जानिए राज्य में अभी तक कितने किसानों को मिला कर्ज माफी योजना का लाभ, सरकार ने विधानसभा में दी पूरी जानकारी

कृषक ऋण माफी योजना का लाभ

देश में किसानों की कर्ज माफी हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, वर्ष 2019 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रति किसान परिवार औसतन 74,121 रुपए का कर्ज है। ऐसे में कई बार कर्ज ना चुकाने के कारण किसान आत्महत्या कर लेते हैं, या उनकी जमीन नीलाम कर दी जाती है। इसके अलावा ऋण एनपीए हो जाने पर किसानों को नया ऋण भी नहीं मिलता जिससे किसान कृषि में नया निवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसानों को ऋण मुक्त कराने के लिए राजस्थान सरकार ने वर्ष 2018 एवं 2019 में कृषक ऋण माफी योजना शुरू की थी।

1 मार्च 2023 के दिन श्री चन्द्रभान सिंह आक्या द्वारा विधानसभा में किसानों की कर्ज माफी को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने अपने सवाल में पूछा कि अभी तक राज्य में कितने किसानों के कर्ज माफ किए गए है? विगत तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण कई किसानों की जमीने सरकारी आदेशों से नीलाम हुई हैं इसकी जानकारी माँगी। जिसका जबाब आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने विधान सभा में दिया।

सरकार ने वर्ष 2018 में दिया था कृषक ऋण माफी आदेश

विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने कहा कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषक ऋण माफी आदेश 19 दिसम्बर 2018 को जारी किया गया था। उक्त आदेश की क्रियान्विति के लिए केबिनेट के 29 दिसम्बर 2018 के निर्णय की पालना में मंत्रीगण की एक समिति का गठन किया गया।

इस समिति ने समस्त पहलुओं पर विचार-विमर्श कर यह अनुशंषा की कि राष्ट्रीकृत बैंक, शिडयूल्ड बैंक तथा आर.आर.बी. से जुडे वे कृषक जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं और अपना अल्पकालीन फसली ऋण नहीं चुका पा रहे, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये की सीमा तक का अल्पकालीन फसली ऋण, जो एन.पी.ए. हो गया है, को माफ करने के लिये बैंकों से परामर्श कर वन टाइम सैटलमेंट स्कीम लाई जाए। समिति की अनुशंषा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु सहकारिता तथा आयोजना विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।

22 लाख से अधिक किसानों का किया गया ऋण माफ

अपने जबाब में आयोजना मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 31 दिसम्बर 2022 तक राज्य के सहकारी बैंकों की राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2018 (अल्पकालीन) के तहत 7571.83 करोड़ रुपये एवं राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (अल्पकालीन) के तहत 20.77 लाख किसानों का 7,855.32 करोड़ रुपये सहित कुल 15,427.15 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण माफ किया है। इसके अतिरिक्त राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन) के तहत 32,734 लघु एवं सीमांत किसानों का 365.10 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।

इन बैंक द्वारा लिए गए ऋण का क्या हुआ

राजस्थान सरकार द्वारा अभी सिर्फ सहकारी बैंक से लिए गए ऋण ही माफ किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा एक मुश्त ऋण माफी योजना के तहत ऋण माफी का प्रस्ताव वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कॉर्पोरेट कार्यालयों को भिजवाया गया तथा स्मरण पत्र प्रेषित किये गये हैं, लेकिन किसी भी बैंक प्रबन्धन ने सरकार के प्रस्ताव पर अब तक सहमति नहीं दी है। 

32 किसानों की जमीनें हुई नीलाम

आयोजना मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण केवल 32 किसानों की जमीनें नीलाम हुई हैं। जिसमें 31 प्रकरण राजस्व विभाग तथा एक प्रकरण सहकारिता विभाग से संबंधित है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। श्रीमती भूपेश ने बताया कि किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 विधानसभा में पारित कराया, जो राज्यपाल के 27 जनवरी 2022 को हस्ताक्षर के बाद वर्तमान में राष्ट्रपति के स्तर पर विचारार्थ एवं अनुमति हेतु रक्षित किया गया है। 

उन्होंने ने बताया कि भविष्य में उपखण्ड अधिकारियों के आदेशों से किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

