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मंगलवार, अप्रैल 23, 2024
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जानिए राज्य में अभी तक कितने किसानों को मिला कर्ज माफी योजना का लाभ, सरकार ने विधानसभा में दी पूरी जानकारी

कृषक ऋण माफी योजना का लाभ

देश में किसानों की कर्ज माफी हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, वर्ष 2019 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रति किसान परिवार औसतन 74,121 रुपए का कर्ज है। ऐसे में कई बार कर्ज ना चुकाने के कारण किसान आत्महत्या कर लेते हैं, या उनकी जमीन नीलाम कर दी जाती है। इसके अलावा ऋण एनपीए हो जाने पर किसानों को नया ऋण भी नहीं मिलता जिससे किसान कृषि में नया निवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसानों को ऋण मुक्त कराने के लिए राजस्थान सरकार ने वर्ष 2018 एवं 2019 में कृषक ऋण माफी योजना शुरू की थी।

1 मार्च 2023 के दिन श्री चन्द्रभान सिंह आक्या द्वारा विधानसभा में किसानों की कर्ज माफी को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने अपने सवाल में पूछा कि अभी तक राज्य में कितने किसानों के कर्ज माफ किए गए है? विगत तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण कई किसानों की जमीने सरकारी आदेशों से नीलाम हुई हैं इसकी जानकारी माँगी। जिसका जबाब आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने विधान सभा में दिया।

सरकार ने वर्ष 2018 में दिया था कृषक ऋण माफी आदेश

विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने कहा कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषक ऋण माफी आदेश 19 दिसम्बर 2018 को जारी किया गया था। उक्त आदेश की क्रियान्विति के लिए केबिनेट के 29 दिसम्बर 2018 के निर्णय की पालना में मंत्रीगण की एक समिति का गठन किया गया।

इस समिति ने समस्त पहलुओं पर विचार-विमर्श कर यह अनुशंषा की कि राष्ट्रीकृत बैंक, शिडयूल्ड बैंक तथा आर.आर.बी. से जुडे वे कृषक जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं और अपना अल्पकालीन फसली ऋण नहीं चुका पा रहे, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये की सीमा तक का अल्पकालीन फसली ऋण, जो एन.पी.ए. हो गया है, को माफ करने के लिये बैंकों से परामर्श कर वन टाइम सैटलमेंट स्कीम लाई जाए। समिति की अनुशंषा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु सहकारिता तथा आयोजना विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।

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22 लाख से अधिक किसानों का किया गया ऋण माफ

अपने जबाब में आयोजना मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 31 दिसम्बर 2022 तक राज्य के सहकारी बैंकों की राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2018 (अल्पकालीन) के तहत 7571.83 करोड़ रुपये एवं राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (अल्पकालीन) के तहत 20.77 लाख किसानों का 7,855.32 करोड़ रुपये सहित कुल 15,427.15 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण माफ किया है। इसके अतिरिक्त राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन) के तहत 32,734 लघु एवं सीमांत किसानों का 365.10 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।

इन बैंक द्वारा लिए गए ऋण का क्या हुआ

राजस्थान सरकार द्वारा अभी सिर्फ सहकारी बैंक से लिए गए ऋण ही माफ किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा एक मुश्त ऋण माफी योजना के तहत ऋण माफी का प्रस्ताव वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कॉर्पोरेट कार्यालयों को भिजवाया गया तथा स्मरण पत्र प्रेषित किये गये हैं, लेकिन किसी भी बैंक प्रबन्धन ने सरकार के प्रस्ताव पर अब तक सहमति नहीं दी है। 

32 किसानों की जमीनें हुई नीलाम

आयोजना मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण केवल 32 किसानों की जमीनें नीलाम हुई हैं। जिसमें 31 प्रकरण राजस्व विभाग तथा एक प्रकरण सहकारिता विभाग से संबंधित है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। श्रीमती भूपेश ने बताया कि किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 विधानसभा में पारित कराया, जो राज्यपाल के 27 जनवरी 2022 को हस्ताक्षर के बाद वर्तमान में राष्ट्रपति के स्तर पर विचारार्थ एवं अनुमति हेतु रक्षित किया गया है। 

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उन्होंने ने बताया कि भविष्य में उपखण्ड अधिकारियों के आदेशों से किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

किसानों की ज़मीन नीलाम होने पर रोक लगाने के लिए लाया जाएगा एक्ट

आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि बैंकों का ऋण नहीं चुका पाने के कारण किसानों की जमीन को कुर्की करने को लेकर राज्य सरकार बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के राज्य कृषि बजट में किसानों की जमीन की नीलामी पर रोक लगाने के लिए राजस्थान फार्मर्स डेबिट रिलीफ एक्ट लाने की घोषणा की है। जिसमें उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को डेट रिलीफ कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना प्रस्तावित है। 

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