिनी किट योजना के तहत एक किसान को अधिकतम 02 एकड़ भूमि के लिए बीज उपलब्ध कराये जाएंगे | इस योजना के अन्तर्गत चने के प्रमाणित बीज 20,690 क्विंटल 80 प्रतिशत कि सब्सिडी पर वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है |

इसी प्रकार मसूर, मात्र एवं राई/सरसों का प्रमाणित बीज क्रमश: 17,325 क्विंटल, 640 क्विंटल तथा 2,260 क्विंटल किसानों को 80 प्रतिशत कि सब्सिडी पर दिया जाएगा |

अनुदान पर रबी फसलों के बीज हेतु आवेदन

बिहार राज्य के किसान योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं | यह आवेदन मोबाईल, कम्प्यूटर या कामन सर्विस सेंटर से आवेदन कर सकते हैं | आवेदन https://dbtagriculture.bihar.gov.in या brbn.bihar.gov.in से कर सकते हैं | योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान पहले से dbt पोर्टल पर पंजीयन होना जरुरी है |

गन्ना किसान 30 अक्टूबर तक भर सकेंगे अपना घोषणा पत्र

गन्ना सट्टा संचालन के लिए घोषणा पत्र

उत्तर प्रदेश सरकार ने दशहरा तथा दीपावली को देखते हुए राज्य के गन्ना किसानों को घोषणा पत्र भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी है | पहले यह तिथि 15 अक्टूबर तक थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 अक्टूबर तक कर दिया गया है | अब किसान 30 अक्टूबर तक घोषणा पत्र भरकर गन्ने को सरकारी मूल्य पर बेच सकते हैं |

गन्ना आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि प्रत्येक दशा में इस अन्तिम अवसर का लाभ लेते हुए पेराई सत्र 2021-22 हेतु 30 अक्टूबर 2021 तक घोषणा–पत्र भर दें | इसके बाद घोषणा–पत्र भरने की तिथि को बढ़ाया जाना सम्भव नहीं होगा | अंतिम तिथि तक घोषणा–पत्र न भरने वाले गन्ना किसानों का सट्टा संचालित नहीं हो सकेगा |

किसान कहाँ से आवेदन कर सकते हैं ?

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान 30 अक्टूबर तक ऑनलाइन घोषणा पत्र भर सकते हैं | smart ganna kishan (SGK) प्रोजेक्ट के अंतर्गत आसन्न पेराई सत्र 2021–22 हेतु गन्ना किसानों द्वारा सुविधा पूर्वक अपने घोषणा–पत्र ऑनलाइन भरे जा रहे हैं | किसान ई.आर.पी. की वेबसाईट – enquiry.caneup.in पर जाकर अपना घोषणा पत्र भर सकते हैं |

किसानों से गन्ना इस मूल्य पर खरीदा जाएगा ?

गन्ने के मूल्य में केंद्र सरकार ने 5 रूपये की वृद्धि कर के देश भर के किसानों के लिए 290 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है | इसके साथ ही राज्य सरकारों ने अपना गन्ना मूल्य तय किया है | जो इस प्रकार है :-

  • उत्तर प्रदेश – 340 रूपये प्रति क्विंटल
  • पंजाब – 360 रूपये प्रति क्विंटल
  • हरियाणा – 362 रूपये प्रति क्विंटल