किसानों की ज़मीन नीलाम होने पर रोक लगाने के लिए लाया जाएगा एक्ट

आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि बैंकों का ऋण नहीं चुका पाने के कारण किसानों की जमीन को कुर्की करने को लेकर राज्य सरकार बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के राज्य कृषि बजट में किसानों की जमीन की नीलामी पर रोक लगाने के लिए राजस्थान फार्मर्स डेबिट रिलीफ एक्ट लाने की घोषणा की है। जिसमें उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को डेट रिलीफ कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना प्रस्तावित है। 

Jharkhand Budget 2023-24: एक लाख किसानों के खेतों पर बनाए जाएँगे सिंचाई के लिए कूप 

सिंचाई के लिए किया जाएगा 1 लाख कूप का निर्माण

किसानों की आमदनी एवं फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए खेतों में सिंचाई के सुनिश्चित साधन होना आवश्यक है ताकि किसान एक वर्ष में एक से अधिक फसल ले सकें और फसलों की समय पर सिंचाई कर सकें। सिंचाई के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों तक सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में इस वर्ष झारखंड सरकार ने किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने के लिए कई घोषणाएँ की है। 

झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में जहां कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए 4,627 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, वहीं सिंचाई सुविधाओं और सिंचाई क्षमता के विस्तार के लिए जल संसाधन विकास हेतु 1,964 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने किसानों को सिंचाई कूप उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास के बजट में प्रावधान किया है, इसके लिए सरकार नई योजना शुरू करने जा रही है।

किसानों के खेतों पर बनाए जाएँगे सिंचाई कूप

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री श्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि किसानों को सिंचाई कूप उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा तथा राज्य योजना के तहत “बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन” नामक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 1 लाख किसानों की व्यक्तिगत भूमि पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए राज्य योजना से प्रत्येक लाभार्थी को 50 हजार रुपए सामग्री मद में तथा शेष राशि मनरेगा योजना से दी जाएगी। 

इसके अलावा सरकार ने अपने बजट में किसानों को सिंचाई के लिए 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाब से गाद हटाने के लिए और डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। वही सौर ऊर्जा औऱ दूसरे सतत उर्जा के माध्यम से माइक्रोलिफ़्ट इरिगेशन सिंचाई को कारगर बनाने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी।

सिंचाई के लिए प्रस्तावित लिफ़्ट सिंचाई परियोजनाएँ

वित्त मंत्री ने बताया कि सोन-कनहर मेगा लिफ़्ट सिंचाई परियोजना में भू-अर्जन प्रक्रिया की जटिलता से बचते हुए इसके तीव्र कार्यान्वयन के मद्देनज़र दुमका में मसलिया – रानेश्वर एवं देवघर – जामताड़ा  ज़िला में सिकटिया मेगा लिफ़्ट सिंचाई योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही है। इसी आधार पर इस वित्त वर्ष में पटमदा तथा मेगा लिफ़्ट सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की जाएँगी। 

खुशखबरी: किसानों को अब आधी कीमत पर मिलेगा डीएपी खाद, सरकार ने दी मंजूरी

सरकार ने नैनो डीएपी खाद को दी मंजूरी

बीते कई दिनों से देश में कई जगहों पर किसानों को DAP खाद मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। देश में इफको नैनो ल‍िक्व‍िड डीएपी (Nano DAP) को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अपने शानदार परिणामों के कारण इसे फर्ट‍िलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO) के तहत नोट‍िफाई कर द‍िया गया है। जिससे किसानों को अब डीएपी खाद आसानी से उपलब्ध हो सकेगा, वो भी कम कीमत पर। 

नैनो डाई अमोनियम फास्फेट (द्रव) Nano DAP को मंजूरी मिलने से किसानों को फसल उत्पादन में आने वाली लागत में कमी आएगी, क्योंकि यह आधी से भी कम कीमत पर किसानों को मिलेगा। साथ ही इसे लाना, ले जाना बहुत आसान हो जाएगा, क्योंक‍ि 50 क‍िलो सामान्य डीएपी की बोरी अब अब 500 एमएल की बोतल में समा जाएगी। नैनो डीएपी की एक बोतल 50 किलो के बोरे के समान है, जो अभी किसानों को 1,350 रुपये प्रति बैग के हिसाब से मिलता है।

बाजार में नैनो डीएपी की क़ीमत क्या रहेगी?

नैनो डाई अमोनियम फास्फेट तरल (Nano DAP) की आधा लीटर की एक बोतल की कीमत 600 से 700 रुपए के आसपास रहेगी, जो मौजूदा डीएपी 50 किलो बैग की तुलना में लगभग आधा है। जिससे भारतीय किसानों के लिए यह एक गेम चेंजर साबित होगा। इफको के एमडी यूएस अवस्थी का कहना है क‍ि डीएपी खाद अब बोरी की बजाय 500 एमएल की बोतल में आने के बाद ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम होगा। जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। 

फसलों पर किया जा चुका है ट्रायल

नैनो यूरिया की सफलता के बाद ही नैनो डीएपी बनाया गया है। नैनो डीएपी भी पर्यावरण के अनुकूल है और ढुलाई और रखरखाव में आसान है। बताया गया है क‍ि इसका चना, मटर, मसूर, गेहूं और सरसों जैसी कई फसलों पर फील्ड ट्रायल क‍िया गया है। इस ट्रॉयल में भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद ICAR को शाम‍िल क‍िया गया था। ट्रायल में उत्साहजनक परिणाम मिलने के बाद ही किसानों के उपयोग के लिए इसे मंजूरी मिली है। 

मौसम चेतावनी: 4 से 8 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश

4 से 8 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश के उत्तर भारतीय राज्यों के कई जिलों में अभी रबी फसलों की कटाई का काम शुरू हो गया है, ऐसे में इस समय बारिश से किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। इस बीच देश में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है जिससे कई स्थानों पर आगामी दिनों में बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने आगामी दिनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश होने संभावना जताई है।

मौसम विभाग की माने तो 04 से 08 मार्च के दौरान दक्षिण पूर्वी राजस्थान, उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ, मध्य प्रदेश एवं गुजरात के कई ज़िलों में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। वहीं 6-8 मार्च के दौरान उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में भी वर्षा हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 4 से 8 मार्च के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, जैसलमेर, जोधपुर एवं नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 4 से 8 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के नागपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 5 से 8 मार्च के दौरान विदर्भ क्षेत्र के नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाना एवं वाशिम ज़िलों में गरज चमक से साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। 

झारखंड सरकार ने पेश किया बजट, किसानों के लिए शुरू की जाएँगी यह योजनाएँ

कृषि बजट झारखंड 2023-24

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट आज 3 मार्च 2023 के दिन पेश कर दिया है। झारखंड सरकार की और से यह बजट वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पेश किया है। झारखंड सरकार ने इस वर्ष 1,16,418 करोड़ का बजट पेश किया है जो पिछले वर्ष से 15 प्रतिशत अधिक है, बजट पेश करते हुए यह जानकारी वित्त मंत्री की ओर से दी गई। वहीं सरकार ने अपने बजट में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 11.84 प्रतिशत कि वृद्धि की है।

झारखंड सरकार ने इस वर्ष कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए बजट 4,627 करोड़ रुपए का रखा है। सरकार ने अपने बजट में राज्य के किसानों को ऋण मुक्त करने एवं सूखे से राहत दिलाने के लिए प्रावधान किए हैं, वहीं राज्य में पशुपालकों को दिए जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की है। इसके अलावा सरकार ने अपने बजट में कुछ नई घोषणाएँ भी की है। आइए जानते हैं सरकार ने बजट में किसानों के कौन सी मुख्य घोषणाएँ की हैं।

ऋण माफी से वंचित किसानों को दिया जाएगा योजना का लाभ

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक संस्कृति आज भी खेती है। सरकार किसानों को ऋण से मुक्त करना चाहती है। सूखा से हुए फसल के नुकसान पर किसानों को राहत पहुंचा सकें। वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों की ऋण माफी के लिए 4.5 लाख से अधिक के किसानों के बीच 1 हजार 7 सौ 27 करोड़ रुपए की ऋृण माफी की गयी। सुखाड़ राहत के लिए प्रत्येक किसान परिवार में 3,500 रुपए लगभग 13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़ रुपए की राशि दी गयी है। इस लाभ से वंचित किसानों को वित्त वर्ष 2023-24 में भी लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।

सौर ऊर्जा से सिंचाई के लिए शुरू की जाएगी कृषि समृद्धि योजना

सरकार ने अपने बजट में किसानों को सिंचाई के लिए 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाब से गाद हटाने के लिए और डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। वही सौर ऊर्जा औऱ दूसरे सतत उर्जा के माध्यम से माइक्रोलिफ़्ट इरिगेशन सिंचाई को कारगर बनाने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी। किसानों द्वारा किए गये उत्पाद के प्रचार के लिए सरकार काम करेगी।

फसल सुरक्षा एवं मोटे अनाज उत्पादन के लिए शुरू की जाएगी नई योजना

सरकार ने कृषि के क्षेत्र में पेस्टीसाइड तथा फ़र्टीलाइज़र का उपयोग कम करने तथा नवीनतम तकनीक के साथ जैविक खेती की दिशा में अग्रसर होने के उद्देश्य से “फसल सुरक्षा कार्यक्रम” के नाम से एक नई योजना शुरू करेगी। इसके अलावा श्री अन्न (ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, कंगनी, कोदो, चीना एवं संवा) के अधिकाधिक उत्पादन के लिए राज्य सरकार झारखंड राज्य मिलेट मिशन की शुरुआत करेगी। इसके लिए बजट में सरकार ने 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। 

पशु पालकों को दिए जाने वाले बोनस में की गई वृद्धि

सरकार ने पशु धन विकास योजना के तहत लाभार्थी को पशुधन उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सरकार ने गिरिडी और जमशेदपुर में डेयरी प्लांट, रांची में मिल्क पाउडर प्लांट मिल्क प्रोडक्ट प्लांट खोलने के  लिए 180 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। दुग्ध उत्पादकों के लिए 1 रुपए प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दे रही थी जिसे बढ़ाकर 2 रुपए प्रति लीटर किया गया था. वित्त वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर  3 रुपए प्रति लीटर करने का ऐलान इस बजट में किया गया है।

146 नए गोदाम बनाए जाएँगे

लैम्पस और पैक्स के भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर भी राज्य सरकार ने बजट में प्रावधान किया है। राज्य सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में 100MT क्षमता के कुल 566 और 500MT के 146 नये गोदाम बनाने का लक्ष्य रखा है।

4 मार्च से होगा मिठास गोष्ठी का आयोजन, किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों के बीज लेने के लिए करना होगा ऑनलाइन बुकिंग

गन्ना की उन्नत विकसित किस्मों के लिए ऑनलाइन बुकिंग

देश में विभिन्न फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को नई विकसित किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा किसानों को गन्ने की विकसित क़िस्में उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए विभाग के ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू की है ताकि किसानों को पारदर्शी तरीके से मिनी गन्ना सीड किट मिल सके। 

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर पर प्रत्येक वर्ष मिठास गोष्ठी का आयोजन किया जाता है, जिसमें अनुमान से काफी अधिक संख्या में किसानों के आने व मिनी गन्ना सीड किट की माँग के चलते विभाग द्वारा इस वर्ष से ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था बनाई गई है। इस व्यवस्था के तहत सभी किसानों को उनकी माँग के अनुसार विभाग द्वारा गन्ना सीड किट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। 

मिठास गोष्ठी में ऑनलाइन बुकिंग वाले किसानों को ही मिलेंगे गन्ना बीज

श्री संजय भूसरेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 04 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले मिठास गोष्ठी में नवीन गन्ना किस्म को.शा. 17231 एवं को.शा. 16233 का मिनी गन्ना सीड किट का वितरण ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ही किया जाएगा। अतः किसानों को मिठास गोष्ठी में मिनी गन्ना सीड किट प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना ज़रूरी है। ऑनलाइन बुकिंग वाले किसानों को ही मिठास गोष्ठी में नवीन किस्मों का मिनी गन्ना सीड किट दिए जाएँगे। 

गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के निदेशक डॉ. सुधीर शुक्ल ने भी किसानों से अपील की है कि 04 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले किसान गोष्ठी में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता कर गन्ना उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीकी से सम्बंधित शोध प्रदर्शनी का लाभ उठाएँ।

किसान कहाँ से ले सकते हैं गन्ना की उन्नत विकसित क़िस्में

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, श्री संजय भूसरेड्डी ने प्रदेश के गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा गन्ना किसानों को नवीन किस्मों के मिनी गन्ना सीड किट की एवं निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से किसान अब घर बैठे गन्ना विकास विभाग की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर बीज बुक करके उसका भुगतान भी ऑनलाइन कर सकते हैं।

अपर मुख्य सचिव भूसरेड्डी ने बताया कि बीजों की ऑनलाइन बुकिंग होने से किसानों को मिनी गन्ना सीड किट के लिए शाहजहांपुर तक की भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। किसानों को उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर अथवा अन्य केंद्र जो सम्बंधित कृषक के निकट होगा वहाँ से किसान अपनी इच्छा के अनुसार किस्म का बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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यहाँ मिलते हैं अनुदानित दरों पर जमुनापारी नस्ल के बकरे, अब यहाँ पशु पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

पशु प्रजनन फार्म कुम्हेर में खोला जाएगा प्रशिक्षण केंद्र

कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र में पशु पालन का अत्याधिक महत्व है, ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोजगार के साथ ही आय का भी एक अच्छा जरिया है। ऐसे में पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में पशु प्रजनन फार्म कुम्हेर में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है। जिसे जल्द पूरा करने के लिए पशु पालन विभाग ने तैयारियाँ शुरू कर दी है। 

राजस्थान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेंद्र सिंह चाहर ने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्र शुरू होने से प्रदेश में उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य हो सकेंगे, साथ ही पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पालतू पशुओं की उच्च नस्ल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार के साधन भी विकसित हो रहे है।

केंद्र पर पशु पालकों के लिए उपलब्ध हैं सभी सुविधाएँ

यह फार्म 1959 तक भरतपुर राजपरिवार के द्वारा संचालित किया जाता था। तब यह फार्म श्रीकृष्ण गौशाला के नाम से जाता था। 1959 में यह फार्म पशुपालन विभाग के अधीन किया गया और हरियाणा नस्ल की उन्नत गौवंश के संवर्धन की योजना का आरम्भ हुआ। उसके बाद यह फार्म बकरी पालन का केंद्र बना। आज भी यह फार्म उन्नतशील पशुपालकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस फार्म पर पशुपालकों के लिए तमाम आवश्यक सुविधाओं के साथ पशु चिकित्सा केंद्र भी है।  

पशु प्रजनन फार्म में किया जाता है जमुनापारी बकरी का अनुदान पर वितरण

भरतपुर जिला स्थित पशु प्रजनन फार्म, कुम्हेर बकरी नस्ल संवर्धन का राज्य में अग्रणी एवं एकमात्र केंद्र है। यहाँ मुख्यतया जमुनापारी नस्ल की बकरी/बकरों का उत्पादन कर पशुपालकों को बकरी नस्ल संवर्धन के लिए अनुदानित दरों पर वितरण किया जाता है। फार्म के जरिये विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों से राज्य में बकरी पालन में उन्नत नस्ल सुधार के साथ स्थानीय पशुपालकों के लिए रोजगार एवं आय के साधन भी विकसित हुए है ।

क्या है जमुनापारी नस्ल की बकरियों की विशेषता 

जमुनापारी नस्ल की बकरी मांस और दूध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम मानी जाती है। मुख्यतया भारतीय नस्ल की इस बकरी का नाम यमुना नदी के नाम पर जमुनापारी पड़ा। शीघ्र ही वजन बढ़ाने में सक्षम इस नस्ल की बकरी पशुपालकों के लिए आय का एक मुख्य स्रोत साबित होती है। साथ ही बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ तापमान के अनुरूप जीवन क्षमता रखने वाली यह नस्ल पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण पशुधन है ।

मध्य प्रदेश बजट 2023-24: कृषि, बागवानी एवं पशुपालन के लिए सरकार ने किए यह प्रावधान

कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए बजट 2023-24 मध्य प्रदेश

1 मार्च 2023 के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य का बजट पेश कर दिया है। यह बजट मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा के द्वारा पेश किया गया। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने बजट 2023-2024 में 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का रखा है। जबकि पिछले साल 2022-23 में बजट 2 लाख 79 हजार 697 करोड़ रुपए का था। 

मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में किसानों के लिए अपना ख़ज़ाना खोल दिया है, सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए कृषि बजट 53,964 करोड़ रुपए का रखा है।  इस वर्ष पहले से चली आ रही योजनाओं को तो आगे जारी रखा ही है साथ ही कई नई योजनाओं की घोषणा भी इस बजट में की है। बजट 2023-2024  कृषि, पशुपालन बागवानी एवं सहकारिता क्षेत्र की योजनाओं के लिए इस प्रकार है:-

बजट में कृषि क्षेत्र की इन मुख्य योजनाओं के लिए किए गए प्रावधान

  • सरकार ने इस वर्ष बजट में अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 5,510 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत कृषि पम्प के बिजली कनेक्शन पर सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है, ताकि किसानों को सस्ती बिजली मिल सके।
  • किसान कल्याण योजना हेतु 3200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत राज्य के प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी कृषकों को राज्य सरकार द्वारा 4,000 रुपए की राशि दो किस्तों में दी जाती है।
  • प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना हेतु सरकार ने इस वर्ष के लिए 2001 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है।
  • सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
  • ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 270 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
  • सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) हेतु 152 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • किसानों को ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही योजना SMAM हेतु 129 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मोटे अनाज कोदो, कुटकी, रागी, साँवा, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन शुरू किया जाएगा।
  • सहकारी बैंक के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

पशुपालन की प्रमुख योजना के लिए बजट में किए गए प्रावधान

  • विशेष पिछड़ी जनजातियों, विशेषकर बैगा, सहरिया एवं भरिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के अंतर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएँगे। हितग्राही को मात्र 10 प्रतिशत अंश ही देना होगा। 
  • सरकार गहन पशु विकास परियोजना हेतु 845 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मुख्यमंत्री पशु पालन विकास योजना हेतु 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उद्यानिकी विभाग प्रमुख योजना के लिए बजट में किए गए प्रावधान

किसानों की आय में वृद्धि करने में उद्यानिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु 3 हजार 769 सूक्ष्म खाद्य स्थापित किया जाना है। जिसके विरुद्ध 1 हजार 150 इकाइयों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा 350 इकाइयाँ स्थापित की जा चुकी है। फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने तथा विपणन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में वेंटिलेटेड फ़्लॉवर डोम स्थापना की जाएगी।

  • संचालनालय एवं अधीनस्थ कार्यालय हेतु 132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • पौधशाला उद्यान हेतु 113 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

कर्ज माफी की इंतजार कर रहे किसानों को मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में दिया तोहफ़ा

कृषि ऋण के लिए सरकार ने बजट में किए यह प्रावधान

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। सरकार की तरफ़ से यह बजट वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 1 मार्च के दिन पेश किया है। सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का रखा गया है। इसमें कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए सरकार ने 53 हजार 964 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से 804 करोड़ रुपए अधिक है।

चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार ने इस वर्ष बजट में अपना ख़ज़ाना खोल दिया है। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। वहीं किसान क़र्ज़ माफी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए भी सरकार ने अपने बजट में बड़ा ऐलान किया है। 

किसानों को ब्याज भरेगी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के ऐसे किसान जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं एवं खाद बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं, उन किसानों की बकाया राशि पर लगे ब्याज की राशि सरकार ने भरने की घोषणा अपने बजट में की है। इसके साथ ही सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर किसानों के ऋण पर ब्याज की राशि भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी। बजट में ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस उद्देश्य से वर्ष 2022-23 एवं 2022-24 में कुल 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

इन किसानों को मिलेगा लाभ

वर्ष 2018-19 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने राज्य में किसानों के 2 लाख रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा कि थी, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाना था परंतु इस बीच कांग्रेस सरकार गिर गई और किसानों की कर्ज माफी का कार्य अधूरा रह गया था। इस दौरान राज्य के कई किसान कृषि ऋण माफी का इंतजार करते रहे है और ब्याज बढ़ने से डिफाल्टर हो गए। अब सरकार ऐसे किसानों का ब्याज जमा करेगी, जिससे डिफाल्टर किसान एक बार फिर से सहकारी बैंक से बिना किसी ब्याज के ऋण ले सकेंगे।

बिहार सरकार ने पेश किया बजट, जानिए किसानों के लिए क्या खास है इस बजट में

कृषि बजट बिहार 2023-24

केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किए जा रहे हैं, इस कड़ी में मंगलवार, 28 फरवरी के दिन बिहार के वित्त मंत्री श्री विजय चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट के आकार में पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, इस वर्ष सरकार ने 2 लाख 61 हजार 885 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। राज्य सरकार का फ़ोकस बजट में युवाओं को नौकरी और रोजगार, सात निश्चय एवं चतुर्थ कृषि रोड मैप पर रहा।

बिहार सरकार ने अपने बजट में चौथे कृषि रोड मैप को शुरू करने की घोषणा की है, इसके साथ ही मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन, दालों एवं तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए दलहन एवं तिलहन मिशन को शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा हर खेत पानी पहुँचाने के लिए कई सिंचाई परियोजनायें शुरू की जाएँगी। बिहार सरकार ने अपने बजट में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए निम्न प्रावधान किए हैं:-

लागू किया जाएगा कृषि रोडमैप

बिहार सरकार कृषि क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए वर्ष 2008 से ही हर पाँच साल में कृषि रोड मैप लागू करती आ रही है। जिसके अनुसार 31 मार्च 2023 को तृतीय कृषि रोड मैप समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सरकार इसी वर्ष से चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू करेगी।

  • चतुर्थ कृषि रोड मैप में दलहन, तिलहन तथा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएँगे।
  • पौधों को कीट रोगों से बचाने के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़वा दिया जाएगा।
  • जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत फसल पद्धति में बदलाव के साथ-साथ फसल अवशेष प्रबंधन एवं पुआल का उपयोग पशु चारा के लिए करने के सम्बंध में कार्य किए जाएँगे। 
  • गैर कृषि योग्य बंजर भूमि में निम्बू घास (Lemon Grass) की खेती के लिए किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
  • गंगा नदी किनारे अवस्थित ज़िलों में आर्गेनिक कारिडोर का विस्तार किया जाएगा।

कृषि उपज को बाजार से जोड़ा जाएगा

बिहार सरकार ने अपने बजट में कृषि विपणन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बाजार प्रांगणों को आधुनिक बनाकर इसके तहत नए आधारभूत संरचनाओं का विकास करने की घोषणा की है। साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए विशिष्ट उत्पादों को बाज़ार से जोड़ा जाएगा ताकि किसानों को लागत के अनुरूप समुचित कीमत प्राप्त हो सके। 

बिहार मिलेट मिशन की शुरुआत की जाएगी

संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, जिसको देखते हुए मिलेट फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बिहार मिलेट मिशन की शुरुआत करेगी। जिसमें मडुआ, कोदो, साँवा, कौनी आदि के उत्पादन पर ज़ोर दिया जाएगा। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि मक्का उत्पादन में बिहार राज्य को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है।

दलहन तेलहन मिशन शुरू किया जाएगा 

बिहार सरकार चतुर्थ रोड मैप में दलहन एवं तेलहन फसलों के विकास पर ज़ोर देगी। इसके लिए राज्य में दलहन एवं तेलहन विकास मिशन की स्थापना की जाएगी। इसके तहत क्षेत्रवार उपयुक्त फसलों की की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।  

हर खेत तक पहुँचाया जाएगा पानी

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा की समुन्नत कृषि की कल्पना बिना उपयुक्त सिंचाई व्यवस्था के नहीं की जा सकती है। सिंचाई के क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया जाएगा एवं सरकार हर खेत तक पानी पहुँचने के लिए संकल्पित है। इसके लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुंडघाट जलाशय योजना के निर्माण के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रावधान, नदी जोड़ योजना के तट कोसी मोची लिंक योजना, उत्तर कोयल नहर परियोजना के लिए 67.91 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वही जल संसाधन विभाग के लिए इस वर्ष 200 करोड़ रुपए का प्रावधान एवं लघु जल संसाधन विभाग के लिए 340 करोड़ रुपए का प्रावधान अपने बजट में किया है।

पशुपालन एवं मछली पालन के लिए बजट में क्या है?

राज्य के पशु पालकों एवं मछली पालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में 525.38 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 

पशु पालकों को डोर स्टेप सुविधाएँ दी जाएगी 

पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की व्यवस्था की जाएगी, पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशक जैसी दवाओं को डोर स्टेप डिलीवरी करने की ठोस व्यवस्था की जानी है। कॉल सेंटर में फोन कर अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से इन सुविधाओं को प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं।